Rajasthan Board 12th Physics Exam 2024 : Most Important Question Answers

SHARING IS CARING
If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.
राजस्थान बोर्ड 12वीं की Physics - भौतिक विज्ञान परीक्षा 9 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
इस पोस्ट में राजस्थान बोर्ड 12th परीक्षा 2024 के लिए Physics - भौतिक के महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव, सब्जेक्टिव (RBSE Board 12th Physics Important Objective & Subjective Question 2024) प्रश्न दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
छात्रों को इन (RBSE Board 12th Physics Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी।
अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे Physics के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I
RBSE Board 12th Physics - Important Question
वस्तुनिष्ठ प्रश्न -
1. किसी पिण्ड को ऋणावेशित किया जा सकता है।
(a) अधिक इलेक्ट्रॉन देने से
(b) कुछ इलेक्ट्रॉन हटाने से
(c) कुछ प्रोटॉन देने से
(d) कुछ न्यूट्रॉन उससे हटाने से
Ans. (b) कुछ इलेक्ट्रॉन हटाने से
2. जिन वाहनों में ज्वलनशील पदार्थ भरा रहता है उनसे प्रायः धातु की जंजीर लटकाई जाती हैं, इसका कारण है -
(a) उनकी गति नियंत्रित करना
(b) वाहन का गुरुत्व केन्द्र पृथ्वी तल के निकट रखने के लिए
(c) वाहन की बॉडी (Body) को भू-संयोजित करने के लिए
(d) वाहन के नीचे कुछ भी न रखा जा सके
Ans. (c) वाहन की बॉडी (Body) को भू-संयोजित करने के लिए
3. एक धातु के गोले A को धनावेष दिया जाता है जबकि दूसरे अन्य एकसमान धातु के गोले को उतना ही ऋणावेष दिया जाता है दोनों के द्रव्यमान समान हैं, तो -
(a) A और B दोनों के द्रव्यमान उतने ही रहेंगे
(b) A का द्रव्यमान बढ़ जायेगा
(c) B का द्रव्यमान घट जायेगा
(d) B का द्रव्यमान बढ़ जायेगा
Ans. (a) A और B दोनों के द्रव्यमान उतने ही रहेंगे
4. जब काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ा जाता है, तो यह -
(a) सिल्क से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करेगी
(b) सिल्क को इलेक्ट्रॉन देगी
(c) सिल्क से प्रोटॉन प्राप्त करेगी
(d) सिल्क को प्रोटॉन देगी
Ans. (a) सिल्क से इलेक्ट्रॉन प्राप्त करेगी
5. पृथ्वी का विद्युत विभव शून्य माना जाता है, क्योंकि पृथ्वी एक -
(a) कुचालक है।
(b) चालक है।
(c) अर्द्धचालक है।
(d) परावैद्युत है।
Ans. (b) चालक है।
6. किसी चालक गोले के अन्दर विद्युत विभव -
(a) केन्द्र से सतह की ओर बढ़ता है।
(b) केन्द्र से सतह की ओर घटता है।
(c) केन्द्र से सतह की ओर नियत रहता है।
(d) सभी जगह शून्य रहता है।
Ans. (a) केन्द्र से सतह की ओर बढ़ता है।
7. प्रतिरोध का विलोम होता है।
(a) चालकता
(b) प्रतिरोधकता
(c) वोल्टेज
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (a) चालकता
8. अतिचालक पदार्थ की चालकता होती है -
(a ) अनन्त
(b) अत्यधिक वृहद
(c) अत्यधिक निम्न
(d ) शून्य
Ans. (c) अत्यधिक निम्न
9. यदि एक ताँबे की छड़ में से दिष्ट धारा प्रवाहित हो रही है, तो इस धारा से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र होगा -
(a) केवल छड़ के अंदर
(b) केवल छड़ के बाहर
(c) छड़ के अंदर और बाहर
(d) न तो बाहर और न ही बाहर
Ans. (c) छड़ के अंदर और बाहर
10. परिनालिका के अन्दर क्षेत्र की तीव्रता है -
(a) इसकी लम्बाई के अनुक्रमानुपाती
(b) इसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती
(c) इसके फेरों की कुल संख्या के व्युत्क्रमानुपाती
(d) इसमें प्रवाहित धारा के व्युत्क्रमानुपाती
Ans. (b) इसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती
11. " विद्युत प्रवाह का चुम्बकीय प्रभाव" खोजा था -
(a) फैराडे ने
(b) ऑरस्टेड ने
(c) ऐम्पियर ने
(d) बोहर ने
Ans. (b) ऑरस्टेड ने
12. सीधे धारावाही चालक के समीप चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा होगी -
(a) चालक की लम्बाई के अनुदिश
(b) त्रिज्यीय बाहर की ओर
(c) चालक के लम्बवत् तल में वृत्ताकार
(d ) हैलीकल (सर्पिलाकार)
Ans. (a) चालक की लम्बाई के अनुदिश
13. यदि किसी धातु के टुकड़े को चुम्बक माना जाये तो सही कथन है -
(a) यह ज्ञात चुम्बक को आकर्षित करेगा
(b ) यह ज्ञात चुम्बक को प्रतिकर्षित करेगा
(c) उपरोक्त में से कोई नहीं
(d ) यह स्टील के पेचकस को आकर्षित करेगा
Ans. (d ) यह स्टील के पेचकस को आकर्षित करेगा
14. चुम्बक को पूरी तरह विचुम्बकित किया जा सकता है -
(a) चुम्बक को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर
(b) इसे थोड़ा सा गर्म करके
(c) इसे बर्फ के ठंडे जल में डालकर
(d) उचित क्षमता को एक विपरीत क्षेत्र के द्वारा
Ans. (d) उचित क्षमता को एक विपरीत क्षेत्र के द्वारा
15. लेन्ज के नियम का उपयोग होता है -
(a) स्थित वैद्युत में
(b) लेन्सों में
(c) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण में
(d) सिनेमा स्लाइडों में
Ans. (c) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण में
16. लेन्ज का नियम किसके संरक्षण से सम्बन्धित है -
(a) ऊर्जा
(b)ऊर्जा एवं चुम्बकीय क्षेत्र
(c) आवेष
(d) चुम्बकीय क्षेत्र
Ans. (a) ऊर्जा
17. युक्ति जो वोल्टता को बढ़ा देता है, उसे क्या कहते हैं ?
