Bihar Board Inter Psychology Exam 2025 : कक्षा 12 मनोविज्ञान VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

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Bihar Board Inter Psychology Viral Question 2025: बिहार बोर्ड 12वीं मनोविज्ञान परीक्षा 2025 (BSEB Inter Viral Question 2025) के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वायरल प्रश्न यहां दिए गए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सभी प्रमुख ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।
इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार करके आप अपनी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आगामी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर बनाएं।
Bihar Board Class 12th Psychology Most Important Question 2025
आप नीचे दिए गए मनोविज्ञान के Most VVI Question (BSEB Inter Important Question 2025) के महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे मनोविज्ञान के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।
Bihar Board Class 12th Psychology Most Important Objective Question 2025
1. मनोविज्ञान में किस व्यक्ति ने व्यक्तिगत विभिन्नता के संप्रत्यय को सबसे पहले प्रकाश में लाया?
(A) कैटेल
(B) थॉर्नडाइक
(C) स्पीयरमैन
(D) गाल्टन
Answer ⇒ (D)
2. मनोविज्ञान में सर्वप्रथम बुद्धि परीक्षण कीशुरुआत किसने की ?
(A) वेश्लर
(B) साइमन
(C) बिने
(D) कैटेल
Answer ⇒ (C)
3. किसने बुद्धि को व्यक्ति की सार्वभौमिक क्षमता के रूप में परिभाषित किया है ?
(A) वेश्लर
(B) बिने
(C) गार्डनर
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
4. बुद्धि के कितने प्रकार हैं ?
(A) तीन
(B) एक
(C) दो
(D) चार
Answer ⇒ (D)
5. एक औसत व्यक्ति की बुद्धि-लब्धि का प्रसार क्या है ?
(A) 121 से 132
(B) 109 से 120
(C) 90 से 110
(D) 74 से 89
Answer ⇒ (C)
6. व्यक्तित्व के आत्म सिद्धान्त को किस मनोवैज्ञानिक ने प्रतिपादित किया ?
(A) रोजर्स
(B) वुण्ट
(C) रैजरन
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
7. जातीय अचेतन का उल्लेख सर्वप्रथम किसने किया ?
(A) ऐडलर ने
(B) युंग ने
(C) इरिक्सन ने
(D) अन्ना फ्रायड ने
Answer ⇒ (B)
8. किस ग्रंथि की गड़बड़ी से व्यक्ति अधिक लम्बा हो जाता है ?
(A) एड्रीनल-ग्रंथि
(B) थाइराइड ग्रंथि
(C) पीयूष-ग्रंथि
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
9. कैटेल के अनुसार एक सामान्य व्यक्ति में कितने मूल शीलगुण पाये जाते हैं ?
(A) 16
(B) 2
(C) 20
(D) 12
Answer ⇒ (B)
10. फ्रायड ने किस मॉडल का प्रतिपादन किया है ?
(A) संज्ञानात्मक मॉडल
(B) व्यवहारवादी मॉडल
(C) मनोगत्यात्मक मॉडल
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
11. अंग्रेजी के शब्द स्ट्रेस की उत्पत्ति किस भाषा से हुई है ?
(A) ग्रीक
(B) लैटिन
(C) हिन्दी
(D) जर्मन
Answer ⇒ (B)
12. निम्न में से कौन सामान्य अनुकूलन संलक्षण के चरण हैं ?
(A) चेतावनी प्रतिक्रिया
(B) प्रतिरोध
(C) सहनशीलता
(D) प्रत्याहार
Answer ⇒ (B)
13. जब नकारात्मक घटनाओं से प्रतिबल की उत्पत्ति होती है, तो उसे क्या कहा जाता है ?
(A) डिस्ट्रेस (distress)
(B) यूस्ट्रेस (eustress)
(C) हाइपोस्ट्रेस (hypostress)
(D) हाइपरस्ट्रेस (hyperstress)
Answer ⇒ (A)
14. बहु-बुद्धि का सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया है, द्वारा :
(A) गिलफोर्ड
(B) गार्डनर
(C) मर्फी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (B)
15. मानसिक बीमारी के वर्गीकरण की अत्यंत नवीनतम पद्धति क्या है ?
(A) DSM-IV
(B) ICD-10
(C) DSM-IV-TR
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (C)
16. चिन्ता विकृति को विकृति के किस श्रेणी में रखा जायेगा ?
(A) मनोदशा विकृति
(B) मन – स्नायु विकृति
(C) प्रतिबल विकृति
(D) चिन्तन विकृति
Answer ⇒ (B)
17. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्मित पद्धति कौन सी हैं ?
(A) आइ० सी० डी०
(B) डी० एस० एम०
(C) पी० के० यू०
(D) इनमें कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
18. जिस बच्चे की बुद्धिलब्धि 35-49 होती है, उसे किस श्रेणी में रखा जा सकता है ?
(A) गंभीर मानसिक दुर्बलता
(B) अतिगंभीर मानसिक दुर्बलता
(C) साधारण मानिसक दुर्बलता
(D) कोई भी श्रेणी में नहीं
Answer ⇒ (C)
19. अगर कोई व्यक्ति ऑफिस जाने के क्रम में बार-बार लौटकर यह देखता है कि दरवाजा ठीक से बंद है या नहीं, तो इस तरह के मानसिक विकृति को क्या कहा जाता है ?
