RBSE Rajasthan Board 12th Exam 2024 : Political Science Most Important Question with Answer

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राजस्थान बोर्ड 12वीं की राजनीति विज्ञान परीक्षा 21 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
इस पोस्ट में राजस्थान बोर्ड 12th परीक्षा 2024 के लिए राजनीति विज्ञान के महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न, रिक्त स्थान, अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न, लघुत्तरात्मक प्रश्न (RBSE Board 12th Political Science Important Question 2024) दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
छात्रों को इन (RBSE Board 12th Political Science Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे राजनीति विज्ञान के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I
RBSE 12th Exam 2024 Political Science Most Important Question Answers
Important MCQs Questions
1. भारत का स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?
(अ) 15 अगस्त
(ब) 14 अगस्त
(स) 26 जनवरी
(द) 26 नवम्बर
Ans. (अ) 15 अगस्त
2. भारत का पहला भाग जहाँ सावभौम वयस्क मताधिकार के सिद्धांत को अपनाकर चुनाव हुआ -
(अ) केरल
(ब) सिक्किम
(स) मणिपुर
(द) गुजरात
Ans. (अ) केरल
3. भारत के पहले चुनाव आयुक्त थे -
(अ) सुकुमार सेन
(ब) पी.सी.
(स) ए के गोपालन
(द) सी. राजगोपालचारी
Ans. (अ) सुकुमार सेन
4. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया भारत में पहली बार किस राज्य में सत्ता में आयी ?
(अ) मेघालय
(ब) केरल
(स) पंजाब
(द) आंध्रप्रदेश
Ans. (ब) केरल
5. किसके नेतृत्व में अर्थशास्त्रियों और योजनकार की एक टोली ने दूसरी योजना तैयार की थी ?
(अ) के. एन. राज
(ब) पी. सी. महालनोबिस
(स) वर्गीज कुरियन
(द) उपरोक्त में से काई नहीं
Ans. (ब) पी. सी. महालनोबिस
6.आजादी के बाद शुरूआत में कांग्रेस का चुनाव चिह्न था -
(अ) हाथ का पंजा
(ब) झंडा
(स) चरखा
(द) दो बैलों की जोड़ी
Ans. (द) दो बैलों की जोड़ी
7. इंदिरा गांधी की हत्या हुयी -
(अ) 1980
(ब) 1982
(स) 1984
(द) 1986
Ans. (स) 1984
8. पंजाब व हरियाणा राज्य का निर्माण कब हुआ ?
(अ) 1950
(ब) 1956
(स) 1966
(द) 1897
Ans. (स) 1966
9. महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का संबंध किस राज्य से है ?
(अ) गोवा
(ब) महाराष्ट्र
(स) सिक्किम
(द) त्रिपुरा
Ans. (अ) गोवा
10. जनता पार्टी का उदय कब हुआ ?
(अ) 1960
(ब) 1967
(स) 1970
(द) 1977
Ans. (द) 1977
11. भारत ने किस वर्ष से गठबंधन राजनीति की शुरूआत की ?
(अ) 1969
(ब) 1977
(स) 1989
(द) 1999
Ans. (स) 1989
12. 'शॉक थैरेपी' किस संस्था द्वारा दिया गया था?
(अ) यू.एन.ओ. द्वारा
(स) विश्व बैंक द्वारा
(ब) यू.एन.ई.एस.सी. ओ. द्वारा
(द) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा
Ans. (द) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा
13. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय सोवियत संघ का नेता कौन था ?
(अ) ब्लादिमीर लेनिन
(ब) जोसेफ स्टालिन
(स) मिखाइल गोर्वाचेव
(द) ब्रेझनेव
Ans. (ब) जोसेफ स्टालिन
14. आसियान संगठन का संबंध किस क्षेत्र से है ?
(अ) यूरोप
(ब) उत्तरी अमेरिका
(स) दक्षिणी पूर्वी एशिया
(द) ऑस्ट्रेलिया
Ans. (स) दक्षिणी पूर्वी एशिया है।
15. प्रसिद्ध औद्योगिक ब्रांड हुंडई किस देश का है ?
(अ) जापान
(ब) चीन
(स) भारत
(द) दक्षिण कोरिया
Ans. दक्षिण कोरिया
16. सार्क का सचिवालय कहाँ स्थित है।
(अ) भूटान
(ब) चीन
(स) काठमांडू
(द) ढाका
Ans. (स) काठमांडू
17. यदि आपको विदेश यात्रा करनी हो तो निम्न में से किस देश में जाने के लिए वीजा पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी?
(अ) बांग्लादेश
(ब) नेपाल
(स) श्रीलंका
(द) मालदीव
Ans. (ब) नेपाल
18. विश्व शांति का प्रतीक जैतून की पत्तियाँ किस अंतर्राष्ट्रीय संगठन के प्रतीक चिह्न में है ?
