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MP Board 12th Geography Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 12वीं भूगोल पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

MP Board 12th Geography Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 12वीं भूगोल पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

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MP Board 12th Geography Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 12वीं भूगोल पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं भूगोल त्रैमासिक पेपर की तैयारी के लिए हम आपको MPBSE 12th Geography Trimasik Paper 2023 Most Important Questions इस लेख के माध्यम से बता रहें हैं, जो आपके Paper के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये Most Important Question तैयारी को और बेहतर बना सकते है I

जिनसे 20/09/2023 को होने वाला एमपी बोर्ड 12th भूगोल त्रैमासिक एक्जाम क्वेश्चन पेपर 2023 बनाया जाएगा। जिससे वे त्रैमासिक परीक्षा के भूगोल के पेपर में अच्छे अंकों से पास हो सकें।

2 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1 : भूगोल की दो प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए।

उत्तर : भूगोल की दो प्रमुख शाखाएँ हैं:

1. भौतिक भूगोल

2. मानव भूगोल

प्रश्न 2 : मानव भूगोल की कोई दो शाखाओं के नाम लिखिए।

उत्तर : मानव भूगोल की दो शाखाएँ हैं:

1. सामाजिक भूगोल

2. सांस्कृतिक भूगोल

प्रश्न 3 : मानव भूगोल के दो उपगामों के नाम लिखिए।

उत्तर : मानव भूगोल के दो उपागम हैं:
  • प्रत्यक्षवादी उपागम
  • व्यवहारपरक या आचारपरक भूगोल

प्रश्न 4 : जनसंख्‍या घनत्‍व किसे कहते हैं?

उत्तर : जनसंख्या घनत्व किसी भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या है। इसे प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है।

प्रश्न 5 : जनसंख्‍या की वास्‍तविक वृद्धि कैसे ज्ञात की जाती हैं?

उत्तर : जनसंख्या की वास्तविक वृद्धि की गणना :-एक वर्ष के जन्म दर और मृत्यु दर के अन्तर से वार्षिक वृद्धि दर ज्ञात होती है ।

प्रश्न 6 : अप्रवास और उत्‍प्रवास में कोई 2 अंतर लिखिए।

उत्तर : अप्रवास और उत्प्रवास के बीच दो अंतर हैं:
  • आप्रवासन का अर्थ है दूसरे देश में प्रवेश करना।
  • उत्प्रवास का अर्थ है देश छोड़ना, आमतौर पर स्वदेश।

प्रश्न 7 : मानव विकास सूचकांक से आप क्‍या समझते है?

उत्तर : मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सांख्यिकीय उपकरण है जिसका उपयोग सामाजिक और आर्थिक आयामों में देश की समग्र उपलब्धि को मापने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8 : प्राथमिक क्रिया किसे कहते हैं? प्राथमिक क्रियाओं के नाम लिखिए।

उत्तर : प्राथमिक क्रियाएँ: जो आर्थिक क्रियाएँ कृषि, मुर्गी पालन, मछली पालन, वानिकी, पशुपालन, खनन, उत्खनन, आदि से संबंधित होती हैं उन्हें प्राथमिक क्रिया कहते हैं।

प्रश्न 9 : डेयरी कृषि की दो विशेषताऍं लिखिए।

उत्तर : डेरी कृषि की मुख्य विशेषताएँ हैं :
  • उन्नत प्रकार की कृषि है जिसमें दुधारु पशुओं को पाला जाता है।
  • अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 10 : कुटीर उद्योगों की कोई दो विशेषताऍं लिखिए।

उत्तर : कुटीर उद्योगों की दो विशेषताएं हैं:
  • कुटीर उद्योगों का स्वामित्व और संचालन ऐसे व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो इन इकाइयों में अपने निजी संसाधनों का निवेश करते हैं।
  • कुटीर उद्योग आमतौर पर श्रमिकों को काम पर नहीं रखते बल्कि मालिकों के परिवार के सदस्यों को रोजगार देते हैं।

MP Board Class 12 Study Material

प्रश्न 8 : आसियन विजन 2020 की मुख्‍य बातों को लिखिए।

3 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1 : रोपण कृषि की कोई तीन विशेषताऍं लिखिए। यह कृषि किन देशों की देन हैं?

