Bihar Board Inter Hindi Exam 2025 : कक्षा 12 हिन्दी VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

SHARING IS CARING
If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.
Bihar Board Inter Hindi Viral Question 2025: बिहार बोर्ड 12वीं हिन्दी परीक्षा 2025 (BSEB Inter Viral Question 2025) के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वायरल प्रश्न यहां दिए गए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सभी प्रमुख ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार करके आप अपनी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आगामी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर बनाएं।
Bihar Board Class 12th Hindi Most Important Question 2025
आप नीचे दिए गए हिन्दी का Most VVI Question (BSEB Inter Important Question 2025) के महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे हिन्दी के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।
Bihar Board Class 12th Hindi Most Important Objective Question 2025
1. बालकृष्ण भट्ट की रचना बातचीत क्या है ?
(A) एकांकी
(B) कहानी
(C) यात्रा संस्मरण
(D) ललित निबंध
Answer ⇒(D)
2. बालकृष्ण भट्ट किस युग के निबंधकार थे ?
(A) प्रसाद युग
(B) भारतेंदु युग
(C) द्विवेदी युग
(D) स्वातंत्र्योत्तर युग
Answer ⇒ (B)
3. मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या है ?
(A) विद्वतापूर्ण बात करना
(B) तर्कपूर्ण बात करना
(C) भीड़ से बात करना
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना
Answer ⇒ (D)
4. ‘संवाद’ में सबसे महत्त्वपूर्ण क्या है ?
(A) तर्क
(B) जिज्ञासा
(C) आत्मीयता
(D) प्रवाहपूर्ण भाषा
Answer ⇒ (C)
5. पलुटन का विदूषक कौन था ?
(A) हजारा सिंह
(B) मुख्तार सिंह
(C) वजीरा सिंह
(D) कुलदीप सिंह
Answer ⇒ (C)
6. सुबेदार हजारा सिंह के लड़के का नाम था !
(A) बोधा सिंह
(B) महा सिंह
(C) कीरत सिंह
(D) जगधारी सिंह
Answer ⇒ (A)
7. ‘ब्रेन ऑफ बांबे’ किसे कहा जाता था ?
(A) उमाशंकर दीक्षित को
(B) शीला दीक्षित को
(C) सुरेन्द्र दीक्षित को
(D) हृदयनारायण दीक्षित को
Answer ⇒ (A)
8. जयप्रकाश नारायण ने आई०एस-सी० की परीक्षा कहाँ से पास की ?
(A) पटना कॉलेज
(B) पटना साइंस कॉलेज
(C) हिन्दू विश्वविद्यालय
(D) बिहार विद्यापीठ
Answer ⇒ (D)
9. बुद्ध और महावीर ने नारियों को कौन-सा अधिकार दिया ?
(A) संन्यास लेने का।
(B) भिक्षुणी होने का
(C) पति के त्याग का
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
10. “पुरूष जब नारी के गुण लेता है तब वह देवता बन जाता है। किन्तु नारी जब नर के गुण सीखती है तब वह राक्षस हो जाती है।” यह किसका कथन है ?
(A). दिनकर जी का
(B) रवीन्द्रनाथ का
(C) प्रेमचन्द का
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
11. ‘अर्धनारीश्वर’ का किस विद्या से संबंध है ?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) एकांकी
(D) व्यंग्य
Answer ⇒ (C)
12. किसने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में नारीत्व की साधना की थी ?
(A) गाँधी जी ने
(B) रवीन्द्रनाथ ने
(C) दिनकर जी ने
(D) उदयप्रकाश ने
Answer ⇒ (A)
13. महेश्वर कौन-सा फल लेकर आया था ?
(A) आम
(B) केला
(C) सेव
(D) संतरा
Answer ⇒ (A)
14. ‘रोज’ कहानी का कौन-सा पात्र डॉक्टरी पेशा से जुड़ा था ?
(A) मालती
(B) महेश्वर
(C) मालती के रिश्ते का भाई
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
15. अज्ञेय जी ने कितनी वर्ष की उम्र में कविता लिखना शुरू किया ?