(अ) संयुक्त राष्ट्र संघ
(ब) यूरोपीय संघ
(स) दक्षेस
(द) नाटो
Ans. (अ) संयुक्त राष्ट्र संघ
19. निम्न में से कौनसा देश यू.एन.ओ. के सालाना बजट में सर्वाधिक योगदान देता है?
(अ) फ्रांस
(स) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ब) जापान
(द) चीन
Ans. (स) संयुक्त राज्य अमेरिका
20. निम्न में से परंपरागत सुरक्षा नीति का तत्व है -
(अ) शक्ति - संतुलन
(ब) गठबंधन बनाना
(स) अपरोप
(द) उपरोक्त सभी
Ans. (द) उपरोक्त सभी है।
21. तुत्सी और हुतु जनजातियाँ निम्न में से किस देश में पाई जाती है ?
(अ) केन्या
(ब) रवांडा
(स) दक्षिण अफ्रीका
(द) जिम्बाबे
Ans. (ब) रवांडा
22. मानव विकास रिपोर्ट निकाली जाती है?
(अ) विश्व बैंक द्वारा
(ब) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा
(स) मानवाधिकार आयोग द्वारा
(द) विश्व व्यापार संगठन द्वारा
Ans. (ब) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा
23. निम्न में से किससे साझी किन्तु अलग-अलग जिम्मेदारी का सिद्धांत उभरकर आया
(अ) क्योटो प्रोटोकॉल
(ब) रियो पृथ्वी शिखर वार्ता
(स) पेरिस जलवायु सम्मेलन
(द) उपयुक्त में से कोई नही
Ans. (अ) क्योटो प्रोटोकॉल
24. वैश्वीकरण में आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक है -
(अ) राज्य
(ब) उत्पदक
(स) उपभोक्ता
(द) बाजार
Ans. (ब) उत्पदक
25. आसियान की स्थापना कब की गई -
(अ) 1949
(ब) 1957
(स) 1967
(द) 1948
Ans. (स) 1967
Important Fiill in the blanks Questions
1. भारत विभाजन की योजना को .................... नाम से जाना जाता है ।
Ans. माउंटबेटन योजना
2. अंग्रेज..................... नीति में विश्वास रखते थे ।
Ans. उदारवादी
3. देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण.................में किया गया।
Ans. दो चरणों
4. ................... नीति आयोग का अध्यक्ष होता है ।
Ans. प्रधानमंत्री
5. भारतीय सांख्यिकीय संस्थान के संस्थापक................... थे ।
Ans. प्रोफेसर प्रसांत चंद्र महालनोबिस
6. सी. नटराजन अन्नादुरई ने 1949 में ................... का बतौर राजनीतिक पार्टी का गठन किया था ।
Ans. द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम
7. वी.वी. गिरी................. राज्य के मजदूर नेता थे।
Ans. आंध्र प्रदेश
8. अगमी जापू फिजो................. राज्य की आजादी के आंदोलन के नेता थे।
Ans.नागालैंड
9. गोवा................. में भारत संघ का पूर्णकालीन राज्य बना।
Ans. 30 मई 1987
10. सिक्किम विधानसभा के लिए पहला लोकतांत्रिक चुनाव सन्....................में हुआ ।
Ans. 1974
11. हिंदुत्व शब्द........................ के द्वारा गढा गया था ।
Ans. चंद्रनाथ बसु
12. बहुजन समाज पार्टी के संस्थाक....................... थे
Ans. कांशीराम
13. अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण....................... आयोग की सिफारिश पर दिया गया ।
Ans. मंडल आयोग
14. 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच...................नदी के जल को लेकर समझौता हुआ।
Ans. सिंधु
15. 1998 में भारत ने ................... में परमाणु परीक्षण किए थे।
Ans. पोखरण
16. 1998 में पाकिस्तान ने.......................पर परमाणु परीक्षण किए ।
Ans. चागई
17. LITTE का पूरा नाम.................... है ।
Ans. लिबरेशन टाइगर्स तमिल ईलम
18. संयुक्त राष्ट्र दिवस प्रतिवर्ष ................... को मनाया जाता है ।
Ans. 24 अक्टूबर
19. स्थायी सदस्यों में वीटो पॉवर का सर्वाधिक बार उपयोग.....................ने किया है।
Ans. रूस
20. 2003 के................... में नवीकरणीय उर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया गया है।
Ans. विद्युत अधिनियम
21. पावन वन प्रात्तर या देवस्थान को मेघालय में..................... कहा जाता है।
Ans. काव
22. चिले में........................ नामक मूलवासी रहते हैं ।
Ans. मापुशे
23. पूरी दुनिया में कल्याणकारी राज्य की धारणा का स्थान................... राज्य ने ले ली है।
Ans. नियामक
24. नई...................... के परिणामस्वरूप राज्य अब पहले से ज्यादा ताकतवर है।
Ans. लोकसभा चुनाव
25. 1999 में, सिएटल में................की मंत्री स्तरीय बैठक का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था ।
Ans. विश्व व्यापार संगठन
Important Short Questions
1. सन् 1960 में मुम्बई राज्य का विभाजन करके कौन-कौनसे दो राज्यों का निर्माण किया गया ?
