CGBSE Chhattisgarh Board Class 12 Hindi Answer Key 2024 and Question Papers, Download PDF All SETs

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CG Board Class 12 Hindi 2024 Key Highlights
Exam Name |
CGBSE Class 12 Hindi Exam 2024 |
Conducting Body |
Chhattisgarh Board of Secondary Education (CGBSE) |
Official Website |
cgbse.nic.in |
Exam Date |
March 1, 2024 |
Exam Timings |
9:00 AM - 12:15 PM |
No of questions |
15 |
Total Marks |
80 |
Time Duration |
3 hours |
No of Sections |
3 |
CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key 2024
जैसा की आप सबको पता होगा छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12 का हिंदी वार्षिक पेपर 1 मार्च को कंडक्ट कराया गया है, परीक्षा समाप्त होने के बाद अब सभी छात्र CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key के फ़िराक में है ताकि वह सभी प्रश्नो का मिलान कर सके, और उनको संतुष्टि हो सके, तो इस लेख में आप प्राप्त कर सकते है, सभी सेट के Chhattisgarh Board Class 12th Hindi Answer Key 2024 कैसे डाउनलोड करे, और प्रश्नो का मिलान कैसे करे, तो इस लेख में सभी set का आंसर की डाउनलोड कर सकते है।
CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key 2024
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विवरण | डाउनलोड करें |
छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12 हिंदी पेपर 2024 | यहाँ क्लिक करें |
छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं कक्षा हिंदी पेपर Answer Key | यहाँ क्लिक करें |
CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key 2024 - छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12वीं हिंदी पेपर 2024 समाधान के साथ
प्रश्न 1. अधोलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"वैज्ञानिक और कवि दोनों ही प्रकृति के उपासक हैं। दोनों ने ही प्रकृति से संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है। अंतर इतना है कि वैज्ञानिक प्रकृति के बाह्य रूप का अवलोकन कर सत्य की खोज करता है, किन्तु कवि प्रकृति के बाह्य रूप से आकृष्ट होकर भाव-विभोर हो उसे छंदों में बांधता है। वैज्ञानिक प्राकृतिक वस्तुओं का अवलोकन व सूक्ष्म निरीक्षण करते हैं। सूर्य और चंद्र देखकर उसके मस्तिष्क में अनेक विचार उठते हैं। उनका ताप क्रम क्या है? सूर्य-चन्द्र कब से प्रकाशमान है? ज्वार-भाटा या तापमान पर सूर्य-चन्द्र का क्या प्रभाव होता है? ग्रह-उपग्रह कि गति से सौरमण्डल की परिक्रमा करते हैं? वैज्ञानिक अन्य ग्रहों के भूकम्प, ज्वालामुखी पर्वतों व जीवधारियों की खोज करता है। पुष्प को देखकर उसके अंगों का विश्लेषण करता है। वह सत्य और वास्तविकता के आधार पर प्रमाण प्रस्तुत करता है। कवि की कविता प्रत्यक्ष अवलोकन के साथ ही आत्म-अवलोकन करती है और हृदय के भावों से संबंध स्थापित कर सुन्दर गीतों व छंदों के निर्माण में लगकर जगत के लिए रसास्वादन की वस्तु तैयार करती है। वह प्रकृति के सौन्दर्य का उपासक है|”
(i) प्रकृति की उपासना कौन करते हैं?
उत्तर: वैज्ञानिक और कवि दोनों प्रकृति की उपासना करते हैं।
(ii) प्रकृति के सम्बंध में कवि और वैज्ञानिक में क्या अंतर है?
उत्तर: वैज्ञानिक प्रकृति के बाह्य रूप का अवलोकन कर सत्य की खोज करता है, जबकि कवि प्रकृति के बाह्य रूप से आकृष्ट होकर भाव-विभोर हो उसे छंदों में बांधता है।
(iii) सूर्य और चंद्रमा के प्रति वैज्ञानिक कैसा दृष्टिकोण रखते हैं?