(A) दस वर्ष
(B) बारह वर्ष
(C) पन्द्रह वर्ष
(D) बीस वर्ष
Answer ⇒ (A)
16. भगत सिंह को फाँसी दी गई –
(A) 23 मार्च 1931 को
(B) 24 मार्च 1931 को
(C) 25 मार्च 1932 को
(D) 22 मार्च 1931 को
Answer ⇒ (A)
17. एक लेख और एक पत्र के रचनाकार है:-
(A) भगत सिंह
(B) सुखदेव
(C) राजगृह
(D) चन्द्रशेखर आजाद
Answer ⇒ (A)
18. चौरा - चौरी कांड कब हुआ था ?
(A) 1921 में
(B) 1922 में
(C) 1924 में
(D) 1920 में
Answer ⇒ (B)
19. “तीनकृठिया’ प्रथा का संबंध है ?
(A) इंख से
(B) तम्बाकू से
(C) मसाला से
(D) नील से
Answer ⇒ (D)
20. पंडई नदी कहाँ तक जाती है ?
(A) भिखनाथोरी
(B) बगहा
(C) रामनगर
(D) भितिहरवा
Answer ⇒ (A)
21. मोहन राकेश का जन्म कब हुआ था ?
(A) 8 जनवरी 1925 को
(B) 18 फरवरी 1930 को
(C) 20 जनवरी 1926 को
(D) 14 जनवरी 1931 को
Answer ⇒ (A)
22. इनमें कौन-सी कृति मोहन राकेश की है ?
(A) जिंदगी मुस्कुराई
(B) जानवर और जानवर
(C) कोशी का घटवार
(D) बहती गंगा
Answer ⇒ (B)
23. ‘राम की शक्तिपूजा’ किसकी कविता है ?
(A) पंत
(B) दिनकर
(C) महादेवी वर्मा
(D) निराला
Answer ⇒ (D)
24. ‘प्रगीत’ और समाज के लेखक है ?
(A) बालकृष्ण भट्ट
(B) जयप्रकाश नारायण
(C) नामवर सिंह
(D) उदय प्रकाश
Answer ⇒ (C)
25. आत्मकथा लेखक की माँ किसके यहाँ काम करती थी ?
(A) सोमदत्त तगा के घर
(B) यज्ञदत्त तगा के घर
(C) ब्रह्मदेव तगा के घर
(D) ज्ञानदेव तगा के घर
Answer ⇒ (C)
26. ‘हर आदमी उस संसार को रचता है जिसमें वह जीता है और भोगता है।” यह कथन किसका है ?
(A) जयशंकर प्रसाद का
(B) ‘अज्ञेय’ का
(C) मलयज का
(D) प्रेमचंद का
Answer ⇒ (C)
27. ‘अरेबा-परेवा’ उदय प्रकाश की कैसी कृति है ?
(A) उपन्यास
(B) कहानी-संग्रह
(C) कविता-संग्रह
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
28. कहानीकार को सपने में बोलने और चीखने की आदत है यह किसने बतलाया ?
(A) कहानीकार के पिता ने
(B) कहानीकार की माँ ने
(C) कहानीकार के भैया ने
(D) कहानीकार के चाचा ने
Answer ⇒ (B)
29. लेखक के अनुसार कुछ परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लेने से कहीं ज्यादा कठिन क्या है ?
(A) जीवन में उन्नति करना
(B) जीवन खुशी पूर्वक व्यतीत करना
(C) जीवन को समझना
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
30. लेखक के अनुसार सच्ची शिक्षा हमें क्या देती है ?
(A) रोजगार
(B) प्रसिद्धि
(C) व्यापकता
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
31. ‘पद्मावत’ किसकी रचना है ?
(A) मुल्ला दाउद की
(B) कुतुबन की
(C) जायसी की
(D) मंडन की
Answer ⇒ (C)
32. सूरदास के गुरु का नाम क्या था ?
(A) नरहरिदास
(B) बिट्ठलनाथ
(C) बल्लभाचार्य
(D) आनंददास
Answer ⇒ (C)
33. तुलसीदास के शिक्षा गुरु थे –
(A) नरहरिदास
(B) रविदास
(C) शेष सनातन
(D) मधुसूदन सरस्वती
Answer ⇒ (C)
34. “सर कवित्त सुनि कौन कवि’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) यमक
(B) रूपक
(C) उपमा
(D) अनुप्रास
Answer ⇒ (D)
35. भूषण ने कौन-सी कविता लिखी है ?