Ans. सन् 1960 में मुम्बई राज्य का विभाजन करके दो राज्यों का निर्माण किया गया:
- महाराष्ट्र
- गुजरात
2. उपनिवेशवाद से क्या अभिप्राय है?
Ans. उपनिवेशवाद एक ऐसी प्रणाली है जिसमें एक शक्तिशाली देश (उपनिवेशवादी शक्ति) कमजोर देशों (उपनिवेश) को अपने अधीन करता है और उनका शोषण करता है।
उपनिवेशवाद के कुछ प्रमुख पहलू:
- राजनीतिक नियंत्रण: उपनिवेशवादी शक्ति उपनिवेशों पर राजनीतिक नियंत्रण रखती है और अपनी सरकार स्थापित करती है।
- आर्थिक शोषण: उपनिवेशवादी शक्ति उपनिवेशों के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण करती है और उन्हें अपने लाभ के लिए उपयोग करती है।
- सांस्कृतिक प्रभाव: उपनिवेशवादी शक्ति अपनी संस्कृति और भाषा को उपनिवेशों पर थोपती है।
उपनिवेशवाद के कुछ नकारात्मक प्रभाव:
- आर्थिक पिछड़ापन: उपनिवेशों का आर्थिक विकास बाधित होता है।
- सामाजिक अशांति: उपनिवेशों में सामाजिक अशांति और हिंसा होती है।
- सांस्कृतिक क्षति: उपनिवेशों की अपनी संस्कृति और भाषा नष्ट हो जाती है।
3. भारतीय जनसंघ और स्वतन्त्र पार्टी के बीच तीन अंतर लिखिए ।
Ans. भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच तीन अंतर:
- विचारधारा:
- भारतीय जनसंघ: यह दक्षिणपंथी, हिंदुत्ववादी और रूढ़िवादी विचारधारा वाला दल था।
- स्वतंत्र पार्टी: यह दक्षिणपंथी, उदारवादी और मुक्त बाजार की विचारधारा वाला दल था।
- नीतियां:
- भारतीय जनसंघ: यह दल हिंदी भाषा, हिंदू संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित था।
- स्वतंत्र पार्टी: यह दल मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था, कम सरकारी हस्तक्षेप और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित था।
- नेतृत्व:
- भारतीय जनसंघ: इसके प्रमुख नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी थे।
- स्वतंत्र पार्टी: इसके प्रमुख नेता सी. राजगोपालाचारी, मिनू मसानी और एन.जी. रंगा थे।
4. भारत में पंचवर्षीय योजनाओं का मूल उद्देश्य क्या था ?
Ans. पंचवर्षीय योजनाओं का मूल उद्देश्य:
- आर्थिक विकास: भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित देश बनाने के लिए, योजनाओं ने कृषि, उद्योग और अन्य क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया।
- गरीबी उन्मूलन: योजनाओं का लक्ष्य गरीबी और बेरोजगारी को कम करना था।
- सामाजिक न्याय: योजनाओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया।
5. 1947 में भारत के विभाजन के पीछे कौन सा सिद्धांत था ?
Ans. 1947 में भारत के विभाजन के पीछे दो सिद्धांत थे:
1. द्वि-राष्ट्र सिद्धांत: यह सिद्धांत मुस्लिम लीग द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस सिद्धांत के अनुसार, भारत में दो राष्ट्र हैं: हिंदू और मुस्लिम। इन दोनों राष्ट्रों के अलग-अलग हित हैं और वे एक साथ नहीं रह सकते। इसलिए, भारत को दो अलग-अलग देशों में विभाजित किया जाना चाहिए: हिंदुस्तान और पाकिस्तान।
2. सांप्रदायिकता: यह एक राजनीतिक विचारधारा है जो धर्म के आधार पर लोगों को अलग करती है। भारत में, सांप्रदायिकता ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन को बढ़ावा दिया।
इन सिद्धांतों के कारण, 1947 में भारत का विभाजन हुआ। विभाजन के परिणामस्वरूप, लाखों लोग विस्थापित हुए और हजारों लोग मारे गए। विभाजन का भारत और पाकिस्तान दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
6. दक्षिण पंथ से आपका क्या तात्पर्य है?
