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Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश - दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिएI

    जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख़्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिसमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसे फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैंI खपच्चियों की लम्बाई पहले से ही तय कर ली जाती हैI मसलन, आसन जैसी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाएँI यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लम्बाई पर निर्भर करता है।

    आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं I इन्हें चीर कर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को पाने में काफ़ी समय लगता है।

    टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता हैI खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में।

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    गद्यांश में मुख्य रूप से वर्णन है -

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश - दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिएI

    जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख़्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिसमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसे फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैंI खपच्चियों की लम्बाई पहले से ही तय कर ली जाती हैI मसलन, आसन जैसी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाएँI यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लम्बाई पर निर्भर करता है।

    आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं I इन्हें चीर कर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को पाने में काफ़ी समय लगता है।

    टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता हैI खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में।

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    'दाओ' है -

  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश - दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिएI

    जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख़्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिसमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसे फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैंI खपच्चियों की लम्बाई पहले से ही तय कर ली जाती हैI मसलन, आसन जैसी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाएँI यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लम्बाई पर निर्भर करता है।

    आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं I इन्हें चीर कर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को पाने में काफ़ी समय लगता है।

    टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता हैI खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में।

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    'पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं' में 'पतली' में विशेषण है -

  • Question 4
    5 / -1

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    निर्देश - दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिएI

    जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख़्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिसमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसे फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैंI खपच्चियों की लम्बाई पहले से ही तय कर ली जाती हैI मसलन, आसन जैसी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाएँI यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लम्बाई पर निर्भर करता है।

    आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं I इन्हें चीर कर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को पाने में काफ़ी समय लगता है।

    टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता हैI खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में।

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    गद्यांश में खपच्चियों को चिकना बनाने में प्रयोग किया जाता है -

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश - दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिएI

    जुलाई से अक्टूबर, घनघोर बारिश के महीने! यानी लोगों के पास बहुत सारा खाली वक्त या कहो आसपास के जंगलों से बाँस इकट्ठा करने का सही वक्त आमतौर पर वे एक से तीन साल की उम्र वाले बाँस काटते हैं। बूढ़े बाँस सख़्त होते हैं और टूट भी तो जाते हैं। बाँस से शाखाएँ और पत्तियाँ अलग कर दी जाती हैं। इसके बाद ऐसे बाँसों को चुना जाता है जिसमें गाँठें दूर-दूर होती हैं। दाओ यानी चौड़े, चाँद जैसे फाल वाले चाकू से इन्हें छीलकर खपच्चियाँ तैयार की जाती हैंI खपच्चियों की लम्बाई पहले से ही तय कर ली जाती हैI मसलन, आसन जैसी चीज़ें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो या तीन या चार गठानों वाली लम्बी खपच्चियाँ काटी जाएँI यानी कहाँ से काटा जाएगा यह टोकरी की लम्बाई पर निर्भर करता है।

    आमतौर पर खपच्चियों की चौड़ाई एक इंच से ज्यादा नहीं होती है। चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होतीं I इन्हें चीर कर पतली खपच्चियाँ बनाई जाती हैं। पतली खपच्चियाँ लचीली होती हैं। खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है हाथों की कलाकारी के बिना खपच्चियों की मोटाई बराबर बनाए रखना आसान नहीं। इस हुनर को पाने में काफ़ी समय लगता है।

    टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता हैI खपच्ची बाएँ हाथ में होती है और दाओ दाएँ हाथ में।

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    'खपच्चियाँ चीरना उस्तादी का काम है' वाक्य में _______ भाव निहित है।

