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Sanskrit Language Test - 6

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Sanskrit Language Test - 6
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Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1
    'अनुकूलम्' अत्र कः उपसर्गो वर्तते?
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'अनुकूलम्' यहाँ कौन-सा उपसर्ग है?

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कित पद में अनु यह उपसर्ग है और कूलम् शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति

     

  • Question 2
    5 / -1
    'अत्यन्तम्' अत्र कः उपसर्गो वर्तते?
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'अत्यन्तम्' अत्र में उपसर्ग है-

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कितपद में अति यह उपसर्ग है और कूलम् शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति

     

    अतः स्पष्ट है 'अत्यन्तम्' का विग्रह 'अति + अन्तम्' होता है और उपसर्ग 'अति' होता है।

  • Question 3
    5 / -1
    उपसर्गः अस्ति-
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'उपसर्ग' है-

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति

     

    पर्यायों मे सिर्फ़ सु यह उपसर्ग २२ उपसर्गों में आता है।

  • Question 4
    5 / -1

    निम्नांकितेषु शब्देषु उपसर्गरहितः शब्दः अस्ति-

    Solution

    प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग रहित शब्द है -

    स्पष्टीकरण -

    उपसर्ग​: शब्दों तथा धातुओं के पूर्व में संयुक्त हो नये सार्थक शब्दों का निर्माण करने वाले शब्दों को उपसर्ग कहते हैं-

    'उपसर्गेण धात्वर्थो बलादन्यत्र नीयते।

    प्रहाराहार-संहार-विहार-परिहारवत्॥’

    जैसे- हार शब्द से संयुक्त प्र आदि उपसर्गों से निर्मित शब्द -

    उपसर्ग

    निर्मित शब्द

    अर्थ

    प्र

    प्रहार

    आघात

    आहार

    भोजन

    सं

    संहार

    विनाश

    वि

    विहार

    भ्रमण

    परि

    परिहार

    त्याग

    Important Points

    संस्कृत में कुल 22 उपसर्ग माने गये हैं-

    उपसर्ग

    अर्थ

    उदाहरण

    प्र

    प्रकृष्ट

    प्रगति, प्रतिष्ठा

    परा

    निषेध, विपरित

    पराजितं पराभवति

    अप

    न्यूनता या हीनता

    अपकरोति, अपहरति

    सम्

    अच्छा

    संगच्छति, संस्करोति

    अपिढ़कनाअप्यस्ति

    अनु

    अनुकरण

    अनुगमनं अनुकरोति

    अव

    निचे

    अवगच्छति, अवजानन्ति

    निर्

    निषेध

    निर्गच्छति, निराकरोति

    निस्

    निषेध

    निष्कारणं, निस्सरति

    दुस्

    कठिन, दुष्कर

    दुष्टः, दुष्प्रयोजन

    दुर्

    कठिन, दुष्कर

    दुर्गति, दुर्बोध्य

    वि

    विशिष्ट

    विजयते, विगत

    आङ्

    सिमा

    आजिवनम्, आकण्ठम्

    नि

    निचे

    निगदति, निपतति

    अधि

    प्रधानता या आधार

    अधिराजते, अधिहरि

    अति

    अतिशय

    अत्यन्त, अत्याचारः

    सु

    अच्छा

    स्वागतं, सुशोभते

    उत्

    ऊँचा

    उत्कर्षं, उत्पतति

    अभि

    समीप

    अभ्यागतः, अभ्यासः

    प्रति

    विपरित

    प्रत्युपकारः, प्रत्यवदत्

    परि

    चारो ओर

    पर्यावरणं, परिवर्तनम्

    उप

    समीप

    उपकार, उपहार

     

    अतः ज्ञात होता है कि 'अनु', 'वि', 'सम्' इन उपसर्गों से 'अनुराग', 'विराग' तथा 'संलाप' यह उपसर्गयुक्त है, परन्तु 'पराग' उपसर्ग रहित है।

  • Question 5
    5 / -1
    'दुर्वचनम्' पदे उपसर्गः अस्ति-
    Solution

    प्रश्नानुवाद - 'दुर्वचनम्' पद में उपसर्ग है-

    स्पष्टीकरण -

    • शब्द - दुर्वचनम्
    • अर्थ - बुरे शब्द  
    • विग्रह - दुर् + वचनम्

     

    उपसर्ग - उपसर्ग वे पद होते हैं, जो किसी शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं अथवा उस शब्द का विशेष अर्थ हो जाता है। 

    • उदाहरण - हार - इस शब्द का अर्थ होता है - हार जाना। परन्तु हार शब्द में उपसर्ग लगने पर इसका अर्थ पूरी तरह से बदल गया। उप + हार - उपहार (तोहफा)
    • दुर्वचनम् शब्द में - दुर् उपसर्ग + वचनम् शब्द है। दुर् उपसर्ग का अर्थ यहाँ अनुचित के अर्थ में लिया गया है।
    • दुर् का उपयोग कठिन के अर्थ में भी होता है। जैसे - दुर्गम रास्ता - कठिन रास्ता/मार्ग

     

    अतः दुर्वचनम् में दुर् प्रत्यय सही विकल्प है।

     

    Additional Information

    • संस्कृत में 22 उपसर्गों की गणना की गयी है। इन उपसर्गों से बने शब्द निम्नलिखित हैं -

    क्र.सं.