Ans. दक्षिण पंथ:
दक्षिण पंथ एक राजनीतिक विचारधारा है जो सामाजिक क्रम, परंपराओं और राष्ट्रवाद को महत्व देती है। यह आमतौर पर निम्नलिखित विशेषताओं से जुड़ा होता है:
1. राष्ट्रवाद: दक्षिणपंथी राष्ट्रवाद को महत्व देते हैं और अपनी राष्ट्रीय संस्कृति और पहचान को बचाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
2. पारंपरिक मूल्य: दक्षिणपंथी पारंपरिक मूल्यों जैसे कि परिवार, धर्म और देशभक्ति को महत्व देते हैं।
3. सामाजिक क्रम: दक्षिणपंथी सामाजिक क्रम और स्थिरता को महत्व देते हैं और सामाजिक परिवर्तन के प्रति सतर्क रहते हैं।
4. अर्थव्यवस्था: दक्षिणपंथी आमतौर पर मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था और कम सरकारी हस्तक्षेप का समर्थन करते हैं।
5. अप्रवासन: दक्षिणपंथी आमतौर पर अप्रवासन को सीमित करने के पक्ष में होते हैं।
7. बाम्बे प्लान से आप क्या समझते है ?
Ans. बाम्बे प्लान:
बाम्बे प्लान एक आर्थिक नीति दस्तावेज था जिसे 1944 में भारतीय उद्योगपतियों के एक समूह द्वारा तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित देश बनाने के लिए एक योजना तैयार करना था।
बाम्बे प्लान की मुख्य विशेषताएं:
- भारी उद्योगों पर ध्यान केंद्रित: योजना ने भारी उद्योगों जैसे कि स्टील, मशीनरी और रसायन के विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
- आत्मनिर्भरता: योजना का लक्ष्य भारत को विदेशी सहायता पर कम निर्भर बनाना था।
- सरकारी नियोजन: योजना ने सरकार को अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कहा।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था: योजना ने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों को अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
बाम्बे प्लान का भारत के विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। इसने भारत की पहली पंचवर्षीय योजना को आकार देने में मदद की और भारत को एक आत्मनिर्भर और विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बाम्बे प्लान की कुछ आलोचनाएं:
- योजना बहुत महत्वाकांक्षी थी: कुछ लोगों का मानना था कि योजना बहुत महत्वाकांक्षी थी और इसे लागू करना मुश्किल होगा।
- योजना ने पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया: कुछ लोगों का मानना था कि योजना ने पर्यावरण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया
8. भारत में लोकतन्त्र स्थापित करने की चुनौती को समझाइये |
Ans. भारत में लोकतन्त्र स्थापित करने की कुछ प्रमुख चुनौतियाँ:
1. सामाजिक-आर्थिक असमानता: भारत में गरीबी, बेरोजगारी, और सामाजिक-आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं लोकतंत्र को कमजोर करती हैं। गरीब और वंचित वर्गों को राजनीतिक भागीदारी में समान अवसर नहीं मिलते हैं।
2. जातिवाद और साम्प्रदायिकता: भारत में जातिवाद और साम्प्रदायिकता जैसी समस्याएं लोकतंत्र को कमजोर करती हैं। इन समस्याओं के कारण, राजनीतिक दल वोटों के लिए जाति और धर्म का इस्तेमाल करते हैं, जिससे सामाजिक एकता और भाईचारे को खतरा होता है।
3. निरक्षरता: भारत में निरक्षरता दर अभी भी उच्च है। निरक्षर लोग राजनीतिक प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से भाग नहीं ले पाते हैं।
4. भ्रष्टाचार: भ्रष्टाचार भारत में लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। भ्रष्टाचार के कारण, लोगों का सरकार में विश्वास कम होता है और वे राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने से हतोत्साहित होते हैं।
5. कमजोर राजनीतिक दल: भारत में कई राजनीतिक दल हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर कमजोर और अस्थिर हैं। इन दलों में राजनीतिक विचारधारा की कमी होती है और वे वोटों के लिए जाति और धर्म का इस्तेमाल करते हैं।
9. किंगमेकर किसे कहते हैं ?
Ans. किंगमेकर
किंगमेकर एक ऐसा व्यक्ति या समूह होता है जिसका शाही या राजनीतिक उत्तराधिकार पर बहुत प्रभाव होता है, बिना स्वयं एक व्यवहार्य उम्मीदवार के। किंगमेकर उत्तराधिकार को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक, मौद्रिक, धार्मिक और सैन्य साधनों का उपयोग कर सकते हैं।
10. राजनीतिक भूकम्प से क्या तात्पर्य है ?
