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Sanskrit Domain Test - 1

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Sanskrit Domain Test - 1
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Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1
    वारिणी 'वारि' शब्दस्य कस्याः विभक्त्याः रूपमस्ति?
    Solution

    प्रश्नानुवाद - वारिणी 'वारि' शब्द के किस विभक्ति का रूप है?

    ‘वारिणा' शब्द रूप – इकारान्त नपुंसकलिङ्ग ‘वारीणि’ शब्द से 'प्रथमा तथा द्वितीया विभक्ति के द्विवचन’ में प्राप्त होता है।

    वारि’ शब्द का विविध वचनों तथा विभक्तियों में रूप निम्नलिखित है:-

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    वारि

    वारिणी

    वारीणि

    द्वितीया

    वारि

    वारिणी

    वारीणि

    तृतीया

    वारिणा

    वारिभ्याम्

    वारिभिः

    चतुर्थी

    वारिणे

    वारिभ्याम्

    वारिभ्यः

    पञ्चमी

    वारिणः

    वारिभ्याम्

    वारिभ्यः

    षष्ठी

    वारिणः

    वारिणोः

    वारीणाम्

    सप्तमी

    वारिणि

    वारिणोः

    वारिषु

    सम्बोधन

    हे वारि!

    हे वारिणी!

    हे वारीणि!

  • Question 2
    5 / -1
    'स्वागतम्' पदे उपसर्गः-
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'स्वागतम्'। में उपसर्ग है -

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कितपद में सु यह उपसर्ग है और आगतम् शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति
  • Question 3
    5 / -1
    'सर्व' शब्दस्य पुंल्लिङ्गे बहुवचने रूपम् अस्ति
    Solution

    प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'सर्व' शब्द के पुंल्लिङ्ग बहुवचन में रूप बनता है - 

    अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द ‘सर्व’ का अर्थ होता है- ‘सभी लोग’। जिसका विविध विभक्तियों और वचनों में निम्नलिखित प्रकार से रूप चलता है-

     अकारान्त पुंल्लिङ्ग सर्व’ शब्द

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    सर्वः

    सर्वौ

    सर्वे

    द्वितीया

    सर्वम्

    सर्वौ

    सर्वान्

    तृतीया

    सर्वेण

    सर्वाभ्याम

    सर्वैः

    चतुर्थी

    सर्वस्मै

    सर्वाभ्याम्

    सर्वेभ्यः

    पञ्चमी

    सर्वस्मात्

    सर्वाभ्याम्

    सर्वेभ्यः

    षष्ठी

    सर्वस्य

    सर्वयोः

    सर्वेषाम्

    सप्तमी

    सर्वस्मिन्

    सर्वयोः

    सर्वेषु

    सम्बोधन

    हे सर्वे

    हे सर्वौ

    हे सर्वे

     

    अतः स्पष्ट है कि अकारान्त पुंलिङ्ग शब्द ‘सर्व’ का बहुवचन में रूप होगा- ‘सर्वे’

    Additional Information

    • सर्वम् - पुंल्लिङ्ग में द्वितीया विभक्ति एकवचन और नपुंसकलिङ्ग में प्रथमा द्वितीया एकवचन का रूप है। 
    • सर्वाणि - नपुंसकलिङ्ग प्रथमा द्वितीया बहुवचन का रूप है।
    • सर्वा - स्त्रीलिङ्ग प्रथमा विभक्ति एक वचन का रूप है।
  • Question 4
    5 / -1
    'रमा' शब्दस्य चतुर्थ्येकवचने रूपं भवति-
    Solution

    प्रश्नानुवाद'रमा' शब्द का चतुर्थी एकवचन में रूप होता है-

    स्पष्टीकरण -

    • रमा शब्द का उपयोग लक्ष्मी के अर्थ में किया जाता है।
    • रमा शब्द आकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है।
    • रमा शब्द का चतुर्थी विभक्ति-एकवचन में रमायै रूप बनता है।
     