  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए।

    वृक्षों ने मानव सभ्यता तथा मानवता को सदैव सहायता पहुँचाई है। वृक्ष एक सहायक, शिक्षक तथा मित्र रहे हैं। छायादार वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। वनों से दो प्रकार के लाभ है। प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष। वनों से हमें ईंधन, इमारती लकड़ी, गोंद, लाख, रबर, औषधियाँ, रंग, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं। वनों से वातावरण शुद्ध होता है। वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है। ढलानों तथा बाँधों पर वृक्षारोपण करके वर्षा के कारण होने वाले भूमिक्षरण को रोका जा सकता है। वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ खाद बनाने के काम आती हैं। वनों से वर्षा का भी घनिष्ठ संबंध है। वर्षा का मूल कारण हरे-भरे वृक्ष ही है। वनों मे ही अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं का निवास होता है। पक्षियों का कलरव प्रकृति के सुरम्य वातावरण अर्थात वनों में ही मिलता है। दियासलाई, वार्निश, रेशम, प्लाइवुड, कागज, रबर आदी उद्योगों को भी वनों पर निर्भर रहना पड़ता है।

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    मानवता को सदैव किसने सहायता पहुँचाई है?

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए।

    वृक्षों ने मानव सभ्यता तथा मानवता को सदैव सहायता पहुँचाई है। वृक्ष एक सहायक, शिक्षक तथा मित्र रहे हैं। छायादार वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। वनों से दो प्रकार के लाभ है। प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष। वनों से हमें ईंधन, इमारती लकड़ी, गोंद, लाख, रबर, औषधियाँ, रंग, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं। वनों से वातावरण शुद्ध होता है। वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है। ढलानों तथा बाँधों पर वृक्षारोपण करके वर्षा के कारण होने वाले भूमिक्षरण को रोका जा सकता है। वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ खाद बनाने के काम आती हैं। वनों से वर्षा का भी घनिष्ठ संबंध है। वर्षा का मूल कारण हरे-भरे वृक्ष ही है। वनों मे ही अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं का निवास होता है। पक्षियों का कलरव प्रकृति के सुरम्य वातावरण अर्थात वनों में ही मिलता है। दियासलाई, वार्निश, रेशम, प्लाइवुड, कागज, रबर आदी उद्योगों को भी वनों पर निर्भर रहना पड़ता है।

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    वनों के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है?

  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए।

    वृक्षों ने मानव सभ्यता तथा मानवता को सदैव सहायता पहुँचाई है। वृक्ष एक सहायक, शिक्षक तथा मित्र रहे हैं। छायादार वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। वनों से दो प्रकार के लाभ है। प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष। वनों से हमें ईंधन, इमारती लकड़ी, गोंद, लाख, रबर, औषधियाँ, रंग, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं। वनों से वातावरण शुद्ध होता है। वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है। ढलानों तथा बाँधों पर वृक्षारोपण करके वर्षा के कारण होने वाले भूमिक्षरण को रोका जा सकता है। वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ खाद बनाने के काम आती हैं। वनों से वर्षा का भी घनिष्ठ संबंध है। वर्षा का मूल कारण हरे-भरे वृक्ष ही है। वनों मे ही अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं का निवास होता है। पक्षियों का कलरव प्रकृति के सुरम्य वातावरण अर्थात वनों में ही मिलता है। दियासलाई, वार्निश, रेशम, प्लाइवुड, कागज, रबर आदी उद्योगों को भी वनों पर निर्भर रहना पड़ता है।

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    वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति कैसे बढ़ाई जा सकती है?

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए।

    वृक्षों ने मानव सभ्यता तथा मानवता को सदैव सहायता पहुँचाई है। वृक्ष एक सहायक, शिक्षक तथा मित्र रहे हैं। छायादार वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। वनों से दो प्रकार के लाभ है। प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष। वनों से हमें ईंधन, इमारती लकड़ी, गोंद, लाख, रबर, औषधियाँ, रंग, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं। वनों से वातावरण शुद्ध होता है। वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है। ढलानों तथा बाँधों पर वृक्षारोपण करके वर्षा के कारण होने वाले भूमिक्षरण को रोका जा सकता है। वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ खाद बनाने के काम आती हैं। वनों से वर्षा का भी घनिष्ठ संबंध है। वर्षा का मूल कारण हरे-भरे वृक्ष ही है। वनों मे ही अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं का निवास होता है। पक्षियों का कलरव प्रकृति के सुरम्य वातावरण अर्थात वनों में ही मिलता है। दियासलाई, वार्निश, रेशम, प्लाइवुड, कागज, रबर आदी उद्योगों को भी वनों पर निर्भर रहना पड़ता है।

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    वर्षा का मूल कारण क्या है?

