Self Studies

Hindi Mock Test - 7

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Hindi Mock Test - 7
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Self Studies

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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    किन बातों को पचास वर्षों से अधिक समय हो चुका है?
    Solution

    'जीजी की बातों को' पचास वर्षों से अधिक समय हो चुका है 

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​लेखक कहता है कि जीजी की बात पचास साल पुरानी होने के बावजूद आज भी उसके मन पर दर्ज है। 

    Key Points

    • जीजी- बड़ी बहन, आपा, बाजी, दीदी

    Additional Informationगाँधीजी:- 

    • महात्मा गांधी, मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से, (जन्म: 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, भारत- मृत्यु: 30 जनवरी, 1948, दिल्ली), 
    • भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, और लेखक जो अंग्रेजों के खिलाफ राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता बने।
    • महात्मा गांधी के जन्मदिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
    • इनके प्रमुख आंदोलन:-
      • चंपारण आंदोलन (1917) 
      • खेड़ा आंदोलन (1918) 
      • खिलाफत आंदोलन (1919)
      • असहयोग आंदोलन (1920)
      •  भारत छोड़ो आंदोलन (1942) आदि 

    विनोबा भावे:-

    • आचार्य विनोबा भावे (11 सितम्बर 1895 - 15 नवम्बर 1982) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे।
    • उनका मूल नाम विनायक नरहरि भावे था। उन्हे भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है।
    • उन्होने अपने जीवन के आखरी वर्ष पोनारमहाराष्ट्र के आश्रम में गुजारे। उन्होंने भूदान आन्दोलन चलाया।
    • इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल को 'अनुशासन पर्व' कहने के कारण वे विवाद में भी थे।
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    गद्यांश के अनुसार आज के लोगों का लक्ष्य क्या है?
    Solution

    गद्यांश के अनुसार आज के लोगों का लक्ष्य 'स्वार्थ सिद्धि करना' है। 

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​आज स्वार्थ एकमात्र लक्ष्य रह गया है। लोग आज अपने स्वार्थ के लिए बड़ी-बड़ी माँगें करते हैं, जबकि वे न तो त्याग करते हैं और न अपना कर्तव्य का पालन करते हैं।

    Key Points

    • स्वार्थ- अपना हित साधने की उग्र भावना, अपना मतलब।
      • विलोम शब्द- 'निस्वार्थ' 
    • सिद्धि- काम का पूरा होना, सफलता।
      • विलोम शब्द- 'असिद्धि'

    Additional Informationत्याग:-

    • अर्थ: उत्सर्ग, बलिदान, क़ुर्बानी, छोड़ना
      • विलोम शब्द-'ग्रहण, संग्रह' 

    भावना:-

    • अर्थ: कल्पना भाव, विचार, ख्याल, इच्छा, चाह।

    बढ़ावा:-

    • अर्थ: प्रोत्साहन, हौसला बढ़ानेवाली बात।

    रक्षा:-

    • अर्थ: हिफ़ाज़त, बचाव, सुरक्षा, पहरेदारी। 
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    आजकल हम लोग चटखारे लेकर किसकी बातें करते हैं?
    Solution

    आजकल हम लोग चटखारे लेकर 'भ्रष्टाचार की' बातें करते हैं। 

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • ​ आज स्वार्थ एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम भ्रष्टाचार की बातें करते हैं, परंतु खुद अपनी जाँच नहीं करते। 

    Key Points

    • भ्रष्टाचार- 
      • अर्थ:​ भ्रष्टता, दुराचरण, दुराचारिता, व्यभिचार, दुराचार।
      • विलोम शब्द- 'सदाचार'

    Additional Informationफिल्म:- 

    • अर्थ:​ चलचित्र, सिनेमा, सिनेमा संबंधी चित्र। 

    समाज:- 

    • अर्थ:​ समुदाय, दल, समूह, सभा।

    देश:-

    • अर्थ:​ एक शासन पद्धति के अंतर्गत आने वाला मुल्क या राष्ट्र, प्रांत, प्रदेश। 
    • विलोम शब्द- 'विदेश'

    गाँव:-

    • अर्थ:​  ग्राम, देहात, खेड़ा, पुरवा, टोला।
    • विलोम शब्द- 'शहर'
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    प्रस्तुत पाठ में किसके द्व॑न्द्व का सुंदर चित्रण किया गया है?
    Solution

    प्रस्तुत पाठ में द्व॑न्द्व का सुंदर चित्रण किया गया है- 'प्रचलित विश्वास और विज्ञान'

    • गद्यांश के अनुसार:-
      • प्रस्तुत पाठ में​ लोक-प्रचलित विश्वास और विज्ञान के द्वंद्व का चित्रण किया गया है। 
      • विज्ञान का अपना तर्क है और विश्वास का अपना सामर्थ्य। इनकी सार्थकता के विषय में शिक्षित वर्ग असमंजस में है। 

    Key Points

    प्रचलित:-

    •  प्र + चल + इत =
    • 'प्र' उपसर्ग, 'चल' मूल शब्द एवं 'इत' प्रत्यय
    • अर्थ: उपयोग–व्यवहार आदि में लाया हुआ, चलनसार।
    • विलोम शब्द- 'अप्रचलित'
    • विशेषण शब्द 

    विश्वास:-

    • वि + श्वास = विश्वास
    • 'वि' उपसर्ग और 'श्वास' मूल शब्द
    • अर्थ: यक़ीन, भरोसा, ऐतिबार, सत्यता, आस्था, ईमान
    • विलोम शब्द- 'अविश्वास' 

    विज्ञान:-

    • वि + ज्ञान = विज्ञान
    • 'वि' उपसर्ग और 'ज्ञान' मूल शब्द
    • अर्थ: ज्ञान का क्रमबद्ध रूप विज्ञान है।, दक्षता, योग्यता।

    Additional Informationसमाजशास्त्र:- 

    • अर्थ: सामाजिक प्राणी के रूप में मनुष्य का समाज के प्रति कर्तव्यों आदि का विवेचन करनेवाला शास्त्र।

    मनोविज्ञान:-

    • अर्थ: वह विज्ञान या शास्त्र जिसमें मानव मन की विभिन्न अवस्थाओं और क्रियाओं का तथा उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है, साइकॉलोजी।

    कला:-

    • अर्थ: एक ऐसी कलात्मक शिल्प या कौशल की प्रक्रिया से युक्त अनुभूति से हैं जो सृजनात्मक, सुन्दर एवं सुख प्रदान करने वाली हो, वही कला हैं।

    इतिहास:-

    • अर्थ: इतिवृत, प्रचीनकथा, पुरावृत्त, पूर्ववृत्तांत, पुराण, पूर्वकथा, अतीत कथा, पूर्ववृत।
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चुनाव कीजिए

    इन बातों को आज पचास से ज्यादा बरस होने को आए पर ज्यों-की-त्यों मन पर दर्ज हैं। कभी-कभी कैसे-कैसे संदर्भों में ये बातें मन को कचोट जाती हैं, हम आज देश के लिए करते क्या हैं? माँगें हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है। हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जाँचा है कि अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल-के-दल उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?

