Self Studies

Hindi Test - 11

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Hindi Test - 11
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है. उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं। 
    वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है रंग - बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र), उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है

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    भारतीय नववर्ष का आरम्भ किस माह से होता है?
    Solution
    भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा  माह से होता है। Key Points
    • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है।
    • माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी.
    • इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।  

    Additional Information

    चैत्र मास

    • परिभाषा - हिन्दी वर्ष का पहला महीना जो अंग्रेजी महीने के मार्च और अप्रैल के बीच में आता है
    • वाक्य में प्रयोग - मेरी माँ प्रत्येक चैत्र की रामनवमी को व्रत रखती है ।

    अगहन मास

    • हिन्दू पंचांग के अनुसार साल का नौवां महीना मार्गशीर्ष माह है।
    • इसे अगहन भी कहा जाता है।
    • अंग्रजी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर ये महीना नवंबर और दिसंबर के बीच रहता है।
    • मार्गशीर्ष यानी अगहन महीना अत्यन्त पवित्र माना जाता है।

    वैसाख मास

    • वैशाख हिंदू कैलेंडर का एक महीना है जो अप्रैल-मई तक रहता है।
    • पौष माह हिंदू कैलेंडर का एक महीना है ।
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है. उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं। 
    वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है रंग - बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र), उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है

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     विक्रम संवत का आरम्भ किसने किया था?
    Solution
     विक्रम संवत का आरम्भ सम्राट विक्रमादित्य ने किया था ।Key Points
    • विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था।
    • विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है।
    • इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है।
    • सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं।  

    Additional Information

    सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य 

    • चन्द्रगुप्त मौर्य (जन्म : ३४५ ई॰पु॰, राज ३२१-२९७ ई॰पु॰) में भारत के महान सम्राट थे।
    • इन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी।
    • चन्द्रगुप्त पूरे भारत को एक साम्राज्य के अधीन लाने में सफल रहे।

    सम्राट अशोक

    • चक्रवर्ती सम्राट अशोक विश्व के सभी महान एवं शक्तिशाली सम्राटों एवं राजाओं की पंक्तियों में हमेशा शीर्ष स्थान पर ही रहे हैं।
    • सम्राट अशोक ही भारत के सबसे शक्तिशाली एवं महान सम्राट है।
    • सम्राट अकबर 
    • जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५)[3] तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था।
    •  अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है
    •  सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूं एवं हमीदा बानो का पुत्र था। 
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है. उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं। 
    वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है रंग - बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र), उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है

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    चेती चाँद का दूसरा नाम क्या है?
    Solution
    चेती चाँद का दूसरा नाम चैत्र का चाँद है। Key Points
    • कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र),
    • उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं
    • , महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    • सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं
    • एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है। 

    Additional Information

    ईद का चाँद 

    • ईद का चाँद होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है ।
    • अर्थ -बहुत दिनों पर दिखाई पड़ना।
    • प्रयोग -अरे तुम तो ईद का चाँद हो गये हो कभी सूरत भी नहीं दिखाते।

    पौष का चाँद

    • पौष मास   के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष का चाँद होता है.

    पूर्णिमा  का चाँद 

    • जब चंद्रमा पृथ्वी के पीछे होता है तो सूर्य की किरणें चंद्रमा पर पड़कर पृथ्वी तक सीधे आ जाती हैं और चंद्रमा पूरा गोल दिखाई देता है,पूर्णिमा  का चाँद।
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है. उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं। 
    वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है रंग - बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र), उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है

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    निम्न में से विशेषण शब्द है:
    Solution
    सही उत्तर 'सुन्दर' है
    सुन्दर वन - गुणवाचक विशेषण 
    • जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते है, गुणवाचक विशेषण कहलाते है 
    • ब्रह्मा, कश्मीर, चाँद व्यक्तिवाचक संज्ञा है

    Key Points 

    संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते है, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते है।

    संज्ञा के पाँच भेद होते है-
    (1) व्यक्तिवाचक (Proper noun )
    (2) जातिवाचक (Common noun)
    (3) भाववाचक (Abstract noun)
    (4) समूहवाचक (Collective noun)
    (5) द्रव्यवाचक (Material noun)

    संज्ञा

    परिभाषा

    उदाहरण

    व्यक्तिवाचक

    जिस शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान के नाम का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

    जैसे-
    व्यक्ति का नाम-रवीना, सोनिया गाँधी, श्याम, हरि, सुरेश, सचिन आदि।

    वस्तु का नाम- कार, टाटा चाय, कुरान, गीता रामायण आदि।

    स्थान का नाम-ताजमहल, कुतुबमीनार, जयपुर आदि।

    दिशाओं के नाम- उत्तर, पश्र्चिम, दक्षिण, पूर्व।

    जातिवाचक

    जिस शब्द से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।

    जैसे- लड़का, पशु-पक्षयों, वस्तु, नदी, मनुष्य, पहाड़ आदि।

    'लड़का' से राजेश, सतीश, दिनेश आदि सभी 'लड़कों का बोध होता है।

    'पशु-पक्षयों' से गाय, घोड़ा, कुत्ता आदि सभी जाति का बोध होता है।

    'वस्तु' से मकान कुर्सी, पुस्तक, कलम आदि का बोध होता है।

    भाववाचक

    जिन शब्दों से किसी प्राणी या पदार्थ के गुण, भाव, स्वभाव या अवस्था का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।