(a) प्रतिरोध
(b) अपचायी ट्रांसफॉर्मर
(c) उच्चायी ट्रांसफॉर्मर
(d) ट्रांसफॉर्मर
Ans. (d) ट्रांसफॉर्मर
18. अपचायी ट्रान्सफॉर्मर बढ़ाता है -
(a) धारा
(b) वोल्टता
(c) वाटता
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (a) धारा
19. प्रत्यावर्ती धारा का ऊष्मीय प्रभाव प्रमुखतः है -
(a) जूल ऊष्मन
(b) पेल्टियर ऊष्मन
(c) टॉमसन प्रभाव
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (a) जूल ऊष्मन
20. प्रतिबाधा (Impedance ) का S-I - मात्रक होता है -
(a) हेनरी
(b) ओम
(c) टेसला
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (b) ओम
21. समतल दर्पण की फोकस दूरी है।
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c) बहुत कम
(d) अनिष्चित
Ans. (b) अनन्त
22. उत्तल दर्पण द्वारा बनने वाला प्रतिबिम्ब होता है -
(a) आभासी
(b) वास्तविक
(c) आकार में बड़ा
(d) उल्टा
Ans. (a) आभासी
23. तारों के टिमटिमाने का कारण है -
(a) विवर्तन
(b) परावर्तन
(c) अपवर्तन
(d) प्रकीर्णन
Ans. (c) अपवर्तन
24. सूक्ष्मदर्षी वह प्रकाषीय यंत्र है, जो -
(a) वस्तु को बढ़ा देता है।
(b) वस्तु के द्वारा आँख पर बने कोण को बढ़ा देता है।
(c) वस्तु द्वारा आँख पर बने कोण को कम कर देता है।
(d) वस्तु को निकट कर देता है।
Ans. (a) वस्तु को बढ़ा देता है।
25. निम्नलिखित में किस वैज्ञानिक ने क्वांटम सिद्धांत का प्रतिपादन किया था ?
(a) रदरफोर्ड ने
(b) बोर ने
(c) डाल्टन ने
(d) प्लांक ने
Ans. (d) प्लांक ने
26. चुम्बकीय क्षेत्र गतिषील आवेष से उत्पन्न हो सकता है -
(a) केवल विद्युत क्षेत्र
(b) केवल चुम्बकीय क्षेत्र
(c) विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (c) विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों
27. चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है -
(a) स्थिर आवेष के कारण
(b) गतिषील आवेष के कारण
(c) स्थिर बिन्दु आवेष के कारण
(d) उपरोक्त सभी
Ans. (b) गतिषील आवेष के कारण
28. हीलियम नाभिक में होते हैं -
(a) 2 प्रोटॉन एवं 2 इलेक्ट्रॉन
(b) 2 न्यूट्रॉन, 2 प्रोटॉन एवं 2 इलेक्ट्रॉन
(c) 2 प्रोटॉन एवं 2 न्यूट्रॉन
(d) 2 पोजिट्रॉन एवं 2 प्रोट्रॉन
Ans. (c) 2 प्रोटॉन एवं 2 न्यूट्रॉन
29. नाभिक में अन्दर प्रोटॉन तथा प्रोटॉन के बीच कार्यरत बल है -
(a) कूलॉम
(b) नाभिकीय
(c) दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (b) नाभिकीय
30. 1945 में नागासाकी जापान में गिराये गये बम में विखण्डनीय पदार्थ था -
(a) यूरेनियम
(b) नेपच्यूरियम
(c) बर्केलियम
(d) लूटोनियम
Ans. (a) यूरेनियम
रिक्त स्थान लिखिए -
1. किसी आवेष पर कई आवेषों के कारण लगाये गये बलों का परिणामी इन बलों के __________ योग के तुल्य होता है।
2. विद्युत क्षेत्र में किसी बिन्दु पर स्थित एकांक धन आवेष जितने बल का अनुभव करता है, उसे उस बिन्दु पर __________ की तीव्रता कहते हैं।
3. किसी आवेश के चारों ओर वह क्षेत्र जिसमें अन्य आवेशित कण एक बल का अनुभव करें, __________ कहलाता है।
4. जब एक परावैद्युत को किसी विद्युत क्षेत्र में रखते हैं, तो इसके परमाणु या अणु __________ की तरह व्यवहार करते हैं।
5. चालक के आवेष ग्रहण करने की क्षमता को उसकी __________ कहते हैं।
6. संधारित्र पर कुल आवेष सदैव _________ होता हैं।
7. परावैद्युत परमाणुओ में आवेशो के विस्थापन कि घटना __________ है।
8. भौतिक राशि जिसका मात्रक फैरड होता है वह __________ है।
9. किसी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल से आवेश प्रवाह की दर को __________ कहते हैं।
10. किसी धातु में इलेक्ट्रॉनों व धनायनों के बीच दो लगातार टक्करों के बीच के समयांतराल को __________ कहा जाता है।
11. पदार्थ का वह गुण जिसके कारण वह उससे प्रवाहित होने वाली धारा का विरोध करता है, __________ कहलाता है।
12. वह युक्ति जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युतीय ऊर्जा में परिवर्तित कर दे, __________ कहलाता है।
