Self Studies

Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पाँच प्रश्न दिये गये है। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    हमारे देश में अनेक जटिल समस्याएँ है जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात्‌ भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। परंतु जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी अधिक हो जाएगी। हमारी जनसंख्या वृद्धि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 400 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं। इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। देश मे बाल-विवाह की पंरपरा प्राचीन काल से थी, जिसके फलस्वरूप भी जनसंख्या में वृद्धि हुई थी। शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण हैं। देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है। इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है।

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    किसका अभाव जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण माना गया है?

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पाँच प्रश्न दिये गये है। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    हमारे देश में अनेक जटिल समस्याएँ है जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात्‌ भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। परंतु जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी अधिक हो जाएगी। हमारी जनसंख्या वृद्धि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 400 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं। इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। देश मे बाल-विवाह की पंरपरा प्राचीन काल से थी, जिसके फलस्वरूप भी जनसंख्या में वृद्धि हुई थी। शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण हैं। देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है। इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है।

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    उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?

  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पाँच प्रश्न दिये गये है। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    हमारे देश में अनेक जटिल समस्याएँ है जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात्‌ भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। परंतु जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी अधिक हो जाएगी। हमारी जनसंख्या वृद्धि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 400 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं। इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। देश मे बाल-विवाह की पंरपरा प्राचीन काल से थी, जिसके फलस्वरूप भी जनसंख्या में वृद्धि हुई थी। शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण हैं। देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है। इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है।

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    संपूर्ण विश्व में किस देश की सर्वाधिक जनसंख्या है?

  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पाँच प्रश्न दिये गये है। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    हमारे देश में अनेक जटिल समस्याएँ है जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात्‌ भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। परंतु जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी अधिक हो जाएगी। हमारी जनसंख्या वृद्धि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 400 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं। इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। देश मे बाल-विवाह की पंरपरा प्राचीन काल से थी, जिसके फलस्वरूप भी जनसंख्या में वृद्धि हुई थी। शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण हैं। देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है। इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है।

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    कितनी प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है?

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः एक गद्यांश दिया गया है। गद्यांश के आधार पाँच प्रश्न दिये गये है। गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें तथा प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्पों में से सही विकल्प चुने।

    हमारे देश में अनेक जटिल समस्याएँ है जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात्‌ भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। परंतु जिस गति से हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, वो दिन भी दूर नहीं जब हमारे देश की जनसंख्या चीन से भी अधिक हो जाएगी। हमारी जनसंख्या वृद्धि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 400 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है। देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं। इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। देश मे बाल-विवाह की पंरपरा प्राचीन काल से थी, जिसके फलस्वरूप भी जनसंख्या में वृद्धि हुई थी। शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण हैं। देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है। इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है।

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    हमारे देश की जटिल समस्या क्या है, जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती है?

  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पड़ोस में एक महानुभाव रहते हैं, जिनको लोग भगत जी कहते हैं। चूरन बेचते हैं। यह काम करते, जाने उन्हें कितने बरस हो गए हैं। लेकिन किसी एक भी दिन चूरन से उन्होंने छः आने से ज्यादा पैसे नहीं कमाए। चूरन उनका आस-पास सरनाम है और खुद खूब लोकप्रिय हैं। कहीं व्यवसाय का गुर पकड़ लेते और उस पर चलते तो आज खुशहाल क्या, मालामाल होते! क्या कुछ उनके पास न होता ! इधर दस वर्षों से मैं देख रहा हूँ, उनका चूरन हाथों-हाथ बिक जाता है। पर वह न उसे थोक में देते हैं, न व्यापारियों को बेचते हैं। पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। बँधे वक्त पर अपनी चूरन की पेटी लेकर घर से बाहर हुए नहीं कि देखते-देखते छः आने की कमाई उनकी हो जाती है। लोग उनका चूरन लेने को उत्सुक जो रहते हैं। चूरन से भी अधिक शायद वह भगत जी के प्रति अपनी सद्भावना का देय देने को उत्सुक रहते हैं। पर छ: आने पूरे हुए नहीं कि भगत जी बाकी चूरन बालकों को मुफ़्त बाँट देते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई उन्हें पच्चीसवाँ पैसा भी दे सके। कभी चूरन में लापरवाही में नहीं हुई और कभी रोग होता भी मैंने उन्हें नहीं देखा है।

