MP Board 10th Social Science Exam 2024 : VVI Most Important Subjective Question Answers - रटलो 26 फरवरी के लिए

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मध्यप्रदेश बोर्ड 10वीं की Social Science परीक्षा 26 फरवरी, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
यहाँ पर MP Board क्लास 10th के Social Science (VVI Most Important Subjective Question Answers) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है। महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संग्रह है जो बहुत ही अनुभवी शिक्षकों के द्वारा तैयार किये गए है। इसमें प्रत्येक महत्वपूर्ण प्रश्नों को छांट कर एकत्रित किया गया है, जिससे कि विद्यार्थी कम समय में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।
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MP Board 10th Social Science Exam VVI Most Important Subjective Question Answers
प्रश्न 1. मृदा संरक्षण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - मिट्टी के अपरदन या क्षय को रोकना ही मृदा का संरक्षण है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। इसलिए मृदा संरक्षण द्वारा विनाश रोकना आवश्यक है।
प्रश्न 2. समोच्च जुताई किसे कहा जाता है ?
उत्तर - ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाओं के समानान्तर हल चलाने से ढाल के साथ जल बहाव की गति घटती है। इसे समोच्च जुताई कहा जाता है।
प्रश्न 3. पवन अपरदन किसे कहते हैं ?
उत्तर - पवन द्वारा मैदान अथवा ढालू क्षेत्र से मृदा को उड़ा ले जाने की प्रक्रिया को पवन अपरदन कहा जाता है।
प्रश्न 4. बाँगर किसे कहते हैं ?
उत्तर - पुरानी जलोढ़ मिट्टी को बाँगर कहते हैं। यह नदियों द्वारा निर्मित प्राचीन मृदा है। ऊँचे भागों में पाये जाने वाली यह मिट्टी उन क्षेत्रों में मिलती है जहाँ नदियों की बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता। बाँगर स्लेटी रंग की चिकनी मिट्टी होती है। यह कम उपजाऊ होती है। इसमें प्राय: कंकड़ (कैल्शियम कार्बोनेट) पाये जाते हैं।
प्रश्न 5. भारत में उगाई जाने वाली मुख्य रेशेदार फसलें कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर - कपास, जूट, सन और प्राकृतिक रेशम भारत में उगाई जाने वाली चार मुख्य रेशेदार फसलें हैं। इनमें से पहली तीन मृदा में फसल उगाने से प्राप्त होती हैं और चौथा रेशम के कीड़े के कोकून से प्राप्त होता है, जो शहतूत के पेड़ की हरी पत्तियों पर पलता है।
प्रश्न 6. काली मृदा किन राज्यों में प्रमुख रूप से पाई जाती है ? इस पर मुख्य रूप से कौन-सी फसल उगाई जाती है ?
उत्तर - काली मृदा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार में पाई जाती है। काली मृदा कपास की खेती के लिए उचित समझी जाती है और काली कपासी मृदा के नाम से भी जानी जाती है।
प्रश्न 7. भारत में पाई जाने वाली मिट्टियों के नाम लिखिए।
उत्तर - भारत में पाई जाने वाली मिट्टियाँ हैं :- (1) जलोढ़ मिट्टी, (2) काली या रेगर मिट्टी, (3) लाल मिट्टी, (4) लैटेराइट मिट्टी, (5) मरुस्थलीय मिट्टी, (6) पर्वतीय मिट्टी ।
प्रश्न 8. पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए ?
उत्तर - पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए निम्न कदम उठाने चाहिए :- (1) समोच्च जुताई, (2) सीढ़ीदार खेती, (3) पट्टीदार खेती ।
प्रश्न 9. सतत् पोषणीय विकास से क्या आशय है ?
उत्तर - सतत् पोषणीय आर्थिक विकास का अर्थ है कि विकास पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाए और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की अवहेलना न करे।
प्रश्न 10. गन्ना नकद दाम की फसल है, क्यों ?
उत्तर - गन्ना एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक फसल है। गन्ना चीनी बनाने में प्रयुक्त किया जाता है। चीनी उद्योग में गन्ने का प्रयोग होने के कारण यह अब एक महत्त्वपूर्ण मुद्रादायिनी कृषि उपज बन गया है।
प्रश्न 11. रबी और खरीफ की फसलों के नाम लिखिए ।
उत्तर - रबी की फसलें :- गेहू, जौ, मटर, चना और सरसों कुछ मुख्य रबी फसलें हैं।
खरीफ की फसलें :- चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुअर (अरहर), मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली, और सोयाबीन आदि खरीफ की फसलें हैं।
प्रश्न 12. विनिर्माण क्या है ?