(A) छप्पय
(B) पद
(C) कवित्त
(D) कड़बड़
Answer ⇒ (C)
36. ‘मैं उषा की ज्योति’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) श्लेष
(B) अनुप्रास
(C) उपमा
(D) यमक
Answer ⇒ (B)
37. ‘कंकाल’ क्या है ?
(A) महाकाव्य
(B) कहानी
(C) उपन्यास
(D) प्रबंधकाव्य
Answer ⇒ (C)
38. सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ ?
(A) 16 अगस्त, 1904 को
(B) 20 जुलाई, 1920 को
(C) 18 मई, 1930 को
(D) 12 अगस्त, 1905 को
Answer ⇒ (A)
39. सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम क्या था ?
(A) ठाकर राजनाथ सिंह
(B) ठाकर हरिनाथ सिंह
(C) ठाकुर रामनाथ सिंह
(D) ठाकुर जगमोहन सिंह
Answer ⇒ (C)
40. सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता कौन-सी है ?
(A) प्यारे नन्हे बेटे को
(B) पुत्र वियोग
(C) हार-जीत
(D) गाँव का घर
Answer ⇒ (B)
41. शमशेर बहादुर सिंह ने कौन - सी कविता लिखी है ?
(A) पुत्र वियोग
(B) उषा
(C) हार-जीत
(D) अधिनायक
Answer ⇒ (B)
42. ‘चुका भी नहीं हूँ मैं’ के रचयिता कौन हैं ?
(A) त्रिलोचन
(B) नागार्जुन
(C) शमशेर बहादुर सिंह
(D) मुक्तिबोध
Answer ⇒ (C)
43. ‘जन-जन का चेहरा एक’ शीर्षक कविता किसकी रचना है ?
(A) रघुवरी सहाय
(B) गजानन माधव मुक्तिबोध
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) अशोक वाजपेयी
Answer ⇒ (B)
44. गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म कहा हुआ था ?
(A) बिहार
(B) दिल्ली
(C) छतीसगढ़
(D) पंजाब
Answer ⇒ (C)
45. रघुवीर सहाय का जन्म कब हआ था ?
(A) 9 दिसंबर, 1929 को
(B) 19 दिसंबर, 1930 को
(C) 29 सिंतबर, 1931 को
(D) 19 दिसंबर, 1928 को
Answer ⇒ (A)
46. रघुवीर सहाय के पिताजी का क्या नाम था ?
(A) रघुवंश सहाय
(B) हरदेव सहायं
(C) मणिशंकर सहाय
(D) रघुनंदन सहाय
Answer ⇒ (B)
47. रघुवीर सहाय का जन्म स्थल कौन-सा है ?
(A) काशी
(B) लखनऊ
(C) मेरठ
(D) आगरा
Answer ⇒ (B)
48. विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कहाँ हुआ था ?
(A) उत्तर प्रदेश
(B) बिहार
(C) मध्य प्रदेश
(D) छत्तीसगढ़
Answer ⇒ (D)
49. अशोक वाजपेयी की माँ का नाम क्या था ?
(A) विमला देवी
(B) श्यामला देवी
(C) निर्मला देवी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
50. ज्ञानेंद्रपति को ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ किस कृति पर मिला था ?
(A) आँख हाथ बनते हुए
(B) संशयात्मा
(C) गंगातट
(D) पढ़ते-पढ़ते
Answer ⇒ (B)
Bihar Board Hindi Class 12th Important Questions (Short and Long)
1. अगर हममें वाशक्ति न होती तो क्या होता ?
Answer ⇒ हममें वाक्शक्ति न होती तो मनुष्य गूंगा होता, वह मूकबधिर होता। मनुष्य को सृष्टि की सबसे महत्वपूर्ण देन उसकी वाक्शक्ति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह समाज में वार्तालाप करता है। वह अपनी बातों को अभिव्यक्त करता है. और उसकी यही अभिव्यक्ति वाकशक्ति भाषा कहलाती है। व्यक्ति समाज में रहता है। इसलिए अन्य व्यक्ति के साथ उ पारस्परिक सम्बन्ध और कुछ जरूरतें होती हैं जिसके कारण वह वार्तालाप करता है। यह ईश्वर द्वारा दी हुई मनुष्य की अनमोल कृति है। इसी वाक्शक्ति के कारण वह मनुष्य है। यदि हममें इस वाकशक्ति का अभाव होता तो मनुष्य जानवरों की भाँति ही होता। वह अपनी क्रियाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। जो हम सुख-दुख इंद्रियों के कारण अनुभव करते हैं वह अवाक रहने के कारण नहीं कह पाते।
2. बातचीत के संबंध में बेन जॉनसन और एडिसन के क्या विचार हैं ?
