Self Studies

Hindi Mock Test - 13

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Hindi Mock Test - 13
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    जाति-प्रथा के पोषक, जीवन, शारीरिक सुरक्षा तथा संपत्ति के अधिकार की स्वतंत्रता को तो स्वीकार कर लेंगे, परंतु मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के  लिए जल्दी तैयार नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार की स्वतंत्रता का अर्थ होगा अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, तो उसका अर्थ उसे 'दासता' में जकड़कर रखना होगा, क्योंकि 'दासता' केवल कानून पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। 'दासता' में वह स्थिति भी सम्मिलित है जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता न होने पर भी पाई जा सकती है। उदाहरणार्थ, जाति प्रथा की तरह ऐसे वर्ग होना संभव है, जहाँ कुछ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे अपनाने पड़ते हैं।

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    जाति प्रथा के पोषण किसे स्वीकार नहीं करते हैं?
    Solution

    जाति प्रथा के पोषण 'मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता स्वीकार' नहीं करते हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​ लेखक के अनुसार, जाति-प्रथा के समर्थक जीवन, शारीरिक सुरक्षा व संपत्ति के अधिकार को देने के लिए राजी हो सकते हैं, किंतु मनुष्य के सक्षम व प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के लिए तैयार नहीं हैं।

    Key Points

    • सक्षम- काम करने के योग्य, क्षमताशाली।
      • विलोम शब्द- 'अक्षम'
    • प्रभावशाली = प्रभाव + शाली 
      •  'प्रभाव' मूल शब्द और 'शाली' प्रत्यय 
      • अर्थ: जिसमें प्रभाव उत्पन्न करने की शक्ति हो
    • स्वतंत्रता = स्वतंत्र + ता
      • 'स्वतंत्र' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
      • अर्थ: आजादी, स्वाधीनता, बंधनरहित, मुक्ति। 
      • विलोम शब्द- 'परतंत्रता'

    Additional Informationअधिकार:-

    • अधि + कार = अधिकार 
    • 'अधि' (श्रेष्ठ) उपसर्ग और 'कार' (क्रिया) मूल शब्द
    • अर्थ: आधिपत्य, प्रभुत्व, शासन, स्वामित्व, कब्ज़ा, दावा। 
    • विलोम शब्द- 'अनधिकार'

    शारीरिक:-

    • शरीर + इक = शारीरिक
    • 'शरीर' मूलशब्द और 'इक' प्रत्यय
    • अर्थ: शरीर संबंधी, कायिक, दैहिक।

    सुरक्षा:-

    • अर्थ: बचाव, हिफाजत, रक्षा, संरक्षण, प्रतिरक्षा, रखवाली। 
    • विलोम शब्द- 'असुरक्षा'
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    जाति-प्रथा के पोषक, जीवन, शारीरिक सुरक्षा तथा संपत्ति के अधिकार की स्वतंत्रता को तो स्वीकार कर लेंगे, परंतु मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के  लिए जल्दी तैयार नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार की स्वतंत्रता का अर्थ होगा अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, तो उसका अर्थ उसे 'दासता' में जकड़कर रखना होगा, क्योंकि 'दासता' केवल कानून पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। 'दासता' में वह स्थिति भी सम्मिलित है जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता न होने पर भी पाई जा सकती है। उदाहरणार्थ, जाति प्रथा की तरह ऐसे वर्ग होना संभव है, जहाँ कुछ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे अपनाने पड़ते हैं।

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    ऐसी कौन-सी चीज है जिसकी छूट भारत में नहीं मिलती?
    Solution

    ऐसी 'अपनी मर्जी का व्यवसाय चुनने की' चीज है जिसकी छूट भारत में नहीं मिलती।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      •  भारत में​ व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता न दिए जाने पर लेखक यह संभावना व्यक्त करता है कि समाज उन लोगों को दासता में जकड़कर रखना चाहता है।

    Key Points

    • व्यवसाय- कारोबर, पेशा, जीविका, काम, धंधा, व्यापार, वाणिज्य।
    • मर्जी- इच्छा, अभिलाषा, चाह, कामना, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा

    Additional Informationधर्म:-

    • अर्थ: लौकिक एवं सामाजिक कर्तव्य।
      • विलोम शब्द- 'अधर्म'

    संस्था:-

    • अर्थ: समूह, निकाय, समुदाय, संगठन, संघ, समुच्चय। 
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    जाति-प्रथा के पोषक, जीवन, शारीरिक सुरक्षा तथा संपत्ति के अधिकार की स्वतंत्रता को तो स्वीकार कर लेंगे, परंतु मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के  लिए जल्दी तैयार नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार की स्वतंत्रता का अर्थ होगा अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, तो उसका अर्थ उसे 'दासता' में जकड़कर रखना होगा, क्योंकि 'दासता' केवल कानून पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। 'दासता' में वह स्थिति भी सम्मिलित है जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता न होने पर भी पाई जा सकती है। उदाहरणार्थ, जाति प्रथा की तरह ऐसे वर्ग होना संभव है, जहाँ कुछ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे अपनाने पड़ते हैं।

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    अपनी मर्जी से व्यवसाय न चुन पाना एक प्रकार से क्या है ?
    Solution

    अपनी मर्जी से व्यवसाय न चुन पाना एक प्रकार से 'दासता' है।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता न दिए जाने पर लेखक यह संभावना व्यक्त करता है कि समाज उन लोगों को दासता में जकड़कर रखना चाहता है।

    Key Points

    •  दास + ता = दासता
      • 'दास' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
      • अर्थ: दास का काम, गुलामी, परतंत्रता, परवशता।
      • विलोम शब्द- 'स्वाधीनता'

    Additional Informationसामाजिक:- 

    • समाज + इक = सामाजिक 
    • 'समाज' मूलशब्द और 'इक' प्रत्यय  
    • अर्थ: समाज का, समाज से संबंधित 
    • विलोम शब्द- 'असामाजिक'

    मजबूरी:-

    • मजबूर + ई = मजबूरी
    • 'मजबूर' मूलशब्द और 'ई' प्रत्यय  
    • अर्थ: मजबूर होने की अवस्था या भाव, विवशता, लाचारी।

    आर्थिक:-

    • अर्थ + इक = आर्थिक
    • 'अर्थ' मूलशब्द और 'इक' प्रत्यय 
    • अर्थ: वित्त विषयक, राजस्व सम्बन्धी, अर्थ विषयक, वित्तीय।

    विपन्नता:-

    • विपन्न + ता = विपन्नता
    • 'विपन्न' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय  
    • अर्थ: गरीबी, अभाव आदि की अवस्था या भाव।
    • विलोम शब्द- 'संपन्नता'
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    जाति-प्रथा के पोषक, जीवन, शारीरिक सुरक्षा तथा संपत्ति के अधिकार की स्वतंत्रता को तो स्वीकार कर लेंगे, परंतु मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के  लिए जल्दी तैयार नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार की स्वतंत्रता का अर्थ होगा अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, तो उसका अर्थ उसे 'दासता' में जकड़कर रखना होगा, क्योंकि 'दासता' केवल कानून पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। 'दासता' में वह स्थिति भी सम्मिलित है जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता न होने पर भी पाई जा सकती है। उदाहरणार्थ, जाति प्रथा की तरह ऐसे वर्ग होना संभव है, जहाँ कुछ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे अपनाने पड़ते हैं।

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    गद्यांश के अनुसार 'दासता' का क्या अर्थ है ?
    Solution

