Bihar Board Inter Hindi Exam 2025 : कक्षा 12 हिन्दी VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

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Bihar Board Inter Hindi Viral Question 2025: बिहार बोर्ड 12वीं हिन्दी परीक्षा 2025 (BSEB Inter Viral Question 2025) के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वायरल प्रश्न यहां दिए गए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सभी प्रमुख ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार करके आप अपनी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आगामी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर बनाएं।
Bihar Board Class 12th Hindi Most Important Question 2025
आप नीचे दिए गए हिन्दी के Most VVI Question (BSEB Inter Important Question 2025) के महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे हिन्दी के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।
Bihar Board Class 12th Hindi Most Important Objective Question 2025
1. बालकृष्ण किस काल के रचनाकार है ?
(A) आदिकाल
(B) भक्तिकाल
(C) रीतिकाल
(D) आधुनिक काल
Answer ⇒ (D)
2. बालकृष्ण भट्ट किस युग के निबंधकार थे ?
(A) प्रसाद युग
(B) भारतेंदु युग
(C) द्विवेदी युग
(D) स्वातंत्र्योत्तर युग
Answer ⇒ (B)
3. बालकृष्ण भट्ट की रचना बातचीत क्या है ?
(A) एकांकी
(B) कहानी
(C) यात्रा संस्मरण
(D) ललित निबंध
Answer ⇒ (D)
4. बातचीत से मन किस प्रकार का हो जाता है ?
(A) क्रोधपूर्ण
(B) भारी और बोझिल
(C) हल्का और स्वच्छ
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
5. मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या है ?
(A) विद्वतापूर्ण बात करना
(B) तर्कपूर्ण बात करना
(C) भीड़ से बात करना
(D) अवाक् होकर अपने से बातचीत करना
Answer ⇒ (D)
6. ‘संवाद’ में सबसे महत्त्वपूर्ण क्या है ?
(A) तर्क
(B) जिज्ञासा
(C) आत्मीयता
(D) प्रवाहपूर्ण भाषा
Answer ⇒ (C)
7. ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ कहाँ के लोगों में सर्वाधिक प्रचलित है ?
(A) अफ्रीका के
(B) भारत के
(C) यूरोप के
(D) कनाडा के
Answer ⇒ (C)
8. पलुटन का विदूषक कौन था ?
(A) हजारा सिंह
(B) मुख्तार सिंह
(C) वजीरा सिंह
(D) कुलदीप सिंह
Answer ⇒ (C)
9. ‘कछुआ धरम’ किसूकी कृति है ?
(A) प्रताप नारायण मिश्र
(B) बालकृष्ण भट्ट
(C) रामचंद्र शुक्ल
(D) चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी
Answer ⇒ (D)
10. सुबेदार हजारा सिंह के लड़के का नाम था !
(A) बोधा सिंह
(B) महा सिंह
(C) कीरत सिंह
(D) जगधारी सिंह
Answer ⇒ (A)
11. ‘ब्रेन ऑफ बांबे’ किसे कहा जाता था ?
(A) उमाशंकर दीक्षित को
(B) शीला दीक्षित को
(C) सुरेन्द्र दीक्षित को
(D) हृदयनारायण दीक्षित को
Answer ⇒ (A)
12. जयप्रकाश नारायण ने आई०एस-सी० की परीक्षा कहाँ से पास की ?
(A) पटना कॉलेज
(B) पटना साइंस कॉलेज
(C) हिन्दू विश्वविद्यालय
(D) बिहार विद्यापीठ
Answer ⇒ (D)
13. बुद्ध और महावीर ने नारियों को कौन-सा अधिकार दिया ?
(A) संन्यास लेने का।
(B) भिक्षुणी होने का
(C) पति के त्याग का
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
14. ‘अर्धनारीश्वर’ का किस विद्या से संबंध है ?
(A) निबंध
(B) कहानी
(C) एकांकी
(D) व्यंग्य
Answer ⇒ (C)
15. किसने अपने जीवन के अन्तिम दिनों में नारीत्व की साधना की थी ?
(A) गाँधी जी ने
(B) रवीन्द्रनाथ ने
(C) दिनकर जी ने
(D) उदयप्रकाश ने
Answer ⇒ (A)
16. महेश्वर कौन-सा फल लेकर आया था ?