    अतः यहाँ रमायै सही उत्तर है।

    Additional Information

    रमा (लक्ष्मी) आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है।

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    रमा

    रमे

    रमा

    द्वितीया

    रमाम्

    रमे

    रमा

    तृतीया

    रमया

    रमाभ्याम्

    रमाभिः

    चतुर्थी

    रमायै

    रमाभ्याम्

    रमाभ्यः

    पंचमी

    रमायाः

    रमाभ्याम्

    रमाभ्यः

    षष्ठी

    रमायाः

    रमयोः

    रमाणाम्

    सप्तमी

    रमायाम्

    रमयोः

    रमासु

    सम्बोधन

    हे रमे

    हे रमे

    हे रमाः

  • Question 5
    5 / -1
    'कस्माद्' इति रूपमस्ति-
    Solution

    प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'कस्माद्' यह रूप है-

    स्पष्टीकरण - 

    • संस्कृत में प्रश्न निर्माण करने के लिए 'किम्' सर्वनाम शब्द के रूप तीनों लिंगों और तीनों वचनों में होते हैं। इसके अतिरिक्त सप्तककार का भी प्रयोग होता है।
    • कस्माद् रूप किम् सर्वनाम पद (पुल्लिंग) के पञ्चमी विभक्ति-एकवचन में बनता है।

     

    अतः यहाँ पंचमी विभक्ति-एकवचन सही उत्तर है।

    Additional Information

    • 'किम्' (क्या) सर्वनाम शब्दरूप (पुल्लिंग) प्रयोग निम्नलिखित है -

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    कः

    कौ

    के

    द्वितीया

    कम्

    कौ

    कान्

    तृतीया

    केन

    काभ्याम्

    कैः

    चर्तुथी

    कस्मै

    काभ्याम्

    केभ्यः

    पञ्चमी

    कस्माद्

    काभ्याम्

    केभ्यः

    षष्ठी

    कस्य

    कयोः

    केषाम्

    सप्तमी

    कस्मिन्

    कयोः

    केषु

     

    अतः 'कस्माद्' यह रूप 'किम्' इस प्रश्नार्थक सर्वनाम का पञ्चमी विभक्ति-एकवचन का रूप है।

  • Question 6
    5 / -1
    'मया' पदे का विभक्ति ?  
    Solution

    स्पष्टीकरण-

    अस्मद् (मैं, हम) शब्द-

    • सर्वनाम संज्ञा शब्द हैI 
    • अस्मद् शब्द का तृतीया विभक्ति-एकवचन में मया शब्दरूप बनता है। 
    • इसके रूप तीनों लिङ्गों में समान चलते हैंI
    • सर्व(सभी) नामों (संज्ञा शब्दों) के स्थान प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम शब्द कहते हैI
    • संस्कृत व्याकरण में प्रमुख सर्वनाम शब्द है- अस्मद्, युष्मद्, अदस्, इदम्, किम्, सर्व, इत्यादि।

     

    अतः यहाँ मया सही विकल्प है।

    Additional Informationअस्मद् सर्वनाम शब्द के रूप इस प्रकार है-

    विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
    प्रथमाअहम्आवाम्वयम्
    द्वितीयामाम्आवाम्अस्मान्
    तृतीयामयाआवाभ्याम्अस्माभिः
    चतुर्थीमह्यम्आवाभ्याम्अस्मभ्यम्
    पंचमीमत्आवाभ्याम्अस्मत्
    षष्ठीममआवयोःअस्माकम्
    सप्तमीमयिआवयोःअस्मासु

     

    इस प्रकार 'अस्मद्' शब्द तृतीया विभक्ति एकवचन मे मया शब्द बनेगा I

  • Question 7
    5 / -1
    'मातृ' शब्दस्य सप्तम्यैकवचने रूपः भवति -
    Solution

    'मातृ' यह प्रातिपदिक 'ऋकारान्त' है, इसका विभिन्न विभक्ति-वचन में रूप आगे -

    स्पष्टीकरण :-

    ऋकारांत : स्त्रीलिंग [मातृ –माताशब्द के रूप

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    माता

    मातरौ

    मातरः

    द्वितीया

    मातरम्

    मातरौ

    मातृः

    तृतीया

    मात्रा

    मातृभ्याम्

    मातृभिः

    चतुर्थी

    मात्रे

    मातृभ्याम्

    मातृभ्यः

    पंचमी

    मातुः

    मातृभ्याम्

    मातृभ्यः

    षष्ठी

    मातुः

    मात्रोः

    मातृणाम्

    सप्तमी

    मातरि

    मात्रोः

    मातृषु

    सम्बोधन

    हे मातः!

    हे मातरौ!

    हे मातरः!

