JAC Board 12th Biology Exam 2025 : Most Important ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ - परीक्षा से पहले रटलो

SHARING IS CARING
If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.
JAC बोर्ड कक्षा 12 जीवविज्ञान परीक्षा 22 फरवरी 2025 को होगी। परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्नों का संकलन यहां दिया गया है। यह प्रश्न बैंक पिछले वर्षों के पेपर और विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए चुनिंदा सवालों पर आधारित है।
ऑब्जेक्टिव प्रश्नों में MCQs, Fill in the Blanks और सही-गलत प्रकार के सवाल शामिल हैं, जो परीक्षा में बार-बार पूछे जाते हैं। वहीं, सब्जेक्टिव प्रश्नों में 2, 3, 5 और 8 अंकों के विस्तृत उत्तर सहित महत्वपूर्ण सवाल दिए गए हैं। इससे परीक्षा पैटर्न को समझने और बेहतर तैयारी में मदद मिलेगी।
अच्छे अंक पाने के लिए अपने रिवीजन को मजबूत बनाएं। सही रणनीति और अभ्यास से 90%+ अंक पाना संभव है!
JAC Board Class 12 Study Material
JAC Board Class 12 Study Material | |
JAC Board Class 12 Books | JAC Board Class 12 Previous Year Question Paper |
JAC Board Class 12 Syllabus | JAC Board Class 12 Model Paper |
JAC Board 12th Biology Important Question Answer 2025
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्नलिखित में से कौन कायिक प्रवर्ध की तरह कार्य नहीं करता।
(a) आँख के साथ आलू का ट्युबर
(b) गन्ने का मध्य भाग
(c) अदरक प्रकंद का खंड
(d) ब्रायोफिलम के किनारे का खंड
उत्तर: (b) गन्ने का मध्य भाग
2. एक परिपक्व आवृत्तबीजी भ्रूणकोष होता है :-
(a) 7 केंद्रकी एवं 8 कोशिकीय
(b) 8 केंद्रकी एवं 7 कोशिकीय
(c) 7 केंद्रकी एवं 7 कोशिकीय
(d) 8 केंद्रकी एवं 8 कोशिकीय
उत्तर: (b) 8 केंद्रकी एवं 7 कोशिकीय
3. स्त्री शरीर में वह स्थान जहां शुक्राणु एवं अंडाणु का निषेचन संपत्र होता है, वह स्थान है:-
(a) गर्भाशय
(b) अंडाशय
(c) तुंबिका संकीर्णपथ योजन
(d) ग्रीवा
उत्तर: (c) तुंबिका संकीर्णपथ योजन
4. निम्नलिखित जन्म नियंत्रण तकनीकी में से कौन पुरुषों से संबंधित है ?
(a) वैसक्टोमी
(b) ट्यूबेक्टोमी
(c) मुखीय गोली
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a) वैसक्टोमी
5. मार्गन का प्रयोग किस पर था ?
(a) सैंड फ्लाई
(c) फ्रुट फ्लाई
(b) घरेलू मक्खी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c) फ्रुट फ्लाई
6. निम्नलिखित में से कौन DNA से RNA के निर्माण की प्रक्रिया है ?
(a) प्रतिकृति
(b) रूपांतरण
(c) अनुलेखन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (c) अनुलेखन
7. पक्षियों एवं कीटों के पंख हैं -
(a) समजात अंग
(b) विषमजात या समरूप अंग
(c) अवशेषी अंग
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (b) विषमजात या समरूप अंग
8. हाथी पाँव रोग किसके द्वारा होता है ?
(a) ऐस्कारिस लुब्रिकॉइड्स
(b) एंटअमीबा हिस्टोलिटिका
(c) वुचेरेरिया बैंक्रोफ्टाई
(d) प्लैज्मोडियम वाइवैक्स
उत्तर: (c) वुचेरेरिया बैंक्रोफ्टाई
9. पंजाब में विकसित भेड़ की एक नई नस्ल हिसार डेल निम्न के संकरण से प्राप्त हुई है।
(a) मेरीनाम और बीकानेरी एवी
(b) एसेल रेम और वाइट लेग हॉर्न एवी
(c) आयलैंड रेम औरवाइट लेग हॉर्न एवी
(d) कोचीन राम और गैस ऐवी
उत्तर: (a) मेरीनाम और बीकानेरी एवी
10. पेनिसिलीन किससे प्राप्त होती है ?
