Self Studies

Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मेरा आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृता पर आधारित होगा। क्या यह ठीक नहीं है, भ्रातृता अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिए, जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए। तात्पर्य यह है कि दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है, क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलत: सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इनमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो ।

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    लेखक के अनुसार एक आदर्श समाज के लिए क्या अपेक्षित है?

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मेरा आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृता पर आधारित होगा। क्या यह ठीक नहीं है, भ्रातृता अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिए, जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए। तात्पर्य यह है कि दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है, क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलत: सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इनमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो ।

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    सबको किनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए?

  • Question 3
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मेरा आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृता पर आधारित होगा। क्या यह ठीक नहीं है, भ्रातृता अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिए, जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए। तात्पर्य यह है कि दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है, क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलत: सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इनमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो ।

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    भाईचारे के वास्तविक रूप को क्या कहा जाता है?

  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मेरा आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृता पर आधारित होगा। क्या यह ठीक नहीं है, भ्रातृता अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिए, जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए। तात्पर्य यह है कि दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है, क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलत: सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इनमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो ।

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    लेखक ने दूध और पानी के मिश्रण के माध्यम से क्या स्पष्ट करना चाहा है?

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    मेरा आदर्श समाज स्वतंत्रता, समता, भ्रातृता पर आधारित होगा। क्या यह ठीक नहीं है, भ्रातृता अर्थात् भाईचारे में किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? किसी भी आदर्श समाज में इतनी गतिशीलता होनी चाहिए, जिससे कोई भी वांछित परिवर्तन समाज के एक छोर से दूसरे तक संचारित हो सके। ऐसे समाज के बहुविध हितों में सबका भाग होना चाहिए तथा सबको उनकी रक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए। सामाजिक जीवन में अबाध संपर्क के अनेक साधन व अवसर उपलब्ध रहने चाहिए। तात्पर्य यह है कि दूध और पानी के मिश्रण की तरह भाईचारे का यही वास्तविक रूप है और इसी का दूसरा नाम लोकतंत्र है, क्योंकि लोकतंत्र केवल शासन की एक पद्धति ही नहीं है, लोकतंत्र मूलत: सामूहिक जीवनचर्या की एक रीति तथा समाज के सम्मिलित अनुभवों के आदान-प्रदान का नाम है। इनमें यह आवश्यक है कि अपने साथियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव हो ।

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    लोकतंत्र में क्या आवश्यक माना गया है?

  • Question 6
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए

    मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।

    फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।

    जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।

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    इनमें से सबसे बड़े आलोचक हैं? 

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए

    मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।

    फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।

    जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।

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    लेखक ने सामान्य पाठक को  _______ की संज्ञा दी हैI

  • Question 8
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए

    मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।

    फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।

    जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।

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    उस ज़माने में लेखकों की नज़र इलाहबाद या दिल्ली के लेखकों पर रहती थी, क्योंकि -

  • Question 9
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए

    मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।

    फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।

    जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।

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    लेखक ने अनुच्छेद में स्वयं के किस द्वंद्व कि ओर संकेत किया है ?

  • Question 10
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए

    मेरे दिमाग में बात आयी कि प्रेमचंद के ज़माने में आचार्य रामचंद्र शुक्ल भी थे और प्रेमचंद ने कभी भी आचार्य शुक्ल की तरफ नहीं देखा। उनकी जरुरत नहीं महसूस की।

    फणीश्वरनाथ रेणु के जमाने में हिंदी कहानी के सबसे बड़े आलोचक नामवर सिंह थे - रेणु ने उनकी तरफ नहीं देखा। मुझे अपने लिए एक दूसरे आलोचक की तलाश करनी चाहिए, जिसे हम 'सामान्य पाठक' कहते हैं. ऐसा मुझे लगा। जिसे आम पाठक कहते हैं, कॉमन रीडर या सामान्य पाठक कहते हैं और जो लेखक उनकी स्मृतियों में और जुबान पर रह जाता है, कोई भी आलोचक उसे अनदेखा न करने के लिए मजबूर होता है । तो मैंने उस सामान्य पाठक को अपना आलोचक समझा। बाद के दिनों में जो कुछ भी लिखा, मैंने देखा कि उस आम पाठक की दिलचस्पी उसमें हो रही है।

