Question 1 5 / -1
Directions For Questions
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए
मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।
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किसके अनुसार नए के आने पर पुराने को जाने का अधिकार होता है ?
Solution
तुलसीदास के अनुसार नए के आने पर पुराने को जाने का अधिकार होता है।
गद्यांश के अनुसार:- तुलसीदास ने बताया है कि शिरीष के नए फल व पत्ते नवीनता के परिचायक हैं तथा पुराने फल प्राचीनता के । नयी पीढ़ी प्राचीन रूढ़िवादिता को धकेलकर नव-निर्माण करती है। यही संसार का नियम है। Key Points तुलसीदास:-
इनका जन्म राजापुर जिला बाँदा (वर्तमान में चित्रकूट) में हुआ हैं। राजापुर उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला के अंतर्गत स्थित एक गाँव है। गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। गोस्वामी तुलसीदास की प्रामाणिक रचनाएं- रामललानहछू, वैराग्य-संदीपनी, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली, हनुमान चालीसा आदि।
Additional Information कालिदास:-
वे एक कवि और नाटककार के साथ-साथ संस्कृत भाषा के प्रखंड विद्वान भी थे। कालिदास ने भारत के प्राचीन दर्शन और पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएँ लिखी।वे अपनी अलंकारयुक्त सुन्दर और सरल भाषा के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं, उनको शेक्सपियर ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। लेखक:-
किसी कृति का रचयिता, साहित्यकार, सृजनकार। 'लेखक' शब्द का स्त्रीलिंग 'लेखिका' होगा।वात्स्यायन:-
वात्स्यायन या मल्लंग वात्स्यायन भारत के एक प्राचीन दार्शनिक थे।जिनका समय गुप्तवंश के समय (6 वीं शताब्दी से 8 वीं शताब्दी ) माना जाता है। उन्होने कामसूत्र एवं न्यायसूत्रभाष्य की रचना की। महर्षि वात्स्यायन ने कामसूत्र में न केवल दाम्पत्य जीवन का शृंगार किया है वरन कला, शिल्पकला एवं साहित्य को भी संपदित किया है।
Question 2 5 / -1
Directions For Questions
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए
मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।
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लेखक के अनुसार जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य क्या हैं?
Solution
लेखक के अनुसार जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य जरा और मृत्य हैं।
गद्यांश के अनुसार:- जीवन का सत्य है- जरा (वृद्धावस्था) व मृत्यु। ये दोनों जगत के अतिपरिचित व अतिप्रामाणिक सत्य हैं। इनसे कोई बच नहीं सकता। Key Points
जरा- बुढ़ापा, वृद्धावस्था, बुढ़ापे में होनेवाली कमज़ोरी।मृत्यु- शरीर से जीवात्मा का वियोग, मौत, मरण।Additional Information सुख:-
अर्थ: चैन, अमन, चैन, शांति, अमन, सुकून। विलोम शब्द- 'दुःख' अर्थ: पीड़ा, कष्ट, व्यथा, वेदना, संताप, संकट। अमृत:-
अर्थ: सुरभोग, सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक, देवाहार विलोम शब्द- ' विष' अर्थ: ज़हर, हलाहल, गरल, कालकूट। प्राचीन:-
अर्थ: जो पूर्व काल में उत्पन्न हुआ हो, पूर्वकालीन, पुराना, भूतकालीन, पूरातन। विलोम शब्द- 'नवीन' अर्थ: आधुनिक, अर्वाचीन, वर्तमानकालीन, नया, नूतन, नव
Question 3 5 / -1
Directions For Questions
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए
मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।
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'जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना' यह पंक्ति किसने कही थी?
Solution
'जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना' यह पंक्ति तुलसीदास ने कही थी।
गद्यांश के अनुसार:- शिरीष के फूलों के सम्बन्ध में तुलसीदास जी ने कहा है-“धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा जो बरा सो बताना’ अर्थात् जो फूल फलता है वही अवश्य कुम्हलाकर झड़ जाता है। कुम्हलाने के पश्चात पुनः विकसित हो जाता है। Key Points तुलसीदास:-
इनका जन्म राजापुर जिला बाँदा (वर्तमान में चित्रकूट) में हुआ हैं। राजापुर उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला के अंतर्गत स्थित एक गाँव है। गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। गोस्वामी तुलसीदास की प्रामाणिक रचनाएं- रामललानहछू, वैराग्य-संदीपनी, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली, हनुमान चालीसा आदि।
Additional Information वाल्मीकि:-
वाल्मीकि जी संस्कृत भाषा के आदि कवि और आदि काव्य 'रामायण' के रचयिता के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। महर्षि वाल्मीकि नें महाकाव्य रामायण की रचना संस्कृत भाषा में की थी। वाल्मीकि नें भगवान श्री राम के जीवनचरित्र पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना की। रामायण में भगवान वाल्मीकि ने 24000 श्लोकों में श्रीराम उपाख्यान ‘रामायण’ लिखी। कालिदास:-
वे एक कवि और नाटककार के साथ-साथ संस्कृत भाषा के प्रखंड विद्वान भी थे। कालिदास ने भारत के प्राचीन दर्शन और पौराणिक कथाओं को आधार बनाकर रचनाएँ लिखी।वे अपनी अलंकारयुक्त सुन्दर और सरल भाषा के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं, उनको शेक्सपियर ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। लेखक:-
किसी कृति का रचयिता, साहित्यकार, सृजनकार। 'लेखक' शब्द का स्त्रीलिंग 'लेखिका' होगा।
Question 4 5 / -1
Directions For Questions
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए
मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।
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गद्यांश में महाकाल देवता द्वारा सपासप क्या चलाने की बात कही गई है?
Solution
गद्यांश में महाकाल देवता द्वारा सपासप कोड़े चलाने की बात कही गई है।
गद्यांश के अनुसार:- महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। Key Points
Additional Information डंडा:-
अर्थ: दस्ता, हस्था, मुठिया।घोड़ा:-
अर्थ: अश्व, घोटक, तुरंग, तुरग, बाजि, वाजि, सैंधव, हय।हाथी:-
अर्थ: ग ज, हस्ती, मतंग, कुम्भी, मदकल, गजेन्द्र, कुंजर, द्विप, वारण, करीश।
Question 5 5 / -1
Directions For Questions
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए
मैं सोचता हूँ कि पुराने की यह अधिकार-लिप्सा क्यों नहीं समय रहते सावधान हो जाती? जरा और मृत्यु, ये दोनों ही जगत के अतिपरिचित और अतिप्रामाणिक सत्य हैं। तुलसीदास ने अफसोस के साथ इनकी सच्चाई पर मुहर लगाई थी - 'धरा को प्रमान यही तुलसी जो फरा सो झरा, जो बरा सो बुताना!’ मैं शिरीष के फूलों को देखकर कहता हूँ कि क्यों नहीं फलते ही समझ लेते बाबा कि झड़ना निश्चित है। सुनता कौन है? महाकालदेवता सपासप कोड़े चला रहे हैं, जीर्ण और दुर्बल झड़ रहे हैं, जिनमें प्राणकण थोड़ा भी ऊँर्ध्वमुखी है, वे टिक जाते हैं। दुरंत प्राणधारा और सर्वव्यापक कालाग्नि का संघर्ष निरंतर चल रहा है। मूर्ख समझते हैं कि जहाँ बने हैं, वहीं देर तक बने रहें तो शायद कालदेवता की आँख से बच जाएँगे। भोले हैं वे I हिलते-डुलते रहो, स्थान बदलते रहो, आगे की ओर मुँह किए रहो तो कोड़े की मार से बच भी सकते हो। जमे कि मरे।
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शिरीष के फूल को देखकर लेखक क्या सोचता है ?
