Self Studies

Hindi Mock Test - 11

Result Self Studies

Hindi Mock Test - 11
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Self Studies

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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह___________ स्थित हैं

    Solution

    अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी स्थित हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं।

    Key Pointsबंगाल की खाड़ी:- 

    • बंगाल की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है और हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है। यह मोटे रूप में त्रिभुजाकार खाड़ी है
    • जो पश्चिमी ओर से अधिकांशतः भारत एवं शेष श्रीलंका, उत्तर से बांग्लादेश एवं पूर्वी ओर से बर्मा (म्यांमार) तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से घिरी है।
    • बंगाल की खाड़ी का क्षेत्रफल 2,172,000 किमी² है। प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार इसे महोदधि कहा जाता था।
    • जिसमें सबसे बड़ी नदी गंगा तथा उसकी सहायक पद्मा एवं हुगली, ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदी जमुना एवं मेघना के अलावा अन्य नदियाँ
    • जैसे- इरावती, गोदावरी, महानदी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियां सागर से संगम करती हैं।
    • इसमें स्थित मुख्य बंदरगाहों में चेन्नई, चटगाँव, कोलकाता, मोंगला, पारादीप, विशाखापट्टनम एवं यानगॉन हैं।

    Additional Informationहिन्द महासागर:-

    • हिन्द महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है, और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है।
    • इस महासागर का क्षेत्रफल लगभग 7,05,60,000 वर्ग किमी है। यह महासागर विश्व के अन्य महासागरों की तुलना सबसे अधिक गर्म महासागर है। 
    • उत्तर में यह भारतीय उपमहाद्वीप से, पश्चिम में पूर्व अफ्रीका; पूर्व में हिन्दचीन, सुंदा द्वीप समूह और ऑस्ट्रेलिया, तथा दक्षिण में दक्षिणध्रुवीय महासागर से घिरा है।
    • विश्व में केवल यही एक महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम यानी, हिन्दुस्तान (भारत) के नाम है। प्राचीन भारतीय ग्रंथो में इसे "रत्नाकर" कहा गया है।

    अरब सागर:-

    • अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है, भारतीय उपमहाद्वीप और अरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है। 
    • अरब सागर लगभग 38,62,000 किमी2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है।
    • सिन्धु नदी सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में गिरती है, इसके आलावा भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियाँ अरब सागर में गिरती हैं।
    • यह एक त्रिभुजाकार सागर है जो दक्षिण से उत्तर की ओर क्रमश: संकरा होता जाता है और फ़ारस की खाड़ी से जाकर मिलता है।
    • अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और संयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं।

    भूमध्य सागर:-

    • भूमध्य सागर अटलांटिक महासागर से संयोजित एक सागर है, 
    • भूमध्य बेसिन से घिरा हुआ है और लगभग पूरी तरह से ज़मीन से घिरा: उत्तर में पश्चिमी यूरोपदक्षिणी यूरोप और अनातोलिया, दक्षिण में उत्तरी अफ्रीका और पूर्व में लेवंट द्वारा है। इसका क्षेत्रफल लगभग 2,500,000 km2 (970,000 वर्ग मिल) है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग 75 फ़ीसदी है।
    • भूमध्य सागर वैश्विक महासागरीय सतह के 0.7% का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन इसका संबंध जिब्राल्टर जलडमरूमध्य के माध्यम से अटलांटिक महासागर के साथ होता है।
    •  जिब्राल्टर जलडमरूमध्य संकीर्ण जलडमरूमध्य जो अटलांटिक महासागर को भूमध्य सागर से जोड़ता है और यूरोप के देश स्पेन को अफ्रीका के देश मोरक्को से अलग करता है
    • जो केवल 14 किमी (9 मील) चौड़ा है।
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    आदिवासी जनजातियाँ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए_________पर निर्भर हैं

    Solution

    आदिवासी जनजातियाँ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जंगलों पर निर्भर हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • आदिवासी जनजातियाँ अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके करते हैं।

    Key Points

    • जंगल- वन, अख्य, अरण्य, विपिन, कानन, गहन, विटप, कांतार, बीहड़। 

    Additional Informationयोजना:-

    • परिकल्पना, रुपरेखा, प्रोजेक्ट, प्लान, कार्यव्यवस्था।

    सहायता:-

    • सहाय होने की अवस्था, मदद, राहत, समर्थन, सहयोग
    • विलोम शब्द- 'असहयोग'
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    जारवा इनमें से क्या कार्य करते हैं?

    Solution

    जारवा इनमें से पर्यावरण संरक्षण कार्य करते हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • जारवा पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं।
      • उनका  खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं।
      • वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो।  

    Key Pointsपर्यावरण:-

    • परि + आवरण = पर्यावरण ( इ + आ = य्)
    • इसमें यण संधि है 
    • 'परि' (चारो ओर) उपसर्ग और 'आवरण' (घेरा) मूल शब्द
    • अर्थ: चारों ओर से घिरा हुआ। 

    संरक्षण:-

    • सम् + रक्षण = संरक्षण
    • 'सम्' (अच्छी तरह) उपसर्ग और 'रक्षण' (रखवाली) मूल शब्द
    • अर्थ: रक्षा करने की क्रिया या भाव, हिफ़ाज़त।
    • विलोम शब्द- 'अरक्षण'

    Additional Informationजंगल:- 

    • अर्थ: वन, कानन,अरण्य, विपिन, कांतार, बीहड़, गहन, विटप।​

    कटाई:- 

    • कट + आई = कटाई
    • 'कट' मूलशब्द और 'आई' प्रत्यय
    • अर्थ: कोई चीज कटने या काटने की क्रिया 

    मनोरंजन:-

    • अर्थ: दिल बहलाव, इंटरटेनमेंट।

    संसाधन:-

    • सम् + साधनसंसाधन
    • 'सम्' (अच्छी तरह) उपसर्ग और 'साधन' (ज़रिया) मूल शब्द
    • अर्थ: अच्छी तरह पूरा करना, काम की तैयारी, आयोजन।

    दुरुपयोग:-

    • दुर् + उपयोग = दुरुपयोग
    • 'दुर्' (कठिन/ गलत) उपसर्ग और 'उपयोग' मूल शब्द 
    • दुः + उपयोग = दुरुपयोग ( : + उ = रु)
    • इसमें विसर्ग संधि है 
    • अर्थ: अनुचित उपयोग, बुरा इस्तेमाल।
    • विलोम शब्द- 'सदुपयोग'
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    जारवा हम से ज्यादा बेहतर हैं, क्योंकि वे -

    Solution

    जारवा हम से ज्यादा बेहतर हैं, क्योंकि वे - आत्मनिर्भर हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • जारवा हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

    Key Points

    •  आत्मनिर्भर- स्वयं पर निर्भर (आधारित), किसी दूसरे पर निर्भर न रहना, आत्मावलंबी।
      • विलोम शब्द- 'पराश्रित'
      • विशेषण शब्द 

    Additional Informationसाक्षर:- 

    • अर्थ: साक्षर होने की अवस्था या भाव, पढ़ा लिखा, शिक्षित।
      • विलोम शब्द- 'निरक्षर
      • विशेषण शब्द 

    आश्रित:-

    • अर्थ: जो दूसरों पर अवलंबित हो, सहारा लिया हुआ
      • विलोम शब्द- 'निराश्रित'
      • विशेषण शब्द 

    अत्यधिक:-

    • अति + अधिक = अत्यधिक (इ + अ = य)
    • इसमें यण संधि है 
    • 'अति' (ज्यादा) उपसर्ग और 'अधिक' मूल शब्द
    • अर्थ: हद से ज़्यादा, प्रचुर, ज़रूरत से ज़्यादा, बहुत ही अधिक।
    • विलोम शब्द-  'अत्यल्प' 
    • विशेषण शब्द 

    संतुष्ट:-

    • अर्थ: जिसकी इच्छा या वासना पूरी हो चुकी हो, तृप्ति, संतोष, प्रसन्नता। 
    • विलोम शब्द- 'असंतुष्ट'
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्निलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

    बंगाल की खाड़ी में अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह है जिसमें 400 से भी ज्यादा छोटे बड़े द्वीप हैं। यहाँ सेन्टिनेली, ओंगे, अण्डमानी,शोमेन तथा जारवा आदिवासी जनजातियाँ रहती है। ये सभी अपना गुज़ारा शिकार करके और जंगल से अपनी ज़रूरत की दूसरी चीजें इकट्ठा करके चलाते हैं। हमारे विपरीत उन्हें पर्यावरण का गहरा ज्ञान है और वे इसका सूझ-बूझ से अच्छा उपयोग करते हैं। उनका खाना, कपड़े, दवाएँ, गहने खिलौने तथा मनोरंजन और पूजा अर्चना के साधन उन्हें अपने ही परिवेश के पेड़-पौधों और पशुओं से मिल जाते हैं। वे हमसे इस बात में भिन्न हैं कि वे ध्यान रखते हैं कि संसाधनों का अत्यधिक दोहन न हो और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। वैश्विक गर्मी, जंगलों की अंधाधुंध कटाई और मौज मस्ती के लिए जानवरों के शिकार के विचार से ही किसी जारवा का दिल दहल जाएगा। यह सारे चोंचले तो हम 'शिष्ट और सभ्य' लोगों को ही सूझते हैं। हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। चूंकि जारवा हमारी तरह टी.वी. नहीं देखते या जींस और टी शर्ट नहीं पहनते, हम उन्हें जंगली करार देते हैं और यह मान लेते हैं कि वे हमसे घटिया किस्म के लोग हैं। परन्तु वे हम से कहीं बेहतर हैं। हम से उलट वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं हैं।

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    गद्यांश के आधार पर बताइए हमें अभी भी क्या सीखना है ?