    गद्यांश के अनुसार 'दासता' का अर्थ है- (i) और (ii) दोनों {(i) कानूनी पराधीनता और (ii) कुछ व्यक्तियों द्वारा कर्त्तव्यों व व्यवहारों का पालन करने के लिए विवश होना}

    • गद्यांश के अनुसार:-
      •  'दासता के अर्थ दो हैं-पहला कानूनी पराधीनता है। दूसरा वह है जिसमें कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों द्वारा निर्धारित व्यवहार व कर्तव्यों का पालन करने के लिए विवश किया जाता है।​

    Key Points

    • पराधीनता = परा + धीन + ता  
      • 'परा' (विपरीत) उपसर्ग, 'आधीन' (विवशता) मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
      • अर्थ: दूसरे की अधीनता, पराधीन होने की अवस्था, परवशता
      • विलोम शब्द- 'स्वाधीनता'
    • कर्त्तव्य-  ड्यूटी, फ़र्ज, जिम्मेदारी, जिम्मेवारी, दायित्व।
      • विलोम शब्द'अकर्त्तव्य'
    • व्यवहार- स्वभाव, आचरण, चरित्र, प्रकृति, सदाचार
    • विवश- बेबस, मजबूर, लाचार, असहाय। 

    Additional Informationवर्ग:- 

    • अर्थ: कोटि, समूह, समुदाय, कक्षा, दर्जा।

    सहायता:-

    • अर्थ: सहाय होने की अवस्था, मदद, सहायता, राहत, समर्थन।​
      • विलोम शब्द- 'असहयोग'
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    जाति-प्रथा के पोषक, जीवन, शारीरिक सुरक्षा तथा संपत्ति के अधिकार की स्वतंत्रता को तो स्वीकार कर लेंगे, परंतु मनुष्य के सक्षम एवं प्रभावशाली प्रयोग की स्वतंत्रता देने के  लिए जल्दी तैयार नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार की स्वतंत्रता का अर्थ होगा अपना व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है, तो उसका अर्थ उसे 'दासता' में जकड़कर रखना होगा, क्योंकि 'दासता' केवल कानून पराधीनता को ही नहीं कहा जा सकता। 'दासता' में वह स्थिति भी सम्मिलित है जिससे कुछ व्यक्तियों को दूसरे लोगों के द्वारा निर्धारित व्यवहार एवं कर्त्तव्यों का पालन करने के लिए विवश होना पड़ता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता न होने पर भी पाई जा सकती है। उदाहरणार्थ, जाति प्रथा की तरह ऐसे वर्ग होना संभव है, जहाँ कुछ लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे अपनाने पड़ते हैं।

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    लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे क्यों अपनाने पड़ते हैं?
    Solution

    लोगों को अपनी इच्छा के विरुद्ध पेशे 'जाति प्रथा के कारण' अपनाने पड़ते हैं।

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • समाज में अनेक ऐसे वर्ग हैं जो अपनी इच्छा के विरुद्ध थोपे गए व्यवसाय करते हैं। वे चाहे कितने ही योग्य हों, जाति प्रथा के कारण उन्हें परंपरागत व्यवसाय करने पड़ते हैं।

    Key Points

    • जाति- समूह, वंश, कुल, जन्म, उत्पत्ति।
    • प्रथा- रीति, रिवाज, परम्परा, रस्म, नियम, दस्तूर, चलन।

    Additional Informationस्वतंत्रता:- 

    • स्वतंत्रता = स्वतंत्र + ता
    • 'स्वतंत्र' मूलशब्द और 'ता' प्रत्यय 
    • अर्थ: आजादी, स्वाधीनता, बंधनरहित, मुक्ति। 
    • विलोम शब्द- 'परतंत्रता'

    बेरोजगारी:- 

    • बे + रोजगार + ई = बेरोजगारी
    • बे (बिना) उपसर्ग, 'रोजगार' मूलशब्द और 'ई' प्रत्यय
    • अर्थ: आजीविकाहीन,  निरुद्यम, बेकारी
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

    गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है। वर्षा के समाप्त हो जाने पर, नदियों में पानी कम हो जाता है, अतः यह मुख्य नदी में वापस लौट आती है।

    गंगा की डॉलफिन अपनी चोंच जैसा लम्बा थूथुन, पानी के बाहर निकालकर तैरती है अथवा पानी के भीतर ही तेज़ गति से तैरती हुई आगे बढ़ती है। यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है। सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। यह पानी की सतह पर तैरते समय कभी-कभी हवा में उछलती है और फिर छपाक की आवाज़ करती हुई पानी की सतह पर गिरती है। इसके इस व्यवहार का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ कि यह केवल हवा में उछल सकती है। सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।

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    गद्यांश के अनुसार गंगा की डॉलफिन का प्रवास किसके अनुसार होता है।

    Solution
    सही उत्तर 'मौसम के अनुसार' है।
    Key Points गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। 
    Additional Information अन्य विकल्प:
    • खतरे के अनुसार - विपरीत परिस्थिति के मुताबिक़। 
    • जलवायु के अनुसार - पानी और हवा की स्थिति के मुताबिक़। 
    • नदियों के अनुसार - प्रवाहमान नदियो के मुताबिक़।
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

    गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है। वर्षा के समाप्त हो जाने पर, नदियों में पानी कम हो जाता है, अतः यह मुख्य नदी में वापस लौट आती है।

    गंगा की डॉलफिन अपनी चोंच जैसा लम्बा थूथुन, पानी के बाहर निकालकर तैरती है अथवा पानी के भीतर ही तेज़ गति से तैरती हुई आगे बढ़ती है। यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है। सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। यह पानी की सतह पर तैरते समय कभी-कभी हवा में उछलती है और फिर छपाक की आवाज़ करती हुई पानी की सतह पर गिरती है। इसके इस व्यवहार का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ कि यह केवल हवा में उछल सकती है। सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।

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    गंगा की डॉलफिन का सूंस नाम क्यों रखा गया है?

    Solution
    सही उत्तर 'यह सांस छोड़ने में सू... सू... की आवाज़ निकालती है।'
    Key Points गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। 
    Additional Information अन्य विकल्प:
    • यह सांस लेने में सू... सू... की आवाज़ निकालती है। - साँस लेने की क्रिया में सू... सू... की आवाज़ निकालना। 
    • यह सीटी बजाते हुए सू... सू... की आवाज़ निकालती है। - ध्वनि निकाले जाने वाले यंत्र की क्रिया - कलाप के दौरान सू... सू... की आवाज़ निकालना। 
    • यह तैरने में सू... सू... की आवाज़ निकालती है। - तैरने की क्रिया के दौरान सू... सू... की आवाज़ निकालना।
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

    गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है। वर्षा के समाप्त हो जाने पर, नदियों में पानी कम हो जाता है, अतः यह मुख्य नदी में वापस लौट आती है।

    गंगा की डॉलफिन अपनी चोंच जैसा लम्बा थूथुन, पानी के बाहर निकालकर तैरती है अथवा पानी के भीतर ही तेज़ गति से तैरती हुई आगे बढ़ती है। यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है। सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। यह पानी की सतह पर तैरते समय कभी-कभी हवा में उछलती है और फिर छपाक की आवाज़ करती हुई पानी की सतह पर गिरती है। इसके इस व्यवहार का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ कि यह केवल हवा में उछल सकती है। सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।

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    गंगा की डॉलफिन मानसून के मौसम में क्या करती है?

