Self Studies

Hindi Mock Test - 9

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Hindi Mock Test - 9
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के
    उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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    उपर्युक्‍त गद्यांश का उपयुक्‍त शीर्षक क्‍या होगा ?
    Solution
    इस गद्यांश में 'क्लोरोफिल' के बारे में विशद रूप से जानकारी दी है, अतः सही शीर्षक 'क्लोरोफिल' होगा
    • क्लोरोफिल - क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है।
    • इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है।
    • पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। 
    Key Points
    अन्य विकल्प:
    • ऊर्जा - ऊर्जा वस्तुओं का एक गुण है, जो अन्य वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है या विभिन्न रूपों में रूपान्तरित किया जा सकता हैं।
    • किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। 
    • रासायनिक -वह वस्तु जो रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप बनी हो या रसायन से संबंधित हो 
    • अणु - पदार्थ का सबसे छोटा अंश।
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के
    उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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    पौधें की छोटी-छोटी संरचना को क्‍या कहा जाता है ? 
    Solution

    पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है।

    • इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है।
    • क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है।
    • हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है।
    • क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। 

    Additional Information 
    प्रकाश संश्लेषण - सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं
     

    Key Points
    • क्लोरोफिल - क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है।
    • मैग्‍नेशियम - मैग्नेशियम एक रासायनिक तत्त्व है, जिसका चिह्न है Mg, परमाणु संख्या १२ एवं सामान्य ऑक्सीडेशन संख्या +२ है। है। यह कैल्शियम और बेरियम की तरह एक एल्केलाइन अर्थ धातु है एवं पृथ्वी पर आठवाँ बहुल उपलब्ध तत्त्व है तथा भार के अनुपात में २% है, और पूरे ब्रह्माण्ड में नौंवा बहुल तत्त्व है।
    • अक्रिस्‍टलीय - अक्रिस्टलीय ठोस  उन ठोस पदार्थों को कहते हैं जिनके अन्दर पर्याप्त दूरी तक परमाणुओं का कोई सुनिश्चित विन्यास नहीं होता।
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के
    उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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    पॉरफिरिन में कौन-कौन से गुण होते हैं ?
    Solution
    पॉरफिरिन में 'अम्‍ल और क्षार' गुण होते हैं।
    गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • अम्लों के उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। 
    Key Points
    अन्य विकल्प:
    • ऑक्सीजन या प्राणवायु या जारक (Oxygen) रङ्गहीन, स्वादहीन तथा गन्धरहित गैस है।
    • नाइट्रोजन (Nitrogen), भूयाति या नत्रजन एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक N है।
    • पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्वों में कार्बन या प्रांगार एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इस रासायनिक तत्त्व का संकेत C तथा परमाणु संख्या 6  मात्रा संख्या 12 एवं परमाणु भार 12000 है।
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के
    उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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    पत्तों का हरा रंग किस कारण से होता है ?
    Solution
    पत्तो का हरा रंग 'क्लोरोफिल' के कारण होता है।
    गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है

    Key Points

    अन्य विकल्प:
    • वायु - वायु वस्तुत: गैसो का मिश्रण है, जिसमे अनेक प्रकार की गैस  शामिल है
    • प्रदूषण - प्रदूषण का अर्थ है -'वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना
    • अम्ल (ऐसिड) उन पदार्थों को कहते हैं जो पानी में घुलने पर खट्टे स्वाद के होते हैं (अम्ल = खट्टा), हल्दी से बनी रोली (कुंकम) को पीला कर देते हैं,तथा इनका जलीय विलयन नीले लिटमस पेपर को लाल करता है।
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों के
    उपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।

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    क्‍लोरोफिल शब्‍द की उत्‍पति कौन-सी भाषा से हुई है ?
    Solution
    क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति 'ग्रीक' भाषा से हुई है।
    • हिन्द-यूरोपीय (भारोपीय) भाषा परिवार की स्वतंत्र शाखा है, जो ग्रीक (यूनानी) लोगों द्वारा बोली जाती है।
    • आधुनिक स्वरूप में यह यूनान और साइप्रस की आधिकारिक भाषा
    •  है और करीबन 2 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है।

    Key Points
    अन्य विकल्प:

    • लैटिन - एक भाषा जो पूर्व काल में इटली देश में बोली जाती थी । विशेष - किसी समय में सारे यूरोप में यह विद्वानों और पादरियों की भाषा थी।
    • ब्रजभाषा -ब्रजभाषा हिन्दी की एक उपभाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है।
    • इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है।
    • संस्कृत - संस्कृत भारतीय उपमहाद्वीप  की एक भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है।
    • यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है। 
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।

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    चार्ली चैप्लिन का सबसे बड़ा चमत्कार लेखक ने किसे माना है?
    Solution

    चार्ली चैप्लिन का सबसे बड़ा चमत्कार लेखक ने माना है- उन्हे हर वर्ग पसन्द करता है

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​चार्ली की फिल्मों के दर्शक पागलखाने के मरीज, सिरफिरे लोग व आइंस्टाइन जैसे महान प्रतिभा वाले लोग हैं। वे सभी चार्ली को पसंद करते हैं।

    Key Points

    • पसन्द- पसंद आने का भाव, दिलचस्पी, रुझान, कबूलियत, चाव। 
    • वर्ग- कोटि, समूह, समुदाय, कक्षा, दर्जा। 

    Additional Informationअभिनेता:- 

    • अर्थ: जो (रंगमंच पर) नाटक करता हो।
    • अभिनेता का स्त्रीलिंग अभिनेत्री होगा 

    मूक:-

    • अर्थ: जो कुछ भी बोल न रहा हो,  मौन, शांत। 
      • विलोम शब्द- 'वाचाल'

    विदेशी:- 

    • अर्थ: विदेश या दूसरे देश का निवासी। 
      • विलोम शब्द-'देशी'
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।

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    लेखक के अनुसार चैप्लिन ने कौन सा कार्य किया?
    Solution

    लेखक के अनुसार चैप्लिन ने से कार्य किया- 1 और 2 दोनों (फिल्म कला को लोकतान्त्रिक बनाया, दर्शक वर्ग तथा वर्ण व्यवस्था को तोड़ा)