उत्तर: वैज्ञानिक सूर्य और चंद्रमा को देखकर अनेक वैज्ञानिक प्रश्न उठाता है, जैसे कि उनका ताप क्रम क्या है, वे कब से प्रकाशमान हैं, ज्वार-भाटा या तापमान पर उनका क्या प्रभाव होता है, और ग्रह-उपग्रह कि गति से वे सौरमंडल की परिक्रमा करते हैं।
(iv) वैज्ञानिक प्रमाण कैसे प्रस्तुत करता है?
उत्तर: वैज्ञानिक सत्य और वास्तविकता के आधार पर प्रमाण प्रस्तुत करता है।
(v) कवि रसास्वादन की वस्तु कैसे तैयार करता है?
उत्तर: कवि प्रत्यक्ष अवलोकन के साथ ही आत्म-अवलोकन करता है और हृदय के भावों से संबंध स्थापित कर सुन्दर गीतों व छंदों के निर्माण में लगकर जगत के लिए रसास्वादन की वस्तु तैयार करता है।
(vi) प्रकृति और हृदय में 'इक' प्रत्यय लगाकर नये शब्द बनाइए ।
उत्तर: प्रकृति + इक = प्रकृति-इक, हृदय + इक = हृदय-इक
(vii) रसास्वादन का संधि विच्छेद कीजिए।
उत्तर: रस + आस्वादन = रसास्वादन
प्रश्न-2 अधोलिखित अपठित काव्यांश को पढ़कर, इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही हैं।
वह संध्या-सुन्दरी परी सी
धीरे धीरे धीरे ।
तिमिराँचल में चंचलता का नहीं कहीं आभास,
मधुर-मधुर हैं दोनों उसके अधर
किन्तु जरा गंभीर - नहीं है उनमें हास - विलास।
हँसता है तो केवल तारा एक
गुथा हुआ उन घुँघराले काले-काले बालों से
हृदय राज्य की रानी का वह करता है अभिषेका
अलसता की - सी लता, किन्तु कोमलता की वह कली
सखी नीरवता के कंधे पर डाले बाँह,
छाँह सी अम्बर पथ से चली।
(i) संध्या सुन्दरी का अभिषेक कौन कर रहा है?
Ans: यह तारा उनके घुँघराले काले-काले बालों से गुथा हुआ है। यह तारा हृदय राज्य की रानी का अभिषेक कर रहा है।
(ii) संध्या-सुन्दरी किसके सहारे आकाश मार्ग से आ रही है?
Ans: संध्या-सुन्दरी समय के साथ उतर रही हैं, और उन्हें आकाश मार्ग से उतरते हुए देखा जा रहा है।
(iii) संध्या-सुन्दरी की तुलना किससे की गई है?
Ans: संध्या-सुन्दरी की तुलना परी से की गई है।
(iv) हास-विलास किसमें नहीं है?
Ans: हास-विलास संध्या-सुन्दरी परी में नहीं है।
प्रश्न-3 निम्ननिलिखित में से किसी एक शीर्षक पर लगभग 200 शब्दों में निबंध लिखिए –
(क) अनेकता में एकता - भारत की विशेषता।
Ans: भारत एक विविधताओं से भरपूर देश है जिसमें अनेक जातियां, भाषाएं, धर्म और संस्कृतियां एक साथ निवास करती हैं। इसीलिए, भारत को 'अनेकता में एकता' का देश कहा जाता है। इस विविधता में एकता की भावना भी है जो देश को एक मजबूत और अद्वितीय राष्ट्र के रूप में सामने लाती है।
भारतीय संस्कृति में एकता की भावना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं और एक-दूसरे के साथ समझौते करके शांति और समरसता में जीते हैं।
इसके अतिरिक्त, भारतीय जनता ने कई बार अपनी एकता को साबित किया है। आजादी की लड़ाई, विभिन्न राष्ट्रीय आंदोलन और अन्य सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय लोग हमेशा एकता और स्वतंत्रता के मूल्यों को ऊँचाईयों तक ले जाने में सफल रहे हैं।
अतः, 'अनेकता में एकता' ने भारत को विश्व में एक अद्वितीय स्थान प्रदान किया है और इसे एक भिन्न और समृद्ध देश के रूप में प्रकट किया है।
(ख) चन्द्रयान - 3 की सफलता।
Ans: चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी एक बड़ी छलांग है।
यह मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला मिशन था, जो कि एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था। इस मिशन की सफलता भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कड़ी मेहनत और लगन का प्रमाण है।
चंद्रयान-3 से प्राप्त डेटा चंद्रमा के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने में मदद करेगा। यह डेटा चंद्रमा की उत्पत्ति, उसकी भूगर्भीय संरचना और उसके वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