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    'गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं” कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? 
    Solution

    'गगरी फूटी-की-फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे रह जाते हैं” कथन के माध्यम से लेखक कहना चाहता है- 1 तथा 2 दोनों

    1. अनेक योजनाएँ बनने के बाद भी आम आदमी की स्थिति पूर्ववत्‌ ही रहती है
    2. योजनाओं की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है

    गद्यांश के अनुसार:-

    • लेखक कहना चाहता है कि आज हमारे देश में संसाधनों की कमी नहीं है परंतु भ्रष्टाचार के कारण वे साधन लोगों के पास तक नहीं पहुँच पाते।
    • इससे देश की जनता की जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं।

    Key Points

    •  योजना- परिकल्पना, रुपरेखा, प्रोजेक्ट, प्लान, कार्यव्यवस्था।
    • आदमी- मानव, मनुष्य, मनुज, मानुष, इंसान।
    •  पूर्ववत्‌- पहले की ही तरह, ज्यों का त्यों।
      • विलोम शब्द- 'नूतनवत'
    • भ्रष्टाचार- भ्रष्टता, दुराचरण, दुराचारिता, व्यभिचार, दुराचार।
      • विलोम शब्द- 'सदाचार'
    •  भेंट- मिलन, मुलाकात, नजराना, तोहफा, इनाम, उपहार। 

    Additional Informationपरिश्रम:- 

    • परि + श्रम = परिश्रम
    • 'परि' (चारो ओर) उपसर्ग और 'श्रम' प्रत्यय
    • अर्थ: श्रम, उद्यम, मेहनत, मशक्कत। 
    • विलोम शब्द- 'विश्राम,अनुद्यम'

    वर्ग:-

    • अर्थ: कोटि, समूह, समुदाय, कक्षा, दर्जा।
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    शिक्षा के अभाव में मनुष्य किसके समान होता है?
    Solution
    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु के समान होता है।Key Points
    • शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है।
    • उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं।
    • हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है।

    केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं।  Additional Informationपशु 

    • समानार्थी शब्द - जानवर
    • लिंग - पुल्लिंग
    • संज्ञा के प्रकार - जातिवाचक

    मजदूर 

    • परिभाषा - वह जो दूसरों के लिए शारीरिक श्रम का कार्य करके अपना पेट पालता हो
    • वाक्य में प्रयोग - मजदूर नहर की खुदाई कर रहे हैं ।
    • समानार्थी शब्द - श्रमिक , कमकर , कर्मी
    • लिंग - पुल्लिंग

    पिता 

    • समानार्थी शब्द - बाप , जनक
    • विलोम शब्द - माता , माँ , माई , जननी , जन्मदात्री
    • लिंग - पुल्लिंग

    माता 

    • बहुवचन - माताएँ
    • समानार्थी शब्द - मम्मी , अम्मा , माँ , माई
    • विलोम शब्द - पिता , बाप , बाप , जनक , जन्मदाता
    • लिंग - स्त्रीलिंग
    • संज्ञा के प्रकार - जातिवाचक
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    हमारे देश में बच्चों के स्कूल न जाने का क्या कारण है?
    Solution
    हमारे देश में बच्चों के स्कूल न जाने का माता - पिता का अज्ञान  कारण हैKey Points
    • हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं।
    • इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है।
    • वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते।
    • वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं।
    • उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है।
    • वे उनका बचपन छीन रहे हैं।
    • 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है।
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
    Solution
    गद्यांश का उचित शीर्षक शिक्षा: समग्र दृष्टिकोण  है। Key Points
    • शिक्षा के बिना मनुष्य पशु के समान होता है।
    • अशिक्षित मनुष्य पशु के समान होता है।
    • शिक्षित मनुष्य ही राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय योगदान कर सकते हैं।
    • वैसे तो मनुष्य की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है
    • और उसकी प्रथम गुरु उसकी माँ होती है जो नवजात शिशु में संस्कारों को सिंचित करती रही है।
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    ‘दिशा’ शब्द के उचित पर्यायवाची युग्म को बताइए।
    Solution

    दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘तरफ़, दिक्, ओर’ है। 

    Key Points

    • ‘दिशा के पर्यायवाची  तरफ़, दिक्, ओर आदि है।

    अन्य विकल्प:

    पर्यायवाची

    शब्द

    रिपु, वैरी, अमित्र

    दुश्मन

    सिवाय, अलावा, भिन्न

    अतिरिक्त

    भूत, गत, व्यतीत

    अतीत

    Additional Information 

    शब्द

    परिभाषा

    उदाहरण

    पर्यायवाची शब्द 

    एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द जो बनावट में भले ही अलग हों, पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहलाते हैं।

    हवा-समीर, अनिल, वायु।

    रातनिशा, विभावरी, तमी।

  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु समान है। उनकी उन्नति के सारे रास्ते शिक्षा से ही खुलते हैं। हमारे देश में अभी साक्षरता प्रतिशत काफी कम है। केरल में शत-प्रतिशत व्यक्ति साक्षर हैं। हमारे देश में अभी भी सभी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं। इसका एकमात्र कारण माता-पिता का अज्ञान है। वे अपने बच्चों को काम करने के लिए तो भेज देते हैं, पर पढ़ाई के लिए नहीं स्कूल नहीं भेजते। वे अपने बच्चों को कमाई का माध्यम मान लेते हैं। उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। वे उनका बचपन छीन रहे हैं। 'बचपन बचाओ' आन्दोलन कई वर्षों से चल रहा है। इसमें कई बच्चे अध्ययनरत है यह आन्दोलन दो प्रमुख कार्य कर रहा है - माता-पिता को समझा-बुझाकर बच्चों को शिक्षा का महत्त्व बता रहा है, दूसरे बच्चों को बाल मज़दूरी से मुक्त करा रहा है। इस संस्था का भी यही प्रयास है कि सभी बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें। इस दिशा में सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है - शिक्षा का अधिकार देने का। अब सभी बच्चों को पढ़ने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने उनकी पढ़ाई के लिए प्रभावी कानून बनाया है। उसे पूरी तरह से लागू करवाने के लिए वह प्रयासरत भी है। सरकारी स्कूलों में तो शत-प्रतिशत बच्चों को दाखिला मिलेगा ही, साथ ही सभी पब्लिक स्कूलों में भी उनके लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी।स्कूल में जालीदार खिड़की भी होती है इन बच्चों पर खर्च होने वाले व्यय का एक भाग सरकार वहन करेगी। इस प्रकार सभी गरीब बच्चों को भी अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। अब सभी बच्चे पढ़ सकेंगे और देश की प्रगति में भागीदार बन सकेंगे।

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    'दार' एवं 'रत' प्रत्यय युक्त दो शब्द गद्यांश में से छाँट कर लिखिए?
    Solution
    'दार' एवं 'रत' प्रत्यय युक्त दो शब्द अध्ययनरत, जालीदार  गद्यांश में से है। Key Points
    • दार के हिंदी अर्थ घर, गृह, मकान, स्थान, जगह, लोक, आलम्।।
    • दार' प्रत्यय का अर्थ है 'रखनेवाला या वाला' जिसका प्रयोग कई शब्दों को बनाने के लिए किया जाता है।
    • उदहारण: दिलदार, मजेदार, चौकीदार, समझदार, चौकीदार, समझदार, आदि।
    • खुशबूदार में उपसर्ग है – ‘खुश’
    • खुशबूदार में मूल शब्द है – बूदार
  • Question 11
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    शिवपूजन सहाय किसके संपादक नहीं थे?
    Solution
    शिवपूजन सहाय 'सरस्‍वती' के संपादक नहीं थेKey Points
    • शिवपूजन सद्वाय सहज सरल शैली के गद्यकार थे।

    Additional Information

    शब्द पर्यायवाची
    हिमालयगिरिराज, शैलेंद्र, गिरींद्र, पर्वतेश्वर, गिरीश, पर्वतराज।
    बालकशिशु, लड़का, बच्चा
    मतवालानशे में चूर 
    सरस्‍वतीशारदा, भारती, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी आदि हैं।
  • Question 12
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    उल्लिखित युग के निबंधकार नहीं हैं
    Solution
    'विद्यानिवास मिश्र' उल्लिखित युग के निबंधकार नहीं हैंKey Points
    • शुक्ल-युग के अन्य निबंधकारों में डॉ० गुलाब राय, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, माखनलाल चतुर्वेदी, वियोगी हरि, राय कृष्णदास, वासुदेव शरण अग्रवाल, शांतिप्रिय द्विवेदी आदि महत्वपूर्ण हैं।
    Additional Information
    • हिंदी के प्रथम निबंध के रूप में राजा भोज का सपना (1839 ई.) का उल्लेख मिलता है।
    • सदासुखलाल के ’सुरासुरनिर्णय’ के आधार पर इन्हें हिंदी का प्रथम निबंधकार माना जाता है।
    • रामचंद्र शुक्ल ने बालकृष्ण भट्ट और प्रतापनारायण मिश्र को हिंदी का स्टील और एडीसन कहा है।
    • चंद्रधर शर्मा ’गुलेरी’ ने इतिहास, संस्कृति, पुरातत्त्व, भाषा इत्यादि पर गवेषणात्मक निबंध लिखे हैं।
  • Question 13
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    गद्यांश में पांडित्य का आशय है:
    Solution
    गद्यांश में पांडित्य का आशय है 'विद्वत्ता' Key Points
    • द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडिल्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। 
    • वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। 
    • उनकी शैली अनौपचारिक होती है।