(A) रूपांतरण हिस्ट्रीया
(B) दुर्भीति
(C) मनोग्रस्ति बाध्यता
(D) इनमें कुछ भी नहीं
Answer ⇒ (C)
20. अन्ना फ्रायड के योगदानों को किस श्रेणी में रखा जा सकता है ?
(A) व्यवहारवादी
(B) संज्ञानात्मक
(C) मानवतावादी
(D) इनमें किसी में नहीं
Answer ⇒ (D)
21. मध्य युग में असामान्य व्यवहार का मुख्य कारण था ?
(A) व्यक्ति के शरीर में बुरी आत्मा का प्रवेश करना
(B) व्यक्ति में मानसिक द्वन्द्व का होना
(C) व्यक्ति में शारीरिक रोग का होना
(D) उपर्युक्त में कुछ भी नहीं
Answer ⇒ (A)
22. असामान्य व्यवहार तथा सामान्य व्यवहार में किस ढंग का अंतर होता है ?
(A) क्रम का
(B) मात्रा का
(C) गुण का
(D) इनमें से कोई भी नहीं
Answer ⇒ (B)
23. किसी सामान्य प्रक्रिया को असामान्य रूप से बार-बार दुहराने की व्याधि क्या कहते है ?
(A) आतंक विकृति
(B) सामान्यीकृत दुश्चिता
(C) दुर्भीति
(D) मनोग्रसित बाध्यता
Answer ⇒ (D)
24. मनोविदलता के रोगी का सबसे मुख्य लक्षण क्या है ?
(A) भूख नहीं लगना
(B) अलग-थलग रहना
(C) वास्तविक जगत से टूट जाना
(D) रोना-चिल्लाना
Answer ⇒ (C)
25. इनमें से कौन विकार बच्चों में पाया जाता है ?
(A) दुश्चिंता विकार
(B) पीड़ा विकार
(C) विभ्रांति
(D) अवधान न्यूनता अतिक्रिया विकार
Answer ⇒ (D)
26. रैसनल इमोटिव चिकित्सा का प्रतिपादन किसने किया ?
(A) फ्रायड
(B) शेल्डन
(C) कार्ल रोजर्स
(D) अल्वर्ट एलिस
Answer ⇒ (D)
27. अनिर्देशात्मक चिकित्सा से कौन संबंधित है ?
(A) फ्रायड
(B) वाटसन
(C) रोजर्स
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
28. जिस चिकित्सा विधि में मन तथा शरीर की एकता पर बल डाला जाता है, उसे कहा जाता है ?
(A) गेस्टाल्ट चिकित्सा
(B) अस्तित्वपरक चिकित्सा
(C) रोगी केंद्रित चिकित्सा
(D) उपर्युक्त सभी
Answer ⇒ (A)
29. मनोविश्लेषणात्मक चिकित्सा का संबंध है।
(A) यंग से
(B) फ्रॉयड से
(C) मैसलो से
(D) ऐडलर से
Answer ⇒ (B)
30. चिन्ता को दूर करने के लिए व्यवहार चिकित्सा की प्रविधियों में किसे उत्तम माना गया है ?
(A) विरुचि अनुबंधन
(B) सांकेतिक व्यवस्था
(C) मॉडलिंग
(D) क्रमबद्ध असंवेदीकरण
Answer ⇒ (D)
31. किस चिकित्सा विधि में फ्लडिंग का प्रयोग किया जाता है ?
(A) व्यवहार चिकित्सा विधि
(B) संज्ञानात्मक चिकित्सा विधि
(C) मानवतावादी चिकित्सा विधि
(D) गेस्टाल्ट चिकित्सा विधि
Answer ⇒ (A)
32. पतंजलि का नाम किससे संबद्ध है ?
(A) परामर्श
(B) मनोचिकित्सा
(C) योग
(D) स्वप्न विश्लेषण
Answer ⇒ (C)
33. उद्बोधक चिकित्सा का प्रतिपादन किसने किया ?
(A) विक्टर फ्रेंकले
(B) मायर्स
(C) फ्रॉयड
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
34. निम्नांकित में कौन जैव-आयुर्विज्ञान चिकित्सा नहीं है ?
(A) औषधि चिकित्सा
(B) वैकल्पिक चिकित्सा
(C) आघात चिकित्सा
(D) मानसिक शल्य चिकित्सा
Answer ⇒ (B)
35. संज्ञानात्मक असंवादिता की उत्पत्ति कब होती है ?
(A) जब व्यक्ति को कोई चिंता होती है
(B) जब व्यक्ति को कोई कष्ट होता है
(C) जब व्यक्ति के सामने दो विरोधात्मक सूचनाएँ होती है।
(D) जब व्यक्ति के सामन स्मरण और विस्मरण की घटनाएँ होती है
Answer ⇒ (C)
36. श्रेणी आधृत स्कीमा को क्या कहा जाता है ?