(A) आम
(B) केला
(C) सेव
(D) संतरा
Answer ⇒ (A)
17. ‘रोज’ कहानी का कौन-सा पात्र डॉक्टरी पेशा से जुड़ा था ?
(A) मालती
(B) महेश्वर
(C) मालती के रिश्ते का भाई
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
18. अज्ञेय जी ने कितनी वर्ष की उम्र में कविता लिखना शुरू किया ?
(A) दस वर्ष
(B) बारह वर्ष
(C) पन्द्रह वर्ष
(D) बीस वर्ष
Answer ⇒ (A)
19. भगत सिंह को फाँसी दी गई –
(A) 23 मार्च 1931 को
(B) 24 मार्च 1931 को
(C) 25 मार्च 1932 को
(D) 22 मार्च 1931 को
Answer ⇒ (A)
20. एक लेख और एक पत्र के रचनाकार है:-
(A) भगत सिंह
(B) सुखदेव
(C) राजगृह
(D) चन्द्रशेखर आजाद
Answer ⇒ (A)
21. चौरा - चौरी कांड कब हुआ था ?
(A) 1921 में
(B) 1922 में
(C) 1924 में
(D) 1920 में
Answer ⇒ (B)
22. “तीनकृठिया’ प्रथा का संबंध है ?
(A) इंख से
(B) तम्बाकू से
(C) मसाला से
(D) नील से
Answer ⇒ (D)
23. पंडई नदी कहाँ तक जाती है ?
(A) भिखनाथोरी
(B) बगहा
(C) रामनगर
(D) भितिहरवा
Answer ⇒ (A)
24. मोहन राकेश का जन्म कब हुआ था ?
(A) 8 जनवरी 1925 को
(B) 18 फरवरी 1930 को
(C) 20 जनवरी 1926 को
(D) 14 जनवरी 1931 को
Answer ⇒ (A)
25. इनमें कौन-सी कृति मोहन राकेश की है ?
(A) जिंदगी मुस्कुराई
(B) जानवर और जानवर
(C) कोशी का घटवार
(D) बहती गंगा
Answer ⇒ (B)
26. ‘राम की शक्तिपूजा’ किसकी कविता है ?
(A) पंत
(B) दिनकर
(C) महादेवी वर्मा
(D) निराला
Answer ⇒ (D)
27. ‘प्रगीत’ और समाज के लेखक है ?
(A) बालकृष्ण भट्ट
(B) जयप्रकाश नारायण
(C) नामवर सिंह
(D) उदय प्रकाश
Answer ⇒ (C)
28. आत्मकथा लेखक की माँ किसके यहाँ काम करती थी ?
(A) सोमदत्त तगा के घर
(B) यज्ञदत्त तगा के घर
(C) ब्रह्मदेव तगा के घर
(D) ज्ञानदेव तगा के घर
Answer ⇒ (C)
29. ‘अरेबा-परेवा’ उदय प्रकाश की कैसी कृति है ?
(A) उपन्यास
(B) कहानी-संग्रह
(C) कविता-संग्रह
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
30. कहानीकार को सपने में बोलने और चीखने की आदत है यह किसने बतलाया ?
(A) कहानीकार के पिता ने
(B) कहानीकार की माँ ने
(C) कहानीकार के भैया ने
(D) कहानीकार के चाचा ने
Answer ⇒ (B)
31. लेखक के अनुसार कुछ परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लेने से कहीं ज्यादा कठिन क्या है ?
(A) जीवन में उन्नति करना
(B) जीवन खुशी पूर्वक व्यतीत करना
(C) जीवन को समझना
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
32. लेखक के अनुसार सच्ची शिक्षा हमें क्या देती है ?
(A) रोजगार
(B) प्रसिद्धि
(C) व्यापकता
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
33. ‘पद्मावत’ किसकी रचना है ?
(A) मुल्ला दाउद की
(B) कुतुबन की
(C) जायसी की
(D) मंडन की
Answer ⇒ (C)
34. सूरदास के गुरु का नाम क्या था ?
(A) नरहरिदास
(B) बिट्ठलनाथ
(C) बल्लभाचार्य
(D) आनंददास
Answer ⇒ (C)
35. तुलसीदास के शिक्षा गुरु थे –
(A) नरहरिदास
(B) रविदास
(C) शेष सनातन
(D) मधुसूदन सरस्वती
Answer ⇒ (C)
36. “सर कवित्त सुनि कौन कवि’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) यमक
(B) रूपक
(C) उपमा
(D) अनुप्रास
Answer ⇒ (D)
37. भूषण ने कौन-सी कविता लिखी है ?