    Additional Information

    शब्दविलोम
    महानता तुच्छ
    मौलिकताअमौलिकता 
    धार्मिकताअधर्म
    विद्वत्ता मूर्ख
  • Question 14
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    द्विवेदी जी की शैली है:
    Solution
    द्विवेदी जी की शेली 'अनौपचारिक' हैKey Points
    •  द्विवेदी जी उच्चकोटि के निबन्धकार, उपन्यासकार, आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे।
    • साहित्य के इन सभी क्षेत्रों में द्विवेदी जी अपनी प्रतिभा और विशिष्ट कर्तव्य के कारण विशेष यश के भागीदार हुए। 
    Additional Information
    निबन्ध संग्रह
    • अशोक के फूल (1948)
    • कल्‍पलता (1951)
    • मध्यकालीन धर्मसाधना (1952)
    • विचार और वितर्क (1957)
    • विचार-प्रवाह (1959)
    • कुटज (1964)
    • आलोक पर्व (1972) साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • Question 15
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    द्विवेदी जी की बहुत बड़ी शक्ति है, पांडित्य को पीछे रखकर सहज हों पाने की क्षमता। वे बड़ी से बड़ी बात को सरल-सहज शैली में कह कर पाठक का विश्वास अर्जित कर सकते हैं। उनकी शैली अनौपचारिक होती है। उसमें पांडित्य और लोक जीवन का सहज प्रवाह दोनों हैं। जैनेद्र कुमार, सियारामशरण गुप्त, राहुल सांकृत्यायन, पदुमलाल पुन्‍नालाल बख्शी, बाबू गुलाबराय, सद्रुरूशरण अवस्थी आदि छायावाद युग के अन्य उल्लेखनीय निबंधकार हैं। शिवपूजन सद्वाय सह्ज एवं सरल शैली के गद्यकार थे। 'हिमालय', 'बालक' और ‘मतवाला' के संपादक के रूप में उन्होंने हिन्‍दी के उन्‍नयन में बड़ा महत्वपूर्ण योग दिया है।

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    'उन्‍नयन' का अर्थ है
    Solution
    उन्‍नयन' का अर्थ है अवरोधKey Points
    शब्द  अर्थ 
    अवरोधचेतावनी
    अवमूल्यनमूल्य में कमी करना या होना।
    शैली  ढंग; तरीका
    विकास प्रगति
  • Question 16
    5 / -1
    'धूसर' किसका पर्याय है?
    Solution

    इस प्रश्न का सही उत्तर "गधा "है

    Key Points"धूसर" का पर्याय  "गधा"  होगा

    शब्द पर्यायवाची 
    गधा धा-गर्दभ, खर, धूसर, शीतलावाहन, चक्रीवान गदहा, गर्दभ, खर,खोता, धूसर,राशभ, रासभ,

    Additional Information

    शब्द पर्यायवाची 
    घड़ा मटका, सुराही, कुंभ, झट, मंथनपात्र, कलश 
    घोडा तुरंग, हय, घोट, घोटक, अश्व
    गीदड़श्रृंगाल, सियार, जंबुक, निशामृग, डरपोक, बुझदिल

    Important Points

    अन्य पर्यायवाची शब्द:
    अतिथि- मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहुना।
    अलंकार- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
    अहंकार- दंभ, गर्व, अभिमान, दर्प, मद, घमंड, मान।
    अहंकारी- गर्वित, अकडू, मगरूर, अकड़बाज, गर्वीला, आत्माभिमानी, ठस्सेबाज, घमंडी।
    अनुपम- अपूर्व, अतुल, अनोखा, अनूठा, अद्वितीय, अदभुत, अनन्य।
    अमृत- सुरभोग, सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक ।
    अग्नि- आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।
    असुर-यातुधान, निशिचर, रजनीचर, दनुज, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर, खल।
    अंधकार- तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा।
    अर्थ- धन, द्रव्य, मुद्रा, दौलत, वित्त, पैसा।
    अरण्य- जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
    अनी- कटक, दल, सेना, फौज, चमू, अनीकिनी।
  • Question 17
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    एक और एक ग्यारह होना

    Solution

    एक और एक ग्यारह होना’ मुहावरे का सही अर्थ है – संगठन में शक्ति का होना अन्य विकल्प असंगत हैं। 

    स्पष्टीकरण:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    एक और एक ग्यारह होना

    संगठन में शक्ति का होना

    राजू और रामू पुनः मित्रता करके एक और एक ग्यारह हो गए हैं।


    अन्य विकल्प:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    ककडी खीरा समझना 

    महत्वहीन समझना 

    यहाँ के बराती बात बढ़ जाए तो लाठी उठा लें, बहन बेटी एक कर डालें, दुश्मन को खीरा-ककड़ी ही समझते हैं।

    खुशामदी टट्टू होना 

    चापलूस होना 

    संजय ऑफिस में कुछ नहीं करता बस बॉस का खुशामदी टट्टू है, सारा दिन बॉस की खुशामद करके अपना काम निकाल लेता है।

     

    Additional Information

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर  विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

    अंक भरना- स्नेह से लिपटा लेना

    वाक्यमाँ ने स्नेह से अपने पुत्र को अंक में भर लिया।  

  • Question 18
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये।

    पृथ्वी ................... से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है।

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से विकल्प 3 सूर्य सही है। अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए उचित नही हैं। 

    Key Points

    • सूर्य का अर्थ - सौर मंडल का प्रधान पिंड या तारा, आदित्य, भानु, जैसे—सूर्य का प्रकाश
    • पूर्ण वाक्य - पृथ्वी सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है।


    Additional Information

    • चंद्रमा का अर्थ - सौर मंडल का एक उपग्रह जो रात में पृथ्वी को चाँदनी से उजाला करता है, चाँद, शशि।
    • भूपटल का अर्थ - पृथ्वी का पटल या ऊपरी स्तर।
    • महासागर का अर्थ - संपूर्ण पृथ्वी को घेरनेवाली समस्त जल राशि (जैसे—प्रशांत महासागर, हिंद महासागर आदि)।
  • Question 19
    5 / -1
    'गिरि' शब्द का पर्यायवाची शब्द नहीं है -
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "पवन" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
    गिरि का अर्थ - पर्वत
    गिरी का अर्थ - गिरना

    Key Points
    • गिरि शब्द का पर्याय पवन नहीं है।
    • पवन के पर्याय
      • वायु, हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, प्रभंजन, प्रवात, समीरण, मातरिश्वा, बयार।
    Additional Information
    • गिरि
      • पुल्लिंग
        • पर्वत, पहाड़।
    • गिरि के पर्यायवाची शब्द
      • भूधर, महीधर, शैल, नगपति, शिखर, अद्री, तुंग, धरणीधर, पर्वत, पहाड़, अचल, नग।
  • Question 20
    5 / -1

    निम्‍न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे का सही अर्थ वाला विकल्प है

    सब्ज बाग़ दिखाना

    Solution

    उपर्युक्त मुहावरा सब्ज बाग़ दिखाना का सही अर्थ 'ललचाने वाली बात करना' सही विकल्प है 

    Key Points

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    सब्ज बाग़ दिखाना 

    ललचाने वाली बात करना 

    राजनीतिक पार्टियां नौजवान छात्रों को सब्जबाग दिखाकर अपनी पार्टी की ओर आकर्षित करती हैं।

