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Hindi Test - 25

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Hindi Test - 25
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Self Studies Self Studies
Weekly Quiz Competition
  • Question 1
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था। किन्तु बाद में नाट्य-रचनाएँ कम हो गईं। इस क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके नाटकों से हिन्दी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई | नाट्य-रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिन्दी नाटककारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया। नांदी, मंगलाचरण, प्रस्तावना को हटाया जाने लगा। विष्कंभक, प्रवेशक, आदि का विधान छोड़ दिया गया। विदूषक के बदले कोई मनोरंजक पात्र रखा जाने लगा। सांचे में ढल हुए पात्रों के स्थान पर निजी व्यक्तित्व की विशेषताओं से युक्त पात्र आने लगें।

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    'विदूषक' का अर्थ होता हैः
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "हँसी उड़ाने वाला व्यक्ति" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • विदूषक
      • पुल्लिंग
        • हँसी उड़ानेवाला व्यक्ति।
        • मसखरा।
    • विदूषक का पर्यायवाची शब्द
      • विनोदी, ठिठोलिया, मसखरा, मजाकिया।
    Additional Information
    • विद्वान
      • पुल्लिंग
        • शिक्षित व्यक्ति।
      • विशेषण
        • शिक्षित।
        • पंडित।
    • घृणा का विलोम
      • प्रेम, स्नेह, सहानुभूति।
  • Question 2
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था। किन्तु बाद में नाट्य-रचनाएँ कम हो गईं। इस क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके नाटकों से हिन्दी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई | नाट्य-रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिन्दी नाटककारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया। नांदी, मंगलाचरण, प्रस्तावना को हटाया जाने लगा। विष्कंभक, प्रवेशक, आदि का विधान छोड़ दिया गया। विदूषक के बदले कोई मनोरंजक पात्र रखा जाने लगा। सांचे में ढल हुए पात्रों के स्थान पर निजी व्यक्तित्व की विशेषताओं से युक्त पात्र आने लगें।

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    भारतेंदु युग में साहित्य का प्रधान रूप क्‍या हो गया था?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "नाटक" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार भारतेंदु युग में साहित्य का प्रधान रूप नाटक हो गया था।
    • गद्यांश से
      • "भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था।"
    Additional Information
    • नाटक
      • पुल्लिंग
      • साहित्य
        • रंगमंच पर अभिनय की जा सकने योग्य रचना।
        • अभिनय, ड्रामा।
    • उपन्यास
      • पुल्लिंग
        • कल्पित और लंबी कहानी जो अनेक पात्रों एवं घटनाओं से युक्त हो।
        • अमानत।
  • Question 3
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था। किन्तु बाद में नाट्य-रचनाएँ कम हो गईं। इस क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके नाटकों से हिन्दी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई | नाट्य-रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिन्दी नाटककारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया। नांदी, मंगलाचरण, प्रस्तावना को हटाया जाने लगा। विष्कंभक, प्रवेशक, आदि का विधान छोड़ दिया गया। विदूषक के बदले कोई मनोरंजक पात्र रखा जाने लगा। सांचे में ढल हुए पात्रों के स्थान पर निजी व्यक्तित्व की विशेषताओं से युक्त पात्र आने लगें।

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    भारतेंदु के बाद नाटक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किसका है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "जयशंकर प्रसाद" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार भारतेन्दु के बाद नाटक के क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद का महत्वपूर्ण कार्य है।
    • जयशंकर प्रसाद के नाटकों से हिंदी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई।
    Additional Information
    • जयशंकर प्रसाद ने 'उर्वशी' एवं 'बभ्रुवाहन' चम्पू तथा अपूर्ण 'अग्निमित्र' को छोड़कर आठ ऐतिहासिक, तीन पौराणिक और दो भावात्मक, कुल तेरह नाटकों की सर्जना की।
    • 'कामना' और 'एक घूँट' को छोड़कर ये नाटक मूलत: इतिहास पर आधृत हैं।
    • इनमें महाभारत से लेकर हर्ष के समय तक के इतिहास से सामग्री ली गयी है।
  • Question 4
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था। किन्तु बाद में नाट्य-रचनाएँ कम हो गईं। इस क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके नाटकों से हिन्दी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई | नाट्य-रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिन्दी नाटककारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया। नांदी, मंगलाचरण, प्रस्तावना को हटाया जाने लगा। विष्कंभक, प्रवेशक, आदि का विधान छोड़ दिया गया। विदूषक के बदले कोई मनोरंजक पात्र रखा जाने लगा। सांचे में ढल हुए पात्रों के स्थान पर निजी व्यक्तित्व की विशेषताओं से युक्त पात्र आने लगें।

