CGBSE Board 12th Exam 2024 : Biology Important Question with Answers

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छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं की जीव विज्ञान परीक्षा 21 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
इस पोस्ट में छत्तीसगढ़ बोर्ड 12th परीक्षा 2024 के लिए जीव विज्ञान के महत्वपूर्ण (CG Board 12th Biology Important Question 2024) प्रश्न दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
छात्रों को इन (CG Board 12 Biology Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी।
अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे जीव विज्ञान के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I
CG Board 12th Biology Important Question 2024
1 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. उन अंगों के नाम लिखिये जहां नर तथा मादा में क्रमश: युग्मक जनन पूर्ण होता है।
उत्तर: नर: वृषण , मादा: अंडाशय
प्रश्न 2. उस पौधे का नाम लिखिए जिसके परागकण एलर्जी कारक है।
उत्तर: पार्थेनियम
प्रश्न 3. RCH का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर: प्रजनन और बाल स्वास्थ्य
प्रश्न 4. उस पौधे का नाम लिखिए जो 12 वर्षों में एक बार पुष्प उत्पन्न करता है।
उत्तर: नीलकुरिंजी
प्रश्न 5. मधुमक्खी के दादा होते हैं लेकिन पिता नहीं क्यों?
उत्तर: मधुमक्खी के दादा होते हैं लेकिन पिता नहीं क्योंकि मधुमक्खी का प्रजनन अलैंगिक प्रजनन द्वारा होता है।
प्रश्न 6. अनुषंगी डी.एन.ए. क्या हैं?
उत्तर: अनुषंगी डीएनए जीनोम का वह हिस्सा है जो प्रोटीन कोड नहीं करता है।
प्रश्न 7. NACO का पूरा नाम लिखिए ।
उत्तर: राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन
प्रश्न 8. मलेरिया रोग के रोगाणु द्वारा उत्पन्न विशैले पदार्थ का लिखिए ।
उत्तर: हेमोज़ोइन
प्रश्न 9. LAB का पुरा नाम लिखिए ।
उत्तर: लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया
प्रश्न 10. BOD का पुरा नाम लिखिए ।
उत्तर: बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड
प्रश्न 11. कौन सा एंजाइम आण्विक कैंची कहलाता है ?
उत्तर: प्रतिबंधन एंजाइम (Restriction Enzyme) को आण्विक कैंची कहलाता है।
प्रश्न 12. मानव निर्मित इन्सुलिन का नाम लिखिए।
उत्तर: मानव निर्मित इंसुलिन को हुमुलिन (Humulin) कहा जाता है।
प्रश्न 13. आनुवांशिक आभियांत्रिकी के जनक कौन है ?
उत्तर: आनुवांशिक आभियांत्रिकी के जनक पॉल बर्ग (Paul Berg) हैं।
प्रश्न 14. प्लास्मिड किसे कहते है ?
उत्तर: प्लास्मिड एक छोटा, गोलाकार डीएनए अणु होता है जो जीवाणु कोशिकाओं में गुणसूत्रों के अलावा मौजूद होता है।
प्रश्न 15. सहजीविता का एक उदाहरण लिखिए ।
उत्तर: लाइकेन (Lichen): लाइकेन एक सहजीवी संबंध का उदाहरण है जिसमें शैवाल (Algae) और कवक (Fungus) एक साथ रहते हैं।
प्रश्न 16. दो ग्रीन हाउस गैसों के नाम लिखिए ।
उत्तर: दो ग्रीन हाउस गैसों के नाम:
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2): यह ग्रीनहाउस गैस मानव गतिविधियों जैसे जीवाश्म ईंधन के जलने से उत्सर्जित होती है।
- मीथेन (CH4): यह ग्रीनहाउस गैस कृषि, कचरा निपटान और ऊर्जा उत्पादन से उत्सर्जित होती है।
प्रश्न 17. IUCN का मुख्यालय कहाँ है?
उत्तर: IUCN का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के ग्लैंड शहर में स्थित है।
प्रश्न 18. भारत में कुल कितने राष्टीय उद्यान है?
उत्तर: भारत में कुल 106 राष्ट्रीय उद्यान हैं।
प्रश्न 19. अपरद का एक उदाहरण लिखिए ।
उत्तर: अपरद का एक उदाहरण मिट्टी का कटाव है।
प्रश्न 20. CNG का विस्तार लिखिए ।
उत्तर: Compressed Natural Gas (संपीड़ित प्राकृतिक गैस)
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2 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. रजोदर्शन किसे कहते है?
उत्तर: रजोदर्शन क्या है:-
रजोदर्शन (Menarche) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो लड़कियों में यौवन की शुरुआत का संकेत देती है। यह तब होता है जब लड़की के गर्भाशय से पहली बार रक्त और ऊतक का स्त्राव होता है। रजोदर्शन आमतौर पर 12-15 साल की उम्र में शुरू होता है, लेकिन यह 8-16 साल की उम्र के बीच भी हो सकता है। रजोदर्शन के बाद, लड़कियों को हर महीने मासिक धर्म होता है, जब तक कि वे रजोनिवृत्ति तक नहीं पहुंच जाती हैं।
प्रश्न 2. सतत प्रजनक क्या हैं?
उत्तर: सतत प्रजनक क्या हैं?
सतत प्रजनक वे जीव होते हैं जो वर्ष भर प्रजनन कर सकते हैं। इन जीवों में प्रजनन चक्र नहीं होता है और वे किसी विशेष मौसम या परिस्थिति पर निर्भर नहीं करते हैं।
प्रश्न 3. ग्राफ्टिंग क्या है?
उत्तर: ग्राफ्टिंग क्या है?