(A) आदिरूप
(B) रूदिकृति
(C) दर्शक प्रभाव
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
37. पूर्वाग्रह (prejudice) के बारे में कौन कथन गलत है ?
(A) पूर्वाग्रह में प्राय – नकारात्मक मनोवृत्ति पाई जाती है
(B) पूर्वाग्रह में हमेशा विभेद होता है
(C) पूर्वाग्रह अर्जित होता है
(D) पूर्वाग्रह के भावात्मक तत्त्व में नापसंदगी या घृणा होता है
Answer ⇒ (B)
38. मनोवृत्ति विकास पर किस कारक का अधिक प्रभाव पड़ता है ?
(A) जाति
(B) आयु
(C) बुद्धि
(D) परिवार
Answer ⇒ (D)
39. किसी व्यक्ति या समूह के प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति को कहा जाता है।
(A) विभेद
(B) असामान्यता
(C) पूर्वाग्रह
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (A)
40. निम्नलिखित में कौन प्राथमिक सामाजिक व्यवहार नहीं है ?
(A) मित्रता
(B) आक्रमण
(C) सहयोग
(D) सामाजिक विभेदन
Answer ⇒ (D)
41. निम्नांकित में से कौन मनोवृति के घटक नहीं है ?
(A) भावात्मक
(B) संज्ञानात्मक
(C) व्यवहारात्मक
(D) क्रियात्मक
Answer ⇒ (C)
42. निम्न में से कौन कारक पूर्व धारणा को कम नहीं करता ?
(A) शिक्षा
(B) रूढिबद्ध
(C) पूर्वाग्रह विरोधी प्रचार
(D) अंतर्समूह सम्पर्क
Answer ⇒ (D)
43. संज्ञानात्मक असंवादिता संप्रत्यय का प्रतिपादन किसने किया था ?
(A) मायर्स
(B) फेस्टिंगर
(C) हाईडर
(D) बर्न
Answer ⇒ (B)
44. भारत में जाति पूर्वधारणा का निम्नलिखित में से कौन कारण है ?
(A) संस्कृति
(B) धर्म
(C) राजनीति
(D) उपरोक्त सभी
Answer ⇒ (D)
45. पति-पत्नी से बने समूह को किस समूह के अंतर्गत रखा जा सकता है ?
(A) प्राथमिक समूह
(B) गौण समूह
(C) अस्थायी समूह
(D) संदर्भ समूह
Answer ⇒ (A)
46. समूह ध्रुवीकरण के संप्रत्यय का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया है ?
(A) फेशनर तथा म्यूलर
(B) क्रेश्मर एवम् शेल्डन
(C) मोसकोविसी एवम् फ्रेजर
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer ⇒ (C)
47. समूह संघर्ष का कारण कौन नहीं है ?
(A) ध्वंसात्मक प्रवृति
(B) प्रतियोगिता तथा प्रतिस्पर्धा
(C) व्यक्तित्व संरचना
(D) समझौता वार्ता
Answer ⇒ (D)
48. निम्नलिखित में से कौशल के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(A) यह एक जन्मजात गुण है
(B) इससे व्यक्ति की मनोवृत्ति में परिवर्तन होता है
(C) यह व्यक्तित्व में परिवर्तन लाता है
(D) इसे प्रशिक्षण या अनुभव से अर्जित करता है
Answer ⇒ (A)
49. एक अच्छे परामर्शदाता के कौन-कौन से गुण है ?
(A) अच्छा मानसिक स्वास्थ्य
(B) परानुभूति
(C) परामर्शग्राही के प्रति स्वीकारात्मक सम्मान
(D) इनमें से सभी
Answer ⇒ (D)
50. दो या अधिक व्यक्तियों के बीच अन्तः क्रिया है ?
(A) परीक्षण
(B) साक्षात्कार
(C) परामर्श
(D) प्रयोग
Answer ⇒ (B)
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर :-
1. साक्षात्कार कौशल क्या है ?
Answer ⇒ मनोविज्ञान के क्षेत्र में साक्षात्कार की उपयोगिता में प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। साक्षात्कार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच एक उद्देश्यपूर्ण वार्तालाप है। साक्षात्कार को अन्य प्रकार के वार्तालाप की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण संज्ञा दी जा सकती है। क्योंकि उसका एक पूर्व निर्धारित उद्देश्य होता है तथा उसकी संरचना केन्द्रित होती है। साक्षात्कार अनेक प्रकार के होते हैं जैसे- परामर्शी साक्षात्कार, रेडियो साक्षत्कार, कारक परीक्षक साक्षात्कार, उपचार साक्षात्कार, अनुसंधान साक्षात्कार आदि।
2. मानव व्यवहार पर जल प्रदूषण के प्रभाव का वर्णन करें।
Answer ⇒ जल प्रदूषण से तात्पर्य जल के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों में ऐसा परिवर्तन से है कि उसके रूप, गंध और स्वाद से मानव के स्वास्थ्य और कृषि उद्योग एवं वाणिज्य को हानि पहुँचे, जल प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषित जल पीने से विभिन्न प्रकार के मानवीय रोग उत्पन्न हो जाते हैं, जिनमें आँत का रोग, पीलिया, हैजा, टाइफाइड, अतिसार तथा पेचिस रोग प्रमुख हैं।
3. शीलगुण से आप क्या समझते हैं ?