Solution
शिरीष के फूल को देखकर लेखक सोचता है- संसार में कोई अमर नहीं है
गद्यांश के अनुसार:- शिरीष के फूलों को देखकर लेखक कहता है कि इन्हें फूलते ही यह समझ लेना चाहिए कि झड़ना निश्चित है। अर्थात संसार में कोई अमर नहीं है Key Points
संसार- लोक, जग, जहान, भूमण्डल, दुनियाँ, भव, जगत, विश्व।अमर- चिरंजीवी, अनश्वर, अजर, शाश्वत,अविनाशी, अमर्त्य। Additional Information फूल:-
अर्थ: पुष्प, सारंग, कुसुम, सुमन, गुल।कोमल:-
अर्थ: नाज़ुक, नरम, सुकुमार, मुलायम, मृदु।शिरीष:-
एक प्रकार का ऊँचा वृक्ष जो शीशम के समान होता है शिरीष तीव्र गति से बढ़ने वाला एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके तीन प्रकार पाए जाते हैं। शिरीष काला (लाल) , शिरीष पीला एवं शिरीष सफ़ेद। शिरीष मध्यम आकार का सघन छायादार पेड़ है, जो सम्पूर्ण भारत के गर्म प्रदेशों में एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 8 हज़ार फुट की ऊँचाई तक पाया जाता है।
Question 6 5 / -1
Directions For Questions
नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।
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प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र ____ काल है।
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "प्राचीन हिन्दू" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिंदू काल है। गद्यांश से "प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राची हिंदू काल है और प्रेमी जी का मुस्लिम काल है।" Additional Information प्राचीन प्राचीन का समानार्थी शब्द प्राचीन का विलोम
Question 7 5 / -1
Directions For Questions
नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।
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निम्न में से कौन सामाजिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख है?
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उपेन्द्रनाथ अश्क़" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार उपेंद्रनाथ अश्क सामाजिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख हैं। गद्यांश से "सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मी नारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं।" Additional Information
Question 8 5 / -1
Directions For Questions
नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।
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छायावादी काल में कैसे नाटकों की प्रधानता रही?
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ऐतिहासिक" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटकों की प्रधानता रही। गद्यांश से "छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही।" Additional Information छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की काव्य-धारा है। मुकुटधर पाण्डेय ने श्री शारदा पत्रिका में एक निबंध प्रकाशित किया जिस निबंध में उन्होंने छायावाद शब्द का प्रथम प्रयोग किया। कृति प्रेम, नारी प्रेम, मानवीकरण, सांस्कृतिक जागरण, कल्पना की प्रधानता आदि छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएं हैं।
Question 9 5 / -1
Directions For Questions
नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।
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महात्मा ईसा नाटक किसने लिखा?
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "उग्र" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार महात्मा ईसा नाटक "उग्र" ने लिखा है। गद्यांश से "उग्र ने महात्मा ऐसा नामक साहस पूर्ण नाटक लिखा है।" Additional Information "उग्र" का पूरा नाम पांडे बेचैन शर्मा उग्र है। नाटक पुल्लिंग साहित्य रंगमंच पर अभिनय की जा सकने योग्य रचना। अभिनय, ड्रामा।
Question 10 5 / -1
Directions For Questions
नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
छायावादी काल में ऐतिहासिक नाटक लिखने की धूम रही। जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरिकृष्ण प्रेमी, गोविंद बल्लभ पंत, सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे। 'उग्र' ने महात्मा ईसा नामक साहसपूर्ण नाटक लिखा। सामाजिक समस्याओं पर नाटक लिखने वालों में लक्ष्मीनारायण मिश्र, उपेंद्रनाथ अश्क तथा भुवनेश्वर प्रमुख हैं। डॉ. रामकुमार वर्मा ने ऐतिहासिक और सामाजिक दोनों प्रकार के नाटक लिखे। इसी समय एकांकियों का भी प्रचलन हुआ और रेडियो नाटक का भी। प्रसाद जी के नाटकों का क्षेत्र प्राचीन हिन्दूकाल है और प्रेमी जी का मुस्लिमकाल।
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निम्न में से कौन ऐतिहासिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख हैं?
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "जयशंकर प्रसाद" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points ऐतिहासिक नाटक लिखने वालों में प्रमुख जयशंकर प्रसाद हैं। "जयशंकर प्रसाद के अतिरिक्त हरि कृष्ण प्रेमी गोविंद बल्लभ पंत सेठ गोविंद दास आदि ने ऐतिहासिक नाटक लिखे हैं।" Additional Information ऐतिहासिक विशेषण इतिहास से संबंध रखनेवाला। ऐतिहासिक
Question 11 5 / -1
Directions For Questions
दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?
चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा।
निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।
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उपरोक्त गद्यांश के अनुसार लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव के सन्दर्भ में किस वर्ष में चुनाव एक साथ नही हुऐ थे?
Solution
उपरोक्त गद्यांश के अनुसार लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव के सन्दर्भ में 2009 वर्ष में चुनाव एक साथ नही हुऐ थे।
गद्यांश के अनुसार:- बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। Key Points लोकसभा:-
लोकसभा, संवैधानिक रूप से लोगों का सदन , भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं, वे पांच साल तक या जब तक राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री परिषद् की सलाह पर सदन को भंग नहीं कर देते, तब तक वे अपनी सीटों पर बने रहते हैं। सदन संसद भवन, नई दिल्ली के लोकसभा कक्ष में मिलता है। भारत के संविधान द्वारा आवंटित सदन की अधिकतम सदस्यता 552 है ।वर्तमान में, सदन में 543 सीटें हैं जो अधिकतम 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनती हैं। विधानसभा:-
Question 12 5 / -1
Directions For Questions
दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?
चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा।
निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।
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उपरोक्त गद्यांश के अनुसार हाल की में कौन-सी लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए है?
Solution
उपरोक्त गद्यांश के अनुसार हाल की में लोकसभा के चुनाव संपन्न हुए है- '17 वीं'
गद्यांश के अनुसार:- 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा। Key Points '17 वीं' लोकसभा के चुनाव:-
सत्रहवीं लोक सभा के गठन के लिए भारतीय आम चुनाव, देशभर में 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच 7 चरणों में अयोजित कराये गये।चुनाव के परिणाम 23 मई को घोषित किये, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने 303 सीटों पर जीत हासिल की, और अपने पूर्ण बहुमत बनाये रखा और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 353 सीटें जीतीं।भाजपा ने 37.36% वोट हासिल किए, जबकि एनडीए का संयुक्त वोट शेयर 60.37 करोड़ वोटों का 45% था। कांग्रेस पार्टी ने 52 सीटें जीतीं और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 92 सीटें जीतीं।अन्य दलों और उनके गठबंधन ने भारतीय संसद में 97 सीटें जीतीं।
Question 13 5 / -1
Directions For Questions
दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?
चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा।
निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।
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उपरोक्त गद्यांश के अनुसार किस वर्ष में पहली बार लोकसभा चुनाव समय से पहले हो गए थे?