(a) एस्परजिलस फ्यूमीगेटस
(b) पेनीसिलियम नोटेटम
(c) पेनिसिलियम ग्रेसीफ्लबम
(d) स्ट्रेप्टोमाइसीज प्रेसियस
उत्तर: (b) पेनीसिलियम नोटेटम
11. DNA फिंगर प्रिंटिंग में DNA के प्रवर्धन या गुणन के लिए उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया है।
(a) पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया
(b) सदर्न ब्लास्टिंग
(c) नदर्न ब्लास्टिंग
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (a) पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया
12. कृषि रसायन पर आधारित कृषि में शामिल है।
(a) उर्वरक और कीटनाशक
(b) अनुवांशिकता रूपांतरित फसलें
(c) RNA अंतरक्षेप
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर: (a) उर्वरक और कीटनाशक
13. एक ही क्षेत्र में रहने वाले पौधे तथा जन्तु बनाते है
(a) जैविक समुदाय
(b) ईकोटोन
(c) बायोम
(d) संघ
उत्तर: (a) जैविक समुदाय
14. किस प्रकार की ऊर्जा का पिरामिड उल्टा होता है ?
(a) ग्रास लैंड
(b) पेड़ पौधे
(c) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (d) इनमें से कोई नहीं
15. रेड डाटा किताब किसके आँकड़े उपलब्ध कराती है
(a) लाल पुष्पीय पौधों के
(b) लाल रंग की मछलियों के
(c) विलुप्तप्राय पौधो एवं जन्तुओं के
(d) लाल आँख के पक्षियों के
उत्तर: (c) विलुप्तप्राय पौधो एवं जन्तुओं के
16. BOD का क्या अर्थ है
(a) बायोलोजिक आर्गेनिज्म डेथ
(b) बायोकैमिकल आर्गेनिक मेटर डिके
(c) बायोटिक ऑक्सीजन डिमांड
(d) बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड
उत्तर: (d) बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जनन क्या है ?
उत्तर- वह जैविक प्रक्रम जिसके परिणाम स्वरूप जीव अपने समान संतति को उत्पन्न करता है उसे जनन कहते हैं।
2. कीट परागित पौधों के दो उदाहरण लिखें।
उत्तर- 1) सूर्यमुखी। 2) अंजीर
3. ग्राफी पुटक से अंडाणु के मोचित होने की प्रक्रिया का नाम बताएं।
उत्तर- ग्राफी पुटक से अंडाणु के मोचित होने की प्रक्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।
4. मानव जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के लिए किस शब्द का प्रयोग होता है?
उत्तर- जनसंख्या विस्फोट।
5. बिंदु उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर - DNA के किसी एकल क्षार युग्म के क्रम में होने वाला परिवर्तन बिंदु उत्परिवर्तन कहलाता है।
6. कितने स्टॉप कोडॉन हैं?
उत्तर- 3 स्टॉप कोडोन हैं-UAA, UAG and UGA.
7. प्रथम पारजीनी प्राणी क्या था? उसने किस हार्मोन के जीन थे?
उत्तर- प्रथम पारजीनी प्राणी चूहा था जिसमें वृद्धि हार्मोन के जीन थे।
8. MALT का पूर्ण रूप लिखें।
उत्तर - MALT म्यूकोसल एसोसिएटेड लिम्फॉयड टिशू (श्लेष्म संबद्ध लसीकाभ ऊतक)
9. समजात अंग किस प्रकार के क्रम विकास का समर्थन करता है?
उत्तर- अपसारी विकास
10. आलू और टमाटर से उत्पन्न कायिक संकर को क्या कहते हैं?
उत्तर - आलू और टमाटर से उत्पन्न कायिक संकर को पोमैटो कहते हैं।
11. किस बैक्टीरिया को लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया कहते हैं?