    Solution
    सही उत्तर 'मुख्य नदी से सहायक नदियों की ओर जाती है।' 
    Key Points 
    गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है।
    अन्य विकल्प:
    • सहायक नदियों से मुख्य नदी की ओर जाती है। - छोटी नदियों से बड़ी नदियों की ओर जाना। 
    • मुख्य नदी से समुद्र की ओर जाती है। - बड़ी नदी से समुन्दर की तरफ जाना। 
    • समुद्र से मुख्य नदी की ओर जाती है। - सागर से बड़ी नदी की ओर जाना।
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

    गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है। वर्षा के समाप्त हो जाने पर, नदियों में पानी कम हो जाता है, अतः यह मुख्य नदी में वापस लौट आती है।

    गंगा की डॉलफिन अपनी चोंच जैसा लम्बा थूथुन, पानी के बाहर निकालकर तैरती है अथवा पानी के भीतर ही तेज़ गति से तैरती हुई आगे बढ़ती है। यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है। सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। यह पानी की सतह पर तैरते समय कभी-कभी हवा में उछलती है और फिर छपाक की आवाज़ करती हुई पानी की सतह पर गिरती है। इसके इस व्यवहार का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ कि यह केवल हवा में उछल सकती है। सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।

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    गद्यांश के अनुसार गंगा की डॉलफिन 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के बीच पानी की सतह पर साँस लेने के लिए आती है, क्योंकि____________

    Solution
    सही उत्तर 'यह फेफड़ों से साँस लेती है।'
    Key Points 
     गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है।
    • सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। 
    Additional Informationअन्य विकल्प:
    • यह पानी के भीतर भी सांस ले सकती है। - हाँ, यह ले सकती है, क्योंकि इसकी श्वसन प्रक्रिया फेफड़ो के माध्यम से होती है। 
    • इसके गिल होते हैं। हाँ इसके गिल नही होते है। 
    • यह पानी के भीतर सांस लेती है और साँस को छोड़ने बाहर आती है। - हाँ यह पानी के भीतर श्वास फेफड़ो के माध्यम से लेती है, और साँस को छोड़ने बाहर आती है।
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।

    गंगा की डॉलफिन मौसम के अनुसार प्रवास करती है। यह मानसून के मौसम में नदियों में ऊपर की ओर चढ़ती है तथा मुख्य नदी से, इसकी सहायक नदियों में आ जाती है। वर्षा के समाप्त हो जाने पर, नदियों में पानी कम हो जाता है, अतः यह मुख्य नदी में वापस लौट आती है।

    गंगा की डॉलफिन अपनी चोंच जैसा लम्बा थूथुन, पानी के बाहर निकालकर तैरती है अथवा पानी के भीतर ही तेज़ गति से तैरती हुई आगे बढ़ती है। यह स्तनपायी जीव है तथा फेफड़ों से सांस लेती है, अतः इसे सांस लेने के लिए अपना थूथुन पानी के बाहर निकालना पड़ता है। सामान्यता यह 30 सेकेंड और 120 सेकेंड के मध्य पानी की सतह पर सांस लेने के लिए आती है। इसके सांस छोड़ने में सू... सू... की तेज़ आवाज़ होती है। इसीलिए इसे सूंस कहते हैं। यह पानी की सतह पर तैरते समय कभी-कभी हवा में उछलती है और फिर छपाक की आवाज़ करती हुई पानी की सतह पर गिरती है। इसके इस व्यवहार का अध्ययन करने पर यह ज्ञात हुआ कि यह केवल हवा में उछल सकती है। सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।

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    गद्यांश के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?

    Solution
    सही उत्तर 'गंगा की डॉलफिन के सिवाय डॉलफिन की अन्य प्रजातियाँ हवा में करतब दिखा सकती हैं।'
    Key Points 
    गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • सामान्य डॉलफिन और बोतलनुमा नाकवाली डॉलफिन के समान, गंगा की डॉलफिन करतब नहीं दिखा सकती है।
    Additional Informationअन्य विकल्प:
    • गंगा डॉलफिन एक राष्ट्रीय जलीय जीव है। इसे 2009 में घोषित किया गया था
    • केवल गंगा की डॉलफिन हवा में करतब दिखा सकती है। - तो यह कथन गद्यांश के विपरीत है, वह करतब नही दिखा सकती है।
    • डॉलफिन की सभी प्रजातियाँ पानी की सतह के अंदर श्वसन क्रिया करती हैं। - वह पानी से कुछ समय के लिए बाहर आकर श्वसन क्रिया करती है।
  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

    भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि भारतवासी उस पर आनन्दपूर्वक चलकर अपनी उन्नति के इष्ट स्थान तक पहुँच सकें। यद्यपि भारतेंदुजी ने अपने लगाए हुए वृक्षों को फल-फूलों से लदा नहीं देखा फिर भी यह कहने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होगा कि वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।

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    भारतेंदु जी के जीवन का उद्देश्य था -
    Solution
    सही उत्तर 'मार्गों को साफ़ रखना' है।
    Key Points गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। 
    • मार्गों को साफ़ रखना - रास्तों की साफ सफाई करना 
    Additional Information अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
    • देश का विकास करना - देश के प्रगति के कार्य करना 
    • हिंदी भाषा और साहित्य की उन्नति - हिन्दी की साहित्य सम्पदा को समृद्ध करना 
    • भारतीय संस्कृति का विकास - भारतीय संस्कृति की उत्तरोत्तर प्रगति का विकास करना
  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

    भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि भारतवासी उस पर आनन्दपूर्वक चलकर अपनी उन्नति के इष्ट स्थान तक पहुँच सकें। यद्यपि भारतेंदुजी ने अपने लगाए हुए वृक्षों को फल-फूलों से लदा नहीं देखा फिर भी यह कहने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होगा कि वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।

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    भारतेंदुजी ने अपने जीवन में क्या किया ?
    Solution
    सही उत्तर 'हिंदी भाषा एवं साहित्य की उन्नति के बीज बोए' है।
    Key Points 
    गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।
    अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
    • फल-फूलों के वृक्ष लगाएI - बागवानी के वृक्ष लगाने का महद् कार्य किया। 
    • रास्तों को सुन्दर बनायाI - मार्गो को सुंदर बनाने का भगीरथ कार्य किया। 
    • भारतीयों को आनंद प्रदान करने का प्रयास किया - भारतवासी को सुख और आनंद की अनुभूति हो इसके लिये भरसक प्रयत्न किया।
  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

    भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि भारतवासी उस पर आनन्दपूर्वक चलकर अपनी उन्नति के इष्ट स्थान तक पहुँच सकें। यद्यपि भारतेंदुजी ने अपने लगाए हुए वृक्षों को फल-फूलों से लदा नहीं देखा फिर भी यह कहने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होगा कि वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।

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    'काँटों और कंकड़ों' से क्या अभिप्राय है ?
    Solution
    सही उत्तर 'मार्ग की रुकावटें' है।
    Key Points गद्यांश में आया हुआ उल्लेख:
    • भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। 

    Additional Informationअन्य विकल्पों का विश्लेषण:
    • सुख और दुख - मन को आनंद मिले उसे सुख और जो मन के विपरीत हो, उसे दुःख कहा जाता है।  
    • आस-पास फैली गन्दगी - चारो ओर पडी हुई गंदी चीजे।  
    • मन के बुरे भाव - मन के अंदर रही हुई बुराइयाँ।  
  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

    भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि भारतवासी उस पर आनन्दपूर्वक चलकर अपनी उन्नति के इष्ट स्थान तक पहुँच सकें। यद्यपि भारतेंदुजी ने अपने लगाए हुए वृक्षों को फल-फूलों से लदा नहीं देखा फिर भी यह कहने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होगा कि वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।