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए।

    वृक्षों ने मानव सभ्यता तथा मानवता को सदैव सहायता पहुँचाई है। वृक्ष एक सहायक, शिक्षक तथा मित्र रहे हैं। छायादार वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं। वनों से दो प्रकार के लाभ है। प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष। वनों से हमें ईंधन, इमारती लकड़ी, गोंद, लाख, रबर, औषधियाँ, रंग, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं। वनों से वातावरण शुद्ध होता है। वनों से मिट्टी का कटाव रुकता है। ढलानों तथा बाँधों पर वृक्षारोपण करके वर्षा के कारण होने वाले भूमिक्षरण को रोका जा सकता है। वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है क्योंकि वृक्षों की पत्तियाँ खाद बनाने के काम आती हैं। वनों से वर्षा का भी घनिष्ठ संबंध है। वर्षा का मूल कारण हरे-भरे वृक्ष ही है। वनों मे ही अनेक दुर्लभ जीव-जन्तुओं का निवास होता है। पक्षियों का कलरव प्रकृति के सुरम्य वातावरण अर्थात वनों में ही मिलता है। दियासलाई, वार्निश, रेशम, प्लाइवुड, कागज, रबर आदी उद्योगों को भी वनों पर निर्भर रहना पड़ता है।

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    भूमिक्षरण का अर्थ होगा-

  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश : गद्याश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हैरानी की बात यह है कि मेरी दलील मित्रों के हलक से नहीं उतरती थी, तब मैं उनसे कहता था - साहित्य की हर विधा को, हर तरह की लेखनी को मैं बतौर चुनौती स्वीकार करता हूँ । आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक के हृदय को छूना कोई मामूली बात नहीं होती । यह तो आप भी स्वीकार करेंगे, क्योंकि यह काम सिर्फ रामबाण और महाभारत जैसे ग्रंथ ही कर पाते हैं । मेरी यह दलील रामबाण सिद्ध होती थी, वे सारे मित्र सोच में पड़ जाते थे, क्योंकि वे केवल किसी भी एक वर्ग के लिए लिख पाते थे – ‘मास’ के लिए या ‘क्लास' के लिए । उनके दायरे सीमित थे । लेकिन मैं दायरों के बाहर का शख्स हूँ । शायद इसी कारण मैं आपसे खुलकर अंतरंग बातें भी कर सकता हूँ | बात कहानी की रचना-प्रक्रिया से आरंभ की थी । तब मैं ‘ओ हेनरी' की एक कहानी पढ़ता था और भीतर दो नई कहानियों के बीज अपने आप पड़ जाते थे । न कोई मशक़्क़त, न कोई गहरी सोच । यह प्रोसेस मेरे लिए उतना ही आसान था जितना कि कैरम का खेल । फिर भी ये रचनाएँ| कहानी के शिल्प में कहानी विधा के अंतर्गत लिखी गई पुख्ता क़िस्सागोई हैं | पर यह किस्सागोई ज़िंदगी से अलग नहीं हो सकती |

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    लेखक ने क़िस्सागोई को ज़िंदगी से अलग नहीं माना, क्योंकि

