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Hindi Test - 16

Result Self Studies

Hindi Test - 16
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव किजिए

    चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। जो करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं उन्हें मैल ओटिंगर या जेम्स एंजी की बेहद सारगर्भित समीक्षाओं से क्या लेना-देना? वे चार्ली को समय और भूगोल से काट कर देखते हैं और जो देखते हैं उनकी ताकत अब तक ज्यों की-त्यों बनी हुई है। यह कहना कि वे चार्ली में खुद को देखते हैं दूर की कौड़ी लाना है लेकिन बेशक जैसा चार्ली वे देखते हैं वह उन्हें जाना-पहचाना लगता है, जिस मुसीबत में वह अपने को हर दसवें सेकेण्ड में डाल देता है वह सुपरिचित लगती है।

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    चार्ली चैप्लिन के विषय में फिल्‍म समीक्षकों की क्या राय है? 
    Solution

    चार्ली चैप्लिन के विषय में फिल्‍म समीक्षकों की राय है- चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • चार्ली के बारे में फिल्म समीक्षकों, फ़िल्म कला के विशेषज्ञों तथा मानविकी के विद्वानों ने गहन शोध किया, परंतु उन्हें यह मानना पड़ा कि चार्ली पर कुछ नया लिखना बेहद कठिन है।​

    Key Points

    • कठिन मुश्किल, दुष्कर, दुस्साध्य, मुहाल, विकट 
      • विलोम शब्द- 'सरल, आसान'

    Additional Informationपहचान:-

    • अर्थ: वस्तु के गुण–दोष, स्वाद आदि को जानने की शक्ति

    जगत:-

    • अर्थ: संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन। 

    योग्य:-

    • अर्थ: कुशल, क्षमताशील, शक्तिमान, कार्यक्षम, काबिल, लायक।
      • विलोम शब्द- 'अयोग्य'

    फिल्म:-

    • अर्थ: छायाचित्र या फ़ोटो उतारने के लिए बनाई गई एक पतली पट्टी, चलचित्र, सिनेमा

    डायलॉग:-

    • अर्थ: संवाद दो या दो से अधिक लोगों के बीच एक लिखित या बोले गए वार्तालाप विनिमय है
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव किजिए

    चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। जो करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं उन्हें मैल ओटिंगर या जेम्स एंजी की बेहद सारगर्भित समीक्षाओं से क्या लेना-देना? वे चार्ली को समय और भूगोल से काट कर देखते हैं और जो देखते हैं उनकी ताकत अब तक ज्यों की-त्यों बनी हुई है। यह कहना कि वे चार्ली में खुद को देखते हैं दूर की कौड़ी लाना है लेकिन बेशक जैसा चार्ली वे देखते हैं वह उन्हें जाना-पहचाना लगता है, जिस मुसीबत में वह अपने को हर दसवें सेकेण्ड में डाल देता है वह सुपरिचित लगती है।

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    फिल्म समीक्षक चार्ली के विषय में क्या कहकर शांत हो जाते हैं?
    Solution

    फिल्म समीक्षक चार्ली के विषय में नेति-नेति कहकर शांत हो जाते हैं। 

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। 

    Key Points

    • नेति-नेति- एक संस्कृत वाक्य है जिसका अर्थ है 'यह नहीं, यह नहीं' या 'यही नहीं, वही नहीं' या 'अन्त नहीं है, अन्त नहीं है'। 

    Additional Informationकला:- 

    • अर्थ: शिल्प, हूनर, आर्ट, हुनर, शिल्प,कौशल, कृतित्व, कारीगरी।

    खरा:-

    • अर्थ: जिसमें किसी प्रकार का खोट या मेल न हो। विशुद्ध, ख़ालिस।

    उतरना:-

    • अर्थ: किसी पद या स्थान से खिच, नीचे आना, ढलना।
    • विलोम शब्द- 'चढ़ना'
    • अकर्मक क्रिया
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव किजिए

    चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। जो करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं उन्हें मैल ओटिंगर या जेम्स एंजी की बेहद सारगर्भित समीक्षाओं से क्या लेना-देना? वे चार्ली को समय और भूगोल से काट कर देखते हैं और जो देखते हैं उनकी ताकत अब तक ज्यों की-त्यों बनी हुई है। यह कहना कि वे चार्ली में खुद को देखते हैं दूर की कौड़ी लाना है लेकिन बेशक जैसा चार्ली वे देखते हैं वह उन्हें जाना-पहचाना लगता है, जिस मुसीबत में वह अपने को हर दसवें सेकेण्ड में डाल देता है वह सुपरिचित लगती है।

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    सिद्धांत तथा कला का परस्पर क्या संबंध है?
    Solution

    सिद्धांत तथा कला का परस्पर संबंध है- कला अपने लिए सिद्धांत स्वयं ही बना लेती है

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • कला व सिद्धांत के बारे में बताया गया है कि सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, अपितु कला स्वयं अपने सिद्धांत को या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है।​

    Key Points

    • सिद्धांत- निश्चित मत, उसूल, नीति, विधि।

    Additional Informationकला:- 

    • अर्थ: शिल्प, हूनर, आर्ट, हुनर, शिल्प,कौशल, कृतित्व, कारीगरी।

    जन्म:-

    • अर्थ: उत्पत्ति, उद्भव, प्रसूति, जीवन, आरम्भ, शुरुआत
      • विलोम शब्द- 'मृत्यु'

    आवश्यकता:-

    • अर्थ: आवश्यक होने की अवस्था, ज़रूरत।
      • विलोम शब्द- 'अनावश्यकता'
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव किजिए

    चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। जो करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं उन्हें मैल ओटिंगर या जेम्स एंजी की बेहद सारगर्भित समीक्षाओं से क्या लेना-देना? वे चार्ली को समय और भूगोल से काट कर देखते हैं और जो देखते हैं उनकी ताकत अब तक ज्यों की-त्यों बनी हुई है। यह कहना कि वे चार्ली में खुद को देखते हैं दूर की कौड़ी लाना है लेकिन बेशक जैसा चार्ली वे देखते हैं वह उन्हें जाना-पहचाना लगता है, जिस मुसीबत में वह अपने को हर दसवें सेकेण्ड में डाल देता है वह सुपरिचित लगती है।

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    दर्शकों का उद्देश्य किस प्रकार का होता है?
    Solution

    दर्शकों का उद्देश्य अपना मनोरंजन करना प्रकार का होता है।

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • चार्ली ने ऐसी फ़िल्में बनाई जिनको देखकर हर आदमी आनंद का अनुभव करता है।​

    Key Points

    •  मनोरंजन- मन को प्रसन्न करने वाली बात या काम

    Additional Informationबर्बाद:- 

    • अर्थ: नाश, विनाश, खराबी, तबाही, ध्वंस, तहस-नहस
      • विलोम शब्द- 'आबाद'

    अभिव्यक्त:-

    • अभि + व्यक्त = अभिव्यक्त
    • 'अभि' उपसर्ग और 'व्यक्त' मूलशब्द
    • अर्थ: मन के भाव आदि के प्रकट होने, प्रकट किया हुआ।
      • विलोम शब्द- 'अनाभिव्यक्त'

    मूक:-

    • अर्थ: जो कुछ भी बोल न रहा हो, मौन, शांत, बोलने में असमर्थ, गूंगा।
      • विलोम शब्द- 'वाचाल'
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव किजिए

    चार्ली पर कई फिल्म समीक्षकों ने नहीं, फिल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता है। जो करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं उन्हें मैल ओटिंगर या जेम्स एंजी की बेहद सारगर्भित समीक्षाओं से क्या लेना-देना? वे चार्ली को समय और भूगोल से काट कर देखते हैं और जो देखते हैं उनकी ताकत अब तक ज्यों की-त्यों बनी हुई है। यह कहना कि वे चार्ली में खुद को देखते हैं दूर की कौड़ी लाना है लेकिन बेशक जैसा चार्ली वे देखते हैं वह उन्हें जाना-पहचाना लगता है, जिस मुसीबत में वह अपने को हर दसवें सेकेण्ड में डाल देता है वह सुपरिचित लगती है।