    थकान, मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, हँसी, चढ़ाई, साहस, वीरता आदि शब्द-भाव, गुण, अवस्था तथा क्रिया के व्यापार का बोध करा रहे हैं।

    समूहवाचक

    जिस संज्ञा शब्द से वस्तु समूह या समुदाय का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है।

    जैसे- व्यक्तियों का समूह- भीड़, जनता, सभा, कक्षा; वस्तुओं का समूह- गुच्छा

    द्रव्यवाचक

    जिस संज्ञा से नाप-तौलवाली वस्तु का बोध हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है।

    जैसे- ताम्बा, पीतल, चावल, घी, तेल, सोना, लोहा आदि।

  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भारतीय नववर्ष का आरम्भ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. इस कारण इसे नवसंवत्सर या नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। आज भले ही नववर्ष ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार मनाया जाता है किन्तु हमारे देश में आज भी मांगलिक तथा धार्मिक कार्यों के लिए विक्रम संवत को ही प्रधानता दी जाती है. उसी के आधार पर ही तिथि एवं काल गणना की जाती है। विक्रम संवत को सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में 57 ईसा पूर्व शुरू किया था विक्रम संवत का सम्बन्ध किसी विशेष धर्म से न होकर पूरे विश्व की प्रकृति, खगोलीय सिद्धांत, ग्रहों और नक्षत्रों से है। इसीलिए भारतीय काल गणना सृष्टि की रचना और राष्ट्र की गौरवशाली परम्पराओं का बोध कराती है। सौर मंडल के ग्रहों एवं नक्षत्रों के चाल, उनकी लगातार बदलती स्थिति पर भी हमारे दिन, महीने, साल आधारित होते हैं। 
    वसंत ऋतु में नववर्ष का आरम्भ इसलिए भी आनंददायक है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली होती है रंग - बिरंगे सुगन्धित फूलों की छटा अनुपम होती है, जो धरा को अलौकिक सौंदर्य प्रदान करती है। कुल मिलाकर वातावरण सुंदर एवं मनोहारी होता है। कहने को तो यह पर्व एक है किन्तु इसके नाम अनेक हैं- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि कि माँ की आराधना का पर्व (नवरात्र), उगादी (युग का प्रारम्भ) आंध्र प्रदेश में इसे दीपावली की तरह मनाते हैं, महाराष्ट्र में इसे गुड़ीपड़वा के नाम से मनाते हैं,
    सिंध प्रान्त में नवसंवत को चेती चाँद (चैत्र का चाँद) के नाम से पुकारते हैं एवं जम्मू-कश्मीर में नवरेह के नाम से मनाया जाता है

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    निम्न में से संज्ञा शब्द है:
    Solution
    सही उत्तर 'कश्मीर' है
    • कश्मीर व्यक्तिवाचक संज्ञा का उदाहरण है
    • अन्य विकल्प गुणवाचक विशेषण के उदाहरण है
    Key Points अन्य विकल्प:
    • अलौकिक स्वरूप - गुणवाचक विशेषण 
    • सुन्दर घर - गुणवाचक विशेषण 
    • मनोहारी दृश्य - गुणवाचक विशेषण 

    Additional Information

    विशेषण - संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। विशेषण के चार प्रकार होते हैं।

    प्रकार

    परिभाषा

    उदाहरण

    गुणवाचक विशेषण

    जो विशेषण किसे संज्ञा या सर्वनाम की उपयुक्त विशेषताएं का बोध कराते हैं, उसे गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

    काला, चमकीला

    परिणामवचक विशेषण

    परिणाम वाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की माप तोल संबंधी विशेषता को प्रकट करते हैं।

    दो किलो, ढेर सारा

    संख्यावाचक विशेषण

    संख्यावाचक विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की संख्या संबंधी विशेषता का बोध कराते हैं।

    थोड़े, पहला, दर्जन

    सार्वनामिक विशेषण

    जो सर्वनाम विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं वह सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं।

    वह खंबा, यह लड़का

    Important Points 

    विशेषण

    जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते हैं।

    जैसे – गोरा, काला, बूढ़ा, दो किलो, चार किलो, मीठा आदि।

    विशेष्य

    जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं।

    जैसे खीरा (विशेष्यकड़वा (विशेषणहै।

    प्रविशेषण

    जिन शब्दों से विशेषण की विशेषता का पता चलता है।

    जैसे यह आम बहुत मीठा है।

    उद्देश्य विशेषण

    विशेष्य से पहले जो विशेषण लगते हैं।

    जैसे सुंदर लड़की।

    विधेय विशेषण

    जो विशेष्य संज्ञा और सर्वनाम आदि के बाद प्रयुक्त होते हैं।

    जैसे ये फल मीठे हैं।

  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

    इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। इंटरनेट इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना हम हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। ये किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है। इंटरनेट ने कई तरह से हमारे जीवन को आसान बना दिया है व जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए।  