उत्तर- लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया को लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया कहते हैं।
12. सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला संवाहक DNA क्या है?
उत्तर - सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला संवाहक DNA प्लाज्मिड एवं बैक्टीरियोफेज है।
13. मरुद्भिद् कहाँ उगते हैं?
उत्तर - मरुदभिपौधे शुष्क वातावरण में उगते हैं जहां पानी की अत्यंत कमी होती है।
14. शाकाहारी जन्तु को सम्पूर्ण प्राथमिक उत्पादकता प्राप्त नहीं होती है। एक कारण लिखिए।
उत्तर- स्वपोषी अकार्बनिक पदार्थों को कार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित करते हैं। किन्तु इसके साथ ही ऊर्जा की कुछ मात्रा वातावरण में मुक्त करते हैं।
15. जैव विविधता के जनक कौन हैं?
उत्तर- एडवार्ड विल्सन
16. प्रदूषित वायु से 502 जैसी गैसों को हटाने के लिए क्या उपाय किया जा सकता है ?
उत्तर - प्रदूषित वायु को मार्जक से गुजार कर
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. अंड प्रजक जीव अत्यधिक अंडे क्यों उत्पन्न करते हैं ?
उत्तर- अंड प्रजक जीव बाहर अंडा देते हैं एवं संपूर्ण भ्रूण विकास बाह्य वातावरण में संपन्न होता है जिससे मृत्यु के खतरे एवं संभावनाएं बढ़ जाती हैं। संतति की सुरक्षा एवं जीवित रहने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अंड प्रजक जीव अत्यधिक अंडे उत्पन्न करते हैं।
2. वायु परागित पुष्पों के क्या लक्षण हैं?
उत्तर- वायु परागित पुष्पों के लक्षण निम्नलिखित हैं:-
अ) पुष्प आकार में छोटे होते हैं एवं आकर्षक नहीं होते।
ब) पुष्पों में मकरंद एवं सुगंध नहीं होते।
स) परागकण हल्के, सूखे एवं चिपचिपे नहीं होते ।
द) ऐसे पुष्पों के वर्तिकाग्र चिपचिपे एवं बहुत हल्के होते हैं।
इ) परागकण अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न होते हैं।
3. सहलग्नता क्या है? इसके बारे में किस वैज्ञानिक ने अध्ययन किया?
उत्तर- एक ही क्रोमोजोम पर उपस्थित जीन अथवा एलील जो अर्धसूत्री विभाजन के समय एक दूसरे से बिना पृथक हुए उसी स्थिति में पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते रहते हैं एक दूसरे से सहलग्न होते हैं। ऐसी घटना को सहलग्नता कहते हैं। मोरगन ने ड्रोसॉफिला मेलानोगैस्टर पर सहलग्नता का अध्ययन किया।
4. डार्विनवाद क्या है?
