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  • Question 1
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    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी।यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

    इससे पहले, इसी तरह के उपायों को भारत की स्वतंत्रता के बाद लागू किया गया था। जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किये गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।

    वॉल्यूम के आधार पर रिपोर्ट अनुसार, 9,026.6 करोड़ नोटों में से 24 percent (अर्थात 2,203 करोड़) बैंक नोट सर्कुलेशन में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक घोषणा के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में 2011 और 2016 और बीच में 40 percent की वृद्धि हुई थी, 500 रूपयें और 1000 रूपये के नोटों में इस अवधि में क्रमश: 76 percent और 109 percent की वृद्धि हुई। इस जाली नकदी को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था। इसके परिणाम स्वरुप नोटों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था।

    अतीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी का जोरदार विरोध किया था। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने 2014 में कहा था कि 'आम औरत और आदमी, जो लोग अनपढ़ हैं और बैंकिंग सुविधाओं तक जिनकी पहुँच नहीं है ऐसे लोग इस तरह के उपायों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मुख्य रूप से कुछ समय के अंतराल में स्वयं जनता 2000 के नोट को चलन से बाहर कर देगी, क्योंकि जहाँ कम मूल्य की वस्तु खरीदनी हो तब दुकानदार आपसे 2000 के नोट नहीं लेगा। परिणाम स्वरूप 2000 के नोट की या तो जमाखोरी होगी अथवा काले धन का ही सृजन करेंगे। सरकार को इस विषय पर प्रारंभिक समय से सचेत रहने की आवश्यकता है।

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    16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने कौन-से नोटों का विमुद्रीकरण किया था?

  • Question 2
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    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी।यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

    इससे पहले, इसी तरह के उपायों को भारत की स्वतंत्रता के बाद लागू किया गया था। जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किये गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।

    वॉल्यूम के आधार पर रिपोर्ट अनुसार, 9,026.6 करोड़ नोटों में से 24 percent (अर्थात 2,203 करोड़) बैंक नोट सर्कुलेशन में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक घोषणा के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में 2011 और 2016 और बीच में 40 percent की वृद्धि हुई थी, 500 रूपयें और 1000 रूपये के नोटों में इस अवधि में क्रमश: 76 percent और 109 percent की वृद्धि हुई। इस जाली नकदी को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था। इसके परिणाम स्वरुप नोटों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था।

    अतीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी का जोरदार विरोध किया था। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने 2014 में कहा था कि 'आम औरत और आदमी, जो लोग अनपढ़ हैं और बैंकिंग सुविधाओं तक जिनकी पहुँच नहीं है ऐसे लोग इस तरह के उपायों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मुख्य रूप से कुछ समय के अंतराल में स्वयं जनता 2000 के नोट को चलन से बाहर कर देगी, क्योंकि जहाँ कम मूल्य की वस्तु खरीदनी हो तब दुकानदार आपसे 2000 के नोट नहीं लेगा। परिणाम स्वरूप 2000 के नोट की या तो जमाखोरी होगी अथवा काले धन का ही सृजन करेंगे। सरकार को इस विषय पर प्रारंभिक समय से सचेत रहने की आवश्यकता है।

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    दिए गए विकल्पों में से गद्यांश का उचित शीर्षक है-

  • Question 3
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    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी।यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

    इससे पहले, इसी तरह के उपायों को भारत की स्वतंत्रता के बाद लागू किया गया था। जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किये गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।

    वॉल्यूम के आधार पर रिपोर्ट अनुसार, 9,026.6 करोड़ नोटों में से 24 percent (अर्थात 2,203 करोड़) बैंक नोट सर्कुलेशन में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक घोषणा के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में 2011 और 2016 और बीच में 40 percent की वृद्धि हुई थी, 500 रूपयें और 1000 रूपये के नोटों में इस अवधि में क्रमश: 76 percent और 109 percent की वृद्धि हुई। इस जाली नकदी को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था। इसके परिणाम स्वरुप नोटों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था।

    अतीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी का जोरदार विरोध किया था। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने 2014 में कहा था कि 'आम औरत और आदमी, जो लोग अनपढ़ हैं और बैंकिंग सुविधाओं तक जिनकी पहुँच नहीं है ऐसे लोग इस तरह के उपायों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मुख्य रूप से कुछ समय के अंतराल में स्वयं जनता 2000 के नोट को चलन से बाहर कर देगी, क्योंकि जहाँ कम मूल्य की वस्तु खरीदनी हो तब दुकानदार आपसे 2000 के नोट नहीं लेगा। परिणाम स्वरूप 2000 के नोट की या तो जमाखोरी होगी अथवा काले धन का ही सृजन करेंगे। सरकार को इस विषय पर प्रारंभिक समय से सचेत रहने की आवश्यकता है।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण (नोटबंदी) का मुख्य उद्देश्य क्या था?

  • Question 4
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    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी।यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

    इससे पहले, इसी तरह के उपायों को भारत की स्वतंत्रता के बाद लागू किया गया था। जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किये गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।

    वॉल्यूम के आधार पर रिपोर्ट अनुसार, 9,026.6 करोड़ नोटों में से 24 percent (अर्थात 2,203 करोड़) बैंक नोट सर्कुलेशन में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक घोषणा के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में 2011 और 2016 और बीच में 40 percent की वृद्धि हुई थी, 500 रूपयें और 1000 रूपये के नोटों में इस अवधि में क्रमश: 76 percent और 109 percent की वृद्धि हुई। इस जाली नकदी को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था। इसके परिणाम स्वरुप नोटों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था।

    अतीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी का जोरदार विरोध किया था। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने 2014 में कहा था कि 'आम औरत और आदमी, जो लोग अनपढ़ हैं और बैंकिंग सुविधाओं तक जिनकी पहुँच नहीं है ऐसे लोग इस तरह के उपायों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मुख्य रूप से कुछ समय के अंतराल में स्वयं जनता 2000 के नोट को चलन से बाहर कर देगी, क्योंकि जहाँ कम मूल्य की वस्तु खरीदनी हो तब दुकानदार आपसे 2000 के नोट नहीं लेगा। परिणाम स्वरूप 2000 के नोट की या तो जमाखोरी होगी अथवा काले धन का ही सृजन करेंगे। सरकार को इस विषय पर प्रारंभिक समय से सचेत रहने की आवश्यकता है।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण (नोटबंदी) की घोषणा कब की गई थी?

  • Question 5
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    दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।

    भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण, जिसे मीडिया में छोटे रूप में नोटबंदी कहा गया, की घोषणा 8 नवम्बर 2016 को रात आठ बजे (आईएसटी) भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक राष्ट्र को किये गए संबोधन के द्वारा की गयी।यह संबोधन टीवी के द्वारा किया गया। इस घोषणा में 8 नवम्बर की आधी रात से देश में 500 और 1000 रुपये के नोटों को खत्म करने का ऐलान किया गया। इसका उद्देश्य केवल काले धन पर नियंत्रण ही नहीं बल्कि जाली नोटों से छुटकारा पाना भी था।

    इससे पहले, इसी तरह के उपायों को भारत की स्वतंत्रता के बाद लागू किया गया था। जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किये गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके।

    वॉल्यूम के आधार पर रिपोर्ट अनुसार, 9,026.6 करोड़ नोटों में से 24 percent (अर्थात 2,203 करोड़) बैंक नोट सर्कुलेशन में हैं। प्रधानमंत्री मोदी की आधिकारिक घोषणा के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सभी मूल्यवर्ग के नोटों की आपूर्ति में 2011 और 2016 और बीच में 40 percent की वृद्धि हुई थी, 500 रूपयें और 1000 रूपये के नोटों में इस अवधि में क्रमश: 76 percent और 109 percent की वृद्धि हुई। इस जाली नकदी को भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया था। इसके परिणाम स्वरुप नोटों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था।