    Solution

    गद्यांश के आधार पर बताइए हमें अभी भी पर्यावरण का सम्मान सीखना है।  

    • गद्यांश के अनुसार:-
      •  हमें भी अपने पर्यावरण का सम्मान करना सीखना है। हमें उन संस्कृतियों का सम्मान करना भी सीखना है जो हमारी संस्कृति से भिन्न हैं। 

    Key Pointsपर्यावरण:-

    • परि + आवरण = पर्यावरण ( इ + आ = या)
    • इसमें यण संधि है 
    • 'परि' (चारो ओर) उपसर्ग और 'आवरण' (घेरा) मूल शब्द
    • अर्थ: चारों ओर से घिरा हुआ।

    सम्मान:-

    • सम् + मान = सम्मान
    • 'सम्' (अच्छी तरह) उपसर्ग और 'मान' (प्रतिष्ठा) मूल शब्द
    • अर्थ: आदरपूर्ण भाव, प्रतिष्ठा, मान, रुतबा, आदर, गौरव
    • विलोम शब्द- 'अपमान' 

    Additional Informationजंगल:- 

    • अर्थ: वन, कानन,अरण्य, विपिन, कांतार, बीहड़, गहन, विटप।​

    आदिवासी:-

    • अर्थ: आदिकालीन ढंग से जंगलों में रहने वाली जनजाति।​ 
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर की रचनाएँ सामाजिक आचरण में क्या करती हैं? 
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'आचरण में पाखंड का खंडन है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। 
    • इसलिए सही उत्तर 'आचरण में पाखंड का खंडन' है। 

    Additional Information

    • 'समाज' शब्द में 'इक' प्रत्यय लगाकर 'सामाजिक' शब्द बना है। 
    • पाखंड का अर्थ ढकोसला या दिखावा होता है। 
    • आचरण का अर्थ चरित्र होता है। 
    • आचरण शब्द में 'आ' उपसर्ग है। 
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा किसके विरोध को लेकर हो सकती है?  
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर' है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है।
    • यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा। 

    Additional Information

    • प्रबल के पर्यायवाची शब्द - शक्तिशाली, बलवान, ताकतवर, तेज, भारी, प्रचंड।
    • 'बल' शब्द में 'प्र' उपसर्ग लगाकर 'प्रबल' शब्द बना है। 
    • 'बावजूद' शब्द विदेशज शब्द के साथ क्रिया विशेषण शब्द है जिसका अर्थ 'यद्यपि' होगा। 
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    तार्किक हेतुवाद का खंडन किस पर बल देता है? 
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर' है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है।
    • तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है।
    • अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। 

    Additional Information

    • 'समाज' शब्द में 'इक' प्रत्यय लगाकर 'सामाजिक' शब्द बना है। 
    • पाखंड का अर्थ ढकोसला या दिखावा होता है। 
    • 'तार्किक' शब्द में 'इक' प्रत्यय है। 
    • वे शब्दांश, जो यौगिक शब्द बनाते समय बाद में लगते हैं। प्रत्यय कहलाते हैं।

  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    कबीर का विरोध कैसा था? 
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 'उपर्युक्त सभी' है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। 
    • यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।
    • क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। 

    Additional Information

    • गुण का विलोम शब्द अवगुण होता है। 
    • काव्य का विलोम शब्द गद्य होगा। 
    • सामाजिक का विलोम शब्द आर्थिक होगा। 
    • कर्म का विलोम शब्द अकर्म होता है। 
    • आचरण का विलोम अनाचरण होगा। 
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए। 

    कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। तार्किक हेतुवाद का खंडन सनातन मूल्यों और आस्थाओं पर बल देता है। अत: उसे किसी की भी क्रांतिकारिता मानने के लिए क्रांति की परिभाषा को इतनी दूर तक खींचना होगा कि फिर उसमें पुराणपंथी प्रवृत्तियाँ भी सम्मिलित हो जाएंगी। तो कबीर की क्रांतिकारिता की चर्चा सामाजिक आचरण में पाखंड के विरोध को लेकर ही हो सकती है। यह विरोध पैना था, प्रबल था, प्रभावशाली भी हुआ लेकिन इस गुण के बावजूद तीन सौ वर्षों तक कबीर को साहित्यकार अथवा कवि की कोटि में नहीं रखा जाता रहा।क्योंकि यह गुण काव्य-गुण माना ही नहीं जाता था। यह कर्म कवि-कर्म में शामिल नहीं किया जाता था। अब यह मान लेने पर भी यह सवाल तो ज्यों का त्यों बना रहता है कि क्या साहित्यकार चेतन अथवा नियोजित रूप से समाज को बदलने का अभियान अपने कृति-साहित्य के द्वारा चला सकता है? और इससे जुड़ा हुआ दूसरा प्रश्न कि अगर साहित्यकार नियोजित ढंग से ऐसा करता भी है तो कालांतर में होने वाले प्रभाव वही होते हैं जो उसने लक्ष्य के रूप में अपने सामने रखे थे? यदि प्रभाव उससे भिन्न होते हैं और कवि के युग में न होकर किसी दूसरे युग में होते हैं तो इसका श्रेय हम कवि कि नियोजना को दे सकते हैं।  

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    उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक है : 
    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 'साहित्य और समाज परिवर्तन की प्रक्रिया का अंत:संबंध' है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • उपर्युक्त गद्यांश में रचनाकर ने साहित्य में कबीर के वैश्य में बात करते हुए उनका समाज प्रक्रिया के साथ अंत:संबंध पर बात की है। 
    • इसमें बताया गया है कि कबीर की रचनाएँ विचारों में हेतुवाद का और सामाजिक आचरण में पाखंड का जोरदार खंडन करती है। 

    Additional Information

    • साहित्य - किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं।
    • दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। 
    • कबीर का एकमात्र ग्रंध 'बीजक' है जिसके रचनाकर उनके शिष्य 'धर्मदास' ने किया था। 
  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से उद्धृत है?
    Solution

    प्रस्तुत गद्यांश 'नमक' पाठ से उद्धृत है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​‘नमक’ कहानी भारत-पाक विभाजन के बाद सरहद के दोनों तरफ के विस्थापित पुनर्वासित जनों के दिलों को टटोलती एक मार्मिक कहानी है। 

    Key Points

    • नमक- खारे जल से तैयार किया गया प्रसिद्ध क्षार पदार्थ, लवण 

    Additional Informationश्रम:- 

    • अर्थ: शरीर के द्वारा होनेवाला उद्यम, परिश्रम, मेहनत, मशक्कत।

    विभाजन:-

    • अर्थ: पृथक, विच्छेद, आबंटन, वितरण, बाँट, वंटन।

    भक्तिन:-

    • अर्थ: ईश्वर के प्रति अनुराग रखने वाली स्त्री, उपासिका,तपस्विन, योगिन, भिक्षुणी।
      • भक्तिन का पुल्लिंग शब्द भक्त होगा। 

    दर्शन:-

    • अर्थ: भेंट, मुलाकात, साक्षात्कार, आमना-सामना, देखा-देखी।

    प्रथा:-

    • अर्थ: रीति, दस्तूर, रिवाज, परंपरा, चलन।

    जाति:-

    • अर्थ: वंश, कुल, जन्म, उत्पत्ति।
  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    वायदा करके उसे झुठलाने में कौन विश्वास नहीं रखते हैं?
    Solution