Solution
उपरोक्त गद्यांश के अनुसार 1971 वर्ष में पहली बार लोकसभा चुनाव समय से पहले हो गए थे।
गद्यांश के अनुसार:- वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं । Key Points लोकसभा:-
लोकसभा, संवैधानिक रूप से लोगों का सदन , भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं, वे पांच साल तक या जब तक राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री परिषद् की सलाह पर सदन को भंग नहीं कर देते, तब तक वे अपनी सीटों पर बने रहते हैं। सदन संसद भवन, नई दिल्ली के लोकसभा कक्ष में मिलता है। भारत के संविधान द्वारा आवंटित सदन की अधिकतम सदस्यता 552 है ।वर्तमान में, सदन में 543 सीटें हैं जो अधिकतम 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनती हैं।
Question 14 5 / -1
Directions For Questions
दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?
चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा।
निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।
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उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है-
Solution
उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है- 'एक देश-एक चुनाव'
गद्यांश के अनुसार:- हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है। Key Points
चुनाव- पद के लिए उम्मीदवारों में से बहुमत के आधार पर चुनना।देश- मुल्क, राष्ट्र, प्रांत, प्रदेशAdditional Information अत्यधिक:-
अति + अधिक = अत्यधिक (इ + अ = य) यण् संधि 'अति' (ज्यादा) उपसर्ग और ' अधिक' मूल शब्दअर्थ: ज़रूरत से ज़्यादा, बहुत ही अधिक।विलोम शब्द- 'अत्यल्प' खर्च:-
अर्थ: व्यय, खपत, इस्तेमाल, उपयोग।विलोम शब्द- 'बचत' लोकसभा:-
लोकसभा, संवैधानिक रूप से लोगों का सदन , भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं, वे पांच साल तक या जब तक राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री परिषद् की सलाह पर सदन को भंग नहीं कर देते, तब तक वे अपनी सीटों पर बने रहते हैं। सदन संसद भवन, नई दिल्ली के लोकसभा कक्ष में मिलता है। भारत के संविधान द्वारा आवंटित सदन की अधिकतम सदस्यता 552 है ।वर्तमान में, सदन में 543 सीटें हैं जो अधिकतम 543 निर्वाचित सदस्यों के चुनाव से बनती हैं।
Question 15 5 / -1
Directions For Questions
दिये गए गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों का उत्तर दीजिये।
बेशक यह मुद्दा आज बहस के केंद्र में है, लेकिन विगत में 1952, 1957, 1962, 1967 में ऐसा हो चुका है, जब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ करवाए गए थे। यह क्रम तब टूटा जब 1968-1969 में कुछ राज्यों की विधानसभाएँ विभिन्न कारणों से समय से पहले भंग कर दी गईं। वर्ष 1971 में पहली बार लोकसभा चुनाव भी समय से पहले हो गए थे। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब इस प्रकार चुनाव पहले भी करवाए जा चुके हैं तो अब क्या समस्या है?
चुनावों को लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। अगर हम देश में होने वाले चुनावों पर नज़र डालें तो पाते हैं कि हर वर्ष किसी-न-किसी राज्य में चुनाव होते रहते हैं। चुनावों की इस निरंतरता के कारण देश लगातार चुनावी मोड में बना रहता है। इससे न केवल प्रशासनिक और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं बल्कि देश के खजाने पर भी भारी बोझ पड़ता है। हाल ही में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक अनुमान के अनुसार, 60 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया और लगभग तीन महीने तक देश चुनावी मोड़ में रहा।
निश्चित ही ऐसी परिस्थितियों में 'एक देश-एक चुनाव' विचार पहली नज़र में अच्छा प्रतीत होता है, पर यह व्यावहारिक है या नहीं, इस पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। बेशक बार-बार होने वाले चुनावों के बजाय एक स्थायित्व वाली सरकार बेहतर होती है, लेकिन इसके लिये सबसे ज़रुरी है आम सहमति का होना और यह कार्य बेहद मुश्किल है। राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।
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उपरोक्त गद्यांश के अनुसार 'एक देश-एक चुनाव' की सर्वसम्मति के लिए कितने बहुमत की आवश्यकता होती है?
Solution
उपरोक्त गद्यांश के अनुसार 'एक देश-एक चुनाव' की सर्वसम्मति के लिए कितने बहुमत की आवश्यकता होती है-
गद्यांश के अनुसार:- राजनितिक सर्वसम्मति के अभाव में संविधान में आवश्यक संशोधन करना संभव नहीं होगा, क्योंकि इसके लिये दो-तिहाई बहुमत की ज़रूरत पड़ेगी, जो कि बिना आम सहमति के नहीं किया जा सकता।Key Points बहुमत:-
अर्थ: सामान्यतः जो प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त करता है उसे ' बहुमत ' कहते हैं।आवश्यकता:-
आवश्यक + ता = आवश्यकता 'आवश्यक' मूल शब्द और 'ता' प्रत्यय अर्थ: आवश्यक होने की अवस्था, ज़रूरत।पूर्ण:-
अर्थ: पूर्णतः भरा हुआ, पूरी तरह से युक्त। विलोम शब्द- 'अ पूर्ण' विशेषण शब्द
Question 16 5 / -1
“चाँदी का जूता” मुहावरे का अर्थ है
Solution
“चाँदी का जूता” मुहावरे का अर्थ है: घूस
वाक्य प्रयोग : सरकारी दफ्तर में कुछ चाँदी का जूता लिए बगैर काम नही करते हैं जी की गलत बात है। Key Points
गंगा गए गंगादास, जमुना गए जमुनादास– अवसर की तलाश करना। गए रोज छुड़ाने, नमाज गले पड़ी– एक मुसीबत से छुटकारा पाने में दूसरी आ जाना। गरीब की जोरू, सब की भौजाई– कमजोर व्यक्ति की चीजों पर सबका अधिकार।घर में नहीं दाने, अम्मा चलीं भुनाने– अपने पास योग्यता नहीं होने पर भी कार्य को करना। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे– अपनी गलती होने पर दुसरो की बताना। एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी– गलती करने पर नहीं मानना। न खुदा ही मिला न विसाले सनम– दोनों तरफ से फायदा नहीं होना।
Question 17 5 / -1
'पानी न बरसता तो धान सूख जाता' यह वाक्य हैः
Solution
पानी न बरसता तो धान सूख जाता' यह ' संकेतवाचक वाक्य' है, इस वाक्य में दूसरा वाक्य पहले वाक्य पर निर्भर कर रहा है मतलब अगर बरसात होगी तभी धान अच्छी होगी नहीं तो सूख जाती।Key Points जब एक वाक्य दूसरे वाक्य पर निर्भर हो तो वो संकेतवाचक वाक्य कहलाता है।
जैसे तुम जाओगे तभी मै जाऊंगा। Additional Information अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं
वाक्य भेद
परिभाषा
उदाहरण
विधानवाचक वाक्य
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।
भारत एक देश है।
निषेधवाचक वाक्य
जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
मैंने दूध नहीं पिया।
प्रश्नवाचक वाक्य
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।
भारत क्या है?
आज्ञावाचक वाक्य
वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना किया जाता है, वह आज्ञावाचक वाक्य कहलाता हैं।
कृपया बैठ जाइये।
विस्मयादिबोधक वाक्य
वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं।
अहा! कितना सुन्दर उपवन है।
इच्छावाचक वाक्य
जिन वाक्यों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
नववर्ष मंगलमय हो।
संकेतवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
सोनु उधर रहता है।
संदेहवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
क्या वह यहाँ आ गया ?