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। 

    Key Points

    • लोकतान्त्रिक- व्यापक रूप से लोगों के लाभ के लिए प्रतिनिधित्व करते या अनुरोध करते या अपनाया गया।
    • दर्शक- दिखानेवाला निर्देश करनेवाला, देखनेवाला, द्रष्टा।
    • वर्ग- कोटि, समूह, समुदाय, कक्षा, दर्जा।
    • व्यवस्था- इंतज़ाम प्रबंध, ढंग, तरीक़ा।

    Additional Informationसमृद्धि:- 

    • अर्थ: समृद्ध होने का भाव, अत्यधिक संपन्नता।
      • विलोम शब्द- 'विनाश'

    प्रदान:-

    • अर्थ:  किसी को कुछ देने की क्रिया, आदान, उलटफेर, अदला
      • विलोम शब्द- 'आदान'
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।

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    चैप्लिन भीड़ का बच्चा होकर भी कैसे भिन्न है?
    Solution

    चैप्लिन भीड़ का बच्चा होकर भी भिन्न है- वह सच्चाई को इशारों में बता देता है

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​चार्ली आम आदमी की कमजोरियों के साथ-साथ शासक वर्ग की कमजोरियों को भी जनता के सामने प्रकट कर देता है।
      • शासक या तंत्र नहीं चाहता कि जनता उन पर हँसे। इस कारण दोनों में तनातनी रहती थी।

    Key Points

    • सच्चाई- सच अर्थात सत्य होने का गुण या भाव।
      • विलोम शब्द- 'झुठापन'
    • इशारा- आँख या हाथ से किसी चीज़ को दिखाना या बताना, संकेत, इंगित

    Additional Informationअभिमानी:-

    • अभि + मान + ई 
    • 'अभि' उपसर्ग, 'मान' मूलशब्द और 'ई' प्रत्यय 
    • अर्थ: अभिमान करने वाला व्यक्ति, अहंकारी, घमंडी, मगरूर।  
      • विलोम शब्द- 'निराभिमानी'

    क्रूर:-

    • अर्थ: निर्मम एवं हिंसक कार्य करनेवाला, निर्दय, संगदिल।
      • विलोम शब्द- 'दयालु'

    परिपाटी:-

    • अर्थ: परंपरा, पद्धति, नियम, रीति, रिवाज, प्रथा, दस्तूर

    शिकार:-

    • अर्थ: जंगली जानवरों का वध, मृगया, आखेट, अहेर
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।

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    शासन तंत्र द्वारा किसे पंसद नही किया जाता है?
    Solution

    शासन तंत्र द्वारा शासन तंत्र पर हँसने वाली जनता को पंसद नही किया जाता है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​नगरीय लोग तो अपने पर हँसने की सोच भी नहीं सकते। चार्ली स्वयं पर सबसे ज्यादा तब हँसता है जनता ने चार्ली के उस फिनोमेनन को स्वीकार किया जिसमें नायक स्वयं पर हँसता है। 

    Key Points

    • शासन- आज्ञा, आदेश, हुक्म, हुकूमत, प्रशासन, अनुशासन।
    • तंत्र- किसी कार्य को सिद्ध करने की युक्ति, डोरा, सूत।
    • जनता- जनसमूह, समुदाय, जमघट, भीड़, भीड़-भड़क्का, आमलोग।

    Additional Informationभेदभाव:- 

    • अर्थ: अंतर, फ़र्क, मतैक्य का अभाव।
      • विलोम शब्द- 'मतैक्य' 

    हँसना:-

    • अर्थ: वेग पूर्वक हर्ष ध्वनि निकालना, ठट्ठा मारना।
    • विलोम शब्द- 'रोना'
    • अकर्मक क्रिया
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।

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    चार्ली चैप्लिन को अपने जीवन में किन समस्याओं का सामना करना पड़ा?
    Solution

    चार्ली चैप्लिन को अपने जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ा- उपरोक्त सभी (भयंकर गरीबी, माँ के पागलपन से संघर्ष, परित्यक्ता अभिनेत्री का बेटा होना)

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • चार्ली चैप्लिन को अपने जीवन में एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री के बेटे थे। उन्होंने भयंकर गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना सीखा।

    Key Pointsभयंकर:- 

    • अर्थ: बहुत अधिक तीव्र या प्रबल, डरावना, भयानक।

    माँ:-

    • अर्थ: जननी, माता, मैया, माई, धात्री, अंबा, अम्बिका, अम्मा, जननी, प्रसू।

    संघर्ष:-

    • अर्थ: युद्ध, लड़ाई, संग्राम, द्वंद्व, समर, रण।
    • विलोम शब्द- 'मेल'   

    पागलपन:-

    • अर्थ: पागलों के समान किया जानेवाला आचरण।

    परित्यक्ता:-

    • अर्थ: त्यागने,छोड़ने या फेंकनेवाला। 

    बेटा:- 

    • अर्थ: पुत्र, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन।
  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।

    प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।

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    ध्रुवस्वामिनी का प्रकाशन वर्ष क्‍या है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "1933" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार ध्रुवस्वामिनी का प्रकाशन वर्ष 1933 ईस्वी है।
    • इसकी रचना जयशंकर प्रसाद ने की है।
    • भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को व्यक्त किया गया है।
    Additional Information
    • क्षोभ
      • पुल्लिंग
        • खलबली।
        • व्याकुलता।
    • नारी के पर्याय
      • महिला, रमणी, कामिनी, कान्ता, सुंदरी, औरत, वनिता, स्त्री, अबला।
  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।

    प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।

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    प्रसाद ने ध्रुवस्वामिनी में क्या उचित ठहराया है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनर्विवाह" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार प्रसाद ने ध्रुवस्वामिनी में पुनर्विवाह को उचित ठहराया है।
    • ध्रुवस्वामिनी में स्त्री अपने कायर पति को त्याग कर अपने देवर का वर्णन करती है।
    • इसके माध्यम से प्रसाद ने उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहराया है।
    Additional Information
    • पुनर्विवाह
      • पुनः + विवाह
      • विसर्ग सन्धि
    • विधान का पर्यायवाची शब्द
      • प्रबंध, व्यवस्था, आयोजन, इंतजाम, ढंग
      • प्रणाली, रीति, कायदा, नियम, विधि।
  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।