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    "इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि _________" उपर्युक्त पंक्ति के अनुसार भारतेंदु जी ने किसे सुरम्य बना दिया था?
    Solution
    सही उत्तर 'हिंदी भाषा एवं साहित्य के मार्ग को' है।
    Key Points गद्यांश मे आया हुआ उल्लेख:
    • हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।
    Additional Informationअन्य विकल्पों का विश्लेषण:
    • भारतवासियों के उन्नति के मार्ग को - भारतवासियों की प्रगति के राजमार्ग का। 
    • भारतवासी के आनंद को - भारतवासी की अन्तः सुख की चेतना का। 
    • स्वयं के जीवन के उद्देश्य को - खूद के जीवन के उद्देश्य का।
  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए।

    भारतेंदुजी के जीवन का उददेश्य अपने देश की उन्नति के मार्ग को साफ़-सुथरा और लम्बा-चौड़ा बनाना था उन्होंने इसके काँटो और कंकडों को दूर किया। उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। इस प्रकार उसे सुरम्य बना दिया कि भारतवासी उस पर आनन्दपूर्वक चलकर अपनी उन्नति के इष्ट स्थान तक पहुँच सकें। यद्यपि भारतेंदुजी ने अपने लगाए हुए वृक्षों को फल-फूलों से लदा नहीं देखा फिर भी यह कहने में किसी प्रकार का संकोच नहीं होगा कि वे जीवन के उद्देश्य में पूर्णतया सफल हुए। हिन्दी भाषा और साहित्य में जो उन्नति आज दिखाई पड़ रही है उसके मूल कारण भारतेंदुजी हैं और उन्हें ही इस उन्नति के बीज को रोपित करने का श्रेय प्राप्त है।

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    'मनोरम' का अर्थ है?
    Solution
    सही उत्तर 'मन को रमाने वाला' है।
    • मनोरम का वाक्य प्रयोग - मनाली की यात्रा मनोरम और आँखों को सुकून देने वाली होती है।
    Key Pointsगद्यांश  में आया हुआ उल्लेख:
    • उसके दोनों ओर सुन्दर क्यारियाँ बनाकर उसमें मनोरम फल-फूलों के वृक्ष लगाए। 
    Additional Information अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
    • दूर-दूर तक - लम्बी दूरी तक जैसे - दूर - दूर तक वहाँ कोई खड़ा नही था। 
    • विभिन्न आकारों के - अलग - अलग आकार के  - जैसे - वहाँ विभिन्न आकारों की कारे खडी थी।
    • बड़े-बड़े - आकार में बड़े - जैसे - वहाँ बड़े - बड़े कूलर लगाये हुए थे।
  • Question 16
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये।

    श्रीरामचरितमानस महाकाव्य को विश्व के ________ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया।

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प 1 - 100 सर्वश्रेष्ठ है अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त नहीं हैं  

    Key Points

    • श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। रामचरितमानस एक लोक ग्रन्थ है
    • महाकाव्य श्रीरामचरितमानस के रचयिता तुलसीदास जी हैं  है।
    • पूर्ण वाक्य - श्रीरामचरितमानस महाकाव्य को विश्व के  100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में 46वाँ स्थान दिया गया।

    Additional Information

    • श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। 
    • तुलसीदास जी द्वारा रचित महाकाव्य श्रीरामचरितमानस की प्रसिद्धि का अनुमान इस बात का है कि विश्व के 100 सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यों में इसको 46वाँ स्थान दिया गया।
  • Question 17
    5 / -1

    निर्देश: दिए गए वाक्यांश के लिए एक शब्द दीजिये|

    ‘जो छः माह में एक बार हो’ 
    Solution

    ‘जो छः माह में एक बार हो’ वाक्यांश के लिए एक शब्द ‘अर्धवार्षिक’ होगा| अन्य विकल्प असंगत हैं| अतः सही विकल्प अर्धवार्षिक’ है|

    अन्य विकल्प

    शब्द

    वाक्यांश

    त्रैमासिक

    तीन माह में एक बार होने वाला

    साप्ताहिक

    सप्ताह में एक बार होने वाला

    वार्षिक

    प्रतिवर्ष होने वाला

  • Question 18
    5 / -1
    "ताजमहल क्या सुन्दर है!" यह कैसा वाक्य है?
    Solution
    ताजमहल क्या सुन्दर है! यह एक विस्मयार्थक वाक्य का उदाहरण है। 

     वे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार का विस्मय, हर्ष, दुःख, आश्चर्य आदि का बोध होता है, विस्म वाक्य विस्मयार्थक कहलाते हैं।

    Additional Information

    विशेष

    वाक्य के भेद

    परिभाषा

    उदाहरण

    विधानवाचक

    वे वाक्य जिनसे किसी बात या कार्य के होने का बोध होता है, विधिवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    राजा बाज़ार गया।

    निषेधवाचक

    जिनसे किसी बात या कार्य के न होने अथवा इनकार किए जाने का बोध होता है, निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    कल नेहा घर नहीं गयी थी।

    आज्ञावाचक

    वे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार की आज्ञा का बोध होता है, आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं।

    श्याम पानी लाओ!

    विस्मयवाचक

    वे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार का विस्मय, हर्ष, दुःख, आश्चर्य आदि का बोध होता है, विस्मयवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    अरे! वह उत्तीर्ण हो गया।

    संकेतवाचक

    वे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार के संकेत या इशारे का बोध होता है, संकेतवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    जो परिश्रम करेगा वह सफल होगा।

    संदेहवाचक

    वे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार के सन्देह या भ्रम का बोध होता है, सन्देहवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    वह अब जा चुका होगा।

    प्रश्नवाचक

    वे वाक्य, जिनसे किसी प्रश्न के पूछे जाने का बोध होता है, प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं।

    तुम किस कक्षा में पढ़ते हो?

    इच्छावाचक

    इच्छावाचक वाक्य अर्थात वह वाक्य जिसमें किसी बात या कार्य की कामना की गयी हो।

    ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे।

  • Question 19
    5 / -1
    'अकाल' का पर्यायवाची है
    Solution

    दुर्भिक्ष' अकाल का पर्यायवाची शब्द है। अन्य  सभी विकल्प असंगत है। 
    Key Points 

    अन्य विकल्प: 

         शब्द 

    पर्यायवाची      

         अपरिहार्य 

    अवर्जनीय, अबाध्य अनिवार्य। 

       अँधियारा

    तम, तमिस्रा, तिमिर, स्याही, अँधेरा, अंधतमस, तमस, अंधियारा। 

       अक्षतसमूचा, कल्याण, सम्पूर्ण, 

    Additional Information

    शब्द

    परिभाषा

    पर्यायवाची

    एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द, जो बनावट में भले ही अलग हों, पर्यायवाची शब्द कहा जाता है।। 'पर्यायवाची-शब्द' को 'समानार्थी शब्द' भी कहा जाता है।