ग्राफ्टिंग (Grafting) एक ऐसी तकनीक है जिसमें दो अलग-अलग पौधों के ऊतकों को एक साथ जोड़ा जाता है ताकि वे एक ही पौधे के रूप में विकसित हो सकें।
प्रश्न 4. स्वयुग्मन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: स्वयुग्मन (Self-fertilization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक ही पौधे के दो युग्मक (gametes) एक दूसरे के साथ मिलकर एक बीज बनाते हैं।
प्रश्न 5. मद चक्र क्या हैं? लिखिये ।
उत्तर: मद चक्र (Estrus Cycle) स्तनधारी मादाओं में प्रजनन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक हार्मोनल चक्र है जो मादा को प्रजनन के लिए तैयार करता है।
प्रश्न 6. कैलस क्या है?
उत्तर: कैलस (Callus) शब्द के दो संदर्भ हो सकते हैं:
1. पौधों में कैलस (Plant Callus):
- पौधों में, कैलस असंवर्धित कोशिकाओं का एक द्रव्यमान होता है जो पौधे के किसी भी हिस्से (जैसे जड़, तना या पत्ती) से प्रयोगशाला स्थितियों में विकसित किया जा सकता है।
- ये कोशिकाएँ विभेदित (specialized) नहीं होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे विशिष्ट कार्यों को करने के लिए विशेष रूप से रूपांतरित नहीं होती हैं।
- कैलस का उपयोग पौधों के प्रवर्धन (propagation) और आनुवंशिक रूप से संशोधित पौधों को विकसित करने के लिए किया जा सकता है।
2. त्वचा पर कैलस (Skin Callus):
- त्वचा पर कैलस त्वचा की सख्त और मोटी परत होती है जो घर्षण (friction) के कारण बनती है।
- यह आमतौर पर हाथों और पैरों पर बनता है, जहाँ त्वचा बार-बार किसी खुरदरे या कठोर सतह के संपर्क में आती है।
- कैलस दर्द और असुविधा का कारण बन सकता है, लेकिन यह आमतौर पर हानिरहित होता है।
1. पौधों में कैलस (Plant Callus):
- पौधों में, कैलस असंवर्धित कोशिकाओं का एक द्रव्यमान होता है जो पौधे के किसी भी हिस्से (जैसे जड़, तना या पत्ती) से प्रयोगशाला स्थितियों में विकसित किया जा सकता है।
2. त्वचा पर कैलस (Skin Callus):
- त्वचा पर कैलस त्वचा की सख्त और मोटी परत होती है जो घर्षण (friction) के कारण बनती है।
प्रश्न 7. GMO का पूरा नाम लिखकर बताइए की यह हाइब्रिड से कैसे भिन्न है?
उत्तर: 1. GMO का पूरा नाम:
GMO का पूरा नाम Genetically Modified Organism (आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव) है।
2. GMO और हाइब्रिड में अंतर:
GMO और हाइब्रिड दोनों ही जीवों के दो अलग-अलग प्रकार हैं जिनमें आनुवंशिक भिन्नता होती है।
प्रश्न 8. ELISA का पूरा नाम लिखकर इसके उपयोग लिखिए।
उत्तर: ELISA का पूरा नाम और उपयोग:
ELISA का पूरा नाम Enzyme-Linked Immunosorbent Assay (एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट एसे) है।
ELISA एक प्रयोगशाला तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के जैविक अणुओं (जैसे प्रोटीन, एंटीबॉडी, हार्मोन) की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 9. पोमैटो क्या है?
उत्तर: पोमैटो (Pomato) एक कच्चा (grafted) पौधा होता है, जिसे दो अलग-अलग पौधों को एक साथ जोड़कर बनाया जाता है।
- इसमें आमतौर पर टमाटर का पौधा (ऊपरी भाग) होता है जो आलू के पौधे (निचला भाग) के तने पर ग्राफ्ट किया जाता है। इसका मतलब है कि एक ही पौधे पर टमाटर और आलू दोनों उगते हैं।
प्रश्न 10. जैव एकाधिकार क्या है?
उत्तर: जैव एकाधिकार (Biopiracy) एक ऐसी प्रथा है जिसमें किसी देश या क्षेत्र के जैविक संसाधनों (जैसे पौधे, जानवर, सूक्ष्मजीव) का उपयोग बिना अनुमति या उचित मुआवजे के किया जाता है।
प्रश्न 11. इलेक्ट्रोफोरेसिस किसे कहते है?
उत्तर: इलेक्ट्रोफोरेसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विद्युत क्षेत्र का उपयोग करके आवेशित कणों को अलग किया जाता है।
प्रश्न 12. स्टेम कोशिकाएं क्या है?
उत्तर: स्टेम कोशिकाएं (Stem cells) अविभेदित कोशिकाएं होती हैं जिनमें शरीर की 200 से अधिक प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होने की क्षमता होती है। ये कोशिकाएं भ्रूण और वयस्क ऊतकों दोनों में पाई जाती हैं।
प्रश्न 13. आणविक आकार के आधार पर एंजाइम बडे है या DNA ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: आणविक आकार के आधार पर एंजाइम और DNA:
आणविक आकार के आधार पर, DNA आमतौर पर एंजाइम से बड़ा होता है।
DNA:
- DNA एक लंबा, बहुलक अणु है जो न्यूक्लियोटाइड से बना होता है।
- DNA का आकार हजारों से लेकर लाखों न्यूक्लियोटाइड तक हो सकता है।
- DNA का आणविक भार लाखों डेल्टन (Da) तक हो सकता है।
एंजाइम:
- एंजाइम प्रोटीन होते हैं जो जैविक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं।
- एंजाइम का आकार आमतौर पर कुछ सौ से लेकर कुछ हजार अमीनो एसिड तक होता है।
- एंजाइम का आणविक भार आमतौर पर हजारों से लेकर लाखों Da तक होता है।
प्रश्न 14. अनुप्रवाह संसाधन (downstream Processing) क्या है?
उत्तर: अनुप्रवाह संसाधन (Downstream Processing) जैव-प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें उत्पादों को जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं से अलग किया जाता है, शुद्धिकरण किया जाता है और अंतिम उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है।
प्रश्न 15. जैव उर्वरक मिटटी के लिए क्यो आवश्यक है ?