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    प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पड़ोस में एक महानुभाव रहते हैं, जिनको लोग भगत जी कहते हैं। चूरन बेचते हैं। यह काम करते, जाने उन्हें कितने बरस हो गए हैं। लेकिन किसी एक भी दिन चूरन से उन्होंने छः आने से ज्यादा पैसे नहीं कमाए। चूरन उनका आस-पास सरनाम है और खुद खूब लोकप्रिय हैं। कहीं व्यवसाय का गुर पकड़ लेते और उस पर चलते तो आज खुशहाल क्या, मालामाल होते! क्या कुछ उनके पास न होता ! इधर दस वर्षों से मैं देख रहा हूँ, उनका चूरन हाथों-हाथ बिक जाता है। पर वह न उसे थोक में देते हैं, न व्यापारियों को बेचते हैं। पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। बँधे वक्त पर अपनी चूरन की पेटी लेकर घर से बाहर हुए नहीं कि देखते-देखते छः आने की कमाई उनकी हो जाती है। लोग उनका चूरन लेने को उत्सुक जो रहते हैं। चूरन से भी अधिक शायद वह भगत जी के प्रति अपनी सद्भावना का देय देने को उत्सुक रहते हैं। पर छ: आने पूरे हुए नहीं कि भगत जी बाकी चूरन बालकों को मुफ़्त बाँट देते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई उन्हें पच्चीसवाँ पैसा भी दे सके। कभी चूरन में लापरवाही में नहीं हुई और कभी रोग होता भी मैंने उन्हें नहीं देखा है।

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    चूरन बेचने वाले का स्वभाव कैसा था?

  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पड़ोस में एक महानुभाव रहते हैं, जिनको लोग भगत जी कहते हैं। चूरन बेचते हैं। यह काम करते, जाने उन्हें कितने बरस हो गए हैं। लेकिन किसी एक भी दिन चूरन से उन्होंने छः आने से ज्यादा पैसे नहीं कमाए। चूरन उनका आस-पास सरनाम है और खुद खूब लोकप्रिय हैं। कहीं व्यवसाय का गुर पकड़ लेते और उस पर चलते तो आज खुशहाल क्या, मालामाल होते! क्या कुछ उनके पास न होता ! इधर दस वर्षों से मैं देख रहा हूँ, उनका चूरन हाथों-हाथ बिक जाता है। पर वह न उसे थोक में देते हैं, न व्यापारियों को बेचते हैं। पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। बँधे वक्त पर अपनी चूरन की पेटी लेकर घर से बाहर हुए नहीं कि देखते-देखते छः आने की कमाई उनकी हो जाती है। लोग उनका चूरन लेने को उत्सुक जो रहते हैं। चूरन से भी अधिक शायद वह भगत जी के प्रति अपनी सद्भावना का देय देने को उत्सुक रहते हैं। पर छ: आने पूरे हुए नहीं कि भगत जी बाकी चूरन बालकों को मुफ़्त बाँट देते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई उन्हें पच्चीसवाँ पैसा भी दे सके। कभी चूरन में लापरवाही में नहीं हुई और कभी रोग होता भी मैंने उन्हें नहीं देखा है।

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    चूरन शीघ्र बिक जाने का क्या कारण था?

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पड़ोस में एक महानुभाव रहते हैं, जिनको लोग भगत जी कहते हैं। चूरन बेचते हैं। यह काम करते, जाने उन्हें कितने बरस हो गए हैं। लेकिन किसी एक भी दिन चूरन से उन्होंने छः आने से ज्यादा पैसे नहीं कमाए। चूरन उनका आस-पास सरनाम है और खुद खूब लोकप्रिय हैं। कहीं व्यवसाय का गुर पकड़ लेते और उस पर चलते तो आज खुशहाल क्या, मालामाल होते! क्या कुछ उनके पास न होता ! इधर दस वर्षों से मैं देख रहा हूँ, उनका चूरन हाथों-हाथ बिक जाता है। पर वह न उसे थोक में देते हैं, न व्यापारियों को बेचते हैं। पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। बँधे वक्त पर अपनी चूरन की पेटी लेकर घर से बाहर हुए नहीं कि देखते-देखते छः आने की कमाई उनकी हो जाती है। लोग उनका चूरन लेने को उत्सुक जो रहते हैं। चूरन से भी अधिक शायद वह भगत जी के प्रति अपनी सद्भावना का देय देने को उत्सुक रहते हैं। पर छ: आने पूरे हुए नहीं कि भगत जी बाकी चूरन बालकों को मुफ़्त बाँट देते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई उन्हें पच्चीसवाँ पैसा भी दे सके। कभी चूरन में लापरवाही में नहीं हुई और कभी रोग होता भी मैंने उन्हें नहीं देखा है।

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    चूरन खरीदने वालों की उत्सुकता का क्या कारण बताया गया है?

