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प्रेमचंद के फटे जूते Test 1

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प्रेमचंद के फटे जूते Test 1
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Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    1 / -0

    प्रेमचंद के 'फटे जूते' लेखक के लिए दुख की बात क्यों है?

    Solution

    प्रेमचंद के 'फटे जूते' लेखक के लिए दुख की बात है क्योंकि यह महान व्यक्ति की गिरती आर्थिक दशा का प्रतिबिंब है। लेखक ने इस दर्द को व्यंग्य रूप में व्यक्त भी किया है। वह स्वयं के तले से फटे जूते से यही बात बताना चाहता है कि एक साहित्यकार समाज को बहुत कुछ देता है परन्तु उसके बदले उसे गरीबी ही प्राप्त होती है।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 2
    1 / -0

    लेखक को प्रेमचंद की मुस्कान कैसी जान पड़ती है?

    Solution

    लेखक को प्रेमचंद की मुस्कान विचित्र और व्यंग्य से भरी जान पड़ती है। प्रेमचंद की मुस्कान विचित्र हैं क्योंकि उसमें व्यंग्य का भाव छुपा हुआ है। उसे समझना इतना सरल नहीं है।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 3
    1 / -0

    इस रचना को लिखने की प्रेरणा लेखक को कहाँ से प्राप्त हुई थी?

    Solution

    इस रचना को लिखने की प्रेरणा लेखक को प्रेमचंद की फोटो से प्राप्त हुई। प्रेमचंद ने इस फोटो में जो जूते पहने थे। उनमें से एक जूता ऊपर से फटा हुआ था। यह उनके लिए प्रेरणा स्रोत बना और उनकी लेखनी ने 'प्रेमचंद के फटे जूते' जैसी अनूठी रचना को रच डाला।

    सही उत्तर (घ) है।

  • Question 4
    1 / -0

    लेखन ने कुंभनदास नाम के व्यक्ति का उल्लेख किया है। बताइए यह कौन थे?

    Solution

    कुंभनदास एक संत थे और कृष्ण की भक्ति किया करते थे। ये भक्तिकाल के कवियों में से एक माने जाते हैं।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 5
    1 / -0

    पाठ में लेखक किस बात को लेकर दुखी है?

    Solution

    लेखक साहित्यकारों की गिरती दशा से दुखी है। वह जानता है कि एक साहित्यकार भाषा के विकास को दिशा प्रदान करता है। उनके योगदान के कारण ही लोगों को पढ़ने के लिए साहित्य का भंडार प्राप्त हुआ है। परन्तु इन सृजनकर्ताओं को ही गरीबी और अभावों को झेलना पड़ता हैं। उसके लिए यह दुखी करने वाली बात है क्योंकि वह स्वयं भी एक साहित्यकार है।

    सही उत्तर (क) है।

  • Question 6
    1 / -0

    लेखक प्रेमचंद से क्या शिकायत करता है?

    Solution

    लेखक के अनुसार जब लोग फोटो खिंचवाते हैं, तो वे लोग दूसरों के कोट माँग कर फोटो खिंचवाते हैं। वह प्रेमचंद को संबोधित करते हुए कहते हैं कि आपने फटे जूते क्यों पहने? फटे जूते पहनने से उनके जीवन का सत्य सबको स्पष्ट रुप से नज़र आता है। लेखक के लिए यह स्थिति लज्जास्पद है। देश के महान साहित्यकार की यह दशा उसे दुखी कर देती है।

    सही उत्तर (क) है।

  • Question 7
    1 / -0

    मुझे लगता है, तुम किसी सख्त चीज़ को ठोकर मारते रहे हो। कोई चीज़ जो परत-पर-परत सदियों से जम गई है, उसे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाड़ लिया है।

     

    ऊपर दी पंक्तियों में लेखक ने 'सख्त चीज़' किसके लिए प्रयुक्त किया है?

    Solution

    लेखक ने 'सख्त चीज़' समाज में फैले अनाचार और सड़ी-गली परंपराओं के लिए प्रयुक्त किया है। प्रेमचंद ने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में फैले अनाचार को निशाना बनाया था। गोदान में उन्होंने ज़मींदारों, मिल मालिकों, साहूकारों इत्यादि को निशाना बनाया। उन्होंने अपनी रचनाओं में सड़ी-गली परंपराओं का भी खुलकर विरोध किया था। लेखक उनके इसी प्रयास को 'सख्त चीज़' के रुप में व्यक्त करता है।

    सही उत्तर (ग) है।

  • Question 8
    1 / -0

    'प्रेमचंद के फटे जूते' पाठ हमें क्या सीख देता है?

    Solution

    यह पाठ हमें सीख देता है कि सादगी का महत्व दिखावे से बढ़कर होता है। दिखावा मनुष्य की सच्चाई नहीं होता बल्कि वह अपने ऊपर डाला गया झूठ का आवरण होता है, जिसके हटते ही मान-सम्मान की धज्जियाँ उड़ जाती हैं। परन्तु सादगी के आगे सभी नतमस्तक हो जाते हैं। सादगी मान-सम्मान को बढ़ाती ही है, उसे आहत नहीं करती है।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 9
    1 / -0

    मेरा जूता भी कोई अच्छा नहीं है। यों ऊपर से अच्छा दिखता है। अँगुली बाहर नहीं निकलती, पर अँगूठे के नीचे तला फट गया है। अँगूठा ज़मीन से घिसता है और पैनी मिट्टी पर कभी रगड़ खाकर लहूलुहान भी हो जाता है। पूरा तला गिर जाएगा, पूरा पंजा छिल जाएगा, मगर अँगुली बाहर नहीं दिखेगी। तुम्हारी अँगुली दिखती है, पर पाँव सुरक्षित है। मेरी अँगुली ढँकी है, पर पंजा नीचे घिस रहा है। तुम पर्दे का महत्व ही नहीं जानते, हम पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं!

