प्रस्तुत लेख में उल्लेखित है कि इन निबंधों का संग्रह पहले 'विचार-वीथी' के नाम से 1930 ई में प्रकाशित हुआ था। अत: इस प्रश्न का सही उत्तर 'विचार वीथी' है। बाकी सभी प्रश्न गलत हैं।
Key Pointsआचार्य रामचन्द्र शुक्ल के ग्रंथ चिंतामणि के चारों भागों के संपादक एवं प्रकाशन वर्ष:
भाग | संपादक | प्रकाशन वर्ष |
प्रथम भाग | रामचन्द्र शुक्ल | 1939 |
द्वितीय भाग | विश्व नाथ मिश्र | 1945 |
तृतीय भाग | नामवर सिंह | 1983 |
चतुर्थ भाग | कुसुम चतुर्वेदी एवं ओमप्रकाश सिंह | 2002 |
Important Pointsआचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा रचित मौलिक कृतियाँ मुख्य रूप से तीन प्रकार की हैं :
1. आलोचनात्मक ग्रंथ : सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा आदि शुक्ल जी की आलोचनात्मक रचनाएं हैं।
2. निबंधात्मक रचनाएँ : उनके निबन्ध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं। चिंतामणि के निबन्धों के अतिरिक्त शुक्लजी ने कुछ अन्य निबन्ध भी लिखे हैं, जिनमें मित्रता, अध्ययन आदि निबन्ध सामान्य विषयों पर लिखे गये निबन्ध हैं। मित्रता निबन्ध जीवनोपयोगी विषय पर लिखा गया उच्चकोटि का निबन्ध है जिसमें शुक्लजी की लेखन शैली गत विशेषतायें झलकती हैं। क्रोध निबन्ध में उन्होंने सामाजिक जीवन में क्रोध का क्या महत्व है, क्रोधी की मानसिकता-जैसै सम्बंधित पहलुओ का विश्लेषण किया है।
3. ऐतिहासिक ग्रंथ : हिंदी साहित्य का इतिहास उनका अनूठा ऐतिहासिक ग्रंथ है।
Additional Information आचार्य रामचन्द्र शुक्ल द्वारा संपादित कुछ प्रमुख रचनाएँ :
1. हिन्दी शब्द सागर
2. नागरी प्रचारिणी पत्रिका
3. भ्रमरगीत सार
4. जायसी ग्रंथावली