Important Points
वाक्य की परिभाषा
शब्दों का ऐसा समूह जिसका जिसका कोई भाव/अर्थ प्रकट होता है,वाक्य कहलाता है
जैसे - राम खाना खाता है।
Question 18 5 / -1
तैरती चलती है इसलिए नाव को ______ कहते है। रिक्त स्थान में निम्नलिखित में से कौन सा शब्द आएगा?
Solution
दिए गए विकल्पों में से वाक्य के रिक्त स्थान के लिए उचित शब्द ‘तरणी’ है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 2 ‘तरणी’ होगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण उत्तर हैं।
Key Points
'तरणी' का अर्थ - नाव, नौका वाक्य - तैरती चलती है इसलिए नाव को तरणी कहते है।अन्य सभी विकल्पों में वर्तनीगत अशुद्धि है। Additional Information
वर्तनी
लिखने की रीति को वर्तनी कहते हैं। ‘वर्तनी’ शब्द का अर्थ ‘पीछे चलना’ है। अर्थात उच्चारित होने वाले शब्द के लेखन में प्रयोग होने वाले लिपि चिह्नों के व्यवस्थित रूप को वर्तनी कहा जाता है।
Question 19 5 / -1
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो I
अकेला चना भाड नहीं फोड़ता -
Solution
'अकेला चना भाड नहीं फोड़ता' लोकोक्ति का सही अर्थ - 'अकेला मनुष्य अपने दम पर किसी बड़े काम को अंजाम नहीं दे सकता'
वाक्य प्रयोग- मैं जानता हूँ कि 'अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता' फिर भी जो काम अपने करने का है, वह जरूर करूँगा।Key Points
लोक + उक्ति = लोकोक्ति लोकोक्ति का अर्थ है, ' लो क की उक्ति' अर्थात जन–कथन या कहावत। लोकोक्तियाँ अथवा कहावततें लोक–जीवन की किसी घटना या अन्तर्कथा से जुड़ी रहती हैं।इनका जन्म लोक-जीवन मे ही होता है। लोकोक्तियाँ दिखने मे छोटी लगती हैं, परन्तु उनमे अधिक भाव रहता है। Additional Information कुछ महत्वपूर्ण लोकोक्ति, अर्थ और वाक्य प्रयोग:-
अन्धा क्या चाहे दो आँखें- मनचाही बात हो जानावाक्य प्रयोग- अभी मैं विद्यालय से अवकाश लेने की सोच ही रही थी कि मेघा ने मुझे बताया कि कल विद्यालय में अवकाश है। यह तो वही हुआ- 'अन्धा क्या चाहे दो आँखें।' अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा- जहाँ मालिक मूर्ख हो वहाँ सद्गुणों का आदर नहीं होता।वाक्य प्रयोग- मनोज की कंपनी में चपरासी और मैनेजर का वेतन बराबर है, वहाँ तो कहावत चरितार्थ होती है कि 'अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी टका सेर खाजा।' अक्ल बड़ी की भैंस- शारीरिक शक्ति की अपेक्षा बुद्धि अधिक बड़ी होती हैवाक्य प्रयोग- तुम्हारे इस काम को देखकर मुझे 'अक्ल बड़ी की भैंस' वाली कहावत याद आ गई।आम के आम गुठलियों के दाम- दोहरा फायदा होनावाक्य प्रयोग- रमेश ने साल भर पुरानी पुस्तकों से पढ़ाई करने के बाद उन्हें बेच दिया. इसी को तो कहते हैं- 'आम के आम गुठलियों के दाम' ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया- संसार में कहीं समानता नहीं हैवाक्य प्रयोग- मुंबई में बाढ़ के हालात हैं और हमारे गाँव में सूखा पड़ा हुआ है. सच है- 'ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया'
Question 20 5 / -1
'लंगोटी में फाग खैलना' का अर्थ हैः
Solution
'लंगोटी में फाग खैलना' मुहावरे का अर्थ है- दरिद्रता में आनन्द लेना Key Points
मुहावरे
अर्थ
वाक्य प्रयोग
लंगोटी में फाग खेलना
दरिद्रता में आनन्द लेना
भोला को दो समय की रोटी भी नहीं मिलती है लेकिन फिर भी लंगोटी में फाग खेलना है।
मुहावरे
अर्थ
वाक्य प्रयोग
तपस्या करना
तप करना
प्राचीन काल में ऋषि-मुनि तपस्या करते थे।
ब्रहाचारी होना।
आजेवन शादी न करना
हनुमान जी ब्रह्मचारी होकर भी बुद्धिमान और शक्तिशाली थे।
Additional Information
मुहावरा परिभाषा
उदाहरण
ऐसे वाक्यांश, जो सामान्य अर्थ का बोध न कराकर किसी विलक्षण अर्थ की प्रतीति कराये, मुहावरा कहलाता है।
अंक भरना- स्नेह से लिपटा लेना
वाक्य - माँ ने स्नेह से अपने पुत्र को अंक में भर लिया।
Question 21 5 / -1
'मैने ______ में सोचा कि भला ऐसा क्यों होता है। - उचित रिक्त स्थान भरिए।
Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 'मन' होगा। अन्य विकल्प इसके त्रुटिपूर्ण उत्तर हैं।
Key Points
दिए गए रिक्त स्थान में उचित शब्द 'मन' होगा। पूर्ण वाक्य - मैंने मन में सोचा कि भला ऐसा क्यों होता है। अन्य विकल्प अर्थ कि दृष्टि से यहाँ अनुचित होंगे। अन्य विकल्प:
अंत:करण - जिससे व्यक्ति उचित और अनुचित का निर्णय करता है। चित्त - मन में ध्यान बना रहना। आत्मा - ज्ञानयुक्त प्रयत्नशील चेतन सत्ता से है और इससे भिन्न गुण वाले अचेतन पदार्थ को प्रकृति कहते हैं। Additional Information
सामान्य ज्ञान की रिक्त स्थान पूर्ति अभ्यास का मूल उद्देश्य ज्ञान वर्धन करना है। साथ ही शब्दों के उचित प्रयोग की जानकारी अर्जित करना है।
Question 22 5 / -1
'तालाब में पंकज खिलते हैं' I रेखांकित शब्द का समास होगा :
Solution
'तालाब में पंकज खिलते हैं' I रेखांकित शब्द का समास होगा-बहुब्रीहि समास ।
Key Points वाक्य में रेखांकित शब्द पंकज में बहुव्रीहि समास है। इसका समास विग्रह पंक कीचड़ में उगने वाला अर्थात कमल पंकज होगा। इस समास में कोई भी शब्द प्रधान नहीं है बल्कि ये शब्द तीसरे पद की ओर संकेत कर रही है इसलिए ये बहुव्रीहि समास होगा। Additional Information बहुब्रीहि समास
बहुब्रीहि समास -जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है, उसे बहुब्रीहि समास कहते है। जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण। मृत्युञ्जय – मृत्यु को जीतने वाला अर्थात् शंकर। मुरारि – वह जो मुर राक्षस का शत्रु है अर्थात् कृष्ण। सहस्रकर – सहस्र है कर जिसके। द्विगु समास
वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और अन्य सभी पद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करवाते हो, उन वाक्यों को द्विगु समास कहा जाता है। यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद संख्यावाचक शब्द हो एवं द्वितीय पद संज्ञा शब्द हो तथा समस्त पद समूह का बोध करवाए तो उसे द्विगु समास कहते हैं। दोराहा = दो राहों का समाहार। त्रिभुज = तीन भुजाओं का समाहार। त्रिरत्न = तीन रत्नों का समूह। बहुब्रीहि समास
जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है। यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है, उनको बहुव्रीहि समास कहा जाता है। नाकपति- वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है- इन्द्र विषधर- विष को धारण करने वाला- साँप व्रजायुध- वह जिसके वज्र का आयुध है- इन्द्र द्वन्द्व समास
ऐसे समास शब्द जिनमें समस्त या दोनों पद प्रधान हो और जब उन शब्दों का समास किया जाता है तो दोनों पदों को मिलाते समय और, अथवा, या, एवं इत्यादि योजक शब्दों का उपयोग होता है, उस समास द्वंद समास कहा जाता है। ऊंच-नीच, खरा-खोटा, रूपया-पैसा, मार-पीट, माता-पिता, दूध-दही इत्यादि समस्त्पदों में दोनों ही पद प्रधान हैं एवं जब दोनों पदों को जोड़ा जाता है तब बीच में से 'और' योजक लुप्त हो जाता है।
Question 23 5 / -1
दुर्नीति का सही संधि विच्छेद है :
Solution
सही उत्तर दुः + नीति है।
Key Points
दुर्नीति का संधि विच्छेद दुः + नीति है।दुः + नीति में विसर्ग संधि है। नियम- यदि विसर्ग के पहले अ और आ को छोड़कर कोई दूसरा स्वर आये और विसर्ग के बाद कोई स्वर हो या किसी वर्ग का तृतीय, चतुर्थ या पंचम वर्ण हो या य, र, ल, व, ह हो तो विसर्ग के स्थान पर र् हो जाता है। Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर संधि
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।
स्वार्थ = स्व + अर्थ
व्यंजन संधि
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।
दिग्गज = दिक् + गज
विसर्ग संधि
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
शिरोमणि = शिर: + मणि
Question 24 5 / -1
'छात्र' शब्द का सही अर्थ _______ है।
Solution
सही उत्तर विद्यार्थी हैI
Key Points
छात्र का अर्थ है विद्यार्थी I अन्य विकल्प
छात्रा- महिला विद्यार्थी चमड़ा- त्वचा Additional Information
'छात्रा' शब्द 'छात्र' शब्द का स्त्रीलिंग रूप हैI विद्यार्थी शब्द में दीर्घ स्वर संधि है, विद्या+अर्थी= विद्यार्थी (आ + अ= आ)
Question 25 5 / -1
निम्न में से कौन सा शब्द 'नौका' का पर्यायवाची नहीं है?
Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 4 ‘तनया’ होगा। अन्य विकल्प इसके असंगत उत्तर होंगे।
Key Points
दिए गए विकल्पों में 'तनया' शब्द 'नौका' का उचित पर्यायवाची शब्द नहीं है। नौका के अन्य पर्यायवाची शब्द हैं - नाव, तरिणी , जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, तरी, पतंग ।तनया शब्द के पर्यायवाची शब्द हैं - लड़की, नन्दिनी, दुहिता, कन्या, पुत्री, बेटी, आत्मजा, तनुजा, सुता। Additional Information
शब्द
परिभाषा
उदाहरण
पर्यायवाची/
समानार्थी
एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द जो बनावट में भले ही अलग हों, पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहलाते हैं।
आग- अनल, पावक, दहन।
हवा- समीर, अनिल, वायु।
Question 26 5 / -1
'अंडे का शहजादा' का अर्थ है-
Solution
'अंडे का शहजादा' का अर्थ है- 'अनुभवहीन व्यक्ति'
वाक्य प्रयोग- मुझे पता है तुम किसी की सिफारिश से ही इस काम मे लग गए है वरना तुम तो 'अंडे का शाहजादा हो।' Key Points
मुहावरा एक ऐसा वाक्य होता है जो वाक्य की रचना करने पर अपना एक अलग अर्थ या विशेष अर्थ प्रकट करता हैइनका प्रयोग करने से भाषा, आकर्षक, प्रभावपूर्ण तथा रोचक बन जाती है। Additional Information कुछ महत्वपूर्ण मुहावरा, अर्थ और वाक्य प्रयोग:-
घोड़े बेचकर सोना- बेफिक्र होना, चिंता न होनावाक्य प्रयोग- बेटी की शादी के बाद घोड़े बेचकर सोना है।अँधेरे घर का उजाला- इकलौता बेटावाक्य प्रयोग- श्याम अँधेरे घर का उजाला है।अपना उल्लू सीधा करना- स्वार्थ सिद्ध करना।वाक्य प्रयोग- अर्चना ने हमेशा अपने काम को लेकर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास किया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।तिनके का सहारा- थोड़ी-सी मददवाक्य प्रयोग- मैंने मोहित की जब सौ रुपए की मदद की तो उसने कहा कि डूबते को तिनके का सहारा बहुत होता है।छोटा मुँह बड़ी बात- हैसियत से अधिक बात करनावाक्य प्रयोग- अध्यापक ने विद्यार्थियों को समझाया कि हमें कभी छोटे मुँह बड़ी बात नहीं करनी चाहिए, वरना पछताना पड़ेगा।
Question 27 5 / -1
"गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज गले पड़ी का" अर्थ है-
Solution
गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज गले पड़ी का अर्थ उपकार करने के बदले स्वयं को दुःख भोगना पड़ा है ।
वाक्य प्रयोग- गली में लड़ाई हो रही थी मामले को सुलझाने गया था तो पुलिस मुझे ही पकड़ कर ले गई यह तो गये थे रोजा छुड़ाने, नमाज पड़ी गले वाली बात होगी ।Key Points
मुहावरा एक ऐसा वाक्य होता है जो वाक्य की रचना करने पर अपना एक अलग अर्थ या विशेष अर्थ प्रकट करता है।इनका प्रयोग करने से भाषा,आकर्षक, प्रभावपूर्ण तथा रोचक बन जाती है। Important Points
कुछ महत्वपूर्ण मुहावरा, अर्थ और वाक्य प्रयोग:-
Additional Information कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुहावरा, अर्थ और वाक्य प्रयोग:-
मुहावरा – दीवारों के कान होना अर्थ – किसी गोपनीय बात के प्रकट हो जाने का खतरा। वाक्य प्रयोग – दीवारों के भी कान होते हैं। अतः तुम लोग बात करते समय सावधानी रखा करो।
मुहावरा – प्राणों की बाजी लगाना अर्थ – जान की परवाह न करना। वाक्य प्रयोग – चिंता मत करो। प्राणों की बाजी लगाकर वह तुम्हारी रक्षा करेगा।
अर्थ – दर्शन का सुख उठाना। वाक्य प्रयोग – बहुत से नवयुवक तो मेले ठेले में सिर्फ आँखे सेंकने ही आते हैं।
मुहावरा – घाट-घाट का पानी पीना अर्थ – हर प्रकार का अनुभव होना वाक्य प्रयोग – मुन्ना घाट-घाट का पानी पिए हुए है, उसे कौन धोखा दे सकता है।
मुहावरा – जली-कटी सुनानाअर्थ – बुरा-भला कहनावाक्य प्रयोग – मैं जरा देर से ऑफिस पहुँचा तो मालिक ने मुझे जली-कटी सुना दी ।
Question 28 5 / -1
'अन्वीक्षण' का संधि-विच्छेद कौन-सा है?