उत्तर- चार्ल्स डार्विन ब्रिटेन के प्रकृतिवादी वैज्ञानिक थे। इन्होंने एच. एम. एस बीगल नामक जहाजं पर सम्पूर्ण विश्व का भ्रमण किया। चाल्स डार्विन ने 1859 ई. में प्रकाशित अपनी पुस्तक "ओरिजिन ऑफ स्पीसीज" में प्रसिद्ध प्राकृतिक चयन का सिद्धान्त प्रतिपादित किया। डार्विन के सिद्धान्तों को निम्नलिखित नियमों में संकलित किया जा सकता है।
(a) प्रजनन की तेज दर
(b) विभिन्नताएँ
(c) अस्तित्व के लिए संघर्ष
(d) सामर्थवान का जीवत्व
(e) उपयोगी गुणों की वशागति
5. नए अंगुलिछापी क्या है ? इस प्रक्रिया में शामिल चरणों को लिखें।
उत्तर- डीएनए अंगुलिछापी ( डीएनए फिंगरप्रिंटिंग) एक प्रयोगशाला तकनीक है जिसका उपयोग मानव डीएनए के कुछ विशिष्ट जगहों के न्यूक्लियोटाइड अनुक्रमों पर किसी व्यक्ति की संभावित पहचान निर्धारित करने के लिए किया जाता है, जो कि व्यक्तियों के लिए अद्वितीय हैं।
इसमें निम्नलिखित चरण शामिल है
(क) डीएनए का विलगन ।
(ख) प्रतिबंधन एंडोन्यूक्किएज द्वारा डीएनए का पाचन ।
(ग) इलेक्ट्रोफॉरैसिस द्वारा डीएनए खंडों का पृथक्करण।
(घ) पृथक्कृत डीएनए खंडों का संश्लेषित झिल्ली जैसे नाइट्रोसेलुलोज या नायलॉन पर स्थानांतरण (ब्लाटिंग)
(ङ) चिन्हित वी एन टी आर प्रोब का उपयोग करते हुए संकरण |
(च) स्वविकिरणी चित्र द्वारा संकरित डीएनए खंडो का पता लगाना।
6. यौन संचारित रोगों के संक्रमण से बचाव के लिए कौन से उपाय किए जाने चाहिए।
उत्तर- यौन संचारित रोगों के संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए:-
(a) अनजान एवं अधिक व्यक्तियों से यौन संबंध स्थापित नहीं हो।
(b) यौन संबंधों के दौरान कॉन्डम का प्रयोग किया जाना चाहिए।
(c) सुई एवं शल्यक्रिया के उपकरणों को साझा नहीं करना चाहिए।
(d) शंका की स्थिति में चिकित्सक से तत्काल परामर्श एवं उपचार लेना चाहिए।
7. गर्भावस्था के दौरान आर्तव चक्र क्यों अनुपस्थित रहता है?
उत्तर- गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन एवं एस्ट्रोजन उच्च स्तर में पाए जाते हैं जो गोनाडोट्रोपिन के निर्माण को अवरुद्ध करते हैं। गोनाडोट्रोपिन प्राथमिक पुटक के ग्राफी पुटक के रुप में रूपांतरण के लिए आवश्यक है एवं अंडोत्सर्ग के लिए भी आवश्यक है। इसी कारणवश गर्भावस्था के दौरान आर्तव चक्र अनुपस्थित रहता है।
8. अमीबीएसीस क्या है ? इसे उत्पन्न करने वाले जीव का नाम लिखें।
उत्तर- अमीबीएसीस वृहत् आंत्र में परजीवी संक्रमण के द्वारा होने वालारोग है। कब्ज, उदरीय पीड़ा और ऐंठन और श्लेषमल इस रोग के लक्षण हैं। इस रोग का कारक प्रोटोजोअन एंटअमीबा हिस्टोलिटिका है।
9. पुनर्योगज DNA के निर्माण में तीन प्रकार के जैविक साधन का उपयोग किया जाता है उनके नाम लिखिए।
उत्तर - पुनर्योगज DNA के निर्माण में तीन प्रकार के जैविक साधन का उपयोग किया जाता है उनके नाम हैं-
प्रतिबंधन एंजाइम, क्लोनिंग वेक्टर, सक्षम परपोषी अतिथेय हैं।
10. किस भोजन में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया मिलते हैं इसके कुछ लाभप्रद उपयोग बताएं।
उत्तर- दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया मिलते हैं। इनके निम्नलिखित उपयोग हैं: (i) लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया आहार दूध के लैक्टोस को लैक्टिक अम्ल में बदल देते हैं। यह दूध के प्रोटीन एवं कैसीन को जमा कर दूध को दही में बदलता है। (ii) दही का पोषण क्षमता दूध से अधिक होता है।
11. सूक्ष्म प्रवर्धन द्वारा पादपों के उत्पादन के मुख्य लाभ क्या हैं?