Ans. राजनीतिक भूकम्प:
राजनीतिक भूकम्प एक ऐसी घटना है जो राजनीतिक व्यवस्था में अचानक और बड़ा बदलाव लाती है। यह बदलाव चुनावों के परिणामस्वरूप हो सकता है, या किसी बड़ी घटना के कारण हो सकता है, जैसे कि क्रांति या युद्ध।
राजनीतिक भूकम्प के कुछ उदाहरण:
- 1989 में बर्लिन दीवार का गिरना: यह घटना शीत युद्ध के अंत का प्रतीक थी और इसने दुनिया भर में राजनीतिक व्यवस्थाओं को बदल दिया।
- 2011 में अरब स्प्रिंग: यह एक लोकप्रिय विद्रोह था जिसने कई अरब देशों में राजनीतिक व्यवस्थाओं को बदल दिया।
- 2016 में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प का चुनाव: यह एक अप्रत्याशित चुनाव परिणाम था जिसने अमेरिकी राजनीति में बड़ा बदलाव लाया।
राजनीतिक भूकम्प के परिणामस्वरूप:
- सरकार बदल सकती है: राजनीतिक भूकम्प के परिणामस्वरूप सरकार बदल सकती है।
- राजनीतिक व्यवस्था बदल सकती है: राजनीतिक भूकम्प के परिणामस्वरूप राजनीतिक व्यवस्था बदल सकती है।
- नए राजनीतिक दल और नेता उभर सकते हैं: राजनीतिक भूकम्प के परिणामस्वरूप नए राजनीतिक दल और नेता उभर सकते हैं।
11. राम मनोहर लोहिया के बारे में आप क्या जानते है ?
Ans. राम मनोहर लोहिया:
राम मनोहर लोहिया (23 मार्च 1910 - 12 अक्टूबर 1967) भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी विचारक और राजनीतिक नेता थे।
उनके जीवन और विचारों के बारे में कुछ मुख्य बातें:
- जन्म और शिक्षा: उनका जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में हुआ था। उन्होंने कोलकाता, बर्लिन और लंदन में शिक्षा प्राप्त की।
- स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी: उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और कई बार जेल गए।
- समाजवादी विचारधारा: वे एक समाजवादी थे और उन्होंने भारत में सामाजिक न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी।
- राजनीतिक दल: उन्होंने कई राजनीतिक दलों की स्थापना की, जिनमें सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी शामिल हैं।
- महत्वपूर्ण योगदान: उन्होंने भारत में जातिवाद, साम्प्रदायिकता और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- मृत्यु: 12 अक्टूबर 1967 को उनका निधन हो गया।
लोहिया के विचार आज भी प्रासंगिक हैं:
- सामाजिक न्याय: उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं, खासकर सामाजिक न्याय और समानता के क्षेत्र में।
- जातिवाद और साम्प्रदायिकता: उन्होंने जातिवाद और साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जो आज भी भारत में प्रमुख समस्याएं हैं।
- अहिंसा: वे अहिंसा के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने गांधीवादी विचारधारा को अपनाया।
12. 1960 के दशक में कांग्रेस प्रणाली की पहली बार चुनौती क्यों मिली ?
Ans. 1960 के दशक में कांग्रेस प्रणाली को पहली बार चुनौती मिली थी। इस दौरान भारत में गरीबी, असमानता, सांप्रदायिक और क्षेत्रीय विभाजन आदि के सवाल अभी अनसुलझे थे। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा गहन हो चली थी और ऐसे में कांग्रेस को अपना प्रभुत्व बरकरार रखने में मुश्किलें आ रही थीं। विपक्ष अब पहले की अपेक्षा कम विभाजित और कहीं ज़्यादा ताकतवर था। कांग्रेस को इस विपक्ष की चुनौती का सामना करना पड़ा। कांग्रेस को अंदरूनी चुनौतियाँ भी झेलनी पड़ी, क्योंकि अब यह पार्टी अपने अंदर की विभिन्नता को एक साथ थामकर नहीं चल पा रही थी।
13. दल-बदल की राजनीति को समझाइये |
Ans. दल-बदल की राजनीति
दल-बदल की राजनीति एक ऐसी घटना है जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधि, जैसे कि विधायक या सांसद, जिस राजनीतिक दल के टिकट पर चुनाव जीते थे, उसे छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल हो जाते हैं।
यह राजनीति अस्थिरता और भ्रष्टाचार का कारण बन सकती है, क्योंकि:
- यह सरकारों को अस्थिर कर सकती है: जब विधायक या सांसद दल बदलते हैं, तो सरकारों का बहुमत कम हो सकता है, जिससे सरकार गिर सकती है।
- यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकती है: दल बदलने वाले विधायकों या सांसदों को अक्सर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, जैसे कि मंत्री पद या अन्य लाभ।
- यह मतदाताओं के विश्वास को कम करती है: जब मतदाता देखते हैं कि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अपनी विचारधारा के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए दल बदल रहे हैं, तो वे राजनीतिक व्यवस्था से disillusioned हो जाते हैं।
दल-बदल की राजनीति को रोकने के लिए भारत में दल-बदल विरोधी कानून बनाया गया है। यह कानून कुछ अपवादों को छोड़कर, दल बदलने वाले विधायकों या सांसदों को अयोग्य घोषित करता है।
दल-बदल की राजनीति के कुछ प्रमुख कारण हैं:
- राजनीतिक महत्वाकांक्षा: कुछ विधायक या सांसद अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दल बदलते हैं, जैसे कि मंत्री बनने या मुख्यमंत्री बनने के लिए।
- वैचारिक मतभेद: कुछ विधायक या सांसद अपनी पार्टी की विचारधारा से असहमत होने पर दल बदलते हैं।