Solution
सही उत्तर अनु + ईक्षण होगा।
Key Points
' अनु + ईक्षण ' की संधि ' अन्वीक्षण ' है।यहाँ यण संधि है। नियम- उ + ई = वी Additional Information
स्वर संधि
यण संधि
इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है।
जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।
Additional Information
संधि- दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर संधि
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।
स्वार्थ = स्व + अर्थ
व्यंजन संधि
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।
दिग्गज = दिक् + गज
विसर्ग संधि
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
शिरोमणि = शिर: + मणि
Question 29 5 / -1
'विद्याप्रवीण' किस समास का उदाहरण है?
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प " अधिकरण तत्पुरुष समास" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points विद्याप्रवीण शब्द में तत्पुरुष समास है।
विद्याप्रवीण में समास का उपभेद सप्तमी तत्पुरुष (अधिकरण तत्पुरुष ) समास है।
समास-विग्रह
विद्याप्रवीण :- विद्या में प्रवीण Additional Information
अन्य विकल्प
तत्पुरुष
परिभाषा
उदाहरण
कर्म तत्पुरुष
इसमें कर्म कारक की विभक्ति ‘को’ का लोप हो जाता है।
माखनचोर - माखन को चुराने वाला
संप्रदान तत्पुरुष
संप्रदान तत्पुरुष- इसमें संप्रदान कारक की विभक्ति ‘ के लिए ‘ लुप्त हो जाती है।
हथकड़ी – हाथ के लिए कड़ी
सम्बन्ध तत्पुरुष
इसमें दो पदों के बीच में सम्बन्ध कारक छिपा होता है। सम्बन्ध कारक के चिन्ह या विभक्ति ‘का’, ‘के’, ‘की’होती हैं। उसे सम्बन्ध तत्पुरुष समास कहते हैं।
‘जलधारा’ शब्द का समास-विग्रह ‘जल की धारा’
Important Points
तत्पुरूष समास जिस समास में उत्तर पद के अर्थ की प्रधानता हो तथा पूर्व पद में द्वितीया से सप्तमी विभक्ति तक का लोप हो , उसे तत्पुरूष समास कहते है। उदाहरण समास (समस्त पद) :- समास-विग्रह नरोत्तम :- नरों में उत्तम सर्वोत्तम :- सभी में उत्तम गृहप्रवेश :- गृह में प्रवेश पुरुषसिंह :- पुरुषों में सिंह विद्याप्रवीण :- विद्या में प्रवीण ईश्वरभक्ति :- ईश्वर में भक्ति जलमग्न :- जल में मग्न धर्मवीर :- धर्म में वीर युधिष्ठिर :- युद्ध में स्थिर शोकमग्न :- शोक में मगन
Question 30 5 / -1
"मैं आपसे सहमत नहीं हूँ":
Solution
‘ मैं आपसे सहमत नहीं हूँ"’ इस वाक्य से निषेध का भाव पता चल रहा है। इसलिए इस प्रश्न का उचित उत्तर विकल्प 1 ‘निषेध वाचक वाक्य ’ है। अन्य विकल्प इसके उचित उत्तर नहीं हैं।
Key Points
इच्छावाचक वाक्य
जिसमें किसी प्रकार की इच्छा या शुभकामना का बोध हो।
निषेधवाचक वाक्य
जिसमें किसी बात के न होने का बोध हो।
विधिवाचक वाक्य
जिसमें किसी बात के होने का बोध हो।
संकेतवाचक वाक्य
जहां एक वाक्य दूसरे की संभावना पर निर्भर हो।
Question 31 5 / -1
विधान सभा का चुनाव एक निश्चित _________ के लिए होता है। रिक्त स्थान के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शब्द कौन सा है?
Solution
विधान सभा का चुनाव एक
निश्चित अवधि के लिए होता है।
Additional Information शब्द अर्थ अवधि सीमा काल समय, अवसर। क्षण समय का एक बहुत छोटा भाग
Question 32 5 / -1
निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए समस्तपद के सही अव्ययीभाव समास का विकल्प है।
यथासाध्य
Solution
जितना साधा जा सके,यथासाध्य का सही अव्ययीभाव समास का विकल्प है।
Key Points यथासाध्य जितना साधा जा सके। यह अव्ययीभाव समास है। जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास की परिभाषा
इस समास का पहला पद प्रधान होता है और समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण का काम करता है। इसी कारण से अव्ययीभाव का समस्तपद सदा लिंग, वचन और विभक्तिहीन रहता है, इसके दोनों पदों का स्वतंत्र रूप से पृथक् प्रयोग नहीं होता; क्योंकि यह प्रायः नित्य समास' होता है।Additional Information
अव्ययीभाव समास के कुछ अन्य उदाहरण :
प्रतिदिन – दिन दिन यथामती – मती के अनुसार आजन्म – जन्म से लेकर यथाबल – बल के अनुसार ऊपर उदाहरण में आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि प्रथम पद यथा प्रति इत्यादि आ रहे हैं और यहां पर शब्दों का समास होने पर “से और के” इत्यादि चिन्हों का लोप हो रहा है।
Question 33 5 / -1
'गाल बजाना' मुहावरे का अर्थ है:
Solution
दिए गए मुहावरे का सही उत्तर ‘ डींग हांकना ’ होगा। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
मुहावरा - गाल बजानाडींग हांकना तुमसे होता कुछ नहीं है बस हमेशा गाल ही बजाते रहते हो। अन्य विकल्प:
एक प्रकार का बाजा - एक प्रकार का वाद्ययंत्र गाल थपथपाना - गालों को मिट्ठी मारकर चले जाना पूजा करना - धार्मिक क्रियाकलाप करना Additional Information
मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोडकर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।
Question 34 5 / -1
'वियोग' निम्नलिखित में से किस शब्द का विलोम हैः
Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर ‘ संयोग ’ है।
Key Points
‘वियोग ’ शब्द का उचित विलोम ‘संयोग ’ होगा। ‘वियोग ’ ’ का अर्थ है – योग न होने की अवस्था या भाव। संयोग शब्द है जिसका अर्थ मिलना, मेल होता है। अन्य विकल्प:
शब्द
विलोम
विरत
अनुरत
भोग
तप
वराग
प्रत्यय
Additional Information
शब्द
परिभाषा
उदाहरण
विलोम/विपरीतार्थक
शब्द
विपरीत (उल्टा) अर्थ बताने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं। विलोम शब्दों को विपर्यायवाची, प्रतिलोमार्थक और विपरीतार्थक शब्द भी कहते हैं।
नीचे-ऊपर
धरती-आकाश
Question 35 5 / -1
'कपटी मित्र' किस मुहावरे का अर्थ है?
Solution
'कपटी मित्र' मुहावरे का अर्थ – 'आस्तीन का साँप' होता है। अन्य विकल्प असंगत हैं। Key Points
मुहावरे
अर्थ
वाक्य प्रयोग
आस्तीन का साँप
कपटी मित्र
जिस अनाथ संजय को शर्मा जी ने अपने बच्चे की तरह पाला, उसी ने संपत्ति के लिए उनकी हत्या करवा दी, वह तो आस्तीन का साँप निकला ।
Additional Information
अन्य विकल्प :-
मुहावरे
अर्थ
वाक्य प्रयोग
आँख का तारा
बहुत प्यारा
श्री कृष्ण माता यशोदा की आँखों के तारे थे।
गुदड़ी का लाल
गरीब के घर में गुणवान का उत्पत्र होना
देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम गुदड़ी के लाल थे।
गाँठ का पूरा
धनी, किन्तु मूर्ख व्यक्ति
रमेश ने अपनी लड़की की शादी गाँठ के पूरे, आँख के अंधे से कर दी।
Important Points
मुहावरा भाषा विशेष में प्रचलित उस अभिव्यक्ति इकाई को कहते हैं जिनका प्रयोग प्रत्यक्ष अर्थ से अलग रूढ़िगत अर्थ की अभिव्यक्ति के लिए होता है। मुहावरे मानव समाज के लंबे अनुभव से प्रसूत होते हैं। समान्यतः इनके अर्थ की पृष्ठभूमि में कोई घटना या कहानी होती है। जैसे - आंखों का तारा (सबका दुलारा)
Question 36 5 / -1
'षटरस' शब्द में कौन सा समास है ?