इस मिशन की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक नया अध्याय शुरू करती है। यह मिशन भारत को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए गर्व का क्षण है। यह मिशन भारत के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की प्रतिभा और क्षमता का प्रमाण है। यह मिशन भारत के युवाओं को प्रेरित करेगा और उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
चंद्रयान-3 की सफलता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और भारत को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
(ग) वन एवं जैव-विविधता संरक्षण।
Ans: वन धरती के फेफड़े हैं, जो हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के जीवों का निवास स्थान भी हैं, जो जैव-विविधता का निर्माण करते हैं।
जैव-विविधता धरती के जीवन का आधार है। यह विभिन्न प्रकार के पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों और उनके पारिस्थितिक तंत्रों का समूह है। जैव-विविधता धरती की जलवायु को नियंत्रित करने, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और औषधियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
हालांकि, मानवीय गतिविधियों के कारण वन और जैव-विविधता खतरे में हैं। वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और आक्रामक प्रजातियों के प्रसार से जैव-विविधता का क्षरण हो रहा है।
इस खतरे को रोकने के लिए हमें वनों और जैव-विविधता का संरक्षण करना होगा। इसके लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने होंगे:
- वनों की कटाई को रोकना: हमें वनों की कटाई को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने होंगे और उनका प्रभावी ढंग से पालन करना होगा।
- पुनर्वनीकरण: हमें वनों की कटाई के लिए किए गए नुकसान की भरपाई के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाना होगा।
- जैव-विविधता संरक्षण क्षेत्रों का निर्माण: हमें जैव-विविधता संरक्षण क्षेत्रों का निर्माण करना होगा, जहाँ विभिन्न प्रकार के जीवों को सुरक्षित आवास प्रदान किया जा सके।
- जन जागरूकता: हमें लोगों को वनों और जैव-विविधता के महत्व के बारे में जागरूक करना होगा।
वन और जैव-विविधता का संरक्षण धरती के जीवन के लिए आवश्यक है। हमें सब मिलकर इस महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देना होगा।
(घ) वायु प्रदूषण कारण-निदान।
Ans: वायु प्रदूषण एक ऐसी समस्या है जो हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। यह विशेषकर शहरों में बढ़ती जनसंख्या, वाहनों की बढ़ती संख्या, उद्योगों की वृद्धि, वन्यजीवों की नष्ट होने, वृक्षों की कटाई और धुएं की उत्सर्जन से होता है।
वायु प्रदूषण के कारणों में वाहनों का धुआं, उद्योगों से उत्सर्जित धुएं, वन्यजीवों के निर्मूलन से उत्सर्जित धुएं, और बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा स्रोतों की अधिक उपयोग शामिल हैं।
वायु प्रदूषण के निदान में हमें समुचित तरीके से पर्यावरण की देखभाल करनी चाहिए। इसके लिए हमें वाहनों का प्रबंधन करना, उद्योगों में स्वच्छता बढ़ाना, वन्यजीवों की सुरक्षा करना, और ऊर्जा स्रोतों का उपयोग समझौते करके कम करना होगा।
इसके अलावा, हमें वायु प्रदूषण के कारणों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए और इसे रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।
यहाँ प्रस्तावना लिखने की आवश्यकता है, जो विषय को बखूबी समझाती है और पाठक को निबंध की मुख्य विचारों के साथ परिचित कराती है। इसके बाद, एक विस्तृत शरीर लिखा जा सकता है जो कारणों और परिणामों को विस्तार से विवेचित करता है।
प्रश्न-4' प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन व प्रयोग पर रोक लगाने के लिए राज्य के पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखिए।