     

    उपर्युक्त सारणी के अनुसार यह स्पष्ट होता है कि 'मातृ' शब्द की सप्तमी विभक्ति एकवचन में रूप 'मातरि' होता है।

  • Question 8
    5 / -1
    ‘मति' शब्दस्य रूपः सप्तम्यैकवचने किं भवति?
    Solution

    प्रश्नानुवाद - ‘मति' शब्दरूप का सप्तमी एकवचन में क्या रूप होता है ?

    स्पष्टीकरण

    • मति (बुद्धि) शब्द इकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है।
    • मति शब्द का सप्तमी-एकवचन में मतौ, मत्याम् ये दो शब्दरूप बनते हैं।
     

    अतः दिये गये विकल्पों में मतौ सही उत्तर है।

     

    Additional Information

    मति इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है।

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    मतिः

    मती

    मतयः

    द्वितीया

    मतिम्

    मती

    मतीः

    तृतीया

    मत्या

    मतिभ्याम्

    मतिभिः

    चतुर्थी

    मत्यै, मतये

    मतिभ्याम्

    मतिभ्यः

    पंचमी

    मत्याः, मतेः

    मतिभ्याम्

    मतिभ्यः

    षष्ठी

    मत्याः, मतेः

    मत्योः

    मतीनाम्

    सप्तमी

    मत्याम्, मतौ

    मत्योः

    मतिषु

    सम्बोधन

    हे मते

    हे मती

    हे मतयः

     

    • इसी तरह बुद्धि, शुद्धि, गति, भक्ति, शक्ति, स्मृति, रुचि, शान्ति, रीति, नीति, जाति ये इकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप चलते हैं।
  • Question 9
    5 / -1
    'अस्मद् ' शब्दस्य चतुर्थ्यैकवचने रूपं भवति-
    Solution

    प्रश्नानुवाद - 'अस्मत्' शब्द का चतुर्थी एकवचन में रूप होता है-

    स्पष्टीकरण -

    अस्मद् (मैं, हम) शब्द-

    • अस्मद् यह सर्वनाम शब्द हैI 
    • अस्मद् शब्द का चतुर्थी विभक्ति -एकवचन में मह्यम् रूप बनता है।
    • संज्ञा शब्दों के स्थान प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम शब्द कहते हैI
    • संस्कृत व्याकरण में प्रमुख सर्वनाम शब्द है - अस्मद्, युष्मद्, अदस्, इदम्, किम्, सर्व इत्यादि।

     

    अतः यहाँ मह्यम् सही विकल्प है।

    Additional Information 'अस्मद्' सर्वनाम शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है-

    विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
    प्रथमाअहम्आवाम्वयम्
    द्वितीयामाम्आवाम्अस्मान्
    तृतीयामयाआवाभ्याम्अस्माभिः
    चतुर्थीमह्यम्आवाभ्याम्अस्मभ्यम्
    पंचमीमत्आवाभ्याम्अस्मत्
    षष्ठीममआवयोःअस्माकम्
    सप्तमीमयिआवयोःअस्मासु
  • Question 10
    5 / -1
    'नदी' शब्दस्य षष्ठीबहुवचने रूपं भवति-
    Solution

    प्रश्नानुवाद - 'नदी' शब्द का षष्ठी-बहुवचन में रूप होता है-

    स्पष्टीकरण -

    • नदी शब्द ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द है।
    • नदी शब्द के षष्ठी विभक्ति-बहुवचन में नदीनाम् रूप बनता है।

     

    अतः स्पष्ट है कि यहाँ नदीनाम् सही उत्तर है।

    Additional Informationनदी ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दरूप का प्रयोग निम्नलिखित है-

    विभक्ति

    एकवचन

    द्विवचन

    बहुवचन

    प्रथमा

    नदी

    नद्यौ

    नद्यः

    द्वितीया

    नदीम्

    नद्यौ

    नदीः

    तृतीया

    नद्या

    नदीभ्याम्

    नदीभिः

    चर्तुथी

    नद्यै

    नदीभ्याम्

    नदीभ्यः

    पन्चमी

    नद्याः

    नदीभ्याम्

    नदीभ्यः

    षष्ठी

    नद्याः

    नद्योः

    नदीनाम्

    सप्तमी

    नद्याम्

    नद्योः

    नदीषु

    सम्बोधन

    हे नदि!

    हे नद्यौ!

    हे नद्यः!

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