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Directions For Questions
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।
क्लोरोफिल या पर्णहरित एक प्रोटीनयुक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। पत्तों का हरा रंग इसी वर्णक के कारण होता है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण का मुख्य वर्णक होता है। क्लोरोफिल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है। इस क्लोरोप्लास्ट में ही क्लोरोफिल मौजूद होता है। क्लोरोफिल कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और मैग्नेशियम से मिलकर बना होता है और सभी स्वपोषी हरे पौधों में पाया जाता है। हरी पत्तियां प्रकाश संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सजीव कोशिकाओं द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया प्रकाश संश्लेषण या फोटो सिंथेसिस कहलाती है। क्लोरोफिलाइड सूक्ष्म क्रिस्टलीय पदार्थ है, जबकि क्लोरोफिल अक्रिस्टली होता है। अम्लों केउपचार से मैग्निशियम निकल जाता है और अब जो उत्पाद प्राप्त होता है उसे पॉरफिरिन कहते हैं। पॉरफिरिन में अम्ल और क्षार दोनों के गुण होते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में विभिन्न अभिकर्मकों के उपचार से क्लोरोफिल से अनेक उत्पाद प्राप्त हुए हैं, जिनसे पता लगता है कि क्लोरोफिल में पाइरोल केंद्रक रहते हैं। प्रक्रिया केवल हरे पादपों में होता है। वास्तव में पौधे का हरा होना आवश्यक नहीं है ,क्योंकि लाल और भूरे रंग के पौधे में भी प्रकाश संश्लेषण-प्रक्रिया होती है, जैसे कुछ समुद्री घास या अन्य पौधे। अतः प्रकाश संश्लेषण -प्रक्रिया में पौधे का रंग उतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि पादप-कोशिकाओं के भीतर हरे वर्णक पर्णहरित या क्लोरोफिल की मौजूदगी में ही संभव है। चूँकि क्लोरोफिल ही वह वास्तविक अणु है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया संपन्न होती है।
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पौधे की कोशिकाओं में छोटी-छोटी संरचनाएं होती है जिन्हें क्लोरोप्लास्ट कहा जाता है।
Additional Information प्रकाश संश्लेषण - सजीव कोशिकाओं के द्वारा प्रकाशीय उर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्रिया, द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में वायु से कार्बनडाइऑक्साइड तथा भूमि से जल लेकर जटिल कार्बनिक खाद्य पदार्थों जैसे कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करते हैं तथा आक्सीजन गैस (O2) बाहर निकालते हैं।
Key Points
Key Pointsअन्य विकल्प:
निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:
चैप्लिन का चमत्कार यही है कि उसकी फिल्मों को पागलखाने के मरीजों, विकल मस्तिष्क लोगों से लेकर आइन्स्टाइन जैसे महान् प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं। चैप्लिन ने न सिर्फ कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। यह अकारण नहीं है कि जो भी व्यक्ति, समूह या तंत्र गैर बराबरी नहीं मिटाना चाहता वह अन्य संस्थाओं के अलावा चैप्लिन की फिल्मों पर भी हमला करता है। चैप्लिन भीड़ का वह बच्चा है जो इशारे से बतला देता है कि राजा भी उतना ही नंगा है जितना मैं हूँ और भीड़ हँस देती है। कोई भी शासक या तंत्र जनता का अपने ऊपर हँसना पसंद नहीं करता। एक परित्यक्ता, दूसरे दर्जे की स्टेज अभिनेत्री का बेटा होना, बाद में भयावह गरीबी और माँ के पागलपन से संघर्ष करना, साम्राज्य, औद्योगिक क्रांति, पूँजीवाद तथा सामंतशाही से मगरूर एक समाज द्वारा दुरदुराया जाना-इन सबसे चैप्लिन को वे जीवन-मूल्य मिले जो करोड़पति हो जाने के बावजूद अंत तक उनमें रहे।
चार्ली चैप्लिन का सबसे बड़ा चमत्कार लेखक ने माना है- उन्हे हर वर्ग पसन्द करता है
Key Points
Additional Informationअभिनेता:-
मूक:-
विदेशी:-
लेखक के अनुसार चैप्लिन ने से कार्य किया- 1 और 2 दोनों (फिल्म कला को लोकतान्त्रिक बनाया, दर्शक वर्ग तथा वर्ण व्यवस्था को तोड़ा)
Additional Informationसमृद्धि:-
प्रदान:-
चैप्लिन भीड़ का बच्चा होकर भी भिन्न है- वह सच्चाई को इशारों में बता देता है
Additional Informationअभिमानी:-
क्रूर:-
परिपाटी:-
शिकार:-