Answer ⇒ व्यक्तित्व का निर्माण अनेक प्रकार के शीलगुणों से होता है। शीलगुण आपस में संयुक्त रूप से कार्य करते हैं, जिनसे व्यक्ति के जीवन की विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन को उचित दिशा एवं गति प्राप्त होती है। इसी कारण इसे सामान्य भाषा में व्यक्ति की विशेषताएँ भी कहा जाता है। व्यक्तित्व की स्थायी विशेषताएँ जिनके कारण उनके व्यवहार में स्थिरता दिखाई पड़ती है, शीलगुण के नाम से जानी जाती है।
4. मनोग्रस्ति से आप क्या समझते हैं ?
Answer ⇒ किसी विशेष विचार या विषय पर चिंतन को रोक पाने की असमर्थता मनोग्रस्ति कहलाती है। इससे ग्रसित व्यक्ति अक्सर अपने विचारों को अप्रिय और शर्मनाक समझता है।
5. संवेगात्मक बुद्धि से आप क्या समझते हैं ?
Answer ⇒ संवेगात्मक बुद्धि या ई. क्यू. संप्रत्यय की व्याख्या सर्वप्रथम दो अमेरिकी मनोवैज्ञानिक सैलोवे तथा मेयर ने 1990 ई० में किया। हालाँकि इस पद को विस्तृत करने का श्रेय प्रसिद्ध अमेरिकी मनोवैज्ञानिक डेनियल गोलमैन को जाता है। इन्होंने संवेगात्मक बुद्धि की परिभाषा देते हुए कहा है कि, “संवेगात्मक बुद्धि से तात्पर्य व्यक्ति का अपने तथा दूसरों के मनोभावों को समझना, उनपर नियंत्रण रखना और अपने उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु उनका सर्वोत्तम उपयोग करना है।” इन लोगों का कहना है कि संवेगात्मक बुद्धि हमारी सफलता का अस्सी प्रतिशत भाग निर्धारित करता है। इस प्रकार संवेगात्मक बद्धि का तात्पर्य उस कौशल से है जिससे हम अपने आंतरिक जीवन के प्रबंध का संचालन करते हैं और लोगों के साथ तालमेल बिठाकर चलते हैं।
6. आत्मसिद्धि से आप क्या समझते हैं ?
Answer ⇒ आत्मसिद्धि का अर्थ अपने संदर्भ में व्यक्ति के अनुभवों, विचारों, चिंतन एवं भावनाओं की समग्रता से है। व्यक्ति के यही अनुभव एवं विचार व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों ही स्तरों पर व्यक्ति के अस्तित्व को परिभाषित करते हैं।
7. परामर्शी साक्षात्कार का विशिष्ट प्रारूप क्या है ?
Answer ⇒ परामर्शी साक्षात्कार के विशिष्ट प्रारूप निम्न प्रकार से होते हैं –
(i) साक्षात्कार का प्रारंभ – इसका उद्देश्य यह होता है कि साक्षात्कार देनेवाला आराम की स्थिति में आ जाए। सामान्यतः साक्षात्कारकर्ता बातचीत की शुरुआत करता है और प्रारंभिक समय में ज्यादा बात करता है।
(ii) साक्षात्कार का मुख्य भाग – यह इस प्रक्रिया का केन्द्र है। इस अवस्था में साक्षात्कारकर्ता सूचना और प्रदत्त प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रश्न पूछने का प्रयास करता है जिसके लिए साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है।
(iii) प्रश्नों का अनुक्रम – साक्षात्कारकर्ता प्रश्नों की सूची तैयार करता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों या श्रेणियों से, जो वह जानना चाहता है, प्रश्न होते हैं।
(iv) साक्षात्कार का समापन – साक्षात्कार का समापन करते समय साक्षात्कारकर्ता ने जो संग्रह किया है उसे उसका सारांश बताना चाहिए। साक्षात्कार का अंत आगे के लिए जानेवाले कदम पर चर्चा के साथ होना चाहिए। जब साक्षात्कार समाप्त हो रहा हो तब साक्षात्कारकर्ता को साक्षात्कार देनेवाले को भी प्रश्न पूछने का अवसर देना चाहिए या टिप्पणी करने का मौका देना चाहिए।
8. दुर्भीति विकार से आप क्या समझते हैं ?