उत्तर- सूक्ष्मप्रवर्धन ऊतक संवर्धन द्वारा हजारों की संख्या में पादपों को उत्पन्न करने की विधि सूक्ष्मप्रवर्धन कहलाती है। इनमें प्रत्येक पादप आनुवंशिक रूप से मूल पादप के समान होते हैं जिससे वे तैयार किए जाते हैं। ये सोमाक्लोन कहलाते हैं। अधिकांश महत्त्वपूर्ण खाद्य पादपों जैसे- टमाटर, केला, सेब आदि का बड़े पैमाने पर उत्पादन इस विधि द्वारा किया गया है।
12. जैव एकश्व क्या है ? संक्षेप में बताएं।
उत्तर- एकश्व किसी खोजकर्ता को सरकार द्वारा दिया गया अधिकार होता है जो अन्य लोगों को उसकी खोज का व्यवसायिक प्रयोग करने से रोकता है। जब एकश्वों को जैवीय खोजों तथा उनसे व्युत्पन्न उत्पादों के लिए प्रदान किया जाता है तब इन एकश्वों को जैव-एकश्व कहा जाता है। काली मिर्च, बासमती चावल, भारतीय सरसों, अनार, हल्दी एवं नियम के पौधों के लिए एकश्व कराए गए हैं।
13. एंटीबायोसिस किसे कहते हैं?
उत्तर- वह क्रिया जिसके द्वारा एक जीव दूसरे जीव की वृद्धि को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से रोक देता है अथवा एक जीव दूसरे जीव को किसी पदार्थ के निर्माण द्वारा नष्ट कर देता है उसे एंटीबायोसिस कहते हैं।
14. पारिस्थितिकी का 10% नियम क्या है? या पारिस्थितिक दशांक्ष का नियम क्या है?
उत्तर- प्रत्येक पारिस्थितिक तंत्र की खाद्य श्रृंखला में ऊर्जा के स्थानान्तरण में एक पोषक स्तर पर लगभग 10% ऊर्जा हो संग्रहित होती है शेष 90% ऊर्जा का ऊष्मा के रूप में श्वसन आदि क्रियाओं में समाप्त हो जाता है। इसे पारिस्थितिक दशांक्ष का नियम कहते है।
15. सहविलुप्तता क्या है ?
उत्तर- जब एक जाति विलुप्त होती है तब उस पर आधारित दूसरी जंतु व पादप जातियां भी विलुप्त होने लगती है जब एक परपोषी मत्स्य जाति विलुप्त होती है तब उसके विशिष्ट परजीवियो का भी वही भविष्य होता है। इसका दूसरा उदाहरण विकसित परागणकारी सहोपकारिता का है जहां एक पादप के विलोपन से दूसरे कीट का विलोपन ही निश्चित रूप से होता है
16. अहमद खान द्वारा बैंगलोर में प्लास्टिक कचरे के उपाय के बारे में लिखें।
उत्तर- पॉलीथीन आदि से उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग प्रदूषण को नियंत्रित करने के कुशल तरीकों से किया जा सकता है, उदाहरण के लिए, बैंगलोर में अहमद खान 20 वर्षों से प्लास्टिक की बोरियों का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने महसूस किया कि प्लास्टिक कचरा एक वास्तविक समस्या है। पॉलीब्लेंड, संशोधित पुनर्नवीनीकरण का एक अच्छा पाउडर प्लास्टिक विकसित किया गया था और इसे बिटुमेन के साथ मिलाया गया था जिसका उपयोग सड़कें बनाने के लिए किया जाता है। यह मिश्रण, जब सड़कों को बिछाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, बिटुमेन के जल विकर्षक गुणों को बढ़ाया और सड़क के जीवन को तीन गुणा तक बढ़ाने में मदद किया। यह तरीका न केवल कचरा बीनने वालों के लिए मौद्रिक दृष्टि से फायदेमंद था (उन्हें 0.40 रुपये प्रति किलोग्राम के 6 रुपये का भुगतान किया जाता है। बल्कि प्लास्टिक द्वारा प्रदूषण के नियंत्रण और जीवन को बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद था। इस मिश्रण से बंगलौर में 40 किलोमीटर सड़कें पहले ही बिछाई जा चुकी हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. लैंगिक जनन करने वाले जीवों के जीवन की कौन सी प्रावस्थाएं हैं? संक्षेप में व्याख्या करें।