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    हिन्दी नाटक के संदर्भ में कौन सा कथन गलत है?
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "प्राचीन काव्यशास्त्र के विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार किया" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • गद्यांश के अनुसार हिंदी नाटक में प्राचीन काव्यशास्त्र के विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया गया था।
    • गद्यांश से
      • "नाट्य रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिंदी नाटक कारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया।"
    Additional Information
    • व्यक्तित्व
      • पुल्लिंग
        • व्यक्ति की विशेषता या गुण।
        • विशेष गुण, असामान्य विशेषता।
    • काव्यशास्त्र
      • पुल्लिंग
        • ऐसा शास्त्र जिसमें काव्य के भेद एवं रूपों का विस्तार से वर्णन किया गया हो।
  • Question 5
    5 / -1

    Directions For Questions

    निर्देशः नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    भारतेंदु युग में नाटक साहित्य ही प्रधान काव्य रूप बन गया था। किन्तु बाद में नाट्य-रचनाएँ कम हो गईं। इस क्षेत्र में जयशंकर प्रसाद ने महत्वपूर्ण कार्य किया। उनके नाटकों से हिन्दी साहित्य में बहुत बड़े अभाव की पूर्ति हुई | नाट्य-रचना का विधान प्राचीन काव्य शास्त्र में विस्तार से किया गया है। हिन्दी नाटककारों ने उस विधान को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं किया। नांदी, मंगलाचरण, प्रस्तावना को हटाया जाने लगा। विष्कंभक, प्रवेशक, आदि का विधान छोड़ दिया गया। विदूषक के बदले कोई मनोरंजक पात्र रखा जाने लगा। सांचे में ढल हुए पात्रों के स्थान पर निजी व्यक्तित्व की विशेषताओं से युक्त पात्र आने लगें।

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    दिए गए गद्यांश में 'विधान' का आशय हैः
    Solution

    उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "रचना प्रणाली" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

    Key Points
    • विधान
      • पुल्लिंग
        • निर्माण, रचना।
        • व्यवहार प्रयोजन।
    • विधान के पर्यायवाची
      • प्रबंध, व्यवस्था, आयोजन, इंतजाम
      • ढंग, प्रणाली, रीति ,कायदा, नियम, विधि।
    Additional Information
    • प्रयोजन
      • पुल्लिंग
        • उपयोग, प्रयोग, व्यवहार।
        • अभिप्राय, मतलब।
    • रंगमंच
      • पुल्लिंग
        • नाटक आदि खेला जाने का ऊँचा स्थान।
        • कार्य हेतु आधार तैयार करने का भाव।
  • Question 6
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    श्री हरिकृष्ण प्रेमी के शिवासाधना और रक्षाबंधन नाटक प्रसिद्ध हैं। श्री प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। शिवासाधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर है और रक्षाबंधन इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक अनुश्रुति पर कि मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी। दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है। 

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    "शिवा साधना' नाटक के लेखक कौन हैं?
    Solution
    "शिवा साधना' नाटक के लेखक हरिकृष्ण प्रेमी हैं।Key Points
    • 'शिवा साधना' (1937 ई.) में शिवाजी की औरंगजेब की साम्प्रदायिक एवं तानाशाही नीति के विरोधी तथा धर्म निरपेक्षता और राष्ट्रीय भावना के संस्थापक के रूप में चित्रित किया गया है।
    • 'प्रतिशोध' (1937 ई.) में छत्रपाल द्वारा बुंदेलखण्ड की शक्तियों को एकत्र करके औरंगजेब से टक्कर लेने का प्रसंग है। 

    Additional Informationहरिकृष्ण प्रेमी

    • हरिकृष्ण प्रेमीहरिकृष्ण जी का हिंदी नाटककारों में अपना विशिष्ट स्थान है।
    • मध्यकालीन इतिहास से कथा प्रसंगो को लेकर उन्होंने हमें राष्ट्रीय जागरण, धर्म निरपेक्षता तथा विश्व-बंधुत्व के महान् संदेश दिये हैं।
    • उनके नाटकों में स्वच्छंदवादी शैली का बड़ा संयमित और अनुशासनपूर्ण उपयोग है, इसलिए उनके नाटक रंगमच की दृष्टि से सफल हैं।