    वायदा करके उसे झुठलाने में 'सैयद' विश्वास नहीं रखते हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • सफ़िया ने सिख बीबी से यह वायदा किया था कि वह उनके लिए लाहौरी नमक लेकर आयेगी और वह स्वयं को सैयद कहती थी अत: वह हर हालत में वायदा पूरा करना चाहती थी

    Key Points

    • सैयद- मुहम्मद साहब के नाती हुसैन के वंशजों की उपाधि, दयालुता 

    Additional Informationकस्टम अधिकारी:- 

    • वह अधिकारी जो कि कोई वस्तु के आयात और निर्यात पर नज़र रखता है,
    • जो वस्तु प्रतिबंधित है उसे रोकता है और उसका पूरा सरकारी तौर पर रिकॉर्ड रखता है वह कस्टम अधिकारी कहलाता है।  

    अमृतसरी:-

    • अमृतसर भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है।
    • यह पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है।
    • पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है।
    • यहाँ पर रहने वाले लोगो को अमृतसरी कहते है 
  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    सफ़िया के मन में किस प्रकार का द्वन्द्व चल रहा था ?
    Solution

    सफ़िया के मन में 'नमक की पुड़िया कस्टम अधिकारी के सामने रखने न रखने का' प्रकार का द्वन्द्व चल रहा था।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • सफ़िया के मन में यह द्वंद्व चल रहा था कि वह नमक को अपने हाथ में ले और सबसे पहले उसे कस्टम वालों के सामने रख दे।
      • फिर उसने सोचा कि कस्टम वालों ने इसे ले जाने से मना कर दिया तो उसके द्वारा किए गए वायदे का क्या होगा।

    Key Pointsकस्टम अधिकारी:- 

    • वह अधिकारी जो कि कोई वस्तु के आयात और निर्यात पर नज़र रखता है,
    • जो वस्तु प्रतिबंधित है उसे रोकता है और उसका पूरा सरकारी तौर पर रिकॉर्ड रखता है वह कस्टम अधिकारी कहलाता है।  

    Additional Informationभारत:- 

    • भारत दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। 
    • भारत भौगोलिक दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है,
    • जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। 
    • भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन(तिब्बत), नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। 
    • हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है।
    • इसके उत्तर में हिमालय पर्वत तथा दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है।
    • दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर है।

    पाकिस्तान:-

    • पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है।
    • 21 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का पांचवी बड़ी आबादी वाला देश है। 
    • पाकिस्तान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है।
    • यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हिन्दी हैं।
    • पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं।

    फल:- 

    • फलम, बीजकोश, सस्य, रसाबाद, फर, पलागम, पुष्पाण्ड।

    कीनू:-

    • इसमें विटामिन सी एवं शर्करा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
    • यह अत्यंत स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्य वर्धक फल है।
    • यह संतरे जैसे दिखता है किन्तु आकार थोड़ा बड़ा होता है। 
    • किन्नू को पहाड़ी फल माल्टा और संतरा को मिलाकर तैयार किया जाता हैं।
  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    नमक को किस फल की टोकरी में छिपाने की बात कही गई ?
    Solution

    नमक को 'कीनू' फल की टोकरी में छिपाने की बात कही गई।  

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • सफ़िया ने निर्णय लिया कि वह नमक की पुड़िया को कीनुओं के ढेर के नीचे छिपा देगी। ​

    Key Pointsकीनू:-

    • इसमें विटामिन सी एवं शर्करा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
    • यह अत्यंत स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्य वर्धक फल है।
    • यह संतरे जैसे दिखता है किन्तु आकार थोड़ा बड़ा होता है। 
    • किन्नू को पहाड़ी फल माल्टा और संतरा को मिलाकर तैयार किया जाता हैं।

    Additional Informationआम:- 

    • आम एक प्रकार का रसीला फल होता है।
    • इसे भारत में फलों का राजा भी बोलते हैं।
    • इसकी मूल प्रजाति को भारतीय आम कहते हैं,
    • जिसका वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है।

    सेब:-

    • सेब एक प्रकार का फल है जो लाल या हरे रंग का होता है।
    • इसमें Anti Oxidant भरपूर मात्रा में होते है।
    • एप्पल फ्रूट में पोटैशियम, फॉस्फोरस,केल्शियम, मैगनेशियम, आयरन,कॉपर और जिंक जैसे तत्व होते है।
    • भारत में सेब का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य सेब उत्पादन में सबसे आगे हैं।

    संतरा:-

    • संतरा एक खट्टा-मीठा और स्वादिष्ट फल है।
    • पके हुए संतरे का रंग नारंगी और कच्चे संतरे का रंग हरा होता है।
    • संतरे के अंदर कई रसदार कलियाँ होती हैं और उनके अंदर बीज भी होते हैं।
    • संतरा विटामिन सी का एक अच्छा स्त्रोत है।
    • भारत के अंदर नागपुर में संतरे का सबसे अधिक पैदावार होता है।
  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    अब तक सफ़िया का गुस्सा उतर चुका था। भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी। नमक की पुड़िया ले तो जानी है, पर कैसे? अच्छा, अगर इसे हाथ में ले लें और कस्टम वालों के सामने सबसे पहले इसी को रख दें? लेकिन अगर कस्टम वालों ने न जाने दिया। तो मज़बूरी है, छोड़ देंगे। लेकिन फिर उस वायदे का क्या होगा जो हमने अपनी माँ से किया था? हम अपने को सैयद कहते हैं फिर वायदा करके झुठलाने के क्या मायने? जान देकर भी वायदा पूरा करना होगा। मगर कैसे ? अच्छा, अगर इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रख लिया जाए, तो इतने कीनुओं के ढेर में भला कौन इसे देखेगा? और अगर देख लिया? नहीं जी, फलों की टोकरियाँ तो आते वक्त भी किसी की नहीं देखी जा रही थीं। उधर से केले, इधर से कीनू सब ही ले जा रहे थे। यही ठीक है, फिर देखा जाएगा।

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    सिख बीबी ने सफ़िया से कौन-सी इच्छा व्यक्त की थी ?
    Solution

    सिख बीबी ने सफ़िया से 'लाहौर का नमक लाने की' इच्छा व्यक्त की थी

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • सिख बीबी ने सफ़िया से लाहौर का नमक लाने की इच्छा व्यक्त की थी, सफ़िया, सिख बीबी को अपनी माँ मानती थी
      • उसने सिख बीबी से वायदा किया था कि वह उनके लिए लाहौरी नमक लेकर आयेगी 

    Key Pointsलाहौर:- 

    • लाहौर पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है।
    • इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है।

    Additional Informationपुत्र:- 

    • बेटा, लड़का, आत्मज, सुत, वत्स, तनुज, तनय, नंदन। 
  • Question 16
    5 / -1
    वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "अध्यूढ़ा" सही है।

    Key Points
    • वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो वाक्यांश के लिए एक शब्द अध्यूढ़ा होगा।
    • अध्यूढ़ा
      • संज्ञा
        • अर्थ : वह स्त्री जिसके रहते हुए भी उसका पति दूसरी स्त्री से विवाह कर ले।
    Additional Information
    • दो दिशाओं के बीच की दिशा - उपदिशा
    • दो बातों या कामों में से एक - वैकल्पिक
    • दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध - निर्हारी  
    Important Points
    • अन्य उदाहरण
      • दुःख, भय आदि के कारण उत्पत्र ध्वनि - काकु
      • द्वीप में जनमा - (द्वैपायन)
      • दक्षिण दिशा - (अवाची)
      • दो या तीन बार कहना  - (आम्रेडित)
      • दागकर छोड़ा गया साँड़ - (अंकिल)
  • Question 17
    5 / -1
    'रानी' का पर्यायवाची नहीं है
    Solution

    'रानी' का पर्यायवाची नहीं है: राज्ञ

    • राज्ञ यहाँ पर्यायवाची नहीं है।
    • राज्ञ एक विशेषण है।
      • जिसके कई अन्य अन्य अर्थ है।
    • 'रानी' के पर्याय : स्वामिनी, मालकिन, मालकिन, ठकुराइन

    Important Points

    • अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहुना।
    • अलंकार- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
    • अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
    • अहंकारी- गर्वित, अकडू, मगरूर, अकड़बाज, गर्वीला, आत्माभिमानी, ठस्सेबाज, घमंडी।
      • अनुपम- अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।
      • अश्व- हय, तुरंग, वाजि, घोडा, घोटक।
      • अमृत- सुरभोग, सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।
      • अग्नि- आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।
      • असुर-यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर, खल।
  • Question 18
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए  