    जब मैंने लिखना शुरू किया था, तो ढेर सारे लोग लिख रहे थे हमारे साथ के। दिल्ली के लोग, चंडीगढ़ के लोग, इलाहाबाद के कथाकार-लेखक, जालंधर के कथाकार, पटना में और कलकत्ता में भी। लेकिन ज्यादातर लेखकों की नज़र दिल्ली या इलाहाबाद के उन लेखकों पर रहती थी, जो आधुनिक लेखक कहे जाते थे। मेरी भी कोशिश लगभग वैसी ही थी कि आधुनिक हो सकूँ और आधुनिक लेखन वह था, जो परम्परा से विद्रोह कर के किया जा रहा था, परम्परा को नकार कर किया जा रहा था। हम ऐसा नहीं सोच रहे थे। कहीं न कहीं मेरे भीतर लोक-परम्परा कहिए या प्रेमचंद की परंपरा वह थी, लेकिन मैं वैसा दिखना चाह रहा था जैसा वे कह रहे थे, लिख रहे थे।

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    आधुनिक लेखन की पहचान है - 

  • Question 11
    5 / -1

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    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्था में हिमालय के शुष्क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही यह मध्य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिंदी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहां अन्य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतर-चढ़ाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक उंचे बेल भी देखने को मिल जाते हैं। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और इसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल पर्तदार होती है। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियाँ आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियाँ कोमल और चमकदार हल्का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्व के होते हैं।

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    प्राचीन हिंदी में बेल को ______ कहा जाता था

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्था में हिमालय के शुष्क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही यह मध्य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिंदी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहां अन्य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतर-चढ़ाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक उंचे बेल भी देखने को मिल जाते हैं। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और इसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल पर्तदार होती है। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियाँ आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियाँ कोमल और चमकदार हल्का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्व के होते हैं।

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    भारत में बेल की खेती ______ होती है

  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्था में हिमालय के शुष्क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही यह मध्य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिंदी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहां अन्य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतर-चढ़ाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक उंचे बेल भी देखने को मिल जाते हैं। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और इसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल पर्तदार होती है। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियाँ आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियाँ कोमल और चमकदार हल्का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्व के होते हैं।

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    बेलवृक्ष के किस अंग में औषधीय गुण नहीं होते हैं?

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्था में हिमालय के शुष्क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही यह मध्य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिंदी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहां अन्य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतर-चढ़ाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक उंचे बेल भी देखने को मिल जाते हैं। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और इसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल पर्तदार होती है। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियाँ आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियाँ कोमल और चमकदार हल्का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्व के होते हैं।

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    बेलवृक्ष के संबंध में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।

    बेलवृक्ष अपने वंश का अकेला वृक्ष है। भारत में बेल वृक्ष जंगली अवस्था में हिमालय के शुष्क पर्वतीय भागों में 1350 मीटर तक की उंचाई वाले भागों में देखने को मिल जाता है। इसके साथ ही यह मध्य भाग में और दक्षिण भारत में भी मिलता है। इसे देश के अलग-अलग स्थानों पर तथा अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी, उर्दू तथा बांग्ला में इसे बेल कहते हैं। प्राचीन हिंदी में इसका नाम श्रीफल है। वर्तमान समय में श्रीफल नारियल को भी कहा जाता है। भारत में बेल की खेती लगभग सभी स्थानों पर सफल है। इसे ऐसे स्थानों पर भी उगाया जा सकता है, जहां अन्य वृक्ष नहीं उगाए जा सकते हैं। बेल में तापमान का उतर-चढ़ाव सहन करने की अद्भुत क्षमता होती है। यह 7 डिग्री सेल्सियस से 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर लेता है और अपना विकास करता है। इस वृक्ष की उंचाई 10 से 15 मीटर तक हो सकती है। कभी-कभी 18 मीटर तक उंचे बेल भी देखने को मिल जाते हैं। बेल का तना अधिक मोटा नहीं होता है। बेल वृक्ष के तने और इसकी शाखाओं व उपशाखाओं की छाल मोटी, कोमल पर्तदार होती है। यह पतझड़ के मौसम में पूरी तरह पर्णविहीन हो जाता है और फिर इस पर धीरे-धीरे नई पत्तियाँ आ जाती हैं। बेलवृक्ष की ताजी और नई पत्तियाँ कोमल और चमकदार हल्का गुलाबीपन लिए होती हैं। बेलवृक्ष के बीज को छोड़कर इसके सभी अंग औषधीय महत्व के होते हैं।

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    बेलवृक्ष की छाल होती है 

  • Question 16
    5 / -1

    दिए गए मुहावरे का अर्थ ज्ञात कीजिए।

    आकाश का फूल होना।

  • Question 17
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।

    उन्नयन  

  • Question 18
    5 / -1

    'जिसके हाथ में वीणा है' के लिए एक शब्द होगा:

  • Question 19
    5 / -1

    'रसगुल्ला' शब्द में कौन-सा समास हैं?