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पड़ोस में एक महानुभाव रहते हैं, जिनको लोग भगत जी कहते हैं। चूरन बेचते हैं। यह काम करते, जाने उन्हें कितने बरस हो गए हैं। लेकिन किसी एक भी दिन चूरन से उन्होंने छः आने से ज्यादा पैसे नहीं कमाए। चूरन उनका आस-पास सरनाम है और खुद खूब लोकप्रिय हैं। कहीं व्यवसाय का गुर पकड़ लेते और उस पर चलते तो आज खुशहाल क्या, मालामाल होते! क्या कुछ उनके पास न होता ! इधर दस वर्षों से मैं देख रहा हूँ, उनका चूरन हाथों-हाथ बिक जाता है। पर वह न उसे थोक में देते हैं, न व्यापारियों को बेचते हैं। पेशगी ऑर्डर कोई नहीं लेते। बँधे वक्त पर अपनी चूरन की पेटी लेकर घर से बाहर हुए नहीं कि देखते-देखते छः आने की कमाई उनकी हो जाती है। लोग उनका चूरन लेने को उत्सुक जो रहते हैं। चूरन से भी अधिक शायद वह भगत जी के प्रति अपनी सद्भावना का देय देने को उत्सुक रहते हैं। पर छ: आने पूरे हुए नहीं कि भगत जी बाकी चूरन बालकों को मुफ़्त बाँट देते हैं। कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई उन्हें पच्चीसवाँ पैसा भी दे सके। कभी चूरन में लापरवाही में नहीं हुई और कभी रोग होता भी मैंने उन्हें नहीं देखा है।

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    भगत जी सदैव किस नियम पर डटे रहते थे?

  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

    कथा-साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में एकांकी का रामकुमार वर्मा, उपेंद्रनाथ अश्क, भुवनेश्वर आदि ने एकांकी साहित्य की श्री वृद्धि की रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एक तोले अफीम की कीमत, दस मिनट, स्वर्ग का कमरा आदि प्रसिद्ध एकांकी हैं अश्क ने चरवाहे, लक्ष्मी का स्वागत, सूखी डाली, पहेली आदि लिखे भुवनेश्वर के अधिकांश एकांकी विकृत स्थितियों को लेकर लिखे गए हैंI स्ट्राइक प्रतिभा का विवाह उनके उल्लेखनीय एकांकी हैं एकांकी विधा की उपयोगिता रेडियो का प्रचार होने के बाद और बढ़ी क्योंकि वहाँ निश्चित समय में ही संवाद और ध्वनि के द्वारा नाटक पूरा कर देना होता है

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    'स्ट्राइक' के एकांकीकार कौन हैं?

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

    कथा-साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में एकांकी का रामकुमार वर्मा, उपेंद्रनाथ अश्क, भुवनेश्वर आदि ने एकांकी साहित्य की श्री वृद्धि की रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एक तोले अफीम की कीमत, दस मिनट, स्वर्ग का कमरा आदि प्रसिद्ध एकांकी हैं अश्क ने चरवाहे, लक्ष्मी का स्वागत, सूखी डाली, पहेली आदि लिखे भुवनेश्वर के अधिकांश एकांकी विकृत स्थितियों को लेकर लिखे गए हैंI स्ट्राइक प्रतिभा का विवाह उनके उल्लेखनीय एकांकी हैं एकांकी विधा की उपयोगिता रेडियो का प्रचार होने के बाद और बढ़ी क्योंकि वहाँ निश्चित समय में ही संवाद और ध्वनि के द्वारा नाटक पूरा कर देना होता है

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    निम्नलिखित में कौन सी एकांकी अश्क की नहीं है?