उत्तर- लैंगिक जनन करने वाले जीवों के जीवन की प्रावस्थाओं को तीन भागों में बांटा गया है।
अ) किशोर प्रावस्था
ब) जनन प्रावस्था
स) प्रौढ़ प्रावस्था
अ) किशोर प्रावस्था किसी जीव के जन्म से लेकर प्रजनन की क्रिया के प्रारंभ होने तक के समय को किशोर प्रावस्था कहते हैं। पौधों में इसे कयिक प्रावस्था भी कहा जाता है।
ब) जनन प्रावस्था - लैंगिक जनन करने वाले जीवों की इस प्रावस्था में कुछ आकारिकी एवं परिवर्तन होते हैं जो जनन के लिए आवश्यक हैं। इस प्रावस्था में जीव जनन की सक्रिय प्रावस्था में प्रवेश करता है एवं संतति उत्पन्न करना प्रारंभ करता है।
स) प्रौढ़ प्रावस्था - जनन प्रावस्था के अंत के साथ इस प्रावस्था का प्रारंभ होता है। इस प्रावस्था में शरीर की उपापचयी क्रियाएं धीमी हैं एवं इस प्रावस्था का अंत जीव की मृत्यु के साथ हो जाता है।
2. परागण क्या है ? परागण के अभिकर्ता की विस्तृत व्याख्या करें।
उत्तर- परागण वह प्रक्रिया जिसके द्वारा किसी पुष्प के पराग कोष से परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र या किसी दूसरे पुष्प के वर्तिका पर स्थानांतरित होते हैं और उसे परागण कहते हैं। परागण के अभिकर्ता - वे सभी जैविक एवं अजैविक कारक जो पुष्प के परागण के लिए उत्तरदायी होते हैं परागण के अभिकर्ता कहलाते हैं। इनके दो वर्ग हैं।
. जैविक अभिकर्ता- इसमें परागण की प्रक्रिया में सहायता करने वाले सभी सजीव सम्मिलित होते हैं।
उदाहरण- पक्षी, कीट, चमगादड़ ।
. अजैविक अभिकर्ता इसमें सभी निर्जीव कारक सम्मिलित होते हैं जैसे वायु एवं जल ।
अधिकतर पुष्प परागण के लिए जैविक अभिकर्ता का चयन करते हैं एवं कुछ ही पुष्प और अजैविक कारकों का चयन करते हैं। सामान्यतः पर परागण बाह्य माध्यमों की सहायता से ही संपन्न होता है। इनमें से कुछ बाह्य माध्यम या परागण के अभिकर्ता निम्नलिखित है।
i. वायु:- वे पौधे जो वायु की सहायता से परागित होते हैं। वायु परागित (एनीमोफिली) पौधे कहलाते हैं। यह पुष्प अत्यंत ही अधिक मात्रा में पर परागकणों का निर्माण करते हैं। ऐसे पौधों के पुष्प छोटे होते हैं एवं उनके वर्तिका और वर्तिका बहुत हल्के होते हैं । यह पुष्प आकर्षक नहीं होते एवं सुगंध तथा मकरंद उत्पन्न नहीं करते। इनके परागकण हल्के एवं चिपचिपाहट रहित होते हैं।
ii. जल:- वैसे पौधे जिनके पुष्प जल की सहायता से परागित होते हैं उन्हें जल परागित (हाइड्रोफिली) पौधे कहते हैं। आवृतबीजी पौधों में जल परागण अत्यंत ही कम देखा जाता है। सामान्यतः यह जलीय पौधों में घटित होता है।