Ans: राज्य के पर्यावरण मंत्री को पत्र
विषय: प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन और उपयोग पर रोक लगाने की आवश्यकता
माननीय मंत्री जी,
मैं, [आपका नाम], [आपका शहर/गांव] का निवासी हूं। मैं आपको यह पत्र प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन और उपयोग पर रोक लगाने की आवश्यकता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रहा हूं।
प्लास्टिक थैलियां पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा हैं। वे गैर-बायोडिग्रेडेबल हैं और मिट्टी में सैकड़ों वर्षों तक रह सकते हैं। वे जल निकासी को रोकते हैं, जिससे बाढ़ और मिट्टी का कटाव होता है। वे जानवरों द्वारा भी गलती से खाए जा सकते हैं, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।
प्लास्टिक थैलियों के उपयोग से होने वाले कुछ प्रमुख नकारात्मक प्रभावों में शामिल हैं:
- पर्यावरण प्रदूषण: प्लास्टिक थैलियां मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण हैं। वे लैंडफिल में जमा होते हैं और जल निकायों में प्रवेश करते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
- जानवरों को नुकसान: प्लास्टिक थैलियां जानवरों के लिए खतरा हैं। वे गलती से प्लास्टिक थैलियों को खा सकते हैं, जिससे उनकी मृत्यु हो सकती है।
- मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव: प्लास्टिक थैलियों में हानिकारक रसायन होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकते हैं।
प्लास्टिक थैलियों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए, मैं आपसे निम्नलिखित उपाय करने का अनुरोध करता हूं:
- प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन पर पूर्ण प्रतिबंध: प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- प्लास्टिक थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध: प्लास्टिक थैलियों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
- प्लास्टिक थैलियों के विकल्पों को बढ़ावा देना: प्लास्टिक थैलियों के विकल्पों, जैसे कपड़े के थैले और जूट के थैले को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
प्लास्टिक थैलियों के उपयोग पर रोक लगाना पर्यावरण की रक्षा करने और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मैं आपसे इस मामले पर गंभीरता से विचार करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।
धन्यवाद,
[आपका नाम] [आपका शहर/गांव] [आपका संपर्क नंबर]
प्रश्न-5 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए –
(i) समाचार क्या है?
Ans: समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट हैं, जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो।
(ii) हिन्दी वेब जगत में कौन-कौन सी साहित्यिक पत्रिकाएं प्रसिद्ध हैं?
Ans:
- आजकल
- सरस्वती चंद्र
- काव्यामृत
- कविता कोश
- सहायिका
- उदंत मर्दन
- गर्भवती
- कविता संग्रह
- धारा
(iii) विशेष लेखन क्या है?
Ans: तकनीकी रूप से जटिल किसी विषय या क्षेत्र, जो सामान्य विषय से भिन्न होता है, पर लिखा गया लेख विशेष लेखन कहलाता है।
(iv) सूचना प्राप्त करने के दो स्त्रोत बताइये।
Ans: प्रलेख, मानव, संस्थाओं के अतिरिक्त जनमाध्यम जैसे रेडियो और टेलीविजन।
प्रश्न-6 नाटक व कहानी में तीन प्रमुख अंतर लिखिए।
Ans: नाटक और कहानी में तीन प्रमुख अंतर:
- प्रस्तुति:
- नाटक:नाटक को मंच पर अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। दर्शक पात्रों को देखते हैं और उनके संवाद सुनते हैं।
- कहानी:कहानी को लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाता है। पाठक शब्दों के माध्यम से कल्पना करते हैं।
- संवाद:
- नाटक:नाटक में संवाद पात्रों के बीच होते हैं। वे कथानक को आगे बढ़ाने और पात्रों के चरित्र चित्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- कहानी:कहानी में, लेखक पात्रों के विचारों और भावनाओं का वर्णन करता है। पाठक सीधे पात्रों के संवाद नहीं सुनते हैं।
- लंबाई:
- नाटक:नाटक अपेक्षाकृत छोटे होते हैं, आमतौर पर एक से तीन घंटे तक।
- कहानी:कहानी की लंबाई भिन्न हो सकती है, कुछ पन्नों से लेकर सैकड़ों पन्नों तक।
प्रश्न-7 “जैविक खेती की जरूरत" पर आलेख लिखिए।
Ans: जैविक खेती की जरूरत
आज के समय में, जब रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी, जल और वायु प्रदूषित हो रहे हैं, जैविक खेती एक महत्वपूर्ण विकल्प बन गया है। यह खेती का एक प्राकृतिक तरीका है जो रासायनिक पदार्थों पर निर्भर नहीं करता है। जैविक खेती के कई फायदे हैं:
- मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि: जैविक खेती में, खाद और हरी खाद का उपयोग मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करता है। रासायनिक उर्वरकों के विपरीत, जैविक खाद मिट्टी की जैविक विविधता को भी बढ़ावा देती है।
- स्वस्थ भोजन: जैविक खेती से प्राप्त भोजन रासायनिक पदार्थों से मुक्त होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। जैविक उत्पादों में पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है।
- पर्यावरण का संरक्षण: जैविक खेती रासायनिक प्रदूषण को कम करने में मदद करती है। यह जल, मिट्टी और वायु को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- किसानों की आय में वृद्धि: जैविक उत्पादों की बाजार में उच्च मांग है, जिसके कारण किसानों को अच्छी आय प्राप्त होती है।
- रोजगार के अवसर: जैविक खेती से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।
प्रश्न- 8 निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखिए -
“जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है,
उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं,
डाल की तरह लचीले वेग से अकसर
छतों के खतरनाक किनारों तक
उस समय गिरने से बचाता है उन्हें
सिर्फ़ उनके ही रोमांचित शरीर का संगीत
पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ उन्हें थाम लेती हैं
महज एक धागे के सहारे
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं
अपने रंधों के सहारे।”
(i) “डाल की तरह लचीले वेग' से कवि का क्या अभिप्राय है?
Ans: "डाल की तरह लचीले वेग" से कवि का अभिप्राय है कि पतंग अपने उड़ने के लिए डाल की तरह लचीले और तेज वेग से उड़ती हैं। डाल की लचीलापन और तेज़ी का मतलब है कि पतंग तेजी से और सहजता से उड़ जाती है, जैसे कि कवि का जीवन उसकी ख्यालों की तरह सरल और तेजी से बदल जाता है।
(ii) बच्चों को छतों से गिरने से कौन बचाता है?
Ans: बच्चों को छतों से गिरने से उनका ही रोमांचित शरीर का संगीत बचाता है। जब वे बेसुध होकर छतों पर दौड़ते हैं, तो उनके रक्त में उमंग और उत्साह होता है। यह उत्साह उनके शरीर को लचीला बनाता है और वे पतंगों की तरह उड़ने लगते हैं। इस रोमांचित अवस्था में वे खतरों का सामना करते हुए भी सुरक्षित रहते हैं।
(iii) 'अपने रंध्रों के सहारे' का तात्पर्य क्या हैं?
Ans: 'अपने रंध्रों के सहारे' का तात्पर्य बच्चों के श्वसन तंत्र से है। जब बच्चे दौड़ते हैं, तो उनकी सांसें तेज होती हैं। यह तेज सांसें उनके रंध्रों (नाक) से अंदर और बाहर जाती हैं। इस प्रक्रिया से उनके शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे उन्हें ऊर्जा मिलती है और वे ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम होते हैं।
इसके अलावा, 'रंध्र' शब्द का अर्थ छिद्र भी होता है। बच्चों के शरीर में कई छिद्र होते हैं, जैसे कि नाक, मुंह, कान, और त्वचा के छिद्र। इन छिद्रों से निकलने वाली ऊर्जा उन्हें गिरने से बचाती है।