उत्तर: जैव उर्वरक मिट्टी के लिए क्यों आवश्यक है?
जैव उर्वरक (Biofertilizers) मिट्टी के लिए आवश्यक हैं क्योंकि वे:
- मिट्टी में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाते हैं: जैव उर्वरक मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं।
- मिट्टी की उर्वरता में सुधार करते हैं: जैव उर्वरक मिट्टी की जैविक गतिविधि को बढ़ाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है।
- पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा देते हैं: जैव उर्वरक पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों प्रदान करते हैं, जिससे पौधों की वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलता है।
- पर्यावरण के अनुकूल होते हैं: जैव उर्वरक रासायनिक उर्वरकों की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
प्रश्न 16. गोल्डन राइस क्या है?
उत्तर: गोल्डन राइस (Golden Rice) चावल की एक किस्म है जिसे आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया है ताकि उसमें बीटा-कैरोटीन का उत्पादन हो सके। बीटा-कैरोटीन विटामिन ए का एक अग्रदूत है, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 17. चावल की खेती में खाद की आवश्यकता नहीं पड़ती है। क्यों?
उत्तर: चावल की खेती में खाद की ज़रूरत नहीं पड़ती, क्योंकि इसमें सॉयनो बैक्टीरिया होते हैं. सॉयनो बैक्टीरिया, नीलहरित शैवाल भी कहलाते हैं. ये नाइट्रोजन स्थिरीकरण के साथ-साथ मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी बढ़ाते हैं. इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
प्रश्न 1. जीवाणू भोजी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
उत्तर: जीवाणु भोजी (Bacteriophage) वायरस का एक प्रकार है जो केवल जीवाणुओं को संक्रमित करता है।यह वायरस बैक्टीरिया को नष्ट करके उनका नियंत्रण करता है।जीवाणु भोजी में डीएनए या आरएनए का एक अणु होता है जो प्रोटीन के आवरण से घिरा होता है।
जीवाणु भोजी के जीवन चक्र में दो मुख्य चरण होते हैं:
- लाइटिक चक्र: इस चरण में, जीवाणु भोजी जीवाणु कोशिका में प्रवेश करता है और उसके डीएनए को अपने डीएनए में शामिल कर लेता है।
- लाइसोजेनिक चक्र: इस चरण में, जीवाणु भोजी जीवाणु कोशिका के डीएनए में शामिल हो जाता है और निष्क्रिय रहता है।
प्रश्न 19. मौसमी प्रजनक किसे कहते हैं?
उत्तर: मौसमी प्रजनक वे जीव होते हैं जो वर्ष के एक विशेष समय में ही प्रजनन करते हैं। यह प्रजनन काल आमतौर पर वर्ष के उस समय होता है जब भोजन और पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है।
प्रश्न 20. बाह्य निषेचन किसे कहते हैं?
उत्तर: बाह्य निषेचन प्रजनन का एक तरीका है जिसमें नर युग्मक (शुक्राणु) मादा युग्मक (अंडे) को शरीर के बाहर निषेचित करते हैं। यह आंतरिक निषेचन के विपरीत है, जिसमें शुक्राणु मादा के शरीर के अंदर अंडे को निषेचित करते हैं।
3 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. बाल्वोयुरेथ्रल ग्रंथि कहां पाई जाती है? इसके दो कार्य लिखिए।
उत्तर: बाल्वोयुरेथ्रल ग्रंथि (Bulbourethral Gland)
बाल्वोयुरेथ्रल ग्रंथि (Bulbourethral Gland), जिसे कॉपर ग्रंथि (Cowper's Gland) भी कहा जाता है, पुरुष प्रजनन प्रणाली में स्थित दो छोटी ग्रंथियां होती हैं।यह ग्रंथियां मूत्रमार्ग के आधार पर स्थित होती हैं और स्खलन के दौरान एक चिपचिपा, पारदर्शी द्रव का स्राव करती हैं।
बाल्वोयुरेथ्रल ग्रंथि के दो कार्य:
- स्नेहन: यह द्रव लिंग और मूत्रमार्ग को चिकनाई देता है, जिससे स्खलन आसान और दर्द रहित हो जाता है।
- शुक्राणुओं की सुरक्षा: यह द्रव शुक्राणुओं को अम्लीय योनि वातावरण से बचाने में मदद करता है।
प्रश्न 2. असंगजनन क्या है? इसके दो लाभ लिखिए।
उत्तर: असंगजनन क्या है?