    (1)  क्रिया

    (र) जाते है उनको

    (य) या धातु

    (ल) के बाद

    (व) जो प्रत्यय लगाये

    (6) कृत प्रत्यय कहते है 

    Solution

    विकल्प 1 "य, ल, व्, र" सही उत्तर है ,अन्य विकल्प असंगत है |

    Key Points

    वाक्यों का सही क्रम - 

    (1)  क्रिया

    (2) या धातु

    (3) के बाद

    (4) जो प्रत्यय लगाये

    (5) जाते है उनको

    (6) कृत प्रत्यय कहते है 

    Important Points

    वाक्य व्यवस्था की सावधानियाँ-

    1. वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए 
    2. उचित  पदक्रम होना चाहिए 
    3. वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए 
    4. वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है 
    5. उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए
  • Question 19
    5 / -1

    निम्नलिखित वाक्य या वाक्यांश के लिए चार - चार शब्द दिए गए हैं। इनमें से उपयुक्त शब्द चुनकर उत्तर पत्रक में चिह्नित कीजिए।

    जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके 
    Solution

    'बोधगम्य' उत्तर सही है।

    Key Points

    • जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके  - वाक्यांश का सही उत्तर 'बोधगम्य है ।
    • कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक बात कहने की कला जो भाषा को प्रभावशाली बनाती है, वाक्यांश के लिए एक शब्द कहलाती है।
    • ऐसे शब्दों को अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द भी कहा जाता है ।

    Additional Information

    शब्द 

    वाक्यांश 

    बुद्धिजीवी जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो।
    बौद्धिक बुद्धि द्वारा ग्रहण किये जाने योग्य।
    बुद्धिमान जो समझदार हो

    Important Points

    • आगे आने वाला -आगामी 
    • वह सुचना जो सरकार की ओर से जारी हो -अधिसूचना 
    • विधयिका द्वारा स्वीकृत नियम -अधिनियम 
  • Question 20
    5 / -1

    दिए गए मुहावरे का अर्थ ज्ञात कीजिए।

    'दाल में काला होना'

    Solution

    सही उत्तर 'संदेह की बात होना' है।

    Key Points

    • दाल में काला होना यानी संदेह की बात होना।
    • ‘मुहावरे’ का अर्थ बोलचाल की भाषा में सांकेतिक रूप से किसी भाव को प्रकट करना होता है। जैसे- तिनके का सहारा, तीन-पांच करना आदि। 

    स्पष्टीकरण:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    दाल में काला होना 

    संदेह की बात होना 

    मनजीत सुबह घर में दिखता है और रात को बाहर जाता दिखता है, ‌‌‌इससे लगता है कि दाल में काला है।

    अन्य विकल्प:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    छक्के छुड़ाना 

    परास्त करना 

    भारत ने पकिस्तान टीम के छक्के छुड़ा दिए

    बाएँ हाथ का खेल 

    बहुत आसान समझना 

    समीर के लिए परीक्षा पास करना बाएँ हाथ का खेल है

  • Question 21
    5 / -1

    निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है।

    अखंड

    Solution

    अनंत शब्द अखंड का पर्यायवाची नहीं है।

    Key Points

    अनंत का पर्यायवाची शब्द

    • अंतहीन, अपरिमित, असीम, बेहद, अगणित
    • बेसुमार,असंख्य, अनगिनत, अपार, अमित।

    अखंड का पर्यायवाची शब्द

    • अक्षय, अक्षत, अक्षर, अक्षुण्ण, अखंडित, अभंग, अविभक्त, अछिन्न, अभंगी, अभंजित
    • अविभाजित, अविभाज्य, अविछिन्न, पूर्ण, पूरा, सम्पूर्ण, अभग्न, सकल, साबुत।
    Additional Information

    प्रमुख पर्यायवाची शब्द-

    अश्व - हय, तुरंग, वाजि, घोडा, घोटक।

    अमृत - सुरभोग, सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।

    अग्नि - आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।

    इंदु - चाँद, चंद्रमा, चंदा, शशि, राकेश, मयंक, महताब।

    इनाम - पुरस्कार, पारितोषिक, पारितोषित करना, बख्शीश।

    इजाजत - स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।

    इज्जत - मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।

    ईर्ष्या - विद्वेष, जलन, कुढ़न, ढाह।

    ईर्ष्यालु - ईर्ष्यायुक्त, स्पृहाशील, स्पृहालु, डाहीद्वेषी, विद्वेषी।

    ईश्वर - परमपिता, परमात्मा, प्रभु, ईश, जगदीश, भगवान, परमेश्वर, जगदीश्वर, विधाता।

    ईख - गन्ना, ऊख, इक्षु।

    ईप्सा - इच्छा, ख्वाहिश, कामना, अभिलाषा।

  • Question 22
    5 / -1
    "आशातीत" में कौन सा तत्पुरुष समास पाया जाता है?
    Solution

    सही उत्तर 'अपादान' है। 

    Key Points
    • "आशातीत" में 'अपादान' तत्पुरुष समास पाया जाता है। 
    • इसका समास विग्रह 'आशा से अतीत' होगा। 
    • तत्पुरुष - जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है।
    • दोनों पदों के बीच परसर्ग का लोप रहता है। जैसे- राजपुत्र, विद्यालय। 

    अन्य विकल्प: 

    1. ​सम्प्रदान या चतुर्थी तत्पुरुष : जिसके प्रथम पद के साथ सम्प्रदान कारक के चिह्न (को/के लिए) लगे हों। जैसे- देशार्पण = देश के लिए अर्पण।
    2. संबंध तत्पुरुष या षष्ठी तत्पुरुष : जिसके प्रथम पद के साथ संबंधकारक के चिह्न (का, के, की) लगे हों। जैसे-राजकुमार = राजा का कुमार
    3. अधिकरण या सप्तमी तत्पुरुष : जिसके पहले पद के साथ अधिकरण के चिह्न (में, पर) लगे हों। जैसे-कलाप्रवीण = कला में प्रवीण

    Additional Information

    • समास - दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।  
  • Question 23
    5 / -1
    'सीता-राम' का समास-विग्रह बताइए |
    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘सीता और राम​’ होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    • 'सीता-राम' का समास विग्रह करने पर 'सीता और राम' होगा।
    • इसमें 'और' योजक का प्रयोग किए जाने  के कारण 'द्वंद्व समास' है। 
       

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ


    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

  • Question 24
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) पालि

    (र) वैयाकरण कच्चायन

    (य) के प्रसिद्ध

    (ल) पालि में ४१ध्वनियाँ

    (व) के अनुसार

    (6) होती है 

    Solution

    विकल्प 4 "य, र, व्, ल" सही उत्तर है ,अन्य विकल्प असंगत है |

    Key Points

    वाक्यों का सही क्रम - 

    (1) पालि

    (2) के प्रसिद्ध

    (3) वैयाकरण कच्चायन

    (4) के अनुसार

    (5) पालि में ४१ध्वनियाँ

    (6) होती है l

    Important Points

    वाक्य व्यवस्था की सावधानियाँ-

    1. वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए 
    2. उचित  पदक्रम होना चाहिए 
    3. वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए 
    4. वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है 
    5. उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए 
  • Question 25
    5 / -1

    नीचे दिए गए शब्दों का सही संधि वाला विकल्प पहचानिए? 

    दुः + साहस

    Solution

    दुस्साहस शब्द सही संधि शब्द है।

    Key Points

    दुस्साहस

    • दुः + साहस
    • विसर्ग संधि

    Confusion Points

    यदि दुःसाहस भी करे तो भी विकल्प सही माना जायेगा।

    Additional Information

    स्पष्टीकरण

    विसर्ग संधि के अंतर्गत जब कभी संधि करते समय विसर्ग के बाद श, ष या स आए तो विसर्ग अपने मूल रूप में बना रहता है, कोई परिवर्तन नहीं होता या उसके स्थान पर बाद वाला वर्ण हो जाता है।

    उदाहरण

    नि: + संदेह = निस्संदेह

    दू: + शासन = दुशासन

  • Question 26
    5 / -1
    'इस वर्ष हिंदी साहित्य की ........... कुछ अवरुद्ध रही।' - रिक्त स्थान भरने के लिए उपयुक्त शब्द चुनें।
    Solution

    इसका सही उत्तर विकल्प 2 'प्रगति' है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    • इस वर्ष हिंदी साहित्य की प्रगति कुछ अवरुद्ध रही।
    • प्रगति का अर्थ - आगे की ओर बढ़ना। 