Answer ⇒ बातचीत के संदर्भ में विभिन्न विद्वानों ने अपने-अपने ढंग से अनेक विचार रखे हैं। इनमें बेन जॉनसन और एडिसन के विचारों को लेखक ने यहाँ उद्धृत किया है। बेन जॉनसन के अनुसार बोलने से ही मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। वास्तव में, जब तक मनुष्य बोलता नहीं तबतक उसका गुण-दोष प्रकट नहीं होता। दूसरे विद्वान एडिसन के अनुसार असल बातचीत केवल दो व्यक्तियों में हो सकती है। कहने का तात्पर्य है कि जब दो आदमी होते तभी अपना दिल एक-दूसरे के सामने खोलते हैं। तीसरे व्यक्ति की अनुपस्थिति मात्र से ही बातचीत की धारा बदल जाती है। जब चार आदमी हुए तो ‘बेतकल्लुफी’ का स्थान ‘फार्मेलिटी’ ले लेती है। अर्थात्. बातचीत सारगर्भित न होकर मात्र रस्म अदायगी भर रह जाती है।
3. ‘उसने कहा था’ कहानी में किसने, किससे क्या कहा था ?
Answer ⇒ उसने कहा था’ कहानी में सुबेदारनी ने लहना सिंह से कहा कि जिस तरह उस समय उसने एक बार घोड़े की लातों से उसकी रक्षा की थी उसी प्रकार उसके पति और एकमात्र पुत्र की भी वह रक्षा करें। वह उसके आगे अपना आँचल पसार कर भिक्षा माँगती है। यह बात लहना सिंह के मर्म को छू जाती है।
4. जय प्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं शामिल हए ?
Answer ⇒ जय प्रकाश नारायण अमेरिका में घोर कम्युनिस्ट थे। वह लेनिन का जमाना था वह ट्राटस्की का जमाना था। 1924 में लेनिन के मरने के बाद वे मार्क्सवादी बन गये। वे जब भारत लौटे तो घोर कम्युनिस्ट बनकर लौटे, लेकिन वे कम्युनिस्ट पार्टी में नहीं शामिल हुए। वे काँग्रेस में दाखिल हुए।
जय प्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में इसलिए शामिल नहीं हुए क्योंकि उस समय भारत गुलाम था। उन्होंने लेनिन से जो सीखा था वह यह सीखा था कि जो गुलाम देश हैं, वहाँ के जो कम्युनिस्ट हैं, उनको कदापि वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग नहीं रखना चाहिए। चाहे उस लड़ाई का नेतृत्व ‘बुर्जुआ क्लास’ करता हो या पूँजीपतियों के हाथ में उसका नेतृत्व हो।
5. प्रवृत्तिमार्ग और निवृत्तिमार्ग क्या है ?
Answer ⇒ पुरुषों की मान्यता है कि नारी आनंद की खान है। जो पुरुष जीवन से आनंद चाहते थे उन्होंने नारी को गले लगाया। वे प्रवृत्तिमार्गी हैं अर्थात् जिस मार्ग के प्रचार से नारी की पद-मर्यादा उठती है उसे प्रवृत्तिमार्ग कहा गया। निवृत्तिमार्ग वे हैं जिन्होंने अपने जीवन के साथ नारी को भी ढकेल दिया, क्योंकि नारी उनके किसी काम की चीज नहीं थी। इसके लिए उन्होंने संन्यास ग्रहण किया और वैयक्तिक मुक्ति की खोज को जीवन का सबसे बड़ा साधन माना। संन्यासी मार्ग ही निवृत्ति मार्ग है।
6. गैंग्रीन क्या होता है ?