असंगजनन (Asexual Reproduction) प्रजनन का एक तरीका है जिसमें संतान पैदा करने के लिए युग्मकों के संयोजन की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रक्रिया में, एक मूल जीव एक या अधिक संतान पैदा करता है जो आनुवंशिक रूप से मूल जीव के समान होते हैं।
असंगजनन के दो लाभ:
- तेज: असंगजनन संतान पैदा करने का एक तेज़ तरीका है क्योंकि इसमें युग्मकों के संयोजन की आवश्यकता नहीं होती है।
- सरल: असंगजनन संतान पैदा करने का एक सरल तरीका है क्योंकि इसमें जटिल प्रजनन अंगों की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रश्न 3. ART का शब्द विस्तार कर इसके दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर: ART का अर्थ Assisted Reproductive Technology (सहायक प्रजनन तकनीक) है। यह प्रजनन क्षमता में कमी या बांझपन का सामना करने वाले जोड़ों के लिए प्रजनन विकल्पों का एक समूह है।
ART के दो उदाहरण:
1. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF):
- IVF में, अंडे को मां के शरीर से निकाला जाता है और पिता के शुक्राणु के साथ प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है।
- निषेचित अंडे (भ्रूण) को फिर मां के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
- IVF उन जोड़ों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनमें फैलोपियन ट्यूब अवरुद्ध हैं या जिनमें पुरुष बांझपन है।
2. इंट्रा-यूटेरिन insemination (IUI):
- IUI में, शुक्राणु को सीधे मां के गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है।
- यह शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में मदद करता है और गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाता है।
- IUI उन जोड़ों के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनमें पुरुष बांझपन या ओव्यूलेशन संबंधी समस्याएं हैं।
प्रश्न 4. मानव भ्रूण का पोषण किस प्रकार होता है।
उत्तर: मानव भ्रूण का पोषण:
मानव भ्रूण गर्भधारण के बाद अपरा (Placenta) के माध्यम से पोषक तत्व प्राप्त करता है। अपरा एक अस्थायी अंग है जो गर्भाशय की दीवार से जुड़ा होता है और गर्भनाल के माध्यम से भ्रूण से जुड़ा होता है। माँ के रक्त से ऑक्सीजन और पोषक तत्व अपरा में प्रवेश करते हैं और गर्भनाल के माध्यम से भ्रूण तक पहुंचते हैं। भ्रूण अपशिष्ट उत्पादों को भी गर्भनाल के माध्यम से अपरा में वापस भेजता है, जो उन्हें मां के रक्तप्रवाह में छोड़ देता है।
अपरा भ्रूण को निम्नलिखित पोषक तत्व प्रदान करता है:
- ऑक्सीजन: भ्रूण के श्वसन के लिए आवश्यक
- ग्लूकोज: भ्रूण के ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक
- अमीनो एसिड: भ्रूण के प्रोटीन संश्लेषण के लिए आवश्यक
- वसा: भ्रूण के ऊर्जा भंडारण के लिए आवश्यक
- विटामिन और खनिज: भ्रूण के विकास और विकास के लिए आवश्यक
प्रश्न 5. कायिक जनन के तीन महत्व लिखिए
उत्तर: कायिक जनन के तीन महत्व:
1. वांछित गुणों वाले पौधों का उत्पादन:
- कायिक जनन द्वारा, वांछित गुणों वाले पौधों का उत्पादन किया जा सकता है, जैसे कि उच्च उपज, रोग प्रतिरोध, और बेहतर गुणवत्ता।
- यह बीजों से उगाए गए पौधों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और तेज़ तरीका है।
2. समय की बचत:
- कायिक जनन द्वारा, पौधे जल्दी से परिपक्व होते हैं और फल या फूल पैदा करते हैं।
- यह बीजों से उगाए गए पौधों की तुलना में कम समय लेता है।
3. रोगों से बचाव:
- कायिक जनन द्वारा उगाए गए पौधे बीजों से उगाए गए पौधों की तुलना में रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि वे माता-पौधे से रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 6. मानव जीनोम की तीन विशेषताएं लिखिए ।
उत्तर: मानव जीनोम की तीन विशेषताएं:
- आकार: मानव जीनोम लगभग 3.2 अरब न्यूक्लियोटाइड युग्मों से बना होता है। यह एक विशाल मात्रा में जानकारी है, जो एक पुस्तक में 100 खंडों के बराबर है।
- जीन की संख्या: मानव जीनोम में लगभग 20,000-25,000 जीन होते हैं। यह पहले के अनुमानों की तुलना में बहुत कम है, जो 100,000 से अधिक जीन होने का अनुमान लगाते थे।
- अनुक्रमण: मानव जीनोम को 2003 में अनुक्रमित किया गया था। यह एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि थी जिसने मानव जीव विज्ञान के बारे में हमारी समझ को बेहतर बनाने में मदद की है।
प्रश्न 7. संकरण के कोई तीन प्रकार को लिखिए।
उत्तर: संकरण के तीन प्रकार:
- अंतःप्रजातिक संकरण: एक ही प्रजाति के व्यक्तियों के बीच
- अंतरप्रजातिक संकरण: दो अलग-अलग प्रजातियों के व्यक्तियों के बीच
- बहुसंकर संकरण: तीन या अधिक प्रजातियों के व्यक्तियों के बीच
संकरण का प्रकार माता-पिता के जीनोटाइप और फेनोटाइप पर निर्भर करता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो जैव विविधता और विकास को बढ़ावा देती है।
प्रश्न 8. आनुवंशिक कोड के तीन प्रमुख लक्षण लिखिए
उत्तर: आनुवंशिक कोड के तीन प्रमुख लक्षण:
- त्रिगुणक: प्रत्येक अमीनो एसिड को न्यूक्लियोटाइड के तीन-अक्षरों के समूह द्वारा कोडित किया जाता है।
- अस्पष्टता: एक ही अमीनो एसिड को एक से अधिक न्यूक्लियोटाइड क्रम द्वारा कोडित किया जा सकता है।
- विराम चिह्न: आनुवंशिक कोड में "स्टार्ट" और "स्टॉप" कोडोन होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण की शुरुआत और अंत को इंगित करते हैं।
प्रश्न 9. आनुवंशिक कूट के कोई तीन लक्षण लिखिये ।
उत्तर: आनुवंशिक कूट के तीन लक्षण:
1. त्रिगुणक: प्रत्येक अमीनो एसिड को न्यूक्लियोटाइड के तीन-अक्षरों के समूह द्वारा कोडित किया जाता है। इसे कोडन कहा जाता है।
2. अस्पष्टता: एक ही अमीनो एसिड को एक से अधिक न्यूक्लियोटाइड क्रम द्वारा कोडित किया जा सकता है।
3. विराम चिह्न: आनुवंशिक कूट में "स्टार्ट" और "स्टॉप" कोडोन होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण की शुरुआत और अंत को इंगित करते हैं।
प्रश्न 10. मेण्डल के नियमों का क्या महत्व है?