    अन्य विकल्प - 

    शब्द 

    अर्थ 

    उन्नति

    ऊँचाई

    वृद्धि

    अभ्युदय, समृद्धि

    विकास

    अभिवृद्धि

     

    Important Points

    उन्नति और प्रगति में अंतर

    वैसे तो दोनों शब्दों का अर्थ वर्तमान स्थिति से बेहतर बनना होता है किन्तु उन्नति में ऊपर उठने वाली बात प्रखर है जबकि प्रगति में आगे बढ़ने वाली बात मुख्य है।

    उदाहरण - पद्मावत, प्रियप्रवास, साकेत, उर्वशी आदि।

     

    Additional Information

    साहित्य

    किसी भाषा के वाचिक और लिखित (शास्त्रसमूह) को साहित्य कह सकते हैं। दुनिया में सबसे पुराना वाचिक साहित्य हमें आदिवासी भाषाओं में मिलता है। इस दृष्टि से आदिवासी साहित्य सभी साहित्य का मूल स्रोत है। साहित्य - स+हित+य के योग से बना है

     

  • Question 27
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) अठ्ठकथा- साहित्य  

    (र) के अविष्कारक आचार्य बुद्धघोष

    (य) जिनका समय ईसा

    (ल) बतलाये जाते

    (व्) की पाँचवी शताब्दी

    (6) निश्चित है l

    Solution

    विकल्प 2 "र, य, व्, ल" सही उत्तर है ,अन्य विकल्प असंगत है |

    Key Points

    वाक्यों का सही क्रम -

    (1) अठ्ठकथा- साहित्य  

    (2) के अविष्कारक आचार्य बुद्धघोष

    (3) जिनका समय ईसा

    (4) की पाँचवी शताब्दी

    (5) बतलाये जाते

    (6) निश्चित है l

    Important Points

    वाक्य व्यवस्था की सावधानियाँ-

    1. वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए 
    2. उचित  पदक्रम होना चाहिए 
    3. वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए 
    4. वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है 
    5. उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए 
  • Question 28
    5 / -1
    ऊँट दूल्हा पुरोहित गधा- लोकोंक्ति का अर्थ है
    Solution

    इस प्रश्न का  सही विकल्प दो "एक मूर्ख व्यक्ति द्वारा दूसरे मूर्ख की प्रशंसा" है अन्य विकल्प सही नही है।

     Key Points

    लोकोक्ति  अर्थ वाक्य प्रयोग 
    ऊँट दूल्हा पुरोहित गधाएक मूर्ख व्यक्ति द्वारा दूसरे मूर्ख की प्रशंसा

     उसकी दोस्तों की महफिल में "ऊँट दूल्हा पुरोहित गधा" होता है

    Additional Information

    शब्द परिभाषा उदाहरण 
    लोकोक्ति "किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं"।लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'
    • बाँझ का जाने प्रसव की पीड़ा
      अर्थः पीड़ा को सहकर ही समझा जा सकता है।
    • बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे
      अर्थः रक्षक का भक्षक हो जाना।
    • बाप भला न भइया, सब से भला रूपइया
      अर्थः धन ही सबसे बड़ा होता है।

    Important Points

    मुहावरे और  लोकोक्तियों में  अंतर 
    मुहावरा लोकोक्तियाँ 
     मुहावरे वाक्यांश होते हैं, पूर्ण वाक्य नहीं; जैसे- अपना उल्लू सीधा करना, कलम तोड़ना आदि। जब वाक्य में इनका प्रयोग होता तब ये संरचनागत पूर्णता प्राप्त करती है।लोकोक्तियाँ पूर्ण वाक्य होती हैं। इनमें कुछ घटाया-बढ़ाया नहीं जा सकता। भाषा में प्रयोग की दृष्टि से विद्यमान रहती है; जैसे- चार दिन की चाँदनी फेर अँधेरी रात।
    मुहावरा वाक्य का अंश होता है, इसलिए उनका स्वतंत्र प्रयोग संभव नहीं है; उनका प्रयोग वाक्यों के अंतर्गत ही संभव है।लोकोक्ति एक पूरे वाक्य के रूप में होती है, इसलिए उनका स्वतंत्र प्रयोग संभव है।
     मुहावरे शब्दों के लाक्षणिक या व्यंजनात्मक प्रयोग हैं।लोकोक्तियाँ वाक्यों के लाक्षणिक या व्यंजनात्मक प्रयोग हैं।
    वाक्य में प्रयुक्त होने के बाद मुहावरों के रूप में लिंग, वचन, काल आदि व्याकरणिक कोटियों के कारण परिवर्तन होता है; जैसे- आँखें पथरा जाना।
    प्रयोग- पति का इंतजार करते-करते माला की आँखें पथरा गयीं।
    लोकोक्तियों में प्रयोग के बाद में कोई परिवर्तन नहीं होता; जैसे- अधजल गगरी छलकत जाए।
    प्रयोग- वह अपनी योग्यता की डींगे मारता रहता है जबकि वह कितना योग्य है सब जानते हैं। उसके लिए तो यही कहावत उपयुक्त है कि 'अधजल गगरी छलकत जाए।
     मुहावरों का अंत प्रायः इनफीनीटिव 'ना' युक्त क्रियाओं के साथ होता है; जैसे- हवा हो जाना, होश उड़ जाना, सिर पर चढ़ना, हाथ फैलाना आदि।लोकोक्तियों के लिए यह शर्त जरूरी नहीं है। चूँकि लोकोक्तियाँ स्वतः पूर्ण वाक्य हैं अतः उनका अंत क्रिया के किसी भी रूप से हो सकता है; जैसे- अधजल गगरी छलकत जाए, अंधी पीसे कुत्ता खाए, आ बैल मुझे मार, इस हाथ दे, उस हाथ ले, अकेली मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है
  • Question 29
    5 / -1
    इनमें संयुक्त वाक्य कौन सा है?
    Solution

    सही उत्तर 'हम जयपुर गये और वहाँ चार दिन रुके' हैं।

    • दिए गए विकल्पों में, 'हम जयपुर गये और वहाँ चार दिन रुके'  संयुक्त वाक्य हैं।
    • इसमें दो उपवाक्यों को 'और' संयोजक द्वारा जोड़ा गया है।
    • संयुक्त वाक्य में दो समान स्तर के वाक्य योजक चिह्न द्वारा जोड़े जाते हैं।

    Key Points

    अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

    • 'अच्छे लड़के नियमित पढ़ाई करते हैं।', एक सरल वाक्य है क्योंकि इसमें एक उद्देश्य और एक ही विधेय है।
    • 'जिसका मुझे भय था, वही हुआ।', एक मिश्र वाक्य है क्योंकि इसमें एक से अधिक वाक्य है।
    • 'सामने वाले कमरे में चार लड़के व्याकरण की पुस्तक पढ़ रहे हैं।', एक सरल वाक्य है क्योंकि इसमें एक उद्देश्य और एक ही विधेय है।

    Additional Information 

    वाक्य

    परिभाषा

    उदाहरण

    सरल

    ऐसे वाक्य जिनमें एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता होता है या जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है, वे वाक्य सरल वाक्य कहलाते हैं। इसमें कर्ता एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन मुख्य क्रिया एक ही होगी। 

    राकेश पढ़ता है।

    कमला और विमला मंदिर जाती हैं।

    संयुक्त

    जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।

    वह सुबह आगरा गया और शाम को लौट आया।

    मिश्र

    जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है।

    वह औरत जो पार्क में बैठी हैं मेरी मौसी हैं।

  • Question 30
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त शब्द का सही विकल्प है।

    सभी ने रामू की ईमानदारी और ______ की प्रशंसा की।

    Solution

    इसका सही उत्तर विकल्प 4 होगा। अन्य विकल्प उपयुक्त उत्तर नहीं हैं।

    • ‘सूझबूझ’ शब्द वाक्य के लिए सबसे उपयुक्त शब्द है।
    • पूर्ण वाक्य- सभी ने रामू की ईमानदारी और सूझबूझ की प्रशंसा की।
    • अन्य विकल्प असंगत हैं।


    अन्य विकल्प:

    • खोट- निकृष्टता, दोष आदि।
    • बेईमानी- छल-कपट या अन्य प्रकार का अनाचार करने वाला आदि।
    • निर्दोष- बिना दोष का, निरपराध आदि।
  • Question 31
    5 / -1

    अधोलिखित लोकोक्ति का सही अर्थ बताइये

    'आए थे हरि भजन, को ओटन लगे कपास'  

    Solution

    आए थे हरि भजन, को ओटन लगे कपास' का अर्थ है:- किसी महान कार्य को करने का लक्ष्य बनाकर भी निम्न स्तर के काम में लग जाना।