Answer ⇒ पहाड़ियों पर रहने वाले व्यक्तियों को काँटा चुभना आम बात है। परन्तु काँटा चुभने के बाद बहुत दिनों तक छोड़ देने के बाद व्यक्ति का पाँव जख्म का शक्ल अख्तियार कर लेता है जिसका इलाज मात्र पाँव का काटना ही है। काँटा चुभने पर जख्म ही गैंग्रीन कहते हैं।
7. धाँगड़ शब्द का क्या आशय है ?
Answer ⇒ धाँगड़ शब्द का अर्थ ओराँब भाषा में है-भाड़े का मजदूर। धाँगड़ एक आदिवासी जाति है, जिसे 18 वीं शताब्दी के अंत में नील की खेती के सिलसिले में दक्षिण बिहार के छोटानागपुर पठार से चंपारण के इलाके में लाया गया था। धाँगड़ जाति आदिवासी जातियों-ओराँव, मुंडा, लोहार इत्यादि के वंशज हैं, लेकिन ये अपने आप को आदिवासी नहीं मानते हैं। धाँगड़ मिश्रित ओराँव भाषा में बात करते हैं। धाँगड़ों का सामाजिक जीवन बेहद उल्लासपूर्ण है, स्त्री-पुरुष ढलती शाम के मंद प्रकाश में सामूहिक नृत्य करते हैं।
8. ‘धरती का क्षण’ से क्या आशय है ?
Answer ⇒ लेखक कविता के मूड में जब डायरी लिखते हैं तो शब्द और अर्थ के मध्य की दूरी अनिर्धारित हो जाती है। शब्द अर्थ में और अर्थ शब्द में बदलते चले जाते हैं, एक दूसरे को पकड़ते-छोड़ते हुए। शब्द और अर्थ का जब साथ नहीं होता तो वह आकाश होता है जिसमें रचनाएँ बिजली के फूल की तरह खिल उठती हैं किन्तु जब इनका साथ होता है तो वह धरती का क्षण होता है और उसमें रचनाएँ जड़ पा लेती हैं। प्रस्फटन का आदि मोत पा जाती है। अतः यह कहना उचित है कि शब्द और अर्थ दोनों एक-दूसरे के पूरक है।
9. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के काव्य-आदर्श क्या थे ? पाठ के आधार , स्पष्ट करें।
Answer ⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के काव्य आदर्श प्रबंधकाव्य थे क्योंकि प्रबन्धकाव्य में मानव जीवन का एक पर्ण दृश्य होता है। प्रबन्धकाव्य जीवन के सम्पूर्ण पक्ष को प्रकाशित करता है। आचार्य शुक्ल को यह इसलिए परिसीमित लगा क्योंकि वह गीतिकाव्य है। आधनिक का से उन्हें शिकायत भी थी, इसका कारण था-“कला कला” की पुकार, जिसके फलस्वरूप यूरोप में प्रगीत-मुक्तकों (लिरिक्स) का ही चलन अधिक देखकर यह कहा जाने लगा कि अब यहाँ भी उसी का जमाना आ गया है। इस तर्क के पक्ष में यह कहा जाने लगा कि अब ऐसी लंबी कविताएँ पढ़ने की किसी को फुरसत कहाँ है जिनमें कुछ इतिवृत्त भी मिला रहता हो। ऐसी धारणा बन गई कि अब तो विशुद्ध काव्य की सामग्री जुटाकर सामने रख देनी चाहिए जो छोटे-छोटे प्रगीत मुक्तकों में ही संभव है। इस प्रकार काव्य में जीवन को अनेक परिस्थितियों की ओर ले जाने वाले प्रसंगों या आख्यानों की उद्भावना बन्द सी हो गई। यही कारण था कि ज्यों ही प्रसाद की “कामायनी”, “शेरसिंह का शस्त्र समर्पण”, “पंसोला की प्रतिध्वनि”, “प्रलय की छाया” तथा निराला की “राम की शक्तिपूजा” तथा “तुलसीदास’ जैसे आख्यानक काव्य सामने आए तो आचार्य शुक्ल ने संतोष व्यक्त किया।
10. एकांकी और नाटक में क्या अंतर है ? संक्षेप में बताएँ।
Answer ⇒ एकांकी और नाटक में निम्नलिखित अंतर हैं –