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश : गद्याश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हैरानी की बात यह है कि मेरी दलील मित्रों के हलक से नहीं उतरती थी, तब मैं उनसे कहता था - साहित्य की हर विधा को, हर तरह की लेखनी को मैं बतौर चुनौती स्वीकार करता हूँ । आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक के हृदय को छूना कोई मामूली बात नहीं होती । यह तो आप भी स्वीकार करेंगे, क्योंकि यह काम सिर्फ रामबाण और महाभारत जैसे ग्रंथ ही कर पाते हैं । मेरी यह दलील रामबाण सिद्ध होती थी, वे सारे मित्र सोच में पड़ जाते थे, क्योंकि वे केवल किसी भी एक वर्ग के लिए लिख पाते थे – ‘मास’ के लिए या ‘क्लास' के लिए । उनके दायरे सीमित थे । लेकिन मैं दायरों के बाहर का शख्स हूँ । शायद इसी कारण मैं आपसे खुलकर अंतरंग बातें भी कर सकता हूँ | बात कहानी की रचना-प्रक्रिया से आरंभ की थी । तब मैं ‘ओ हेनरी' की एक कहानी पढ़ता था और भीतर दो नई कहानियों के बीज अपने आप पड़ जाते थे । न कोई मशक़्क़त, न कोई गहरी सोच । यह प्रोसेस मेरे लिए उतना ही आसान था जितना कि कैरम का खेल । फिर भी ये रचनाएँ| कहानी के शिल्प में कहानी विधा के अंतर्गत लिखी गई पुख्ता क़िस्सागोई हैं | पर यह किस्सागोई ज़िंदगी से अलग नहीं हो सकती |

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    ‘दलील का हलक से नहीं उतरने’ का आशय है

  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश : गद्याश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हैरानी की बात यह है कि मेरी दलील मित्रों के हलक से नहीं उतरती थी, तब मैं उनसे कहता था - साहित्य की हर विधा को, हर तरह की लेखनी को मैं बतौर चुनौती स्वीकार करता हूँ । आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक के हृदय को छूना कोई मामूली बात नहीं होती । यह तो आप भी स्वीकार करेंगे, क्योंकि यह काम सिर्फ रामबाण और महाभारत जैसे ग्रंथ ही कर पाते हैं । मेरी यह दलील रामबाण सिद्ध होती थी, वे सारे मित्र सोच में पड़ जाते थे, क्योंकि वे केवल किसी भी एक वर्ग के लिए लिख पाते थे – ‘मास’ के लिए या ‘क्लास' के लिए । उनके दायरे सीमित थे । लेकिन मैं दायरों के बाहर का शख्स हूँ । शायद इसी कारण मैं आपसे खुलकर अंतरंग बातें भी कर सकता हूँ | बात कहानी की रचना-प्रक्रिया से आरंभ की थी । तब मैं ‘ओ हेनरी' की एक कहानी पढ़ता था और भीतर दो नई कहानियों के बीज अपने आप पड़ जाते थे । न कोई मशक़्क़त, न कोई गहरी सोच । यह प्रोसेस मेरे लिए उतना ही आसान था जितना कि कैरम का खेल । फिर भी ये रचनाएँ| कहानी के शिल्प में कहानी विधा के अंतर्गत लिखी गई पुख्ता क़िस्सागोई हैं | पर यह किस्सागोई ज़िंदगी से अलग नहीं हो सकती |

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     लेखक के लेखन की क्‍या ख़ास बात है ?

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश : गद्याश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हैरानी की बात यह है कि मेरी दलील मित्रों के हलक से नहीं उतरती थी, तब मैं उनसे कहता था - साहित्य की हर विधा को, हर तरह की लेखनी को मैं बतौर चुनौती स्वीकार करता हूँ । आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक के हृदय को छूना कोई मामूली बात नहीं होती । यह तो आप भी स्वीकार करेंगे, क्योंकि यह काम सिर्फ रामबाण और महाभारत जैसे ग्रंथ ही कर पाते हैं । मेरी यह दलील रामबाण सिद्ध होती थी, वे सारे मित्र सोच में पड़ जाते थे, क्योंकि वे केवल किसी भी एक वर्ग के लिए लिख पाते थे – ‘मास’ के लिए या ‘क्लास' के लिए । उनके दायरे सीमित थे । लेकिन मैं दायरों के बाहर का शख्स हूँ । शायद इसी कारण मैं आपसे खुलकर अंतरंग बातें भी कर सकता हूँ | बात कहानी की रचना-प्रक्रिया से आरंभ की थी । तब मैं ‘ओ हेनरी' की एक कहानी पढ़ता था और भीतर दो नई कहानियों के बीज अपने आप पड़ जाते थे । न कोई मशक़्क़त, न कोई गहरी सोच । यह प्रोसेस मेरे लिए उतना ही आसान था जितना कि कैरम का खेल । फिर भी ये रचनाएँ| कहानी के शिल्प में कहानी विधा के अंतर्गत लिखी गई पुख्ता क़िस्सागोई हैं | पर यह किस्सागोई ज़िंदगी से अलग नहीं हो सकती |