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    ______ के कारण से इसका इस्तेमाल हर जगह किया जाता है।
    Solution

     इसका सही उत्तर 'सुगमताहै। 

    Key Points

    • सुगमता के कारण से इसका इस्तेमाल हर जगह किया जाता है।
    • सुगमता = सु + गम + ता। 
    • अत: 'सुगमता' यौगिक शब्द है।
    • सन्दर्भ पंक्ति -  इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है।

    Additional Information

    • गद्यांश का सार - इस गद्यांश में आधुनिक समय में इन्टरनेट के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। आज इन्टरनेट मानव जीवन का विशेष अंग बनकर उभरा है।
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

    इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। इंटरनेट इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना हम हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। ये किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है। इंटरनेट ने कई तरह से हमारे जीवन को आसान बना दिया है व जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए।  

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    इंटरनेट किसके द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है ?
    Solution

     इसका सही उत्तर 'विज्ञानहै। 

    Key Points

    • इंटरनेट विज्ञान के द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है।
    • विज्ञान = वि + ज्ञान, यहाँ वि उपसर्ग और ज्ञान मूल शब्द है।
    • सन्दर्भ पंक्ति -  इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है।

    Additional Information

    • गद्यांश का सार - इस गद्यांश में आधुनिक समय में इन्टरनेट के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। आज इन्टरनेट मानव जीवन का विशेष अंग बनकर उभरा है।
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

    इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। इंटरनेट इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना हम हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। ये किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है। इंटरनेट ने कई तरह से हमारे जीवन को आसान बना दिया है व जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए।  

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    इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के जीवन में कैसा बदलाव आया है?
    Solution

    इसका सही उत्तर 'क्रांतिकारी' है। 

    Key Points

    • इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
    • सन्दर्भ पंक्ति -  इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है।
    • इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है।
    • इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है।
    • इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं।

    Additional Information

    गद्यांश का सार - इस गद्यांश में आधुनिक समय में इन्टरनेट के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। आज इन्टरनेट मानव जीवन का विशेष अंग बनकर उभरा है।

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

    इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। इंटरनेट इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना हम हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। ये किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है। इंटरनेट ने कई तरह से हमारे जीवन को आसान बना दिया है व जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए।  

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    उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा ?
    Solution

     इसका सही उत्तर 'इंटरनेट नेटवर्कों का संग्रह' है। 

    Key Points

    • इस गद्यांश में 'इंटरनेट' के महत्त्व और उपयोगिता को रेखांकित किया गया।
    • इन्टरनेट नेटवर्कों के संग्रह से होने वाले लाभ को वर्णित किया गया है।
    • अत: सही शीर्षक 'इंटरनेट नेटवर्कों का संग्रह' है।

    Additional Information

    • गद्यांश का सार - इस गद्यांश में आधुनिक समय में इन्टरनेट के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। आज इन्टरनेट मानव जीवन का विशेष अंग बनकर उभरा है।
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़ें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

    इंटरनेट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। इंटरनेट इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है यह एक ऐसी चीज है जिसके बिना हम हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। ये किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इंटरनेट के द्वारा हम कुछ सेकेंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते है। ये जानकारियों का एक काफी बड़ा संग्रह है जिसमें घरेलू, व्यापारिक, शैक्षिक, सरकारी वेबसाइटों जैसी लाखों वेबसाइटें मौजूद है। इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है। इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं। इसकी सुगमता और उपयोगिता की वजह से, ये हर जगह इस्तेमाल होता है जैसे- कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, बैंक, शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण केन्द्रों पर, दुकान, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, मॉल और खासतौर से अपने घर पर हर एक सदस्यों के द्वारा अलग-अलग उद्देश्यों के लिये भी उपयोग किया जाता है। इंटरनेट ने कई तरह से हमारे जीवन को आसान बना दिया है व जिसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए करना चाहिए।  

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    किसके माध्यम से मनुष्य के जीवन में बदलाव आया है?
    Solution

     इसका सही उत्तर 'इंटरनेट' है। 

    Key Points

    • इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
    • सन्दर्भ पंक्ति -  इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इसे कई नेटवर्को का संग्रह भी कह जाता है।
    • इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है।
    • इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है।
    • इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक मात्र एक पल भर में भेज सकते हैं।

    Additional Information

    • गद्यांश का सार - इस गद्यांश में आधुनिक समय में इन्टरनेट के महत्त्व को रेखांकित किया गया है। आज इन्टरनेट मानव जीवन का विशेष अंग बनकर उभरा है।
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