उत्तर : रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  1. रोपण कृषि एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  2. इस कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।
  3. इस कृषि में अधिक पूंजीनिवेश उच्च प्रबंध एवं तकनीकी आधार तथा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।

रोपण कृषि सस्ते किंतु कुशल श्रमिकों के आधार पर की जाने वाली कृषि है। इस कृषि का आरंभ यूरोपीय साम्राज्यवादी देशों ने अपने अधीन उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चाय, कॉफी, कोको, रबड़, कपास, गन्ना, केले एवं अनन्नास की पौध लगाकर किया था। फ्रांसीसियों ने पश्चिमी अफ्रीका में कॉफी एवं कोकोआ की पौध लगाई थी।

प्रश्न 2: प्राथमिक एवं द्वितीय क्रियाकलापों में कोई तीन अंतर लिखिए।

उत्तर :  1. प्राथमिक क्रियाकलाप-

  1. इनमें वे मानवीय क्रियाकलाप आते हैं, जो सीधे पर्यावरण से जुड़े होते हैं।
  2. प्रकृति से प्राप्त पदार्थों का उपभोग बिना प्रसंस्करण के अथवा अल्प-प्रसंस्करण के उपभोक्ताओं द्वारा कर लिया जाता है।
  3. इसके अंतर्गत-आखेट, भोजन संग्रह, पशुचारण, मछली पकड़ना, वनों से लकड़ी, कंद-मूल-फल व अन्य उत्पाद एकत्रित करना, कृषि एवं खनन कार्य सम्मिलित किए जाते हैं।

2. द्वितीयक क्रियाकलाप-

  1. इनमें वे मानवीय क्रियाकलाप आते हैं जिनके द्वारा प्राथमिक उत्पादों के गुणों व रूप में परिवर्तन करके उन्हें और अधिक उपयोगी व मूल्यवान बनाया जाता है।
  2. विभिन्न यांत्रिक व मशीनीकृत प्रक्रियाओं के द्वारा प्राथमिक उत्पादों को प्रसंस्कृत करने के बाद उपभोक्ताओं के उपभोग के लिए भेजा जाता है।
  3. इसके लिए छोटे घरेलू उद्योग से लेकर बड़े-बड़े कारखाने व औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं।

प्रश्न 3 : फुटकर व्‍यापार और थोक व्‍यापार में कोई तीन अंतर लिखिए।

उत्तर : थोक व्यापार और फुटकर व्यापार के बीच तीन अंतर हैं:
  • थोक व्यापार में, एक दुकानदार या व्यापारी दूसरे व्यापारी को बड़ी मात्रा में माल बेचता है। फुटकर व्यापार में, एक घरेलू खरीदार या एकल व्यक्ति छोटी मात्रा में माल खरीदता है।
  • थोक व्यापार में, थोक विक्रेता उपभोक्ताओं के बजाय खुदरा उद्योग में अन्य दुकानों को सामान बेचता है। फुटकर व्यापार में, खुदरा विक्रेता सीधे उपभोक्ताओं को उत्पाद बेचते हैं।
  • थोक व्यापार में, थोक विक्रेता निर्माता और खुदरा विक्रेता के बीच एक लिंक बनाता है। फुटकर व्यापार में, खुदरा विक्रेता थोक व्यापारी और ग्राहक के बीच एक लिंक बनाता है।

प्रश्न 4 : जनसंख्‍या के घनत्‍व एवं वितरण को प्रभावित करने वाले किन्‍हीं तीन कारण लिखिए।

उत्तर : जनसंख्या के घनत्व और वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक कारक शामिल हैं।

भौगोलिक कारकों में शामिल हैं:
  • जलवायु
  • मिट्टी की उर्वरता
  • जल आपूर्ति
  • खनिज पदार्थ
  • मंद मैदानी ढाल
  • स्वच्छ जल
  • सुव्यवस्थित अपवाह प्रणाली
  • कृषि योग्य उपजाऊ भूमि
आर्थिक कारकों में शामिल हैं: शहरीकरण, औद्योगिकीकरण, खनिज संसाधन|
सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों में शामिल हैं: सामाजिक कारक, सांस्कृतिक कारक, राजनीतिक कारण|
 