Answer ⇒ दुर्भीति विकार एक बहुत ही सामान्य दुश्चिता विकार है, जिसमें व्यक्ति अकारण या आयुक्तिक अथवा विवेकहीन डर अनुभव करता है। इसमें व्यक्ति कुछ खास प्रकार की वस्तुओं या परिस्थितियों से डरना सीख लेता है। जैसे जिस व्यक्ति में मकड़ा से दुर्भीति होता है वह व्यक्ति वहाँ नहीं जा सकता है जहाँ मकड़ा उपस्थित हो। जबकि मकड़ा एक ऐसा जीव है जो व्यक्ति विशेष के लिए खतरा पैदा नहीं करता है। फिर भी व्यक्ति में दुर्भीति उत्पन्न हो जाने पर सामान्य व्यवहार को विचलित कर देता है। यद्यपि डरा हुआ व्यक्ति यह जानता है कि उसका डर आधुनिकतम है, फिर भी वह उक्त डर से मुक्त नहीं हो पाता है। इसका कारण व्यक्ति का आंतरिक रूप से चिन्तित होना होता है। व्यक्ति का यह चिन्ता किसी खास वस्तु से अनुकूलित होकर संलग्न हो जाता है। उदाहरणार्थ कुछ महत्त्वपूर्ण दुर्भीतियाँ जैसे बिल्ली से डर एलूरोफोबिया, मकड़ा से डर एरेकनोफोबिया, रात्रि से डर नायक्टोफोबिया तथा आग से डर पायरोफोबिया आदि दुर्भीति के उदाहरण हैं।
9. व्यक्तित्व को परिभाषित करें।
Answer ⇒ व्यक्तित्व का तात्पर्य सामान्यतया व्यक्ति के शारीरिक एवं बाह्य रूप से होता है। मनोवैज्ञानिक शब्दों में व्यक्तित्व से तात्पर्य उन विशिष्ट तरीकों से है जिनके द्वारा व्यक्तियों और स्थितियों के प्रति अनुक्रिया की जाती है। लोग सरलता से इस बात का वर्णन कर सकते हैं कि वे किस तरीके के विभिन्न स्थितियों के प्रति अनुक्रिया करते हैं। कुछ सूचक शब्दों (जैसे-शर्मीला, संवेदनशील, शांत, गंभीर, स्फूर्त आदि) का उपयोग प्रायः व्यक्तित्व का वर्णन करने के लिए किया जाता है। ये शब्द व्यक्तित्व के विभिन्न घटकों को इंगित करते हैं। इस अर्थ में व्यक्तित्व से तात्पर्य उन अनन्य एवं सापेक्ष रूप से स्थिर गुणों से है जो एक समयावधि में विभिन्न स्थितियों में व्यक्ति के व्यवहार की विशिष्टता प्रदान करते हैं। व्यक्तित्व व्यक्तियों की उन विशेषताओं को भी कहते हैं जो अधिकांश परिस्थितियों में प्रकट होती हैं।
10. वायु प्रदूषण क्या हैं ? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है ?
Answer ⇒ आधुनिकीकरण तथा औद्योगीकरण के कारण हमारे पर्यावरण को हवा की गुणवत्ता अत्यधिक प्रभावित हुई है। हवा हमारे तथा सभी जीव-जंतुओं के जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वाहनों तथा उद्योगों से निकलनेवाला धुआँ, धूम्रपान आदि से हवा में खतरनाक जहर घुल जाते हैं। इसे हम वायु-प्रदूषण के नाम से जानते हैं। हम इस समस्या के प्रति अपनी सजगता बढ़ाकर इस पर नियंत्रण कर सकते हैं-वाहनों को अच्छी हालत में रखने से या ईंधन रहित वाहन का उपयोग कर तथा धूम्रपान की आदत छोड़कर हम वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर :-
1. संप्रेषण को परिभाषित कीजिए। संप्रेषण प्रक्रिया का कौन-सा घटक सबसे त्वपूर्ण है ? अपने उत्तर को प्रासंगिक उदाहरणों से पुष्ट कीजिए।
Answer ⇒ संप्रेषण एक सचेतन या अचेतन, साभिप्राय या अनभिप्रेत प्रक्रिया है जिसमें भावनाओं तथा विचारों को, वाचित या अवाचित संदेश के रूप में भेजा, ग्रहण किया और समझा जाता है। श्रवण संप्रेषण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण घटक है। श्रवण एक महत्वपूर्ण कौशल है जिसका उपयोग हम प्रतिदिन करते हैं। शैक्षणिक सफलता, नौकरी की उपलब्धि एवं व्यक्तिगत प्रसन्नता काफी हद तक हमारे प्रभावी ढंग से सुनने की योग्यता पर निर्भर करती है। प्रथमतया, श्रवण हमें एक निष्क्रिय व्यवहार लग सकता है। क्योंकि इसमें चुप्पी होती है लेकिन निष्क्रियता की यह छवि सच्चाई से दूर है। श्रवण में एक प्रकार की ध्यान सक्रियता होती है। सुननेवाले का धैर्यवान तथा अनिर्णयात्मक होने के साथ विश्लेषण करते रहना पड़ता है ताकि सही अनुक्रिया दी जा सके।
2. टाइप-ए तथा टाइप-बी प्रकार के व्यक्तित्व में अंतर करें।