उत्तर: मेण्डल के नियमों का महत्व:
मेण्डल के नियम आनुवंशिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें बताते हैं कि जीवों में लक्षण कैसे विरासत में मिलते हैं। इन नियमों का उपयोग करके, हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि संतान में कौन से लक्षण दिखाई देंगे।
मेण्डल के नियमों के तीन मुख्य महत्व हैं:
- वंशानुक्रम को समझने में मदद करते हैं: मेण्डल के नियम हमें यह समझने में मदद करते हैं कि लक्षण माता-पिता से संतान में कैसे विरासत में मिलते हैं।
- आनुवंशिक रोगों का अध्ययन करने में मदद करते हैं: मेण्डल के नियमों का उपयोग करके, हम यह समझ सकते हैं कि आनुवंशिक रोग कैसे विरासत में मिलते हैं और उनका इलाज कैसे किया जा सकता है।
- नई किस्मों का विकास करने में मदद करते हैं: मेण्डल के नियमों का उपयोग करके, किसान और बागवान नई किस्मों के पौधे और जानवर विकसित कर सकते हैं जिनमें वांछित लक्षण होते हैं।
प्रश्न 11. कोडान व एंटी कोडान में कोई तीन अंतर लिखिए।
उत्तर: कोडान और एंटीकोडान में अंतर:
विशेषता | कोडान | एंटीकोडान |
---|---|---|
स्थान | mRNA | tRNA |
संरचना | न्यूक्लियोटाइड का त्रिगुणक | न्यूक्लियोटाइड का पूरक त्रिगुणक |
कार्य | अमीनो एसिड को निर्दिष्ट करते हैं | प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करते हैं |
प्रश्न 12. हैजा, टीटनेस, टायफाइड के रोग कारक का नाम लिखिए।
उत्तर: हैजा, टीटनेस और टायफाइड के रोग कारकों के नाम:
रोग | रोग कारक |
---|---|
हैजा | विब्रियो कोलेरा (Vibrio cholerae) |
टीटनेस | क्लोस्ट्रीडियम टेटानी (Clostridium tetani) |
टायफाइड | साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) |
प्रश्न 13. धान की महत्वपूर्ण छः उन्नत किस्मों के नाम लिखिये ।
उत्तर: धान की महत्वपूर्ण छः उन्नत किस्मों के नाम:
- आईआर-64: यह धान की एक लोकप्रिय किस्म है जो उच्च पैदावार और रोग प्रतिरोध के लिए जानी जाती है।
- पीआर-106: यह धान की एक उन्नत किस्म है जो कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।
- पूसा सुगंध-3: यह धान की एक सुगंधित किस्म है जो अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जानी जाती है।
- हवाबास: यह धान की एक उन्नत किस्म है जो बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देती है।
- महसूरी: यह धान की एक उन्नत किस्म है जो पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छी पैदावार देती है।
- कर्मनाशा: यह धान की एक उन्नत किस्म है जो कम उपजाऊ मिट्टी में भी अच्छी पैदावार देती है।
प्रश्न 14. मियादी बुखार पैदा करने वाले वैक्टीरिया का नाम लिखिये। इसके दो नैदानिक रोग लक्षण लिखिये।
उत्तर: रोग कारक:
मियादी बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु से होता है।
नैदानिक रोग लक्षण:
- उच्च बुखार: यह मियादी बुखार का सबसे आम लक्षण है। बुखार धीरे-धीरे बढ़ता है और 103°F (39.4°C) तक पहुंच सकता है। यह कई हफ्तों तक रह सकता है।
- सिरदर्द: यह मियादी बुखार का एक और आम लक्षण है।
प्रश्न 15. एलर्जी क्या होती है? यह कैसे होती है? इसके लक्षण क्या होते हैं।
उत्तर: एलर्जी क्या होती है?
एलर्जी प्रतिरक्षा प्रणाली की एक अतिसंवेदनशील प्रतिक्रिया है। यह तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली किसी सामान्य पदार्थ को हानिकारक मानकर उस पर प्रतिक्रिया करती है।
एलर्जी कैसे होती है
एलर्जी तब होती है जब शरीर किसी पदार्थ को "एलर्जेन" के रूप में पहचानता है। एलर्जेन धूल, पराग, भोजन, दवाएं, या कीड़े के काटने जैसे कई चीजें हो सकते हैं। जब कोई व्यक्ति एलर्जेन के संपर्क में आता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली IgE एंटीबॉडी का उत्पादन करती है। IgE एंटीबॉडी मस्तूल कोशिकाओं और basophils नामक श्वेत रक्त कोशिकाओं से बंध जाते हैं। जब कोई व्यक्ति फिर से एलर्जेन के संपर्क में आता है, तो एलर्जेन IgE एंटीबॉडी से बंध जाता है। यह मस्तूल कोशिकाओं और basophils को हिस्टामाइन और अन्य रसायनों को छोड़ने के लिए ट्रिगर करता है। ये रसायन एलर्जी के लक्षण पैदा करते हैं।
एलर्जी के लक्षण:
एलर्जी के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकते हैं।
कुछ सामान्य लक्षण:
- नाक बहना
- छींक आना
- आंखों में खुजली और पानी आना
- त्वचा पर लालिमा और खुजली
- श्वास लेने में तकलीफ
- दस्त
- उल्टी
प्रश्न 16. रोगजनक एवं परजीवी में कोई तीन अन्तर लिखिये ।
उत्तर: रोगजनक एवं परजीवी में तीन अंतर:
विशेषता | रोगजनक | परजीवी |
---|---|---|
परिभाषा | रोगजनक सूक्ष्मजीव होते हैं जो किसी जीव में प्रवेश करके रोग पैदा करते हैं। | परजीवी वे जीव होते हैं जो किसी दूसरे जीव (मेजबान) पर निर्भर रहकर अपना जीवन यापन करते हैं। |
उदाहरण | जीवाणु, वायरस, कवक, आदि | कृमि, प्रोटोजोआ, आदि |
प्रभाव | रोगजनक रोगों का कारण बनते हैं, जिससे ऊतकों को क्षति हो सकती है और मृत्यु भी हो सकती है। | परजीवी मेजबान से पोषक तत्व प्राप्त करते हैं, जिससे मेजबान को कमजोर और बीमार बना सकते हैं। |
प्रश्न 17. GM पौधे के क्या उद्देश्य है?