13. गतिमान आवेश अपने चारो ओर एक __________ क्षेत्र उत्पन्न करते हैं।
14. दो समान्तर तारो में समान दिशा में प्रवाहित धाराओं के कारण वे __________ होते हैं।
15. उदासीन बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र ___________ होता है।
16. सीधे धारावाही चालक का चुम्बकीय आघूर्ण ____________ है।
17. स्वप्रेरण का मात्रक ___________ है।
18. चुम्बकीय फ्लक्स की विमा ___________ है।
19. जब प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में प्रतिरोध के साथ-साथ प्रेरकत्व या संधारित्र या दोनों होते हैं, तो परिपथ की परिणामी रुकावट को _________ कहते हैं।
20. परिपथ में बिना ऊर्जा क्षय के बहने वाली धारा को __________ धारा कहते हैं।
21. विद्युत चुम्बकीय तरंग की तीव्रता - तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् एकांक क्षेत्रफल से प्रति सेकण्ड स्थानान्तरित ऊर्जा को तरंग की __________ कहते हैं।
22. विद्युत क्षेत्र सदिश जिस तल में कंपन करता है, उसे ___________ तल कहते हैं।
23. प्रतिबिम्ब का आकार और वस्तु के आकार का अनुपात __________ कहलाता है।
24. ध्रुवित प्रकाष में जिस तल में दोलन होते हैं उस तल को __________ तल कहते हैं।
25. परमाणु को आयनित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को __________ कहते हैं।
26. एक भारी नाभिक का दो हल्के नाभिकों में टूटना नाभिकीय ____________ कहलाता है।
27. वह प्रक्रिया जिसमें दो या दो से अधिक हल्के नाभिक संयुक्त होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं, नाभिकीय ____________ कहलाती है।
28. एक हीलियम परमाणु को ______________ हाइड्रोजन परमाणु मिलकर बनाते है।
29. प्लांक नियतांक की __________ विमा है।
30. प्लांक नियतांक का मान SI मात्रक __________ होता है।
Ans. 1. संघात, 2. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता, 3. आवेशित क्षेत्र (Field of Force), 4. ध्रुवीकरण, 5. चुम्बकीय चालकता, 6. शून्य, 7. आवेशिति, 8. चुम्बकीय सुरक्षा, 9. आवेशी चाल, 10. ड्रिफ्ट की गति,
11. प्रतिरोध, 12. चुम्बकीय विद्युत युक्ति, 13. विद्युत आवेशी क्षेत्र, 14. सहारा धाराएँ, 15. शून्य, 16. शून्य, 17. हेनरी, 18. वेबर, 19. स्वरुद्धि, 20. निष्क्रिय धारा,
21. वेग, 22. उच्चतम, 23. विमान, 24. उच्चतम, 25. इनर्जी, 26. विखंडन, 27. संयोजन, 28. चार, 29. [ML2T-1], 30. जूल-सेकंड (J⋅s)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न -
1. एक चालक की सतह पर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर किसके के समानुपाती होती है ।
Ans. एक चालक की सतह पर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता उस बिन्दु पर ध्रुवीय आवेश के समानुपाती होती है।
2. विद्युत् क्षेत्र की दिशा सदैव किसकी ओर होती है।
Ans. विद्युत् क्षेत्र की दिशा सदैव धनात्मक आवेश की ओर होती है।
3. किसी समविभव पृष्ठ के किन्हीं दो बिंदुओं विभवांतर का मान बताइए ।
Ans. विभवांतर का मान, दो बिंदुओं के बीच विद्युत धारा के फलस्वरूप होता है। इसे वोल्ट में मापा जाता है। विभवांतर निर्भर करता है बिंदुओं के स्थानांतर पर और संभारित तार के प्रकार पर।
4. किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान बताइए ।
Ans. किसी चालक के अंदर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान शून्य होता है। यह इसलिए होता है क्योंकि चालक के अंदर आवेश मुक्त रूप से घूम सकते हैं, और वे खुद को इस तरह से व्यवस्थित करते हैं कि विद्युत क्षेत्र शून्य हो जाता है। इसका मतलब है कि चालक के अंदर किसी भी बिंदु पर विद्युत बल नहीं होगा।
5. सेल के विद्युत वाहक बल की इकाई लिखिए ।
Ans. सेल के विद्युत वाहक बल की इकाई को "एम्पीयर" (Ampere) में मापा जाता है। यह बताता है कि कितनी विद्युत धारा सेल से गुजरती है।
6. ताप बढ़ाने पर धातुओं का प्रतिरोध बढ़ता है, या घटता है ?