प्रश्न 5 : भारत में कृषि की प्रमुख तीन समस्‍याऍं लिखिए।

उत्तर : भारतीय कृषि की तीन समस्याएँ निम्नलिखित है :

(1) कृषि की वर्षा पर निर्भरता :- हमारे यहाँ कृषि अभी भी मुख्यतः वर्षा पर आधारित है। भारत में वर्षा मानसून द्वारा होती है, जो सदैव ही अनियमित और अनिश्चित रहती है। मानसूनी वर्षा की इस प्रकृति के कारण कभी तो फसले अनावृष्टि के कारण सूख जाती है। और कभी अतिवृष्टि के कारण गल जाने के नष्ट हो जाती हैं।

(2) जोतो का छोटा आकार :- हमारे यहाँ जोतो का औसत बहुत छोटा है। यहां जोतो का औसत आकार दो हेक्टेयर से भी कम पाया जाता है।

(3) उन्नत किस्म के बीजों तथा उर्वरकों की कमी :- यहाँ अभी उन्नत बीजों की कमी है। साथ ही ये महंगे भी होते है जिससे गरीब किसान इसके प्रयोग से वंचित रह जाते है।

4 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1 : शुष्‍क कृषि तथा आर्द्र कृषि में कोई चार अंतर लिखिए।

उत्तर : शुष्क कृषि और आर्द्र कृषि के बीच चार अंतर हैं:
  • शुष्क कृषि में फसलों को सिंचाई की कम आवश्यकता होती है।
  • आर्द्र कृषि में फसलों को अत्यधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।
  • शुष्क कृषि के लिए वार्षिक वर्षा 75 सेमी से कम होनी चाहिए।
  • आर्द्र कृषि में फसलों को 150 सेमी से 200 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • शुष्क कृषि में मोटे और सूखा प्रतिरोधी फसलें उगाई जाती हैं।
  • आर्द्र कृषि में जल-गहन और महीन फसलें उगाई जाती हैं।
  • शुष्क कृषि में रागी, बाजरा, मूंग, चना और ग्वार जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
  • आर्द्र कृषि में चावल, जूट और गन्ना जैसी फसलें उगाई जाती हैं।

प्रश्न 2 : भारत में चावल के उत्‍पादन के लिए अनुकूल भौगोलि‍क दशाओं तथा उत्‍पादन क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।

उत्तर : चावल के उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं में शामिल हैं:
  • जलवायु: उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु
  • तापमान: बोते समय 20° सेंटीग्रेड और पकते समय 27° सेंटीग्रेड
  • वर्षा: वार्षिक वर्षा 100 सेमी से अधिक
  • मृदा: उपजाऊ मिट्टी
  • जल निकासी: अच्छी जल निकासी वाली भूमि
भारत में चावल के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं:

पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उड़ीसा, असम, हरियाणा, केरल|
चावल भारत के लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है, लेकिन ज्यादातर नदी घाटियों, डेल्टाई क्षेत्रों और तटीय मैदानों में उगाया जाता है।
 
प्रश्न 3 : चाय अथवा कपास उत्‍पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
 
उत्तर : भारत में गेहूं की खेती के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं:
  • जलवायु: गेहूं की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु उपयुक्त रहती है।
  • तापमान: गेहूं बोते समय हल्की ठण्डी और पकते समय हल्की गर्मी आवश्यक होती है। बोते समय 10° से 15° सेंग्रेड और पकते समय 20° से 30° सेंग्रेड तापमान उपयुक्त होता है।
  • वर्षा: गेहूं की खेती के लिए 50 से 100 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • मिट्टी: गेहूं की कृषि के लिए हलकी दोमट या बलुई दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती है।
  • मानवीय श्रम: गेहूं उत्पादन के लिए अधिक मानवीय श्रम की आवश्यकता होती है।
गेहूं की खेती मुख्यतः कर्करेखा के उत्तर पश्चिमोत्तर भारत में होती है। उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार गहू के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।
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