Answer ⇒ हाल के वर्षों में फ्रीडमैन एवं रोजेनमैन ने टाइप ‘ए’ तथा टाइप ‘बी’ इन दो प्रकार के व्यक्तित्वों में लोगों का वर्गीकरण किया है। इन दोनों शोधकर्ताओं ने मनोसामाजिक जोखिम वाले कारकों का अध्ययन करते हुए उन प्रारूप की खोज की। टाइप ‘ए’ व्यक्तित्व वाले लोग में उच्च स्तरीय अभिप्रेरणा, धैर्य की कमी, समय की कमी का अनुभव, उतावलापन और कार्य के बोझ से हमेशा लदे रहने का अनुभव करना पाया जाता है। ऐसे लोग निश्चिंत होकर मंद गति से कार्य करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं। टाइप ‘ए’ व्यक्तित्व वाले लोग अतिरिक्त दान और कारनरी हृदय रोग के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं। इस प्रकार के लोगों में कभी-कभी सी. एच डी. विकसित होने का खतरा, उच्च रक्त दाब, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और धूम्रपान से उत्पन्न व्यक्तित्व को टाइप ‘ए’ होनेवाले खतरों की अपेक्षा अधिक होती है। उसके विपरीत टाइप ‘बी’ व्यक्तित्व की व्यक्तित्व की विशेषताओं के अभाव के रूप में जाना जाता है।
3. अभिवृत्ति से आप क्या समझते हैं ? अभिवृत्ति परीक्षण के प्रमुख प्रकारों का वर्णन करें। अथवा, अभिवृत्ति की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
Answer ⇒ अभिवृत्ति मन की एक अवस्था है। किसी विषय के संबंध में विचारों का एक पुंज है जिसमें एक मूल्यांकनपरक विशेषता पाई जाती है अभिवृत्ति कहलाती है। अभिवृत्ति की चार प्रमुख विशेषताएँ हैं – कर्षण शक्ति, चरम सीमा, सरलता या जटिलता तथा केन्द्रिकता।
(i) कर्षण शक्ति (सकारात्मक या नकारात्मक) – अभिवृत्ति की कर्षण शक्ति हमें बताती है कि अभिवृत्ति विषय के प्रति कोई अभिवृत्ति सकारात्मक है अथवा नकारात्मक। उदा के लिए यदि किसी अभिवृत्ति (जैसे-नाभिकीय शोध के प्रति अभिवृत्ति) को 5 बिन्दू मापनि व्यक्त करता है, जिसका प्रसार 1. बहुत खराब, 2. खराब 3. तटस्थ न खराब न अच्छा 4. अच्छा से 5. बहुत अच्छा तक है। यदि कोई व्यक्ति नाभिकीय शोध के प्रति अपने दृष्टिकोण या मत का आकलन इस मापनी या 4 या 5 करता है तो स्पष्ट रूप से यह एक सकारात्मक अभिवत्ति है। इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति नाभिकीय शोध के विचार को पसंद करता है तथा सोचता है कि यह कोई अच्छी चीज है। दूसरी ओर यदि आकलित मूल्य 1 या 2 है तो अभिवृत्ति नकारात्मक है। इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति नाभिकीय शोध के विचार को नापसंद करता है एवं सोचता है कि यह कोई खराब चीज है। हम तटस्थ अभिवृत्तियों को भी स्थान देते हैं। यदि इस उदाहरण में नाभिकीय शोध के प्रति तटस्थ अभिवृत्ति इस मापनी पर अंक 3 के द्वारा प्रदर्शित की जाएगी तब एक तटस्थ अभिवृत्ति में कर्षण शक्ति न तो सकारात्मक होगी न ही नकारात्मक।
(ii) चरम सीमा – एक अभिवृत्ति को चरम-सीमा यह इंगित करती है, कि अभिवृत्ति किस सीमा तक सकारात्मक या नकारात्मक है। नाभिकीय शोध के उपयुक्त उदाहरण में मापनी मूल्य ‘1’ उसी चरम सीमा का है जितना ‘5’। बस अंतर इतना है कि दोनों ही विपरीत दिशा में है। तटस्थ अभिवृत्ति नि:संदेह न्यूनतम तीव्रता की है।
(iii) सरलता या जटिलता (बहुविधता) – इस विशेषता से तात्पर्य है, कि एक व्यापक अभिवृत्ति के अंतर्गत कितनी अभिवृत्तियाँ होती हैं। उस अभिवृत्ति को एक परिवार के रूप में समझना चाहिए जिसमें अनेक ‘सदस्य’ अभिवृत्तियाँ हैं। बहुत-से विषयों (जैसे स्वास्थ्य एवं विश्व शांति) के संबंध में लोग एक अभिवृत्ति के स्थान या अनेक अभिवृत्तियाँ रखते हैं। जब अभिवृत्ति तंत्र में एक या बहुत थोड़ी-सी अभिवृत्तियाँ हों तो उसे ‘सरल’ कहा जाता है और जब वह अनेक अभिवृत्तियों के पाए जाने की संभावना है, जैसे व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का संप्रत्यय, प्रसन्नता एवं कुशल-क्षेम के प्रति उसका दृष्टिकोण एवं व्यक्ति स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता कैसे प्राप्त कर सकता है, इस संबंध में उसका विश्वास एवं मान्यताएँ आवश्यक हैं। इसके विपरीत, किसी व्यक्ति विशेष के प्रति अभिवृत्ति में मुख्य रूप में एक अभिवृत्ति के पाये जाने की संभावना है। एक अभिवृत्ति तंत्र के घटकों के रूप में नहीं देखना चाहिए। एक अभिवृत्ति तंत्र के प्रत्येक सदस्य अभिवृत्ति में भी संभाव्य या ए. बी. सी. घटक होता है।