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    दर्शकों की चार्ली के प्रति क्या भावनाएँ अभिव्यक्त होती हैं?
    Solution

    दर्शकों की चार्ली के प्रति भावनाएँ अभिव्यक्त होती हैं - 'उपरोक्त सभी'

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • समीक्षक चार्ली को समय व भूगोल से काटकर देखते हैं। वे उसे एक निश्चित दायरे में देखते हैं, जबकि चार्ली समय व भूगोल की सीमा से परे है।
      • चार्ली की शक्ति का लोहा मानते है उसका संदेश सार्वभौमिक है तथा वह सदैव एक जैसा रहता है।​

    Key Pointsसमीक्षा:- 

    • अर्थ: गुण–दोष विवेचन, समालोचन, परीक्षण।

    भूगोल:-

    • ऐसा शास्त्र जिसमें पृथ्वी तल के ऊपरी स्वरूप, प्राकृतिक, राजनीतिक विभागों का अध्ययन तथा विवेचन किया जाता है।

    शक्ति:-

    • अर्थ: तेज, ताकत, ओज, प्रचंडता, बल, चमक

    समय:- 

    • अर्थ: बेला, काल, घड़ी, वक्त,अवसर, मौका, अवकाश, फुरसत।
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र को कई रसों का पता है, उनमें से कुछ रसों का किसी कलाकृति में साथ-साथ पाया जाना भी माना गया है, जीवन में हर्ष और विषाद आते रहते हैं यह संसार की सारी सांस्कृतिक परंपराओं को मालूम है, लेकिन करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 'रामायण' तथा 'महाभारत' में जो हास्य है वह 'दूसरो' पर है और अधिकांशतः वह परसंताप से प्रेरित है। जो करुणा है वह अकसर सद्व्यक्तियों के लिए और कभी - कभार दुष्टों के लिए है। संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा ही मादा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में कुछ कम ही नजर आती है।

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    रसों का भली-भाँति ज्ञान किसे है?
    Solution

    रसों का भली-भाँति ज्ञान है - 'भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र'

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • भारतीय कला व सौंदर्यशास्त्र का संबंध रस से है, परंतु करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 

    Key Points

    • भारतीय भारत + ईय
      • 'भारत' मूलशब्द और 'ईय' प्रत्यय 
      • अर्थ: भारत से सम्बन्धित, भारत वासी।
      • विशेषण शब्द 
    • सौंदर्यशास्त्र- संवेदनात्मक-भावनात्मक गुण-धर्म और मूल्यों का अध्ययन है।

    Additional Informationअभिनेता:-

    • अर्थ: जो (रंगमंच पर) नाटक करता हो।
      • अभिनेता का स्त्रीलिंग अभिनेत्री होगा

    दर्शक:-

    • अर्थ: दिखानेवाला निर्देश करनेवाला, देखनेवाला, द्रष्टा।
      • विशेषण शब्द

    चार्ली चैप्लिन:- 

    • सर चार्ल्स स्पेन्सर चैप्लिन, (16 अप्रैल 1889 - 25 दिसम्बर 1977) एक अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक थे।
    • चैप्लिन, सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक होने के अलावा अमेरिकी सिनेमा के क्लासिकल हॉलीवुड युग के प्रारंभिक से मध्य तक एक महत्वपूर्ण फिल्म निर्माता, संगीतकार और संगीतज्ञ थे।
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र को कई रसों का पता है, उनमें से कुछ रसों का किसी कलाकृति में साथ-साथ पाया जाना भी माना गया है, जीवन में हर्ष और विषाद आते रहते हैं यह संसार की सारी सांस्कृतिक परंपराओं को मालूम है, लेकिन करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 'रामायण' तथा 'महाभारत' में जो हास्य है वह 'दूसरो' पर है और अधिकांशतः वह परसंताप से प्रेरित है। जो करुणा है वह अकसर सद्व्यक्तियों के लिए और कभी - कभार दुष्टों के लिए है। संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा ही मादा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में कुछ कम ही नजर आती है।

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    भारतीय परंपरा में कौन-सी बात नहीं पाई जाती है?
    Solution