Solution
'षटरस' शब्द में द्विगु समास है।
क्योंकि यहाँ आगे संख्यावाचक शब्द छ: रस आया है। अत: द्विगु समास का प्रथम पद संख्यावाची होते है। Key Points
त्रिलोक – तीन लोकों का समाहार नवरत्न – नव रत्नों का समाहार त्रिफला – तीन फलों का समाहार सप्ताह – सात दिनों का समूह चौमासा – चार मासों का समूह दोपहर – दो पहर का समाहार चारपाई – चार पैरों का समाहार Important Points
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छः प्रकार हैं -
समास का नाम
परिभाषा
उदाहरण
तत्पुरुष समास
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।
बहुव्रीहि समास
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।
कर्मधारय समास
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,
पहचान : विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।
द्विगु समास
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।
अव्यययीभाव समास
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे।
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक
द्वंद्व समास
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न
Question 37 5 / -1
निम्नलिखित में से 'गंगा' का पर्यायवाची कौन-सा शब्द नहीं है -
Solution
'गंगा' का पर्यायवाची सारिका नहीं है।
सारिका का पर्यायवाची :- कोयल, बसंतदूत, कोकिला, कुहुकिनी है।अतः विकल्प 2 सही है। Key Points
एक ही शब्द के एक से ज़्यादा अर्थ निकले उसे पर्यायवाची कहते है Additional Information प्रमुख पर्यायवाची शब्द अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
अमृत- सुरभोग सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।अग्नि- आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।अनुपम- अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।अर्थ- हय, तुरङ, वाजि, घोडा, घोटक।असुर- यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर।अलंकार- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।अहंकारी- गर्वित, अकडू, मगरूर, अकड़बाज, गर्वीला, आत्माभिमानी, ठस्सेबाज, घमंडी।अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।अर्थ- धन्, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।अश्व- ;हय, तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, तुरग, वाजि, सैन्धव।अंधकार- ;तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा।
Question 38 5 / -1
निम्न लिखित 6 वाक्यांशों में से प्रथम व अंतिम निश्चित हैं, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
1. अतिथि
(य)- निश्चित राशि लेकर
(र)- से भोजन तथा रहने की
(ल)- उसे पेइंग गेस्ट बनाने का
(व)- सुविधा के बदले
6. रिवाज सर्वप्रथम फ्रांस में शुरू हुआ था
Solution
यहाँ दिए गये विकल्पों में सही क्रम र व य ल हैI अन्य विकल्प उपयुक्त नहीं हैंI
Key Points
'वाक्य क्रम व्यवस्थापन' में वाक्यों को इस सार्थकता से संयोजित करना चाहिए जिससे कि उसके अर्थ का नाश न होI यहाँ योजक चिन्हों और कारक चिन्हों का ज्ञान आवश्यक हैI यहाँ वाक्यों को जिस क्रम से रखा गया है, तदनुसार सही वाक्य है :- अतिथि से भोजन तथा रहने की सुविधा के बदले निश्चित राशि लेकर उसे पेइंग गेस्ट बनाने का रिवाज सर्वप्रथम फ्रांस में शुरू हुआ थाI
Question 39 5 / -1
शब्द 'स्वागत' में कौन-सी संधि है?
Solution
शब्द 'स्वागत' में संधि है- 'यण संधि'
सु + आगत = स्वागत (उ + आ = वा) इसमें यण संधि है। 'सु' (अच्छा) उपसर्ग और 'आगत' (आया हुआ) मूलशब्दअर्थ: अभिनंदन, सत्कार, आवभगत, अभिवादन, इस्तिकबाल। विलोम शब्द- 'तिरस्कार' Key Points यण संधि:-
जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है, जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व‘ बन जाता है, जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है। तो इसे यण संधि कहते है। उदाहरण-
अधि + आय = अध्याय (इ + आ = या) अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = वे) पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा ( ऋ + आ = र ) Additional Information
गुण संधि:-
जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है। उदाहरण-
महा + ईश = महेश (आ + ई = ए) ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = ओ) देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्) अयादि संधि:-
जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है। उदाहरण-
ने + अन = नयन (ए + अ = अय) गै + अक = गायक (ऐ + अ = आय) भो + अन = भवन (ओ + अ =अव) भौ + अयति = भावति ( औ + अ =आव) व्यंजन संधि:-
जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं। उदाहरण-
दिक् + अम्बर = दिगम्बर (क् + अ = ग) उत् + नति = उन्नति (त् + न = न्न)
Question 40 5 / -1
'रक्षक' का विलोम शब्द हैः
Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर ' भक्षक' होगा।
Key Points
'रक्षक' शब्द का उचित विलोम शब्द 'भक्षक' है। रक्षक का अर्थ रक्षा करने वाला होता है। भक्षक अर्थात खा जानेवाला (जैसे—नर-भक्षक)।अन्य विकल्प:
शब्द
विलोम
विरोधी
समर्थक/अविरोधी.
क्रूर नंर्म शत्रु मित्र
Additional Information शब्द
परिभाषा
उदाहरण
विलोम/
विपरीतार्थक
'विलोम' शब्द का अर्थ है-उल्टा या विपरीत। अत: किसी शब्द का उल्टा अर्थ व्यक्त करने वाला शब्द विलोमार्थक या विपरीतार्थक शब्द कहलाते हैं।
राग-द्वेष
सामिष-निरामिष
व्यष्टि-समष्टि
आकाश-पाताल
Question 41 5 / -1
'शाप' शब्द का विलोम क्या है?