(A) छप्पय
(B) पद
(C) कवित्त
(D) कड़बड़
Answer ⇒ (C)
38. ‘मैं उषा की ज्योति’ में कौन-सा अलंकार है ?
(A) श्लेष
(B) अनुप्रास
(C) उपमा
(D) यमक
Answer ⇒ (B)
39. ‘कंकाल’ क्या है ?
(A) महाकाव्य
(B) कहानी
(C) उपन्यास
(D) प्रबंधकाव्य
Answer ⇒ (C)
40. सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ ?
(A) 16 अगस्त, 1904 को
(B) 20 जुलाई, 1920 को
(C) 18 मई, 1930 को
(D) 12 अगस्त, 1905 को
Answer ⇒ (A)
41. सुभद्रा कुमारी चौहान के पिता का नाम क्या था ?
(A) ठाकर राजनाथ सिंह
(B) ठाकर हरिनाथ सिंह
(C) ठाकुर रामनाथ सिंह
(D) ठाकुर जगमोहन सिंह
Answer ⇒ (C)
42. सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता कौन-सी है ?
(A) प्यारे नन्हे बेटे को
(B) पुत्र वियोग
(C) हार-जीत
(D) गाँव का घर
Answer ⇒ (B)
43. शमशेर बहादुर सिंह ने कौन - सी कविता लिखी है ?
(A) पुत्र वियोग
(B) उषा
(C) हार-जीत
(D) अधिनायक
Answer ⇒ (B)
44. ‘चुका भी नहीं हूँ मैं’ के रचयिता कौन हैं ?
(A) त्रिलोचन
(B) नागार्जुन
(C) शमशेर बहादुर सिंह
(D) मुक्तिबोध
Answer ⇒ (C)
45. ‘जन-जन का चेहरा एक’ शीर्षक कविता किसकी रचना है ?
(A) रघुवरी सहाय
(B) गजानन माधव मुक्तिबोध
(C) जयशंकर प्रसाद
(D) अशोक वाजपेयी
Answer ⇒ (B)
46. गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म कहा हुआ था ?
(A) बिहार
(B) दिल्ली
(C) छतीसगढ़
(D) पंजाब
Answer ⇒ (C)
47. रघुवीर सहाय का जन्म कब हआ था ?
(A) 9 दिसंबर, 1929 को
(B) 19 दिसंबर, 1930 को
(C) 29 सिंतबर, 1931 को
(D) 19 दिसंबर, 1928 को
Answer ⇒ (A)
48. रघुवीर सहाय का जन्म स्थल कौन-सा है ?
(A) काशी
(B) लखनऊ
(C) मेरठ
(D) आगरा
Answer ⇒ (B)
49. “एक पतंग अनंत में’ किसकी रचना है ?
(A) अशोक वाजपेयी
(B) रघुवीर सहाय
(C) विनोद कुमार शुक्ल
(D) मुक्ति बोध
Answer ⇒ (A)
50. गाँव में किसकी धुनें सुनाई नहीं पड़ती है ?
(A) फिल्मी गीत की
(B) शोक गीत की
(C) लोकगीत
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-
1. ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ क्या है ?
Answer ⇒ आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ का अर्थ है-वार्तालाप की कला। ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ के हुनर की बराबरी स्पीच और लेख दोनों नहीं कर पाते। इस हुनर की पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वतमंडली में है। इस कला के माहिर व्यक्ति ऐसे चतुराई से प्रसंग छेड़ते हैं कि श्रोताओं के लिए बातचीत कर्णप्रिय तथा अत्यन्त सुखदायी होती है। सुहृद गोष्ठी इसी का नाम है। सहृद गोष्ठी की विशेषता है कि वक्ता के वाकचातुर्य का अभिमान या कपट कहीं प्रकट नहीं हो पाता तथा बातचीत की सरसता बनी रहती है। कपट और एक-दूसरे को अपने पांडित्य के प्रकाश से परास्त करने का संघर्ष आदि रसाभास की सामग्री ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ का मूलतंत्र होती है। यूरोप के लोगों का ‘आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ जगत् प्रसिद्ध है।
2. मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या हो सकता है ? इसके द्वारा वह कैसे अपने लिए सर्वथा नवीन संसार की रचना कर सकता है ?