इस प्रकार, 'अपने रंध्रों के सहारे' का अर्थ बच्चों के श्वसन तंत्र और शरीर में मौजूद छिद्रों से निकलने वाली ऊर्जा से है, जो उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचने और गिरने से बचाने में मदद करती है।
प्रश्न-9 निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
“किसबी, किसान-कुल, बनिक, भिखारी, भाँट,
चाकर, चपल, नट, चोर, चार, चेटकी ।
पेट को पढ़त, गुन गढ़त, चढ़त गिरि,
अटत गहन-गन अहन अखेट की ॥
ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि,
पेट ही को पचत, बेचत-बेटा-बेटकी।
'तुलसी' बुझाइ एक राम-घनस्याम ही तें
आगि बड़बागि तें बड़ी है आगि पेट की।।”
(i) उपर्युक्त काव्यांश में अलंकारों को छाँटकर लिखिए। (कोई दो)
Ans: 1. उपमेय अलंकार: "पेट को पढ़त, गुन गढ़त, चढ़त गिरि" - यहाँ 'पेट' का उपमेय होकर 'गुन गढ़त' और 'चढ़त गिरि' का उपमेय है।
2. अनुप्रास अलंकार: "बेचत-बेटा-बेटकी" - इसमें 'बेचत', 'बेटा', 'बेटकी' में 'बे' अक्षर का समानाधिकरण है।
(ii) प्रस्तुत काव्यांश में प्रयुक्त छंद संबंधी विशेषताएँ लिखिए।
Ans: प्रस्तुत काव्यांश में 'छंद' की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
छंद: गजल (दोहरा छंद)
मात्रासंख्या: छंद का मात्रासंख्या ८ है, जिसमें प्रत्येक पंक्ति में ८ मात्राएँ होती हैं।
प्रतिपक्ष: छंद का प्रतिपक्ष दोहरा है, जिसमें हर दो पंक्तियों के बाद एक समान पंक्ति दोहराई जाती है।
उच्चारण और गुना: इस छंद में प्रत्येक पंक्ति का उच्चारण दो बार किया जाता है।
गुरु और लघु: छंद में गुरु और लघु मात्राएँ होती हैं, जिन्हें सही प्रमाण में बनाना आवश्यक होता है।
प्रश्न-10 (i) “दिन जल्दी-जल्दी ढलता है”- शीर्ष पाठ का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।
Ans: “दिन जल्दी-जल्दी ढलता है” शीर्ष पाठ का प्रतिपाद्य:
वक्त की गति और जीवन की क्षणभंगुरता: शीर्षक “दिन जल्दी-जल्दी ढलता है” समय की गति और जीवन की क्षणभंगुरता पर प्रकाश डालता है। यह दर्शाता है कि दिन कितनी तेज़ी से ढलते हैं और जीवन कितनी जल्दी बीत जाता है। यह हमें समय के सदुपयोग और जीवन के हर पल का आनंद लेने के लिए प्रेरित करता है।
(ii) “बादल राग” कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है कोई तीन उदाहरण लिखिए।
Ans: Update Soon
प्रश्न-11 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर संबंधित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"बाज़ार को सार्थकता भी वही मनुष्य देता है, जो जानता है कि वह क्या चाहता है। और जो नहीं जानते कि वे क्या चाहते हैं, अपनी "पर्चेजिंग पावर" के गर्व में अपने पैसे से केवल एक विनाशक शक्ति-शैतानी शक्ति, व्यंग्य की शक्ति ही बाज़ार को देते हैं। न तो वे बाज़ार से लाभ उठा सकते है, न उस बाज़ार को सच्चा लाभ दे सकते हैं। वे लोग बाज़ार का बाज़ारूपन बढ़ाते हैं। जिसका मतलब है कि कपट बढ़ाते हैं। कपट की बढ़ती का अर्थ परस्पर में सद्भाव की घटी। इस सद्भाव के ह्रास पर आदमी आपस में भाई-भाई और सुहृद और पड़ोसी फिर रह ही नहीं जाते हैं और आपस में कोरे ग्राहक और बेचक की तरह व्यवहार करते है। मानों दोनों एक-दूसरे को ठगने की घात में हों। एक की हानि में दूसरे को अपना लाभ दिखता है और यह बाज़ार का बल्कि इतिहास का; सत्य माना जाता है ऐसे बाज़ार को बीच में लेकर लोगों में आवश्यकताओं का आदान- प्रदान नहीं होता; बल्कि शोषण होने लगता है तब कपट सफल होता है, निष्कपट शिकार होता है।"
(i) बाज़ार का बाज़ारूपन कौन लोग बढ़ाते हैं?
Ans: 'वे लोग' का आशय है - क्रय-शक्ति से सम्पन्न व्यक्ति। इस तरह के लोग अपनी क्रय-शक्ति से अनावश्यक वस्तुओं की भी खरीददारी करते हैं। इस कारण बाजारवाद, छल-कपट, मनमाना मूल्य लेना आदि प्रवृत्तियों को बल मिलता है। अतः असीमित पर्चेजिंग पावर रखने वाले लोग बाजार का बाजारूपन बढ़ाते हैं।
(ii) बाज़ार की सार्थकता कब होती है?