    प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।

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    प्रसाद के नाटकों में उनका कौन सा रूप मुखर है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "कवि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार प्रसाद के नाटकों में उनका कवि रूप मुखर है।
    • गद्यांश से
      • "प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार है।"
    Additional Information
    • कवि
      • पुल्लिंग
        • काव्य की रचना करनेवाला।
        • शायर।
    • प्रसाद जी की प्रारम्भिक रचनाओं का संग्रह 'चित्राधार' था, जिसका पहला संस्करण 1918 ई में प्रकाशित हुआ था, परंतु उनका पहला प्रकाशित काव्य-संग्रह 'कानन-कुसुम' था जिसका प्रथम प्रकाशन 1913 ई में हुआ था।
  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।

    प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।

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    प्रसाद नारी रूप केः
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "विश्वसनीय जानकार हैं।" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं।
    • गद्यांश से
      • "प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार है। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी लिखा।"
    Additional Information
    • विश्वसनीय
      • विशेषण
        • विश्वास करने के योग्य।
    • विश्वास के पर्याय
      • आस्था, निष्ठा, श्रद्धा, यकीन।
  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।

    प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।

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    'ध्रुवस्वामिनी' किस विधा की रचना है:
    Solution

    'ध्रुवस्वामिनी' नाटक विधा की रचना है।

    • यह जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रसिद्ध नाटक है।

    Key Points

    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार प्रसाद ने ध्रुवस्वामिनी में पुनर्विवाह को उचित ठहराया है।
    • ध्रुवस्वामिनी में स्त्री अपने कायर पति को त्याग कर अपने देवर का वर्णन करती है।
    • इसके माध्यम से प्रसाद ने उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहराया है।
  • Question 16
    5 / -1
    ‘हरीश’ में कौन सी संधि है?
    Solution

    ‘हरीश’ में स्वर संधि है। हरि + ईश की संधि 'हरीश' होगी। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 3 ‘स्वर संधि’ सही है।

    Key Points 

    • 'हरीश' में दीर्घ स्वर संधि है। हरि + ईश = हरीश (इ + ई  = ई), यहाँ 'इ' और 'ई' के मेल से 'ईबना है। 
    • ‘दीर्घ स्वर संधि’ में  ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।

    अन्य विकल्प - 

    संधि का नाम

    परिभाषा

    उदाहरण

    अयादि संधि

     यदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरों का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ऐ का आय, ओ, व  अव, तथा औ का आव के रूप में परिवर्तन हो जाता हैं।

    पो   + अन  = पवन

    पौ   + अन  = पावन

     

    गुण संधि

    यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।

    देव + ईश = देवेश

    नर + इन्द्र = नरेंद्र

     

    व्यंजन संधि

    व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो परिवर्तन होता हैं, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।

    जगत + नाथ = जगन्नाथ

    उत् + लास =उल्लास

     

    Additional Information

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

    संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

    संधि

    परिभाषा

    उदाहरण

    स्वर

    स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

     विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

    महा + ईश = महेश

    व्यंजन

    एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    अहम् + कार = अहंकार

    उत् + लास = उल्लास

    विसर्ग

    विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    दुः + आत्मा =दुरात्मा

    निः + कपट =निष्कपट

  • Question 17
    5 / -1
    आँसू का पर्यायवाची है-
    Solution

    सही उत्तर 'चक्षुजल' है।

    Key Points

    • आँसू के पर्यायवाची- अश्रु, टसुआ, दृगजल, दृगंब, नेत्रजल, चक्षुजल, अश्क, नयनजल 
    • आँख के पर्यायवाची- लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि 
  • Question 18
    5 / -1
    'गिरिधारी' निम्न में से कौन सा समास है?
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से ‘गिरिधारी’ 'बहुव्रीहि समास' का उदाहरण है, अर्थात इसका विग्रह ‘गिरि को धारण करनेवाला’ है। अन्य विकल्प असंगत है।
    Key Points 

    स्पष्टीकरण

    जिस समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं हो, अर्थात् समास किये गये दोनों पदों का शाब्दिक अर्थ छोड़कर तीसरा अर्थ या अन्य अर्थ लिया जावे, उसे बहुव्रीहि समास कहते है।

    • जैसेवीणापाणी = वीणा हैं जिसके हाथ में (सरस्वती)

    Additional Informationअन्य विकल्प:

    समास

    परिभाषा

    उदाहरण

    अव्ययीभाव समास

    इस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य

    अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होता है।

    आजीवन = जीवन भर

    प्रति दिन = प्रत्येक दिन

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    कर्मधारय 

    समास

    इस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होता है।

    गुरुदेव = गुरु रुपी देव

    नीलगगन = नील है जो आसमान

    समास

    समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं। यह नया शब्द ही समास कहलाता है।

    जैसे –

    कमल के समान चरण = चरणकमल,

    रसोई के लिए घर = रसोईघर।

    Important Points

    सामासिक शब्द या समस्तपद: जो शब्द समास के नियमों से बनता है वह सामासिक शब्द या समस्तपद कहलाता है।

    पूर्वपद एवं उत्तरपद: सामासिक शब्द के पहले पद (शब्द) को पूर्व पद कहते हैं एवं दुसरे या आखिरी पद को उत्तर पद कहते हैं।

  • Question 19
    5 / -1
    'अनाहूत' का विलोम शब्द है-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "आहूत" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

    Key Points
    • अनाहूत का विलोम आहूत है।
    • अनाहूत को दूसरे शब्दों में अनिमंत्रित, बिनबुलाया, बिना मतलव की बात करना, आहुत ना हो भी कहते हैं।
    • जबकि आहूत को दूसरे शब्दों में आमंत्रित, बुलाया गया, निमंत्रण, या अह्वान करना भी कहते हैं।
    Additional Information
    • प्रमुख विलोम शब्द
      • शयन :- जागरण
      • विधवा :- साधवा
      • विधि :- निषेध
      • क्षणिक :- शाश्वत
        • वरदान :- अभिशाप
        • रक्षक :- भक्षक
        • रुगण :- स्वस्थ
        • मूक :- वाचाल
      • निंदा :- स्तुति
      • घात :- प्रतिघात
      • गुप्त :- प्रकट
      • प्रसन्नता :- खेद
        • पंडित :- मुर्ख
        • पावन :- अपावन
        • देव :- दानव
        • जल :- अग्नि
  • Question 20
    5 / -1
    'अनुकूल' शब्द का विलोम शब्द क्या है?
    Solution