Answer ⇒ मनुष्य की बातचीत का सबसे उत्तम तरीका उसका आत्मवार्तालाप है। वह अपने अन्दर ऐसी शक्ति विकसित करे जिस कारण वह अपने आप से बात कर लिया करे। आत्मवार्तालाप से तात्पर्य क्रोध पर नियंत्रण है जिसके कारण अन्य किसी व्यक्ति को कष्ट न पहुँचे। क्योंकि हमारी भीतरी मनोवृत्ति प्रतिक्षण नए-नए रंग दिखाया करती है। वह हमेशा बदलती रहती है। लेखक इस मन को प्रपंचात्मक संसार का एक बड़ा भारी आइना के रूप में देखता है जिसमें जैसी चाहो वैसी सूरत देख लेना कोई असंभव बात नहीं। अतः मनुष्य को चाहिए कि मन की चित्त को एकाग्र कर मनोवृत्ति स्थिर कर अपने आप से बातचीत करना चाहिए। इससे आत्मचेतना का विकास होगा। उस वाणी पर नियंत्रण हो जायेगा जिसके कारण दनिया में किसी से न वैर रहेगा और बिना प्रयास के हम बड़े-बड़े अजेय शत्रु पर भी विजय पा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो हम सर्वथा एक नवीन संसार की रचना कर सकते हैं। इससे हमारी वाकशक्ति का दमन भी नहीं होगा। अतः व्यक्ति को चाहिए कि अपनी जिहवा को काबू में रखकर मधुरता से सिक्त वाणी बोले। न किसी से कटुता रहेगी न वैर। दुनिया सूबसूरत हो जायेगी। मनुष्य के बातचीत करने का सही उत्तम तरीका है।
3. बरसात को ‘सरस’ कहने का क्या अभिप्राय है ?
Answer ⇒ हम जानते हैं कि बरसात में पानी आकाश से धरती पर गिरकर उसे रसभरी बनाती है। इसके पहले धरती गर्मी की प्रचंडता के कारण पानी के लिए तरसती रहती है। धरती जब पानी से भर जाती है तो पूरी धरती हरी-भरी रसभरी हो जाती है इसलिए बरसात को सरस (रस के साथ) कहा जाता है। यहाँ दूसरा अर्थ यह ध्वनित होता है कि धरती पर जीवन का नया संचार हो जाता है जिससे धरती सरस हो जाती है।
4. जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती, क्यों ?
Answer ⇒ मेधा वह शक्ति है जिससे मनुष्य सिद्धान्तों की अनुपस्थिति में भी निर्भयतापूर्वक सोचता है ताकि वह सत्य और यथार्थ को समझ सके। यदि मनुष्य भयभीत रहता है तो कभी मेधावी नहीं हो सकेगा। किसी प्रकार की महत्वाकांक्षा चाहे आध्यात्मिक हो या सांसारिक-चिन्ता और भय का निर्माण करती है। जबकि ठीक इसके विपरीत निर्भीक वातावरण में मेधा का जन्म होता है। इसलिये जहाँ भय है वहाँ मेधा नहीं हो सकती।
5. जय प्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं शामिल हए ?
Answer ⇒ जय प्रकाश नारायण अमेरिका में घोर कम्युनिस्ट थे। वह लेनिन का जमाना था वह ट्राटस्की का जमाना था। 1924 में लेनिन के मरने के बाद वे मार्क्सवादी बन गये। वे जब भारत लौटे तो घोर कम्युनिस्ट बनकर लौटे, लेकिन वे कम्युनिस्ट पार्टी में नहीं शामिल हुए। वे काँग्रेस में दाखिल हुए।
जय प्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में इसलिए शामिल नहीं हुए क्योंकि उस समय भारत गुलाम था। उन्होंने लेनिन से जो सीखा था वह यह सीखा था कि जो गुलाम देश हैं, वहाँ के जो कम्युनिस्ट हैं, उनको कदापि वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग नहीं रखना चाहिए। चाहे उस लड़ाई का नेतृत्व ‘बुर्जुआ क्लास’ करता हो या पूँजीपतियों के हाथ में उसका नेतृत्व हो।
6. प्रवृत्तिमार्ग और निवृत्तिमार्ग क्या है ?
