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Hindi Test - 6

Result Self Studies

Hindi Test - 6
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1
    'यथाशक्ति' शब्‍द किस समास का उदाहरण है ? 
    Solution

    सही उत्तर 'अव्ययीभाव' है। 

    Key Points
    • 'यथाशक्ति' का समास विग्रह यथा+शक्ति अर्थात शक्ति के अनुसार। 
    • इसका पूर्व पद अव्यय होने के कारण यह अव्ययीभाव समास का उदाहरण होगा। 
    • इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और दूसरा पद संज्ञा होता है।

    अन्य विकल्प: 

    1. तत्पुरुष - जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। दोनों पदों के बीच परसर्ग का लोप रहता है। जैसे- राजपुत्र, विद्यालय 
    2. द्विगु - जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है। जैसे- चारपाई, त्रिलोक 
    3. कर्मधारय - इस समस में पहला पद विशेष्य तथा उत्तर पद विशेषण होता है। जैसे- प्रधानाध्यापक, नीलकमल 

    Additional Information

    • समास - दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।    
  • Question 2
    5 / -1
    'परमेश्वर' में कौन-सा समास है?
    Solution

    सही उत्तर ‘कर्मधारय है। 

    Key Points

    • परमेश्वर शब्द का सामासिक विग्रह है - ‘परम है जो ईश्वर’।
    • इसका पहला पद विशेषण है और दूसरा पद विशेष्य है। 
    • कर्मधारय समास - पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।
    • जैसे- कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    अन्य विकल्प:

    तत्पुरुष

    जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। 

    यश को प्राप्त = यशप्राप्त

    मन से माना हुआ = मनमाना

     द्विगु 

     

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    चार राहों का समूह = चौराहा

    पांच तंत्रों का समाहार = पंचतंत्र

    अव्ययीभाव 

     

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

     

     

    Additional Information

    समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। समास के छ: भेद हैं –

    1. द्वन्द्व समास
    2. द्विगु समास
    3. तत्पुरुष समास
    4. कर्मधारय समास
    5. अव्ययीभाव समास
    6. बहुव्रीहि समास

     

  • Question 3
    5 / -1
    'चौराहा' शब्द में समास है
    Solution

    ‘चौराहा’ शब्द में 'द्विगु' समास है क्योंकि इसका पहला पद संख्यावाचक है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'द्विगु' है।
    ‘चौराहा’ का समास विग्रह :-  चार राहो का समूह होता है। 
    Key Points

    स्पष्टीकरण 

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    अव्ययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'।

    जन्म से लेकर = आजन्म

    मति के अनुसार = यथामति।

    बहुब्रीहि समास 

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर

    तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    द्वंद्व समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो।

    अन्न और जल = अन्न-जल

    अपना और पराया = अपना-पराया।

  • Question 4
    5 / -1
    'अष्टाध्यायी' शब्द में कौन सा समास है ? 
    Solution

    'अष्टाध्यायी' शब्द में द्विगु समास है।

    Key Points

    अष्टाध्यायी

    • समास विग्रह :- आठ अध्यायों का समाहार
    • समास :- द्विगु समास
    • इसका पहला पद संख्यावाची विशेषण होने से द्विगु समास है।
    Important Points

    द्विगु समास-

    • जिस शब्द का प्रथम पद (पहला शब्द) गिनती, गणना अथवा व्यक्ति, वस्तु, पदार्थ या अन्य किसी की संख्या या समूह का बोध करवाता है, तो ऐसे शब्द को द्विगु समास कहा जाता है।

    जैसे:

    • दोपहर : दो पहरों का समाहार
    • शताब्दी : सौ सालों का समूह
    • पंचतंत्र : पांच तंत्रों का समाहार
    • सप्ताह : सात दिनों का समूह  
    Additional Information

    कर्मधारय समास-

    • इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विगृह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

    उदाहरण

    • चरणकमल = कमल के समान चरण
    • नीलगगन =नीला है जो गगन
    • चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मु
    • अधपका = आधा है जो पका

    तत्पुरुष समास-

    • वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो। 
    • राजकुमार जिसका विग्रह है - राजा का कुमार इस विग्रह पद में ‘राजा’ पहला पद और ‘कुमार’ (पुत्र) उत्तर पद है।

    द्वन्द्व समास-

    • जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वन्द्व समास कहलाता है।

    उदाहरण

    • माता-पिता = माता और पिता
    • राम-कृष्ण = राम और कृष्ण
    • भाई-बहन = भाई और बहन
  • Question 5
    5 / -1
    'आनन्दमग्न' कौन सा समास है?
    Solution

    इसका सही उत्तर 'तत्पुरुष’ होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

    Key Points

    • 'आनन्दमग्न' का समास विग्रह 'आनंद में मग्न’ होगा।
    • चूंकि तत्पुरुष समास में उत्तर पद प्रधान होता है और विग्रह करने पर दो शब्दों के बीच अधिकरण कारक की विभक्ति ‘में’ का लोप हो जाता है।
    • तत्पुरुष समास: जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। जैसे: राम का अनुज= रामानुज, धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत आदि।
    • आजीवन - जीवन भर (अव्ययीभाव समास)

    समास

    परिभाषा

    उदाहरण

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    चार राहों का समूह चौराहा

    अव्ययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो।

    जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।
     

    Additional Information 

     

    परिभाषा

    उदाहरण

     

     

       समास

    दो या अधिक शब्दों (पदों) का परस्पर संबद्ध बतानेवाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है, उस शब्द को सामासिक शब्द कहते है और उन दो या अधिक शब्दों का जो संयोग होता है, वह समास कहलाता है।

    जैसे – दो पहरों का समूह = दोपहर,

    तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    कमल के समान नयन = कमलनयन,

    चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

  • Question 6
    5 / -1
    'सादर' शब्द में कौन-सा समास है-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अव्ययीभाव समास" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

    Key Points
    • सादर
      • समास विग्रह :- आदर सहित    
      • समास :- अव्ययीभाव समास
        • इस समास में पहला और पूर्व पद जो अवयव होता है और उसका अर्थ प्रधान रहता है।
        • अभियोग के संयोग से समस्त पद भी अभियोग बन जाते हैं। इससे पूर्व पद पूरी तरह से प्रधान रहता है।
    Important Points
    • अव्ययीभाव समास के कुछ उदाहरण 
      • निस्संदेह :- बिना संदेह के
      • बेशक :- बिना शक के
      • बेनाम :- बिना नाम के
      • बेकाम :- बिना काम के  
    Additional Information
    • द्वंद्व समास के अन्य उदाहरण
      • भूल-चूक :- भूल या चूक
      • सुख-दुख :- सुख या दुःख
      • गौरीशंकर :- गौरी और शंकर
      • मार-पीट :- मार और पीट
      • माता-पिता :- माता और पिता
      • दूध-दही :- दूध और दही
      • नून-तेल :- नून और तेल
      • ठण्डा-गरम :- ठण्डा या गरम
    • बहुव्रीहि समास के उदाहरण :
      • नाकपति :- वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है- इन्द्र
      • विषधर :- विष को धारण करने वाला- साँप
      • व्रजायुध :- वह जिसके वज्र का आयुध है- इन्द्र
      • सहस्त्राक्ष :- वह जिसके सहस्त्र (हजार) अक्षि (आँखें) हैं- इन्द्र
      • चक्रधर :- चक्र धारण करने वाला- श्री कृष्ण
      • पतझड़ :-  झड़ते हैं पत्ते जिसमें वह ऋतु- बसंत
    • तत्पुरुष समास के उदाहरण 
      • मूर्ति को बनाने वाला :- मूर्तिकार
      • काल को जीतने वाला :- कालजयी
      • राजा को धोखा देने वाला :- राजद्रोही
      • खुद को मारने वाला :- आत्मघाती
  • Question 7
    5 / -1
    'घनश्याम' में निम्न में से कौन सा समास है?
    Solution

    ‘घनश्याम’ शब्द में ‘कर्मधारय समास’ है, अन्य विकल्प असंगत है। 

    • घनश्याम अर्थात घन के समान श्याम अर्थात बादलो के समान काला

    Key Points

     

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। जैसे – कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

     

    Important Points 

    • नञ् समास: जिसमे आगे नकारात्मक बात या शब्द लगा हो जैसे: असम्भव

    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

  • Question 8
    5 / -1
    निम्नलिखित में से बहुव्रीहि समास कौन सा है?
    Solution

    सही उत्तर विकल्प 2 ‘गजानन होगा। 

    Key Points

    • 'गजानन' बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। 
    • 'गजानन' का समास विग्रह होगा - गज के समान आनन है जिसका - गणेश। 

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    अन्य विकल्प - 

    शब्द 

    समास विग्रह 

    समास का प्रकार 

    अन्न जल

    अन्न और जल 

    द्वंद्व समास 

    मुखचंद्र

    चन्द्र के समान मुख 

    कर्मधारय समास 

    पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

    1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
    2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
    3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
    4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

    संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

    1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
    2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
    3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

     

     

  • Question 9
    5 / -1
    निम्नलिखित में से 'अपादान तत्पुरुष' का उदाहरण है
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "चोर-भयम्" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • चोरभयम् :- चोर से भय
    • पंचमी तत्पुरुष समास अथवा अपादान तत्पुरुष होगा।
    • परिभाषा:
      • ऐसे समास शब्द जिनमें अपादान कारक चिन्ह “से” का लोप हो , उन्हें अपादान तत्पुरुष समास कहा जाता है।
    Important Points
    • अपादान तत्पुरुष समास के अन्य उदाहरण
      • अन्नहीन :- अन्न से हीन
      • ऋणमुक्त :- ऋण से मुक्त
      • कर्जमुक्त :- कर्ज से मुक्त।
      • कर्मरहित :- कर्म से रहित
      • कर्महीन :- कर्म से हीन
      • जीवनमुक्त :- जीवन से मुक्त
      • दूरागत :- दूर से आगत
      • देशनिकाला :- देश से  निकाला
      • देशनिर्वासित :- देश से निर्वासित
      • धनहीन :- धन से हीन  
    Additional Information
    • शरणागति
      • शरण को आया हुआ
      • कर्म तत्पुरुष समास
    • वज्राहत
      • वज्र से आहत
      • करण तत्पुरुष समास
    • यथाशक्ति 
      • शक्ति के अनुसार 
      • अव्ययी भाव समास
  • Question 10
    5 / -1
    'वीणापाणि' में समास है
    Solution

    उपर्युक्त प्रश्न का सही उत्तर बहुब्रीहि समस है ।

    Key Points

    •  समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है।
    • इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं।
    • जैसे-राजपुत्र।
    • बहुव्रीहि समास-
      जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
    • जैसे -
      दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
      नीलकंठ- नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव
      सुलोचना- सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी
      पीतांबर- पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण
      लंबोदर- लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी
      दुरात्मा- बुरी आत्मा वाला ( दुष्ट)
      श्वेतांबर- श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी

    Additional Information

    •  समास-विग्रह
    • सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।
    • विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है जैसे-राज+पुत्र-राजा का पुत्र।
    • समास के छः भेद हैं:

      अव्ययीभाव
      तत्पुरुष
      द्विगु
      द्वन्द्व
      बहुव्रीहि
      कर्मधारय

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