Ans: बाज़ार की सार्थकता तब होती है जब मनुष्य जानता है कि वह क्या चाहता है। जब व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझता है, तब वह बाज़ार से सार्थक तरीके से जुड़ सकता है।
(iii) किस कारण व्यक्ति कोरे ग्राहक और बेचक बन जाते हैं?
Ans: Update Soon
प्रश्न-12 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) 'शिरीष के फूल' पाठ के लेखक का नाम लिखिए।
Ans: हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ख) ढोलक की आवाज का पूरे गाँव पर क्या असर होता है? लिखिए।
Ans: महामारी फैलने तथा कई लोगों की मौत होने से गाँव का वातावरण निराशा-वेदना से भरा था। रात के समय गाँव में सन्नाटा और भय बना रहता था। ढोलक की आवाज रात में उस सन्नाटे और भय को कम करती थी। महामारी से पीड़ित लोगों को ढोलक की ध्वनि से संघर्ष करने की शक्ति एवं उत्तेजना मिलती थी। इस प्रकार ढोलक की आवाज का पूरे गाँव पर अतीव प्रेरणादायी असर होता था।
(ग) जीजी ने 'इन्दरसेना' पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया? लिखिए।
Ans: जीजी के अनुसार मनुष्य के पास जो चीज़ ना हो और वह उसका त्याग करके किसी और को देता है, तो उसका बहुत अच्छा फल मिलता है। इंदर सेना ऐसे समय में पानी की माँग करती थी, जब लोगों के पास स्वयं पानी नहीं हुआ करता था। लोग अपने घरों से निकाल-निकालकर पानी देते थे। लेखक को पानी की यह बर्बादी पसंद नहीं थी। वह अपनी जीजी को ऐसा करने से मना करता था। तब जीजी ने समझाया कि मनुष्य जब स्वयं त्याग करता है, तो वह ईश्वर को विवश कर देता। ईश्वर उसके त्याग से प्रसन्न होकर उसे इनाम देते हैं।
(घ) जाति और श्रम विभाजन में बुनियादी अंतर क्या है?
'श्रम विभाजन और जाति प्रथा' के आधार पर उत्तर लिखिए।
Ans: जाति और श्रम विभाजन में बुनियादी अंतर:
जाति और श्रम विभाजन में कई बुनियादी अंतर हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख अंतर इस प्रकार हैं:
- जन्म आधारित: जाति जन्म पर आधारित होती है, जबकि श्रम विभाजन कौशल, रुचि, और योग्यता पर आधारित होता है।
- गतिशीलता: जाति प्रणाली में गतिशीलता बहुत कम होती है, जबकि श्रम विभाजन में गतिशीलता अधिक होती है। व्यक्ति अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार अपना पेशा बदल सकते हैं।
- समानता: जाति प्रणाली में भेदभाव और असमानता होती है, जबकि श्रम विभाजन में समानता और अवसर की समानता होती है।
- सामाजिक स्वीकृति: जाति प्रणाली में कुछ जातियों को उच्च और कुछ को निम्न माना जाता है, जबकि श्रम विभाजन में सभी व्यवसायों का सम्मान होता है।
- कानूनी स्वीकृति: जाति प्रणाली को भारत में कानूनी मान्यता नहीं है, जबकि श्रम विभाजन को कानूनी स्वीकृति प्राप्त है।
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सीजीबीएसई 12वीं हिंदी परीक्षा समीक्षा 2024
यहां, आप प्रश्न पत्र 2024 से संबंधित छात्रों की प्रतिक्रियाओं और प्रतिक्रिया के आधार पर सीजी बोर्ड कक्षा 12 हिंदी पेपर विश्लेषण 2024 पा सकते हैं। पेपर का कठिनाई स्तर, पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न, समय से संबंधित विवरण और बहुत कुछ जांचें। .