1. एकांकी में एक ही अंक होता है और उस एक अंक में एक से अधिक दृश्य होते हैं जबकि नाटक में एक से अधिक अंक या एक्ट होते हैं और प्रत्येक अंक कई दृश्यों में विभाजित होकर प्रस्तुत होता है।
2. एकांकी नाटक में एकल कथा होती है अर्थात् वहाँ केवल आधिकारिक कथा प्रासंगिक नहीं। साथ ही नाटक में आधिकारिक कथा आकार की दृष्टि से छोटी होती है तथा कोई एक लक्ष्य लेकर चलती है।
3. एकांकी और नाटक में क्रिया व्यापार की सत्ता प्रधान होती है। इसे संघर्ष या द्वन्द्व कहा जाता है। यही कथा और पात्र को लक्ष्य तक पहुंचाता है। एकांकी में यह क्रिया व्यापार सीधी रेखा में चलता है लेकिन नाटक में प्रायः टेढ़ी-सीधी रेखा चलती है। नाटक में इतर प्रसंगों के लिये अवसर होता है लेकिन एकांकी में भटकने की गुंजाइश नहीं होती है।
4. एकांकी में यथासाध्य जरूरी स्थितियों को ही कहने की चेष्टा की जाती है जबकि नाटक में देशकाल और वातावरण को थोड़े विस्तार से चित्रित करने का अवसर होता है।
5. भारतीय दृष्टि से नाटक में कथा को नियोजित संघटित करने के लिए अर्थ प्रकति कार्यावस्था और नाट्य संधि का विधान किया गया है लेकिन एकांकी में इनकी आवश्यकता नहीं पड़ती है।
11. भगत सिंह ने कैसी मृत्यु को सुंदर कहा है ? वे आत्महत्या को कायरता कहते हैं, इस संबंध में उनके विचारों को स्पष्ट करें।
Answer ⇒ भगत सिंह देश सेवा के बदले दी गई फाँसी (मृत्युदंड) को सुंदर मृत्यु कहा है। भगत सिंह इस संदर्भ में कहते हैं कि जब देश के भाग्य का निर्णय हो रहा हो तो व्यक्तियों के भाग्य को पूर्णतया भुला देनी चाहिए। इसी दृढ़ इच्छा के साथ हमारी मुक्ति का प्रस्ताव सम्मिलित रूप में और विश्वव्यापी हो और उसके साथ ही जब यह आंदोलन अपनी चरम सीमा पर पहुँचे तो हमें फाँसी दे दी जाय। यह मृत्यु भगत सिंह के लिए सुंदर होगी जिसमें हमारे देश का कल्याण होगा। शोषक यहाँ से चले जायेंगे और हम अपना कार्य आप करेंगे। इसी के साथ व्यापक समाजवाद की कल्पना भी करते हैं जिसमें हमारी मृत्यु बेकार न जाय। अर्थात् संघर्ष में मरना एक आदर्श मृत्यु है। भगत सिंह आत्महत्या को कयरता कहते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति जो आत्महत्या करेगा वह थोड़ा दुख, कष्ट सहने के चलते करेगा। वह अपना समस्त मूल्य एक ही क्षण में खो देगा। इस संदर्भ में उनका विचार है कि मेरे जैसे विश्वास और विचारों वाला व्यक्ति व्यर्थ में मरना कदापि सहन नहीं कर सकता। हम तो अपने जीवन का अधिक-से-अधिक मूल्य प्राप्त करना चाहते हैं। हम मानवता की अधिक-से-अधिक सेवा करना चाहते हैं। संघर्ष में मरना एक आदर्श मृत्यु है। प्रयत्नशील होना एवं श्रेष्ठ और उत्कृष्ट आदर्श के लिए जीवन दे देना कदापि आत्महत्या नहीं कही जा सकती। आत्महत्या को कायरता इसलिए कहते हैं कि केवल कुछ दुखों से बचने के लिए अपने जीवन को समाप्त कर देते हैं। इस संदर्भ में वे एक विचार भी देते हैं कि विपत्तियाँ व्यक्ति को पूर्ण बनाने वाली होती है।
12. थानू कौन था ? लेखक के साथ क्या संबंध था ?