    Additional Information

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    घुटने टेक देना 

    हार मानना 

    भारतीय सीमा पर हमारे जवानों की कुशल घेराबन्दी ने दुश्मनों को कई बार घुटने टेक देने को मजबूर किया है। 

    हाथ पर हाथ धरकर बैठना 

    निकम्मा होना 

    उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नही बैठते है,वे तो कुछ करके ही दिखाते है।

    अंग - अंग मुस्काना 

    अत्यंत प्रसन्न होना 

    क्रिकेट मैच जीतने के बाद मेरा अंग-अंग मुस्काने लगा।

     

     

    परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा

    ऐसे वाक्यांश जो अपने सामान्य अर्थ के स्थान पर विशेष अर्थ प्रकट करते हैं, मुहावरा कहलाते हैं।

    दाँत काटी रोटी, टोपी उछालना आदि।

  • Question 21
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. मानव जीवन का

    a. कर्म बंधन को

    b. तोड़ना और

    c. उद्देश्य जन्मों-जन्म के

    d. संपूर्ण मुक्ति को

    2. प्राप्त करना है।

    Solution

    इसका सही क्रम विकल्प 3 'c, a, b, d' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    वाक्य का सही क्रम-

    1. मानव जीवन का
      1. उद्देश्य जन्मों-जन्म के
      2. कर्म बंधन को
      3. तोड़ना और
      4. संपूर्ण मुक्ति को
    2. प्राप्त करना है।


    Additional Information

    • वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए। 
    • उचित  पदक्रम होना चाहिए। 
    • वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए। 
    • वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है। 
    • उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए।
  • Question 22
    5 / -1
    'प्रत्यक्ष' शब्द का विलोम है-
    Solution

    प्रत्यक्ष शब्द का विलोम परोक्ष है।

    Key Points

    • किसी शब्द के अर्थ का सीधे उल्टा अर्थ वाले शब्द को विलोम शब्द कहते हैं।
    • विपक्ष- पक्ष
    • निष्पक्ष- पक्षपाती
    • आक्रोश- आनन्दित

    Important Points कुछ महत्‍वपूर्ण विलोम शब्द:- 

          शब्द     विलोम
       अंकुश  निरंकुश
       अग्रज  अनुज
      अग्रिम  अन्तिम
      अतिवृष्टि  अनावृष्टि
      अधुनातन  पुरातन
      अभिज्ञ  अनभिज्ञ
      अनाहूत आहुत
      अनुकूल  प्रतिकूल
      अनुरक्ति  विरक्ति
      आध्यात्मिक  भौतिक
      उत्थान  पतन
       उत्कर्ष  अपकर्ष

    Additional Information कुछ अन्य विलोम शब्द:- 

    • उद्यमी - आलसी
    • उन्नति - अवनति
    • उपकार - अपकार
    • उपयुक्त - अनुपयुक्त
    • उपस्थित - अनुपस्थित
    • उर्वर -  ऊसर
    • उषा  -  संध्या
    • एकांगी - सर्वांगीण
    • कनिष्ठ - ज्येष्ठ
    • कृतज्ञ - कृतघ्न
    • क्षणिक - शाश्वत
    • मितव्यय - अपव्यय
    • अतिवृष्टि - अनावृष्टि
    • अत्यधिक - अत्यल्प
  • Question 23
    5 / -1
    'जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो' वाक्यांश के लिए एक शब्द है-
    Solution

    'जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो' वाक्यांश के लिए एक शब्द है- अजातशत्रु

    Key Points

    • अजातशत्रु : युधिष्ठिर, कौन्तेय, धर्मपुत्र, धर्मराज।​

    Important Points 

    • जिस पुस्तक में आठ अध्याय हो — अष्टाध्यायी
    • जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो — अनिर्वचनीय
    • अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात — अतिशयोक्ति
    • सबसे आगे रहने वाला — अग्रणी
      • जो पहले जन्मा हो — अग्रज
      • जो बाद मे जन्मा हो — अनुज
      • जो इंद्रियों द्वारा न जाना जा सके — अगोचर
      • जिसका पता न हो — अज्ञात
  • Question 24
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो वाक्यांशों के लिए एक शब्द का विकल्प हो।

    जो उच्च कुल में पैदा हुआ हो

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "कुलीन" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • "जो उच्च कुल में पैदा हुआ हो" वाक्य के लिए एक शब्द "कुलीन" है।
    • कुलीन
    • विशेषण
    • उच्च कुल का, अभिजात।
    • अच्छी नस्ल का।
    Additional Information
    • कुमार्गी :- जो बुरे मार्ग पे चलता हो।
    • मलीन :- जो गंदा अथवा मलिन हो।  
    Confusion Points
    • मलीन का अर्थ मलिन होता है।
    • मलिन

    विशेषण

    • मैला, मलयुक्त।
    • मैला कुचैला, गंदा।
    • ख़राब, बुरा ।
    • पाप करनेवाला, पापी।
    • धीमा, मंद।
    • उदास, म्लान।  
    Important Points
    • वाक्यांश के लिए एक शब्द
    • जो अपनी बात से टले नही :- अटल
    • आवश्यकता से अधिक बरसात :- अतिवृष्टि
    • इंद्रियोँ की पहुँच से बाहर :- अतीन्द्रिय/इंद्रियातीत
    • सीमा का अनुचित उल्लंघन :- अतिक्रमण
    • जो बीत गया हो :- अतीत
    • जिसकी गहराई का पता न लग सके :- अथाह
    • आगे का विचार न कर सकने वाला :- अदूरदर्शी
    • जो आज तक से सम्बन्ध रखता है :- अद्यतन
    • आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो :- अध्यादेश
    • जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो :- अधिकृत
    • वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो  :- अधिसूचना
    • विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम :- अधिनियम
    • अविवाहित महिला :- अनूढ़ा
    • वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो :- अध्यूढ़ा
    • दूसरे की विवाहित स्त्री :-  अन्योढ़ा
    • गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला :- अन्तेवासी
    • पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन :- अधित्यका
    • जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित है :-  अधोहस्ताक्षरकर्ता
  • Question 25
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्द के संधि-विच्छेद में सही का निशान लगाइए-

    अत्यावश्यक

    Solution

     शब्द का सही संधि-विच्छेद:

    अत्यावश्यक = अति + आवश्यक 

    Key Points

    • इसमें यण संधि का प्रयोग हुआ है।

    Important Points

    कुछ उदाहरण:- 

    • अति+ अधिक = अत्यधिक
    • अधि + अक्ष = अध्यक्ष
    • अभि + अर्थी = अभ्यर्थी
    • परि + अटन = पर्यटन
    • प्रति + अय = प्रत्यय
    • वि + आकुल = व्याकुल
    • परि + आवरण = पर्यावरण
    • अनु + अय = अन्वय
    • सु + अस्ति = स्वस्ति
    • सु + आगत = स्वागत
    • धातु + इक = धात्विक
    • अनु + ईक्षा = अन्वीक्षा
    • वधू + आगमन = वध्वागमन
    • मातृ + आज्ञा = मात्राज्ञा

    Additional Information 

    यण संधि:-

    • यदि किसी शब्द के अंतिम वर्ण में (इ, उ, ऋ, लृ) वर्ण के परे असमान स्वर होने पर (इ, उ, ऋ, लृ) के स्थान पर क्रमशः यण् (य्, व्, र्, ल्) होता है।
    • संभवतः किसी शब्द में य, व, र, ल से पहले आधा वर्ण हो तो वहां यण संधि होती हैं।

       उदाहरण:-    

                                     (इ + अ = य)

                               अति + अधिक = अत्यधिक
                                 यदि + अपि = यद्यपि
                                    (इ + आ = या )
                                 इति + आदि = इत्यादि
                                    (इ + उ = यु )
                               उपरी + उक्त = उपर्युक्त
                                    (उ + अ = व)
                                  सु + अच्छ = स्वच्छ
                                    (उ + आ = वा )
                                  सु + आगत = स्वागत
                                    (उ + इ = वि )
                                 अनु + इति = अन्विति
                                   (ऋ + अ = र)
                             पितृ + अनुमति = पित्रनुमति
                                  (ऋ + आ = रा)
                               मातृ + आज्ञा = मात्राज्ञा
  • Question 26
    5 / -1

    ‘हंसा थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान’ इस लोकोक्ति का क्या तात्पर्य है?