    जैसे – ज्ञान = सूचना, विद्या, बोध; झील = सरोवर, कूल।

  • Question 20
    5 / -1
    'कुएँ से प्यासा आना' से क्या आशय है ?
    Solution

    'कुएँ से प्यासा आना' से आशय है: निराश लौटना

    • वाक्य प्रयोग :ऐसे स्थान पर से निराश लौटना जहाँ सहज में काम निकल या बन सकता हो।

    Key Points

    • गंगा गए गंगादास, जमुना गए जमुनादास– अवसर की तलाश करना।
    • गए रोज छुड़ाने, नमाज गले पड़ी– एक मुसीबत से छुटकारा पाने में दूसरी आ जाना।
    • गरीब की जोरू, सब की भौजाई– कमजोर व्यक्ति की चीजों पर सबका अधिकार।
      • घर में नहीं दाने, अम्मा चलीं भुनाने– अपने पास  योग्यता नहीं होने पर भी कार्य को करना।
      • उल्टा चोर कोतवाल को डांटे– अपनी गलती होने पर दुसरो की बताना।
      • एक तो चोरी, ऊपर से सीनाजोरी– गलती करने पर नहीं मानना।
      • न खुदा ही मिला न विसाले सनम– दोनों तरफ से फायदा नहीं होना।
  • Question 21
    5 / -1
    वाच्य होते है:
    Solution

    उपरोक्त विकल्पों में से वाच्य के तीन प्रकार के होते है। 

    Key Points

    क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। इसके अनुसार वाच्य के तीन प्रकार होते है। वे है : कर्तृवाच्यकर्मवाच्यभाववाच्य

    कर्तृवाच्य

    क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

    जैसे : राजू खाना खाता है।

    कर्मवाच्य

    क्रिया के जिस रूप में कर्म प्रधान हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

    जैसे : दीपा को पानी दी गया।

    भाववाच्य

    क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।

    जैसे : बारिश में चला नहीं जाता।

  • Question 22
    5 / -1
    'पाप-पुण्‍य' शब्द किस समास का उदाहरण है ?
    Solution

    सही उत्तर द्वन्‍द्व समास’ है। 

    Key Points

    • 'पाप-पुण्‍यद्वन्‍द्व समास का उदाहरण है। 
    • 'पाप-पुण्‍य' का समास विग्रह होगा - पाप और पुण्य। 
    • द्वंद्व समास में पूर्वपद उअर उत्तरपद के मध्य योजक शब्द का प्रयोग होता है एवं दोनों पद प्रधान होते हैं।
    • 'पाप-पुण्‍य' में दोनों पद प्रधान है एवं विग्रह करने पर 'और' योजक का प्रयोग किया गया है।

    पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

    1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
    2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
    3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
    4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

    संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

    1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
    2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
    3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

     

     

  • Question 23
    5 / -1

    दिये गए वाक्य का वह भाग ज्ञात करें जिसमें कोई त्रुटि है।

    देश से कई वर्षों से  व्यावसायिक प्रयोग किए जा रहे हैं।

    Solution

    इसका सही उत्तर विकल्प 1 है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

    Key Points

    • अशुद्ध वाक्य- देश से कई वर्षों में व्यावसायिक प्रयोग किए जा रहे हैं।
    • शुद्ध वाक्य- देश में कई वर्षों से व्यावसायिक प्रयोग किए जा रहे हैं।
  • Question 24
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये

    धर्म के प्रति आज के व्यक्ति की ________ कम होती जा रही है।

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प 2 आस्था है। अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए उपयुक्त नही हैं। 

    Key Points

    • आस्था का अर्थ है - आस्था ज्ञान के आधार के बिना किसी भी परिघटना के सत्य मानने का विश्वास है।
    • पूर्ण वाक्य - धर्म के प्रति आज के व्यक्ति की आस्था कम होती जा रही है।


    अन्य विकल्प-

    शब्द

    अर्थ

    धारणा

    धारण करने की क्रिया या भाव।

    पूजा

    अर्चना, पूजन।

    कल्पना

    कल्पित करने का भाव।

  • Question 25
    5 / -1
    'जय' का विलोमार्थी है - 
    Solution

    सही उत्तर 'पराजय' है। 

    Key Points
    • 'जय' का विलोमार्थी है - पराजय। 
    • 'अजेय' का विलोम शब्द 'जेय' होता है।
    • 'विजय' का विलोम भी 'पराजय' होता है।  

    Additional Information

    • जो शब्द किसी दूसरे शब्द का उल्टा अर्थ बताते हैं, उन्हें विपरीतार्थक शब्द या विलोमार्थी शब्द कहते है।
    • जैसे- हार- जीत, आय- व्यय, आजादी- गुलामी, नवीन- प्राचीन आदि।
  • Question 26
    5 / -1
    इसमें से कौन सा निषेधात्मक वाक्य है ?
    Solution
    • हवा में नमी नहीं है निषेधात्मक वाक्य है ।

    Key Points

    • वे वाक्य जो कोई नकारात्मक सूचना देते हों , वे वाक्य निषेधात्मक वाक्य हैं ।
    • अभिव्यक्ति शैली की दृष्टि से आठ प्रकार के काव्य हैं :-
    1. विधेयात्मक वाक्य 
    2. निषेधात्मक वाक्य 
    3. प्रश्नवाचक वाक्य 
    4. संदेहवाचक वाक्य 
    5. इच्छावाचक वाक्य 
    6. आदेशवाचक वाक्य 
    7. विस्मयादिकबोधक वाक्य 
    8. संकेतवाचक वाक्य 

    Important Points

    • राम दयालु हैं - विधेयात्मक वाक्य ।
    • शायद आज बरसात होगी - संदेहवाचक वाक्य ।
    • ईश्वर तुम्हें सद्बुद्धि प्रदान करे - इच्छावाचक वाक्य ।
  • Question 27
    5 / -1

    रिक्त स्थान के लिए सही विकल्प का चयन करें।

    मनुष्य के __________ में _____________ उसकी मित्र, मार्गदर्शक, प्रेरक और साथी होती हैं। 

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'एकांत, पुस्तकें है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    Key Points

    • दिए गए विकल्पों में रिक्त स्थान के लिए उचित शब्द क्रमश: 'एकांत, पुस्तकें' होगा।  
    • इसका पूर्ण वाक्य होगा - मनुष्य के एकांत में पुस्तकें उसकी मित्र, मार्गदर्शक, प्रेरक और साथी होती हैं। 
    • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं जिनका प्रयोग दिए गए रिक्त स्थान में त्रुटिपूर्ण होगा। 
    • एकांत के पर्यायवाची शब्द हैं - निर्जन, सूना, शांत, शून्य, सुनसान, अकेला, एकाकी, तनहा, वीरान, विथावान।

    Additional Information

    • सामान्य ज्ञान की रिक्त स्थान पूर्ति अभ्यास का मूल उद्देश्य ज्ञान वर्धन करना है। 
    • साथ ही शब्दों के उचित प्रयोग की जानकारी अर्जित करना है। 
  • Question 28
    5 / -1
    'उच्चारण' का संधि विच्छेद होगा:
    Solution

    दिए गए विकल्पों में ‘उच्चारण’ का संधि विच्छेद 'उत् + चारण' होगा तथा इसमें व्यंजन संधि है। 

    Key Pointsव्यंजन संधि - 

    • व्यंजन और व्यंजन या स्वर के मेल से जो परिवर्तन या विकार उत्पन्न होता हे उसे व्यंजन संधि कहा जाता है।  
    • जब संधि की जाती है तो उनमे पहला वर्ण यदि व्यंजन होता है तथा दूसरा वर्ण यदि व्यंजन या स्वर होता है तो उस प्रकार की संधि को व्यंजन संधि कहा जाता है।  

    उदाहरण 

    उत् + चारण = उच्चारणAdditional Information

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

    संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

    संधि

    परिभाषा

    स्वर

    स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश।

    व्यंजन

    एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास।

    विसर्ग

    विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - दुः + आत्मा = दुरात्मा; निः + कपट = निष्कपट।