    अनुकूल शब्द का विलोम शब्द प्रतिकूल है

    Key Points

    • किसी शब्द के अर्थ का सीधे उल्टा अर्थ वाले शब्द को विलोम शब्द कहते हैं। जैसे- 
    • विपक्ष- पक्ष
    • दुर- निकट, पास

    Important Pointsकुछ महत्वपूर्ण विलोम शब्द:-

        शब्दविलोम 
       उन्नत   अवनत
       स्थावर    जंगम
      अभिज्ञ   अनभिज्ञ
      उपेक्षा   अपेक्षा
      प्रत्यक्ष   परोक्ष
      गरिमा    लघिमा
      शाश्वत   क्षणिक
      परातन  अधुनातन
      प्राचीन अर्वाचीन
      प्रमुख  गौण
      ऋजु  वक्र
     श्रीगणेश  इतिश्री

    Additional Information

     कुछ अन्य विलोम शब्द:-  

    1. निरपेक्ष – सापेक्ष
    2. व्यष्टि – समष्टि
    3. कृतज्ञ – कृतघ्न
    4. अपकर्ष – उत्कर्ष
    5. पूर्ववर्ती – परवर्ती
    6. अद्यतन – पुरातन
    7. आदर – अनादर
    8. विधि – निषेध
    9. निरपेक्ष – सापेक्ष
    10. सुक्ष्म – स्थूल
  • Question 21
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।

    बंदीगृह में कैदियों को अनेक प्रकार की _______ सहनी पड़ती है।

    Solution
    बंदीगृह में कैदियों को अनेक प्रकार की यातनाएँ सहनी पड़ती है।   Important Pointsयातनाएँ-सजा के रूप में किसी पर गंभीर दर्द भड़काने की क्रिया या अभ्यास या उसे ऐसा करने या कुछ कहने के लिए मजबूर करना, या उस व्यक्ति के दर्द को भड़काने के लिए।Key Points
    शब्द अर्थ
    यातनाएँबहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट
    परेशानियाँअसुविधा।
    यंत्रणाएँयातना, पीड़ा
    पीड़ातकलीफ़, वेदना
    Additional Information
    शब्दपर्यावाची
    यातनाएँतकलीफ, पीड़ा, दुःख, कष्ट, परेशानी
  • Question 22
    5 / -1
    शारीरिक पीड़ा के लिए प्रयुक्त शब्द है 
    Solution

    शारीरिक पीड़ा के लिए प्रयुक्त शब्द है- 'व्याधि'

    Key Pointsव्याधि:-

    • मस्तिष्क को छोड़कर अन्य सभी तन शरीर के रोगों को व्याधि कहते हैं।
      • जैसे- ​एक लाइलाज व्याधि ने उसे जकड़ रखा है।

    Additional Informationव्यथा:-

    • आंतरिक क्लेश या दुःख, पीड़ा।
      • जैसे- वह व्यथा से कराह उठा।

    आधि:-

    • मानसिक कष्ट या चिंता, विपत्ति, संकट।
    • उग्र या बहुत कष्टदायक पीड़ा विशेषतः हार्दिक या मानसिक पीड़ा को धि कहते हैं
      • जैसे- मेरे हृदय की वेदना कोई नहीं समझता ।

    यातना:-

    • बहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट, तकलीफ़, पीड़ा।
      • जैसे- ​अब कवि शांत और संयत होकर सारे संघर्ष को झेलता है और यातना से तनिक भी नहीं घबराता है
  • Question 23
    5 / -1
    'एकहि साधे सब सधे ,सब साधे सब जाए' लोकोक्ति का अर्थ है -
    Solution
    • 'एकाग्रता से कार्य पूर्ण होता है' इस लोकोक्ति का सही अर्थ है। 

    Key Points

    • मुहावरे की तरह लोकोक्ति का अर्थ भी लाक्षणिक होता है। मुहावरे लोकोक्ति में मुख्य अंतर यह है कि मुहावरा एक पदबंध, वाक्यांश होता है, जबकि लोकोक्ति एक स्वतंत्र वाक्य है। 

     Additional Information

    • अर्थ - न कारण होगा,न कार्य होगा ,

    वाक्य के लिए लोकोक्ति - न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी 

    • अर्थ - काम पूरा होते होते रह जाना 

    वाक्य के लिए लोकोक्ति - आसमान से गिरा खजूर में अटका 

    • अर्थ - परिणाम अच्छा हो तो कार्य सफल होता है 

    वाक्य के लिए लोकोक्ति - अन्त भला तो सब भला 

    मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर यह भी है कि मुहावरा किसी वाक्य में समा जाता है तथा उक्त वाक्य में चमत्कार, विशादता ला देता है, जबकि लोकोक्ति किसी वाक्य के समर्थन या खण्डन के लिए प्रयुक्त की जाती है।

  • Question 24
    5 / -1

    (1) उसे / (2) देखकर / (3) निकल / (4) आँसू / (5) मेरे तो / (6) पड़े /  

    क्रम संख्या (1) और (2) के बाद वाक्य संरचना का सही क्रम क्या होगा?
    Solution
    दिए गए विकल्पों का सही क्रम है ‘उसे देखकर मेरे तो आँसू निकल पड़े।’ अत: विकल्प 5, 4, 3, 6 सही उत्तर होगा ।
  • Question 25
    5 / -1
    'महात्मा' में समास है।
    Solution

    'महात्मा' में 'कर्मधारय' समास' है। 

    Key Points

    • 'महात्मा' का समास विग्रह करने पर 'महान है जो आत्मा' होगा।
    • कर्मधारय समास - जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है। विशेषण–विशेष्य : नीलकमल – नीला है जो कमल

    Additional Information

    समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास  का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष 

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ

    तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत

    अव्ययीभाव 

    जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'।

    जन्म से लेकर = आजन्म

    मति के अनुसार = यथामति।

    कर्मधारय 

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन

    महान है जो देव = महादेव

    द्विगु 

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर

    तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    द्वंद्व 

    जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो ।

    अन्न और जल = अन्न-जल

    अपना और पराया = अपना-पराया।

    बहुव्रीहि

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान

    तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव

    द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)

  • Question 26
    5 / -1

    (1) जब तक समाज में / (2) अशिक्षा और / (3) वास्तविक रूप में / (4) कोई भी देश / (5) विकास नहीं कर सकता है / (6) निर्धनता व्याप्त है, /