Ans. ताप बढ़ाने पर धातुओं का प्रतिरोध बढ़ता है। इससे धातुओं के अणुओं की गति बढ़ती है, जिससे परमाणुओं के बीच आपसी प्रतिक्रियाएँ तेज हो जाती हैं, और प्रतिरोध बढ़ता है।
7. धारा घनत्व का मात्रक लिखिए ।
Ans. धारा का घनत्व का मात्रक कूलम्ब प्रति मीटर है। यह बताता है कि एक बिंदु से गुजरती हुई विद्युत धारा की एकाधिकृत घनत्व कितनी है।
8. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए ।
Ans. वे पदार्थ जो आरोपित चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित हो जाते है, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहलाते है। उदाहरण - सोना, चाँदी, पारा, जल, सोडियम क्लोराइड आदि।
9. चुम्बकीय बल रेखाओं के दो गुण लिखिए ।
Ans. चुंबकीय बल रेखा के गुण निम्न हैं - (i) ये सदैव उत्तरी ध्रुव से आरंभ होकर दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होता है । (ii) चुंबकीय बल रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटतीं ।
10. किसी कुण्डली के स्वप्रेरकत्व प्रभाव के नगण्य करने के लिए क्या करना चाहिए ?
Ans. किसी कुण्डली के स्वप्रेरकत्व प्रभाव को नगण्य करने के लिए व्यक्ति को अच्छी संतुलन रखी जरुरत है। योग, ध्यान, योगासन, और सही जीवनशैली के माध्यम से यह प्रभाव कम किया जा सकता है।
11. विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के लिए फैराडे नियम लिखिए |
Ans. फैराडे नियम के अनुसार, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण एक विद्युत चुम्बक से गुजरने वाली धारा उस स्थान पर ऐसे व्याप्त होती है जहाँ उस चुम्बक की परिधि कम होती है।
12. प्रकाष को ध्रुवित क्यो नहीं किया जा सकता है ?
Ans. प्रकाष को ध्रुवित नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रकाष तत्वहीन होता है, और इसमें इलेक्ट्रॉनों का पूर्ण विभाजन नहीं होता, जिससे चुम्बकीय प्रेरण नहीं हो सकती।
13. किस प्रकार के विवर्तन मे आपतित व विवर्तित तरगांग्र समतल होते हैं ?
Ans. आपतित और विवर्तित तरंगों में समतल विवर्तन तब होता है, जब दोनों की अवधारित चुम्बकीय प्रेरणा का केंद्र समान होता है, जिससे तरंगें समतल रूप से प्रसारित होती हैं।
14. आइंसटीन का द्रव्यमान ऊर्जा सम्बन्ध लिखिए |
Ans. आइंसटीन के अनुसार, द्रव्यमान और ऊर्जा का सम्बन्ध E=mc^2 के माध्यम से होता है, जिसमें ऊर्जा (E) द्रव्यमान (m) और प्रकाश की गति (c) के स्थायी संबंध से होती है।
15. नाभिकीय बल से आपका क्या आषय है ?