     

    ऊपर दिए कथन को पढ़िए और बताइए कि 'पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं' का क्या आशय है?

    Solution

    'पर्दे पर कुर्बान हो रहे हैं' पंक्ति का आशय है कि वह झूठी शान या इज़्ज़त के लिए मर-मिटने को तैयार है। उसके अनुसार जूता उसका भी फटा हुआ है परन्तु वह प्रेमचंद के समान बहादुर नहीं है। वह यह मानता है कि वह झूठी शान को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करता है। ऐसा करने के लिए उसे लहूलुहान भी होना पड़े तो कोई दुख नहीं है।

    सही उत्तर (ग) है।

  • Question 10
    1 / -0

    प्रेमचंद का फटा जूता किस बात का प्रतीक है?

    Solution

    प्रेमचंद का फटा जूता इस बात का प्रतीक है कि लेखक ने अपने लेखन में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया। उसने समाज में फैले अत्याचार, अनीति, शोषण के विरुद्ध खुलकर आवाज़ उठाई। किसी भी प्रकार का भय उन्हें अपने कर्तव्य से नहीं हटा पाया। इसके लिए उन्हें समय-समय पर सरकार के कोप का भाजन भी बनाना पड़ा परन्तु उन्होंने समझौता स्वीकार नहीं किया। उन्होंने अपने जीवन में नाम तो बहुत कमाया परन्तु स्वयं की आर्थिक दशा को संभाल नहीं पाए। यह समझौते के आगे नहीं झुकने का सबसे बड़ा प्रमाण है।

    सही उत्तर (क) है।

  • Question 11
    1 / -0

    लेखक एक पुरानी फोटो देख रहे थे। उनकी दृष्टि फोटो में कहाँ जाकर अटक गई थी?

    Solution

    लेखक की दृष्टि प्रेमचंद के जूते पर जाकर अटक गई थी। फोटो में प्रेमचंद का जूता फटा हुआ था।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 12
    1 / -0

    पाठ में लेखक ने किसे अपना साहित्यिक पुरखे कहा है।

    Solution

    लेखक ने प्रेमचंद को अपना साहित्यिक पुरखे कहा है। उनसे पहले प्रेमचंद लिखते होगें। अतः इस नाते उसने प्रेमचंद को अपना पुरखे (पूर्वज) माना है। 

    सही उत्तर (घ) है।

  • Question 13
    1 / -0

    लेखक बड़े उत्साहपूर्वक किसकी फोटो देख रहा था?

    Solution

    लेखक उत्साहपूर्वक प्रेमचंद की फोटो देख रहा था। एक उपन्यास सम्राट के जूते की बुरी दशा देखकर वह हैरान था।

    सही उत्तर (घ) है।

  • Question 14
    1 / -0

    लेखक के अनुसार प्रेमचंद किसका महत्व नहीं समझते थे?

    Solution

    लेखक के अनुसार प्रेमचंद फोटो का महत्व नहीं समझते थे क्योंकि फोटो हमारी बाहरी सच्चाई को खोलकर रख देती है। देखने वाले को इस बात का अंदाज़ा लग जाता है कि आमुक व्यक्ति की आर्थिक दशा कैसी है। प्रेमचंद ने तो फटे जूते पहनकर ही फोटो खिंचवाई ली थी।

    सही उत्तर (क) है।

  • Question 15
    1 / -0

    फोटो देखकर लेखक के मन में प्रेमचंद के विषय में किस प्रकार की धारणा बन जाती है?

    Solution

    लेखक फोटो में प्रेमचंद के फटे जूते देखकर हैरत में पड़ जाता है। उसके अनुसार इतना बड़ा साहित्यकार होने के बाद भी वह दिखावे की प्रवृति से कोसों दूर थे। लेखक इससे यही धारणा बनता है कि वह सादगी से भरे हुए व्यक्ति थे।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 16
    1 / -0

    लेखक का जूता कहाँ से फटा हुआ था?

    Solution

    लेखक का जूता तले से फटा हुआ था। इस कारण उसके जूते की बुरी हालत का किसी को अंदाजा नहीं होता है। उसके लिए यह बहुत राहत देने वाली बात है।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 17
    1 / -0

    पाठ के आधार पर बताओ कि जूते की कीमत किससे सदा अधिक रही है?

    Solution

    जूते की कीमत सदा टोपी से अधिक रही है। उसके अनुसार जूता पैर में पहना जाता है और टोपी सर पर। टोपी मान का प्रतीक होती है। इस नाते तो टोपी का मूल्य अधिक होना चाहिए था परन्तु ऐसा नहीं होता है। हमेशा से जूते का मूल्य टोपी से अधिक ही होता है।

    सही उत्तर (ग) है।

  • Question 18
    1 / -0

    'गोदान' किसकी लिखी रचना है?

    Solution

    'गोदान' प्रेमचंद द्वारा लिखित रचना है। यह उनकी सबसे उत्कृष्ट रचना मानी जाती है।

    सही उत्तर (क) है।

  • Question 19
    1 / -0

    मेरी जनता के लेखक कौन है?

    Solution

    मेरी जनता के लेखक प्रेमचंद है।

    सही उत्तर (ख) है।

  • Question 20
    1 / -0

    लेखक किस पर कुर्बान होने की बात कर रहा है?

    Solution

    लेखक परदे पर कुर्बान होने की बात करता है। परदा इज़्ज़त का प्रतीक है। उसके अनुसार इज़्ज़त पर आँच नहीं आनी चाहिए फिर चाहे दिखावा ही क्यों न करना पड़े।

    सही उत्तर (घ) है।

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