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    गद्यांश के आधार पर कहा जा सकता है कि

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश : गद्याश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए

    हैरानी की बात यह है कि मेरी दलील मित्रों के हलक से नहीं उतरती थी, तब मैं उनसे कहता था - साहित्य की हर विधा को, हर तरह की लेखनी को मैं बतौर चुनौती स्वीकार करता हूँ । आम आदमी से लेकर ख़ास आदमी तक के हृदय को छूना कोई मामूली बात नहीं होती । यह तो आप भी स्वीकार करेंगे, क्योंकि यह काम सिर्फ रामबाण और महाभारत जैसे ग्रंथ ही कर पाते हैं । मेरी यह दलील रामबाण सिद्ध होती थी, वे सारे मित्र सोच में पड़ जाते थे, क्योंकि वे केवल किसी भी एक वर्ग के लिए लिख पाते थे – ‘मास’ के लिए या ‘क्लास' के लिए । उनके दायरे सीमित थे । लेकिन मैं दायरों के बाहर का शख्स हूँ । शायद इसी कारण मैं आपसे खुलकर अंतरंग बातें भी कर सकता हूँ | बात कहानी की रचना-प्रक्रिया से आरंभ की थी । तब मैं ‘ओ हेनरी' की एक कहानी पढ़ता था और भीतर दो नई कहानियों के बीज अपने आप पड़ जाते थे । न कोई मशक़्क़त, न कोई गहरी सोच । यह प्रोसेस मेरे लिए उतना ही आसान था जितना कि कैरम का खेल । फिर भी ये रचनाएँ| कहानी के शिल्प में कहानी विधा के अंतर्गत लिखी गई पुख्ता क़िस्सागोई हैं | पर यह किस्सागोई ज़िंदगी से अलग नहीं हो सकती |

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    लेखक को कहानी लिखने में

  • Question 16
    5 / -1

    दिये गए विकल्पों में से ‘अपना उल्लू सीधा करना’ मुहावरे के अर्थ का चयन कीजिये।

  • Question 17
    5 / -1

    निर्देश: निम्नलिखित वाक्य में उनके प्रथम तथा अंतिम अंश जिन्हें मोटे अक्षरों में लिखा गया है वह A और F के अंतर्गत दिए गये हैं| बीच वाले चार अंश (B), (C), (D) तथा (E) बिना क्रम के हैं| चारों अंशों को पहले और आखिरी वाक्य के सहयोग से उचित क्रमानुसार व्यवस्थित कर उचित विकल्प चुनें|

    A) भारतीय किसानों की भयंकर गरीबी और

    B) कमी आयी जो जमीन के मालिक थे।

    C) उनके जीवन पर धीरे - धीरे कब्ज़ा कर लिया।

    D) इस तरह ऐसे किसानों की संख्या में

    E) उनकी कर्जदार स्थिति के कारण व्यापारियों और साहूकारों या जमीदारी ने

    F) इसके स्थान पर जमीन का स्वामित्व कुछ लोगों के हाथों से सिमटता चला गया।

  • Question 18
    5 / -1

    हर्ष, शोक, विस्मय इत्यादि भावों को प्रकट करने वाला अव्यय है-

  • Question 19
    5 / -1

    निम्नलिखित वाक्य, दिए गए विकल्पों में से किस प्रकार का है ?

    यदि रमण मेहनत करता, तो अवश्य सफल होता

  • Question 20
    5 / -1

    इनमें से आदिकाल की कौन-सी रचना गद्य में लिखी गयी है?

  • Question 21
    5 / -1

    दिए गए वाक्यांश के लिए उचित विकल्प चुनिए- 

    जो ज्ञात न हो 

  • Question 22
    5 / -1

    कबूतर का पर्यायवाची शब्द है-

  • Question 23
    5 / -1

    कृष्ण काव्य-धारा के प्रवर्तक हैं |

  • Question 24
    5 / -1

    'पुराना’ किस प्रकार का विशेषण है?