    उपसर्ग

    उपसर्ग से बने शब्द

    1.

    अति

    अति + रिक्त - अतिरिक्त

    2.

    अधि

    अधि + गम - अधिगम

    3.

    अनु

    अनु + सार - अनुसार

    4.

    अप

    अप + कार - अपकार

    5.

    अपि

    अपि + धान - अपिधान

    6.

    अभि

    अभि + मान - अभिमान

    7.

    अव

    अव + गुण - अवगुण

    8.

    आ + हार - आहार

    9.

    उत्

    उत् + कर्ष - उत्कर्ष

    10.

    उप

    उप + कार - उपकार

    11.

    दुर्

    दुर् + बुद्धि - दुर्बुद्धि

    12.

    दुस्

    दुस् + साहस - दुस्साहस

    13.

    निर्

    निर् + धन - निर्धन

    14.

    निस्

    निस् + फल - निष्फल

    15.

    नि

    नि + षेध - निषेध

    16.

    परा

    परा + जय - पराजय

    17.

    परि

    परि + नाम - परिणाम

    18.

    प्र

    प्र + बल - प्रबल

    19.

    प्रति

    प्रति + कुल - प्रतिकूल

    20.

    वि

    वि + जय - विजय

    21.

    सम्

    सम् + भव - सम्भव

    22.

    सु

    सु + नीति - सुनीति

  • Question 6
    5 / -1
    'अध्यास्ते' इत्यत्र उपसर्ग वर्तते-
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'अध्यास्ते' में उपसर्ग है -

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कितपद में अधि यह उपसर्ग है और आस्ते शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति

     

    अतः स्पष्ट है 'अध्यास्ते' का विग्रह 'अधि + आस्ते' होता है और उपसर्ग 'अधि' होता है।

  • Question 7
    5 / -1
    'विचरति' पदे उपसर्ग तथा धातु वर्तते-
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'विचरति' में उपसर्ग है -

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कितपद में वि यह उपसर्ग है और चरति शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति

     

    अतः स्पष्ट है 'विचरति' का विग्रह 'वि' उपसर्ग पूर्वक 'चर्' धातु का लट्लकार में प्रथमपुरुष एकवचन होता है।

  • Question 8
    5 / -1

    उपसर्गः धातुना सह कुत्र आगच्छति?

    Solution

    प्रश्न का अनुवाद - उपसर्ग धातु के साथ कहाँ आता है ?? 

    स्पष्टीकरण - उपसर्ग धातु के (पूर्व) पहले आता है।

    Key Points

    • उपसर्ग - धातु रूपों तथा धातुओं से निष्पन्न शब्दरूपों से पूर्व प्रयुक्त होकर उनके अर्थ का परिवर्तन करने वाले शब्दों को उपसर्ग कहते हैं।
    • उपसर्ग संख्या में २२ हैं, जो अग्रलिखित हैं – प्र, परा, अप, सम्, अनु, अव, निस्, निर्, दुस्, दुर्, वि, आङ्, नि, अधि, अपि, अति, सु, उत्, अभि, प्रति, परि तथा उप।
    • उपसर्गों का स्वतंत्र प्रयोग नहीं होता। वह धातुओं के पहले ही आता है।
    • उपसर्ग संबंधित कारिका - "उपसर्गेण धात्वर्थो बलादन्यत्र नीयते। प्रहाराहार-संहार-विहार- परिहारवत।।"
    • अर्थात उपसर्गों के जुड़ने से पद का अर्थ बदल जाता है -  यथा- हार शब्द का अर्थ है - 'माला', परन्तु जब उसमें 'प्र' उपसर्ग लगता है तो शब्द बनता है 'प्रहार' और उसका अर्थ होता है - मारना। इसी प्रकार 'आ' उपसर्ग लगने पर 'आहार' बनता है, जिसका अर्थ है- भोजन। इसी प्रकार यदि 'हार' शब्द में 'सम' उपसर्ग जुड़ता है तो संहार' शब्द बनता है जिसका अर्थ है नष्ट करना, परन्तु इसी शब्द में 'वि' उपसर्ग लगने पर विहार शब्द बनता है, जिसका अर्थ होता है घूमना-फिरना। इसी तरह परि उपसर्ग जुड़कर 'परिहार' शब्द बनता है। जिसका अर्थ होता है सुधार करना, त्याग करना। इस प्रकार अलग-अलग उपसर्गों के जुड़ने से शब्दों के अर्थों में परिवर्तन आ जाता है।