    उचित विकल्प का चयन कीजिये।

    Solution

    हंसा थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान’ इस लोकोक्ति का  तात्पर्य है-भले लोगों के स्थान पर बुरे लोगों के हाथ में अधिकार आना  

    वाक्य प्रयोग-रमेश नैतिक था पर अब तो मामला उल्टा है,हंसा थे सो उड़ गए, कागा भये दीवान

    Important Points
    • लोकोक्ति का अर्थ है, लोक की उक्ति अर्थात जन–कथन या कहावत। लोकोक्तियाँ अथवा कहावततें लोक–जीवन की किसी घटना या अन्तर्कथा से जुड़ी रहती हैं।
    •  लोकोक्ति अपने आप में पूर्ण अर्थ वाली होती है, जबकि मुहावरे अपने आप में पूर्ण एवम् स्वतन्त्र नही होते हैं |

    लोकोक्ति को किसी वाक्य का सहारा लेने की आवश्यकता नही है, जबकि मुहावरे वाक्य में प्रयुक्त होकर ही अपना अर्थ प्रकट कर पाता है | Additional Information

    लोकोक्ति तात्पर्य 
     एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है एक खराब व्यक्ति सारे समाज को बदनाम कर देता है
    एक तो करेला दूजा नीम चढ़ा दुष्ट व्यक्ति में और भी दुष्टता का समावेश होना
    काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती         कपटी व्यवहार हमेशा नहीं किया जा सकता
    हाथ कंगन को आरसी क्या   प्रत्यक्ष को प्रमाण की  जरूरत नही 
    घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने सामर्थ्य से बाहर कार्य करना
    डेढ़ पाव आटा पुल पै रसोई    थोड़ी सम्पत्ति पर भारी दिखावा
  • Question 27
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, दिए गए चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए मुहावरे के अर्थ को सर्वश्रेष्ठ रूप से व्यक्त करता है।

    एक पंथ दो काज

    Solution

    ‘एक पंथ दो काज’ मुहावरे का सही अर्थ है – एक कार्य के साथ दूसरा कार्य भी पूरा करना 

    Key Points

    स्पष्टीकरण:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    एक पंथ दो काज 

    एक कार्य के साथ दूसरा कार्य भी पूरा करना

    विद्यालय बंद होने से एक संग दो कार्य हुए जहां बच्चों को संक्रामक बीमारी से बचाया गया वहीं दूसरी ओर बिजली और पानी का अनावश्यक खर्च भी बचा। इसे ही कहते है - एक पंथ दो काज 

    Additional Information
    अन्य विकल्प:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    आटे दाल का भाव मालूम होना 

    कठिनाइयों का ज्ञान होना

    दोस्तो जब किसी व्यक्ति पर घर की जिम्मेदारियां आ जाती है तो उसे अपना घर चलाने के लिए कमाना पडता है । इस तरह से आने वाली कठिनाईयो को ही आटे दाल का भाव मालूम होना ‌‌‌कहते है।

    आकाश के तारे तोड़ लाना 

    असंभव कार्य करना

    श्याम हमेशा आकाश के तारे तोड़ने की बात करता हैं।

     काम निकालना 

    अपने उद्देश्य को सिद्ध करना।

    और फेरों में मत पड़ो, बस अपना काम निकालने की सोचो।

    Important Points

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिंदी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोडकर विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

    आँख का तारा अर्थात बहुत प्यारा।

    वाक्य - हर बच्चा अपनी माँ की आँख का तारा होता है।

  • Question 28
    5 / -1
    इनमें से 'सरस्वती' का पर्यायवाची शब्द है
    Solution
    महाश्वेता- 'सरस्वती' का पर्यायवाची शब्द है ।Key Points
    शब्दपर्यायवाची
    पद्माचला , लक्ष्मी , कमला , रमा , हरिप्रिया , श्री , इंदिरा , पद्ममा , सिन्धुसुता , कमलासना।
    विभावरीरात, रजनी, रात्रि, यामिनी, निशा।
    प्रमदासुंदरी स्त्री ।  माल- कंगनी । प्रियंगु ।
    सरस्वतीब्राह्मी, भारती, गो, गिरा, सुष्टु, वागीश, महाश्वेता, भाषा, वाचा
    महाश्वेताज्ञानदा, हंसवाहिनी, वागीश्वरी, सरस्वती, भारती, वागेश्वरी, शारदा, विणापाणी, वाग्देवी
    Additional Information
    शब्दपर्यायवाची
    धूपघाम, धर्म, निदाघ, आतप, रविप्रभा।
    नारदब्रह्मर्षि, ब्रह्म-पुत्र, देवर्षि, ब्रह्मर्ष।
    नावनौका, नौ, जलयान, बेड़ी, डोंगी, नैया, तरिणी,तरी, जल वाहन।
    प्रख्यातप्रसिद्ध, विख्यात, मशहूर, यशस्वी।
    पल्लवकिसलय, पर्ण, पत्ती, कोपल, पात।
    परोपकारपरहित, भलाई, नेकी, परकाज, परमार्थ, परार्थ।
    बचपनबालपन ,लड़कपन ,बाल्यावस्था ,बचपना।
    भ्रमरअलि, मधुकर,मधुप, सारंग।भोला- सरल, सीधा, निश्छल, अकुटिल।
    रश्मिकर , अंशु, मरीच, मयूख, किरण।
  • Question 29
    5 / -1
    चौराहा में कौन सा समास है?
    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 3 द्विगु समास’ होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    • 'चौराहाद्विगु समास का उदाहरण है। 
    • 'चौराहा' का समास विग्रह होगा - चार राहों का समूह। 

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

    1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
    2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
    3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
    4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

    संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

    1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
    2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
    3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

    Additional Information

    समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    तत्पुरुष समास

    जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

    धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

    बहुव्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    अव्यययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

    प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

    द्वंद्व समास 

    द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

    माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

     

     

  • Question 30
    5 / -1
    "तत्+शंकर"--का संधि रूप है
    Solution
    "तत्+शंकर"--का संधि रूप तच्छंकर है।Key Points
    • "तत्+शंकर" में व्यंजन संधि है।
    • संधि का सामान्य अर्थ है मेल या जोड़

    Additional Information

    संधिपरिभाषाउदाहरण
    स्वरसंधिदो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन होता है उसे स्वर संधि कहते है।धर्म + अर्थ = धर्मार्थ (अ + अ = आ)
    व्यंजन संधिदो स्वरों के मेल से जो विकार उत्पन होता है उसे स्वर संधि कहते है।वाक + ईश = वागीश (क् + ई = गी)
    Important Points
    •  यदि ‘त्’ या ‘द्’ के बाद ‘ह’ आये तो उनके स्थान पर ‘द्ध’ हो जाता है। जैसे–

      उत्+हार = उद्धार

      तत्+हित = तद्धित

      उत्+हरण = उद्धरण

    •  यदि ‘त्’ या ‘द्’ के बाद ‘श्’ हो तो ‘त् या द्’ का ‘च्’ और ‘श्’ का ‘छ्’ हो जाता है। जैसे–

      त्/द्+श् = च्छ

      उत्+श्वास = उच्छ्वास

      तत्+शिव = तच्छिव

  • Question 31
    5 / -1
    'समुद्र की आग' के लिए उपयुक्त शब्द है -
    Solution

    'समुद्र की आग' वाक्यांश के लिए एक शब्द ‘बडवानल’ होगा| अन्य विकल्प असंगत हैं| अतः सही विकल्प बडवानल है