Answer ⇒ पुरुषों की मान्यता है कि नारी आनंद की खान है। जो पुरुष जीवन से आनंद चाहते थे उन्होंने नारी को गले लगाया। वे प्रवृत्तिमार्गी हैं अर्थात् जिस मार्ग के प्रचार से नारी की पद-मर्यादा उठती है उसे प्रवृत्तिमार्ग कहा गया। निवृत्तिमार्ग वे हैं जिन्होंने अपने जीवन के साथ नारी को भी ढकेल दिया, क्योंकि नारी उनके किसी काम की चीज नहीं थी। इसके लिए उन्होंने संन्यास ग्रहण किया और वैयक्तिक मुक्ति की खोज को जीवन का सबसे बड़ा साधन माना। संन्यासी मार्ग ही निवृत्ति मार्ग है।
7. गैंग्रीन क्या होता है ?
Answer ⇒ पहाड़ियों पर रहने वाले व्यक्तियों को काँटा चुभना आम बात है। परन्तु काँटा चुभने के बाद बहुत दिनों तक छोड़ देने के बाद व्यक्ति का पाँव जख्म का शक्ल अख्तियार कर लेता है जिसका इलाज मात्र पाँव का काटना ही है। काँटा चुभने पर जख्म ही गैंग्रीन कहते हैं।
8. धाँगड़ शब्द का क्या आशय है ?
Answer ⇒ धाँगड़ शब्द का अर्थ ओराँब भाषा में है-भाड़े का मजदूर। धाँगड़ एक आदिवासी जाति है, जिसे 18 वीं शताब्दी के अंत में नील की खेती के सिलसिले में दक्षिण बिहार के छोटानागपुर पठार से चंपारण के इलाके में लाया गया था। धाँगड़ जाति आदिवासी जातियों-ओराँव, मुंडा, लोहार इत्यादि के वंशज हैं, लेकिन ये अपने आप को आदिवासी नहीं मानते हैं। धाँगड़ मिश्रित ओराँव भाषा में बात करते हैं। धाँगड़ों का सामाजिक जीवन बेहद उल्लासपूर्ण है, स्त्री-पुरुष ढलती शाम के मंद प्रकाश में सामूहिक नृत्य करते हैं।
9. ‘धरती का क्षण’ से क्या आशय है ?
Answer ⇒ लेखक कविता के मूड में जब डायरी लिखते हैं तो शब्द और अर्थ के मध्य की दूरी अनिर्धारित हो जाती है। शब्द अर्थ में और अर्थ शब्द में बदलते चले जाते हैं, एक दूसरे को पकड़ते-छोड़ते हुए। शब्द और अर्थ का जब साथ नहीं होता तो वह आकाश होता है जिसमें रचनाएँ बिजली के फूल की तरह खिल उठती हैं किन्तु जब इनका साथ होता है तो वह धरती का क्षण होता है और उसमें रचनाएँ जड़ पा लेती हैं। प्रस्फटन का आदि मोत पा जाती है। अतः यह कहना उचित है कि शब्द और अर्थ दोनों एक-दूसरे के पूरक है।
10. बिटिया को पिता सिखलाते हैं तो माँ समझाती है, ऐसा क्यों ?
Answer ⇒ इस कविता में बिटिया को उसके पिता लोहा के विषय में सिखलाते हैं, वे उसकी बुद्धि को परीक्षा लेते हुए उससे पूछते हैं कि उसके आस-पास लोहा कहाँ-कहाँ है। नन्हीं बिटिया आत्मविश्वास के साथ उनके प्रश्नों का उत्तर सहज भाव से देती है। पुनः माँ उससे वही प्रश्न पूछते हुए लोहे के विषय में समझाती है तथा कुछ अन्य जानकारी देती है।
इस प्रसंग में पिता उसे सिखलाते हैं जबकि माँ उसे इस विषय में समझाती है। दोनों की भूमिका में स्पष्ट अन्तर है इसका कारण यह है कि यह प्रायः देखा जाता है कि पिता द्वारा अपने बच्चों को सिखलाया जाता है, किसी कार्य को करने की सीख दी जाती है, अभ्यास कराया जाता है। माँ द्वारा उन्हें स्नेह भाव से किसी कार्य के लिए समझाया जाता है।
11. बूढ़ा, मशकवाला किस जिम्मेवारी से मुक्त है ? सोचिए, अगर वह जिम्मेवारी उसे मिलती तो क्या होता ?