Solution
शाप शब्द का विलोम 'वरदान' हैं।
Key Points
शाप शब्द का अर्थ - किसी के अनिष्ट की कामना करना होता है l वरदान का अर्थ -फलसिद्धि ,अतः स्पष्ट है कि शाप का विलोम वरदान ही है l शब्द का एक निश्चित अर्थ होता है यह बात हमें ज्ञात है उसी शब्द के विपरीत अर्थ देने वाले शब्द को हम विलोम शब्द कहते है l Additional Information
कामना का विलोम - इच्छाहीनता है । अभिशाप का विलोम - वरदान है l शुभ का विलोम -अशुभ है l शब्द
परिभाषा
उदाहरण
विलोम
जो शब्द एक – दूसरे शब्दों का उल्टा अर्थ प्रकट करते है विलोम शब्द कहलाते है l
कला-गोरा
अनुकूल – प्रतिकूल आदि l
Question 42 5 / -1
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो।
जाके पाँव व फटी बिबाई, सो क्या जाने पीर पराई-
Solution
जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई का अर्थ है - बिना दु:ख भोगे दु:ख का बोध नहीं होता।
वाक्य प्रयोग : 'जाके पाँव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई' अर्थात् जब तक खुद को दर्द ना हो तब तक दूसरे के दर्द की तीव्रता का एहसास नहीं हो पाता है।Important Points अन्य विकल्प:
घोर संकट मे जरा सी सहायता ही काफी होती है। - डूबके को तिनके का सहारा झूठ ज़्यादा दिन तक नहीं ठहरता है। - झूठ के पांव नहीं होतेनिर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती - जिसकी उतर गई लोई उसका क्या करेगा कोईKey Points
लोकोक्ति
किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं। दूसरे शब्दों में जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत भी कहते हैं।
अपना रख, पराया चख अर्थात अपनी वस्तु की रक्षा और दूसरे कि वस्तु का उपभोग।
Question 43 5 / -1
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही वाक्य भेद का विकल्प हो।
उसने बहुत मेहनत की थी इसलिए वह कक्षा में प्रथम आया।
Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "संयुक्त वाक्य" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points "उसने बहुत मेहनत की थी इसलिए वह कक्षा में प्रथम आया।" वाक्य संयुक्त वाक्य है। संयुक्त वाक्य दो या दो से अधिक साधारण वाक्य से जुड़े वाक्य होते हैं। 'उसने बहुत मेहनत की थी' तथा 'कक्षा में प्रथम आया' दो अलग-अलग सरल वाक्य हैं। इन वाक्य को ' इसलिए' संयोजक शब्द से जोड़ा गया है। Important Points संयोजक अभियोग के रूप में बहुत सारे शब्द जैसे: और, एवं, फिर, या, अथवा, परंतु, इसलिए, तथा, तो, नहीं तो, भी, किंतु इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है। इन शब्दों के माध्यम से संयुक्त वाक्य का निर्माण होता है। Additional Information संकेतवाचक वाक्य के कुछ मुख्य उदाहरण अच्छी तैयारी की होती, तो सिलेक्शन हो जाता। कार को धीरे चलाते, तो पेट्रोल खत्म नहीं होता। होमवर्क अच्छा करते, तो नंबर पूरे मिलते। परीक्षा से पहले मेहनत की होती, तो आज अच्छे नंबर आए होते। मिश्र वाक्य के उदाहरण जब एक्सीडेंट का समाचार मिला, तब दिल काफी दुखी हो गया। अपराधी ने कहा मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं। अध्यापिका ने कहा सभी को प्रोजेक्ट का कार्य खुद करना है। राधा ने जो लैपटॉप लिया वह पुराना है।
Question 44 5 / -1
'पक्षी' का पर्यायवाची नहीं हैः
Solution
' झख ' शब्द पक्षी का पर्यायवाची नहीं है। अन्य विकल्प 'पक्षी' के पर्यायवाची शब्द हैं।Key Points
' झख ' के अन्य पर्यायवाची शब्द ' मीन, मछली, मत्स्य, झष, जलजीवन, शफरी, मकर आदि हैं।'पक्षी' शब्द के अन्य पर्यायवाची ' खग, नभचर, शकुनि, शकुन्त, विहग, पखेरू, अण्डज, द्विज ' आदि हैं। Additional Information
शब्द
परिभाषा
उदाहरण
पर्यायवाची
एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द, जो बनावट में भले ही अलग हों। 'पर्यायवाची-शब्द' को 'समानार्थी-शब्द' भी कहा जाता है|
आग - अनल, पावक, दहन, वह्नि, कृशानु, हुताशन आदि।
Question 45 5 / -1
निम्नलिखित 6 वाक्यांशों में से प्रथम व अंतिम निश्चित हैं, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए |
(1) यूनानियों के लिए
(य) विज्ञान और दर्शन में
(र) क्योंकि सभी दर्शनिक
(ल) भौतिक संसार के स्वरुप को
(व) कोई अंतर नहीं था
(6) बदलने का प्रयत्न करते थे
Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 4 ' य, व, र, ल’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।
Key Points
संपूर्ण वाक्य क्रम इस प्रकार होगा - यूनानियों के लिए विज्ञान और दर्शन में कोई अंतर नहीं था क्योंकि सभी दर्शनिक भौतिक संसार के स्वरुप को बदलने का प्रयत्न करते थे।
Additional Information
वाक्य
दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं।
उदाहरण के लिए 'सत्य की विजय होती है। ' एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है।
Question 46 5 / -1
"मतैक्य" में प्रयुक्त संधि का नाम बताइए?
Solution
"मतैक्य" वृद्धि संधि का उदाहरण है।
मतैक्य का उचित संधि विच्छेद मत + ऐक्य (अ + ऐ = ऐ)’ होगा। जब संधि करते समय जब अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है, उसे वृद्धि संधि कहते हैं। Key Points
विसर्ग संधि - विसर्ग का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। अयादि संधि - ए, ऐ और ओ, औ से परे किसी भी स्वर के होने पर क्रमशः अय्, आय्, अव् और आव् हो जाता है। इसे अयादि संधि कहते है। Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर संधि
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।
स्वार्थ = स्व + अर्थ
व्यंजन संधि
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।
दिग्गज = दिक् + गज
विसर्ग संधि
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
शिरोमणि = शिर: + मणि
Question 47 5 / -1
'अवनि' शब्द का क्या विलोम है?
Solution
अवनि' शब्द का विलोम अंबर है ,अवनि का अर्थ धरती है।
Key Points शब्द अर्थ अंबर आकाश। अमृत न मरा हुआ। आलोक देखना, दर्शन, दृष्टि। अंबरीश आकाश के राजा, स्वर्ग से एक दूत
Important Points शब्द विलोम अमृत विष आलोक अन्धकार, तिमिर, तम
Question 48 5 / -1
'केतु' का पर्यायवाची शब्द है:
Solution
इस प्रश्न का सही उत्तर
'झण्डा' है।
केतु के अन्य पर्यायवाची शब्द - निशान, झंडा, पताका, ध्वजा, ध्वजKey Points
अन्य विकल्प :
शब्द
पर्यायवाची
किरण
ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति, मरीचि
प्रकाश
दीप्ती, प्रभा, ज्योति, उजाला, रोशनी
दिशा
ओर, तरफ, दिक्, जानिब
Additional Information
विशेष :
शब्द
परिभाषा
उदाहरण
पर्यायवाची
एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द जो बनावट में भले ही अलग हों, पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहलाते हैं।
आग - अनल, पावक, दहन।
हवा - समीर, अनिल, वायु।
Question 49 5 / -1
नीचे दिए गए वाक्यों में a, b, c, d को सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -
1. अथक प्रयास और
a. कठिन परिश्रम जिससे हम
b. आज जो व्यक्ति हैं
c. दरअसल वही हम
d. बचने की कोशिश करते हैं
2. उसका प्रमुख निर्माण खंड है।
Solution
इसका सही क्रम विकल्प 2 'a, d, c, b' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
वाक्य का सही क्रम-
अथक प्रयास औरकठिन परिश्रम जिससे हम बचने की कोशिश करते हैं दरअसल वही हम आज जो व्यक्ति हैं उसका प्रमुख निर्माण खंड है। Additional Information
वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए। उचित पदक्रम होना चाहिए। वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए। वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है। उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए।
Question 50 5 / -1
नीचे दिए गए वाक्यों में a, b, c, d को सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -
1. हर मिनट का
a. आपकी पुरानी आदतें भी
b. दूर
c. उपयोग न करने की
d. आपको सफलता से
2. ले जा सकती है।
Solution
इसका सही क्रम विकल्प 4 'c, a, d, b' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
वाक्य का सही क्रम-
हर मिनट काउपयोग न करने की आपकी पुरानी आदतें भी आपको सफलता से दूर ले जा सकती है। Additional Information
वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए। उचित पदक्रम होना चाहिए। वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए। वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है। उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए।