Self Studies

Hindi Test - 18

Result Self Studies

Hindi Test - 18
  • Score

    -

    out of -
  • Rank

    -

    out of -
TIME Taken - -
Self Studies

SHARING IS CARING

If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.

Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" 

    वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।"

    ...view full instructions

    सफ़िया द्वारा नमक के बारे में बताने पर कस्टम अधिकारी ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की ?
    Solution

    सफ़िया द्वारा नमक के बारे में बताने पर कस्टम अधिकारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त की - 'उन्होंने स्वयं नमक उठाकर सफ़िया के बैग में रख दिया'

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      •  कस्टम अधिकारी ने सफ़िया की सारी बातें सुनीं और पुड़िया को दोनों हाथों से उठाकर अच्छी तरह लपेटकर स्वयं सफ़िया के बैग में रख दिया।

    Key Points

    • नमक- खारे जल से तैयार किया गया प्रसिद्ध क्षार पदार्थ, लवण

    Additional Informationजुर्माना:-

    • अर्थ: ऐसा दंड जिसमें अपराधी द्वारा अपने रिहाई के लिए धन देना पड़ता है, अर्थदंड।

    शिकायत:-

    • अर्थ: शिकवा, गिला, निंदा, बुराई, दोष-कथन, उलाहना।

    अधिकारी:-

    • अर्थ: किसी चल-अचल संपत्ति पर या व्यक्ति पर अधिकार करने वाला
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" 

    वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।"

    ...view full instructions

    कस्टम अधिकारी के अनुसार कानून हैरान किस कारण रह जाता है?
    Solution

    कस्टम अधिकारी के अनुसार कानून हैरान 'मुहब्बत के' कारण रह जाता है।

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • मुहब्बत के तोहफे की कस्टम वाले जाँच नहीं करते। वे प्रेम की भेंट को ऐसे प्रेमपूर्वक भेज देते हैं कि कानून को इसकी भनक भी नहीं लगती।

    Key Points

    • मुहब्बत- प्रेम, प्यार, प्रीति, चाह, इश्क, स्नेह। 
      • विलोम शब्द- 'नफरत'

    Additional Informationअपराधी:- 

    • अर्थ: जो अपराध करता हो; जिसने अपराध किया हो; जुर्म करने वाला, (क्रिमिनल) दोषी, गुनाहगार, पापी।
    • विलोम शब्द- 'निरपराधी'

    प्रावधान:-  

    • अर्थ: किसी कानून के साथ कोई शर्त रख देने का कार्य, नियम, कानून, व्यवस्था  
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" 

    वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।"

    ...view full instructions

    "लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा" कथन से कस्टम अधिकारी की कौन-सी भावना प्रकट होती है?
    Solution

    "लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा" कथन से कस्टम अधिकारी की 'प्रेम की' भावना प्रकट होती है।

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • कस्टम अधिकारी प्रेम की भावना प्रकट करते हुआ सिख बीवी के लिए कहा-”लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा।”

    Key Points

    • प्रेम- मुहब्बत, प्यार, प्रीति, चाह, इश्क, स्नेह। 
      • विलोम शब्द- 'नफरत'

    Additional Informationभेदभाव:- 

    • अर्थ: अंतर, अलग,  तुलना, भेद, फर्क

    ईर्ष्या:-

    • अर्थ: द्वेष, जलन, रश्क, कुढ़न, डाह, हसद, मत्सर, ईर्षा
      • विलोम शब्द- 'प्रेम'

    सत्कर्म:-

    • सत् + कर्म = सत्कर्म
    • 'सत्' उपसर्ग और 'कर्म' मूल शब्द
    • अर्थ: अच्छा या शुभ काम, भलाई, सुकर्म, उपकार
    • विलोम शब्द- 'दुष्कर्म' 
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" 

    वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।"

    ...view full instructions

    कस्टम अधिकारी के कथन से कौन-सी बात स्पष्ट होती है ?
    Solution

    कस्टम अधिकारी के कथन से बात स्पष्ट होती है- (i) और (ii) दोनों (अपने देश लाहौर से प्रेम है, भारत के लिए पूरी इज्जत है

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • कस्टम अधिकारी यह कहना चाहता है कि अभी तक दोनों देशों के लोग दूसरे देश को अपना वतन मानते हैं। वह अपने देश लाहौर से प्रेम और भारत के लिए पूरी इज्जत है।​

    Key Pointsप्रेम:- 

    • अर्थ: मुहब्बत, प्यार, प्रीति, चाह, इश्क, स्नेह। 
      • विलोम शब्द- 'नफरत'

    इज्जत:- 

    • अर्थ: मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू। 
      • विलोम शब्द- 'बेइज्जत'

    भेदभाव:- 

    • अर्थ: अंतर, अलग,  तुलना, भेद, फर्क।

    नीति:- 

    • अर्थ: व्यवहार का ढंग, बर्ताव का तरीका।
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    उन्होंने पुड़िया को धीरे से अपनी तरफ सरकाना शुरू किया। जब सफ़िया की बात खत्म हो गई तब उन्होंने पुड़िया को दोनों हाथों में उठाया, अच्छी तरह लपेटा और खुद सफ़िया के बैग में रख दिया। बैग सफ़िया को देते हुए बोले, "मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।" 

    वह चलने लगी तो वे भी खड़े हो गए और कहने लगे, “जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहिएगा और उन खातून को यह नमक देते वक्त मेरी तरफ से कहिएगा कि लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ्ता ठीक हो जाएगा।"

    ...view full instructions

    सफ़िया के चलने के समय कस्टम अधिकारी ने क्या कहा?
    Solution

    सफ़िया के चलने के समय कस्टम अधिकारी ने कहा - 'जामा मस्जिद की सीढ़ियों को मेरा सलाम कहना'

    •  गद्यांश के अनुसार:-
      • सफ़िया के चलने के समय कस्टम अधिकारी ने जामा मस्जिद की सीढ़ियों को सलाम देने को कहा तथा सिख बीवी को भी संदेश देने को कहा-”लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा, तो बाकी सब रफ्ता-रफ़्ता ठीक हो जाएगा।”

    Key Pointsजामा मस्जिद:- 

    • जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित एक मस्जिद है। इसका निर्माण सन् 1656 में हुआ था।
    • यह मस्जिद लाल पत्थरों और संगमरमर का बना हुआ है।
    • लाल किले से महज 500 मी. की दूरी पर जामा मस्जिद स्थित है जो भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है।
    • इस मस्जिद का निर्माण 1650 में शाहजहां ने शुरु करवाया था।
    • इसे बनने में 6 वर्ष का समय और 10 लाख रु.लगे थे।
    • बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से निर्मित इस मस्जिद में उत्तर और दक्षिण द्वारों से प्रवेश किया जा सकता है।

    Additional Informationभारत:- 

    • भारत दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। 
    • भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है,
    • जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। 
    • भारत के पश्चिम में पाकिस्तानउत्तर-पूर्व में चीन(तिब्बत), नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। 
    • हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है।
    • इसके उत्तर में हिमालय पर्वत तथा दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है।
    • दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर है।

    पाकिस्तान:-

    • पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है।
    • 21 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का पांचवी बड़ी आबादी वाला देश है। 
    • पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है।
    • यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हिन्दी हैं।
    • पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं।
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी 'जातिवाद' के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है, कि आधुनिक सभ्य समाज 'कार्य कुशलता' के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है, कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक-विभाजन का भी रूप लिए हुए है। श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती, बल्कि विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, जोकि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

    ...view full instructions

    गद्यांश के अनुसार कोई भी सभ्य समाज क्या नहीं करता है?
    Solution

    गद्यांश के अनुसार कोई भी सभ्य समाज श्रमिकों का विभिन्न श्रेणियों में अस्वाभाविक विभाजन नहीं करता है। 

    • गद्यांश के अनुसार:-
      •  श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करता है। 

    Key Points

    • श्रमिक- श्रमजीवी, मजदूर, कामकर, मेहनतकश, नौकर।
      • विलोम शब्द- 'स्वामी'
    • विभाजन- अलग करना, आबंटन, वितरण, बाँट, वंटन।
      • विलोम शब्द- 'संयोजन'
    • अस्वाभाविक = अ + स्वभाव + इक
      • 'अ' (नही) उपसर्ग, 'स्वभाव' (प्रकृति) मूलशब्द और 'इक' प्रत्यय
      • अर्थ: जो स्वाभाविक न हो, प्रकृति या स्वभाव के विरुद्ध, बनावटी, नकली। 
      • विलोम शब्द- 'स्वाभाविक'
    • श्रेणी- क्रम से लगाया हुआ; सजाया हुआ।

    Additional Informationरोजगार:- 

    • अर्थ: कारोबर, पेशा, जीविका, काम, धंधा, व्यवसाय, व्यापार, वाणिज्य।

    अवसर:-

    • अर्थ: मौका, अनुकूल समय, सुयोग, ठीक समय
      • विलोम शब्द- 'अनवसर'

    कट्टर:-

    • अर्थ: अपनी ज़िद पर जमने वाला, अड़ियल, ज़िद्दी, हिंसक, सख़्त, संगदिल, बेरहम
      • विलोम शब्द-'उदार'

    सिद्धांत:-

    • अर्थ: निश्चित मत, उसूल, नियम, प्रिंसिपल।
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी 'जातिवाद' के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है, कि आधुनिक सभ्य समाज 'कार्य कुशलता' के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है, कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक-विभाजन का भी रूप लिए हुए है। श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती, बल्कि विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, जोकि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

    ...view full instructions

    जातिवाद के पोषकों द्वारा श्रम विभाजन किसका दूसरा रूप माना जाता है?.
    Solution

    जातिवाद के पोषकों द्वारा श्रम विभाजन जाति प्रथा का दूसरा रूप माना जाता है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​आधुनिक सभ्य समाज में कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक माना गया है। जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का दूसरा रूप है। अतः इसमें कोई बुराई नहीं है।

    Key Points

    • जाति- समूह, वंश, कुल, जन्म, उत्पत्ति। 
    • प्रथा- परंपरा, रिवाज, परम्परा, रस्म, नियम।

    Additional Informationमजदूरी:- 

    • मजदूर + ई = मजदूरी 
    • 'मजदूर' मूलशब्द और 'ई' प्रत्यय 
    • अर्थ: परिश्रम के बदले मज़दूर को दिया गया धन।
      • मज़दूर का काम।

    समरसता:-

    • सम + रस + ता
    • सम (समान) उपसर्ग,  'रस' मूल शब्द और 'ता' प्रत्यय 
    • अर्थ: समन्वय, समरस होने का भाव, तालमेल, संतुलन 
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी 'जातिवाद' के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है, कि आधुनिक सभ्य समाज 'कार्य कुशलता' के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है, कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक-विभाजन का भी रूप लिए हुए है। श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती, बल्कि विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, जोकि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

    ...view full instructions

    कौन-सा समाज कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है?
    Solution

    सभ्य आधुनिक समाज कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​जातिवाद के पोषक अपने मत के समर्थन में कहते हैं कि आधुनिक सभ्य समाज में कार्य कुशलता के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक माना गया है। 

    Key Points

    • सभ्य- विनम्र, सम्भ्रांत, शिष्ट, अनुशासित, भद्र, सौम्य, शालीन। 
      • विलोम शब्द- 'असभ्य'
    • आधुनिक- अर्वाचीन, अप्राचीन, वर्तमान, नूतन,वर्तमानकालीन, आजकल का।
      • विलोम शब्द- 'प्राचीन'
    • समाज- समूह, संघ, गरोह, दल।

    Additional Informationसनातनी:- 

    • सनातन + ई = सनातनी
    • 'सनातन' मूल शब्द और 'ई' प्रत्यय 
    • अर्थ: सनातन धर्म का पालन करनेवाला।
      • हिंदू धर्म को मानने वाले सनातनी कहलाते हैं।

    मानव:-

    • अर्थ: जन, नर, मनुष्य, पुरुष, मर्त्य, मनुज, मानुष, इंसान, आदमी। 
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी 'जातिवाद' के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है, कि आधुनिक सभ्य समाज 'कार्य कुशलता' के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है, कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक-विभाजन का भी रूप लिए हुए है। श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती, बल्कि विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, जोकि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

    ...view full instructions

    भारत की जाति-प्रथा की क्या विशेषता बताई गई है?
    Solution

    भारत की जाति-प्रथा की विशेषता बताई गई है- (i) और (ii) दोनों {(i)यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन करती है और (ii) विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे को ऊँच-नीच बताना}

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • भारत की जाति-प्रथा श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन तो करती ही है, साथ ही विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे से ऊँचा-नीचा भी घोषित करती है।​

    Key Points

    • श्रमिक- श्रमजीवी, मजदूर, कामकर, मेहनतकश, नौकर।
      • विलोम शब्द- 'स्वामी'
    • विभाजन- अलग करना, आबंटन, वितरण, बाँट, वंटन।
      • विलोम शब्द - 'संयोजन'
    • अस्वाभाविक = अ + स्वभाव + इक
      • 'अ' (नही) उपसर्ग, 'स्वभाव' (प्रकृति) मूलशब्द और 'इक' प्रत्यय
      • अर्थ: जो स्वाभाविक न हो, प्रकृति या स्वभाव के विरुद्ध, बनावटी, नकली। 
      • विलोम शब्द- 'स्वाभाविक'

    Additional Informationअधिकार:- 

    • अधि + कार = अधिकार 
    • 'अधि' (प्रधान/श्रेष्ठ) उपसर्ग और 'कार' (काम) मूल शब्द 
    • अर्थ: प्रभुत्व, आधिपत्य, स्वत्व, स्वामित्व, दावा, हक
    • विलोम शब्द - 'अनाधिकार'
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    यह विडंबना की ही बात है कि इस युग में भी 'जातिवाद' के पोषकों की कमी नहीं है। इसके पोषक कई आधारों पर इसका समर्थन करते हैं। समर्थन का एक आधार यह कहा जाता है, कि आधुनिक सभ्य समाज 'कार्य कुशलता' के लिए श्रम विभाजन को आवश्यक मानता है और चूँकि जाति प्रथा भी श्रम विभाजन का ही दूसरा रूप है इसलिए इसमें कोई बुराई नहीं है। इस तर्क के संबंध में पहली बात तो यही आपत्तिजनक है, कि जाति प्रथा श्रम विभाजन के साथ-साथ श्रमिक-विभाजन का भी रूप लिए हुए है। श्रम विभाजन, निश्चय ही संभ्य समाज की आवश्यकता है, परंतु किसी भी सभ्य समाज में श्रम विभाजन की व्यवस्था श्रमिकों का विभिन्न वर्गों में अस्वाभविक विभाजन नहीं करती। भारत की जाति प्रथा की एक और विशेषता यह है कि यह श्रमिकों का अस्वाभाविक विभाजन ही नहीं करती, बल्कि विभाजित विभिन्न वर्गों को एक-दूसरे की अपेक्षा ऊँच-नीच भी करार देती है, जोकि विश्व के किसी भी समाज में नहीं पाया जाता।

    ...view full instructions

    गद्यांश में आए 'विडंबना' शब्द से क्या अभिप्राय है?
    Solution

    गद्यांश में आए 'विडंबना' शब्द से अभिप्राय है - 'उपहास'

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • लेखक कह रहा है कि आधुनिक युग में कुछ लोग जातिवाद के पोषक हैं। वे इसे बुराई नहीं मानते। इस प्रवृत्ति को वह विडंबना अर्थात उपहास कहता है।​

    Key Points

    •  उप + हास = उपहास
    • 'उप' (सहायक) उपसर्ग और 'हास' (खुशी)
    • अर्थ: खिल्ली, मजाक, परिहास।​

    Additional Informationआडम्बर:-

    • अर्थ: बनावटी, दिखावा, स्वाँग, ढकोसला, पाखंड, ढोंग, प्रपंच।​
      • विलोम शब्द- 'सादगी'

    अपेक्षा:-

    • अर्थ: आकांक्षा, इच्छा, अभिलाषा, चाह। 
      • विलोम शब्द-  'उपेक्षा'

    गंभीरता:-

    • गंभीर + ता = गंभीरता
    • 'गंभीर' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
    • अर्थ: गंभीर होने की स्थिति या भाव, मन की स्थिरता
Self Studies
User
Question Analysis
  • Correct -

  • Wrong -

  • Skipped -

My Perfomance
  • Score

    -

    out of -
  • Rank

    -

    out of -
Re-Attempt Weekly Quiz Competition
Self Studies Get latest Exam Updates
& Study Material Alerts!
No, Thanks
Self Studies
Click on Allow to receive notifications
Allow Notification
Self Studies
Self Studies Self Studies
To enable notifications follow this 2 steps:
  • First Click on Secure Icon Self Studies
  • Second click on the toggle icon
Allow Notification
Get latest Exam Updates & FREE Study Material Alerts!
Self Studies ×
Open Now