- व्यक्तिगत लाभ: कुछ विधायक या सांसद दल बदलते हैं क्योंकि उन्हें दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, जैसे कि मंत्री पद या अन्य लाभ।
दल-बदल की राजनीति के कुछ प्रमुख परिणाम हैं:
- सरकारों की अस्थिरता: दल बदलने से सरकारों का बहुमत कम हो सकता है, जिससे सरकार गिर सकती है।
- भ्रष्टाचार में वृद्धि: दल बदलने वाले विधायकों या सांसदों को अक्सर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, जैसे कि मंत्री पद या अन्य लाभ।
- मतदाताओं के विश्वास में कमी: जब मतदाता देखते हैं कि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अपनी विचारधारा के बजाय व्यक्तिगत लाभ के लिए दल बदल रहे हैं, तो वे राजनीतिक व्यवस्था से disillusioned हो जाते हैं।
14. चौधरी चरणसिंह के जीवन पर संक्षिप्त नोट लिखिए ।
Ans. चौधरी चरण सिंह: जीवन और योगदान
चौधरी चरण सिंह (23 दिसंबर 1902 - 29 मई 1987) भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वे एक किसान नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्रता सेनानी भी थे।
जीवन:
- उनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था।
- उन्होंने 1923 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
- उन्होंने 1930 के दशक में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और 1932 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- 1951 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- 1977 में वे गृह मंत्री बने और 1979 में वे भारत के प्रधानमंत्री बने।
योगदान:
- उन्होंने किसानों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जैसे कि भूमि सुधार और ऋण माफी।
- उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए भी काम किया।
- उन्होंने "छोटा किसान बड़ा किसान" का नारा दिया, जिसके तहत उन्होंने छोटे किसानों को बड़ा किसान बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
मृत्यु:
- 29 मई 1987 को उनका निधन हो गया।
चौधरी चरण सिंह को आज भी "किसानों का नेता" के रूप में याद किया जाता है।
उनके कुछ महत्वपूर्ण कार्य:
- 1952 में उन्होंने उत्तर प्रदेश में ज़मींदारी प्रथा को खत्म कर दिया।
- 1979 में उन्होंने "छोटा किसान बड़ा किसान" योजना शुरू की।
- उन्होंने "न्यूनतम आय गारंटी योजना" शुरू की।
चौधरी चरण सिंह एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
15. गुजरात आन्दोलन 1974 को स्पष्ट कीजिए ।
Ans. 1974 में गुजरात में नवनिर्माण आंदोलन एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था, जिसमें छात्रों और मध्यवर्गीय लोगों ने आर्थिक संकट और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। यह भारत के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में एकमात्र सफल आंदोलन था जिसके परिणामस्वरूप राज्य की चुनी हुई सरकार को विघटित कर दिया गया था 123.
घटनाएँ:
- चिमनभाई पटेल ने जुलाई 1973 में गुजरात के मुख्यमंत्री के पद पर घनश्याम ओझा की जगह ली थी। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे।
- 20 दिसंबर 1973 को, अहमदाबाद के एल.डी. कॉलेज के छात्रों ने होस्टल खानपान शुल्क में 20% की वृद्धि के खिलाफ हड़ताल की।
- 3 जनवरी 1974 को, गुजरात विश्वविद्यालय में भी ऐसी ही हड़ताल हुई, जिसमें पुलिस और छात्रों के बीच झगड़े हुए। इससे गुजरात के छात्रों में भी आंदोलन की भावना जागी।
- 7 जनवरी को शिक्षण संस्थानों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई, जिसमें उनकी मांगें खानपान और शिक्षा से संबंधित थीं।
- अहमदाबाद और वडोदरा में 10 जनवरी को हड़ताल हिंसक हो गई।
- 25 जनवरी 1974 को राज्यभर में हड़ताल का आयोजन हुआ, जिसमें कम से कम 33 शहरों में पुलिस और लोगों के बीच झगड़े हुए
16. नक्सलवादी आंदोलन क्या है ? भारतीय राजनीति पर इसके प्रभाव को स्पष्ट कीजिए ।
Ans. नक्सलवादी आंदोलन:
1. उत्पत्ति:
- 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गाँव में सशस्त्र किसान विद्रोह से शुरु हुआ।
- चारु माजूमदार और कानू सान्याल ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का गठन किया।
- माओवादी विचारधारा से प्रेरित, मुख्य रूप से आदिवासी समुदायों के बीच सक्रिय।
2. प्रभाव:
- राजनीति:
- गरीबों, आदिवासियों और दलितों के बीच सशक्तिकरण और राजनीतिक भागीदारी में वृद्धि।
- सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हिंसक संघर्ष, जिसके परिणामस्वरूप मानवाधिकार उल्लंघन हुए।
- सरकार की नीति में बदलाव, जिसमें विकास योजनाओं और आदिवासी अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- समाज:
- शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में सुधार।
- जातिवाद, सामंतवाद और शोषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ी।
- आदिवासी समुदायों की स्वायत्तता और सांस्कृतिक पहचान के लिए संघर्ष को बढ़ावा दिया।
- अर्थव्यवस्था:
- विकास योजनाओं में देरी और निवेश में कमी।
- बुनियादी ढांचे को नुकसान और आर्थिक गतिविधियों में बाधा।
- गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि।
17. द्रविड़ आंदोलन का लोकप्रिय नारा कौनसा है ?
