Rajasthan Board 12th Hindi Exam 2024 : Most Important Question Answers

SHARING IS CARING
If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.
राजस्थान बोर्ड 12वीं की हिन्दी परीक्षा 13 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
इस पोस्ट में राजस्थान बोर्ड 12th परीक्षा 2024 के लिए हिन्दी के महत्वपूर्ण (RBSE Board 12th Hindi Important Question 2024) प्रश्न दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
छात्रों को इन (RBSE Board 12th Hindi Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी।
अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे हिन्दी के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I
RBSE 12th Exam 2024 Hindi Most Important Question Answers
बहुचयनात्मक प्रश्न-
1. कवि कैसे संसार को ठुकराता है ?
(अ) ईमानदार
(ब) सत्यनिष्ठ
(स) कर्मशील
(द) वैभवशाली
Ans. (द)
2. "पतंग" कविता के रचयिता है?
(अ) कुँवर नारायण
(ब) आलोक धन्वा
(स) उमाशंकर जोशी
(द) रघुवीर सहाय
Ans. (ब)
3. " बात सीधी थी पर " कविता के रचयिता कौन है?
(अ) कुँवर नारायण
(ब) फिराक गोरखपुरी
(स) उमाशंकर जोशी
(द) रधुवीर सहाय
Ans. ब
4. "कैमरे मे बन्द अपाहिज " कविता में मीडिया के किस माध्यम का उल्लेख किया गया है?
(अ) रेडियों
(ब) टेलीविजन
(स) इन्टरनेट
(द) सिनेमा
5. भोर के समय आकाश का रंग कैसा है?
(अ) नीला
(ब) भूरा
(स) बैगनी
(द) गुलाबी
Ans. अ
6. बादल राग कविता के रचनाकार कौन है?
(अ) निराला
(ब) प्रसाद
(स) पंत
(द) बच्चन
Ans. (अ)
7. गोस्वामी तुलसीदास का जन्म कब हुआ ?
(अ) 1940
(ब) 1532
(स) 1523
(द) 1623
Ans. (ब)
8. फिराक गारेखपुरी का जन्म कब हुआ ?
(अ) 1896
(ब)1890
(स) 1996
(द) 1995
Ans. (अ)
9. उमाशंकर जोशी का जन्म कब हुआ ?
(अ) 1901 ई.
(ब) 1921 ई.
(स) 1911 ई.
(द) 1915 ई.
Ans. (स)
10. सेवा धर्म में भक्तिन किस की तरह समर्पित भाव से सेवारत थी?
(अ) गणेश जी
(ब) भरत जी
(स) हनुमान जी
(द) लक्ष्मण जी
Ans. (स)
11. 'बाजार दर्शन' के रचयिता कौन है ?
(अ) महादेवी वर्मा
(ब) जैनेन्द्र कुमार
(स) धर्मवीर भारती
(द) प्रेमचन्द
Ans. (ब)
12. ऋषि-मुनियों .........को सबसे ऊँचा स्थान दिया है ।
(अ) कर्म
(ब) दान
(स) धर्म
(द) भोग
Ans. (ब)
13. अंधेरी रात चुपचाप आँसू क्यों बहा रही है ?
(अ) तारे टूट रहे थे इसलिए
(ब) गाँव मे झोंपडियाँ थी इसलिए
(स) जाड़े की रात थी इसलिए
(द) गाँव में हैजे और मलेरिया से मौते हो रही इसलिए
Ans. (द)
14. लेखक ने शिरीष को क्या संझा दी है ?
(अ) पुष्प की
(ब) अवधूत
(स) फक्कड़
(द) अनासक्त
Ans. (ब)
15. सक्षम श्रमिक समाज के निर्माण के लिए क्या आवश्यक हैं?
(अ) समानता
(ब) समर्थन
(स) समान विभाजन
(द) व्यवसाय चयन की स्वतंत्रता
Ans. (द)
16. यशोधर बाबू का विवाह कब हुआ था?
(अ) 6.02.1947
(ब) 6.02.1946
(स) 05.02.1947
(द) 6.02.1945
Ans. (अ)
17. दादा कोल्हू जल्दी क्यों लगाना चाहते थे ?
(अ) काम जल्दी खत्म करने के लिए
(ब) गुड़ की ज्यादा कीमत के लिए
(स) दूसरी फसल के लिए
(द) आराम के लिए
Ans. (ब)
18. "अतीत मे दबे पांव पाठ के लेखक कौन है?
(अ) ओम थानवी
(ब) जयशंकर प्रसाद
(स) उमाशंकर जोशी
(द) मनोहर श्याम जोशी
Ans. (अ)
19. श्रव्य जनसंचार का माध्यम कौनसा है ?
(अ) समाचार पत्र
(ब) रेडियो
(स) इंटरनेट
(द) टेलीविजन
Ans. (ब)
20. भारत में पहला छापाखाना कब व कहाँ लगाया गया ?
(अ) 1556, गोवा
(ब) 1546, कोलकाता
(स) 1656, दिल्ली
(द) 1578, कानपुर
Ans. (अ)
21. हिन्दी नेट संसार का सम्पूर्ण पोर्टल किसे माना जाता है?
(अ) नया समूह
(ब) नयी दुनिया
(स) नया राज
(द) कोई नहीं
Ans. (ब)
22. विश्व में इन्टरनेट पत्रकारिता का प्रथम दौर माना जाता है.
(अ) 1982
(ब)1993
(स) 1988
(द)2002
Ans. (अ)
23. रेडियो समाचार लेखन में 11 से 999 तक की संख्याओं को लिखना चाहिए —
(अ) शब्दों में
(ब) अंको में
(स) उपरोक्त दोनों में
(द) किसी में नहीं
Ans. (ब)
24. कौनसा जनसंचार माध्यम निरक्षर व्यक्ति के लिए उपयोगी नहीं है ?
(अ) समाचार पत्र
(ब) रेडियों
(स) टेलिविजन
(द) इनमें से कोई नहीं
Ans. (अ)
25. रेडियो समाचार लेखन में एक लाइन में अधिकतम शब्दो की संख्या होनी चाहिए -
(अ) 10-11 शब्द
(ब) 12-13 शब्द
(स) 9-10 शब्द
(द) 15-16 शब्द
Ans. (ब)
लघूत्तरात्मक प्रश्न
Q. 1. कवि ने "सांसो के दो तार किसे कहा हैं? और क्यों?
Ans. कवि ने "सांसो के दो तार" को जीवन और मृत्यु को कहा है।
कारण:
- जीवन और मृत्यु: सांसों का चलना जीवन का प्रतीक है और सांसों का रुकना मृत्यु का प्रतीक है। इस प्रकार, सांसों के दो तार जीवन और मृत्यु के दो पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- तारों की तुलना: तारों की मधुर ध्वनि जीवन की सुंदरता और आनंद का प्रतीक है। वहीं, तारों का टूटना जीवन की नश्वरता और क्षणभंगुरता का प्रतीक है।
- सांसो का द्वंद्व: सांसों में द्वंद्वात्मकता भी है। एक तरफ, वे जीवन का आधार हैं, तो दूसरी तरफ, वे मृत्यु का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।
Q. 2. कवि ने स्वयं को दीवाना क्यों कहा है?
Ans.