Ans. नाभिकीय बल, गुरुत्वाकर्षण बल का परिणाम है जो किसी बहुमुखी पदार्थ की सतह पर लगा होता है। यह बल ऊपर की ओर होता है और इसका आषय नाभिकीय तरंगों के संचरण में होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न -
1. एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बताओ ।
Ans. एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान लगभग 9.109 × 10^-31 किलोग्राम होता है, जो बहुत अत्यल्प है। इसका परमाणु नंबर 1 होता है और यह एक आत्मीय कण है जो एक आवेश के रूप में अपना चुम्बकीय चालन दिखाता है। इसका प्रवाहित होना विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कुंजीय भूमिका निभाता है और यह एक परमाणु के आवेश में स्थित होता है।
2. वैद्युत द्विध्रुव के कारण इसके अक्ष पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र का मान लिखिए ।
Ans. वैद्युत द्विध्रुव के कारण इसके अक्ष पर स्थित बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता निर्धारित होती है। इसका मान परिस्थितिकी निर्भर होता है, लेकिन इसे गौस के नियम के अनुसार विद्युत द्विध्रुव परिस्थितिकी बनाए रखता है। बिंदु से दूर होने पर तीव्रता कम होती है, जिसे 1/r^2 के तर्क से प्रस्तुत किया जा सकता है, जहां 'r' बिंदु से किसी भी दिशा में किसी भी दूसरे बिंदु तक की दूरी है।
3. निर्वात की विधुतशीलता का मात्रक लिखिए ।
Ans. निर्वात की विधुतशीलता का मात्रक है "सीमेंस प्रति मीटर" या "आम्ह।/मी"। इसे एलेक्ट्रिकल कंडक्टन्स के रूप में भी जाना जाता है, और यह बताता है कि एक विशिष्ट द्रव्य कितनी अच्छी तरह विद्युत आवेग कर सकता है। इसका SI मात्रक मीटर के लिए "सीमेंस प्रति मीटर" है।
4. कुलाम का नियम लिखिए ।
Ans. कुलाम का नियम के अनुसार, किसी धातु में विद्युत आवेग की मात्रा उस धातु के तथा विद्युतचुम्बकीय बल के बीच सीधे अनुपाती होती है। इसे सामान्यत: "विद्युत आवेग ∝ विद्युतचुम्बकीय बल" के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहां ∝ निष्परिमाण है।
5. आदर्श विद्युत द्विध्रुव किसे कहते है ।
Ans. आदर्श विद्युत द्विध्रुव, जिसे आदर्श विद्युत आवेग भी कहा जाता है, एक धातु या एक समभारी पदार्थ की विद्युत आवेग की मात्रा है, जो विद्युत चुम्बकीय बल के साथ सीधे अनुपाती होती है। इसका चिन्ह विद्युत चुम्बकीय बल के साथ एक अभिव्यक्ति में ∝ है।
6. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक लिखिए ।
Ans. वैद्युत द्विध्रुव का आघूर्ण की मात्रक होता है "वॉट"। यह व्यापकता में ऊर्जा का एक मात्रिक है और वॉट का प्रतीक होता है "W"। एक वॉट एक सेकंड के लिए एक जूल के बराबर होता है।
7. विद्युत धारिता की परि भाषा लिखिए।
Ans. विद्युत धारिता : एक पैरामीटर है, जो एक चालक द्वारा उत्पन्न विद्युत आवेश और उसके बीच विभव के बीच क्षमता का माप होता है। यह दो चुम्बकीय पदार्थों के बीच विद्युतीय प्रतिक्रिया की क्षमता को दर्शाता है और इसका मात्रक फैरड (Farad) होता है। धारिता की उपयोगिता को निर्दिष्ट करने के लिए विद्युत सरंचना और विभवों का अध्ययन किया जाता है।
8. संधारित्रों के चार उपयोग लिखिए।
Ans. संधारित्र का उपयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है :
1. आवेश और ऊर्जा के भंडारण : विद्युत उपकरणों में संधारित्र का प्रयोग होता है।
2. विद्युत फिल्टरों में : विभिन्न विद्युत फिल्टरों में संधारित्र का उपयोग होता है।
3. पल्स पावर एवं शस्त्र निर्माण में : शक्ति गुणांक (पॉवर फैक्टर) को बेहतर बनाने के लिए।
4. सेंसर के रूप में : जैसे CVT = कैपेसिटिव वोल्टेज ट्रांसफॉर्मर
9. ओम का नियम क्या है ? इस नियम की दो सीमाएँ लिखिए।
Ans. ओम का नियम : ओम का नियम विद्युत प्रवाह, विद्युत द्विध्रुव, और विद्युत द्रव्यमान के बीच संबंध को व्यक्त करता है। नियम का सार है : "विद्युत प्रवाह एक संयुक्त या संरचित संयोजक के लिए सीधापथी होता है जिसका मात्रक विद्युत द्विध्रुव और उसका मात्रक विद्युत द्रव्यमान होता है।"
सीमाएँ :
1. यह नियम केवल समरूप संयोजकों के लिए है, जिनका संयोजन विद्युत द्रव्यमान के साथ समरूप है।
2. ओम नियम केवल स्थिर स्थितियों या समयानुक्रमिक स्थितियों के लिए पूर्ण होता है, तथा उच्चतम और न्यूनतम मानों के लिए है।