उत्तर - कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण कहा जाता है, जैसे - कागज बाँस से, चीनी गन्ने से, लोहा-इस्पात लौह-अयस्क से तथा एल्युमिनिय बॉक्साइट से निर्मित है।
प्रश्न 13. प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्रक का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर -
प्राथमिक क्षेत्र - मछलीपालन
द्वितीयक क्षेत्र - गन्ने से चीनी
तृतीयक क्षेत्र - संचार
प्रश्न 14. अन्तिम उत्पादन से क्या आशय है ?
उत्तर - वे वस्तुएँ जो उपयोग के लिए तैयार हैं, उन्हें अन्तिम उत्पादन कहते हैं, जैसे- डबल रोटी उपयोग के लिए तैयार है।
प्रश्न 15. वर्ष 1991 से पूर्व भारत के विदेशी व्यापार की नीति क्या थी ?
उत्तर - वर्ष 1991 तक आयातों पर नियन्त्रण रखा गया। इस अवधि में केवल अनिवार्य वस्तुओं, जैसे- मशीनरी, उर्वरक और पेट्रोलियम का ही मुख्य रूप से आयात किया गया। देश के उत्पादकों को विदेशी प्रतियोगिता से बचाए रखने के लिए संरक्षण की नीति को अपनाया गया। परिणामस्वरूप इस अवधि में व्यापार धीमी गति से बढ़ा।
प्रश्न 16. श्रम विभाजन क्या है ?
उत्तर - किसी वस्तु की उत्पादन प्रक्रिया को विभिन्न उप-क्रियाओं में बाँटना और प्रत्येक उपक्रिया को अलग-अलग श्रमिकों से कराना श्रम विभाजन कहलाता है।
प्रश्न 17. भारत में वनों को कितने वर्गों में बाँटा गया है ?
उत्तर - भारत में वनों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा गया है :-
(i) आरक्षित वन :- देश के आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किए गए हैं। जहाँ तक वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की बात है, आरक्षित वनों को सबसे अधिक मूल्यवान माना जाता है।
(ii) रक्षित वन :- वन विभाग के अनुसार भारत के कुल वन क्षेत्र का एक-तिहाई भाग रक्षित है। इन वनों को और अधिक नष्ट होने से बचाने के लिए इनकी सुरक्षा की जाती है।
(iii) अवर्गीकृत वन :- अन्य सभी प्रकार के वन और बंजर भूमि जो सरकार, व्यक्तियों और समुदाय के स्वामित्व में होते हैं, अवर्गीकृत वन कहे जाते हैं ।
आरक्षित और रक्षित वन ऐसे स्थायी वन क्षेत्र हैं, जिनका रख-रखाव इमारती लकड़ी, अन्य वन पदार्थों और उनके बचाव के लिए किया जाता है।
प्रश्न 18. 'संसाधन' से क्या आशय है ?
उत्तर - पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा सकती है, और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, एक 'संसाधन ' है ।
प्रश्न 19. बांगर तथा खादर मृदाओं के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - बांगर और खादर में निम्न अन्तर पाये जाते है :-
बांगर :-
1. पुराने जलोढ़ अवसादों के निक्षेप से निर्मित उच्च भू-आकार को बांगर कहते हैं।
2. ऊँचाई के कारण बाढ़ का जल यहाँ तक नहीं पहुँचता है।
3. बांगर के क्षेत्र में चूना युक्त कंकड़ों की बहुलता है, जिसमें आर्द्रता कम होती है, अतः कम उपजाऊ होती है।
4. इसका विस्तार पंजाब व उत्तर प्रदेश में अधिक पाया जाता है।
खादर :-
1. बाढ़ की नवीन जलोढ़ मिट्टी से निर्मित निचले भाग को खादर कहते हैं।
2. यह सम्पूर्ण भाग बाढ़ का मैदान है।
3. खादर में उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है।
4. इसका विस्तार पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड व पश्चिम बंगाल में है।
प्रश्न 20. मृदा अपरदन के दो प्रमुख कारण बताइए ।
उत्तर - मृदा अपरदन के प्रमुख कारण निम्न प्रकार हैं :-
(1) वनों का नाश :- कृषि के लिये भूमि का विस्तार करने तथा जलाने व इमारती लकड़ी की बढ़ती हुई माँग को पूरा करने के लिए पिछले कई वर्षों से वनों का विनाश हो रहा है। फलतः पानी को नियन्त्रित करने की शक्ति घटी है और भूमि का कटाव बढ़ गया है।
(2) अत्यधिक पशु चारण :- पशु चारण पर नियन्त्रण न रखने से भी जंगलों की घास काट ली जाती है, अथवा जानवरों द्वारा चर ली जाती है। इससे भूमि की ऊपरी परत हट जाती है, और भूमि कटाव होने लगता है।
(3) आदिवासियों द्वारा झूमिंग कृषि करना :- हमारे देश में अनेक स्थानों पर आदिवासी जंगलों को साफ करके खेती करते हैं। फिर उस भूमि को छोड़कर दूसरे स्थानों पर चले जाते हैं जिससे पहले वाली भूमि पर कटाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
(4) पवन अपरदन :- इस तरह का कटाव वनस्पति का आवरण हटने से होता है। भू-गर्भ में पानी की सतह से अत्यधिक नीचे चले जाने से भी वायु अपरदन होता है।
(5) भारी वर्षा :- मिट्टी का कटाव भारी वर्षा से होता है, क्योंकि मिट्टी कटकर बह जाती है। वास्तव में पानी से होने वाला कटाव तीन तरह से होता है - पहला परत का कटाव, फिर नाली का कटाव और अन्त में बाढ़ का कटाव ।
प्रश्न 21. संसाधन का हमारे जीवन में क्या महत्व है ?