Ans. द्रविड़ आंदोलन का लोकप्रिय नारा:
1. "हिन्दी थोपो मत, तमिल बोलो मत"
यह नारा 1960 के दशक में द्रविड़ आंदोलन के दौरान लोकप्रिय हुआ था। यह नारा हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा थोपे जाने के खिलाफ था। द्रविड़ आंदोलन का मानना था कि हिंदी थोपना दक्षिण भारत के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।
2. "द्रविड़ नाडु"
यह नारा एक अलग द्रविड़ राष्ट्र बनाने की मांग को दर्शाता है। द्रविड़ आंदोलन का मानना था कि दक्षिण भारत के लोगों की अपनी भाषा, संस्कृति और इतिहास है, और उन्हें भारत से अलग होना चाहिए।
3. "जै द्रविड़"
यह नारा द्रविड़ लोगों की एकता और भाईचारे का प्रतीक है। द्रविड़ आंदोलन का मानना था कि दक्षिण भारत के लोगों को जाति, धर्म और भाषा के बावजूद एकजुट होना चाहिए।
4. "हिन्दी भाषा, राष्ट्र भाषा नहीं"
यह नारा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के खिलाफ था। द्रविड़ आंदोलन का मानना था कि भारत में कोई भी भाषा राष्ट्रभाषा नहीं होनी चाहिए।
5. "एक भाषा, एक राष्ट्र नहीं"
यह नारा भारत की विविधता का प्रतीक है। द्रविड़ आंदोलन का मानना था कि भारत में कई भाषाएं और संस्कृतियां हैं, और यह विविधता ही भारत की ताकत है।
18. साफ्टा के महत्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
Ans. साफ्टा का महत्व
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (साफ्टा) दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण समझौता है। यह समझौता 2006 में लागू हुआ और इसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और मालदीव शामिल हैं।
साफ्टा का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में दर्शाया गया है:
- व्यापार में वृद्धि: साफ्टा ने सदस्य देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2006 में 6.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023 में 34.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- आर्थिक विकास: साफ्टा ने सदस्य देशों के आर्थिक विकास में भी योगदान दिया है। यह अनुमान लगाया गया है कि साफ्टा ने 2023 में सदस्य देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5% की वृद्धि की है।
- रोजगार सृजन: साफ्टा ने सदस्य देशों में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि की है। यह अनुमान लगाया गया है कि साफ्टा ने 2023 में सदस्य देशों में 2.5 मिलियन नए रोजगार सृजित किए हैं।
- क्षेत्रीय एकीकरण: साफ्टा ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में एकीकरण को बढ़ावा देने में भी मदद की है। यह समझौता सदस्य देशों के बीच राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सहयोग को भी बढ़ावा देता है।
19. असम समझौता क्या था? और इसके क्या परिणाम हये ?
Ans. असम समझौता: परिणाम और महत्व
असम समझौता:
- भारत सरकार और असम आंदोलन के नेताओं के बीच 15 अगस्त 1985 को हस्ताक्षरित।
- 1979-1985 के असम आंदोलन को समाप्त करने के लिए किया गया।
मुख्य परिणाम:
- नागरिकता: 24 मार्च 1971 तक असम में आए लोगों को नागरिकता।
- आंतरिक रेखा परमिट (आईएलपी): बाहरी लोगों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए।
- भाषा: असमिया भाषा को एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित।
- सुरक्षा: विशेष सुरक्षा बलों का गठन।
महत्व:
- असम आंदोलन का अंत।
- नागरिकता मुद्दे का समाधान।
- आईएलपी: बाहरी लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण।
- असमिया भाषा को बढ़ावा।
- सुरक्षा और स्थिरता में वृद्धि।
20. कांग्रेस प्रणाली के अन्त से क्या अभिप्राय है?