1. ईश्वर के प्रति प्रेम: कवि ईश्वर के प्रति इतना प्रेम और भक्ति रखता है कि वह दुनिया की हर चीज को भूल जाता है। उसे केवल ईश्वर की ही याद रहती है। इस प्रेम के कारण, वह दुनिया की दृष्टि में दीवाना प्रतीत होता है।
2. सामाजिक रीति-रिवाजों की परवाह नहीं: कवि सामाजिक रीति-रिवाजों और परंपराओं को नहीं मानता है। वह अपनी मर्जी से जीना चाहता है। इस कारण, लोग उसे दीवाना समझते हैं।
3. भौतिक सुखों की लालसा: कवि भौतिक सुखों की लालसा नहीं रखता है। वह आध्यात्मिक सुखों की खोज में रहता है। इस कारण, लोग उसे दीवाना समझते हैं।
4. निडरता: कवि निडर है। वह किसी से नहीं डरता है। वह सच बोलने से डरता नहीं है। इस कारण, लोग उसे दीवाना समझते हैं।
Q. 3. कविता की उड़ान व चिड़ियाँ की उड़ान में क्या अन्तर है?
Ans. कविता की उड़ान और चिड़ियाँ की उड़ान में अंतर:
1. उड़ान का क्षेत्र:
- चिड़ियाँ: चिड़ियाँ की उड़ान भौतिक दुनिया तक ही सीमित होती है। वह पेड़ों, घरों और अन्य भौतिक वस्तुओं के बीच उड़ सकती है।
- कविता: कविता की उड़ान कल्पना और भावनाओं की दुनिया में होती है। कवि अपनी कल्पना के माध्यम से कहीं भी उड़ सकता है।
2. उड़ान का उद्देश्य:
- चिड़ियाँ: चिड़ियाँ की उड़ान का मुख्य उद्देश्य भोजन की तलाश, घोंसला बनाना और शिकारियों से बचना होता है।
- कविता: कविता की उड़ान का उद्देश्य मनोरंजन, शिक्षा, प्रेरणा और आत्म-अभिव्यक्ति होता है।
3. उड़ान का प्रभाव:
- चिड़ियाँ: चिड़ियाँ की उड़ान का प्रभाव क्षणिक होता है। वह उड़कर चली जाती है और उसके बाद उसका कोई प्रभाव नहीं रहता है।
- कविता: कविता की उड़ान का प्रभाव स्थायी होता है। कविता लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ती है और उन्हें प्रेरित करती है।
Q. 4. मीडिया द्वारा कमजोर व्यक्ति को बुलाने के पीछे क्या उद्देश्य है?
Ans. मीडिया द्वारा कमजोर व्यक्ति को बुलाने के पीछे कई उद्देश्य हो सकते हैं:
1. TRP बढ़ाना: कमजोर व्यक्ति को बुलाकर मीडिया दर्शकों की सहानुभूति और भावनाओं को भड़का सकता है। इससे दर्शकों की संख्या बढ़ती है और TRP बढ़ती है।
2. सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना: कमजोर व्यक्ति की कहानी दिखाकर मीडिया सामाजिक मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकता है। इससे लोगों को उन मुद्दों के बारे में जागरूकता होती है और उन पर बहस होती है।
3. सामाजिक परिवर्तन लाना: कमजोर व्यक्ति की कहानी दिखाकर मीडिया सामाजिक परिवर्तन लाने का प्रयास कर सकता है। इससे लोगों को प्रेरणा मिलती है और वे उन मुद्दों को लेकर आवाज उठाते हैं।
4. मनोरंजन: कमजोर व्यक्ति की कहानी दिखाकर मीडिया दर्शकों का मनोरंजन कर सकता है। इससे दर्शकों को रोमांच और उत्सुकता का अनुभव होता है।
5. राजनीतिक लाभ: कमजोर व्यक्ति की कहानी दिखाकर मीडिया राजनीतिक लाभ उठा सकता है। इससे लोगों की भावनाओं को भड़काकर उन्हें किसी विशेष राजनीतिक दल या विचारधारा के पक्ष में किया जा सकता है।
Q. 5. भोर के नभ और राख से लीपे हुए चौके में क्या समानता है ?
Ans. भोर के नभ और राख से लीपे हुए चौके में निम्नलिखित समानताएं हैं:
1. रंग:
- भोर का नभ: भोर के नभ का रंग हल्का भूरा या राख जैसा होता है।
- राख से लीपा हुआ चौका: राख से लीपे हुए चौके का रंग भी भूरा या राख जैसा होता है।
2. भावना:
- भोर का नभ: भोर का नभ शांत, गंभीर और रहस्यमय होता है।
- राख से लीपा हुआ चौका: राख से लीपे हुए चौके में भी शांति, गंभीरता और रहस्यमयता का भाव होता है।
3. प्रतीकात्मकता:
- भोर का नभ: भोर का नभ नए दिन की शुरुआत का प्रतीक है।
- राख से लीपा हुआ चौका: राख से लीपे हुए चौके को जीवन की क्षणभंगुरता का प्रतीक माना जाता है।
4. परिवर्तन:
- भोर का नभ: भोर का नभ धीरे-धीरे दिन के उजाले में बदल जाता है।
- राख से लीपा हुआ चौका: राख से लीपे हुए चौके को धोकर साफ किया जा सकता है।
5. जीवन और मृत्यु:
- भोर का नभ: भोर का नभ जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।
- राख से लीपा हुआ चौका: राख से लीपे हुए चौके को जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु का प्रतीक माना जाता है।
Q. 6. बादल राग कविता में "ऐ विप्लव के वीर" किसे कहा गया है और क्यों ?
Ans. बादल राग" कविता में "ऐ विप्लव के वीर" संबोधन उन बादलों को दिया गया है जो क्रांति और परिवर्तन का प्रतीक हैं।
कारण:
- क्रांति का प्रतीक: बादल प्रकृति में क्रांति और परिवर्तन लाते हैं। वे सूखे को दूर करते हैं, धरती को हरा-भरा करते हैं, और जीवनदायी वर्षा लाते हैं।
- विप्लवी शक्तियां: बादलों को शोषित वर्गों की विप्लवी शक्तियों के रूप में देखा जाता है। वे उन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं और समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।
- प्रगति का प्रतीक: बादलों को प्रगति और विकास का प्रतीक भी माना जाता है। वे जड़ता को दूर करते हैं और गतिशीलता लाते हैं।
Q. 7. तुलसीदास द्वारा "मसीत " में सोने का निहितार्थ बताइए ।
Ans. तुलसीदास द्वारा "मसीत" में सोने का निहितार्थ:
तुलसीदास द्वारा "मसीत" में सोने का निम्नलिखित निहितार्थ हैं:
1. सामाजिक समरसता: तुलसीदास मसीत में सोने के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देते हैं। वे चाहते हैं कि हिंदू और मुसलमान सभी भाईचारे और प्रेम के साथ रहें।
2. धार्मिक सहिष्णुता: तुलसीदास धार्मिक सहिष्णुता का संदेश भी देते हैं। वे कहते हैं कि सभी धर्म समान हैं और सभी को अपनी इच्छानुसार पूजा करने का अधिकार है।
3. भक्ति का महत्व: तुलसीदास कहते हैं कि भक्ति का स्थान सर्वोच्च है। भक्ति के माध्यम से मनुष्य ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।
4. सांसारिक मोह माया का त्याग: तुलसीदास कहते हैं कि मनुष्य को सांसारिक मोह माया का त्याग करके ईश्वर की भक्ति में लीन होना चाहिए।
Q. 8. बालक कब प्रसन्नता का अनुभव करता है?
Ans. बालक कब प्रसन्नता का अनुभव करता है?