- प्रश्नपत्र मध्यम था
- एमसीक्यू जैसे विभिन्न प्रकार के प्रश्नों के साथ-साथ लंबे उत्तर-प्रकार के प्रश्नों के संयोजन के कारण यह थोड़ा लंबा था।
- गद्यांश काफी आसान था और लंबे प्रारूप वाले प्रश्न विचारोत्तेजक थे
- कोई भी प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर का नहीं था
- समझना आसान था और उससे जुड़े उत्तर भी आसान थे
सीजी बोर्ड 12वीं हिंदी पेपर विश्लेषण 2024: छात्रों की प्रतिक्रियाएँ
जानें कि आज के सीजीबीएसई कक्षा 12वीं हिंदी प्रश्न पत्र 2024 के बारे में छात्र क्या सोचते हैं। प्रश्न पत्र के कठिनाई स्तर, परीक्षा में चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों और अधिक के बारे में छात्रों की प्रतिक्रियाएं और प्रतिक्रिया नीचे देखें।
- चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हिंदी में प्रश्न : दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
- आज की हिंदी परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के प्रकार : अति संक्षिप्त उत्तर प्रकार, लघु उत्तर प्रकार, दीर्घ उत्तर प्रकार, पढ़ने की समझ, और प्रश्नों का उत्तर देना
- अनुभाग-वार कक्षा 12 हिंदी परीक्षा समीक्षा : गद्यांश आसान था, उन प्रश्नों के लिए लिखे जाने वाले उत्तरों की लंबाई को देखते हुए लंबे-चौड़े प्रश्न थोड़े कठिन थे।
छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं हिंदी पेपर विश्लेषण 2024: विशेषज्ञों की समीक्षा
आज के सीजीबीएसई 12वीं हिंदी प्रश्न पत्र 2024 के बारे में विशेषज्ञ क्या सोचते हैं, नीचे देखें। प्रश्न पत्र के कठिनाई क्षेत्रों, आज के पेपर के फायदे और नुकसान और बहुत कुछ के बारे में जानें।
- विशेषज्ञों का मानना है कि पेपर आसान से मध्यम तक हो सकता है।
- समझ और एमसीक्यू आसान थे लेकिन 3 और 4 मार्कर प्रश्नों में एक ही समय में बहुत अधिक लिखना और सोचना शामिल था
- पेपर इस मायने में अच्छा था कि इसमें वास्तव में परीक्षा के दौरान छात्रों की भाषा दक्षता का परीक्षण किया गया था
- पाठ्यक्रम से बाहर का कोई प्रश्न नहीं था और इसलिए छात्रों के पास उच्च अंक प्राप्त करने का मौका है
- प्रश्नपत्र का चुनौतीपूर्ण हिस्सा यह था कि यह थोड़ा लंबा था लेकिन इसके अलावा प्रश्नों को हल करना ज्यादा कठिन नहीं था
- प्रश्न पत्र बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रारूप और परीक्षा पैटर्न का पालन करता था और नमूना पेपर के माध्यम से प्रतिबिंबित होता था
CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key Download
Answer Key Download करने के लिए अभ्यार्थी निचे बताये जा रहे नियमो का पालन कर सकते है, और सफलतापूर्वक आपने आंसर कीय को डाउनलोड कर सकते है।
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CGBSE Board Class 12th Hindi Answer Key - कक्षा 12 छत्तीसगढ़ बोर्ड हिंदी पेपर 2024 पैटर्न
उत्तर कुंजी के साथ छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं हिंदी पेपर 2024 की समीक्षा करते समय, परीक्षा पैटर्न को समझना महत्वपूर्ण है, जो आपको परीक्षा देने के बाद अपने स्कोर का पूर्वानुमान लगाने की अनुमति देगा। छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12वीं हिंदी पेपर पैटर्न 2024 इस प्रकार है।
- छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12 हिंदी प्रश्न पत्र 2024 में 23 प्रश्न हैं, जो सभी अनिवार्य हैं।
- प्रश्न 1 से 5 तक 30 वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। प्रत्येक उप-प्रश्न एक अंक का है।
- कुल 12 प्रश्न हैं, जिनकी संख्या 6-17 है। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है। शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
- कुल मिलाकर तीन प्रश्न हैं, क्रमांक 18-20। प्रत्येक प्रश्न तीन अंक का है। शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
- 21 से 23 तक तीन प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न चार अंक का है। शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।
- 6 से 23 क्रमांक वाले सभी प्रश्नों के लिए आंतरिक विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।