    अन्य विकल्प 

    शब्द

    वाक्यांश

    जठराग्नि

    पेट के अंदर की वह शारीरिक अवस्था जिससे खाया हुआ अन्न पचता है

    बड़वानल

    समुद्र के अंदर की अग्नि

    विरहाग्नि

    वियोग के कारण होनेवाला तीव्र मानसिक कष्ट

    दावानल वन में लगने वाली आग 
  • Question 32
    5 / -1
    लोकोक्ति 'दाना न घास, घोड़े तेरी आस' का अर्थ है-
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "देना न लेना मुफ़्त में काम लेने के इरादे" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • दाना न घास घोड़े तेरी आस
    • अर्थ :- देना न लेना मुफ़्त में काम लेने के इरादे।
    • वाक्य प्रयोग :- श्याम राजू की मुसीबत में कुछ भी मदद नहीं करता है लेकिन उससे मदद की आस रखता है, दाना न घास घोड़े तेरी आस।
    Additional Information
    • अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग :- सब लोगों का अपनी-अपनी धुन में मस्त रहना।
    • अपनी फूटी न देखे दूसरे की फूली निहारे :- अपना दोष न देखकर दूसरे के छोटे अवगुण पर ध्यान देना।
    • आई मौज फकीर को, दिया झोपड़ा फूंक :- विरक्त(बिगड़ा हुए) पुरुष मनमौजी होते हैं।
    • आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास :- जिस काम के लिए गए थे, उसे छोड़कर दूसरे काम में लग गए।
    • इब्तिदा-ए-इश्क है. रोता है क्या, आगे-आगे देखिए, होता है क्या : अभी तो कार्य का आरंभ है; इसे ही देखकर घबरा गए, आगे देखो क्या होता है।
    • इसके पेट में दाढ़ी है :- इसकी अवस्था बहुत कम है तथापि यह बहुत बुद्धिमान है।
    • ऊंट बर्राता ही लदता है :- काम करने की इच्छा न रहने पर डर के मारे काम भी करते जाना और बड़बड़ाते भी जाना। 
    • ऊंट बिलाई ले गई, हां जी, हां जी कहना :- जब कोई बड़ा आदमी कोई असम्भव बात कहे और दूसरा उसकी हामी भरे।
    • चोर लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले :- ताकतवर आदमी से दो लोग भी हार जाते हैं।
    • चंदन की चुटकी भरी, गाड़ी भरा न काठ :- अच्छी वास्तु कम होने पर भी मूल्यवान होती है, जब्कि मामूली चीज अधिक होने पर भी कोई कीमत नहीं रखती।
  • Question 33
    5 / -1

    निम्नलिखित 6 वाक्यांशो में से प्रथम व अंतिम निश्चित है, शेष को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए-

    1. स्वतन्त्र भारत का

    य. क्योंकि आज जो विद्यार्थी हैं वे कल

    र. उन्नति और उसका उत्थान इन्ही पर

    ल. सम्पूर्ण दायित्व आज विद्यार्थियों पर है

    व. स्वतंत्र भारत के नागरिक होगें तथा भारत की

    6. निर्भर करता है

    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 3 'ल य व र’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

    Key Points

    • संपूर्ण वाक्य क्रम इस प्रकार होगा - स्वतन्त्र भारत का सम्पूर्ण दायित्व आज विद्यार्थियों पर है क्योंकि आज जो विद्यार्थी हैं वे कल स्वतंत्र भारत के नागरिक होगें तथा भारत की उन्नति और उसका उत्थान इन्ही पर निर्भर करता है।

    Additional Information

    वाक्य

    दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं।

    उदाहरण के लिए 'सत्य की विजय होती है। ' एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है।

     

  • Question 34
    5 / -1

    निम्नलिखित शब्द का पर्यायवाची नहीं हैं, ज्ञात कीजिए।

    कमल

    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर ‘द्रुम’ है। 

    Key Points

    • दिए गए विकल्पों में से द्रुम शब्द पेड़ का पर्यायवाची शब्द है।
    • इसके अन्य पर्यायवाची शब्द हैं - वृक्ष, पेड़, पादप, विटप, तरु, गाछ
    • द्रुम तत्सम शब्द है।
       

    अन्य विकल्प:

    शब्द

    पर्यायवाची

    शतदल 

    नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।

    राजीव 

    नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।

    कमल 

    नलिन, अरविन्द, उत्पल, अम्भोज, तामरस, पुष्कर, महोत्पल, वनज, कंज, सरसिज, राजीव, पद्म, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, जलजात, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।

     

    Additional Information

    शब्द

    परिभाषा

    उदाहरण

    पर्यायवाची/

    समानार्थी शब्द

    एक ही अर्थ में प्रयुक्त होने वाले शब्द जो बनावट में भले ही अलग हों, पर्यायवाची या समानार्थी शब्द कहलाते हैं।

    आग - अनल, पावक, दहन।

    हवा - समीर, अनिल, वायु।

  • Question 35
    5 / -1
    'जो मोक्ष चाहता हो' के लिए शब्द है?
    Solution

    जो मोक्ष चाहता हो, उसे “मुमुक्षु” कह्ते है, अन्य विकल्प अनुचित है। अत: विकल्प 1 ‘मुमुक्षु’ सही उत्तर है।

    • अर्थ : मुक्ति या मोक्ष पाने का इच्छुक।
    • उदाहरण : मुमुक्षु महात्मा तपस्या में लीन हैं।
    • पर्यायवाची : आत्मनिष्ठ, परमार्थी, मुमुच्छु, मोक्ष इच्छुक, मोक्षेच्छुक आदि।
    Important Points

    शब्द

    वाक्यांश

    प्रत्युत्पन्नमति

     जिसे तुरंत उचित उत्तर सूझ जाए।

    मुमूर्षु

    मृत्यु का इच्छुक।

    युयुत्सु

    युद्ध की इच्छा रखने वाला।

    वैध

    जो विधि के अनुकूल है।

    Additional Information

    स्पष्टीकरण

    • हिंदी भाषा में जब कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग किया जाये तो उसे वाक्यांश के लिए एक शब्द कहा जाता है। इसे "अनेक शब्दों के लिए एक शब्द" भी कहा जाता है।
    • इन शब्दों के प्रयोग से हम हिंदी भाषा को आकर्षक और प्रभावशाली बनाते हैं।
    • भाषा की सुदृढ़ता, भावों को गंभीरता और चुस्त शैली के लिए आवश्यक है क़ि शब्दों के प्रयोग में संयम से काम लें ताकि विस्तृत विचारों या भावों को कम शब्दों में व्यक्त किया जा सके।
    • संक्षेप में किसी भी विचार या बात को अभिव्यक्त करना भाषा में अच्छी रचना के लिए आवश्यक है।
  • Question 36
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    ईश्वर के यहाँ कुछ लोग दूसरों की _______ में जल्दी पहुँचते हैं |

    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 तुलना है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    सही रिक्त स्थान - 

    • ईश्वर के यहाँ कुछ लोग दूसरों की तुलना में जल्दी पहुँचते हैं।
    • तुलना का अर्थ- तौला जाना, मापित होना 

    Additional Information

    वाक्य- सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिनके माध्यम से मन के भाव-विचार प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।

  • Question 37
    5 / -1

    निम्नलिखित लोकोक्ति/मुहावरे का क्या आशय है?

