Self Studies

Hindi Mock Test...

TIME LEFT -
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    किन बातों को पचास वर्षों से अधिक समय हो चुका है?

  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    गद्यांश के अनुसार आज के लोगों का लक्ष्य क्या है?

  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    आजकल हम लोग चटखारे लेकर किसकी बातें करते हैं?

  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    प्रस्तुत पाठ में किसके द्व॑न्द्व का सुंदर चित्रण किया गया है?

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    'गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं” कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? 

  • Question 6
    5 / -1

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    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    शिक्षा के अभाव में मनुष्य किसके समान होता है?

  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    हमारे देश में बच्चों के स्कूल न जाने का क्या कारण है?

  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

  • Question 9
    5 / -1

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    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    ‘दिशा’ शब्द के उचित पर्यायवाची युग्म को बताइए।

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    'दार' एवं 'रत' प्रत्यय युक्त दो शब्द गद्यांश में से छाँट कर लिखिए?

  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    शिवपूजन सहाय किसके संपादक नहीं थे?

  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    उल्लिखित युग के निबंधकार नहीं हैं

  • Question 13
    5 / -1

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    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    गद्यांश में पांडित्य का आशय है:

  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    द्विवेदी जी की शैली है:

  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    'उन्‍नयन' का अर्थ है

  • Question 16
    5 / -1

    'धूसर' किसका पर्याय है?

  • Question 17
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    एक और एक ग्यारह होना

  • Question 18
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये।

    पृथ्वी ................... से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है।

  • Question 19
    5 / -1

    'गिरि' शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है -

  • Question 20
    5 / -1

    निम्‍न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे का सही अर्थ वाला विकल्प है

    सब्ज बाग़ दिखाना

  • Question 21
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. मानव जीवन का

    a. कर्म बंधन को

    b. तोड़ना और

    c. उद्देश्य जन्मों-जन्म के

    d. संपूर्ण मुक्ति को

    2. प्राप्त करना है।

  • Question 22
    5 / -1

    'प्रत्यक्ष' शब्द का विलोम है-

  • Question 23
    5 / -1

    'जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो' वाक्यांश के लिए एक शब्द है-

  • Question 24
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो वाक्यांशों के लिए एक शब्द का विकल्प हो।

    जो उच्च कुल में पैदा हुआ हो

  • Question 25
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्द के संधि-विच्छेद में सही का निशान लगाइए-

    अत्यावश्यक

  • Question 26
    5 / -1

    ‘हंसा थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान’ इस लोकोक्ति का क्या तात्पर्य है?

    उचित विकल्प का चयन कीजिये।

  • Question 27
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    एक पंथ दो काज

  • Question 28
    5 / -1

    इनमें से 'सरस्वती' का पर्यायवाची शब्द है

  • Question 29
    5 / -1

    चौराहा में कौन सा समास है?

  • Question 30
    5 / -1

    "तत्+शंकर"--का संधि रूप है

  • Question 31
    5 / -1

    'समुद्र की आग' के लिए उपयुक्त शब्द है -

  • Question 32
    5 / -1

    लोकोक्ति 'दाना न घास, घोड़े तेरी आस' का अर्थ है-

  • Question 33
    5 / -1

    निम्नलिखित 6 वाक्यांशो में से प्रथम व अंतिम निश्चित है, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए-

    1. स्वतन्त्र भारत का

    य. क्योंकि आज जो विद्यार्थी हैं वे कल

    र. उन्नति और उसका उत्थान इन्ही पर

    ल. सम्पूर्ण दायित्व आज विद्यार्थियों पर है

    व. स्वतंत्र भारत के नागरिक होगें तथा भारत की

    6. निर्भर करता है

  • Question 34
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्द का पर्यायवाची नहीं हैं, ज्ञात कीजिए।

    कमल

  • Question 35
    5 / -1

    'जो मोक्ष चाहता हो' के लिए शब्द है?

  • Question 36
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    ईश्वर के यहाँ कुछ लोग दूसरों की _______ में जल्दी पहुँचते हैं |

  • Question 37
    5 / -1

    निम्नलिखित लोकोक्ति/मुहावरे का क्या आशय है?

    "घड़ों पानी पड़ना"

  • Question 38
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, दिए गए शब्द के विपरीत अर्थ वाले विकल्प को चुनिए।

    नित्य

  • Question 39
    5 / -1

    जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई' का अर्थ हैः

  • Question 40
    5 / -1

    निम्नलिखित में से मुहावरा "अंडे का शहजादा" का क्या अर्थ है?

  • Question 41
    5 / -1

    'आर्द्र' का विलोम होगाः

  • Question 42
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्दों में से 'आगमन' का विलोम क्या है?

  • Question 43
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।

    पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध ........................ से है।

  • Question 44
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. वंशानुगत राजनीतिकों को

    a. सफल होने के लिये 

    b. संसाधन आसानी से

    c. मूर्त और अमूर्त, दोनों तरह के

    d. लोकतांत्रिक राजनीति में 

    2. उपलब्ध हो जाते हैं।

  • Question 45
    5 / -1

    'राजपुत्र' में कौन-सा समास है ?

  • Question 46
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो वाक्यांशों के लिए एक शब्द का विकल्प हो।

    जिसका कोई उद्देश्‍य न हो।

  • Question 47
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो।

    ओस चाटे प्यास नहीं बुझती-

  • Question 48
    5 / -1

    घनश्‍याम में समास है

  • Question 49
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. एक सपना

    a. दृढ संकल्प और

    b. नहीं बन सकता,

    c. इसमें पसीना,

    d. जादू से हकीकत

    2. मेहनत लगती है।

  • Question 50
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    मेज का _______ गोल है |

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