Self Studies

Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास
    ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।

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    किसके अनुसार नए के आने पर पुराने को जाने का अधिकार होता है ?

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास
    ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।

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    लेखक के अनुसार जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य क्या हैं?

  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास
    ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।

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    'जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना' यह पंक्ति किसने कही थी?

  • Question 4
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास
    ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।

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    गद्यांश में महाकाल देवता द्वारा सपासप क्या चलाने की बात कही गई है?

  • Question 5
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास
    ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।

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    शिरीष के फूल को देखकर लेखक क्या सोचता है ?

  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।

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    प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र ____ काल है।

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।

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    निम्‍न में से कौन सामाजिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख है?

  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।

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    छायावादी काल में कैसे नाटकों की प्रधानता रही?

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।

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    महात्‍मा ईसा नाटक किसने लिखा?

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।

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    निम्न में से कौन ऐतिहासिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख हैं?

  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।

    बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे।  यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे।  ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?

    चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है।  इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है।  हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। 

    निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव के सन्दर्भ में किस वर्ष में चुनाव एक साथ नही हुऐ थे?

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।

    बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे।  यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे।  ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?

    चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है।  इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है।  हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। 

    निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार हाल की में कौन-सी लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए है?

  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।

    बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे।  यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे।  ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?

    चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है।  इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है।  हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। 

    निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार किस वर्ष में पहली बार लोकसभा चुनाव समय से पहले हो गए थे?

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।

    बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे।  यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे।  ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?

    चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है।  इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है।  हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। 

    निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।

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    उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है-

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।

    बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे।  यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे।  ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?

    चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है।  इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है।  हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। 

    निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार 'एक देश-एक चुनाव' की सर्वसम्मति के लिए कितने बहुमत की आवश्यकता होती है?

  • Question 16
    5 / -1

    “चाँदी का जूता” मुहावरे का अर्थ है

  • Question 17
    5 / -1

    'पानी न बरसता तो धान सूख जाता' यह वाक्य हैः

  • Question 18
    5 / -1

    तैरती चलती है इसलिए नाव को ______ कहते है। रिक्त स्थान में निम्नलिखित में से कौन सा शब्द आएगा?

  • Question 19
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो I

    अकेला चना भाड नहीं फोड़ता -

  • Question 20
    5 / -1

    'लंगोटी में फाग खैलना' का अर्थ हैः

  • Question 21
    5 / -1

    'मैने ______ में सोचा कि भला ऐसा क्यों होता है। - उचित रिक्त स्थान भरिए।

  • Question 22
    5 / -1

    'तालाब में पंकज खिलते हैं' I रेखांकित शब्द का समास होगा :

  • Question 23
    5 / -1

    दुर्नीति का सही संधि विच्छेद है :

  • Question 24
    5 / -1

    'छात्र' शब्द का सही अर्थ _______ है।

  • Question 25
    5 / -1

    निम्‍न में से कौन सा शब्द 'नौका' का पर्यायवाची नहीं है?

  • Question 26
    5 / -1

    'अंडे का शहजादा' का अर्थ है- 

  • Question 27
    5 / -1

    "गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज गले पड़ी का" अर्थ है-

  • Question 28
    5 / -1

    'अन्वीक्षण' का संधि-विच्छेद कौन-सा है?

  • Question 29
    5 / -1

    'विद्याप्रवीण' किस समास का उदाहरण है?

  • Question 30
    5 / -1

    "मैं आपसे सहमत नहीं हूँ":

  • Question 31
    5 / -1

    विधान सभा का चुनाव एक निश्चित _________ के लिए होता है। रिक्त स्थान के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द कौन सा है?

  • Question 32
    5 / -1

    निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए समस्तपद के सही अव्ययीभाव समास का विकल्प है।

    यथासाध्य

  • Question 33
    5 / -1

    'गाल बजाना' मुहावरे का अर्थ है:

  • Question 34
    5 / -1

    'वियोग' निम्नलिखित में से किस शब्द का विलोम हैः

  • Question 35
    5 / -1

    'कपटी मित्र' किस मुहावरे का अर्थ है?

  • Question 36
    5 / -1

    'षटरस' शब्द में कौन सा समास है ? 

  • Question 37
    5 / -1

    निम्नलिखित में से 'गंगा' का पर्यायवाची कौन-सा शब्द नहीं है -

  • Question 38
    5 / -1

    निम्न लिखित 6 वाक्यांशों में से प्रथम व अंतिम निश्चित हैं, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए।

    1. अतिथि

    (य)- निश्चित राशि लेकर

    (र)- से भोजन तथा रहने की

    (ल)- उसे पेइंग गेस्ट बनाने का

    (व)- सुविधा के बदले

    6. रिवाज सर्वप्रथम फ्रांस में शुरू हुआ था

  • Question 39
    5 / -1

    शब्द 'स्वागत' में कौन-सी संधि है?

  • Question 40
    5 / -1

    'रक्षक' का विलोम शब्द हैः

  • Question 41
    5 / -1

    'शाप' शब्द का विलोम क्या है?

  • Question 42
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो।

    जाके पाँव व फटी बिबाई, सो क्‍या जाने पीर पराई-

  • Question 43
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही वाक्य भेद का विकल्प हो।

    उसने बहुत मेहनत की थी इसलिए वह कक्षा में प्रथम आया।

  • Question 44
    5 / -1

    'पक्षी' का पर्यायवाची नहीं हैः

  • Question 45
    5 / -1

    निम्नलिखित 6 वाक्यांशों में से प्रथम व अंतिम निश्चित हैं, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए |

    (1) यूनानियों के लिए

    (य) विज्ञान और दर्शन में

    (र) क्योंकि सभी दर्शनिक

    (ल) भौतिक संसार के स्वरुप को

    (व) कोई अंतर नहीं था

    (6) बदलने का प्रयत्न करते थे

  • Question 46
    5 / -1

    "मतैक्य" में प्रयुक्त संधि का नाम बताइए?

  • Question 47
    5 / -1

    'अवनि' शब्द का क्या विलोम है?

  • Question 48
    5 / -1

    'केतु' का पर्यायवाची शब्द है:

  • Question 49
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. अथक प्रयास और

    a. कठिन परिश्रम जिससे हम

    b. आज जो व्यक्ति हैं

    c. दरअसल वही हम

    d. बचने की कोशिश करते हैं

    2. उसका प्रमुख निर्माण खंड है।

  • Question 50
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. हर मिनट का

    a. आपकी पुरानी आदतें भी

    b. दूर

    c. उपयोग न करने की

    d. आपको सफलता से

    2. ले जा सकती है।

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