(iv) केन्द्रीकता – यह अभिवृत्ति तंत्र में किसी विशिष्ट अभिवृत्ति की भूमिका को बताता है। गैर-केन्द्रीय या परिधीय अभिवृत्तियों की तुलना में अधिक केन्द्रीकता वाली कोई अभिवृत्ति, अभिवृत्ति तंत्र की अन्य अभिवृत्तियों को अधिक प्रभावित करेगी। उदाहरण के लिए विश्वशांति के प्रति अभिवृत्ति में सैनिक व्यय के प्रति एक नकारात्मक अभिवृत्ति, एक प्रधान या केन्द्रीय अभिवृत्ति के रूप में ही हो सकती है तो बहु-अभिवृत्ति तंत्र की अन्य अभिवृत्तियों को प्रभावित कर सकती है।
4. आक्रामकता क्या है ? आक्रामकता के कारणों का वर्णन करें।
Answer ⇒ आक्रामकता आधुनिक समाज की प्रमुख समस्या है। मनोवैज्ञानिकों के अनसार आक्रामकता एक ऐसा व्यवहार होता है जो दूसरों को शारीरिक रूप से या शाब्दिक रूप से हानि पहुँचाने के आशय से किया जाता है। ऐसी अभिव्यक्ति व्यक्ति अपने वास्तविक व्यवहार के माध्यम से अथवा फिर कटु वचनों या आलोचनाओं के माध्यम से करता है। इसकी अभिव्यक्ति दूसरों के प्रति शत्रुतापूर्ण भावनाओं द्वारा भी की जाती है।
आक्रामकता के निम्नलिखित कारण हैं :-
(i) सहज प्रवृत्ति – आक्रामकता मानव में (जैसा कि यह पशुओं में होता है) सहज (अंतर्जात) होती है। जैविक रूप से यह सहज प्रवृत्ति आत्मरक्षा हेतु हो सकती है।
(ii) शरीर क्रियात्मक तंत्र – शरीर-क्रियात्मक तंत्र अप्रत्यक्ष रूप से आक्रामकता जनिक कर सकते हैं, विशेष रूप से मस्तिष्क के कुछ ऐसे भागों को सक्रिय करके जिनकी संवेगात्मक अनुभव में भूमिका होती हैं, शरीर-क्रियात्मक भाव प्रबोधन की एक सामान्य स्थिति या सक्रियण की भावना प्रायः आक्रमण के रूप में अभिव्यक्त हो सकती है। भाव प्रबोधन के कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, भीड़ के कारण भी आक्रमण हो सकता है, विशेष रूप से गर्म तथा आर्द्र मौसम में।
(iii) बाल-पोषण – किसी बच्चे का पालन किस तरह से किया जाता है वह प्रायः उसी आक्रामकता को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, वे बच्चे जिनके माता-पिता शारीरिक दंड का उपयोग । हैं, उन बच्चों की अपेक्षा जिनके माता-पिता अन्य अनुशासनिक, तकनीकों का उपयोग करते हैं, आप आक्रामक बन जाते हैं। ऐसा संभवतः इसलिए होता है कि माता-पिता ने आक्रामक व्यवहार का एक आदर्श उपस्थित किया है, जिसका बच्चा अनुकरण करता है। यह इसलिए भी हो सकता है कि शारीरिक दंड बच्चे को क्रोधित तथा अप्रसन्न बना दे और फिर बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है वह इस क्रोध को आक्रामक व्यवहार के द्वारा अभिव्यक्त करता है।
(iv) कंठा – आक्रामण कुंठा की अभिव्यक्ति तथा परिणाम हो सकते हैं, अर्थात् वह संवेगात्मक स्थिति जो तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति को किसी लक्ष्य तक पहुँचने में बाधित किया जाता है अथवा किसी ऐसी वस्तु जिसे वह पाना चाहता है, उसको प्राप्त करने से उसे रोका जाता है। व्यक्ति किसी लक्ष्य के बहुत निकट होते हुए भी उसे प्राप्त करने से वंचित रह सकता है। यह पाया गया है कि कुंठित स्थितियों में जो व्यक्ति होते हैं, वे आक्रामक व्यवहार उन लोगों की अपेक्षा अधिक प्रदर्शित करते हैं जो कुंठित नहीं होते। कुंठा के प्रभाव की जाँच करने के लिए किए गए एक प्रयोग में बच्चों को कुछ आकर्षक खिलौनों, जिन्हें वे पारदर्शी पर्दे (स्क्रीन) के पीछे से देख सकते थे, को लेने से रोका गया। इसके परिणामस्वरूप ये बच्चे, उन बच्चों की अपेक्षा, जिन्हें खिलौने उपलब्ध थे, खेल में अधिक विध्वंसक या विनाशकारी पाए गए।