Answer ⇒ थानू लेखक का मित्र है। थानू लेखक का प्रिय एवं विश्वसनीय मित्र होने के नाते ‘तिरिछ’ के बारे में बता रहा था। जब लेखक के पिता को ‘तिरिछ’ जैसा विषैला जंत काट लेता है तब वह (थान) कहता है कि ‘तिरिछ’ द्वारा काटा गया व्यक्ति जीवित नहीं रह पाता तथा उसकी मृत्यु चौबीस घंटे के भीतर हो जाती है। अब चूँकि उनकी (पिताजी की मृत्यु हो चुकी है इसलिए थानू अपने पूर्व कथन की पुनः पुष्टि कर रहा है।
13. जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती, क्यों ?
Answer ⇒ मेधा वह शक्ति है जिससे मनुष्य सिद्धान्तों की अनुपस्थिति में भी निर्भयतापूर्वक सोचता है ताकि वह सत्य और यथार्थ को समझ सके। यदि मनुष्य भयभीत रहता है तो कभी मेधावी नहीं हो सकेगा। किसी प्रकार की महत्वाकांक्षा चाहे आध्यात्मिक हो या सांसारिक-चिन्ता और भय का निर्माण करती है। जबकि ठीक इसके विपरीत निर्भीक वातावरण में मेधा का जन्म होता है। इसलिये जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती।
14. ‘कबीर कानि राखी नहिं’ से क्या तात्पर्य है ?
Answer ⇒ कबीरदास महान क्रांतिकारी कवि थे। उन्होंने सदैव पाखंड का विरोध किया। भारतीय षड्दर्शन और वर्णाश्रम की ओर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। वर्णाश्रम व्यवस्था का पोषक धर्म था-षडदर्शन। भारत के प्रसिद्ध छ: दर्शन हिन्दुओं के लिए अनिवार्य थे। इनकी ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कबीर ने षड्दर्शन की बुराइयों की तीखी आलोचना की और उनके विचारों की ओर तनिक भी ध्यान नहीं दिया यानी कानों से सुनकर ग्रहण नहीं किया बल्कि उसके पाखंड की धज्जी-धज्जी उड़ा दी। कबीर ने जनमानस को भी षडदर्शन द्वारा पोषित वर्णाश्रम की बुराइयों की ओर सबका ध्यान आकृष्ट किया और उसके विचारों को मानने का प्रबल विरोध किया।
15. “पंच परमेश्वर” के खो जाने को लेकर कवि चिंतित क्यों है ?
Answer ⇒ ‘पंच परमेश्वर’ का अर्थ है-‘पंच’ परमेश्वर का रूप होता है। वस्तुतः पंच के पद पर विराजमान व्यक्ति अपने दायित्व-निर्वाह के प्रति पूर्ण सचेष्ट एवं सतर्क रहता है। वह निष्पक्ष न्याय करता है। उस पर सम्बन्धित व्यक्तियों की पूर्ण आस्था रहती है तथा उसका निर्णय ‘देव वाक्य’ होता है।
कवि यह देखकर खिन्न है कि आधुनिक पंचायती राज व्यवस्था में पंच परमेश्वर की सार्थकता विलुप्त हो गई। एक प्रकार से अन्याय और अनैतिकता ने व्यवस्था को निष्क्रिय कर दिया है, पंगु बना दिया है। पंच परमेश्वर शब्द अपनी सार्थकता खो चुका है। कवि उपरोक्त कारणों से ही चिन्तित है।
-
👉 ये भी पढ़ें - BSEB Inter Exam 2025 : बिहार बोर्ड ने प्रवेश, गेट बंद करने के समय पर महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया – जाने फुल डिटेल्स
👉 ये भी पढ़ें - बिहार बोर्ड ने नकल पर नकेल कसने के लिए उड़नदस्ता तैनात किया, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
👉 ये भी पढ़ें - Bihar Board Exam 2025 New Rules : बोर्ड परीक्षा में जाने से पहले जान महत्वपूर्ण नियम - सभी बच्चों को जानना जरूरी
👉 ये भी पढ़ें - Bihar Board 12th Exam 2025 : BSEB ने इंटर परीक्षा के छात्रों को 1-5 फरवरी के पेपर में मोजे-जूते पहनने की अनुमति दी – जाने फुल डिटेल्स
👉 ये भी पढ़ें - Bihar Board Class 12 Study Material
Bihar Board Class 12 Study Material | |
BSEB Class 12 Books | Bihar Board Class 12 Objective Questions |
BSEB Class 12 Previous Year Questions Paper | BSEB Class 12 Model Papers |
BSEB Class 12 Syllabus |