  • Question 29
    5 / -1

    दिये गए वाक्य का वह भाग ज्ञात करें जिसमें कोई त्रुटि है।

    किसी भी साधन को समय के द्वारा दोबारा  प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

    Solution

    इसका सही उत्तर विकल्प 2 है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

    • अशुद्ध वाक्य- किसी भी साधन को समय के द्वारा दोबारा  प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
    • शुद्ध वाक्य- समय को किसी भी साधन के द्वारा दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।  
  • Question 30
    5 / -1
    नीचे दिए गए शब्दों का सही संधि वाला विकल्प पहचानिए?
    तत्‌ + टीका
    Solution

    त् + ट = ट्ट, तत् + टीका = तट्टीका होने से यहाँ व्यंजन संधि हैं।

    Key Points

    व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो परिवर्तन होता है,उसे व्यंजन संधि कहते है।
    • जैसे: वाक्+ईश= वागीश।
    व्यंजन संधि का एक नियम: 
    किसी वर्ग के पहले वर्ण (क,च,ट,त,प) का मेल किसी स्वर अथवा किसी वर्ग के तीसरे वर्ण (ग,ज,ड,द,ब) या चौथे वर्ण (घ,झ,ढ,ध,भ)
    अथवा अन्तस्थ व्यंजन (य,र,ल,व्) के किसी वर्ण से होने पर वर्ग का पहला वर्ण अपने ही वर्ग के तीसरे वर्ण (ग,ज,ड,द,ब) में परिवर्तित हो जाता है।
    • दिक्+गज +दिग्गज 
    • अच्+अंत+अजन्त 
  • Question 31
    5 / -1
    'खुदा गंजे को नाखून न दें' लोकोक्ति का अभिप्राय है-
    Solution

    'खुदा गंजे को नाखून न दें' लोकोक्ति का अभिप्राय है - अत्याचारी को शक्ति नहीं मिलनी चाहिए।
    Key Points

    • खुदा गंजे को नाखून न दें - अत्याचारी को शक्ति नहीं मिलनी चाहिए।
    • जैसे -  रमेश ने अपने अनपढ़ बेटे को अपनी जायदाद का मालिक बना दिया और उसने अपनी अल्पबुद्बि से सब कुछ खत्म कर दिया इसलिए कहते हैं कि खुदा गंजे को नाखून न दे।

    Additional Information

    •  एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा का अर्थ - 'एक दोष पहिले से था, दूसरा और आ गया।
    • वाक्य प्रयोग -  एक व्यक्ति से पहले ही पूरा मोहल्ला त्रस्त था कि अब उसके जैसा एक नेता भी आने लग गया है करेला और नीम चढ़ा। 

    Important Points

     

    परिभाषा

    उदाहरण

    लोकोक्ति

    'लोकोक्ति' शब्द 'लोक + उक्ति' शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन'। संस्कृत में 'लोकोक्ति' अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को 'कहावत' कहा जाता है।

    अंत भले का भला।        

    अढ़ाई दिन की बादशाहत।

  • Question 32
    5 / -1

    अनाथ बच्चों को यथाशक्ति दान करना चाहिए।

    रेखांकित शब्द में समास होगा:

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से ‘यथाशक्ति’ शब्द अव्ययीभाव समास का उदहारण है| शेष विकल्प गलत हैं
    Key Points 

    स्पष्टीकरण – अव्ययीभाव समास में पहला शब्द अव्यय होता है बाद का शब्द कोई संज्ञा शब्द होता है। अव्यय और संज्ञा के योग से बनता है और इसका क्रिया विशेष के रूप में प्रयोग किया जाता है। अव्ययीभाव समास में पहला पद अव्यय होता है तथा प्रधान होता है।

    अव्यय का शाब्दिक अर्थ होता है – जो व्यय न हो। जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होता उसे अव्यय शब्द कहते हैं।

    यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार| इस शब्द में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि की वजह से कोई परिवर्तन नहीं होगा|  यथाशक्ति में पहला पद प्रधान है और यदि पहले पद को हटा दिया जाय तो दूसरा पद निश्चित सटीक अर्थ प्रदान नहीं करता है| शक्ति कितनी है यह पता नहीं चलता है
    Additional Information 

    विशेष

    समास : जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। समास के छः भेद है|

    समास

    परिभाषा

    उदहारण

    अव्ययीभाव समास

    उस समास को अव्ययीभाव समास कहते है जिसका प्रथम पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है|

    यथाशक्ति : शक्ति के अनुसार।

    द्विगु समास

    वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक होता है तथा समस्तपद किसी समूह का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है|

    नवरात्र : नौ रात्रियों का समूह

    तत्पुरुष समास

    वह समास जिसका प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तरपद प्रधान होता है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

    मूर्ति को बनाने वाला : मूर्तिकार

     

    बहुब्रीहि समास

    जिस समास के समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं, वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है।

    चक्रपाणि : चक्र है पानी  पाणि में जिसके अर्थात विष्णु

  • Question 33
    5 / -1
    'अवनि' का विलोम शब्द है
    Solution

    सही उत्तर 'अम्बर' है।

    Key Points

    • 'अवनि' का विलोम शब्द 'अम्बर' है
    • अवनि का अर्थ- धरा, धरती 
    • अम्बर का अर्थ- आकाश 

    अन्य विकल्प-

    • धरा- अवनि का पर्यायवाची 
    • शशांक- चन्द्रमा का पर्यायवाची 
    • सितारा- तारा का पर्यायवाची 
  • Question 34
    5 / -1
    'अतुल' का विलोम है:
    Solution

    'अतुल' का विलोम है: तुल्य

    • अतुल : जिसकी कोई तुलना न हो
    • तुल्य : जिसकी तुलना हो

    Important Points

    • स्वक्रिया – परक्रिया
    • प्राचीन – अर्वाचीन
    • सन्यासी – गृहस्थ
    • प्रमुख – गौण
      • मृदुल – रुक्ष (कठोर)
      • रिजु/ऋजु – वक्र
      • हेय – ग्राह्य
      • श्यामा – गौरी
      • समर्थन – विरोध
      • एकाग्रचित – दुचिन्ता
      • संकल्प – विकल्प
  • Question 35
    5 / -1
    'अन्वय' का संधि विच्छेद होगा:-
    Solution

    अन्वय' का संधि विच्छेद होगा:- 'अनु + अय'

    • अनु + अय = अन्वय
    • अन्वय शब्द में यण संधि है
    • 'अनु' (पीछे) उपसर्ग और 'अय' (गति) मूल शब्द है।
    • अर्थ: शब्दों का तर्कपूर्ण क्रम। 
    • विलोम शब्द- 'अनन्वय'
      • अर्थ: ​संबंध का अभाव।

    Key Pointsयण संधि:-

    • जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है,
    • जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व‘ बन जाता है , जबके साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है, तो उसे यण संधि कहते है
    • जैसे-
      • अति + अधिक = अत्यधिक (इ + अ = य)

    Additional Informationकुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:-

    • प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (इ + अ = य)
    • अधि + अयन = अध्ययन (इ + अ = य)
    • अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = व)
    • सु + अच्छ = स्वच्छ (उ + ए = व)
    • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा (ऋ + आ = र)
    • मातृ + आदेश = मात्रादेश (ऋ + आ = र)
  • Question 36
    5 / -1

    निर्देश: दिए गए वाक्यांश के लिए एक शब्द दीजिये

    ‘अच्छे कार्य और सेवा पर दी जाने वाली भेंट’
    Solution

    ‘अच्छे कार्य और सेवा पर दी जाने वाली भेंट’ वाक्यांश के लिए एक शब्द ‘पुरस्कार’ होगा अन्य विकल्प असंगत हैं अतः सही विकल्प पुरस्कार’ है
    Key Points 

