Self Studies

Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह___________ स्थित हैं

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    आदिवासी जनजातियाँ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए_________पर निर्भर हैं

  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    जारवा इनमें से क्या कार्य करते हैं?

  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    जारवा हम से ज्यादा बेहतर हैं, क्योंकि वे -

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    गद्यांश के आधार पर बताइए हमें अभी भी क्या सीखना है ?

  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर की रचनाएँ सामाजिक आचरण में क्या करती हैं? 

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा किसके विरोध को लेकर हो सकती है?  

  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    तार्किक हेतुवाद का खंडन किस पर बल देता है? 

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर का विरोध कैसा था? 

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है : 

  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से उद्धृत है?

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    वायदा करके उसे झुठलाने में कौन विश्वास नहीं रखते हैं?

  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    सफ़िया के मन में किस प्रकार का द्वन्द्व चल रहा था ?

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    नमक को किस फल की टोकरी में छिपाने की बात कही गई ?

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    सिख बीबी ने सफ़िया से कौन-सी इच्छा व्यक्त की थी ?

  • Question 16
    5 / -1

    वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो-

  • Question 17
    5 / -1

    'रानी' का पर्यायवाची नहीं है

  • Question 18
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए  

    (1)  क्रिया

    (र) जाते है उनको

    (य) या धातु

    (ल) के बाद

    (व) जो प्रत्यय लगाये

    (6) कृत प्रत्यय कहते है 

  • Question 19
    5 / -1

    निम्नलिखित वाक्य या वाक्यांश के लिए चार - चार शब्द दिए गए हैं। इनमें से उपयुक्त शब्द चुनकर उत्तर पत्रक में चिह्नित कीजिए।

    जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके 

  • Question 20
    5 / -1

    दिए गए मुहावरे का अर्थ ज्ञात कीजिए।

    'दाल में काला होना'

  • Question 21
    5 / -1

    निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है।

    अखंड

  • Question 22
    5 / -1

    "आशातीत" में कौन सा तत्पुरुष समास पाया जाता है?

  • Question 23
    5 / -1

    'सीता-राम' का समास-विग्रह बताइए |

  • Question 24
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) पालि

    (र) वैयाकरण कच्चायन

    (य) के प्रसिद्ध

    (ल) पालि में ४१ध्वनियाँ

    (व) के अनुसार

    (6) होती है 

  • Question 25
    5 / -1

    नीचे दिए गए शब्दों का सही संधि वाला विकल्प पहचानिए? 

    दुः + साहस

  • Question 26
    5 / -1

    'इस वर्ष हिंदी साहित्य की ........... कुछ अवरुद्ध रही।' - रिक्त स्थान भरने के लिए उपयुक्त शब्द चुनें।

  • Question 27
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) अठ्ठकथा- साहित्य  

    (र) के अविष्कारक आचार्य बुद्धघोष

    (य) जिनका समय ईसा

    (ल) बतलाये जाते

    (व्) की पाँचवी शताब्दी

    (6) निश्चित है l

  • Question 28
    5 / -1

    ऊँट दूल्हा पुरोहित गधा- लोकोंक्ति का अर्थ है

  • Question 29
    5 / -1

    इनमें संयुक्त वाक्य कौन सा है?

  • Question 30
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त शब्द का सही विकल्प है।

    सभी ने रामू की ईमानदारी और ______ की प्रशंसा की।

  • Question 31
    5 / -1

    अधोलिखित लोकोक्ति का सही अर्थ बताइये

    'आए थे हरि भजन, को ओटन लगे कपास'  

  • Question 32
    5 / -1

    “डूबते को तिनके का सहारा” के अर्थ से क्या आशय है ?

  • Question 33
    5 / -1

    'गौशाला' में कौन-सा समास है?

  • Question 34
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे का सही अर्थ हो।

    उड़ती चिड़िया को पहचानना-

  • Question 35
    5 / -1

    'ऋजु' का विलोम है:

  • Question 36
    5 / -1

    सज्जन- के लिए सही संधि विच्छेद को चुनिए I

  • Question 37
    5 / -1

    'आकर्षण' का विलोम है:

  • Question 38
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    चने की झाड पर चढ़ाना

  • Question 39
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) सिद्धो की

    य) इन सिद्धो द्वारा  

    र) साहित्य ‘सिद्ध साहित्य’

    ल) जनभाषा में लिखा गया

    व) संख्या ८४ मानी जाती है l

    (6) कहलाता है l

  • Question 40
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ वाला विकल्‍प है।

    ऊँची दुकान फीका पकवान

  • Question 41
    5 / -1

    'सर मुंडाते ही ओले पड़ना' मुहावरे का उपयुक्त भावार्थ है

  • Question 42
    5 / -1

    निम्नलिखित में से कौन सा शब्द 'खग' का पर्यायवाची नहीं है?

  • Question 43
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    ईश्वर _______ विद्यमान है |

  • Question 44
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।

    पर्यावरण के ये........................... और ..................................... घटक आपस में अन्तः क्रिया करते हैं।

  • Question 45
    5 / -1

    'अधीन' का विलोम क्या होगा?

  • Question 46
    5 / -1

    कौन सा शब्द उदधि का पर्यायवाची नहीं हैं?

  • Question 47
    5 / -1

    इहलोक का विपरीतार्थक शब्द है-

  • Question 48
    5 / -1

    'प्रत्यंग' शब्द में कौन-सी संधि है?

  • Question 49
    5 / -1

    'सदैव' में संधि विच्छेद होगा -

  • Question 50
    5 / -1

    "धर्माधर्म" शब्द में कौन सा समास है:

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