    भारतीय परंपरा में करुणा का हास्य में बदला जाना बात नहीं पाई जाती है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। हमारे यहाँ ‘हास्य’ सिर्फ़ दूसरों पर है तथा वह परसंताप से प्रेरित है।

    Key Points

    • करुणा- अनुकंपा, इनायत, दया, रहम, रहमत, तरस, तर्स, अनुग्रह, कृपा
      • विलोम शब्द- 'क्रूरता, निष्ठुरता'
    • हास्य- हँसने की क्रिया या भाव, मन बहलाने वाली बात 
      • विलोम शब्द- 'रुदन'

    Additional Informationसमावेश:-

    • अर्थ: चित्त या मन किसी ओर लगाना, अंतर्भाव, शामिल होना।
      • विलोम शब्द- 'निष्कासन'

    विदूषक:-

    • अर्थ: हँसी उड़ानेवाला व्यक्ति,  मसख़रा।

    भूमिका:-

    • अर्थ: पृष्ठभूमि, परिचय, प्रस्तावना, मुखबंध, अभिनय, कलाकारी, रोल, पार्ट।

    सामंजस्य:-

    • तालमेल, संगति, एकरसता, अनुकूलता, उपयुक्तता।
      • विलोम शब्द-'असामंजस्य'
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र को कई रसों का पता है, उनमें से कुछ रसों का किसी कलाकृति में साथ-साथ पाया जाना भी माना गया है, जीवन में हर्ष और विषाद आते रहते हैं यह संसार की सारी सांस्कृतिक परंपराओं को मालूम है, लेकिन करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 'रामायण' तथा 'महाभारत' में जो हास्य है वह 'दूसरो' पर है और अधिकांशतः वह परसंताप से प्रेरित है। जो करुणा है वह अकसर सद्व्यक्तियों के लिए और कभी - कभार दुष्टों के लिए है। संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा ही मादा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में कुछ कम ही नजर आती है।

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    परसंताप से प्रेरित हास्य कहाँ देखने को मिलता है? 
    Solution

    परसंताप से प्रेरित हास्य देखने को मिलता है- 1 और 2 दोनों (रामायण में, महाभारत में)

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • परसंताप से प्रेरित ’रामायण’ और 'महाभारत' में पाया जाने वाला हास्य दूसरों पर है, अपने पर नहीं। इनमें दर्शायी गई करुणा प्राय: सद्व्यक्तियों के लिए है, कभी-कभी वह दुष्टों के लिए भी है। 

    Key Pointsरामायण:- 

    • 'रामायण' लगभग चौबीस हज़ार श्लोकों का एक अनुपम महाकाव्य है,
    • इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है।
    • जिसके माध्यम से रघु वंश के राजा राम की गाथा कही गयी है।
    • पात्र- राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, सुग्रीव, अंगद, मेघनाद, विभीषण, कुम्भकर्ण और रावण
    • प्रमुख काण्ड-  बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, युद्धकाण्ड (लंकाकाण्ड), उत्तराकाण्ड।

    महाभारत:-

    • पूरे महाभारत में लगभग 100000 श्लोक हैं, इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है।
    • महाभारत भारत का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है।
    •  इसे भारत भी कहा जाता है। महाभारत की रचना का श्रेय वेदव्यास को दिया जाता है।
    • यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ हैं।
    • विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है।

    Additional Informationसंस्कृत नाटक:- 

    • संस्कृत नाटक (कोडियट्टम) में सुग्रीव की भूमिका संस्कृत नाटक रसप्रधान होते हैं।
    • इनमें समय और स्थान की अन्विति नही पाई जाती।
    • अपनी रचना-प्रक्रिया में नाटक मूलतः काव्य का ही एक प्रकार है।
    • नाटक रंगमंच का काव्य ही नहीं, रंगमंच में काव्य भी है।
    • संस्कृत नाट्यपरम्परा में भी नाटक काव्य है और एक विशेष प्रकार का काव्य है,..दृश्यकाव्य। 
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र को कई रसों का पता है, उनमें से कुछ रसों का किसी कलाकृति में साथ-साथ पाया जाना भी माना गया है, जीवन में हर्ष और विषाद आते रहते हैं यह संसार की सारी सांस्कृतिक परंपराओं को मालूम है, लेकिन करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 'रामायण' तथा 'महाभारत' में जो हास्य है वह 'दूसरो' पर है और अधिकांशतः वह परसंताप से प्रेरित है। जो करुणा है वह अकसर सद्व्यक्तियों के लिए और कभी - कभार दुष्टों के लिए है। संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा ही मादा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में कुछ कम ही नजर आती है।