    क्रम संख्या (1) और (2) के बाद वाक्य संरचना का सही क्रम सुमेलित कीजिए।
    Solution
    उपर्युक्त वाक्य का सही क्रम होगा, ‘जब तक समाज में अशिक्षा और निर्धनता व्याप्त है, कोई भी देश वास्तविक रूप में विकास नहीं कर सकता है।’ इसलिए इसका सही विकल्प 6, 4, 3, 5 है।
  • Question 27
    5 / -1
    'घी के दिये जलाना' मुहावरे का सही अर्थ है:
    Solution
    'घी के दिये जलाना' मुहावरे का सही अर्थ है: आनंद मंगल होना
    जैसे : परीक्षा में पास होते ही विद्यार्थियो के घर घी के दिए जल रहे थे।
    Key Points
    • जो शब्द अपने साधारण अर्थ को छोड़ कर विशेष अर्थ को व्यक्त करते है हिंदी मे ऐसे वाक्यांश को मुहावरा कहा जाता है
    • अपमान करना - एसी की तैसी करना ।
    • जैसे : वह गया तो था मदन को धमकाने पर उलटे ऐसी की तैसी करा के लौट आया।
    • अक्ल का पुतला - मुर्ख होना
    • हाथ में कटोरा होना - नुकसान होना।
  • Question 28
    5 / -1
    गुरु के समीप रह कर शिक्षा ग्रहण करने वाला-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अन्तेवासी" सही है।

    Key Points
    • "गुरु के समीप रहकर शिक्षा ग्रहण करने वाला" वाक्यांश के लिए एक शब्द अंतेवासी होगा।
    • अंतेवासी
      • पुल्लिंग
        • गुरुकुल या छात्रावास में रहनेवाला छात्र।
        • बाहर।
    Additional Information
    • जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती - अचिन्तनीय
    • जिसकी आशा न की गई हो - अप्रत्याशित
    • जिसकी बाहुएँ दीर्घ है - दीर्घबाहु  
    Important Points
    • अन्य उदाहरण
      • जिसकी सीमा न हो - (असीम)
      • जिसकी पत्नी साथ में न हो - (विपत्नीक)
      • जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो - (राजपत्रित)
      • जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो - (बुद्धिजीवी)
      • जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो - (जितेंद्रिय)
  • Question 29
    5 / -1
    घर का विलोम है___________।
    Solution
    घर का विलोम है बाहर । Key Points
    • घर का विलोम शब्द बाहर अथवा बेघर होता है।
    • अन्य विकल्प असंगत है।
    • अत: सही विकल्प बाहर ही होगा। 

    Additional Information

    • बंगला  का विलोम शब्द -झोपड़ी।
    • बहार के विलोम शब्द -पतझड़।
    • कुटिया का विलोम शब्द महल होता है।
  • Question 30
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो समानार्थी शब्द का सही विकल्प नहीं है।

    गुफा

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "गेह" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • गेह शब्द गुफा का समानार्थी नहीं है।
    • गुफा का पर्यायवाची शब्द
      • कंदरा, खोह, विवर, गुहा, गव्हर।
    • गेह के समानार्थी 
      • भवन, धाम, निकेतन, निवास, आलय, गृह, घर, सदन।
    Additional Information
    • अवश्य का समानार्थी शब्द
      • जरूर, असंशय, निश्चय ही, निःसंदेह, अनिवार्यत।
    • निश्चय का पर्यायवाची शब्द
      • विश्वास, यकीन, दृढ़-संकल्प, पक्का इरादा, पूरा इरादा, पक्का विचार, व्रत, प्रतिज्ञा, फैसला।
    • अश्व के पर्यायवाची शब्द
      • हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, तुरग, वाजि, सैन्धव।
    • अभद्र के पर्यायवाची
      • असभ्य, अविनीत, अकुलीन, अशिष्ट।
    • अभिनंदन के पर्यायवाची
      • स्वागत, सत्कार, आवभगत, अभिवादन।
    • केवट के पर्यायवाची
      • मल्लाह, माँझी, खेवैया, नाविक।
    • केसरी के पर्यायवाची
      • शेर, सिंह, नाहर, वनराज, मृगराज, मृगेंद्र।
  • Question 31
    5 / -1
    'द्रौपदी का चीर होना' मुहावरे का अर्थ है:
    Solution

    सही उत्तर 'अत्यधिक विस्तृत होना' है। 

    Key Points 
    • मुहावरा - द्रौपदी का चीर होना।  
    • अर्थ - अत्यधिक विस्तृत होना।  
    • वाक्य - राधा! तुम्हारी बात है कि खत्म ही नहीं हो रही एकदम द्रौपदी का चीर हो गई है।  

    अन्य विकल्प - 

    • अर्थ - बढ़ा-चढ़ा कर कहना 

         मुहावरा - राई का पहाड़ बनाना 

    • अर्थ - दृढ संकल्प लेना 

       मुहावरा - बीड़ा उठाना 

    • अर्थ - तुच्छ होना 

       मुहावरा - कौड़ी का तीन समझना 

    Additional Information 

    मुहावरा परिभाषा

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोडकर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

  • Question 32
    5 / -1
    कार्य करने की इच्छा-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "चिकीर्षा" सही है।

    Key Points
    • चिकीर्षा शब्द का अर्थ काम करने की इच्छा होता है।
    • अतः कार्य करने की इच्छा वाक्यांश के लिए एक शब्द चिकीर्षा होगा।
    • चिकीर्षा
      • स्त्रीलिंग
        • काम करने की इच्छा।
    Additional Information
    • चेतन स्वरूप की माया - चिद्विलास
    • चौथे दिन आने वाला ज्वर - चौथिया
    • चारों ओर की सीमा - चौहद  
    Important Points
    • अन्य उदाहरण
      • चार वेदों को जानने वाला - चतुर्वेदी
      • चार राहों वाला - चौराहा
      • चूहे फँसाने का पिंजड़ा - चूहेदानी
      • चार मुखों वाला – चतुरानन
      • चिंता में डूबा हुआ - चिंतित
      • चुनाव में अपना मत देने की क्रिया - मतदान
  • Question 33
    5 / -1

    दिए गए वाक्य क्रम सही नहीं हैं। उनके उनके सही क्रम के चार विकल्प दिए गए है। उनमें से सही विकल्प चुनिए।