  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

    कथा-साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में एकांकी का रामकुमार वर्मा, उपेंद्रनाथ अश्क, भुवनेश्वर आदि ने एकांकी साहित्य की श्री वृद्धि की रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एक तोले अफीम की कीमत, दस मिनट, स्वर्ग का कमरा आदि प्रसिद्ध एकांकी हैं अश्क ने चरवाहे, लक्ष्मी का स्वागत, सूखी डाली, पहेली आदि लिखे भुवनेश्वर के अधिकांश एकांकी विकृत स्थितियों को लेकर लिखे गए हैंI स्ट्राइक प्रतिभा का विवाह उनके उल्लेखनीय एकांकी हैं एकांकी विधा की उपयोगिता रेडियो का प्रचार होने के बाद और बढ़ी क्योंकि वहाँ निश्चित समय में ही संवाद और ध्वनि के द्वारा नाटक पूरा कर देना होता है

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    निम्नलिखित में कौन सी एकांकी रामकुमार वर्मा की नहीं है?

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

    कथा-साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में एकांकी का रामकुमार वर्मा, उपेंद्रनाथ अश्क, भुवनेश्वर आदि ने एकांकी साहित्य की श्री वृद्धि की रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एक तोले अफीम की कीमत, दस मिनट, स्वर्ग का कमरा आदि प्रसिद्ध एकांकी हैं अश्क ने चरवाहे, लक्ष्मी का स्वागत, सूखी डाली, पहेली आदि लिखे भुवनेश्वर के अधिकांश एकांकी विकृत स्थितियों को लेकर लिखे गए हैंI स्ट्राइक प्रतिभा का विवाह उनके उल्लेखनीय एकांकी हैं एकांकी विधा की उपयोगिता रेडियो का प्रचार होने के बाद और बढ़ी क्योंकि वहाँ निश्चित समय में ही संवाद और ध्वनि के द्वारा नाटक पूरा कर देना होता है

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    एकांकी विधा की उपयोगिता किसके बाद बढ़ी?

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए

    कथा-साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में एकांकी का रामकुमार वर्मा, उपेंद्रनाथ अश्क, भुवनेश्वर आदि ने एकांकी साहित्य की श्री वृद्धि की रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एक तोले अफीम की कीमत, दस मिनट, स्वर्ग का कमरा आदि प्रसिद्ध एकांकी हैं अश्क ने चरवाहे, लक्ष्मी का स्वागत, सूखी डाली, पहेली आदि लिखे भुवनेश्वर के अधिकांश एकांकी विकृत स्थितियों को लेकर लिखे गए हैंI स्ट्राइक प्रतिभा का विवाह उनके उल्लेखनीय एकांकी हैं एकांकी विधा की उपयोगिता रेडियो का प्रचार होने के बाद और बढ़ी क्योंकि वहाँ निश्चित समय में ही संवाद और ध्वनि के द्वारा नाटक पूरा कर देना होता है

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    कथा साहित्य में जो स्थान कहानी का है, वही रूपक के क्षेत्र में किसका है?

  • Question 16
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो, उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो ! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था ! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?

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    प्रस्तुत गद्यांश के लेखक कौन हैं?

  • Question 17
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो, उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो ! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था ! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?

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    लेखक के अनुसार वह कौन-सी शक्ति है, जो अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है?

  • Question 18
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो, उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो ! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था ! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?

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    लेखक के अनुसार धूल उड़ाती हुई मोटर गाड़ी हृदय पर क्या छोड़ जाती है?

  • Question 19
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो, उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो ! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था ! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?

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    पैसे की व्यंग्य शक्ति किस शक्ति के आगे चूर-चूर हो जाती है?

  • Question 20
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    पैसे की व्यंग्य-शक्ति की सुनिए। वह दारुण है। मैं पैदल चल रहा हूँ कि पास ही धूल उड़ाती निकल गई मोटर। वह क्या निकली मेरे कलेजे को कौंधती एक कठिन व्यंग्य की लीक ही आर-से-पार हो गई। जैसे किसी ने आँखों में उँगली देकर दिखा दिया हो कि देखो, उसका नाम है मोटर और तुम उससे वंचित हो ! यह मुझे अपनी ऐसी विडंबना मालूम होती है कि बस पूछिए नहीं। मैं सोचने को हो आता हूँ कि हाय, ये ही माँ-बाप रह गए थे जिनके यहाँ मैं जन्म लेने को था ! क्यों न मैं मोटरवालों के यहाँ हुआ! उस व्यंग्य में इतनी शक्ति है कि ज़रा में मुझे अपने सगों के प्रति कृतघ्न कर सकती है। लेकिन क्या लोक-वैभव की यह व्यंग्य-शक्ति उस चूरन वाले अकिंचित्कर मनुष्य के आगे चूर-चूर होकर ही नहीं रह जाती? चूर-चूर क्यों, कहो पानी-पानी। तो वह क्या बल है, जो इस तीखे व्यंग्य के आगे अजेय ही नहीं रहता, बल्कि मानो उस व्यंग्य की क्रूरता को ही पिघला देता है?