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    भारतीय विदूषक में क्या नहीं नजर आता?
    Solution

    भारतीय विदूषक अपने ऊपर हँसने की शक्ति में नहीं नजर आता।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​करुणा अच्छे मनुष्यों तथा कभी-कभी दुष्टों के लिए है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा माद्दा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में नहीं नजर आती है।

    Key Points

    •  हँसना- वेग पूर्वक हर्ष ध्वनि निकालना, ठट्ठा मारना, प्रसन्न होना।
      • अकर्मक क्रिया 

    Additional Informationउचित:-

    • अर्थ: न्यायसंगत, तर्कसंगत, योग्य, ठीक, मुनासिब, वाज़िब, समुचित
      • विलोम शब्द- 'अनुचित'

    प्रदर्शन:-

    • प्र + दर्शन = प्रदर्शन
    • 'प्र' (आगे) उपसर्ग और 'दर्शन' (देखना) मूल शब्द
    • अर्थ: वस्तु, शक्ति आदि दिखलाने की क्रिया, दिखलाना, दिखाना।

    हाव-भाव:-

    • अर्थ: मुग्ध करने के उद्देश्य से बनाया गया भाव, अभिव्यक्ति, नाज़-नखरा।

    शक्ति:-

    • अर्थ: बल, ताकत, जोर, क्षमता।
    • विलोम शब्द- 'क्षीणता'
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए:

    भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र को कई रसों का पता है, उनमें से कुछ रसों का किसी कलाकृति में साथ-साथ पाया जाना भी माना गया है, जीवन में हर्ष और विषाद आते रहते हैं यह संसार की सारी सांस्कृतिक परंपराओं को मालूम है, लेकिन करुणा का हास्य में बदल जाना एक ऐसे रस-सिद्धांत की माँग करता है जो भारतीय परंपराओं में नहीं मिलता। 'रामायण' तथा 'महाभारत' में जो हास्य है वह 'दूसरो' पर है और अधिकांशतः वह परसंताप से प्रेरित है। जो करुणा है वह अकसर सद्व्यक्तियों के लिए और कभी - कभार दुष्टों के लिए है। संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। अपने ऊपर हँसने और दूसरों में भी वैसा ही मादा पैदा करने की शक्ति भारतीय विदूषक में कुछ कम ही नजर आती है।

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    “करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है' पंक्ति में 'उसमें' शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
    Solution

    “करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है' पंक्ति में 'उसमें' शब्द संस्कृत नाटक के विदूषक के लिए प्रयुक्त हुआ है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • संस्कृत नाटकों में जो विदूषक है वह राजव्यक्तियों से कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है, किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें भी नहीं है। 

    Key Pointsसंस्कृत नाटक के विदूषक:-

    •   संस्कृत नाटकों में विदूषक एक हास्य पात्र होता है जो जाति से ब्राह्मण होता है। वह नाट्यशास्त्र में नायक माना गया है। 

    Additional Informationरामायण के पात्र:- 

    • पात्र- राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, सुग्रीव, अंगद, मेघनाद, विभीषण, कुम्भकर्ण और रावण आदि

    कलाकार:-

    • अर्थ: कला जाननेवाला, अभिनेता।

    भारतीय:-

    • भारतीय = भारत + ईय
    • 'भारत' मूलशब्द और 'ईय' प्रत्यय 
    • अर्थ: भारत से सम्बन्धित, भारत वासी।
    • विशेषण शब्द 

    विदूषक:-

    • अर्थ: हँसी उड़ानेवाला व्यक्ति, मसखरा।
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