    • अत: विकल्प 3 = बड़ा लक्ष्य निर्धारित करके छोटे कार्यों में लग जाना, सही विकल्प है।
      • वाक्य प्रयोग: मोहन अच्छी नौकरी छोड़कर शहर से अपने गाँव लौटा था ताकि वह लोगों को प्रगतिशील बना सके लेकिन यहाँ नाटक मंडली बनाने का प्रयास कर वह आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।

    Important Points

    1. आंसू एक नहीं और कलेजा टूक-टूक : दिखावटी रोना।
    2.  आई है जान के साथ जाएगी जनाजे के साथ : वह विपत्ति या बीमारी जो आजीवन बनी रहे।
    3. आ गई तो ईद बारात नहीं तो काली जुम्मे रात : पैसे हुए तो अच्छा खाना खायेंगे, नहीं तो रूखा-सूखा ही सही। 
      1. आई मौज फकीर को, दिया झोपड़ा फूंक : विरक्त(बिगड़ा हुए) पुरुष मनमौजी होते हैं।
      2. आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास: जिस काम के लिए गए थे, उसे छोड़कर दूसरे काम में लग गए। 
      3. आगे कुआं, पीछे खाई : दोनों तरफ विपत्ति होना।
    4. आगे नाथ न पीछे पगहा, सबसे भला कुम्हार का गदहा या (खाय मोटाय के हुए गदहा) : जिस मनुष्य के कुटुम्ब में कोई न हो और जो स्वयं कमाता और खाता हो और सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त हो।
      1. आठों पहर चौंसठ घड़ी : हर समय, दिन-रात।
      2. आठों गांठ कुम्मैत : पूरा धूर्त, घुटा हुआ।
      3. आत्मा सुखी तो परमात्मा सुखी : पेट भरता है तो ईश्वर की याद आती है।
      4. आधी छोड़ सारी को धावे, आधी रहे न सारी पावे : अधिक लालच करना अच्छा नहीं होता; जो मिले उसी से सन्तोष करना चाहिए।
      5. आपको न चाहे ताके बाप को न चाहिए : जो आपका आदर न करे आपको भी उसका आदर नहीं करना चाहिए। 
    5. आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत : आप स्वयं कोई काम न करके दूसरों को वही काम करने का उपदेश देना।
    6. आप तो मियां हफ्तहजारी, घर में रोवें कर्मों मारी : जब कोई मनुष्य स्वयं तो बड़े ठाट-बाट से रहता है पर उसकी स्त्री बड़े कष्ट से जीवन व्यतीत करती है तब ऐसा कहते हैं। 
  • Question 32
    5 / -1
    “डूबते को तिनके का सहारा” के अर्थ से क्या आशय है ?
    Solution
    डूबते को तिनके का सहारा” के अर्थ से आशय है से विपत्ति में तिनके का सहारा भी बहुत लगता है।Key Points
    • जब हम बहुत बड़ी समस्या से निकलते है और तिनके के बराबर  सहारा मिलता है उस समय वो भी बहुत लगता है , बड़ा सहारा दिखाई देता है ।
    • मुश्किल में फंसे व्यक्ति को छोटा से छोटा सहारा भी बहुत लगता है l
    • संकट के समय एक छोटी-सी मदद भी बहुत मायने रखती है ।
    • राम के बहुत बीमार हो जाने के बाद उनके घर में खाने पीने का शोध ही ख़तम  हो गया था पर जब उनके बेटे को क चपरासी की नौकरी मिली कुछ सिथति सही हुई इसी को बोलते भाई तिनके का सहारा मिलना ।

    Additional Information

    आँख का तारा, आँख की पुतली बहुत प्यारा
    खून ठण्डा होनाउत्साह से रहित होना या भयभीत होना
    गढ़ फतह करना कठिन काम करना
    पासा पलटनास्थिति उलट जाना
    पीछा छुड़ानाजान छुड़ाना
  • Question 33
    5 / -1
    'गौशाला' में कौन-सा समास है?
    Solution

    सही उत्तर 'तत्पुरुष' है।

    Key Points

    • 'गौशाला' में तत्पुरुष समास है।
    • गौशाला का सामासिक विग्रह 'गौ के लिए शाला' है
    • 'के लिए' परसर्ग आने पर 'गौशाला' शब्द में तत्पुरुष समास है 

    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

    Important Points

    पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

    1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
    2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
    3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
    4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास
  • Question 34
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे का सही अर्थ हो।

    उड़ती चिड़िया को पहचानना-

    Solution

    दिये गए मुहावरे का उचित अर्थ 'मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना' होगा। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

    Key Points

    मुहावरा

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग 

    उड़ती चिड़िया पहचानना

    मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना

    समीर लोगों को पहचानने में इतना अनुभवी है कि उसे उड़ती चिड़िया पहचानने में देर नहीं लगती।

     

    अन्य विकल्प:

    मुहावरा  

    अर्थ

     वाक्य प्रयोग

    उलटे मुँह गिरना

    दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में स्वयं नीचा देखना

    किसी दिन सेर को सवा सेर मिल गया तो उलटे मुँह गिरोगे।

     उधेड़बुन में पड़ना

    फिक्र या चिन्ता करना

    माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए हमेशा उधेड़बुन में पड़े रहते हैं।

    उलटी गंगा बहाना

    अनहोनी या लीक से हटकर बात करना 

     अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं - कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।

    Additional Information 

    ‘मुहावरे’ का अर्थ बोलचाल की भाषा में सांकेतिक रूप से किसी भाव को  प्रकट करना होता है। जैसे - आँखों से गिरना, आकाश से बातें करना आदि।

  • Question 35
    5 / -1
    'ऋजु' का विलोम है:
    Solution

    ‘ऋजु’ का विलोम शब्द 'वक्र' है। अतः सही विकल्प 'वक्र' है।

    Key Points 

    •  'ऋजु' का अर्थ है 'सीधा, ईमानदार, सच्चा' तथा 'वक्र' का अर्थ है 'टेढ़ा, तिरछा, झुका हुआ, नत, कुटिल'।

    अन्य विकल्प : 

    • 'मृदुका विलोम है 'कठोर'
    • 'ऋतुका विलोम है 'कुऋतु, अनृतु'।
    • 'वज्र' का विलोम है 'कुसुम'। 

    Additional Information

    शब्द

    परिभाषा

    उदाहरण

    विलोम/विपरीतार्थक 

    विपरीत (उल्टा) अर्थ बताने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं।

    1. रात - दिन
    2. सुख - दुःख
  • Question 36
    5 / -1
    सज्जन- के लिए सही संधि विच्छेद को चुनिए I
    Solution

    सज्जन- के लिए सही संधि विच्छेद: सत्+जन

    • सज्जन का संधि विच्छेद = सत् + जन, जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = त्/द् + ज = ज्ज
    • सज्जन - सत् + जन

    Key Pointsयदि दन्त्य स् या त् वर्ग से पहले या बाद में तालव्य ‘श’ या च वर्ग का कोई एक वर्ण आये तो दन्त्य ‘स’ का तालव्य ‘श’ में और त् वर्ग को च् वर्ग में बदल देते हैं।

    • व्यंजन संधि के उदाहरण :-
      • सत् + जन = सज्जन
      • जगत् + जननी = जगज्जननी
      • उद् + ज्वल = उज्जवल

    Additional Information

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

    स्वर संधि

    दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

    स्वार्थ = स्व + अर्थ

    व्यंजन संधि

    व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

    दिग्गज = दिक् + गज

     

    विसर्ग संधि

    विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

    शिरोमणि = शिर: + मणि

  • Question 37
    5 / -1
    'आकर्षण' का विलोम है:
    Solution
    आकर्षण' शब्द का विलोम 'विकर्षण' हैKey Points 
    शब्द अर्थ
    विकर्षणदूर हटाना।
    अनाकर्षणअपने गुण, विशेषत आदि के बल पर किसी का ध्यान अपनी ओर ले आना।
    अपकर्षण नीचे की ओर खींचना या लाना 
    आकर्षणखींचन।
    Additional Information
    • वाक्य प्रयोग 
    • मधुर संगीत का आकर्षण उसे तन्मयता की अवस्था में खींचे लिया जाता था
    • वही लवण्य, वही विकास, वहीं आकर्षण, वहीं लोच।"
      आकर्षण शब्द का उपयोग "प्रेमचंद" ने अपनी कहानी अलग्योझा इस प्रकार किया है
    •  पर होता आकर्षण हर बार।"