10. मीटर सेतु की कोई दो सीमाएँ लिखिए।
Ans. मीटर सेतु की दो सीमाएं :
1. माप रेंज की सीमा : मीटर सेतु विभिन्न माप रेंजों में कार्य करता है, जैसे कि वॉल्टमीटर और अम्पीमीटर के लिए विशिष्ट माप रेंजेस होती हैं। इससे इसे विभिन्न प्रकार के परियोजनाओं और उपयोगों के लिए सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है।
2. अनुकूलित सीमाएं : मीटर सेतु ने विभिन्न विद्युतीय परियोजनाओं के लिए आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, ताकि यह उच्चतम स्तर की आवश्यकताओं को पूरा कर सके और उपयोगकर्ताओं को विभिन्न परियोजनाओं में सही मापों की आपूर्ति कर सके।
11. ऐम्पियर का नियम लिखिए।
Ans. ऐम्पीयर का नियम विद्युतीय धाराओं का निर्धारण करने में सहायक है। इसने वर्तमान की परिभाषा स्थापित की है, जो कहती है कि एक समय स्थितियों में एक तार के माध्यम से गुजरने वाली धारा का मात्रकीय चुंबकीय प्रभाव से उत्पन्न विद्युत धारा एक समय स्थितियों में तार के परिधिम में उत्पन्न होने वाले चुंबकीय प्रभाव के समान होता है।
12. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए कोई दो नियम लिखिए।
Ans. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के दो नियम :
1. राइट-हैंड नियम : इस नियम के अनुसार, जब एक चुम्बकीय विद्युत धारा एक चालक माध्यम में होती है, तो चुम्बक का उत्पीड़न दाहिने हाथ की उंगली की दिशा में होता है।
2. फ्लेमिंग का दाहिना हाथ नियम : इस नियम के अनुसार, जब एक वायर में विद्युत धारा होती है और आप दाहिने हाथ की उंगली की दिशा में धारा की दिशा को देखते हैं, तो तब विद्युतचुम्बक का उत्पीड़न दाहिने हाथ की उंगली की दिशा में होता है।
13. चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए कोई दो स्त्रोतों के नाम लिखिए।
Ans. चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए दो स्त्रोतों के नाम :
1. धारण स्त्रोत : यह स्थिर धारणी या चुम्बकीय सामग्री से उत्पन्न होता है, जैसे कि आपके पास किसी धातु या मैग्नेट हो सकता है।
2. गतिषील स्त्रोत : इसमें विद्युत धारा को बदलने वाले माध्यमों जैसे एक तार, कोइल, या घर्षण से उत्पन्न होने वाले तरंगें शामिल हो सकती हैं।
14. चुम्बकीय फ्लक्स को परिभाषित कीजिए ।
Ans. चुम्बकीय फ्लक्स : एक चुम्बक के सामरिक आवेश को मापने का एक परिमाण है, जो किसी सतह या सामरिक सरणि के माध्यम से होता है। इसे एक विशिष्ट क्षेत्र के साथ चुम्बकीय आवेश की वाणीज्यता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, और इसका मात्रक वेबर (Weber) है। यह दर्शाता है कि चुम्बकीय आवेश किसी विशिष्ट क्षेत्र में कितना है।
15. उदासीन बिन्दु को परिभाषित कीजिए ।
Ans. उदासीन बिंदु : एक विद्युत चुम्बकीय प्रणाली में वह स्थान है जहां विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का प्रभाव शून्य होता है और उस बिंदु पर कोई प्रभाव नहीं होता। इस स्थिति में एक चुम्बक का प्रभाव समाप्त हो जाता है और किसी वस्तु पर उसका आकर्षण या प्रतिकर्षण नहीं होता।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -
1. विद्युत द्विध्रुव क्या है ? द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा दीजिए। विद्युत द्विध्रुव के कारण अक्षीय रेखा पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक प्राप्त कीजए ।
Ans. विद्युत द्विध्रुव : एक सकारात्मक चार्ज और एक नकारात्मक चार्ज का यौगिक, जो किसी आकार की वस्तु के दो पर्याय स्थित बिंदुओं पर अवस्थित होता है, को विद्युत द्विध्रुव कहा जाता है।
द्विध्रुव आघूर्ण की परिभाषा : एक विद्युत द्विध्रुव के लिए, द्विध्रुव आघूर्ण उस बिंदु पर आकार, दिशा, और चार्ज की मात्रा के साथ एक संख्या होती है जिसे विद्युत चार्ज का गुणनफल (चार्ज * दूरी) कहा जाता है। इसे "पी" से दर्शाया जाता है, जहां पी = qd, यहां 'q' चार्ज है और 'd' दूरी है।
इसका यौगिक SI मात्रक में कुलोम्ब-मीटर (C⋅m) होता है। इसे विद्युत द्विध्रुव की तीव्रता का मापक भी कहा जाता है।
2. विद्युत द्विध्रुव की परिभाषा दीजिए । एक विद्युत द्विध्रुव के कारण उसकी निरक्ष पर स्थित किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक ज्ञात कीजिए ।