  • Question 20
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) जहाँ दो स्वरों का मेल होने

    य) वह स्वर संधि

    र) पर किसी एक स्वर में

    ल) या दोनों स्वरों

    व) में जो परिवर्तन आता है

    (6) कहलाती है l

  • Question 21
    5 / -1

    ब्रह्मा, ____महेश, ये तीनों _____ जगत का संचालन करती है।

  • Question 22
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ,, ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) मूल धातु

    य) होती है

    र) यह स्वतंत्र

    ल) तथा अन्य शब्द

    व) पर आश्रित

    (6) नहीं होती है l

  • Question 23
    5 / -1

    निम्नलिखित में से कौन सा 'पाणिग्रहण' का पर्यायवाची शब्द है?

  • Question 24
    5 / -1

    निम्नलिखित में से मुहावरा "अँधे के आगे रोना" का क्या अर्थ है

  • Question 25
    5 / -1

    देवालय शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?

  • Question 26
    5 / -1

    'शगुन मेरी सहेली है, अर्थ के आधार पर इस वाक्य का प्रकार है

  • Question 27
    5 / -1

    आकाश में बिजली चमक रही है।

    रेखांकित शब्द का पर्यायवाची है:

  • Question 28
    5 / -1

    'प्राणप्रिय' शब्द में कौन सा समास है? 

  • Question 29
    5 / -1

    रेखांकित वाक्यांश के लिए एक शब्द का चयन कीजिए -

    देने की इच्छा रखने वाले लोग हमेशा आदर पाते हैं।

  • Question 30
    5 / -1

    निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ क्या है?

    "किनारे लगाना"

  • Question 31
    5 / -1

    'आग्रह' का विलोम होगाः

  • Question 32
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ,, ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) वक्ता या लेखक

    य) का प्रयोग स्वयं के लिए

    र) करता है वे निजवाचक

    ल) जिन सर्वनामों

    व) सर्वनाम

    (6) कहते है l

  • Question 33
    5 / -1

    देवेश शब्द का संधि विच्छेद है -

  • Question 34
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) जो क्रिया

    य) से मिलकर

    र) किसी दूसरी क्रिया या

    ल) अन्य शब्द

    व) क्रिया बनाती है उसे

    (6) उसे संयुक्त क्रिया कहते है l

  • Question 35
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्दों के विलोंम शब्द चुनें।

    'आरूढ़' 

  • Question 36
    5 / -1

    'आधा तीतर आधा बटेर होना' का अर्थ होगा:

  • Question 37
    5 / -1

    'त्रिफला' शब्द किस समास का उदाहरण हैै?

  • Question 38
    5 / -1

    'मूलकथा में आने वाला प्रसंग' कहलाता है?

  • Question 39
    5 / -1

    'इतिश्री' का विलोम शब्द हैः

  • Question 40
    5 / -1

    हिन्दी भाषा में वाक्य के मुख्य अंग होते हैं-

  • Question 41
    5 / -1

    द‍िये गये सन्धि व‍िच्‍छेद में सही व‍िकल्‍प चुन‍िए

    दुराशा

  • Question 42
    5 / -1

    ''पुलिन' किसका पर्यायवाची है?

  • Question 43
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्य के सही वाक्य भेद को पहचानिए।

    राम पढ़ रहा था परन्तु रमेश सो रहा था।

  • Question 44
    5 / -1

    नीचे दिए विकल्पों में से 'अंत' का विलोम शब्द चुनें।

  • Question 45
    5 / -1

    लोकोक्ति 'कहीं बूढ़े तोते भी पढ़े हैं?' का अर्थ है-

  • Question 46
    5 / -1

    निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों में उचित शब्द भरने के लिए चार-चार विकल्प दिए गए है​। उचित विकल्प चुनकर तदनुसार चिन्ह लगाएँ ।

    मनुष्य के _____ में पुस्तकें उसकी मित्र, मार्गदर्शक, प्रेरक और साथी होती हैं।

  • Question 47
    5 / -1

    "क्रोध _______ का ही एक _______ रूप है |" दिए गए विकल्पों में से सही का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें |

  • Question 48
    5 / -1

    निम्नलिखित मे से कौन सा शब्द ‘आँख’ का पर्यायवाची नहीं है?

  • Question 49
    5 / -1

    "ताजमहल _______ का अद्भुत नमूना है" | दिए गए विकल्पों में से सही का चयन क्र रिक्त स्थान की पूर्ति करें |

  • Question 50
    5 / -1

    प्राचीन आदर्श के अनुसार चलने वाला-

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