बालक विभिन्न स्थितियों में प्रसन्नता का अनुभव करता है, जिनमें शामिल हैं:
1. प्यार और स्नेह: जब उसे अपने माता-पिता, परिवार और दोस्तों से प्यार और स्नेह मिलता है, तो वह प्रसन्न होता है।
2. खेलकूद और मनोरंजन: जब वह खेलकूद और मनोरंजक गतिविधियों में भाग लेता है, तो वह प्रसन्न होता है।
3. जिज्ञासा और खोज: जब वह नई चीजों को सीखता और खोजता है, तो वह प्रसन्न होता है।
4. उपलब्धि और सफलता: जब वह कोई काम पूरा करता है या कोई लक्ष्य प्राप्त करता है, तो वह प्रसन्न होता है।
5. स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता: जब उसे स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का अनुभव होता है, तो वह प्रसन्न होता है।
6. सुरक्षा और संरक्षण: जब वह सुरक्षित और संरक्षित महसूस करता है, तो वह प्रसन्न होता है।
Q. 9. ‘रस अलौकिक अमृत धाराएँ फूटती है' रस की अलौकिक धाराएँ कब, कहाँ और क्यों फूटती है ?
Ans. रस की अलौकिक धाराएँ कब, कहाँ और क्यों फूटती हैं?
कब:
- जब कवि का मन किसी भावना से प्रेरित होता है।
- जब कवि किसी अनुभव को व्यक्त करना चाहता है।
- जब कवि किसी विचार को साझा करना चाहता है।
कहाँ:
- कवि के हृदय में।
- कवि की कल्पना में।
- कवि के शब्दों में।
क्यों:
- क्योंकि कवि का मन रचनात्मक होता है।
- क्योंकि कवि भावनाओं को व्यक्त करने में कुशल होता है।
- क्योंकि कवि के शब्दों में शक्ति होती है।
रस की अलौकिक धाराएँ:
- आनंद और प्रेरणा प्रदान करती हैं।
- लोगों को विचार करने के लिए प्रेरित करती हैं।
- लोगों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।
Q. 10. भक्तिन की सास उसके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार क्यों करती थी?
Ans. भक्तिन की सास उसके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार क्यों करती थी?
भक्तिन की सास उसके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करती थी क्योंकि:
- पति का प्रेम: भक्तिन का पति अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था। यह बात उसकी सास को पसंद नहीं थी।
- स्त्री द्वेष: भक्तिन की सास स्त्री द्वेष से ग्रस्त थी। वह स्त्रियों को पुरुषों से कमतर समझती थी।
- दहेज: भक्तिन अपने पति के साथ विवाह के समय कम दहेज लेकर आई थी। यह बात उसकी सास को नागवार गुजरी।
- बांझपन: भक्तिन ने शादी के कई साल बाद भी बच्चे को जन्म नहीं दिया था। यह बात उसकी सास को चिंतित करती थी।
- पति का ध्यान: भक्तिन का पति अपनी पत्नी की देखभाल और उसकी जरूरतों का ध्यान रखता था। यह बात उसकी सास को पसंद नहीं थी।
भक्तिन की सास ने उसके साथ निम्नलिखित भेदभावपूर्ण व्यवहार किए:
- उसे घर के कामों में बहुत अधिक भार दिया।
- उसे अपमानजनक शब्द बोले।
- उसे अपने पति से दूर रखने की कोशिश की।
- उसे घर से बाहर निकालने की कोशिश की।
Q. 11. लेखक ने अर्थशास्त्र को अनीतिशास्त्र क्यों कहा है? उदाहरण देकर समझाइए |
Ans. लेखक ने अर्थशास्त्र को अनीतिशास्त्र क्यों कहा है?
लेखक ने अर्थशास्त्र को अनीतिशास्त्र इसलिए कहा है क्योंकि:
- अर्थशास्त्र का मुख्य लक्ष्य धन अर्जन है। यह लक्ष्य कई बार लोगों को अनैतिक कार्यों को करने के लिए प्रेरित करता है।
- अर्थशास्त्र में प्रतिस्पर्धा और स्वार्थ को बढ़ावा दिया जाता है। यह लोगों को एक दूसरे के प्रति ईर्ष्यालु और द्वेषपूर्ण बनाता है।
- अर्थशास्त्र में अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ावा दिया जाता है। यह समाज में असमानता और अन्याय को जन्म देता है।
उदाहरण:
- एक कंपनी पर्यावरण को प्रदूषित कर सकती है ताकि अधिक मुनाफा कमा सके।
- एक राजनेता भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकता है ताकि अपने लिए धन इकट्ठा कर सके।
- एक व्यक्ति अपने प्रतिस्पर्धी को नुकसान पहुंचा सकता है ताकि खुद को आगे बढ़ा सके।
Q. 12. इन्दर सेना घर घर जाकर पानी क्यों मांगती थी ?
Ans. इंद्र सेना घर-घर जाकर पानी क्यों मांगती थी?
इंद्र सेना घर-घर जाकर पानी इसलिए मांगती थी क्योंकि:
- वर्षा नहीं होने के कारण धरती सूखी थी।
- फसलों को पानी की आवश्यकता थी।
- लोगों और पशुओं को पीने के पानी की कमी थी।
- इंद्र सेना को इंद्र देवता से वर्षा करवाने के लिए प्रार्थना करनी थी।
इंद्र सेना घर-घर जाकर निम्नलिखित कार्य करती थी:
- वे लोगों से पानी मांगती थीं।
- वे लोगों से इंद्र देवता की पूजा करने के लिए कहती थीं।
- वे लोगों से वर्षा के लिए प्रार्थना करने के लिए कहती थीं।
इंद्र सेना का मानना था कि यदि लोग इंद्र देवता की पूजा करेंगे और वर्षा के लिए प्रार्थना करेंगे, तो इंद्र देवता वर्षा करेंगे।
Q. 13. 'गाँव भयार्त शिशु की तरह थर थर काँप रहा था' गाँव की ऐसी दशा क्यों थी ?
Ans. गाँव भयार्त शिशु की तरह थर थर काँप रहा था, इसकी निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
1. प्राकृतिक आपदा:
- तूफान, बाढ़, भूकंप, या सूखा जैसी प्राकृतिक आपदा ने गाँव को तबाह कर दिया था।
- लोगों के घर, फसलें, और पशु-पक्षी नष्ट हो गए थे।
- लोग भय और चिंता में थे।
2. सामाजिक या राजनीतिक अशांति:
- गाँव में दंगे, युद्ध, या आतंकवाद जैसी घटनाओं ने लोगों को भयभीत कर दिया था।
- लोगों की जान और माल की सुरक्षा खतरे में थी।
- लोग भविष्य को लेकर अनिश्चित थे।
3. आर्थिक संकट:
- गाँव में गरीबी, भुखमरी, और बेरोजगारी जैसी समस्याएं थीं।
- लोगों के पास भोजन, कपड़े, और आश्रय की कमी थी।
- लोग भविष्य को लेकर निराश थे।
Q. 14. शिरीष के अवधूत रूप के कारण लेखक को किस महात्मा की याद आती है ? और क्यों ?
Ans. शिरीष के अवधूत रूप के कारण लेखक को रवींद्रनाथ टैगोर की याद आती है।
कारण:
- रवींद्रनाथ टैगोर भी शिरीष के समान प्रकृति प्रेमी थे।
- उन्होंने भी प्रकृति की सुंदरता और शक्ति का वर्णन अपने कई लेखों और कविताओं में किया है।
- शिरीष के फूलों की तरह, रवींद्रनाथ टैगोर के लेखन में भी एक अलौकिक और आध्यात्मिक भावना है।
उदाहरण:
- रवींद्रनाथ टैगोर की कविता "गीतांजलि" में प्रकृति के प्रति प्रेम और भक्ति का भाव व्यक्त किया गया है।
- उनके उपन्यास "गोरा" में प्रकृति का वर्णन बहुत ही सुंदर और प्रभावशाली है।
Q. 15. जाति प्रथा का दोष क्या है?
Ans. जाति प्रथा के अनेक दोष हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं:
1. सामाजिक असमानता:
- जाति प्रथा समाज में असमानता पैदा करती है।
- कुछ जातियों को उच्च और कुछ जातियों को नीच माना जाता है।
- उच्च जाति के लोगों को अधिक अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं, जबकि नीच जाति के लोगों को कम अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं।
2. भेदभाव:
- जाति प्रथा के कारण समाज में भेदभाव होता है।
- उच्च जाति के लोग नीच जाति के लोगों के साथ भेदभाव करते हैं।
- नीच जाति के लोगों को शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक न्याय में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
3. सामाजिक कुरीतियां:
- जाति प्रथा के कारण समाज में अनेक सामाजिक कुरीतियां पनपती हैं।
- छुआछूत, बाल विवाह, दहेज प्रथा, और जाति पंचायत जैसी सामाजिक कुरीतियां जाति प्रथा के कारण ही पनपती हैं।
4. सामाजिक अशांति:
- जाति प्रथा के कारण समाज में अशांति होती है।
- जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के कारण समाज में अनेक बार हिंसा और दंगे होते हैं।
Q. 16. दफ्तर से घर लौटने में यशोधर बाबू को देर क्यों हो जाती थी ?
Ans. यशोधर बाबू पुराने खयालात के व्यक्ति थेl जिससे उनके बच्चों के विचार और उनके विचार में काफी अंतर था। इस कारण वे अपने परिवार से अलगाव बनाए रखते थे। इसलिए यशोधर बाबू दफ्तर से घर जाने के क्रम में सर्वप्रथम बिरला मंदिर के उद्यान में बैठकर प्रवचन सुना करते थे।
Q. 17. लेखक का पाठशाला में विश्वास कैसे बढ़ा ? 'जूझ' कहानी के आधार पर बताइए ।
Ans. जूझ' कहानी के आधार पर लेखक का पाठशाला में विश्वास बढ़ने के कारण:
1. वसंत पाटिल से दोस्ती:
- जब लेखक ने वसंत पाटिल से दोस्ती की तो उसे एक सहारा मिला।
- वसंत ने लेखक को पढ़ाई में मदद की और उसे पाठशाला में आत्मविश्वास दिया।
2. शिक्षकों का स्नेह:
- शिक्षकों ने लेखक को प्रोत्साहित किया और उसे 'आनन्दा' कहकर पुकारा।
- उनके स्नेहपूर्ण व्यवहार ने लेखक को पाठशाला में स्वीकार किए जाने का एहसास दिलाया।
3. लेखक की अपनी मेहनत:
- लेखक ने पढ़ाई में मेहनत करना शुरू किया और सफलता प्राप्त की।
- उसकी सफलता ने उसे पाठशाला के प्रति आकर्षित किया और उसका विश्वास बढ़ाया।
4. घर पर अनुकूल वातावरण:
- जब लेखक के दादा ने उसकी पढ़ाई में रुचि दिखाई तो उसे घर पर भी प्रोत्साहन मिला।
- इस अनुकूल वातावरण ने लेखक का मनोबल बढ़ाया और उसे पाठशाला में नियमित रूप से जाने के लिए प्रेरित किया।
5. लेखक का आत्मविश्वास:
- लेखक ने जब अपनी क्षमता को पहचाना तो उसका आत्मविश्वास बढ़ा।
- आत्मविश्वास ने उसे पाठशाला में सफलतापूर्वक भाग लेने में मदद की।
Q. 18. सिन्धु घाटी सभ्यता को "जल सभ्यता" कहा जा सकता है ? कथन को स्पष्ट कीजिए ।
Ans. सिंधु घाटी सभ्यता को "जल सभ्यता" कहने के कारण:
1. शहरी नियोजन:
- सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों का निर्माण जल निकासी व्यवस्था को ध्यान में रखकर किया गया था।
- सड़कों का ढलान पानी को बहने में मदद करता था और घरों में कुएं और स्नानघर थे।
2. कृषि:
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कृषि पर निर्भर थे और उन्होंने सिंचाई के लिए जटिल प्रणाली विकसित की थीं।
- नहरों और कुओं का उपयोग फसलों को पानी देने के लिए किया जाता था।
3. व्यापार:
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग जलमार्गों का उपयोग व्यापार के लिए करते थे।
- नदियों और समुद्रों ने उन्हें अन्य सभ्यताओं से जुड़ने में मदद की।
4. जल-संबंधी देवता:
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों ने जल-संबंधी देवताओं की पूजा की, जैसे कि 'माँ देवी' और 'पशुपतिनाथ'।
- यह दर्शाता है कि जल उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
Q. 19. प्रिंट मीडिया से क्या आशय है ?
Ans. प्रिंट मीडिया से आशय:
1. मुद्रित माध्यम:
- प्रिंट मीडिया मुद्रित सामग्री को संदर्भित करता है, जैसे कि समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें, और पर्चे।
- यह सूचना और मनोरंजन प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
2. सूचना का प्रसार:
- प्रिंट मीडिया का उपयोग समाचार, घटनाओं, और विचारों को जनता तक पहुंचाने के लिए किया जाता है।
- यह लोगों को शिक्षित करने और जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. स्थायी प्रभाव:
- मुद्रित सामग्री स्थायी होती है और इसे बार-बार पढ़ा जा सकता है।
- यह लोगों को जानकारी को संदर्भित करने और समझने में मदद करता है।
Q. 20. जनसंचार के मुद्रित माध्यम कौन कौन से है ?
Ans. जनसंचार के मुद्रित माध्यम:
1. समाचार पत्र:
- यह सबसे आम मुद्रित माध्यम है जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक रूप से प्रकाशित होता है।
- समाचार पत्रों में समाचार, घटनाएं, राय और विज्ञापन शामिल होते हैं।
2. पत्रिकाएं:
- पत्रिकाएं विशिष्ट विषयों पर केंद्रित होती हैं, जैसे कि खेल, मनोरंजन, फैशन, या राजनीति।
- पत्रिकाएं आमतौर पर साप्ताहिक, मासिक या तिमाही रूप से प्रकाशित होती हैं।
3. पुस्तकें:
- पुस्तकें लंबी लिखित रचनाएं होती हैं जो विभिन्न विषयों को कवर करती हैं।
- पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
4. अन्य मुद्रित माध्यम:
- पर्चे, कैटलॉग, ब्रोशर, और पोस्टर भी जनसंचार के मुद्रित माध्यम हैं।
- इन माध्यमों का उपयोग विभिन्न प्रकार की जानकारी और विज्ञापन देने के लिए किया जाता है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न-
Q. 1. "दिन जल्दी जल्दी ढलता है" कविता में पक्षी तो लौटने को विकल है पर कवि में उत्साह नहीं है। ऐसा क्यों ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "दिन जल्दी जल्दी ढलता है" कविता में कवि के उत्साह की कमी के कारण:
1. प्रकृति के प्रति मोह:
- कवि प्रकृति के प्रति मोहित है और दिन ढलने के साथ ही प्रकृति के सौंदर्य का ह्रास उसे दुखी करता है।
- पक्षियों का लौटना उसे प्रकृति के चक्र की याद दिलाता है, जिसके प्रति वह विवश महसूस करता है।
2. जीवन के प्रति निराशा:
- कवि जीवन के संघर्षों और निराशाओं से थक चुका है।
- दिन ढलने के साथ ही उसे जीवन की क्षणभंगुरता का एहसास होता है, जो उसे उदास करता है।
3. आत्म-चिंतन:
- दिन ढलने का समय कवि को आत्म-चिंतन करने का अवसर देता है।
- वह अपने जीवन पर विचार करता है और अपनी उपलब्धियों और असफलताओं का मूल्यांकन करता है।
4. अकेलापन:
- कवि खुद को अकेला और अलग-थलग महसूस करता है।
- दिन ढलने के साथ ही यह भावना और भी तीव्र हो जाती है, जिसके कारण उसे उत्साह नहीं रहता।
Q. 2. "पतंग" कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "पतंग" कविता का मूल भाव:
1. स्वतंत्रता की लालसा:
- पतंग आकाश में उड़कर स्वतंत्रता का अनुभव करती है।
- यह कविता मनुष्य में स्वतंत्रता की लालसा को दर्शाती है।
2. जीवन का संघर्ष:
- पतंग को हवा में उड़ने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
- यह कविता जीवन में संघर्ष और चुनौतियों का सामना करने का संदेश देती है।
3. आशा और विश्वास:
- पतंग टूटने के बावजूद भी उड़ने का प्रयास करती है।
- यह कविता आशा और विश्वास का संदेश देती है कि हमें हार नहीं माननी चाहिए।
4. क्षणभंगुरता:
- पतंग का जीवन क्षणभंगुर होता है।
- यह कविता जीवन की क्षणभंगुरता का एहसास दिलाती है।
5. आत्म-खोज:
- पतंग आकाश में उड़कर अपनी पहचान बनाती है।
- यह कविता मनुष्य को आत्म-खोज करने के लिए प्रेरित करती है।
Q. 3. किशोर और युवा वर्ग समाज के मार्गदर्शक है "पतंग" कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "पतंग" कविता के आधार पर किशोर और युवा वर्ग समाज के मार्गदर्शक कैसे हैं:
1. ऊर्जा और उत्साह:
- किशोर और युवा वर्ग में प्रचुर मात्रा में ऊर्जा और उत्साह होता है।
- वे नए विचारों और प्रयोगों के लिए तैयार रहते हैं।
- यह ऊर्जा और उत्साह समाज को आगे बढ़ने में मदद करती है।
2. रचनात्मकता और नवीनता:
- किशोर और युवा वर्ग में रचनात्मकता और नवीनता की भावना होती है।
- वे नए विचारों और समाधानों के साथ आते हैं।
- यह रचनात्मकता और नवीनता समाज को विकसित करने में मदद करती है।
3. साहस और जोखिम लेने की भावना:
- किशोर और युवा वर्ग में साहस और जोखिम लेने की भावना होती है।
- वे चुनौतियों का सामना करने से नहीं डरते।
- यह साहस और जोखिम लेने की भावना समाज को प्रगति करने में मदद करती है।
4. आदर्शवाद और आशावाद:
- किशोर और युवा वर्ग में आदर्शवाद और आशावाद होता है।
- वे एक बेहतर समाज की कल्पना करते हैं।
- यह आदर्शवाद और आशावाद समाज को बेहतर बनाने में मदद करती है।
5. नेतृत्व और मार्गदर्शन:
- किशोर और युवा वर्ग में नेतृत्व और मार्गदर्शन करने की क्षमता होती है।
- वे समाज को सही दिशा दिखा सकते हैं।
- यह नेतृत्व और मार्गदर्शन समाज को विकसित करने में मदद करती है।
Q. 4. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं किन्तु कभी कभी भाषा के चक्कर में सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है । कैसे ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किन्तु कभी कभी भाषा के चक्कर में सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है:
1. भाषा की सीमाएं:
- भाषा हमेशा हमारी बातों को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर सकती।
- कुछ भावनाएं, विचार और अनुभव शब्दों में बयां नहीं किए जा सकते।
- भाषा की सीमाओं के कारण सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
2. शब्दों का गलत अर्थ:
- शब्दों के कई अर्थ हो सकते हैं और संदर्भ के आधार पर उनका अर्थ बदल सकता है।
- यदि शब्दों का गलत अर्थ लगाया जाए तो सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
3. व्याकरण की गलतियां:
- व्याकरण की गलतियों के कारण वाक्यों का अर्थ बदल सकता है।
- यदि व्याकरण की गलतियां हों तो सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
4. अस्पष्टता:
- यदि बात अस्पष्ट या अस्पष्ट हो तो उसका अर्थ समझने में मुश्किल हो सकती है।
- अस्पष्टता के कारण सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
5. गलतफहमी:
- यदि श्रोता वक्ता की बात को गलत समझ ले तो सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
- गलतफहमी के कारण सीधी बात भी टेढ़ी हो सकती है।
Q. 5. कैमरे में बन्द अपाहिज कविता के आधार पर संवेदनहीन मानवीय दृष्टिकोण के सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए ।
Ans. कैमरे में बंद अपाहिज कविता के आधार पर संवेदनहीन मानवीय दृष्टिकोण:
1. सहानुभूति की कमी:
- "कैमरे में बंद अपाहिज" कविता में, कवि एक अपाहिज व्यक्ति के दर्द और पीड़ा को दर्शाता है।
- समाज में अपाहिज व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति की कमी है।
- लोग अक्सर अपाहिज व्यक्तियों को कमजोर और असहाय समझते हैं।
2. भेदभाव और उपेक्षा:
- अपाहिज व्यक्तियों को अक्सर शिक्षा, रोजगार और अन्य अवसरों से वंचित रखा जाता है।
- उन्हें समाज में भेदभाव और उपेक्षा का सामना करना पड़ता है।
3. आत्म-केन्द्रित दृष्टिकोण:
- समाज में आत्म-केन्द्रित दृष्टिकोण का बोलबाला है।
- लोग अक्सर अपनी ही समस्याओं और चिंताओं में व्यस्त रहते हैं।
- उन्हें दूसरों के दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं होती।
4. संवेदनहीनता:
- समाज में संवेदनहीनता बढ़ रही है।
- लोग दूसरों की भावनाओं और अनुभवों के प्रति उदासीन हो रहे हैं।
- उन्हें दूसरों के लिए सहानुभूति और करुणा की कमी है।
5. मानवीय मूल्यों का ह्रास:
- समाज में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है।
- लोग स्वार्थी और लालची हो रहे हैं।
- उन्हें दूसरों की मदद करने की कोई इच्छा नहीं होती।
Q. 6. सूर्योदय के साथ उषा का जादू कैसे टूट जाता है ? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
Ans. सूर्योदय के साथ उषा का जादू कैसे टूट जाता है?