    1) घर-बाहर कहीं भी चले जाँए

    2) विभिन्न वैगयानिक उपलब्धियों के दर्शन होते हैं।

    3) वैग्यानिक आविष्कार और

    4) प्रत्येक कदम पर
    Solution

    दिए गये विकल्पों का सही क्रम है - घर-बाहर कहीं भी चले जाएँ प्रत्येक कदम पर वज्ञानिक आविष्कार और विभिन्न वैज्ञानिक उपलब्धियों के दर्शन होते हैं। अतः सही विकल्प 1, 4, 3, 2 है।

    अन्य विकल्प

    - इसके अतिरिक्त दिए गये क्रम के अनुसार वाक्यों को जोड़ने पर वह निरर्थक सिद्ध होंगे।
  • Question 34
    5 / -1

    दिए गए वाक्य क्रम सही नहीं हैं। उनके सही क्रम के चार विकल्प दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनिए।

    1) वे सब वस्तुत:

    2) सुबह से लेकर रात तक

    3) विज्ञान की ही देन है

    4) हम जितनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं
    Solution

    दिए गये विकल्पों का सही क्रम है – सुबह से लेकर रात तक हम जितनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं वे सब वस्तुतः विज्ञान की ही देन है। अतः सही विकल्प 2, 4, 1, 3 है।

    अन्य विकल्प

    - इसके अतिरिक्त दिए गये क्रम के अनुसार वाक्यों को जोड़ने पर वह निरर्थक सिद्ध होंगे।
  • Question 35
    5 / -1
    मानसरोवर तक पहुंचना ________ हैं।
    Solution

    मानसरोवर तक पहुंचना  दुर्गम हैं।

    Key Points

    • दुर् + गम = दुर्गम 
    • दुर् (कठिन/गलत) उपसर्ग और 'गम' (जाना) मूल शब्द   
    • इस प्रकार दुर्गम का अर्थ है- जहाँ पहुँचना कठिन हो। 
    • विलोम शब्द- 'सुगम'
    • दुर्गम = दुः + गम (विसर्ग संधि)
    • विशेषण शब्द 

    Additional Informationनिर्गम:-  

    • निर् + गम = निर्गम
    • 'निर्' (बिना) उपसर्ग और 'गम' (जाना) मूल शब्द  
    • इस प्रकार  निर्गम का अर्थ है- बाहर जाना, निकासी।
    • विलोम शब्द- 'आगम'
    • निर्गम = निः + गम (विसर्ग संधि)
    • पुल्लिंग

    दुर्लभ:-

    • दुर् + लभ = दुर्लभ
    • 'दुर्' (कठिन/गलत) उपसर्ग और 'लभ' (लाभ) मूल शब्द 
    • इस प्रकार दुर्लभ का अर्थ है- कठिनता से प्राप्त होनेवाला, दुष्प्राप्य।
    • विलोम शब्द- 'सुलभ'
    • दुर्लभ = दुः + लभ (विसर्ग संधि)
    • विशेषण शब्द  

    दुष्कर्म:-

    • दुस् + कर्म = दुष्कर्म
    • दुस् (बुरा/ कठिन) उपसर्ग और 'कर्म' (काम, क्रिया) मूल शब्द 
    • इस प्रकार दुष्कर्म का अर्थ है- अनुचित एवं निंदनीय कर्म।
    • विलोम शब्द- 'सत्कर्म'
    • दुष्कर्म = दुः + कर्म (विसर्ग संधि)
    • पुल्लिंग
  • Question 36
    5 / -1
    ‘अनु+एषण’ की संधि क्या होगी?
    Solution

    ‘अनु+एषण’ की संधि ‘अन्वेषण’ होगी। अतः विकल्प 2 सही है।

    • 'अन्वेषण' में यण संधि है। अनु+एषण= अन्वेषण (उ+ए=वे) यहाँ पर ‘उ +ए’ मिलकर ‘वे’ बना है।
    • यण संधि में इ, ई, उ, ऊ तथा ऋ के बाद कोई अन्य स्वर आए तो ’इ-ई’ का ’य्’ ’उ’ ’ऊ’ का ’व्’ और ’ऋ’ का ’र्’ हो जाता है।

    आया विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं।

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

    संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

    संधि

    परिभाषा

    उदाहरण

    स्वर

    स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

    महा + ईश = महेश

    व्यंजन

    एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    अहम् + कार = अहंकार

    उत् + लास = उल्लास

    विसर्ग

    विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    दुः + आत्मा =दुरात्मा

    निः + कपट =निष्कपट

     

  • Question 37
    5 / -1
    'न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी' लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘साधन के अभाव का बहाना​’ होगा। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points

    • लोकोक्ति- न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी, अर्थ- साधन के अभाव का बहाना
    • वाक्य- घर के कामकाज के लिए रमेश ने एक नौकर रखा नौकर ने ऐसी शर्त रखी कि वह बोला भाई मैं तुम्हें नहीं रख पाऊंगा नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी।

    अन्य विकल्प - 

    लोकोक्ति 

    अर्थ 

    वाक्य 

    नेकी और पूछ पूछ

    बिना कहे ही भलाई

    विद्यालय बहुत जर्जर अवस्था में था। समाज सुधारक पंडित रामलाल ने उसका जिर्णोद्धार की बात की प्रिंसिपल महोदया अत्यंत प्रसन्न हो गई इसे कहते हैं नेकी और पूछ पूछ।

    आँखें मूँदकर रखना

    बिना सोचे समझे

    अध्यापक ने बच्चों से कहा कि हमें कोई काम आँख मूँदकर नहीं करना चाहिए।

    नक्कारखाने में तूती की आवाज

    सुनवाई न होना

    विद्यालय में आई अचानक संकट से सभी प्रशासनिक वर्ग हतप्रभ रह गया। एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अपनी राय प्रकट कर रहा था यह तो नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसी हुई। 


    Additional Information

    लोकोक्ति परिभाषा

    उदाहरण

    किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं। जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।

    अकेला चना भाद नहीं फोड़ता अर्थात एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता

    वाक्य- उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा, हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा। इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’ । 

  • Question 38
    5 / -1

    (1) जहां ऋतु वैविध्य है / (2) ऐसा देश है / (3) भारत ही / (4) एकमात्र /

    उपर्युक्त वाक्य संरचना का सही क्रम सुमेलित कीजिए।
    Solution
    इसका सही क्रम होगा ‘भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां ऋतु वैविध्य है।’ इसलिए सही उत्तर 3, 4, 2, 1 है।
  • Question 39
    5 / -1
    'सरस्वती' का पर्यायवाची शब्द क्या है?
    Solution