    अन्य विकल्प

    शब्द

    वाक्यांश

    प्रतिदान

    बदले में दूसरी वस्तु देना

    उपहार

    वह वस्तु जो किसी समारोह में भेंट स्वरूप दी जाती है

    पारितोषिक

    किसी काम के लिए सम्मानपूर्वक दिया जाने वाला धन

  • Question 37
    5 / -1

    निर्देश: दिए गए वाक्यांश के लिए एक शब्द दीजिये|

    माँ–बाप का अकेला लड़का 
    Solution

    'माँ–बाप का अकेला लड़का' के लिए एक शब्द 'इकलौता' है| अन्य विकल्प असंगत हैं| अतः सही विकल्प 'इकलौता' है|

    अन्य विकल्प –

    शब्द

    वाक्यांश

    इतिवृत्त

    किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वर्णन

    इहलौकिक

    इस लोक से संबंधित

    इंद्रजीत 

    जो इन्द्र पर विजय प्राप्त कर चुका हो

  • Question 38
    5 / -1
    'अरहर की तिल्लियां, गुजराती ताला' का सर्वाधिक उपयुक्त अर्थ बताइए? 
    Solution
    'अरहर की तिल्लियां, गुजराती ताला' का सर्वाधिक उपयुक्त अर्थ-सामान्य वस्तु की बहुत बड़ी हिफाजत करना Key Points

    वाक्य प्रयोग

    • राजेश  एक मामूली कर्मचारी है लेकिन वह अपने आपको ऐसा दिखाता है जैसे लगता है कि वह एक बड़ा अफसर और वह अपने ऊपर बहुत ज्यादा खर्चा करता है इसे ही कहा जाता है कि अरहर की तिल्लियां और गुजराती ताला अर्थात सोहन है तो एक मामूली कर्मचारी लेकिन वह अपने आप को एक बड़ा अवसर दिखाने के लिए उस पर अपने आय का सबसे ज्यादा रुपया खर्च करता है।
    Additional Information
    • जिसने जो चीज देखी ना हो उसका वह हाल क्‍या जाने-अनजान रहना 
    •  रमेश ने कभी गरीबी नहीं देखी तो उसको क्या ही समझ आये जिसने जो चीज देखी ना हो उसका वह हाल क्‍या जाने
    • दोहरा लाभ-दो जगह से फायदा 
    • अगम ने अपनी परीक्षा पास करने के बाद पुस्तकों को आधे दाम पर मुझे दे दिये और दोहरा लाभ प्राप्त किया, इसे कहते है आम के आम और गुठलियों के दाम।
    • स्वावलम्बी बनने में ही आनंद है
    • असली ज़िन्दगी का मज़ा स्वावलम्बी  होने में ही है। 
  • Question 39
    5 / -1
    निम्नलिखित में सरल/साधारण वाक्य है:
    Solution

    सही उत्तर दिन का थका हुआ आदमी रात को खूब सोता है।​​​​ है

    Key Points 

    • दिन का थका हुआ आदमी रात को खूब सोता है।- प्रस्तुत वाक्य में एक ही क्रिया प्रयुक्त हुई है। 
    • सरल वाक्य: ऐसा वाक्य जिसमें एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता हो और उन वाक्यों का एक ही उद्देश्य हो, ऐसे वाक्य को सरल वाक्य कहा जाता है।

    Additional Information 

    • सरल वाक्य- जिन वाक्य में एक ही क्रिया होती है, और एक कर्ता होता है, वे साधारण वाक्य कहलाते है। जैसे-

    बिजली चमकती है।, पानी बरसा।

    • मिश्र वाक्य- जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है। दूसरे शब्दों में – जिन वाक्यों में एक प्रधान (मुख्य) उपवाक्य हो और अन्य आश्रित (गौण) उपवाक्य हों तथा जो आपस में कि, जो, क्योंकि, जितना, उतना, जैसा, वैसा, जब, तब, जहाँ, वहाँ, जिधर, उधर, अगर/यदि, तो, यद्यपि, तथापि, आदि से मिश्रित (मिले-जुले) हों उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं।

    जैसे- मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत जीतेगा।, सफल वही होता है जो परिश्रम करता है।

    • संयुक्त वाक्य- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।

    दूसरे शब्दो में  जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजकों (और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं तो, किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर आदि) से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते है।

    जैसे – वह सुबह गया और शाम को लौट आया।, उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफलता नहीं मिली।

  • Question 40
    5 / -1
    'इच्छा' का पर्यायवाची शब्द होगा -
    Solution

    'इच्छा' का पर्यायवाची शब्द होगा - आकांक्षा

    • इच्छा के पर्याय:- अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, लालसा, मनोरथ

    Key Points

    • अमिय का पर्याय :  पियूष, सोम, अमी, जीवनोदक, अमृत, सुधा
    • हर्ष का पर्याय :-प्रसन्नता, आह्राद, प्रमोद, उल्लास, आनंद, सुख, आमोद, मोद आदि है
    • रश्मि का पर्याय :- अंशु , मयूख, आभा, छवि, द्युति, दीप्ति, प्रभा, भा, रुचि, रोचि , रश्मि , मरीचि, किरण
  • Question 41
    5 / -1
    'नर + इन्द्र = नरेन्द्र' में सन्धि है
    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर  गुण संधि है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    • 'नरेंद्र' का उचित संधि विच्छेद नर+इंद्र  (अ+इ = ए)' है।
    • यह गुण संधि का उदाहरण है।
    • जब अ या आ के बाद ह्रस्व या दीर्घ इ,उ,ऋ आये तो क्रमशः ए,ओ,अर् हो जाते हैं। इसे गुण संधि कहते हैं।


    Additional Information

    संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

    संधि

    परिभाषा

    उदाहरण

    स्वर

    स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    गिरि + ईश = गिरीश

    व्यंजन

    एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

      दिक् + गज = दिग्गज 

    विसर्ग

    विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

    पुरः+कार          = पुरस्कार

  • Question 42
    5 / -1
    धनुष का पर्याय नही है?
    Solution

    उपरोक्त शब्दों में से 'धनुष' का पर्यायवाची शब्द नहीं है- 'असि' 

    Key Points

    • 'असि' के पर्यायवाची शब्द हैं -करवाल, कृपाण, खडग, शायक, चंद्रहास, तलवार

    अन्य शब्द:

    • 'धनुष' के पर्यायवाची शब्द हैं - धनुही, धनु, सारंग, चाप, शरासनकोदण्ड, पिनाक

    Additional Information 

    शब्द

    परिभाषा

    उदाहरण

    पर्यायवाची

    जो विभिन्न शब्द एक ही अर्थ का बोध कराएं, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। सामान्य भाषा में इनको समानार्थक शब्द भी कहते हैं।

    अक्षर- वर्ण, हर्फ़

    आज्ञा- आदेश, हुक्म, निर्देश

  • Question 43
    5 / -1

    दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कर रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए। 

    यह मानसिक __________ सदा से चली आ रही है। 

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 'दासता है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

    • दिए गए विकल्पों में से रिक्त स्थान के लिए उचित शब्द 'दासता' होगा।  
    • पूर्ण शुद्ध वाक्य है - यह मानसिक दासता सदा से चली आ रही है।  
    • दासता का अर्थ गुलामी होता है। 
    • अन्य विकल्प दिए गए रिक्त स्थान में अनुचित होंगे।