1. रंगों का परिवर्तन:
- उषाकाल में, आकाश नीले और गुलाबी रंगों से जगमगाता है।
- जैसे-जैसे सूर्योदय होता है, आकाश का रंग धीरे-धीरे नारंगी और पीले रंग में बदल जाता है।
- रंगों के इस परिवर्तन के साथ ही उषा का जादू टूट जाता है।
2. प्रकाश का प्रभाव:
- उषाकाल में, प्रकाश धीरे-धीरे बढ़ता है और वातावरण में एक रहस्यमयता होती है।
- सूर्योदय के साथ ही, प्रकाश तेज होता जाता है और वातावरण स्पष्ट हो जाता है।
- प्रकाश के इस प्रभाव के साथ ही उषा का जादू टूट जाता है।
3. प्रकृति का परिवर्तन:
- उषाकाल में, प्रकृति शांत और मौन होती है।
- सूर्योदय के साथ ही, पक्षी चहकने लगते हैं और हवा चलने लगती है।
- प्रकृति के इस परिवर्तन के साथ ही उषा का जादू टूट जाता है।
4. दिन की शुरुआत:
- उषाकाल को दिन की शुरुआत माना जाता है।
- सूर्योदय के साथ ही, दिन की गतिविधियां शुरू हो जाती हैं।
- दिन की शुरुआत के साथ ही उषा का जादू टूट जाता है।
Q. 7. जीर्ण शीर्ण शरीर वाले कौन लोग बादलों को बुलाते हैं? और क्यों ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. जीर्ण-शीर्ण शरीर वाले कौन लोग बादलों को बुलाते हैं और क्यों?
1. किसान:
- किसानों के लिए बारिश फसलों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।
- सूखे के समय, किसान बादलों को बुलाते हैं ताकि बारिश हो सके।
- जीर्ण-शीर्ण शरीर वाले किसान भी बादलों को बुलाते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बारिश उनके लिए जीवनदायी है।
2. वृद्ध लोग:
- वृद्ध लोगों को अक्सर यादें सताती हैं।
- वे अपने बचपन के दिनों को याद करते हैं जब वे बादलों को देखकर खुश होते थे।
- जीर्ण-शीर्ण शरीर वाले वृद्ध लोग भी बादलों को बुलाते हैं क्योंकि वे उनमें जीवन की उमंग और खुशी देखते हैं।
3. बीमार लोग:
- बीमार लोग अक्सर कमजोर और थके हुए होते हैं।
- उन्हें बारिश की ताजगी और ठंडक की जरूरत होती है।
- जीर्ण-शीर्ण शरीर वाले बीमार लोग भी बादलों को बुलाते हैं क्योंकि वे उनमें स्वास्थ्य और जीवन का संचार देखते हैं।
4. कवि और कलाकार:
- कवि और कलाकार प्रकृति से प्रेरणा लेते हैं।
- वे बादलों को देखकर अपनी कल्पनाओं को उड़ान देते हैं।
- जीर्ण-शीर्ण शरीर वाले कवि और कलाकार भी बादलों को बुलाते हैं क्योंकि वे उनमें रचनात्मकता और सौंदर्य देखते हैं।
Q. 8. “विविध विषमताओं से ग्रस्त कलिकाल तुलसी का युगीन यथार्थ है " कथन को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए ।
Ans. “विविध विषमताओं से ग्रस्त कलिकाल तुलसी का युगीन यथार्थ है" कथन को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए:
1. सामाजिक विषमता:
- तुलसीदास का युग सामाजिक विषमताओं से ग्रस्त था।
- जातिवाद, ऊंच-नीच, और लिंगभेद समाज में व्याप्त थे।
- तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में इन विषमताओं को उजागर किया है।
2. राजनीतिक अस्थिरता:
- तुलसीदास का युग राजनीतिक अस्थिरता का युग था।
- मुगल आक्रमणों के कारण देश में अशांति का माहौल था।
- तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में इस अस्थिरता का चित्रण किया है।
3. धार्मिक कट्टरता:
- तुलसीदास का युग धार्मिक कट्टरता का युग था।
- हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनाव का माहौल था।
- तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया है।
4. आर्थिक संकट:
- तुलसीदास का युग आर्थिक संकट का युग था।
- लगातार युद्धों और आक्रमणों के कारण देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई थी।
- तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में लोगों को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया है।
5. नैतिक पतन:
- तुलसीदास का युग नैतिक पतन का युग था।
- लोगों में भ्रष्टाचार, लालच, और अत्याचार बढ़ रहा था।
- तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में लोगों को सदाचारी जीवन जीने का संदेश दिया है।
Q. 9. "लक्ष्मण मूर्च्छा पर राम का विलाप" में तुलसीदास नारी के प्रति तत्कालीन समाज की मान्यताओं के प्रभाव से बच नहीं पाए है । सोदाहरण कथन को स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "लक्ष्मण मूर्च्छा पर राम का विलाप" में तुलसीदास नारी के प्रति तत्कालीन समाज की मान्यताओं के प्रभाव से बच नहीं पाए हैं:
1. सीता को दोष देना:
- जब लक्ष्मण मूर्च्छा में पड़ जाते हैं, तो राम सीता को दोष देते हैं।
- वे कहते हैं कि सीता के कारण ही लक्ष्मण मूर्च्छा में पड़े हैं।
- यह तत्कालीन समाज की मान्यता के अनुसार है कि स्त्री ही सभी बुराइयों की जड़ है।
2. सीता को कमजोर और असहाय दिखाना:
- जब लक्ष्मण मूर्च्छा में पड़ जाते हैं, तो सीता रोने लगती हैं।
- वे राम से मदद मांगती हैं।
- यह तत्कालीन समाज की मान्यता के अनुसार है कि स्त्री कमजोर और असहाय होती है।
3. सीता को पुरुषों पर निर्भर दिखाना:
- जब लक्ष्मण मूर्च्छा में पड़ जाते हैं, तो सीता राम से मदद मांगती हैं।
- वे खुद लक्ष्मण की मदद करने में सक्षम नहीं हैं।
- यह तत्कालीन समाज की मान्यता के अनुसार है कि स्त्री पुरुषों पर निर्भर होती है।
4. सीता को पतिव्रता के रूप में दिखाना:
- जब लक्ष्मण मूर्च्छा में पड़ जाते हैं, तो सीता राम से विनती करती हैं कि वे लक्ष्मण को बचाएं।
- वे कहती हैं कि यदि लक्ष्मण मर जाते हैं, तो वे भी मर जाएंगी।
- यह तत्कालीन समाज की मान्यता के अनुसार है कि स्त्री का जीवन पति के बिना अधूरा है।
Q. 10. बच्चे को लेकर माँ के किन किन क्रिया कलापो का चित्रण किया गया है? उनसे उसके किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. बच्चे को लेकर माँ के क्रिया-कलापों का चित्रण और उनसे अभिव्यक्त भाव:
1. स्तनपान:
माँ बच्चे को स्तनपान कराती है, जो ममत्व, स्नेह और प्रेम का प्रतीक है। यह बच्चे के प्रति माँ की देखभाल और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है।
2. गोद में उठाना:
माँ बच्चे को गोद में उठाती है, जो माँ के स्नेह और बच्चे के प्रति सुरक्षा की भावना को दर्शाता है। यह बच्चे को प्यार और स्वीकृति का अनुभव कराता है।
3. थपथपाना:
माँ बच्चे को थपथपाती है, जो माँ के स्नेह और बच्चे को शांत करने की भावना को दर्शाता है। यह बच्चे को सुरक्षित और प्यार महसूस कराता है।
4. गाना गाना:
माँ बच्चे के लिए गाना गाती है, जो माँ के स्नेह और बच्चे को मनोरंजन करने की भावना को दर्शाता है। यह बच्चे को खुशी और प्यार महसूस कराता है।
5. खेलना:
माँ बच्चे के साथ खेलती है, जो माँ के स्नेह और बच्चे के साथ जुड़ने की भावना को दर्शाता है। यह बच्चे को खुशी और प्यार महसूस कराता है।
Q. 11. "छोटा मेरा खेत" कविता के आधार पर खेत तथा कागज के पन्ने में जो समानता है, उसे स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "छोटा मेरा खेत" कविता में खेत और कागज के पन्ने में समानता:
1. रचनात्मकता का माध्यम:
- खेत और कागज के पन्ने दोनों रचनात्मकता के माध्यम हैं।
- किसान खेत में बीज बोकर फसल उगाता है, जो उसकी रचनात्मकता का प्रतीक है।
- लेखक कागज पर शब्द लिखकर रचनाएं लिखता है, जो उसकी रचनात्मकता का प्रतीक है।
2. कल्पना का फल:
- खेत और कागज के पन्ने दोनों कल्पना का फल हैं।
- किसान अपनी कल्पना से खेत में फसल उगाता है।
- लेखक अपनी कल्पना से कागज पर रचनाएं लिखता है।
3. मेहनत का परिणाम:
- खेत और कागज के पन्ने दोनों मेहनत का परिणाम हैं।
- किसान खेत में मेहनत करके फसल उगाता है।
- लेखक मेहनत करके कागज पर रचनाएं लिखता है।
4. जीवन का प्रतीक:
- खेत और कागज के पन्ने दोनों जीवन का प्रतीक हैं।
- खेत में फसल उगती है, जो जीवन का प्रतीक है।
- कागज पर शब्द लिखे जाते हैं, जो ज्ञान और जीवन का प्रतीक हैं।
Q. 12. "नभ में पांती बांधे बगुलो के पंख" से कवि का आशय स्पष्ट कीजिए ।
Ans. "नभ में पांती बांधे बगुलों के पंख" से कवि का आशय:
1. सौंदर्य का वर्णन:
कवि नभ में पांती बनाकर उड़ते बगुलों के पंखों को देखकर प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन करता है। बगुलों के सफेद पंख आकाश में बादलों के बीच तैरते हुए सौंदर्य का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
2. गति का वर्णन:
कवि बगुलों के पंखों की गति का वर्णन करता है। वे पंख हवा में तेज़ी से गति करते हुए एक सुंदर ताल बनाते हैं। यह गतिशीलता दृश्य को और भी आकर्षक बनाती है।
3. स्वतंत्रता का प्रतीक:
कवि बगुलों के पंखों को स्वतंत्रता का प्रतीक मानता है। वे पंख हवा में उड़ते हुए स्वतंत्रता और आकाश की ऊंचाइयों का प्रतीक बन जाते हैं।
4. कल्पनाशीलता का प्रतीक:
कवि बगुलों के पंखों को कल्पनाशीलता का प्रतीक मानता है। वे पंख कवि की कल्पना को उड़ान देते हैं और उसे नई रचनाओं के लिए प्रेरित करते हैं।
Q. 13. "भक्तिन संस्मरण" के आधार पर भक्तिन की विशेषताएँ लिखिए ।
Ans. "भक्तिन संस्मरण" के आधार पर भक्तिन की विशेषताएँ:
1. स्वाभिमानी:
भक्तिन एक स्वाभिमानी स्त्री थी। वह किसी भी परिस्थिति में झुकने को तैयार नहीं थी। जब उसके पति की मृत्यु हो गई, तो उसने अपने जेठ-जिठौतियों से डटकर मुकाबला किया।
2. मान-सम्मान का ध्यान रखने वाली:
भक्तिन मान-सम्मान का बहुत ध्यान रखती थी। वह हमेशा दूसरों के प्रति विनम्रता से पेश आती थी। वह अपने परिवार और समाज की प्रतिष्ठा का भी बहुत ध्यान रखती थी।
3. मेहनती एवं स्वावलम्बी:
भक्तिन एक मेहनती और स्वावलम्बी स्त्री थी। जब उसके पति की मृत्यु हो गई, तो उसने अपने बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए दिन-रात मेहनत की। उसने कभी भी किसी पर आश्रित नहीं रहना चाहा।
4. कर्त्तव्यपरायण:
भक्तिन एक कर्त्तव्यपरायण स्त्री थी। वह हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन करती थी। उसने अपने पति, बच्चों और परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों को बखूबी निभाया।
5. लगनशील:
भक्तिन एक लगनशील स्त्री थी। जब वह कोई काम करती थी, तो उसे पूरा करके ही दम लेती थी। वह अपने काम में पूरी लगन लगाती थी।
6. धार्मिक आस्था के साथ अन्धविश्वासी:
भक्तिन धार्मिक आस्था रखने वाली स्त्री थी। वह भगवान में गहरी आस्था रखती थी। लेकिन, वह थोड़ी अन्धविश्वासी भी थी। वह कुछ अंधविश्वासों में भी विश्वास रखती थी।
Q. 14. लेखक ने कैसे बाजार को मानवता के लिए विडंबना कहा है ? और क्यों ?
Ans. लेखक ने बाजार को मानवता के लिए विडंबना क्यों कहा है?
लेखक ने बाजार को मानवता के लिए विडंबना कहा है क्योंकि:
1. मानवीय मूल्यों का ह्रास:
बाजार में, मानवीय मूल्यों का ह्रास होता है। लोग केवल अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए चिंतित होते हैं। वे दूसरों की परवाह नहीं करते हैं।
2. प्रतिस्पर्धा और लालच:
बाजार में, प्रतिस्पर्धा और लालच बहुत अधिक होता है। लोग दूसरों से आगे निकलने के लिए गलत तरीकों का भी इस्तेमाल करते हैं।
3. असमानता:
बाजार में, असमानता बहुत अधिक होती है। कुछ लोग बहुत अमीर होते हैं, जबकि कुछ लोग बहुत गरीब होते हैं।
4. भौतिकवाद:
बाजार में, भौतिकवाद बहुत अधिक होता है। लोग केवल भौतिक चीजों को महत्व देते हैं। वे मानवीय मूल्यों को महत्व नहीं देते हैं।
5. पर्यावरणीय क्षति:
बाजार में, पर्यावरणीय क्षति बहुत अधिक होती है। लोग केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चिंतित होते हैं। वे पर्यावरण की परवाह नहीं करते हैं।
Q. 15. आजादी के 50 वर्षों के बाद भी लेखक क्यों दुखी है, उसके मन में कौनसे प्रश्न उठ रहे है ? "काले मेघा पानी दे" संस्मरण के आधार पर बताइए ।
Ans. "काले मेघा पानी दे" संस्मरण के आधार पर, आजादी के 50 वर्षों के बाद भी लेखक दुखी है और उसके मन में उठ रहे प्रश्नों का वर्णन:
1. आजादी के सपने अधूरे:
लेखक को लगता है कि आजादी के 50 वर्षों बाद भी, भारत के लोगों ने वह सब कुछ हासिल नहीं किया है जो उन्होंने आजादी के समय सपना देखा था। गरीबी, भ्रष्टाचार, और सामाजिक अन्याय जैसी समस्याएं अभी भी मौजूद हैं।
2. सामाजिक-आर्थिक असमानता:
लेखक समाज में बढ़ती सामाजिक-आर्थिक असमानता से दुखी है। अमीर और गरीब के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है।
3. राजनीतिक भ्रष्टाचार:
लेखक राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार से भी दुखी है। राजनेता अपने स्वार्थ के लिए जनता का शोषण कर रहे हैं।
4. सामाजिक कुरीतियाँ:
लेखक समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों से भी दुखी है। जातिवाद, धार्मिक कट्टरता, और लैंगिक भेदभाव जैसी समस्याएं अभी भी मौजूद हैं।
5. पर्यावरणीय क्षति:
लेखक पर्यावरणीय क्षति से भी दुखी है। प्रदूषण, जंगलों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
लेखक के मन में उठ रहे प्रश्न:
- क्या हमने सचमुच आजादी हासिल की है?