उत्तर: जीएम पौधों के उद्देश्य:
जीएम पौधे (जैविक रूप से संशोधित पौधे) वे पौधे होते हैं जिनके डीएनए को कृत्रिम रूप से बदला गया है। यह डीएनए हेरफेर विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि जीन जोड़कर, हटाकर या बदलकर।
जीएम पौधों के मुख्य उद्देश्य:
- उत्पादकता में वृद्धि: जीएम पौधों को अधिक उपज, कीटों और रोगों के प्रतिरोध, और प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता के लिए बनाया जा सकता है।
- पोषण मूल्य में सुधार: जीएम पौधों को विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर बनाया जा सकता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना: जीएम पौधों को कम कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता हो सकती है, जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 18. पारजीनी गाय रोजी के दूध की क्या विशेषताएँ है?
उत्तर: पारजीनी गाय रोजी के दूध की विशेषताएँ:
1. मानव α-लैक्टलबुमिन: रोजी के दूध में मानव α-लैक्टलबुमिन होता है, जो मानव स्तन के दूध में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। यह प्रोटीन शिशुओं के लिए पौष्टिक होता है और एलर्जी का खतरा कम करता है।
2. कम वसा: रोजी के दूध में गाय के दूध की तुलना में कम वसा होती है। यह मनुष्यों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें हृदय रोग या मोटापे का खतरा होता है।
3. उच्च प्रोटीन: रोजी के दूध में गाय के दूध की तुलना में उच्च प्रोटीन होता है। यह मांसपेशियों के निर्माण और विकास के लिए फायदेमंद है।
4. बेहतर पाचन: रोजी के दूध में गाय के दूध की तुलना में बेहतर पाचन होता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें लैक्टोज असहिष्णुता है।
5. एलर्जी में कमी: रोजी के दूध में गाय के दूध की तुलना में एलर्जी पैदा करने वाले प्रोटीन कम होते हैं। यह एलर्जी वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
प्रश्न 19. जैविक अनुक्रमण के तीन महत्व लिखिए।
उत्तर: जैविक अनुक्रमण के तीन महत्व:
- जैव विविधता का अध्ययन: जैविक अनुक्रमण हमें विभिन्न जीवों के जीनोम का अध्ययन करने और उनकी तुलना करने में मदद करता है। यह हमें जैव विविधता को बेहतर ढंग से समझने और उसकी रक्षा करने में मदद करता है।
- नई दवाओं और टीकों का विकास: जैविक अनुक्रमण हमें बीमारियों का कारण बनने वाले जीवाणुओं और वायरस के जीनोम का अध्ययन करने में मदद करता है। यह हमें नई दवाओं और टीकों को विकसित करने में मदद करता है।
- खाद्य उत्पादन में वृद्धि: जैविक अनुक्रमण हमें फसलों के जीनोम का अध्ययन करने और उनकी तुलना करने में मदद करता है। यह हमें बेहतर फसलों को विकसित करने में मदद करता है जो अधिक उपज, कीटों और रोगों के प्रतिरोध, और प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति सहनशीलता के लिए बनाए जाते हैं।
प्रश्न 20. वन संरक्षण के मुख्य उपाय लिखिए।
उत्तर: वन संरक्षण के मुख्य उपाय:
1. वनरोपण: वनरोपण वनों की कमी को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। वनरोपण के लिए, हमें उन क्षेत्रों में पेड़ लगाने चाहिए जहां वन पहले से मौजूद नहीं हैं।
2. वन प्रबंधन: वन प्रबंधन का अर्थ है वनों का उचित उपयोग और देखभाल करना। हमें वनों का उपयोग इस तरह से करना चाहिए कि वे भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी उपलब्ध रहें।
3. वन्यजीवों का संरक्षण: वन्यजीव वनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमें वन्यजीवों का संरक्षण करना चाहिए और उनके अवैध शिकार को रोकना चाहिए।
4. लोगों को जागरूक करना: हमें लोगों को वन संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना चाहिए। हमें लोगों को यह समझाना चाहिए कि वन हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
5. वन संरक्षण के लिए कानून: हमें वन संरक्षण के लिए कानून बनाना चाहिए और उनका कड़ाई से पालन करना चाहिए।
5 अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. प्रसव किसे कहते है ? प्रसव प्रक्रिया को कौन - कौन से हार्मोन प्रभावित करते है।
उत्तर: प्रसव क्या है:-
प्रसव गर्भाशय से भ्रूण और अपरा (प्लेसेंटा) को बाहर निकालने की प्रक्रिया है। यह गर्भावस्था के अंतिम चरण में होता है और आमतौर पर 37 से 42 सप्ताह के बीच होता है।
प्रसव प्रक्रिया को कौन-कौन से हार्मोन प्रभावित करते हैं
प्रसव प्रक्रिया कई हार्मोनों द्वारा प्रभावित होती है, जिनमें मुख्य हैं:
1. ऑक्सीटोसिन: यह हार्मोन गर्भाशय के संकुचन को उत्तेजित करता है। यह स्तनपान को भी उत्तेजित करता है।
2. प्रोजेस्टेरोन: यह हार्मोन गर्भाशय के स्नायुओं को शांत रखता है और प्रसव को रोकने में मदद करता है। प्रसव के दौरान, प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है और ऑक्सीटोसिन का स्तर बढ़ जाता है।
3. एस्ट्रोजन: यह हार्मोन गर्भाशय ग्रीवा को नरम और पतला करने में मदद करता है, जो प्रसव के लिए आवश्यक है।
4. प्रोस्टाग्लैंडिन: ये हार्मोन गर्भाशय के संकुचन को उत्तेजित करते हैं और गर्भाशय ग्रीवा को खोलने में मदद करते हैं।
5. रिलैक्सिन: यह हार्मोन श्रोणि के जोड़ों को ढीला करने में मदद करता है, जो प्रसव के दौरान बच्चे के जन्म को आसान बनाता है।
प्रश्न 2. संकरण क्या है ? इसके प्रकार का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
उत्तर: संकरण क्या है?