    लक्ष्मीनारायण मिश्र

    • लक्ष्मीनारायण मिश्र, (1903-1987) हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे। उन्होंने प्रचुर मात्रा में गद्य तथा पद्य दोनों में ही साहित्य सृजन किया है।
    • मौलिक सृजन से लेकर अनुवाद तक उन्होंने सोद्देश्य लेखन किया है।

    मोहन राकेश

    • वे हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और उपन्यासकार हैं।
    • समाज के संवेदनशील व्यक्ति और समय के प्रवाह से एक अनुभूति क्षण चुनकर उन दोनों के सार्थक सम्बन्ध को खोज निकालना, राकेश की कहानियों की विषय-वस्तु है। 

    जयशंकर प्रसाद

    • जयशंकर प्रसाद (३० जनवरी १८९० - १५ नवंबर १९३७), हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
    • वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
  • Question 7
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    श्री हरिकृष्ण प्रेमी के शिवासाधना और रक्षाबंधन नाटक प्रसिद्ध हैं। श्री प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। शिवासाधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर है और रक्षाबंधन इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक अनुश्रुति पर कि मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी। दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है। 

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    गद्यांश में उल्लिखित नाटकों पर किसका प्रभाव है ?
    Solution

    गद्यांश में उल्लिखित नाटकों पर स्‍वाधीनता आंदोलन का प्रभाव है Key Points

    •  मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी।
    • दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है।  

    Additional Information

    किसान आन्‍दोलन

    • कृषक आन्दोलन का इतिहास बहुत पुराना है और विश्व के सभी भागों में अलग-अलग समय पर किसानों ने कृषि नीति में परिवर्तन करने के लिये आन्दोलन किये हैं ताकि उनकी दशा सुधर सके।
    • मोजुदा दौर में भारत में कृषक आंदोलन तेज गति से बढ़ रहे है। 
    • इसका मुख्य कारण कृषक की आर्थिक हालत दिन प्रति दिन कमजोर हो रही है और वो कर्ज के मकड़ जाल में फंस रहा क्यों की मौजूद दौर में कृषि में लागत बढ़ रही है आमदनी घट रही है। 
    • जिस कारण से किसानो में आत्म हत्या की घटनाए बढ़ रही है। 

    राजनीतिक आन्‍दोलन

    • एक राजनीतिक आंदोलन लोगों के एक समूह द्वारा सरकारी नीति या सामाजिक मूल्यों को बदलने का एक सामूहिक प्रयास है ।
    • राजनीतिक आंदोलन आमतौर पर यथास्थिति के एक तत्व के विरोध में होते हैं ।
    • स्‍वाधीनता आंदोलन

    धार्मिक आन्‍दोलन

    • छठी शताब्दी में प्रचलित विभिन्न सम्प्रदायों में से आगे चलकर केवल बौद्ध एवं जैन धर्म ही अधिक प्रसिद्ध हुए।
    • भारत के इन धार्मिक आंदोलनों ने पुरातन वैदिक ब्राह्मण धर्म के अनेक दोषों पर प्रहार किया।
    • इसलिए इसे सुधारवादी आंदोलन कहा गया है। धर्म और जैन धर्म दोनों क्षत्रियों द्वारा ही शुरू किये गये।
    • स्‍वाधीनता आंदोलन
  • Question 8
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    श्री हरिकृष्ण प्रेमी के शिवासाधना और रक्षाबंधन नाटक प्रसिद्ध हैं। श्री प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। शिवासाधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर है और रक्षाबंधन इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक अनुश्रुति पर कि मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी। दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है। 

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    'रक्षाबंधन' नाटक का सम्‍बन्‍ध किस शासक से है ?
    Solution
    'रक्षाबंधन' नाटक का सम्‍बन्‍ध हुमायूँ शासक से है। Key Points
    •  मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली।
    • रानी लड़ऩे में असमर्थ थी अत: उसने मुगल बादशाह हुमायूँ को राखी भेज कर रक्षा की याचना की। 

    Additional Informationशाहजहॉं

    • शाह जहाँ पाँचवे मुग़ल शहंशाह था। शाह जहाँ अपनी न्यायप्रियता और वैभवविलास के कारण अपने काल में बड़े लोकप्रिय रहे।
    • किन्तु इतिहास में उनका नाम केवल इस कारण नहीं लिया जाता। शाहजहाँ का नाम एक ऐसे आशिक के तौर पर लिया जाता है
    • जिसने अपनी बेग़म मुमताज़ बेगम के लिए विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल बनाने का यत्न किया।