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    मोटर गाड़ी से वंचित होना लेखक को क्या प्रतीत होता है?

  • Question 21
    5 / -1

    'दाँत' का पर्यायवाची शब्द बताएं।

  • Question 22
    5 / -1

    'राजपुत्र' शब्द में समास है

  • Question 23
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के लिए सही अर्थ वाला विकल्प है।

    'गंगा नहाना' 

  • Question 24
    5 / -1

    'ज़ोरावर' शब्द का अर्थ है: 

  • Question 25
    5 / -1

    "कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली" लोकोक्ति अर्थ होगा:

  • Question 26
    5 / -1

    'अभ्युदय' शब्द में उपसर्ग है:

  • Question 27
    5 / -1

    इनमें से 'हाथी' का पर्यायवाची शब्द है?

  • Question 28
    5 / -1

    'महोत्सव का सही सन्धि विच्छेद क्या है?

  • Question 29
    5 / -1

    देश में (1) / पनपता (2) / घोर (3) / विषय है (4) / भ्रष्टाचार (5) / चिंता का (6) - क्रम संख्या (1) और (2) के बाद वाक्य संरचना का सही क्रम क्या होगा?

  • Question 30
    5 / -1

    ''जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ'' लोकोक्ति का सही अर्थ है-

  • Question 31
    5 / -1

    ‘गणेश’ शब्द का पर्यायवाची शब्द बताइए। 

  • Question 32
    5 / -1

    'जो स्थिर न रह सके' वाक्यांश के लिए उपयुक्त शब्द है -

  • Question 33
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
    उल्लास

  • Question 34
    5 / -1

    आज पूरी दुनिया में आजादी और ________के लिए आंदोलन चल रहे हैं।

  • Question 35
    5 / -1

    'स़रसराहट' शब्द में प्रत्यय हैः

  • Question 36
    5 / -1

    इनमें से कौन-सा शब्द अर्थ की दृष्टि से ‘अरुण’ से संबद्ध नहीं है?

  • Question 37
    5 / -1

    इस प्रश्न में वाक्य के कुछ अंशों के क्रम में उलटफेर कर दिया गया है। वाक्यांशों को P, Q, R, S अंकित किया गया है। वाक्य को तर्कपूर्ण क्रम देने के लिए उचित विकल्प चुनें।

    जड़ से (P) पत्ते-पत्ते पर (Q) हरियाली छाई रही (R) उखड़ने के बावजूद, (S)

  • Question 38
    5 / -1

    'अनुकूल' शब्द का विलोम-शब्द क्या है?

  • Question 39
    5 / -1

    'जो आँखों के सामने न हो' के लिए उपयुक्त शब्द है।

  • Question 40
    5 / -1

    'आजीवन' में समास है

  • Question 41
    5 / -1

    'गौण' का विलोम शब्द है

  • Question 42
    5 / -1

    निम्नांकित में से कौन सा वाक्य शुद्ध है?

  • Question 43
    5 / -1

    अर्थ के अनुसार वाक्य के कितने प्रकार हैं?

  • Question 44
    5 / -1

    'मूक' का सही विलोम शब्द क्या होगा?

  • Question 45
    5 / -1

    बादल घिरे और मयूर नाचने लगे! यह कौन-सा वाक्य है?

  • Question 46
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।

    साहित्य जीवन की _______ है।

  • Question 47
    5 / -1

    'जो न जाना गया हो' के लिए एक शब्द होगाः

  • Question 48
    5 / -1

    "घुटने टेक देना" - मुहावरे का सही अर्थ क्या है?

  • Question 49
    5 / -1

    समय केवल उन्हीं को याद रखता है जो धारा के _____ में बह नहींं जाते।

  • Question 50
    5 / -1

    'पो + अन' किस स्वर संधि का उदाहरण है?

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