Ans. विद्युत द्विध्रुव : एक ऐसा समायोजन होता है, जिसमें दो बराबर और विपरीत प्रकृति के आवेश एक दूसरे से अल्प दूरी पर होते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को जानना होता है। विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक p होता है, जिसे कूलाम-मीटर में नापा जाता है। यह व्यंजक आवेशों के बीच की दूरी (2l) के गुणनफल से प्राप्त होता है। विद्युत द्विध्रुव का मात्रक कूलाम-मीटर होता है और इसे p से प्रदर्शित किया जाता है। विद्युत द्विध्रुव के उदाहरण में शामिल हैं अणु जैसे HCl, H2O, HBr, NH3, और CH4।
3. विद्युत फ्लक्स व विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को परिभाषित कीजिए। इनमे सम्बन्ध बताइए।
Ans. विद्युत फ्लक्स : एक मात्रात्मक माप है, जो विद्युत क्षेत्र की सतह पर गुजरती हुई विद्युत धारा की मात्रा को दर्शाता है। यह देखने का तरीका है कि विद्युत क्षेत्र सतह को कितनी समरूपता से अवरूपित करता है।
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता : एक स्थान पर एक एकक चार्ज को प्रति इकाई चार्ज पर कितनी बल अनुभूत कराई जाती है, यह बताती है। इसे विद्युत व्याप्ति के क्षेत्र में स्थित किसी बिन्दु पर मापा जाता है।
सम्बन्ध : विद्युत फ्लक्स और विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के बीच एक सामंजस्य है। विद्युत फ्लक्स सतह पर विद्युत क्षेत्र की समरूपता दर्शाता है, और यह विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के साथ संबंधित है। जब एक बिंदु पर विद्युत फ्लक्स की मात्रा बदलती है, तो यह विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को भी प्रभावित करता है।
4. स्थिरवैद्युत विभव को परिभाषित कीजिए तथा एक बिन्दु आवेष के कारण r दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर विभव का व्यंजक प्राप्त कीजिए ।
Ans. स्थिरवैद्युत विभव : एक विद्युत चार्ज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किए जाने वाले कार्य का मात्रात्मक माप है। यह बताता है कि कितना कार्य किया जाता है जब एक चार्ज को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है, विद्युत क्षेत्र में।
स्थिरवैद्युत विभव का व्यंजक : एक बिन्दु आवेश के कारण r दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर स्थिरवैद्युत विभव का व्यंजक (Electric Potential) V को निम्नलिखित रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है :
V = U/q
यहां,
V स्थिरवैद्युत विभव है (व्यंजक),
U स्थिरवैद्युत विभव है (शक्ति),
q विद्युत चार्ज है।
इस व्यंजक का मात्रात्मक माप SI में वोल्ट (Volt) होता है और यह बताता है, कि एक इकाई चार्ज को लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए कितनी ऊर्जा खर्च होती है।
5. तीन बिन्दु आवेषों से निर्मित किसी तन्त्र की विद्युत स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए ।
Ans. तीन बिन्दु आवेषों से निर्मित किसी तंत्र की विद्युत स्थितिज ऊर्जा को "लैपलेसियन" तंत्र कहा जाता है। इस तंत्र में तीन बिन्दु आवेष होते हैं, और उनमें से दो बिन्दु आवेषों के बीच ऊर्जा की कुछ मात्रा होती है, जिसे हम विद्युत स्थितिज ऊर्जा कहते हैं। तंत्र में, एक आवेष को "अ" और दूसरे को "ब" कहा जाता है, और ऊर्जा की मात्रा को "ए" के रूप में दिखाया जाता है। इस तंत्र में यह बताया जाता है कि कैसे आवेष "अ" और "ब" के बीच ऊर्जा को व्यक्त करते हैं। इस तंत्र का उपयोग विभिन्न विद्युत सामग्रियों की स्थितिज ऊर्जा की गणना के लिए किया जा सकता है।
6. ट्रांसफार्मर में होने वाली कोई दो मुख्य उर्जा हानियों का उल्लेख कीजिए ।
1. हिस्सेदारी हानि : इस हानि का कारण ट्रांसफॉर्मर के तारों में होती है, जब वे विद्युत धारा को परेशान करते हैं। यहां, रेजिस्टेन्स के कारण तारों में ऊर्जा का हानि होता है।
2. विद्युतक्षेत्र हानि : इसे इंडक्शन हानि भी कहा जाता है, और इसका कारण है, ट्रांसफॉर्मर के कोर में होने वाली विद्युत विक्रिया और हिस्सेदारी है। यह हानि इंडक्टेड ऊर्जा के परिणामस्वरूप होती है, जो कोर से बाहर खो जाती है।