    अन्य विकल्प :  

    1. दास - गुलाम या नौकर 
    2. दस्ताव - गुलामी (पर व्याकरणिक दृष्टि से यह शब्द रिक्त स्थान में गलत होगा।)
    3. दास्तान - कहानी 


    • सामान्य ज्ञान की रिक्त स्थान पूर्ति अभ्यास का मूल उद्देश्य ज्ञान वर्धन करना है। 
    • साथ ही शब्दों के उचित प्रयोग की जानकारी अर्जित करना है। 
  • Question 44
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    अधर में लटकना

    Solution

    अधर में लटकना’ मुहावरे का अर्थ 'दुविधा में पड़ा रह जाना' है

    Key Points

    • ‘अधर में लटकना मुहावरे का अर्थ 'दुविधा में पड़ा रह जाना' है  
    • वाक्य प्रयोग - अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, सारा मामला अधर में लटका है।

    अन्य विकल्प :

    • चेहरे पर हवाइयां उड़ना  – घबराना 
    • कलेजा मुँह को आना – दुःख होना 
    • कंटक बनना – बाधक होना

    Additional Information

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर  विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

    अंक भरना- स्नेह से लिपटा लेना

    वाक्य-माँ ने स्नेह से अपने पुत्र को अंक में भर लिया।  

  • Question 45
    5 / -1

    निर्देश: दिए गए वाक्यांश के लिए एक शब्द दीजिये|

    लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी
    Solution

    'लेखक द्वारा स्वयं की लिखी गई जीवनी' के लिए एक शब्द 'आत्मकथा' है| अन्य विकल्प असंगत हैं| अतः सही विकल्प 'आत्मकथा' है|

    अन्य विकल्प –

    शब्द

    वाक्यांश

    आशुकवि

    वह कवि जो तत्काल कविता कर सके

    आचारपूत

    पवित्र आचरण वाला

    इच्छित 

    वह चीज जिसकी चाह हो

  • Question 46
    5 / -1

    दिए गए शब्द का पर्यायवाची ज्ञात कीजिए।

    देवता

    Solution

    देवता का पर्यायवाची शब्द गीर्वाण है।

    गीर्वाण का अर्थ देवता होता है।

    यह संज्ञा पुल्लिंग शब्द है।

    Key Points

    देवता का पर्यायवाची शब्द-

    • सुर, देव, अमर, आदितेय, वसु, निर्जर, त्रिदश, गीर्वाण
    • अदितिनंदन, अमर्त्य, अस्वप्न, दैवत, आदित्य, लेख, अजर, विबुध।
    Additional Information

    विभूति के पर्यायवाची-

    • धन, दौलत, संपदा, संपत्ति, वित्त, द्रव्य
    • पैसा,माया, माल, अर्थ, ज़र, रूपया।

    प्रकंपन के पर्यायवाची-

    • हवा, अनिल, समीर, वायु
    • पवन, पवमान, प्रभंजन, मातरिश्वा।

    प्रकम्पन का अर्थ-

    • रह-रहकर धीरे-धीरे हिलने या काँपने की क्रिया।

    नाराच

    • पुल्लिंग
      • लोहे का बाण।

    नाराच के पर्यायवाची-

    • तीर, बाण, इषु, आशुग
    • विशिख, शर, शायक, शिलीमुख।
  • Question 47
    5 / -1

    दिये गए वाक्य का वह भाग ज्ञात करें जिसमें कोई त्रुटि है।

    स्वार्थ के इस बदलते दौर में सब के लिए ही कुछ होने लगा है।

    Solution

    सही उत्तर विकल्प 3 है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

    • अशुद्ध वाक्य- स्वार्थ के इस बदलते दौर में सब के लिए ही कुछ होने लगा है।
    • शुद्ध वाक्य- इस बदलते दौर में सब कुछ स्वार्थ के लिए ही होने लगा है।
  • Question 48
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में , ल और व को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए - 

    (1) सिद्धो की  

    (य) योग साधना

    (र) नाथ पंथियों की हठ

    (ल) भोग प्रधान

    (व) के विरोध स्वरुप

    (6) का आरम्भ हुआ l

    Solution

    विकल्प 3 "ल, य, व्, र" सही उत्तर है ,अन्य विकल्प असंगत है |

    Key Points

    वाक्यों का सही क्रम - 

    (1) सिद्धो की  

    (2) भोग प्रधान

    (3) योग साधना

    (4) के विरोध स्वरुप

    (5) नाथ पंथियों की हठ

    (6) का आरम्भ हुआ l

    Important Points

    वाक्य व्यवस्था की सावधानियाँ-

    1. वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए 
    2. उचित  पदक्रम होना चाहिए 
    3. वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए 
    4. वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है 
    5. उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए 
  • Question 49
    5 / -1
    'पतझड़' में समास है
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "बहुव्रीहि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • पतझड़ शब्द में बहुव्रीहि समास है।
    • समास विग्रह :- पत्तों का झड़ जाना
    • बहुव्रीहि समास के उदाहरण
      • नाकपति- वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है (इन्द्र)
      • विषधर- विष को धारण करने वाला (साँप)
      • व्रजायुध- वह जिसके वज्र का आयुध है (इन्द्र)

    Mistake Points

    • वह मौसम जिसमे वृक्षों के पत्ते झड़ जाते है अर्थात एक ऋतु जिसे पतझड़ ऋतु कहते है।
    • इसलिए यहाँ बहुब्रीहि समास होगा।
    • करण तत्पुरुष वो होता है जिसमे विग्रह करने पर 'से' मध्य में आए।
    • रेखांकित – रेखा से अंकित
    • भयाकुल – भय से आकुल
      • ​पेड़ से पत्ते अलग होगा या हमेशा अलग होने की स्थिति में अपादान कारक होता है।
    Additional Information
    • द्वंद्व समास के उदाहरण
      • भूल-चूक : भूल या चूक
      • सुख-दुख : सुख या दुःख
      • गौरीशंकर : गौरी और शंकर
    • तत्पुरुष समास के उदाहरण
      • राजा को धोखा देने वाला :-राजद्रोही
      • खुद को मारने वाला :- आत्मघाती
      • मांस को खाने वाला :- मांसाहारी
      • शाक को खाने वाला :- शाकाहारी
  • Question 50
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो विलोम शब्द का सबसे अच्छा विकल्प है।

    कृश

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "हृष्ट-पुष्ट" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • कृश शब्द का विलोम हृष्ट-पुष्ट होगा।
    • कृश
      • विशेषण
        • दुबला-पतला।
        • कमज़ोर।
    • हृष्ट-पुष्ट
      • हट्टाकट्टा, तगड़ा
      • स्वस्थ, तंदुरुस्त।
    Additional Information
    • क्षीणकाय का विलोम
      • विशालकाय
    • अकिंचन का विलोम
      • धनवान
    • अकिंचन
      • विशेषण
        • बहुत गरीब।
        • दरिद्र।
    • अल्प का विलोम
      • अधिक  
    Important Points
    • प्रमुख विलोम शब्द
      • अवनि :- अंबर
      • अनुराग :- विराग
      • अनुकूल :- प्रतिकूल
      • आजादी :- गुलामी
        • आभ्यंतर    :- बाह्य
        • इहलोक :- परलोक
        • चोर :- साधु
        • छली :- निश्छल
      • दीर्घकाय    :- कृशकाय
      • धनी :- निर्धन
      • तिमिर :- प्रकाश
      • तामसिक :- सात्त्विक
      • दिवा :- रात्रि
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