Ans. कांग्रेस प्रणाली का अंत:
अर्थ:
- 1947 से 1990 तक भारत में कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक वर्चस्व।
- एक दलीय प्रणाली, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने केंद्र और अधिकांश राज्यों में सरकार बनाई।
कारण:
- स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका।
- गांधी और नेहरू जैसे लोकप्रिय नेता।
- कमजोर विपक्ष।
- सामाजिक न्याय और विकास पर ध्यान।
अंत:
- 1980 के दशक में कांग्रेस पार्टी में भ्रष्टाचार और गुटबाजी।
- राम मंदिर आंदोलन और मंडल आयोग की रिपोर्ट से सामाजिक ध्रुवीकरण।
- क्षेत्रीय दलों का उदय।
- 1990 के दशक में गैर-कांग्रेसी सरकारों का गठन।
परिणाम:
- बहुदलीय प्रणाली का उदय।
- राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि।
- क्षेत्रीय दलों का बढ़ता महत्व।
- गठबंधन सरकारों का दौर।
21. शॉक थैरेपी क्या है ? उत्तर साम्यवादी सताओं पर इसके परिणामों का आंकलन कीजिए ।
Ans. शॉक थैरेपी: साम्यवादी सत्ता पर प्रभाव
शॉक थैरेपी:
- अर्थव्यवस्था को तेजी से मुक्त बाजार में बदलने के लिए नीतियां।
- साम्यवादी देशों में 1990 के दशक में लागू किया गया।
- मुक्त व्यापार, निजीकरण और मूल्य नियंत्रण हटाना।
साम्यवादी सत्ता पर प्रभाव:
सकारात्मक:
- अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि।
- निजी क्षेत्र का विकास।
- उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता में वृद्धि।
नकारात्मक:
- बेरोजगारी में वृद्धि।
- गरीबी और असमानता में वृद्धि।
- सामाजिक सुरक्षा में कमी।
- राजनीतिक अस्थिरता।
उदाहरण:
- रूस में 1992 में बोरिस येल्तसिन द्वारा लागू किया गया।
- चीन में 1978 में डेंग शियाओपिंग द्वारा लागू किया गया।
22. जर्मनी का एकीकरण कब हुआ ?
Ans. जर्मनी का एकीकरण 18 जनवरी 1871 को हुआ था। 1866 में ऑस्ट्रिया-प्रुशिया युद्ध के बाद, प्रशा के नेतृत्व में उत्तरी जर्मन संघ का गठन हुआ। 1870 में फ्रांको-प्रुशिया युद्ध में फ्रांस की हार के बाद, दक्षिणी जर्मन राज्य भी इस संघ में शामिल हो गए, जिससे जर्मन साम्राज्य का निर्माण हुआ।
23. यूरोप में संख्या 12 किसका प्रतीक मानी जाती है?
Ans. यरोप में संख्या 12 कई चीजों का प्रतीक मानी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
पूर्णता: 12 को अक्सर पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। यह संभवतः 12 महीनों, 12 राशियों और 12 प्रेरितों से जुड़ा हुआ है।
संपूर्णता: 12 को अक्सर संपूर्णता का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 घंटों के दिन और रात से जुड़ा हुआ है।
ईश्वरीय शक्ति: 12 को ईश्वरीय शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 इज़राइली कबीलों और 12 प्रेरितों से जुड़ा हुआ है।
भाग्य: 12 को भाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 राशियों और 12 टैरो कार्ड से जुड़ा हुआ है।
प्रेम: 12 को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 महीनों और 12 दिनों के क्रिसमस उत्सव से जुड़ा हुआ है।
राजा: 12 को राजा का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 शूरवीरों और 12 राजाओं की मेज से जुड़ा हुआ है।
समय: 12 को समय का प्रतीक भी माना जाता है। यह संभवतः 12 घंटों के दिन और रात और 12 महीनों के वर्ष से जुड़ा हुआ है।
24. मार्शल योजना क्या है?
Ans.मार्शल योजना, जिसे आधिकारिक तौर पर यूरोपीय रिकवरी कार्यक्रम (European Recovery Program) के नाम से जाना जाता है, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय देशों के पुनर्निर्माण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुरू की गई एक योजना थी। यह योजना 1948 से 1952 तक लागू रही।
25. सार्क की स्थापना के क्या उद्देश्य थे?
Ans. सार्क की स्थापना के उद्देश्य:
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) की स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई थी। इसके सदस्य देश अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।
सार्क की स्थापना के मुख्य उद्देश्य:
- क्षेत्रीय सहयोग: दक्षिण एशियाई देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना।
- आर्थिक विकास: क्षेत्रीय विकास और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना।
- सामाजिक विकास: गरीबी, भुखमरी और बीमारी जैसी सामाजिक समस्याओं को दूर करना।
- सांस्कृतिक विकास: क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना।
- क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा: क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बनाए रखना।
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