    "घड़ों पानी पड़ना"

    Solution

    सही उत्तर 'शर्मिंदा होना' है।

    Key Points

    • 'घड़ों पानी पड़ना' मुहावरे का अर्थ है- शर्मिंदा होना।
    • वाक्य प्रयोग - वह हमेशा कक्षा में प्रथम आता था मगर इस बार परीक्षा में चोरी करते समय रँगे हाथ पकड़े जाने पर मनीष पर घड़ों पानी पड़ गया।

    Additional Information

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    मुहावरा का शाब्दिक अर्थ ‘अभ्यास’ है। मुहावरा शब्द अरबी भाषा का शब्द है। हिन्दी में ऐसे वाक्यांशों को मुहावरा कहा जाता है, जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर  विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं।

    अंक भरना- स्नेह से लिपटा लेना

    वाक्य-माँ ने स्नेह से अपने पुत्र को अंक में भर लिया।  

  • Question 38
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, दिए गए शब्द के विपरीत अर्थ वाले विकल्प को चुनिए।

    नित्य

    Solution
    नित्य का विलोम अनित्य है।,जोकि विपरीत अर्थ है नित्य का।Key Points
    • नित्य का अर्थ है -प्रतिदिन, हर रोज़,एक भी दिन नागा किए बिना।
    • समानार्थी शब्द - रोज़ , प्रतिदिन , हर दिन , रोज़मर्रा , दैनंदिन
    • वाक्य में प्रयोग -वह नित्य ६ घंटे पढ़ाई करता है। 

    Additional Information

    शब्दविलोम 
    अनुदारप्रतिक्रियाशील
    अंतर्मुखीबहिर्मुखी
    ऋतअनृत
    देदीप्यमानतिमिरांकित
  • Question 39
    5 / -1
    जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई' का अर्थ हैः
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "जिसके ऊपर बीतती है वही जानता है।" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई
      • अर्थ :- जिस मनुष्य पर कभी दुःख न पड़ा हो, वह दूसरों का दुःख क्या समझे।
      • वाक्य प्रयोग :- दादी ने मुझसे कहा – बेटा, तुम पुरुष हो। नारी के दुःख को तुम कभी समझ ही न सकोगे। ‘जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई’।
    Additional Information
    • प्रमुख लोकोक्ति
    • अंधे के आगे रोवे, अपना दीदा खोवे :- मूर्खों को सदुपदेश देना या उनके लिए शुभ कार्य करना व्यर्थ है।
    • अपना पैसा सिक्का खोटा तो परखैया का क्या दोष? :- यदि अपने सगे-सम्बन्धी में कोई दोष हो और कोई अन्य व्यक्ति उसे बुरा कहे, तो उससे नाराज नहीं होना चाहिए।
    • अपना हाथ जगन्नाथ का भात :- दूसरे की वस्तु का निर्भय और उन्मुक्त उपभोग।
    • आप जाय नहीं सासुरे, औरन को सिखि देत :- आप स्वयं कोई काम न करके दूसरों को वही काम करने का उपदेश देना।
    • आप तो मियां हफ्तहजारी, घर में रोवें कर्मों मारी :- जब कोई मनुष्य स्वयं तो बड़े ठाट-बाट से रहता है पर उसकी स्त्री बड़े कष्ट से जीवन व्यतीत करती है तब ऐसा कहते हैं।
    • इहां कुम्हड़ बतिया कोउ नाहीं, जो तर्जनि देखत मरि जाहीं :- जब कोई झूठा रोब दिखाकर किसी को डराना चाहता है।
    •  इहां न लागहि राउरि माया :- यहां कोई आपके धोखे में नहीं आ सकता।
    • ऊंट-घोड़े बहे जाए, गधा कहे कितना पानी :- जब किसी काम को शक्तिशाली लोग न कर सकें और कोई कमजोर आदमी उसे करना चाहे, तब ऐसा कहते हैं।
  • Question 40
    5 / -1
    निम्नलिखित में से मुहावरा "अंडे का शहजादा" का क्या अर्थ है?
    Solution

    'अंडे का शहजादा मुहावरे का सही अर्थ है – अनुभवहीन व्यक्ति। अन्य विकल्प असंगत हैं। 
    Key Points 

    स्पष्टीकरण:-

    मुहावरे

    अर्थ    

    वाक्य प्रयोग

    अंडे का शहजादा

    अनुभवहीन व्यक्ति

    ‌‌‌अजीत सिंह अपने पिता की सिफ़ारिश पर प्रमोशन तो पर  गए लेकिन काम ढंग का नहीं आता, बस समझो कि वो अंडे का शहजादा है।

    अन्य विकल्प:-

    मुहावरे

    अर्थ

    वाक्य प्रयोग

    आकाश पाताल एक करना 

    कठोर परिश्रम करना 

    सूरज ने इंजीनियर पास करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया। 

    घाट - घाट का पानी पीना 

    बहुत अनुभवी होना 

    मुझे वकालत में किसी से कम न आंको, मैंने भी घाट-घाट का पानी पिया हुआ है।

    Additional Information

    मुहावरा परिभाषा

    उदाहरण

    किसी भाषा की अभिव्यंजना के विशिष्ट रूप को 'मुहावरा' कहते हैं। एक अन्य पक्ष है कि विशिष्ट शब्दों विचित्र प्रयोगों एवं प्रयोग-सिद्ध विशिष्ट वाक्यांशों वाक्य-पद्धति को 'मुहावरा' कहते हैं।

    मुहावरा - अन्धे के हाथ बटेर लगना

    अर्थ - इच्छित वस्तु का अचानक प्राप्त होना

    वाक्य - रहीम की लटरी खुलते ही ऐसा लगा मानो अन्धे के हाथ बटेर लग गई हो।

  • Question 41
    5 / -1
    'आर्द्र' का विलोम होगाः
    Solution

    आर्द्र का विलोम शब्द 'शुष्क' है। अतः 'शुष्क' शब्द सही विकल्प होगा, अन्य सभी विकल्प असंगत है।  

    • आर्द्र का अर्थ - गीला 
    • शुष्क - सूखा 
    Key Points
    • विलोम शब्द : जो शब्द उल्टा अर्थ बताते है उन्हें विलोम शब्द कहा जाता है 
    • जैसे: सुख - दुःख, यश -अपयश 
    Additional Information अन्य विलोम शब्द
    •    उष्ण - शीत,
    •   शीत - उष्ण 
  • Question 42
    5 / -1
    निम्नलिखित शब्दों में से 'आगमन' का विलोम क्या है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "प्रस्थान" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

    Key Points
    • आगमन शब्द का विलोम
      • प्रस्थान, निगमन
    • आगमन
      • पुल्लिंग
        • आना, पहुँचना।
        • प्राप्त होना, लाभ होना।
    • प्रस्थान
      • पुल्लिंग
        • जाना, रवानगी।
        • सेना का युद्ध क्षेत्र में जाना, कूच।
    Additional Information
    • आदान
      • पुल्लिंग
        • लेना, ग्रहण।
        • बंधन।
    • प्रदान
      • पुल्लिंग
        • देना।
        • दी जानेवाली वस्तु।
  • Question 43
    5 / -1

    निम्नलिखित रिक्त स्थान की पूर्ति उपयुक्त विकल्प के द्वारा कीजिये।

    पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध ........................ से है।

    Solution

    दिए गए विकल्पों में से विकल्प 3 प्रकृति सही है, अन्य विकल्प रिक्त स्थान के लिए उचित नहीं हैं।

    Key Points

    • प्रकृति का अर्थ है - वह मूलतत्व जिसका परिणाम जगत है।
    • पूर्ण वाक्य - पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है।

    अन्य विकल्प -  

    शब्द

    अर्थ

    वायु

    हवा

    मानव जीवन 

    एकमात्र उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार करना है।

    जीव-जन्तु

    जीव-जन्तु वे हैं जो जीते हैं और (मरकर फिर) जन्म लेते हैं।


    Additional Information

    • प्रकृति 'स्त्रीलिंग' शब्द है। 
    • वायु भी 'स्त्रीलिंग' शब्द है। 
  • Question 44
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. वंशानुगत राजनीतिकों को

    a. सफल होने के लिये 

    b. संसाधन आसानी से

    c. मूर्त और अमूर्त, दोनों तरह के

    d. लोकतांत्रिक राजनीति में 

    2. उपलब्ध हो जाते हैं।

    Solution

    इसका सही क्रम विकल्प 3 'd, a, c, b' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    वाक्य का सही क्रम-

    1. वंशानुगत राजनीतिकों को
      1. लोकतांत्रिक राजनीति में
      2. सफल होने के लिये 
      3. मूर्त और अमूर्त, दोनों तरह के
      4. संसाधन आसानी से 
    2. उपलब्ध हो जाते हैं।