शासन तंत्र द्वारा शासन तंत्र पर हँसने वाली जनता को पंसद नही किया जाता है।
Additional Informationभेदभाव:-
हँसना:-
चार्ली चैप्लिन को अपने जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ा- उपरोक्त सभी (भयंकर गरीबी, माँ के पागलपन से संघर्ष, परित्यक्ता अभिनेत्री का बेटा होना)
Key Pointsभयंकर:-
माँ:-
संघर्ष:-
पागलपन:-
परित्यक्ता:-
बेटा:-
निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रशनों के उत्तर दीजिए।
प्रसाद के नाटकों में उनका कवि मुखर है। उनके कुछ श्रेष्ठ गीत इन नाटकों में यत्र-तत्र दिखलाई पड़ते हैं। प्रसाद नारी रूप के विश्वसनीय जानकार हैं। भारतीय नारी के शोषण के प्रति क्षोभ को ही व्यक्त करने के लिए उन्होंने ध्रुवस्वामिनी (1933) लिखा जिसमें कायर पति को त्याग कर एक प्राचीन हिन्दू रानी अपने देवर का वर्णन करती है। कहने की आवश्यकता नहीं कि प्रसाद इस नाटक के द्वारा उचित कारण होने पर पुनर्विवाह के विधान को उचित ठहरा रहे हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "1933" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पुनर्विवाह" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "कवि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "विश्वसनीय जानकार हैं।" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
'ध्रुवस्वामिनी' नाटक विधा की रचना है।
‘हरीश’ में स्वर संधि है। हरि + ईश की संधि 'हरीश' होगी। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 3 ‘स्वर संधि’ सही है।
अन्य विकल्प -
संधि का नाम
परिभाषा
उदाहरण
अयादि संधि
यदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरों का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ऐ का आय, ओ, व अव, तथा औ का आव के रूप में परिवर्तन हो जाता हैं।
पो + अन = पवन
पौ + अन = पावन
गुण संधि
यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।
देव + ईश = देवेश
नर + इन्द्र = नरेंद्र
व्यंजन संधि
व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो परिवर्तन होता हैं, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
जगत + नाथ = जगन्नाथ
उत् + लास =उल्लास
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,
संधि
स्वर
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी
महा + ईश = महेश
व्यंजन
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
अहम् + कार = अहंकार
उत् + लास = उल्लास
विसर्ग
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
दुः + आत्मा =दुरात्मा
निः + कपट =निष्कपट
सही उत्तर 'चक्षुजल' है।
दिए गए विकल्पों में से ‘गिरिधारी’ 'बहुव्रीहि समास' का उदाहरण है, अर्थात इसका विग्रह ‘गिरि को धारण करनेवाला’ है। अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
स्पष्टीकरण
जिस समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं हो, अर्थात् समास किये गये दोनों पदों का शाब्दिक अर्थ छोड़कर तीसरा अर्थ या अन्य अर्थ लिया जावे, उसे बहुव्रीहि समास कहते है।
Additional Informationअन्य विकल्प:
समास
अव्ययीभाव समास
इस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य
अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होता है।
आजीवन = जीवन भर
प्रति दिन = प्रत्येक दिन
तत्पुरुष समास
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो।
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।
कर्मधारय
इस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होता है।
गुरुदेव = गुरु रुपी देव
नीलगगन = नील है जो आसमान
समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं। यह नया शब्द ही समास कहलाता है।
जैसे –
कमल के समान चरण = चरणकमल,
रसोई के लिए घर = रसोईघर।
Important Points
सामासिक शब्द या समस्तपद: जो शब्द समास के नियमों से बनता है वह सामासिक शब्द या समस्तपद कहलाता है।
पूर्वपद एवं उत्तरपद: सामासिक शब्द के पहले पद (शब्द) को पूर्व पद कहते हैं एवं दुसरे या आखिरी पद को उत्तर पद कहते हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "आहूत" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
अनुकूल शब्द का विलोम शब्द प्रतिकूल है।
Important Pointsकुछ महत्वपूर्ण विलोम शब्द:-