Answer ⇒ बूढ़ा मशकवाला देश की राजनीति में हिस्सा लेने से वंचित है। अगर उसे जिम्मेवारी मिली होती तो हार को हार कहता जीत नहीं कहता। वह सत्य प्रकट करता। उसे तो मात्र सड़क सींचने का काम सौंपा गया है। यही उसकी जिम्मेवारी है। सत्य लिखने और बोलने की मनाही है। इसलिए वह मौन है और अपनी सीमाओं के भीतर ही जी रहा है। वह विवश है, विकल है फिर भी दूसरे क्षेत्र में दखल नहीं देता केवल सींचने से ही मतलब रखता है। इसमें बौद्धिक वर्ग की विवशता झलकती है। अगर उसे सत्य कहने और लिखने की जिम्मेवारी मिली होती तो राष्ट्र की यह स्थिति नहीं होती तथा झूठी बातों और झूठी शान में जश्न नहीं मनाया जाता। जीवन के हर क्षेत्र में अमन-चैन, शिक्षा-दीक्षा, विकास की धारा बहती। अबोधता और अंधकार में प्रजा विवश बनकर नहीं जीती।
12. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के काव्य-आदर्श क्या थे ? पाठ के आधार , स्पष्ट करें।
Answer ⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के काव्य आदर्श प्रबंधकाव्य थे क्योंकि प्रबन्धकाव्य में मानव जीवन का एक पर्ण दृश्य होता है। प्रबन्धकाव्य जीवन के सम्पूर्ण पक्ष को प्रकाशित करता है। आचार्य शुक्ल को यह इसलिए परिसीमित लगा क्योंकि वह गीतिकाव्य है। आधनिक का से उन्हें शिकायत भी थी, इसका कारण था-“कला कला” की पुकार, जिसके फलस्वरूप यूरोप में प्रगीत-मुक्तकों (लिरिक्स) का ही चलन अधिक देखकर यह कहा जाने लगा कि अब यहाँ भी उसी का जमाना आ गया है। इस तर्क के पक्ष में यह कहा जाने लगा कि अब ऐसी लंबी कविताएँ पढ़ने की किसी को फुरसत कहाँ है जिनमें कुछ इतिवृत्त भी मिला रहता हो। ऐसी धारणा बन गई कि अब तो विशुद्ध काव्य की सामग्री जुटाकर सामने रख देनी चाहिए जो छोटे-छोटे प्रगीत मुक्तकों में ही संभव है। इस प्रकार काव्य में जीवन को अनेक परिस्थितियों की ओर ले जाने वाले प्रसंगों या आख्यानों की उद्भावना बन्द सी हो गई। यही कारण था कि ज्यों ही प्रसाद की “कामायनी”, “शेरसिंह का शस्त्र समर्पण”, “पंसोला की प्रतिध्वनि”, “प्रलय की छाया” तथा निराला की “राम की शक्तिपूजा” तथा “तुलसीदास’ जैसे आख्यानक काव्य सामने आए तो आचार्य शुक्ल ने संतोष व्यक्त किया।
13. “जन-जन का चेहरा एक” से कवि का क्या तात्पर्य है ? अथवा, “जन-जन का चेहरा एक’ शीर्षक कविता का भावार्थ लिखें।
Answer ⇒ “जन-जन का चेहरा एक” अपने में एक विशिष्ट एवं व्यापक अर्थ समेटे हुए हैं। कवि पीडित संघर्षशील जनता की एकरूपता तथा समान चिन्तनशीलता का वर्णन कर रहा है। कवि की संवेदना, विश्व के तमाम देशों में संघर्षरत जनता के प्रति मुखरित हो गई है, जो अपने मानवोचित अधिकारों के लिए कार्यरत हैं। एशिया, यूरोप, अमेरिका अथवा कोई भी अन्य महादेश या प्रदेश में निवास करने वाले समस्त प्राणियों का शोषण तथा उत्पीड़न के प्रतिकार का स्वरूप एक जैसा है। उनमें एक अदृश्य एवं अप्रत्यक्ष एकता है।