ये हानियाँ ट्रांसफॉर्मर की कुल हानि में शामिल होती हैं, और इन्हें कम करने के लिए उच्च गुणवत्ता के तार, कोर, और अन्य उपादानों का उपयोग किया जाता है।
7. प्रतिचुम्बकीय, अनुचुम्बकीय एवं लौह चुम्बकीय पदार्थ को परिभाषित कीजिए ।
Ans. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ : वह है, जो चुम्बक के प्रभाव को कम करने में सक्षम है और जिसे अच्छी तरह से चुम्बकीय क्षमता प्रदान की जा सकती है। इन पदार्थों के परिचालन में, वे चुम्बक के प्रभाव को धीमा करके या उसे बढ़ाकर बदल सकते हैं।
अनुचुम्बकीय पदार्थ : वह है, जो चुम्बक के प्रभाव को कम करने में असक्षम है और जिसमें चुम्बकीय क्षमता प्रभावी रूप से होती है। इन पदार्थों को चुम्बक के प्रभाव को बचाने या उसे बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
लौह चुम्बकीय पदार्थ : वह है, जो अपनी अस्तित्व में लौह धातु को संघटित करता है और चुम्बकीय गुणधर्मों को प्रदान करता है। इन पदार्थों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए, जैसे कि उच्चतम तापमान में स्थायिता, किया जा सकता है।
8. कला सम्बद्ध स्त्रोत क्या होते है ? प्रकाश के सम्पोषी व विनाषी व्यतिकरण के लिए षर्ते लिखिए । प्रकाश के व्यतिकरण की घटना में तीव्रता वितरण को वक्र द्वारा प्रदर्षित कीजिए ।
Ans. कला सम्बद्ध स्त्रोत : ऐसे स्त्रोत होते हैं जो प्रकाश या अन्य रौशनी के एक बिंदु से विकर्ण होते हैं, जिनसे एक आवेग का बहाव होता है।
प्रकाश के सम्पोषी व विनाषी व्यतिकरण के लिए षर्तें :
1. सम्पोषी व्यतिकरण :
(i) प्रकाश एक साधारित पदार्थ में प्रवेश करना चाहिए।
(ii) प्रकाश का सम्पूर्ण प्रवाह, परिसर में समाप्त होना चाहिए।
2. विनाषी व्यतिकरण :
(i) उच्च घनत्व वाले पदार्थों में होना चाहिए।
(ii) प्रकाश को सम्पूर्ण प्रवेश होना चाहिए।
(iii) आवेग को साधारित पदार्थों में विनाषी होना चाहिए।
प्रकाश के व्यतिकरण की घटना : व्यतिकरण के दौरान, प्रकाश का आवेग अलग-अलग घटकों में विभाजित होता है, जिससे विभिन्न कोणों पर विकर्ण होता है। यह वक्र द्वारा प्रदर्शित होता है और इसे व्यतिकरण का वक्र कहते हैं। इसे एक आवृत्ति कहा जाता है जिसका मान निर्दिष्ट तारंग दैर्ध्य से प्राप्त होता है।
9. प्रकाष विद्युत प्रभाव किसे कहते है ? प्रकाष विद्युत धारा किन दो कारकों पर निर्भर करती है ?
Ans. प्रकाष विद्युत प्रभाव : एक भौतिकी प्रभाव है जिसमें प्रकाश के पदार्थ अगर एक सतह से टकराते हैं, तो वहां से इलेक्ट्रॉन निकलते हैं।
प्रकाष विद्युत धारा के निर्भरता :
1. प्रकाश की तीव्रता : प्रकाष विद्युत धारा प्रकाश की तीव्रता पर निर्भर करती है। ज्यादा तीव्र प्रकाश, ज्यादा इलेक्ट्रॉन उगते हैं।
2. प्रकाश की ऊर्जा : ऊर्जा भी प्रमुख फैक्टर है। अगर प्रकाश की ऊर्जा इलेक्ट्रॉन को पार करने के लिए कम है, तो इलेक्ट्रॉन नहीं निकलेंगे। ऊर्जा की सीमा को पार करने पर ही इलेक्ट्रॉन निकलते हैं।
10. हाइगेन्स के तरंग सिद्धांत से प्रकाश के परावर्तन की व्याख्या कीजिए ।
Ans. हाइगेंस का तरंग सिद्धांत प्रकाश के परावर्तन की व्याख्या करता है। इस सिद्धांत के अनुसार, प्रकाश स्रोत से निकलकर तरंगों के रूप में गमन करता है। ये तरंगें सभी संभावित दिशाओं में प्रकाश की चाल से चलती हैं। हाइगेंस ने एक सर्वव्यापी माध्यम की कल्पना की, जिसमें प्रकाश तरंग के संचरण होने के सभी गुण होते हैं। इस माध्यम को ‘ईथर’ कहा गया है। ईथर लगभग भारहीन होता है और प्रकाश की चाल 3 × 10^8 मीटर/सेकंड होती है। इस तरंग सिद्धांत के अनुसार, जब प्रकाश स्रोत से तरंगें निकलती हैं, तो स्थित माध्यम के कण उनकी चाल करते हैं और नवीन तरंग स्रोत का कार्य करते हैं। इन नए तरंग स्रोत से सभी दिशाओं में तरंगें गमन करती हैं, जिन्हें ‘द्वितीयक तरंगिकाएं’ कहा जाता है। इस प्रकार के माध्यम में प्रकाश तरंगें अधिक से अधिक चलती हैं।
-
ये भी पढ़े -
RBSE 12th Project Work 2023-24 : राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वी प्रोजेक्ट कार्य जारी; विषयवार PDF डाउनलोड करें
--
Rajasthan Board Class 12th Study Material
Rajasthan Board Study Material | |
Rajasthan Board Class 12 Syllabus 2022-23 | RBSE Textbook Solutions |
Rajasthan Board Class 12th Model Paper | RBSE Previous Year Question Papers |