- क्या हमने वह सब कुछ हासिल किया है जो हमने आजादी के समय सपना देखा था?
- क्या हम एक बेहतर भारत बनाने में सफल होंगे?
Q. 16. गाँव में महामारी फैलने और अपने बेटों के देहांत के बावजूद लुट्टन पहलवान ढोलक क्यों बजाता रहा ? स्पष्ट कीजिए ।
Ans. 'ढोल' लुट्टन को प्रेरणा स्रोत लगता है। यही कारण है कि लुट्टन अपने बेटों को भी पहलवानी सिखाते समय ढोल बजाता है ताकि उसी की भांति वे भी ढोल से प्रेरणा लें। जब उसके गाँव में महामारी फैलती है, तो लोगों की दयनीय स्थिति उसे झकझोर देती है। वह ऐसे समय में ढोल बजाता है, जब मौत की अँधेरी छाया लोगों को भयभीत करके रखती है। रात का समय ऐसा होता है, जब गाँव में अशांति, भय, निराशा और मृत्यु का शोक पसरा रहता है। ऐसे में लुट्टन लोगों के जीवन में प्रेरणा भरता है। अपने बेटों की मृत्यु के समय तथा उनकी मृत्यु के बाद भी गाँव में ढोल बजाता है। उसकी ढोल की आवाज़ लोगों में जीवन का संचार करती है। उन्हें सहानुभूति का अनुभव होता है।
Q. 17. कालीदास ने शिरीष की कोमलता और द्विवेदी जी ने उसकी कठोरता के विषय में क्या कहा है? निबन्ध के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
Ans. कालीदास और द्विवेदी जी द्वारा शिरीष की कोमलता और कठोरता का वर्णन
कालिदास:
- कालिदास ने शिरीष के फूलों को कोमल बताया है।
- उनके अनुसार, शिरीष के फूल केवल भंवरों के पैरों का भार ही सहन कर सकते हैं, पक्षियों का नहीं।
- ऋतुसंहार में वे कहते हैं:
"न शक्यते शिरीषैर्भारो भ्रमरपादातिरिक्तः"
द्विवेदी जी:
- द्विवेदी जी कालिदास के मत से असहमत हैं।
- उनका मानना है कि शिरीष के फूलों को कोमल मानना बड़ी भूल है।
- शिरीष के फूल इतने मजबूत होते हैं कि नए फूलों के निकल आने पर भी स्थान नहीं छोड़ते।
- "शिरीष के फूल" निबंध में वे कहते हैं:
Q. 18. "जाति-प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का कारण कैसे बनती रही है" ? पाठ के आधार पर स्पष्ट किजिए
Ans. "जाति-प्रथा भारतीय समाज में बेरोजगारी व भुखमरी का कारण कैसे बनती रही है"पाठ के आधार पर:
- जाति-प्रथा ने भारतीय समाज को विभाजित किया है।
- ऊंची जाति के लोगों को निम्न जाति के लोगों के साथ काम करने में शर्म आती है।
- निम्न जाति के लोगों को शिक्षा और रोजगार के अवसर नहीं मिलते हैं।
- भुखमरी निम्न जाति के लोगों में सामान्य है।
पाठ में दिए गए कुछ उदाहरण:
- ऊंची जाति के लोग निम्न जाति के लोगों को अपने घरों में काम करने के लिए नहीं रखते हैं।
- निम्न जाति के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं मिलता है।
- निम्न जाति के लोगों को शिक्षा के लिए ऋण नहीं मिलता है।
Q. 19. सिल्वर वैडिंग कहानी आधुनिक पारिवारिक मूल्यों के विघटन का यथार्थ चित्रण है। उदाहरण सहित कथन की विवेचना कीजिए ।
Ans. सिल्वर वैडिंग कहानी में आधुनिक पारिवारिक मूल्यों का विघटन:
विवेचना:
- सिल्वर वैडिंग कहानी आधुनिक पारिवारिक मूल्यों के विघटन का यथार्थ चित्रण करती है।
- युवा पीढ़ी पारंपरिक मूल्यों को नहीं मानती है।
- बच्चों का अपने माता-पिता के प्रति सम्मान नहीं है।
- पति-पत्नी के बीच तालमेल नहीं है।
उदाहरण:
- कहानी के मुख्य पात्र यशोधर और मंजुला की 25वीं शादी की सालगिरह है।
- यशोधर पारंपरिक मूल्यों को मानता है, जबकि मंजुला आधुनिक विचारों वाली है।
- उनके बच्चे अपने माता-पिता की सलाह नहीं लेते हैं।
- मंजुला अपने पति से बोर हो चुकी है।
Q. 20. "आज भी समाज को दत्ता जी राव जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है वर्तमान की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कथन की पुष्टि कीजिए ।
Ans. आज भी समाज को दत्ता जी राव जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है: पुष्टि
वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए:
- सामाजिक बुराइयाँ: जातिवाद, लिंगभेद, भ्रष्टाचार, सामाजिक अन्याय, आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं आज भी समाज में व्याप्त हैं।
- नैतिक मूल्यों का ह्रास: व्यक्तिवाद, भौतिकवाद, उपभोक्तावाद, स्वार्थ, लालच जैसी प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं।
- शिक्षा का स्वरूप: शिक्षा व्यवस्था व्यावहारिकता, कौशल विकास और मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने में पीछे है।
- राजनीतिक अस्थिरता: राजनीतिक दल स्वार्थी हितों में लिप्त हैं, सामाजिक मुद्दों की उपेक्षा करते हैं।
- नैतिक नेतृत्व का अभाव: समाज में प्रेरणादायक, दूरदर्शी, निस्वार्थ नेताओं की कमी है।
दत्ता जी राव जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता:
- सामाजिक सुधार: दत्ता जी राव सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने, सामाजिक न्याय और समानता स्थापित करने के लिए प्रेरित करेंगे।
- नैतिक मूल्यों का पुनरुत्थान: वे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में नैतिकता, त्याग, सहयोग, सद्भावना को बढ़ावा देंगे।
- शिक्षा में सुधार: वे शिक्षा को व्यावहारिक, कौशल-उन्मुख और मूल्य-आधारित बनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
- राजनीतिक सुधार: वे राजनीतिक दलों को सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने, भ्रष्टाचार को मिटाने और accountable बनाने के लिए प्रेरित करेंगे।
- नैतिक नेतृत्व: वे युवाओं को प्रेरणा देंगे, उन्हें देश और समाज के लिए योगदान करने के लिए प्रेरित करेंगे।
-
ये भी पढ़े -
RBSE 12th Project Work 2023-24 : राजस्थान बोर्ड कक्षा 12वी प्रोजेक्ट कार्य जारी; विषयवार PDF डाउनलोड करें
--
Rajasthan Board Class 12th Study Material
Rajasthan Board Study Material | |
Rajasthan Board Class 12 Syllabus 2022-23 | RBSE Textbook Solutions |
Rajasthan Board Class 12th Model Paper | RBSE Previous Year Question Papers |