5. व्यवहार चिकित्सा क्या है ? संक्षेप में समझाइए।
Answer ⇒ व्यवहार चिकित्सा मनश्चिकित्सा का एक प्रकार है। व्यवहार चिकित्साओं का यह मापन है कि मनावैज्ञानिक कष्ट दोषपूर्ण व्यवहार प्रतिरूपों या विचार प्रतिरूपों के कारण उत्पन्न होते हैं। अतः इनका केन्द्रबिन्दु सेवार्थी में विद्यमान व्यवहार और विचार होते हैं। उसका अतीत केवल उसके दोषपूर्ण व्यवहार तथा विचार प्रतिरूपों की उत्पत्ति को समझने के संदर्भ में महत्वपूर्ण होता है। अतीत को फिर से सक्रिय नहीं किया जाता। वर्तमान में केवल दोषपूर्ण प्रतिरूपों में सुधार किया जाता है। अधिगम के सिद्धांतों का नैदानिक अनुप्रयोग ही व्यवहार चिकित्सा को गठित करता है व्यवहार चिकित्सा में विशिष्ट तरीकों एवं सुधारोन्मुख हस्तक्षेपों का एक विशाल समुच्चय होता है। यह कोई एकीकृत सिद्धांत नहीं है जिसे क्लिनिकल निदान या विद्यमान लक्षणों को ध्यान में रखे बिना अनुप्रयुक्त किया जा सके। अनुप्रयुक्त किए जाने वाली विशिष्ट तकनीकों या सुधारोन्मुख हस्तक्षेपों के चयन में सेवार्थी के लक्षण तथा क्लिनिकल निदान मार्गदर्शक कारक होते हैं। दुर्भीति या अत्यधिक और अपंगकारी भय के उपचार के लिए तकनीकों के एक समुच्चय को प्रयुक्त करने की आवश्यकता होगी जबकि क्रोध-प्रस्फोटन के उपचार के लिए दूसरी। अवसादग्रस्त सेवार्थी की चिकित्सा दुश्चितित सेवार्थी से भिन्न होगी। व्यवहार चिकित्सा का आधार दोषपूर्ण या अप्रक्रियात्मक व्यवहार को निरूपित करना, इन व्यवहारों के प्रबलित तथा संपोषित करने वाले कारकों तथा उन विधियों को खोजना है जिनसे उन्हें परिवर्तित किया जा सके।
6. विच्छेदन से आप क्या समझते हैं ? इसके विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
Answer ⇒ विचारों और संवेगों के बीच संयोजन विच्छेद का हो जाना ही विच्छेदन कहलाता है। विच्छेदन में अवास्तविकता की भावना, मनमुटाव या विरक्ति, व्यक्तित्व-लोप और कभी-कभी अस्मिता-लोप या परिवर्तन भी पाया जाता है। चेतना में अचानक और अस्थायी परिवर्तन जो कष्टकर अनुभवों को रोक देता है, विच्छेदी विकार (dissociative disorder) की मुख्य विशेषता होती है।
विच्छेदन के विभिन्न रूप इस प्रकार से हैं –
(1) विच्छेदी स्मृतिलोप (dissociative amnesia) – विच्छेदी स्मृतिलोप में अत्यधिक किन्तु चयनात्मक स्मृतिभ्रंश होता है जिसका कोई ज्ञात आंगिक कारण (जैसे सिर में चोट लगना) नहीं होता है। कुछ लोग को अपने अतीत के बारे में कुछ भी याद नहीं रहता है। दूसरे लोग कुछ विशिष्ट घटनाएँ, लोग, स्थान या वस्तुएँ याद नहीं कर पाते, जबकि दूसरी घटनाओं के लिए उनकी स्मृति बिल्कुल ठीक होती है। यह विकार अक्सर अत्यधिक दबाव से संबंधित होता है।
(ii) विच्छेदी आत्मविस्मृति (dissociative fugue) – विच्छेदी आत्मविस्मृति का एक आवश्यक लक्षण है घर और कार्य स्थान से अप्रत्याशित यात्रा, एक नई पहचान की अवधारणा तथा पुरानी पहचान को याद न कर पाना। आत्मविस्मृति सामान्यता समाप्त हो जाती है। जब व्यक्ति अचानक जागता है और आत्मविस्मृति की अवधि में जो कुछ घटित हुआ उसकी कोई स्मृति नहीं रहती।
(iii) विच्छेदी पहचान विकार (dissociative identity disorder) – विच्छेदी पहचान विकार को अक्सर बहु व्यक्तित्व वाला कहा जाता है। यह सभी विच्छेदी विकारों में सबसे अधिक नाटकीय होती है। अक्सर यह बाल्यावस्था की कल्पना करता है जो आपस में एक-दूसरे के प्रति जानकारी रख सकते हैं या नहीं रख सकते हैं।
(iv) व्यक्तित्व लोप (depersonalisation) – व्यक्तित्व लोप में एक स्वप्न जैसी अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति को स्व और वास्तविकता दोनों से अलग होने की अनुभूति होती है। व्यक्तित्व-लोप में आत्म-प्रत्यक्षण में परिवर्तन होता है और व्यक्ति का वास्तविकता बोध अस्थायी स्तर पर लुप्त हो जाता है या परिवर्तित हो जाता है।