ii. कीट :- वैसे पौधे जिन के पुष्प कीट की सहायता से परागित होते हैं उन्हें कीट परागित (एंटोमोफिली) पौधे कहा जाता है। कीट परागित पौधों के पुष्प सुंदर, बड़े, आकर्षक, रंगीन, मकरंद उत्पन्न करने वाले एवं सुगंध युक्त होते हैं। इनमें उत्पन्न होने वाले परागकण चिपचिपे होते हैं ।
iv. पक्षी :- वह पौधे जिनके पुष्प पक्षियों के द्वारा परागित होते हैं उन्हें पक्षी परागित (ओरनिथोफिली) पौधे कहते हैं। इन पौधों के पुष्प बड़े, रंगीन एवं गंधहीन होते हैं।
v. चमगादड़ :- ऐसे पुष्प जो चमगादड़ की सहायता से परागित होते हैं उन्हें चमगादड़ परागित पुष्पों ( काइरोप्टेरोफिली) कहते हैं।
3. मानव शुक्रजनन की प्रक्रिया की व्याख्या करें।
उत्तर- शुक्र जनन: यह मानव नर के वृषण के जनन एपीथिलियम में उपस्थित द्विगुणित जनन कोशिकाओं (शुक्र जन) से अगुणित नर युग्मक (शुक्राणु) के बनने की प्रक्रिया है। मानव में यह यौवनारंभ के साथ प्रारंभ होता है। यह एक सतत प्रक्रिया है जो 74 दिनों में संपन्न होता है।
क्रियाविधि :- शुक्र जनन की प्रक्रिया को दो भागों में बांटा जाता है-
अ) शुक्राणु प्रसु का निर्माण
ब) शुक्राणु जनन
अ) शुक्राणु प्रसु का निर्माण :- यह तीन प्रावस्थाओं में संपन्न होता है:-
i) गुणन की अवस्था :- इस अवस्था में वृषण के जनन एपिथीलियम में उपस्थित जनन कोशिकाएं तीव्रता से समसूत्री विभाजन करती हैं। इसके परिणाम स्वरूप अत्यधिक संख्या में द्विगुणित शुक्राणु मातृ कोशिकाओं का निर्माण होता है जिन्हें शुक्राणुकोशिकाजन कहते हैं
ii) वृद्धि की अवस्था :- इस अवस्था में जनन एपिथीलियम की कोशिकाओं से प्राप्त किए गए पोषक पदार्थों के जमाव से शुक्राणुकोशिकाजन के आकार में वृद्धि होती है। शुक्राणुकोशिकाजन के आकार में वृद्धि होती है जिससे प्राथमिक शुक्राणु कोशिकाओं का निर्माण होता है।
3) परिपक्वता की अवस्था :- इस अवस्था में प्राथमिक शुक्राणु कोशिकाएं अर्धसूत्री विभाजन के द्वारा विभाजित होना प्रारंभ में करती हैं। प्रथम अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप दो अगुणित द्वितीयक शुक्राणु कोशिकाओं का निर्माण होता है जिसमें 23 गुणसूत्र होते हैं। इस विभाजन के तुरंत बाद द्वितीय अर्धसूत्री विभाजन प्रारंभ होता है जिससे शुक्राणु प्रसु का निर्माण होता ह प्रत्येक शुक्राणु प्रसु में 23 गुणसूत्र उपस्थित होते हैं। इसके पश्चात शुक्राणु प्रसु रूपांतरण की अवस्था में प्रवेश करते हैं।
ब) शुक्राणु जनन:- वह प्रक्रिया जिसके फलस्वरूप गोलाकार एवं चलाएमान शुक्राणु प्रसु चलायमान एवं क्रियाशील शुक्राणुओं में रूपांतरित हो जाते हैं उसे शुक्राणु जनन कहते हैं। रूपांतरण की इस प्रक्रिया में शुक्राणु प्रसु का भार कम हो जाता है एवं गति करने के लिए संरचनाओं का निर्माण होता है।
4. बंध्यता क्या है ? बंध्यता के क्या कारण हैं ? सहायक जनन प्रौद्योगिकी एक बंध्य दंपत्ति को संतान प्राप्ति के लिए कैसे सहायता करती हैं? किन्ही तीन तकनीकों की व्याख्या करें?