      " पर होता आकर्षण हर बार।" आकर्षण" शब्द का उपयोग जोगेंद्र सिंह ने अपनी कविता . में इस प्रकार किया हैImportant Points

      आकर्षण

      • परिभाषा - वह शक्ति जिसके कारण किसी वस्तु की ओर दूसरी वस्तु की तरफ खिंच जाती है
      • वाक्य में प्रयोग - उसकी आँखों में आकर्षण है।
      • समानार्थी शब्द - कशिश , आकर्षणशक्ति
      • लिंग - पुल्लिंग
      • संज्ञा के प्रकार - भाववाचक
      • गणनीयता - अगणनीय
      • एक तरह का - शक्ति
  • Question 38
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    चने की झाड पर चढ़ाना

    Solution

    चने की झाड पर चढ़ाना मुहावरे का सही अर्थ है झूठी तारीफ़ करना। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points

    स्पष्टीकरण:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    चने की झाड पर चढ़ाना

    झूठी तारीफ़ करना

    वह हमेशा बच्ची को चने के झाड पर चढ़ाता है। 

     

    अन्य विकल्प:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    चादर से बाहर पैर पसारना 

    लाभ से ज्यादा खर्च करना 

    आज-कल माता-पिता बच्चों की ज़रूरते कर्ज़ा लेकर पूरी करते हैं इसे ही कहते हैं चादर से बाहर पैर पसारना।

    इज्जत बढ़ाना 

    शोभा बढ़ाना 

    आई ए एस परिक्षा उत्तीर्ण करके उसने समाज में इज्जत बढाई है

    आग में घी डालना 

    किसी को भड़काना

    म उसे पुरानी बातें याद कराकर आग में घी डालने का काम कर रहे हो।      

     

    Important Points

     मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर  विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।
  • Question 39
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) सिद्धो की

    य) इन सिद्धो द्वारा  

    र) साहित्य ‘सिद्ध साहित्य’

    ल) जनभाषा में लिखा गया

    व) संख्या ८४ मानी जाती है l

    (6) कहलाता है l

    Solution

    विकल्प 3 ",, , र" सही उत्तर है ,अन्य विकल्प असंगत है |

    Key Points

    वाक्यों का सही क्रम - 

    (1) सिद्धो की

    (2) संख्या ८४ मानी जाती है l

    (3) इन सिद्धो द्वारा  

    (4) जनभाषा में लिखा गया

    (5) साहित्य ‘सिद्ध साहित्य’

    (6)  कहलाता है l

    Important Points

    वाक्य व्यवस्था की सावधानियाँ-

    1. वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए 
    2. उचित  पदक्रम होना चाहिए 
    3. वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए 
    4. वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है 
    5. उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए 
  • Question 40
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ वाला विकल्‍प है।

    ऊँची दुकान फीका पकवान

    Solution

    ऊँची दुकान फीका पकवान - वास्‍तविकता से अधिक दिखावा

    • वाक्य प्रयोग: वैसे तो दुकान इतनी बड़ी है और पकवान बिलकुल फीका यह तो वही बात हुई कि ऊँची दुकान फीका पकवान वाली बात हुई।

    Additional Information

    लोकोक्ति परिभाषा

    उदाहरण

    किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं। जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।

    अकेला चना भाद नहीं फोड़ता अर्थात एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता

    वाक्य- उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा, हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा। इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’।

  • Question 41
    5 / -1
    'सर मुंडाते ही ओले पड़ना' मुहावरे का उपयुक्त भावार्थ है
    Solution

    इसका सही उत्तर 'कार्यारंभ होते ही विघ्न पड़ना' है।

    Key Points

    • 'सर मुंडाते ही ओले पड़ना' मुहावरे का अर्थ है- कार्यारंभ होते ही विघ्न पड़ना।
    • वाक्य प्रयोग - नरेश ने कल ही कार खरीदी थी और रात की आंधी में उसके ऊपर पेड़ गिर गया, उसके तो सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए।

    मुहावरा और लोकोक्ति में निम्न अंतर है-

    1. मुहावरा एक वाक्यांश होता है जबकि लोकोक्ति एक पूरा वाक्य होता है। 
    2. मुहावरे का स्वतंत्र प्रयोग संभव नहीं है लोकोक्ति एक पूरे वाक्य के रूप में होती है इसलिए इसका स्वतंत्र प्रयोग संभव है।

     जैसे- आप डूबे जग डूबा एक लोकोक्ति है जिसका अर्थ है जो स्वयं बुरा होता है, दूसरो को भी बुरा समझता है अतः हम इसका स्वतंत्र प्रयोग कर सकते हैं।

    Additional Information

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर  विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

    अंक भरना- स्नेह से लिपटा लेना

    वाक्य-माँ ने स्नेह से अपने पुत्र को अंक में भर लिया।  

  • Question 42
    5 / -1
    निम्नलिखित में से कौन सा शब्द 'खग' का पर्यायवाची नहीं है?
    Solution

    वायस यहाँ खग का पर्यायवाची नहीं है।

    • वायस के पर्यायवाची : काग, कौआ, काक, कागा।
    • खग के पर्यायवाची : चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर, पक्षी

    Important Points

    • अन्य महत्त्वपूर्ण पर्यायवाची:- 
      • तोता  : सुग्गा, शुक, सुआ, कीर, दाड़िमप्रिय, तुंड
      • साँप : नाग, विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प 
      • शेषनाग : धरणीधर, फणीश, सहस्रासन, सर्पपति।
      • कुत्ता : सारमेय, सोनहा, शुनक, गंडक, कुकर, श्वान,कुक्कुर।
        • गरुड़-   खगेश, खगपति, नागांतक, सुपर्ण, वैनतेय।
        • गाय-   भद्रा, गौरी, सुरभी, धेनु, गऊ, गौ,गैया, पयसि्वनी,दोग्धी।
        • गंगा- देवनदी, भागीरथी, सुरसरिता, जाह्नवी, मन्दाकिनी विष्णुपदी, सुरसरि, देवपगा, त्रिपथगा, सुरधुनी।
        • गन्ना-   ईक्षु, ऊख, ईख, पौंड़ा।
          • गणेश-  गणपति, गजवदन, मूषकवाहन, लम्बोदर . विनायक, गजानन, भवानीनन्दन।
          • गुप्त-  गूढ़, रहस्यपूर्ण, परोक्ष, छिपा।
          • गेंद –  कन्दुक, गिरिक, गेन्दुक।
          • गधा –खर, वैशाखनन्दन, गर्दभ, रासभ, लम्बकर्ण,धूसर।
          • गीदड़ –नचक, शिवां, सियार, जंबुक, श्रृंगाल।
          • गोद – पार्श्व, अंक, उत्संग, गोदी, क्रोड।
      • बंदर – कपि, मर्कट ,वानर, कपीस ,शाखामृग।
      • बाघ- व्याघ्र ,शार्दुल, चित्रक, व्याल।
  • Question 43
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    ईश्वर _______ विद्यमान है |

    Solution

    यहाँ दिए गये विकल्पों में सर्वत्र शब्द सबसे उपयुक्त हैI अन्य विकल्प दिए गये वाक्य में सार्थक नहीं हैंI अतः सही विकल्प सर्वत्र हैI

    Key Points

    • यहाँ दिए गये वाक्य में ईश्वर के विद्यमान होने की बात की गयी हैI 
    • यहाँ 'सर्वत्र' अर्थात 'हर जगह' सबसे सार्थक अर्थ का द्योतक हैI

     

    अन्य विकल्प

    शब्द

    अर्थ

    थोडा

    कम

    जितना

    जिस मात्रा में

    बहुत

    अधिक

     

    Important Points

    • रिक्त स्थान की पूर्ति में 'सन्दर्भ' के अनुसार शब्द का प्रयोग किया जाता हैI
    • वह रिक्त स्थान सार्थक शब्द के प्रयोग से ही सार्थक वाक्य में परिवर्तित होता हैI

     

  • Question 44
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।

    पर्यावरण के ये........................... और ..................................... घटक आपस में अन्तः क्रिया करते हैं।

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 'जैविक, अजैविक' सही है। अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त नहीं हैं। 

    Key Points

    जैविक का अर्थ - जीव का (जैसे—जैविक क्रियाएँ)।

    अजैविक का अर्थ - अजैव शब्द एक पारिस्थितिकी तंत्र में मौजूद सभी गैर-जीवित कारकों को संदर्भित करता है। सूर्य का प्रकाश, जल, भूमि, सभी अजैविक कारक।

    अन्य विकल्प -

    शब्द

    अर्थ

    आर्थिक 

    अर्थ संबंधी

    राजनैतिक

    राजनीतिक

     