कुछ अन्य विलोम शब्द:-
दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।
बंदीगृह में कैदियों को अनेक प्रकार की _______ सहनी पड़ती है।
शारीरिक पीड़ा के लिए प्रयुक्त शब्द है- 'व्याधि'
Key Pointsव्याधि:-
Additional Informationव्यथा:-
आधि:-
यातना:-
वाक्य के लिए लोकोक्ति - न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी
वाक्य के लिए लोकोक्ति - आसमान से गिरा खजूर में अटका
वाक्य के लिए लोकोक्ति - अन्त भला तो सब भला
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर यह भी है कि मुहावरा किसी वाक्य में समा जाता है तथा उक्त वाक्य में चमत्कार, विशादता ला देता है, जबकि लोकोक्ति किसी वाक्य के समर्थन या खण्डन के लिए प्रयुक्त की जाती है।
(1) उसे / (2) देखकर / (3) निकल / (4) आँसू / (5) मेरे तो / (6) पड़े /
'महात्मा' में 'कर्मधारय' समास' है।
समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -
समास का नाम
तत्पुरुष
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ
तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत
अव्ययीभाव
जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'।
जन्म से लेकर = आजन्म
मति के अनुसार = यथामति।
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,
पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।
कमल के समान नयन = कमलनयन
महान है जो देव = महादेव
द्विगु
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।
दो पहरों का समूह = दोपहर
तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।
द्वंद्व
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो ।
अन्न और जल = अन्न-जल
अपना और पराया = अपना-पराया।
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान
तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव
द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)
(1) जब तक समाज में / (2) अशिक्षा और / (3) वास्तविक रूप में / (4) कोई भी देश / (5) विकास नहीं कर सकता है / (6) निर्धनता व्याप्त है, /
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अन्तेवासी" सही है।
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो समानार्थी शब्द का सही विकल्प नहीं है।
गुफा
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "गेह" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
सही उत्तर 'अत्यधिक विस्तृत होना' है।
मुहावरा - राई का पहाड़ बनाना
मुहावरा - बीड़ा उठाना
मुहावरा - कौड़ी का तीन समझना
मुहावरा परिभाषा
मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोडकर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "चिकीर्षा" सही है।
दिए गए वाक्य क्रम सही नहीं हैं। उनके उनके सही क्रम के चार विकल्प दिए गए है। उनमें से सही विकल्प चुनिए।
1) घर-बाहर कहीं भी चले जाँए
2) विभिन्न वैगयानिक उपलब्धियों के दर्शन होते हैं।
3) वैग्यानिक आविष्कार और
दिए गये विकल्पों का सही क्रम है - घर-बाहर कहीं भी चले जाएँ प्रत्येक कदम पर वज्ञानिक आविष्कार और विभिन्न वैज्ञानिक उपलब्धियों के दर्शन होते हैं। अतः सही विकल्प 1, 4, 3, 2 है।
अन्य विकल्प
दिए गए वाक्य क्रम सही नहीं हैं। उनके सही क्रम के चार विकल्प दिए गए हैं। उनमें से सही विकल्प चुनिए।
1) वे सब वस्तुत:
2) सुबह से लेकर रात तक
3) विज्ञान की ही देन है
दिए गये विकल्पों का सही क्रम है – सुबह से लेकर रात तक हम जितनी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं वे सब वस्तुतः विज्ञान की ही देन है। अतः सही विकल्प 2, 4, 1, 3 है।
मानसरोवर तक पहुंचना दुर्गम हैं।
Additional Informationनिर्गम:-
दुर्लभ:-
दुष्कर्म:-
‘अनु+एषण’ की संधि ‘अन्वेषण’ होगी। अतः विकल्प 2 सही है।
आया विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं।
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘साधन के अभाव का बहाना’ होगा। अन्य विकल्प असंगत हैं।
लोकोक्ति
अर्थ
वाक्य
नेकी और पूछ पूछ
बिना कहे ही भलाई
विद्यालय बहुत जर्जर अवस्था में था। समाज सुधारक पंडित रामलाल ने उसका जिर्णोद्धार की बात की प्रिंसिपल महोदया अत्यंत प्रसन्न हो गई इसे कहते हैं नेकी और पूछ पूछ।
आँखें मूँदकर रखना
बिना सोचे समझे
अध्यापक ने बच्चों से कहा कि हमें कोई काम आँख मूँदकर नहीं करना चाहिए।
नक्कारखाने में तूती की आवाज
सुनवाई न होना
विद्यालय में आई अचानक संकट से सभी प्रशासनिक वर्ग हतप्रभ रह गया। एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अपनी राय प्रकट कर रहा था यह तो नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसी हुई।
लोकोक्ति परिभाषा
किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं। जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।
अकेला चना भाद नहीं फोड़ता अर्थात एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता
वाक्य- उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा, हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा। इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’ ।
(1) जहां ऋतु वैविध्य है / (2) ऐसा देश है / (3) भारत ही / (4) एकमात्र /
सही उत्तर 'वीणापाणि' है।
अन्य विकल्प-
शाखा- टहनी, अवयव, डाल, अंग, मत, शाख़, पंथ, वीरुध, शाख़, डाली, डाल, डार, टहनी, लटकाव, प्रलंब
वाणी- वाचा, जिह्वा, ब्राह्मी, वचन, प्रतिज्ञा, उक्ति, शपथ, कथन, वादा, बोल
चैतन्य का विलोम अचैतन्य है।
चैतन्य का विलोम
बेसुध , अचैतन्य,जड़ता।
चैतन्य
प्रमुख विलोम शब्द-
प्राचीन - अर्वाचीन
सनाथ - अनाथ
निरालम्ब - अवलम्ब
उन्नत - अवनत
उपकार - अपकार
आदर - अनादर
भिज्ञ - अनभिज्ञ
अतिवृष्टि - अनावृष्टि
सध्दर्म - अधर्म
अभिज्ञ - अनभिज्ञ
ग्राह्य - अग्राह्य
सदोष - अदोष
विरक्त - अनुरक्त
दीर्घायु - अल्पायु
पूर्णिमा - अमावस्या
पुरातन - अधुनातन
पूर्णतः - अंशतः
बहुज्ञ - अल्पज्ञ
अपेक्षित - अनपेक्षित
बाह्य - अंतर
इति - अथ
निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए शब्द का विलोम शब्द है I
उद्यमी
'उद्यमी' शब्द का विलोम 'आलसी' है I
Important Points व्यवसाय:-
वित्त:-
Additional Informationविलोम:-
'चांडाल चौकड़ी' का अर्थ है: दुष्टों का समूह
सही उत्तर विसर्ग संधि है।
दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘विसर्ग संधि’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
‘मनोयोग’ शब्द का उचित संधि-विच्छेद ‘मन: + योग’ है। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। विसर्ग के साथ च या छ के मिलन से विसर्ग के जगह पर ‘श्’ बन जाता है। विसर्ग के पहले अगर ‘अ’ और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का 'ओ' हो जाता है।
उदहारण
विसर्ग संधि
विसर्ग के बाद स्वर व व्यंजन के आने पर विसर्ग में जो परिवर्तन या विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।
निः + चय = निश्चय
1. जगदीश – जगत् + ईश = व्यंजन संधि
2. सूर्यास्त – सूर्य + अस्त = स्वर-संधि
3. नाविक – नौ + इक = अयादि संधि
जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।
स्वर-संधि
स्वर के बाद स्वर अर्थात् दो स्वरों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, स्वर-संधि कहलाता है।
जब संधि करते समय ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ का आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।
य, व् से पहले व्यंजन पर अ, आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा।
जो क्षीण न हो सके-अक्षय
Additional Information अक्षय शब्द 'अ' उपसर्ग से बना है। अ उपसर्ग से बने अन्य शब्द :
'अंधकार' शब्द का पर्यायवाची शब्द : निलय नहीं है।
बुरे उद्देश्य से की गई गुप्त मंत्रणा- दुरभिसंधि
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए शब्द के सही अर्थ का उचित विकल्प हो।
बंदर
इस प्रश्न का सही उत्तर हरि है।
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करे जो रेखांकित शब्द के लिए उचित विकल्प हो।
बच्चे को बिलखता देख कर सीमा का _______ जाग उठा।
ममता
शत्रु
ममत्व
निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।
ऊपर दिए गए विकल्पों में से विकल्प 1 समाज / पूजनीय सही है। अतः अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए सही उत्तर नही हैं।
पूर्ण वाक्य - शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से पूजनीय रहा है।
Correct -
Wrong -
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