उत्तर- बंध्यता:- वह स्थिति जिसमें 2 वर्षों के उन्मुक्त एवं असुरक्षित सहवास के पश्चात भी कोई दंपत्ति संतान उत्पन्न करने में सक्षम नहीं हो पाते उसे बंध्यता कहते हैं।
सहायक जनन प्रौद्योगिकी :- वे तकनीक जो बंध्य दंपत्तियों को संतान प्राप्ति के लिए सहायता करतीं हैं उन्हें सामुहिक रूप से सहायक जनन प्रौद्योगिकी कहा जाता है।
बंध्यता के कारण : शारीरिक कारण, जन्मजात रोग जन्य, प्रतिरक्षात्मक, मनोवैज्ञानिक इत्यादि । विगत कुछ दशकों में अच्छे प्रयास किए गए जिससे बंध्यता के कारण को पहचानने एवं ठीक करने में सहायता मिली और दंपतियों को संतान प्राप्ति में भी सहायता मिली। इनमें से कुछ तकनीकों की चर्चा नीचे की गई है :-
(a) टेस्ट ट्यूब बेबी :- यह तकनीक है जिसमें अंडे के पात्रे निषेचन के पश्चात 8 या उससे अधिक कोशिकीय अवस्था में मादा के गर्भाशय में अग्रेतर विकास के लिए स्थानांतरित कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में मादा के जनन नाल से अनिषेचित अंडे को निकाल लिया जाता है। और मादा काय के बाहर एक कल्चर माध्यम में शुक्राणु के साथ निषेचन कराया जाता है जिससे युग्मनज का निर्माण होता है।
(b) जी.आई.एफ.टी. (गेमेट इंट्राफैलोपियन ट्रांसफर) :- इस तकनीक का प्रयोग उन स्त्रियों में होता है जो अंडा नहीं उत्पन्न कर सकती किंतु उनमें सामान्य डिंब वाहिनी नलिका एवं गर्भाशय उपस्थित होता है जो निषेचन के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है एवं भ्रूण के विकास के लिए भी उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। इस प्रक्रिया में शुक्राणु एवं अंडाणु को डिंबवाहिनी नलिका के तुंबिका में लेप्रोस्कोपी की सहायता से स्थानांतरित किया जाता है।
(c) आई.सी.एस.आई. (इंट्रा साइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन):- इस प्रक्रिया में प्रयोगशाला के कल्चर माध्यम में शुक्राणुओं को अंडाणु के अंदर सूई के द्वारा सीधे प्रवेश करा दिया जाता है। इसके पश्चात युग्मनज या भ्रूण को माता के डिंब वाहिनी नलिका या गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। इस तकनीक का प्रयोग वैसे परुषों में होता है जो शुक्राणु अल्पता से ग्रस्त होते हैं।
5. मानव मे लिंग निर्धारण का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर- नर में एक X क्रोमोसोम और एक Y क्रोमोसोम होता है और 22 जोड़े अलींग क्रोमोसोम होते हैं इस प्रकार कुल 46 क्रोमोसोम होते हैं। मादा में X क्रोमोसोम का एक जोड़ा होता है और 22 जोड़ी अलींग क्रोमोसोम पाए जाते हैं, इस प्रकार इनमें भी 46 क्रोमोसोम पाए जाते हैं। नर में शुक्र जनन के समय दो प्रकार के युग्मक बनते हैं कुल उत्पन्न शुक्राणु संख्या का 50 प्रतिशत X युक्त होता है जिन्हें गाइनो स्पर्म कहते हैं और शेष 50 प्रतिशत युक्त होते हैं जिन्हें एंड्रोस्पर्म कहते हैं नर में X के अतिरिक्त एक क्रोमोसोम होता है जो नर लक्षण का निर्धारक होता है। मादा में केवल एक ही प्रकार के अंडाणु बनते हैं, जिसमें X क्रोमोसोम होता है। अंडाणु के X या Y धारी क्रोमोसोमों से निषेचित होने की प्रायिकता बराबर-बराबर रहती है। यदि अंडाणु का निषेचन X धारी शुक्राणु से हो गया तो युग्मनज ( जाइगोट), मादा (XX) में परिवर्तित हो जाता है। इसके विपरीत क्रोमोसोम धारी शुक्राणु से निषेचन होने पर नर संतति (XY) जन्म लेती है। इससे स्पष्ट है कि शुक्राणु की अनुवांशिक संरचना ही शिशु के लिंग का निर्धारण करती है।