संकरण दो अलग-अलग जीवों के बीच प्रजनन की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया विभिन्न प्रजातियों, उप-प्रजातियों या किस्मों के बीच हो सकती है। संकरण के माध्यम से, विभिन्न जीन और लक्षणों वाले नए जीवों का निर्माण होता है।
संकरण के प्रकार:
1. अंतर-प्रजातीय संकरण: यह दो अलग-अलग प्रजातियों के बीच संकरण है। यह प्रक्रिया आमतौर पर प्रजनन क्षमता वाले संतानों का उत्पादन नहीं करती है।
2. अंतर-उप-प्रजातीय संकरण: यह दो अलग-अलग उप-प्रजातियों के बीच संकरण है। यह प्रक्रिया आमतौर पर प्रजनन क्षमता वाले संतानों का उत्पादन करती है।
3. अंतर-किस्मीय संकरण: यह दो अलग-अलग किस्मों के बीच संकरण है। यह प्रक्रिया आमतौर पर प्रजनन क्षमता वाले संतानों का उत्पादन करती है।
संकरण के लाभ:
- नए लक्षणों का निर्माण: संकरण के माध्यम से, विभिन्न जीन और लक्षणों वाले नए जीवों का निर्माण होता है।
- उत्पादकता में वृद्धि: संकरण के माध्यम से, अधिक उत्पादक और रोग प्रतिरोधी जीवों का निर्माण होता है।
- विविधता में वृद्धि: संकरण के माध्यम से, जीवों की विविधता में वृद्धि होती है।
संकरण के नुकसान:
- प्रजनन क्षमता में कमी: कुछ मामलों में, संकरण के माध्यम से उत्पन्न जीव प्रजनन क्षमता नहीं रखते हैं।
- आनुवंशिक अस्थिरता: कुछ मामलों में, संकरण के माध्यम से उत्पन्न जीव आनुवंशिक रूप से अस्थिर होते हैं।
संकरण का महत्व:
संकरण कृषि, पशुपालन और चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संकरण के माध्यम से, विभिन्न जीन और लक्षणों वाले नए जीवों का निर्माण होता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी होते हैं।
प्रश्न 3. अनुलिपिकरण का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर: अनुलिपिकरण:
अनुलिपिकरण डीएनए अणु की एक प्रति बनाने की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया कोशिका विभाजन के दौरान होती है, ताकि प्रत्येक नई कोशिका को डीएनए की एक प्रति प्राप्त हो सके।
अनुलिपिकरण की प्रक्रिया:
1. डीएनए खोलना: डीएनए अणु दो स्ट्रैंड में अलग हो जाता है।
2. प्राइमर का निर्माण: आरएनए प्राइमर डीएनए टेम्पलेट के 5' छोर से जुड़ जाता है।
3. डीएनए पोलीमरेज़ द्वारा डीएनए संश्लेषण: डीएनए पोलीमरेज़ एंजाइम डीएनए टेम्पलेट के आधार पर एक नया डीएनए स्ट्रैंड बनाता है।
4. डीएनए लिगेज द्वारा डीएनए स्ट्रैंड को जोड़ना: डीएनए लिगेज एंजाइम नए डीएनए स्ट्रैंड को एक साथ जोड़ता है।
5. अनुलिपिकरण का पूरा होना: दो नए डीएनए अणु बनते हैं, प्रत्येक में मूल डीएनए अणु की एक प्रति होती है।
अनुलिपिकरण का महत्व:
- कोशिका विभाजन: अनुलिपिकरण कोशिका विभाजन के लिए आवश्यक है, ताकि प्रत्येक नई कोशिका को डीएनए की एक प्रति प्राप्त हो सके।
- आनुवंशिकी: अनुलिपिकरण आनुवंशिक जानकारी को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाता है।
- जीन अभिव्यक्ति: अनुलिपिकरण जीन अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है, ताकि डीएनए में संग्रहीत जानकारी का उपयोग प्रोटीन बनाने के लिए किया जा सके।
प्रश्न 4. भारत सरकार द्वारा जनन स्वास्थ्य हेतु कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे है? केवल नाम लिखिए।
उत्तर: भारत सरकार द्वारा जनन स्वास्थ्य हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रम:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
- जननी सुरक्षा योजना (JSY)
- किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (Adolescent Health Programme)
- राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य रणनीति (National Adolescent Health Strategy)
- सुरक्षित मातृत्व अभियान (Safe Motherhood Campaign)
- परिवार कल्याण कार्यक्रम (Family Welfare Programme)
- प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार कार्यक्रम (Reproductive Health and Rights Programme)
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)
- आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana)
- जन औषधि योजना (Jan Aushadhi Yojana)
प्रश्न 5. मानव जनन के स्वास्थ्य में जागरूकता लाने कौन-2 से कदम उठाने चाहिए।
उत्तर: मानव जनन के स्वास्थ्य में जागरूकता लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
1. शिक्षा और जागरूकता अभियान:
- स्कूलों और कॉलेजों में पाठ्यक्रम में जनन स्वास्थ्य शिक्षा को शामिल करना: यह युवाओं को यौन स्वास्थ्य और प्रजनन के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।
- जनन स्वास्थ्य के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों का आयोजन करना: इन कार्यक्रमों में स्वास्थ्य शिक्षा, परामर्श और अन्य सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं।
- जनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी और संसाधनों को लोगों तक पहुंचाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया का उपयोग करना: यह लोगों को जनन स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने और उन्हें आवश्यक जानकारी और सहायता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
2. स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार:
- सभी के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जनन स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना: यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी लोगों को अपनी ज़रूरतों के अनुसार जनन स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने का अवसर मिले।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जनन स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना: ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर जनन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- जनन स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना: स्वास्थ्य कार्यकर्ता जनन स्वास्थ्य के बारे में लोगों को शिक्षित करने और उन्हें आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
प्रश्न 6. उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? गुणसूत्रों के संरचनात्मक परिवर्तन कितने प्रकार के होते हैं, संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: उत्परिवर्तन:
उत्परिवर्तन डीएनए अनुक्रम में परिवर्तन है। यह परिवर्तन एक जीन या जीनोम के एक छोटे से हिस्से को प्रभावित कर सकता है, या यह एक पूरे गुणसूत्र को प्रभावित कर सकता है। उत्परिवर्तन प्राकृतिक रूप से या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकते हैं।
गुणसूत्रों के संरचनात्मक परिवर्तन:
गुणसूत्रों के संरचनात्मक परिवर्तन चार प्रकार के होते हैं:
1. विलोपन: यह तब होता है जब गुणसूत्र का एक हिस्सा खो जाता है।
2. दोहराव: यह तब होता है जब गुणसूत्र का एक हिस्सा दोहराया जाता है।
3. स्थानांतरण: यह तब होता है जब गुणसूत्र का एक हिस्सा दूसरे गुणसूत्र पर स्थानांतरित हो जाता है।
4. व्युत्क्रमण: यह तब होता है जब गुणसूत्र का एक हिस्सा उल्टा हो जाता है।
इन परिवर्तनों का जीव पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
विलोपन:- से जीन का नुकसान हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अनुवांशिक रोग हो सकते हैं।
दोहराव:- से जीन की अतिरिक्त प्रतियां हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनुवांशिक रोग भी हो सकते हैं।
प्रश्न 7. वंशावली विश्लेषण किसे कहते है ? उदाहरण देकर समझाइए |
उत्तर: वंशावली विश्लेषण:
वंशावली विश्लेषण एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग किसी विशेष लक्षण या बीमारी के लिए जिम्मेदार जीन की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह तकनीक किसी परिवार के सदस्यों के बीच लक्षण या बीमारी के पैटर्न का अध्ययन करके काम करती है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक परिवार में सिकल सेल एनीमिया नामक एक आनुवंशिक बीमारी है। इस बीमारी वाले लोग लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करते हैं जो सिकल के आकार की होती हैं। ये सिकल के आकार की लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे दर्द, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। वंशावली विश्लेषण का उपयोग करके, वैज्ञानिक यह पता लगा सकते हैं कि सिकल सेल एनीमिया के लिए कौन सा जीन जिम्मेदार है। वे यह भी पता लगा सकते हैं कि यह जीन परिवार के सदस्यों में कैसे फैलता है।
प्रश्न 8. एल्कोहॉल के यकृत (लिवर) पर होने वाले 5 दुष्प्रभाव को लिखिए।
उत्तर: एल्कोहॉल के यकृत (लिवर) पर होने वाले 5 दुष्प्रभाव:
1. फैटी लीवर: यह एल्कोहॉल के सेवन से होने वाला सबसे आम यकृत रोग है। यह तब होता है जब यकृत में वसा जमा हो जाती है।
2. एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस: यह यकृत की सूजन है जो एल्कोहॉल के सेवन से होती है। यह यकृत को नुकसान पहुंचा सकता है और यकृत की विफलता का कारण बन सकता है।
3. सिरोसिस: यह यकृत की स्थायी scarring है जो एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस से होती है। यह यकृत को ठीक से काम करने से रोकता है।
4. यकृत कैंसर: यह यकृत का एक प्रकार का कैंसर है जो एल्कोहॉल के सेवन से होता है। यह यकृत कैंसर का सबसे आम कारण है।
5. यकृत की विफलता: यह तब होता है जब यकृत ठीक से काम करना बंद कर देता है। यह जानलेवा हो सकता है।
प्रश्न 9. मानव कल्याण में पशुपालन की भुमिका का संक्षेप में व्याख्या कीजिए ।
उत्तर: मानव कल्याण में पशुपालन की भूमिका:
पशुपालन मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह निम्नलिखित तरीकों से मानव जीवन को बेहतर बनाता है:
1. भोजन: पशुपालन हमें दूध, मांस, अंडे, ऊन और चमड़ा जैसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ प्रदान करता है। ये खाद्य पदार्थ प्रोटीन, विटामिन और खनिज का अच्छा स्रोत हैं।
2. कृषि: पशु कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे खेतों की जुताई, खाद प्रदान करने और फसलों की कटाई में मदद करते हैं।
3. परिवहन: पशुओं का उपयोग परिवहन के लिए भी किया जाता है। वे लोगों और सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में मदद करते हैं।
4. रोजगार: पशुपालन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
5. आय: पशुपालन किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। वे दूध, मांस, अंडे, ऊन और चमड़ा बेचकर पैसे कमाते हैं।
6. सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व: पशुओं का सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व भी है। वे कई त्योहारों और अनुष्ठानों का हिस्सा हैं।
7. जैव विविधता: पशुपालन जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करता है।
8. पर्यावरणीय लाभ: पशुपालन से खाद प्राप्त होती है जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है।
प्रश्न 10. मानव कल्याण में मधुमक्खी पालन की भुमिका का संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर: मानव कल्याण में मधुमक्खी पालन की भूमिका:
मधुमक्खी पालन मानव कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह निम्नलिखित तरीकों से मानव जीवन को बेहतर बनाता है:
1. शहद: मधुमक्खी पालन हमें शहद प्रदान करता है, जो एक प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य स्वास्थ्य लाभकारी गुण होते हैं।
2. परागण: मधुमक्खियां फूलों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परागण के बिना, कई पौधे फल और बीज नहीं बना सकते हैं। मधुमक्खी पालन से परागण में सुधार होता है, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ता है।
3. जैव विविधता: मधुमक्खियां जैव विविधता को बनाए रखने में मदद करती हैं। वे कई पौधों की प्रजातियों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
4. रोजगार: मधुमक्खी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
5. आय: मधुमक्खी पालन किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। वे शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों को बेचकर पैसे कमाते हैं।
6. पर्यावरणीय लाभ: मधुमक्खियां फूलों के परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे कई पौधे फल और बीज बना सकते हैं। यह वनस्पतियों और जीवों के लिए भोजन और आश्रय प्रदान करता है।