    सही उत्तर 'वीणापाणि' है।

    Key Points

    • 'सरस्वती' का पर्यायवाची 'वीणापाणि' है।
    • सरस्वती के अन्य पर्यायवाची- भारती, वागेश्वरी, शारदा, वाग्देवी, महाश्वेता, ज्ञानदा, हंसवाहिनी, वागीश्वरी

    अन्य विकल्प- 

    शाखा- टहनी, अवयव, डाल, अंग, मत, शाख़, पंथ, वीरुध,  शाख़, डाली, डाल, डार, टहनी, लटकाव, प्रलंब

    वाणी- वाचा, जिह्वा, ब्राह्मी, वचन, प्रतिज्ञा, उक्ति, शपथ, कथन, वादा, बोल

  • Question 40
    5 / -1
    चैतन्य का विलोम है __________।
    Solution

    चैतन्य का विलोम अचैतन्य है।

    Key Points

    चैतन्य का विलोम

    बेसुध , अचैतन्य,जड़ता।

    चैतन्य

    • पुल्लिंग
      • चेतन में होने का भाव, चेतनता।
      • चेतन आत्मा।
    • विशेषण
      • सचेत।
      • जो सोचने-समझने की स्थिति में हो।
    Additional Information

    प्रमुख विलोम शब्द-

    प्राचीन - अर्वाचीन

    सनाथ - अनाथ

    निरालम्ब - अवलम्ब

    उन्नत - अवनत 

    उपकार - अपकार

    आदर - अनादर

    भिज्ञ - अनभिज्ञ

    अतिवृष्टि - अनावृष्टि

    सध्दर्म - अधर्म

    अभिज्ञ - अनभिज्ञ

    ग्राह्य - अग्राह्य

    सदोष - अदोष

    विरक्त - अनुरक्त

    दीर्घायु - अल्पायु

    पूर्णिमा - अमावस्या

    पुरातन - अधुनातन

    पूर्णतः - अंशतः

    बहुज्ञ - अल्पज्ञ

    अपेक्षित - अनपेक्षित

    बाह्य - अंतर

    इति - अथ

  • Question 41
    5 / -1

    निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए शब्द का विलोम शब्द है I

    उद्यमी

    Solution

    'उद्यमी' शब्द का विलोम 'आलसी' है I

    Key Points

    • उद्यम + ई = उद्यमी
    • 'उद्यम' (श्रम, मेहनत) मूल शब्द और 'ई' प्रत्यय 
    • इस प्रकार उद्यमी का अर्थ है- उद्योग करनेवाला, उद्योगशील, उद्योगी, परिश्रमी, मेहनती, अध्यवसायी, कर्मठ।
    • विलोम शब्द- आलसी, निरुद्यमी
    • विशेषण शब्द 

    Important Points व्यवसाय:-

    • उद्यम, उद्योग, यत्न, प्रयत्न, प्रयास, कोशिश, परिश्रम, व्यापार, उद्योग धंधा।

    वित्त:-

    • अर्थ: धन-संपत्ति, रुपया-पैसा, आय और व्यय की व्यवस्था

    Additional Informationविलोम:- 

    • किसी शब्द का विलोम शब्द उस शब्द के अर्थ से उल्टा अर्थ होता है।
      • जैसे:- मोटा - पतला, संशय - असंशय, अच्छा - बुरा, राजा - रानी
  • Question 42
    5 / -1
    'चांडाल चौकड़ी' का अर्थ है:
    Solution

    'चांडाल चौकड़ी' का अर्थ है: दुष्टों का समूह 

    Key Points

    • यह हिंदी की क्षेत्रीय भाषा की प्रसिद्ध कहावत है।
      • शरारत या उद्दंडता करने वाले किसी दल या टोली को व्यंग्य में चांडाल चौकड़ी कहा जाता है।
      • जैसे:-  आलम और उसकी टोली जब भी निकलती है तो लोग कहते है आ गये चांडाल चौकड़ी की फ़ौज, न जाने क्या करके जाएंगे।  

    Additional Information

    • धनिक का अर्थ :- धनवालो की मण्डली
  • Question 43
    5 / -1
    ‘मनोयोग’ शब्द किस संधि का उदाहरण है। 
    Solution

    सही उत्तर विसर्ग संधि है।

    Key Points

    दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘विसर्ग संधि है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

    ‘मनोयोग’ शब्द का उचित संधि-विच्छेद ‘मन: + योग’ है। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। विसर्ग के साथ च या छ के मिलन से विसर्ग के जगह पर ‘श्’ बन जाता है। विसर्ग के पहले अगर ‘अ’ और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का 'ओ' हो जाता है।

    संधि

    परिभाषा

    उदहारण

    विसर्ग संधि

    विसर्ग के बाद स्वर व व्यंजन के आने पर विसर्ग में जो परिवर्तन या विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।

    निः + चय = निश्चय

     

    1.         जगदीश – जगत् + ईश = व्यंजन संधि

    2.         सूर्यास्त – सूर्य + अस्त = स्वर-संधि

    3.         नाविक – नौ + इक = अयादि संधि

    Additional Information

    संधि

    परिभाषा

    व्यंजन संधि

    जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

    स्वर-संधि

    स्वर के बाद स्वर अर्थात् दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, स्वर-संधि कहलाता है।

    अयादि संधि

    जब संधि करते समय ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ का आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

    य, व् से पहले व्यंजन पर अ, आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा।

     

  • Question 44
    5 / -1
    जो क्षीण न हो सके-
    Solution

    जो क्षीण न हो सके-अक्षय

    Key Points

    • अक्षय के पर्यायवाची : 
    • अक्षय = अक्षत, अविनाशी 
    • सक्षम = समर्थ, काबिल 

    Important Points

    •  क्षीण का  विलोम : 
    • क्षीण = पुष्ट 
    • भीरू = डरपोक, कायर 
    • सात्विक = पवित्र, पावन 

    Additional Information अक्षय शब्द 'अ' उपसर्ग से बना है। अ उपसर्ग से बने अन्य शब्द : 