  • Question 25
    5 / -1

    आदिकाल को 'सिद्धसामंतकाल' किसने कहा था ?

  • Question 26
    5 / -1

    निम्नलिखित वाक्य, दिए गए विकल्पों में से किस प्रकार का है ?

    गायें घास खा रही है और बकरियां भी घास खा रही है।

  • Question 27
    5 / -1

    'बीजक' नामक ग्रंथ के लेखक थे

  • Question 28
    5 / -1

    "इंद्र पर विजय प्राप्त करने वाला" - वाक्यांश के लिए एक शब्द बताइये।

  • Question 29
    5 / -1

    'नीरस' शब्द का विलोम शब्द ज्ञात कीजिए। 

  • Question 30
    5 / -1

    'धीरज' किस प्रकार की संज्ञा है

  • Question 31
    5 / -1

    'पहचान' शब्द का तत्सम रूप है

  • Question 32
    5 / -1

    राम और लक्ष्मण दशरथ के पुत्र थे।

    इस वाक्य में 'और' है

  • Question 33
    5 / -1

    'शहद' शब्द है 

  • Question 34
    5 / -1

    सलाई शब्द का तत्सम रूप है -

  • Question 35
    5 / -1

    निर्देश: पर्यायवाची शब्द के आधार पर निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिये|

    कटक का पर्यायवाची शब्द है

  • Question 36
    5 / -1

    निम्‍न में कौन सा शब्‍द तद्भव है ?

  • Question 37
    5 / -1

    'शुष्क' शब्द का विलोम होगा:

  • Question 38
    5 / -1

    निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द विदेशज है? 

  • Question 39
    5 / -1

    निम्न में से "इन्दिरा" का पर्यायवाची कौन-सा है?

  • Question 40
    5 / -1

    'घोड़े बेचकर सोना' मुहावरे का सही अर्थ है -

  • Question 41
    5 / -1

    निम्न में से कौन सा शब्द विदेशी है-

  • Question 42
    5 / -1

    कामायनी के रचयिता कौन है?

  • Question 43
    5 / -1

    'पैसे से मनुष्य की जीवन जीने की इच्छा बलवती होती है |' रेखांकित वाक्यांश के लिए एक शब्द है -

  • Question 44
    5 / -1

    जो सर्वनाम शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु आदि का निश्चयपूर्वक बोध कराते हैं वे कौन से सर्वनाम होते हैं?

  • Question 45
    5 / -1

    निम्नलिखित में से लोकोक्ति का उदाहरण नहीं है?

  • Question 46
    5 / -1

    देशज शब्द कौन सा है?

  • Question 47
    5 / -1

    'आजाद' शब्द का विलोम क्या होगा?

  • Question 48
    5 / -1

    देशज शब्द की पहचान कीजिये।

  • Question 49
    5 / -1

    ''सुधि मेरे आगम की जग में

    सुख की सिहरन हो अंत खिली।''

    उपरोक्त पंक्तियॉं किस कवि की हैं ?

  • Question 50
    5 / -1

    निर्देश: निम्नलिखित वाक्य में उनके प्रथम तथा अंतिम अंश जिन्हें मोटे अक्षरों में लिखा गया है वह A और F के अंतर्गत दिए गये हैं| बीच वाले चार अंश (B), (C), (D) तथा (E) बिना क्रम के हैं| चारों अंशों को पहले और आखिरी वाक्य के सहयोग से उचित क्रमानुसार व्यवस्थित कर उचित विकल्प चुनें|

    A) विद्यार्थी, महिला, दलित वर्ग, डॉक्टर, संपादक

    B) विकास करने वाले ऐसे ही अन्य सामाजिक समूहों ने

    C) ऐसे समूहों ने ऑल इंडिया विमेंस कॉन्फ्रेंस

    D) खुद को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित करने का प्रयास किया।

    E) और अपने भीतर साझा हित की चेतना का

    F) और अन्य संगठनों का गठन किया।

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