    पर्यावरण संरक्षण

    पर्यावरण और प्राणी एक-दूसरे पर आश्रित हैं।

    पर्यावरण प्रबंधन

    पर्यावरण प्रबंधन परिस्थितिकीय. संतुलन तथा स्थिरता और मनुष्य की आर्थिक या भौतिक प्रगति के मध्य एक तरह का समझौता है।

      

    Additional Information

    • आर्थिक और राजनैतिक दोनों ही 'विशेषण' शब्द हैं।  
  • Question 45
    5 / -1
    'अधीन' का विलोम क्या होगा?
    Solution
    अधीन' का विलोम अनधीन है। 
    शब्दअर्थ
    अधीनआश्रित।
    Key Points 
    शब्दपर्यावाची
    अधीनआश्रित, पराश्रित, परवश, परतंत्र।
    Additional Information
    शब्दअर्थ
    पराधीन जो दूसरे के अधीन हो
    विवशजिसका परिस्थिति पर कोई वश न हो
    Important Points
    • लिंग परिवर्तन के द्वारा विलोम शब्द: जैसे भाई-बहन , राजा-रानी , वर-वधू , लड़का-लड़की, गाय-बैल आदि। 
    • विभिन्न जातीय शब्दों द्वारा विलोम शब्द :  जैसे अधम-उत्तम , अधिकतम – न्यूनतम , अनुराग- विराट , आजाद-गुलाम , आगे-पीछे आदि। 
    • समास के पद बनाकर विलोम शब्द : जैसे नश्वर-अनश्वर, आदि- अनादि, संभव-असंभव आदि। 
    • उपसर्ग के द्वारा विलोम शब्द: जैसे ईश्वर-अनिश्वर,आस्था- अनास्था, स्वास्थ्य-अस्वास्थ्य , मान-अपमान आदि
  • Question 46
    5 / -1
    कौन सा शब्द उदधि का पर्यायवाची नहीं हैं?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "जलद" गलत है।

    Key Points
    • जलद शब्द उदधि का पर्याय नहीं है।
    • यह बादल का पर्याय है।
    • बादल का पर्यायवाची शब्द
      • मेघ, जलद, पर्जन्य, जगजीवन, अंबुद, अंबुधर, अब्र, अभ्र, घटा।
    Important Points
    • उदधि शब्द समुद्र का पर्याय है।
    • समुद्र का पर्यायवाची 
      • सागर, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, नीरनिधि, पयोधि, नदीश, नीरधि, वारिधि, अर्णव, उदधि, पयोनिधि, जलधाम, वारीश, पारावार, अब्धि।  
    Additional Information
    • प्रमुख पर्यायवाची शब्द
      • अलंकार :- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
      • अहंकार :- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
      • अरण्य :- जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
      • अंकुश :- नियंत्रण, पाबंदी, रोक, अंकुसी, दबाव,
      • इजाजत :- स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।
      • इज्जत :- मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
      • इर्द-गिर्द :- मंडलाकार मार्ग में, चक्करदार रास्ते पर, घेरे में, चतुर्दिक, चारों दिशाओं में।
      • इजाजत :- स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति।
      • इज्जत :- मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू।
      • इर्द-गिर्द :- मंडलाकार मार्ग में, चक्करदार रास्ते पर, घेरे में, चतुर्दिक, चारों दिशाओं में।
      • कंठ :- गला, शिरोधरा, ग्रीवा, गर्दन।
      • कुबेर :- धनद, यक्षराज, धनाधिप, यक्षपति, किन्नरेश, राजराज, धनेश।
      • कृतज्ञ :- ऋणी, आभारी, अनुग्रहित, उपकृत ।
      • गरुड़ :- खगेश, खगपति, नागांतक, सुपर्ण, वैनतेय।
      • गाय :- भद्रा, गौरी, सुरभी, धेनु, गऊ, गौ,गैया, पयसि्वनी,दोग्धी।
  • Question 47
    5 / -1
    इहलोक का विपरीतार्थक शब्द है-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प  परलोक इसका सही उत्तर है। 

    Key Points

    • इहलोक का अर्थ यह जगत्
    • परलोक का अर्थ  स्वर्ग

    अन्य विकल्प:

    शब्द

    विलोम

    उपकार

    अपकार

    पाताल

    आकाश

    आदि

    अंत 

    Additional Information

    शब्द

    परिभाषा

    उदाहरण

    विलोम/विपरीतार्थक

    विपरीत (उल्टा) अर्थ बताने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं।

    1. रात-दिन
    2. धरती-आकाश
  • Question 48
    5 / -1
    'प्रत्यंग' शब्द में कौन-सी संधि है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "यण संधि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • प्रत्यंग 
      • प्रति + अंग
      • इ + अ :- य
      • यण संधि
    • प्रत्यंग
      • पुल्लिंग
        • शरीर का कोई छोटा अंग।
        • वस्तु आदि का गौण अंश।
    Important Points
    • यण संधि 
      • (इ, उ, ऋ, लृ) वर्ण के परे असमान स्वर होने पर (इ, उ, ऋ, लृ) के स्थान पर क्रमशः यण् (य्, व्, र्, ल्) का आदेश होता है।
        • अत्यधिक :- अति+ अधिक
        • स्वच्छ :-  सु + अच्छ
        • अन्वय :- अनु + अय
        • पित्राज्ञा :- पितृ + आज्ञा  
    Additional Information
    • गुण संधि के अन्य उदाहरण
    • अ + इ = ए
      • देव + इन्द्र = देवन्द्र
      • सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र
    • अ + ई = ए
      • नर + ईश = नरेश
      • राम + ईश्वर = रामेश्वर
    • आ + इ = ए
      • हेमा + इन्द्र = हेमेन्द्र
      • यथा + ईष्ट = यथेष्ट
    • आ + ई = ए
      • महा + ईश्वर = महैश्वर्य
      • राका + ईश = राकेश
      • लंका + ईश = लंकेश
    • अ + उ = ओ
      • सूर्य + उदय = सूर्योदय
      • हित + उपदेश = हितोपदेश
    • अ + ऊ = ओ
      • नव + ऊढा = नवोढा
      • जल + ऊर्मि = जलोर्मि
    • आ + उ = ओ
      • विधा + उत्तम = विधोत्तम
      • महा + उदय = महोदय
    • आ + ऊ = ओ
      • महा + उर्मि = महोर्मि
      • दया + ऊर्मि = दयोर्मि
    • अ + ऋ = अर्
      • देव + ऋषि = देवर्षि
      • सप्त + ऋषि = सप्तर्षि
    • आ + ऋ = अर्
      • महा + ऋषि = महर्षि
      • वर्षा + ऋतु = वर्षार्तु
    • वृद्धि संधि के उदाहरण :
      • महा + ऐश्वर्य :- महैश्वर्य(आ + ऐ = ऐ)
      • महा + ओजस्वी :- महौजस्वी(आ + ओ = औ)
      • परम + औषध :- परमौषध(अ + औ = औ)
  • Question 49
    5 / -1
    'सदैव' में संधि विच्छेद होगा -
    Solution

    सदैव का संधि विच्छेद : सदा + एव

    • 'सदैव' शब्द में वृद्धि संधि है।

    Key Points

    • 'सदैव' में वृद्धि संधि है।
    • सदा + एव = सदैव' (आ + ए = ऐ), यहाँ 'आ' और 'ए' के मेल से 'ऐबना है। 

    संधि

    परिभाषा

    उदाहरण

    वृद्धि संधि

    जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ' ऐ ' बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ' औ ' बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।

    सदा + एव = सदैव

    अन्य संधि - 

    संधि 

    परिचय 

    उदाहरण

    यण संधि

    जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।

    अति + अधिक : अत्यधिक

    दीर्घ संधि

    जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।

    पुस्तक + आलय = पुस्तकालय

    अयादि संधि

    जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

    नै + अक = नायक

    Additional Information

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

    संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

    संधि

    परिभाषा

    उदाहरण

    स्वर

    स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

     विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

    महा + ईश = महेश

    व्यंजन

    एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    अहम् + कार = अहंकार

    उत् + लास = उल्लास

    विसर्ग

    विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    दुः + आत्मा =दुरात्मा

    निः + कपट =निष्कपट

  • Question 50
    5 / -1
    "धर्माधर्म" शब्द में कौन सा समास है:
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से 'धर्माधर्म' में द्वंद्व समास है। इसका समास विग्रह 'धर्म और अधर्म' होगा तथा इसमें 'और' का लोप होगा।

    Key Points

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र,

    समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे।

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

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