     

    अतः स्पष्ट है की उपसर्ग धातु के (पूर्व) पहले आता है।

  • Question 9
    5 / -1
    'स्वागतम्' पदे उपसर्गः-
    Solution

    प्रश्न अनुवाद - 'स्वागतम्'। में उपसर्ग है -

    स्पष्टीकरण - प्रस्तुत रेखाङ्कितपद में सु यह उपसर्ग है और आगतम् शब्द है।

    उपसर्ग -​ 

    उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
    प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्॥

    अर्थात्, उपसर्ग से धातु के अर्थ में परिवर्तन होता है। यथा - हार अर्थात् माला अथवा  पराजय​, लेकिन उसके पूर्व उपसर्ग प्रयुक्त होने पर उसका अर्थ परिवर्तित होता है।

    उदाहरण -

    • प्र + हार = प्रहार - मार, चोट
    • आ + हार = आहार - भोजन
    • सम् + हार = संहार - विनाश
    • वि + हार = विहार - भ्रमण

    संस्कृत में कुल २२ उपसर्ग है।

    उपसर्गाःउदाहरण​
    प्रप्रभवति, प्रणमति
    परापराभवति, पराजयते
    अपअपकरोति, अपसरति
    सम्संस्करोति, सम्भवति
    अनुअनुगच्छति, अनुभवति
    अवअवगच्छति, अवतरति
    निस्निस्सरति, निश्चिनोति
    निर्निरीक्षते, निर्वहति
    दुस्दुष्करोति
    दुर्दुर्लभते, दुर्बोधति
    विविजयते, विहरति
    आङ्आनयति, आगच्छति
    निनिपतति, निवर्तते
    अधिअधिराजते, अधिवसति
    अपिअपिदधति
    अतिअतिक्रामति, अत्याचार
    सुसुशोभते
    उत्उद्भवति, उत्तिष्ठति
    अभिअभिमन्यते, अभिगच्छति
    प्रतिप्रतिवदति, प्रतिगृह्णाति
    परिपरिवर्तते
    उपउपविशति
  • Question 10
    5 / -1
    'निश्छलः' अस्मिन् पदेऽयमुपसर्गः -
    Solution

    प्रश्नानुवाद - 'निश्चलः' इस पद में उपसर्ग है-

    स्पष्टीकरण -

    शब्द - निश्छलः

    अर्थ - जिसके मन में कोई छल न हो 

    • विग्रह - निस् + छलः (यहाँ स्तोः श्चुना श्चुः सूत्र से स् को श हो गया च वर्ग परे रहते। इसलिए निश्चल शब्द बना।)
    • उपसर्ग - उपसर्ग वे पद होते हैं, जो किसी शब्द के पहले लगकर उसका अर्थ बदल देते हैं अथवा उस शब्द का विशेष अर्थ हो जाता है। 

    उदाहरण -

    • हार - इस शब्द का अर्थ होता है - हार जाना। परन्तु हार शब्द में उपसर्ग लगने पर इसका अर्थ पूरी तरह से बदल गया। उप + हार - उपहार (तोहफा)
    • निश्छल शब्द में - निस् उपसर्ग + छल शब्द है। (स्तोः श्चुना श्चुः सूत्र से स् को श् हो गया)

     

    अतः यहाँ निस् प्रत्यय सही उत्तर है।

     

    Additional Information

    संस्कृत में 22 उपसर्गों की गणना की गयी है। इन उपसर्गों से बने शब्द निम्नलिखित हैं -

    क्र.सं.

    उपसर्ग

    उपसर्ग से बने शब्द

    1.

    अति

    अति + रिक्त - अतिरिक्त

    2.

    अधि

    अधि + गम - अधिगम

    3.

    अनु

    अनु + सार - अनुसार

    4.

    अप

    अप + कार - अपकार

    5.

    अपि

    अपि + धान - अपिधान

    6.

    अभि

    अभि + मान - अभिमान

    7.

    अव

    अव + गुण - अवगुण

    8.

    आ + हार - आहार

    9.

    उत्

    उत् + कर्ष - उत्कर्ष

    10.

    उप

    उप + कार - उपकार

    11.

    दुर्

    दुर् + बुद्धि - दुर्बुद्धि

    12.

    दुस्

    दुस् + साहस - दुस्साहस

    13.

    निर्

    निर् + धन - निर्धन

    14.

    निस्

    निस् + फल - निष्फल

    15.

    नि

    नि + षेध - निषेध

    16.

    परा

    परा + जय - पराजय

    17.

    परि

    परि + नाम - परिणाम

    18.

    प्र

    प्र + बल - प्रबल

    19.

    प्रति

    प्रति + कुल - प्रतिकूल

    20.

    वि

    वि + जय - विजय

    21.

    सम्

    सम् + भव - सम्भव

    22.

    सु

    सु + नीति - सुनीति

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