    अतीत में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नोटबंदी का जोरदार विरोध किया था। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने 2014 में कहा था कि 'आम औरत और आदमी, जो लोग अनपढ़ हैं और बैंकिंग सुविधाओं तक जिनकी पहुँच नहीं है ऐसे लोग इस तरह के उपायों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। मुख्य रूप से कुछ समय के अंतराल में स्वयं जनता 2000 के नोट को चलन से बाहर कर देगी, क्योंकि जहाँ कम मूल्य की वस्तु खरीदनी हो तब दुकानदार आपसे 2000 के नोट नहीं लेगा। परिणाम स्वरूप 2000 के नोट की या तो जमाखोरी होगी अथवा काले धन का ही सृजन करेंगे। सरकार को इस विषय पर प्रारंभिक समय से सचेत रहने की आवश्यकता है।

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    उपरोक्त गद्यांश के अनुसार 8 नवम्बर 2016 भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण(नोटबंदी) की घोषणा नरेन्द्र मोदी जी द्वारा की गई, उस समय आर्थिक मामलों के सचिव कौन थे?

  • Question 6
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    सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म है। जो गर्मी लाता है, इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बाँधे रखता है। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। लेकिन हम इसके अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नही करते क्योंकि सबसे नजदीक तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे है: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून। सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है। ये रास्ते एक दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए है जो कक्षा कहलाते है। बुध, सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी के समान है।

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    सौर मंडल को बाँधे रखता है -

  • Question 7
    1 / -0.25

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    सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म है। जो गर्मी लाता है, इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बाँधे रखता है। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। लेकिन हम इसके अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नही करते क्योंकि सबसे नजदीक तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे है: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून। सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है। ये रास्ते एक दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए है जो कक्षा कहलाते है। बुध, सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी के समान है।

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    सूर्य से सबसे दूरस्थ ग्रह कौन सा है?

  • Question 8
    1 / -0.25

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    सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म है। जो गर्मी लाता है, इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बाँधे रखता है। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। लेकिन हम इसके अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नही करते क्योंकि सबसे नजदीक तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे है: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून। सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है। ये रास्ते एक दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए है जो कक्षा कहलाते है। बुध, सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी के समान है।

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    सूर्य की दूरी पृथ्वी से कितनी है?

  • Question 9
    1 / -0.25

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    सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म है। जो गर्मी लाता है, इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बाँधे रखता है। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। लेकिन हम इसके अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नही करते क्योंकि सबसे नजदीक तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे है: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून। सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है। ये रास्ते एक दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए है जो कक्षा कहलाते है। बुध, सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी के समान है।

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    शुक्र को पृथ्वी का जुडवां ग्रह माना जाता है क्योंकि -

  • Question 10
    1 / -0.25

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    सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है। यह बहुत बड़ा है एवं अत्यधिक गर्म है। जो गर्मी लाता है, इसका खिंचाव बल इससे सौरमंडल को बाँधे रखता है। सूर्य, सौरमंडल के लिए प्रकाश एवं ऊष्मा का एकमात्र स्रोत है। लेकिन हम इसके अत्यधिक तेज ऊष्मा को महसूस नही करते क्योंकि सबसे नजदीक तारा होने के बावजूद यह हमसे बहुत दूर है। हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह है। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे है: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून। सभी आठ ग्रह एक निश्चित पथ पर सूर्य का चक्कर लगाते है। ये रास्ते एक दीर्घ वृत्ताकार में फैले हुए है जो कक्षा कहलाते है। बुध, सूर्य के सबसे नजदीकी ग्रह है। शुक्र को पृथ्वी का जुड़वां ग्रह माना जाता है, क्योंकि इसका आकार लगभग पृथ्वी के समान है।

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    हम सूर्य की अत्यधिक ऊष्मा को महसूस क्यों नही करते?

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