    Additional Information

    • वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए। 
    • उचित  पदक्रम होना चाहिए। 
    • वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए। 
    • वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है। 
    • उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए।
  • Question 45
    5 / -1
    'राजपुत्र' में कौन-सा समास है ?
    Solution
    • उपयुक्त विकल्प में तत्पुरुष समास है क्योंकि यहां पर विभक्ति का प्रयोग हुआ है। अतः सटीक विकल्प तत्पुरुष समास है।
    • जिस समास में उत्तरपद प्रधान होता है एवं पूर्वपद गौण होता है वह समास तत्पुरुष समास कहलाता है। जैसे - धर्म का ग्रन्थ - धर्मग्रन्थ।
    • अतः स्पष्ट है कि राजपुत्र का विग्रह करने पर हमे राजा का पुत्र शब्द प्राप्त होता है। अतः स्पष्ट है कि यहाँ सम्बन्ध तत्पुरुष समास है। अतः सही विकल्प तत्पुरुष समास है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points

    समास का नाम

    परिभाषा 

    उदाहरण 

    बहुब्रीहि समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

    जो परिवार के साथ है = सपरिवार

    जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

    कर्मधारय समास

    जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

    पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

    कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

    द्विगु  समास

    जब वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

    जैसे त्रिलोक - तीनो लोकों का समाहार नवरात्र - नौ रात्रियों का समूह
     अठन्नी - आठ आनो का समूह 

  • Question 46
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो वाक्यांशों के लिए एक शब्द का विकल्प हो।

    जिसका कोई उद्देश्‍य न हो।

    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "निरुद्देश्‍य" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • जिसका कोई उद्देश्य न हो :- निरुद्देश्य
    • निरुद्देश्य
      • विशेषण
        • बिना उद्देश्य का।
      • क्रिया विशेषण
        • बिना किसी उद्देश्य के।
    • निर् (उपसर्ग) + उद्देश्य
    Additional Information
    • निर्दोष :- जिसका कोई दोष न हो।
    • निरुत्तरा :- जिसका कोई उत्तर न हो।
    • निराकार :- जिसका कोई आकार न हो।  
    Important Points
    • प्रमुख वाक्यांश व उसके लिए प्रयुक्त एक शब्द
      • जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो :- अनिर्वचनीय
      • अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात :- अतिशयोक्ति
      • जो बहुत बोलता हो :- वाचाल
      • शरण पाने का इच्छक :- शरणार्थी 
      • सौ वर्ष का समय :- शताब्दी 
      • शिव का उपासक :- शैव 
      • देवी का उपासक :- शाक्त 
      • समान रूप से ठंडा और गर्म  :- समशीतोष्ण 
      • जो सदा से चला आ रहा हो :- सनातन
      • समान दृष्टि से देखने वाला :- समदर्शी 
      • जो क्षण भर में नष्ट हो जाए :- क्षणभंगुर 
      • फूलों का गुच्छा :- स्तवक 
      • संगीत जानने वाला :- संगीतज्ञ 
      • जिसने मुक़दमा दायर किया है :- वादी 
      • जिसके विरुद्ध मुक़दमा दायर किया है :-  प्रतिवादी
  • Question 47
    5 / -1

    निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए लोकोक्ति का सही अर्थ हो।

    ओस चाटे प्यास नहीं बुझती-

    Solution

    ओस चाटे प्यास नहीं बुझती लोकोक्ति का अर्थ होता है कि बड़े काम के लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता होती है।

    Key Points कुछ महत्वपूर्ण लोकोक्तियां:-

    • अंधों में काना राजा – मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति
    • अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता – अकेला आदमी लाचार होता है
    • अधजल गगरी छलकत जाय – डींग हाँकना
    • आँख का अँधा नाम नयनसुख – गुण के विरुद्ध नाम होना
    • आँख के अंधे गाँठ के पूरे – मुर्ख परन्तु धनवान                                                                                                                            

    Additional Information

     लोकोक्ति का हिंदी में वाक्य प्रयोग :-

    वाक्य    प्रयोग

    सोहन अपने घर को सुंदर बनाने के लिए लगा हुआ है लेकिन वह उसमें कंजूसी भी करता है तब उसके लिए यही कहावत आती है कि ओस चाटे प्यास नहीं बुझती अर्थात आवश्यकता के अनुसार पूर्ति नहीं होने पर वह कार्य पूरा नहीं होता है।

    वाक्य प्रयोग

    मोहनलाल अपनी बेटी का विवाह करने चला है तू अपना दिल बड़ा करके चलो क्योंकि यहां ओस चाटे प्यास नहीं बुझती

    Important Points 

    लोकोक्ति की परिभाषा: जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो लोकोक्ति कहलाता है। इसी को कहावत कहते है।
     
     उदाहरण:-

    बाप भला न भइया, सब से भला रूपइया
    अर्थः धन ही सबसे बड़ा होता है।
    बासी बचे न कुत्ता खाय
    अर्थः जरूरत के अनुसार ही सामान बनाना।

     

  • Question 48
    5 / -1
    घनश्‍याम में समास है
    Solution

    घन जैसा श्याम = 'घनश्याम' यह कर्मधारय समास का उदाहरण है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 1) कर्मधारय समास होगा ।

    Key Points

    • घन जैसा श्याम = 'घनश्याम' में कर्मधारय समास है।
    • समास - घन के सामान श्याम (काला)

    अन्य विकल्प:-

    समास

    परिभाषा

    उदाहरण

    अव्ययीभाव समास

    जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो।

    जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।
     

    द्वंद्व समास

    जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो।

    जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

    द्विगु समास

    जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

    जैसे – दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    Additional Information 

     

    परिभाषा

    उदाहरण

     

     

      

     

       समास

    दो या अधिक शब्दों (पदों) का परस्पर संबद्ध बतानेवाले शब्दों अथवा प्रत्ययों का लोप होने पर उन दो या अधिक शब्दों से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है, उस शब्द को सामासिक शब्द कहते है और उन दो या अधिक शब्दों का जो संयोग होता है, वह समास कहलाता है।

    जैसे – दो पहरों का समूह = दोपहर,

    तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

    कमल के समान नयन = कमलनयन,

    चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

  • Question 49
    5 / -1

    नीचे दिए गए वाक्यों  में a, b, c, d को  सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए -

    1. एक सपना

    a. दृढ संकल्प और

    b. नहीं बन सकता,

    c. इसमें पसीना,

    d. जादू से हकीकत

    2. मेहनत लगती है।

    Solution

    इसका सही क्रम विकल्प 2 'd, b, c, a' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।

    वाक्य का सही क्रम -

    1. एक सपना
      1. जादू से हकीकत
      2. नहीं बन सकता,
      3. इसमें पसीना,
      4. दृढ संकल्प और
    2. मेहनत लगती है।


    Additional Information

    • वाक्य रचना व्याकरण के नियमों के आधार पर होनी चाहिए। 
    • उचित  पदक्रम होना चाहिए। 
    • वाक्यों का सार्थक अनुच्छेद बनना चाहिए। 
    • वाक्य व्यवस्था के लिए भाषा बोध अनिवार्य है। 
    • उचित वाक्य संरचना होनी चाहिए।
  • Question 50
    5 / -1

    दिए गए वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए |

    मेज का _______ गोल है |

    Solution

    दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 4 आकार है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

    Key Points

    • आकार का अर्थ- किसी वस्तु की वे बाहरी और दृश्य बातें जिनसे उसकी लंबाई, चौड़ाई, प्रकार, स्वरूप आदि का ज्ञान होता है।
    • सही रिक्त स्थान - मेज का आकार गोल है |

    Additional Information

    शब्द- दो या दो से अधिक वर्णो से बने ऐसे समूह को 'शब्द' कहते है जिसका कोई न कोई अर्थ निकलता हो। या वर्णों या ध्वनियों के सार्थक वर्णसमुदाय को 'शब्द' कहते है।

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