उनकी भाषा, संस्कृति एवं जीवन शैली भिन्न हो सकती है, किन्तु उन सभी के चेहरों में कोई अन्तर नहीं दीखता, अर्थात् उनके चेहरे पर हर्ष एवं विषाद, आशा तथा निराशा की प्रतिक्रिया, एक जैसी होती है। समस्याओं से जूझने (संघर्ष करने) का स्वरूप एवं पद्धति भी समान है।
कहने का तात्पर्य यह है कि यह जनता दुनिया के समस्त देशों में संघर्ष कर रही है अथवा इस प्रकार कहा जाए कि विश्व के समस्त देश, प्रान्त तथा नगर सभी स्थान के “जन-जन” (प्रत्येक व्यक्ति) के चेहरे एक समान हैं। उनकी मुखाकृति में किसी प्रकार की भिन्नता नहीं है। आशय स्पष्ट है विश्वबंधुत्व एवं उत्पीड़ित जनता जो सतत् संघर्षरत् है उसी की पीडा का वर्णन कवि कर रहा है।
14. एकांकी और नाटक में क्या अंतर है ? संक्षेप में बताएँ।
Answer ⇒ एकांकी और नाटक में निम्नलिखित अंतर हैं –
1. एकांकी में एक ही अंक होता है और उस एक अंक में एक से अधिक दृश्य होते हैं जबकि नाटक में एक से अधिक अंक या एक्ट होते हैं और प्रत्येक अंक कई दृश्यों में विभाजित होकर प्रस्तुत होता है।
2. एकांकी नाटक में एकल कथा होती है अर्थात् वहाँ केवल आधिकारिक कथा प्रासंगिक नहीं। साथ ही नाटक में आधिकारिक कथा आकार की दृष्टि से छोटी होती है तथा कोई एक लक्ष्य लेकर चलती है।
3. एकांकी और नाटक में क्रिया व्यापार की सत्ता प्रधान होती है। इसे संघर्ष या द्वन्द्व कहा जाता है। यही कथा और पात्र को लक्ष्य तक पहुंचाता है। एकांकी में यह क्रिया व्यापार सीधी रेखा में चलता है लेकिन नाटक में प्रायः टेढ़ी-सीधी रेखा चलती है। नाटक में इतर प्रसंगों के लिये अवसर होता है लेकिन एकांकी में भटकने की गुंजाइश नहीं होती है।
4. एकांकी में यथासाध्य जरूरी स्थितियों को ही कहने की चेष्टा की जाती है जबकि नाटक में देशकाल और वातावरण को थोड़े विस्तार से चित्रित करने का अवसर होता है।
5. भारतीय दृष्टि से नाटक में कथा को नियोजित संघटित करने के लिए अर्थ प्रकति कार्यावस्था और नाट्य संधि का विधान किया गया है लेकिन एकांकी में इनकी आवश्यकता नहीं पड़ती है।
15. “कि आवाज भी नहीं आती यहाँ तक, न आवाज की रोशनी न रोशनी की आवाज” यह आवाज क्यों नहीं आती ?
Answer ⇒ कवि का इशारा रोशनी के तीव्र प्रकाश में आर्केस्ट्रा के बज रहे संगीत से भी रोशनी की चकाचौंध में बंद कमरे में आर्केस्ट्रा की स्वर-लहरी गूंज रही है, किन्तु कमरा बंद होने के कारण यह बाहर में सुनी नहीं जा सकती। अतः कवि रोशनी तथा आर्केस्ट्रा के संगीत दोनों से वंचित. है। आवाज की रोशनी का संभवतः अर्थ आवाज से मिलनेवाला आनंद है उसी प्रकार रोशनी की आवाज का अर्थ प्रकाश से मिलने वाला सुख इसके अतिरिक्त एक विशेष अर्थ यह भी हो सकता है कि आधुनिक समय की बिजली का आना तथा जाना अनिश्चित और अनियमित है। कवि उसके बने रहने से अधिक “गई रहने वाली” मानते हैं। उसमें लालटेन के समान स्निग्धता तथा सौम्यता की भी उन्हें अनभति नहीं होती। उसी प्रकार आर्केस्ट्रा में उन्हें उस नैसर्गिक आनन्द की प्रतीति नहीं होती जो लोकगीतों बिरहा-आल्हा, चैती तथा होरी आदि गीतों से होती है। कवि संभवतः आर्केस्ट्रा को शोकगीत की संज्ञा देता है। इस प्रकार यह कवितांश द्विअर्थक प्रतीत होता है।