उत्तर - कोई वस्तु या तत्त्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मानव की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे- जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती है, खेतों में फसलों की सिंचाई होती है, और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन पकाने आदि कार्यों में हमारे लिए आवश्यक होता है। इसी प्रकार, वे सभी पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक हैं, संसाधन कहलाते हैं।
महत्त्व :- संसाधन मानव जीवन को सुखद व सरल बनाते हैं। आदिकाल में मानव पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे मानव ने अपनी बुद्धि-कौशल से प्रकृति के तत्त्वों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक उपयोग किया। आज विश्व के वे राष्ट्र अधिक उन्नत व सम्पन्न माने जाते हैं जिनके पास अधिक संसाधन हैं। आज संसाधन हमारी प्रगति के सूचक बन गये हैं। इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन में बड़ा महत्त्व है।
प्रश्न 22. जलोढ़ एवं काली मिट्टी में अन्तर बताइए।
उत्तर - जलोढ़ एवं काली मिट्टी में अन्तर :-
जलोढ़ मिट्टी :-
1. इस मिट्टी का रंग हल्का भूरा होता है।
2. नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी मिट्टी को जलोढ़ मृदा कहते हैं।
3. यह देश की भूमि के 40 प्रतिशत भाग में फैली हुई है। दक्षिण भारत में महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी नदियों के डेल्टा में यह मिट्टी पायी जाती है।
4. इस मिट्टी में ह्यूमस तथा चूने का अंश अधिक होता है।
काली मिट्टी :-
1. यह मिट्टी काले रंग की होती है।
2. काली मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से निकले लावा द्वारा होता है।
3. यह देश की भूमि के 18.5 प्रतिशत भाग में फैली हुई है। यह मुख्यतः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, आन्ध्र प्रदेश और कनार्टक में पायी जाती है।
4. इसमें मैग्मा के अंश, लोहा व ऐल्युमिनियम की प्रधानता पायी जाती है।
प्रश्न 23. वेलम क्या है ?
उत्तर - वेलम, चर्म-पत्र या जानवरों के चमड़े से बनी लेखन सतह है। मुद्रित किताबों को सस्ता, अश्लील मानने वाले कुलीन वर्गों और भिक्षु संघों के लिए छपी किताबों के विलासी संस्करण अभी भी बेशकीमती वेलम या चर्म-पत्र पर छपते थे ।
प्रश्न 24. जायद की फसल के बारे में बताइए ।
उत्तर - रबी और खरीफ फसल के बीच ग्रीष्म ऋतु में बोई जाने वाली फसल को जायद कहा जाता है। जायद ऋतु में मुख्यत: तरबूज, खरबूज, खीरे, सब्जियों और चारे की फसलों की खेती की जाती है।
प्रश्न 25. प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि क्या है ?
उत्तर - प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि भारत के कुछ भागों में अभी भी की जाती है। यह कृषि भूमि के छोटे टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों, जैसे- लकड़ी के हल, डाओ (Dao) और खुदाई करने वाली छड़ी तथा परिवार या समुदाय श्रम की मदद से की जाती है। इस प्रकार की कृषि प्रायः मानसून, मृदा की प्राकृतिक उर्वरता और फसल उगाने के लिए अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों की उपयुक्तता पर निर्भर करती है। यह 'कर्तन दहन प्रणाली' कृषि है। किसान जमीन के टुकड़े साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज व अन्य फसलें उगाते हैं।
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