    जहॉंगीर

    • जहाँगीर अकबर के जेष्ठ पुत्र थे।
    • मुराद और दानियाल उनके छोटे भाई थे।
    • मुराद और दानियाल पिता के जीवन में शराब पीने की वजह से मर चुके थे।
    • जहांगीर का प्रथम विवाह 1585 ई. में मानबाई से हुआ जो आमेर के राजा भगवानदास की पुत्री व मान सिंह की बहन थी।

    हुमायूँ

    • परिभाषा - एक मुगल शासक जो बाबर का पुत्र था
    • वाक्य में प्रयोग - अकबर हुमायूँ का पुत्र था ।
    • समानार्थी शब्द - हिमायूँ , हिमायू , नसीरुद्दीन हुमायूँ
    • लिंग - अज्ञात

    अकबर

    • परिभाषा - एक प्रसिद्ध मुगल शासक
    • लिंग - पुल्लिंग
    • संज्ञा के प्रकार - व्यक्तिवाचक
  • Question 9
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    श्री हरिकृष्ण प्रेमी के शिवासाधना और रक्षाबंधन नाटक प्रसिद्ध हैं। श्री प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। शिवासाधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर है और रक्षाबंधन इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक अनुश्रुति पर कि मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी। दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है। 

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    बहादुरशाह कहॉं का शासक था ?
    Solution
    बहादुरशाह गुजरात का शासक था ।Key Points
    • बहादुर शाह गुजरात का सुल्तान था।
    • वह मुजफ्फरशाह का पुत्र था। इसने १५२६-१५३५ और फ़िर दोबारा १५३६-१५३७ तक गुजरात सल्तनत पर राज्य किया।
    • बहादुर शाह ने चितोड़ पर आक्रमक कर उसे जीत लिया था। 

    Additional Informationगुजरात

    • परिभाषा - भारत का एक दक्षिण-पश्चिमी राज्य
    • वाक्य में प्रयोग - गुजरात में गुजराती बोली जाती है।
    • लिंग - पुल्लिंग
    • संज्ञा के प्रकार - व्यक्तिवाचक

    महाराष्‍ट्र

    • परिभाषा - भारत का एक राज्य
    • वाक्य में प्रयोग - महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई है।
    • लिंग - पुल्लिंग
    • संज्ञा के प्रकार - व्यक्तिवाचक
    • मूल शब्द - राष्ट्र
    • उपसर्ग - महा
    • समास - कर्मधारय

    राजस्‍थान

    • परिभाषा - भारत का एक रेगिस्तानी राज्य
    • वाक्य में प्रयोग - राजस्थान की राजधानी जयपुर है।
    • समानार्थी शब्द - राजपूताना
    • लिंग - पुल्लिंग
    • क्रिया विशेषण के प्रकार - स्थानवाचक

    उड़ीसा

    • परिभाषा - भारत का एक राज्य जिसकी राजधानी भुवनेश्वर है
    • वाक्य में प्रयोग - मेरी सहेली उड़ीसा की रहने वाली है ।
    • समानार्थी शब्द - ओड़िसा , ओड़ीसा , ओरिसा , ओरीसा
    • लिंग - पुल्लिंग
    • संज्ञा के प्रकार - व्यक्तिवाचक
  • Question 10
    5 / -1

    Directions For Questions

    नीचे दिये गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

    श्री हरिकृष्ण प्रेमी के शिवासाधना और रक्षाबंधन नाटक प्रसिद्ध हैं। श्री प्रेमी के नाटकों के कथोपकथन स्वाभाविक हैं। शिवासाधना छत्रपति शिवाजी के जीवन पर है और रक्षाबंधन इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक अनुश्रुति पर कि मेवाड़ की महारानी कर्मवती द्वारा राखी भेजने पर हुमायूँ ने गुजरात शासक बहादुरशाह को युद्ध में पराजित करके अपनी धर्म-बहन की रक्षा की थी। दोनों नाटकों पर स्वाधीनता आंदोलन के विचारों का प्रभाव स्पष्ट है। 

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    गद्यांश में मेवाड़ की महारानी कौन थीं ?
    Solution
    गद्यांश में मेवाड़ की महारानी कर्मवती  थीं ।Key Pointsकर्मवती
    • राजस्थान के मेवाड़ की रानी कर्णावती को कौन नहीं जानता।
    • एक ओर जहां मुगल सम्राट हुमायूं अपने राज्य का विस्तार करने में लगा था तो दूसरी ओर गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने 1533 ईस्वी में चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। 
    • राजस्थान में राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनके माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी।
    • इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आएगा।
    • माना जाता है कि मेवाड़ को सुल्तान बहादुर शाह से बचाने के लिए चितौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी।
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