    शब्द नया शब्द
    कारण अकारण 
    धर्म अधर्म 
    ज्ञान अज्ञान 
    हिंसा अहिंसा 
    लौकिक अलौकिक
  • Question 45
    5 / -1
    निम्नलिखित में से कौन-सा 'अंधकार' शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है?
    Solution

     'अंधकार' शब्द का पर्यायवाची शब्द : निलय नहीं है।

    • निलय का अर्थ : निवास स्थान, घर
      • निलय के पर्यायवाची : घर, गृह, वास, आलय, वासस्थान, गेह, निवास, निकेतन, आवास, भवन, शाला, सदन।
      • अंधकार के पर्यायवाची : तिमिर, अँधेरा, तम, ध्वांत, तमिस्त्र

    Important Points

    • पर्यायवाची शब्द :
      • दीपक- प्रदीप, दीप, दीया, ज्योति, चिराग। 
      • नारद- ब्रह्मर्षि, ब्रह्म-पुत्र, देवर्षि, ब्रह्मर्ष।
      • पथ– मग, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता।
      • पंकज– कमल, राजीव, पद्म, सरोज, नलिन, जलज।
        • पिता- तात, जनक, जनयिता, बाप , पितृ।
        • फूल- पुष्प, कुसुम,पुहुप, सुमन, प्रसून।
        • ब्रह्मांड -दुनिया ,जगत, विश्व ,संसार ,जगती।
        • भव्य –शानदार ,रमणीय, दिव्य,मनोहर।​ 
      • मोक्ष- कैवल्य, मुक्ति, सद्गति, निर्वाण, परम पद।
      • यमुना – कालिंदी, तरणि-तनुजा, सूर्यजा, अज रवितनया, जमुना, कृष्णा, रविसुता |
      • युवती – तरुणी, श्यामा, रमणी, प्रमदा, सुंदरी, स्त्री, नारी, औरत, वनिता, कांता, वामा, त्रिया ।
      • वल्लभ- पति, प्रियतम, प्रिया, प्राणनाथ।

     

    • वज्र- अशनि, कुलिश, पवि।
    • विष- गर्ल, कालकूट, जहर, हलाहल।
  • Question 46
    5 / -1
    बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा-
    Solution

    बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा- दुरभिसंधि

    Key Points

    • दुरभिसंधि के पर्यायवाची : 
    • दुरभिसंधि = षड्यंत्र, साजिश, कुमंत्रणा 
    • उद्देश्य = लक्ष्य ध्येय
    • गणना = गिनती, हिसाब 
    • मित्रता = दोस्ती, मैत्री 

    Important Points

    •  गुप्त शब्द से बने अन्य शब्द : 
    • गुप्तचर, गुप्तांग, गुपचुप, गोपनीय 
    • शुभेच्छा के विलोम 
    • शुभेच्छा = श्राप, दुर्भावना 

    Additional Information

    •  दुर प्रत्यय से बने अन्य शब्द : 
    मूल शब्द नया शब्द 
    भाव दुर्भाव 
    गम दुर्गम 
    लभदुर्लभ 
    जेय दुर्जेय 
    आग्रह दुराग्रह 
  • Question 47
    5 / -1
    'घड़ों पानी पड़ जाना' मुहावरे का सही अर्थ क्या है?
    Solution
    • 'घडो पानी पड जाना' का सरल अर्थ यह है कि बहुत शर्मिंदगी का भाव महसूस होना
    • अतः बहुत शर्मिन्दा होना संगत विकल्प है। अन्य सभी विकल्प असंगत है।

    Key Points
    • मुहावरे की परिभाषा: जो वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़ कर विशेष अर्थ में प्रयुक्त होते है।उन्हें हम मुहावरे के नाम से जानते है।
    • ​ खून सफ़ेद हो जाना इसका अर्थ है कि बहुत डर जाना।
    •  नाक में दम आना इसका अर्थ है कि तंग होना।

    Additional Information
    अन्य मुहावरों का परिचय और उनका अर्थ।
    मुहावरा मुहावरे का अर्थ 
    अंडे का शहजादा अनुभवहीन व्यक्ति 
    ओस के मोती क्षणभंगुर 
    चांदी का जूता रूपये का जोर 
  • Question 48
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए शब्द के सही अर्थ का उचित विकल्प हो।

    बंदर

    Solution

    इस प्रश्न का सही उत्तर हरि है।

    • बंदर का एक पर्यायवाची हरि भी होता है।
    • बाकी सारे उत्तर गलत हैं। अत: हरि इस प्रश्न का सही उत्तर है। 

    Key Points

    • बंदर के अन्य पर्यायवाची : 
      • बंदर : वानर, कपि, कपीश, मर्कट

    Important Points

    • हरि के अन्य अर्थ : 
      • विष्णु, ईश्वर, सूर्य, पीला, भगवान,  इंद्र, शेर, अधिकमास, विष्णु, नारायण
      • ईश्वर, पुरुषोत्तम, राजा, पृथ्वीपति, कृष्ण, नृप, नारायण, रामचंद्र, विष्णु, श्रीपति, कुबेर।
  • Question 49
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करे जो रेखांकित शब्द के लिए उचित विकल्प हो।

    बच्चे को बिलखता देख कर सीमा का _______ जाग उठा।

    Solution
    बच्चे को बिलखता देख कर सीमा का ममत्व जाग उठा। Key Points

    ममता

    •  समानार्थी शब्द - ममत्वस्नेह , प्यार , प्रेम , नेह
    • लिंग - स्त्रीलिंग
    • ममता संज्ञा हैं ।
    • विलोम शब्द - विरक्ति

    शत्रु

    • समानार्थी शब्द - दुश्मन , वैरी , विरोधी , बैरी
    • बहुवचन - शत्रु
    •  जातिवाचक संज्ञा हैं ।

    ममत्व

    • लिंग - पुल्लिंग
    • ममत्व संज्ञा हैं ।
  • Question 50
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।

    शिक्षक का दर्जा ........... में हमेशा से ............. रहा है।
    Solution

    ऊपर दिए गए विकल्पों में से विकल्प 1 समाज / पूजनीय सही है। अतः अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए सही उत्तर नही हैं।

    Key Points 

    • समाज का अर्थ - समुदाय
    • पूजनीय का अर्थ - सम्माननीय

    पूर्ण वाक्य - शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से पूजनीय रहा है।

    Additional Information 

    • सामाज पुल्लिंग शब्द है।
    • सांस्कृतिक विशेषण शब्द है।
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