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JAC Board 12th Chemistry Exam 2024 : Most Important Objective + Subjective Question with Solution

JAC Board 12th Chemistry Exam 2024 : Most Important Objective + Subjective Question with Solution

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यहां पर हम JAC Jharkhand Board क्लास 12th के Chemistry - रसायन विज्ञान (JAC 12th Chemistry VVI Most Important Objective + Subjective Answer Questions) से संबंधित महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न दिए गए है। महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संग्रह है जो बहुत ही अनुभवी शिक्षकों के द्वारा तैयार किये गए है।

इसमें प्रत्येक महत्वपूर्ण प्रश्नों को छांट कर एकत्रित किया गया है, जो आपके पेपर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिससे कि विद्यार्थी कम समय में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। सभी प्रश्नों के उत्तर साथ में दिए गए हैं

झारखंड बोर्ड के सभी विद्यार्थिय अब आपकी Chemistry - रसायन विज्ञान परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है तो पेपर से पहले इन्हें रट लो, जिससे कि विद्यार्थी Chemistry - रसायन विज्ञान पेपर में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते है।

ये भी पढ़ें - JAC Board Class 12th Chemistry 2024 : रसायन विज्ञान अध्याय वार महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय और अति लघुउत्तरीय प्रश्न  ( VVI Objective and Short Answer Type Question )[ PDF Download ]

JAC 12th Chemistry VVI Most Important Questions

Multiple Choice Questions

1. घनीय निविड संकुलन का समन्वय संख्या क्या होगा?

a. 12
b. 6
C. 8
d. 4

Ans. a. 12

2. सरल घनिय एकक कोष्ठिका में कणों की संख्या होती है।

a. 1
C. 3
b. 2.
d. 4

Ans. a. 1

3. वह बिंदु दोष जिसके कारण घनत्व कम हो जाता है

a. फ्रेंकल दोष
b. शॉर्टकी दोष
C. धातु अधिक्य दोष
d. इनमें से कोई नहीं

Ans. b. शॉर्टकी दोष

4. ZnS द्वारा किस प्रकार के रससमीकरणमिती दोष प्रदर्शित किया जाता है

a. फ्रेंकल दोष
b. शाटकी दोष
C. a और b दोनों
d. दोनों में से कोई नहीं

Ans. a. फ्रेंकल दोष

5. 500 मिलीलीटर बिलियन में 10 ग्राम NaOH घुला है तो विलयन का मोलरता ज्ञात करें.

(a) 0.25 mol L-1
(b) 0.75mol L-1
(c ) 0.5 mol L-1
(d) 1.25mol L-1

Ans. (c ) 0.5 mol L-1

6. 648 ग्राम शुद्ध जल का मोललता क्या होगी?

(a) 36 m
(b) 55.5 m
(c) 3.6 m
(d) 5.55 m

Ans. (b) 55.5 m

7. इनमें से किस पदार्थ द्वारा वाष्पीय दाब सबसे कम होगा ?

(a) जल
(b) अल्कोहल
(c) ईथर
(d) पारा

Ans. (d) पारा

8. एक पादप कोशिका सिकुड़ जाता है जब उसे रखा जाता है।

(a) निम्न परासरी विलयन में
(b) उच्च परासरी विलयन में
(c ) सम परासरी विलियन में
(d)शुद्ध जल में

Ans. (b) उच्च परासरी विलयन में

9. विद्युत अपघटन विलयन की चालकता में वृद्धि होती है

(a) जब तनुता में वृद्धि होती है।
(b) तापमान में वृद्धि होती है
(c) तनुता में कमी होती है
(d) इनमें से कोई नहीं

Ans. (a) जब तनुता में वृद्धि होती है।

10. CuSO के विलयन में 96500 कूलम्ब आवेश प्रवाहित करने पर वियोजित होगा?

(a) 63.5g Cu
(b) 31.76g Cu
(c) 127 g Cu
(d) 95.25g Cu

Ans. (b) 31.76g Cu

11. चालकता =.........x सेल स्थिरांक.

(a) प्रतिरोध
(c ) चालकत्व
(b) मोलर चालकता
(d) प्रतिरोधकता

Ans. (c ) चालकत्व

12. रेडियो एक्टिव रेडियोधर्मिता एक उदाहरण है:

(a) शून्य कोटी
(b) प्रथम कोटि
(c) द्वितीय कोटि
(d) तृतीय कोटि

Ans. (b) प्रथम कोटि

13. किस प्रकार के अभिक्रिया का दर ताप साथ बढ़ता है।

(a) उष्माक्षेपी अभिक्रिया
(b) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(c) इनमें से कोई भी
(d) इनमें से कोई भी नहीं

Ans. (c) इनमें से कोई भी

14. अभिकारक के सांद्रता बढ़ने पर किसमें परिवर्तन होता है।

(a) ΔΗ
(b) टक्कर आवृत्ति
(c) संक्रियन ऊर्जा
(d) साम्य स्थिरांक

Ans. (b) टक्कर आवृत्ति

15. फेन किसका कोलॉइडी विलयन है :

a. द्रव में ठोस का
b. ठोस में द्रव का
C. द्रव में गैस का
d. द्रव में द्रव का

Ans. C. द्रव में गैस का

16. टिण्डल प्रभाव देखा जाता है:

a. वास्तविक विलियन
b. कोलाइडल विलयन
C. आदर्श विलयन
d. इनमें से कोई नहीं

Ans. b. कोलाइडल विलयन

17. जब किसी कोलाइडल से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो क्या प्रेक्षण होता है ?

a. वैद्युतकणसंचलन
b. अपोहन
C. स्कंदन
d. टिंडल प्रभाव

Ans. a. वैद्युतकणसंचलन

18. भौतिक अधिशोषण में कितनी परतें शामिल होती हैं?

a. शून्य
b. एक
C. दो
d. बहुत सा

Ans. d. बहुत सा

19. निम्नलिखित में से कौन सा एल्यूमीनियम का अयस्क है?

a. बॉक्साइट
b. हेमेटाइट
C. मैलाकाइट
d. जिंकाइट

Ans. a. बॉक्साइट

20. निकल धातु का शोधन किस विधि द्वारा किया जाता है -

a. मंडल परिष्करण
b. वाष्प प्रावस्था परिष्करण
C. द्रावगलन परिष्करण
d. आसवन

Ans. b. वाष्प प्रावस्था परिष्करण

21. कैलामाइन अयस्क है:

a. Zn
b. ΑΙ
C. Cu
d. Fe

Ans. a. Zn

22. गैलेना अयस्क है:

a. Fe
b. Cu
C. Zn
d. Pb

Ans. d. Pb

23. फॉस्फोरस अम्ल की क्षारकता क्या होती है ?

a. 1
b. 2
C. 3
d. 4

Ans. b. 2

24. निम्नलिखित में से कौन सा फॉस्फोरस का अपरूप नहीं है।

a. लाल फास्फोरस
b. श्वेत फास्फोरस
C. नीला फास्फोरस
d. काला फास्फोरस

Ans. C. नीला फास्फोरस

25. श्वेत फॉस्फोरस में P-P एकल बंध की संख्या होती है-

a. 3
b. 4
C. 5
d. 6

Ans. d. 6

26. निम्नलिखित में से कौन सी नोबल गैस सबसे अधिक प्रतिक्रियाशील है?

a. He
b. Ne
C. Kr
d. Xe

Ans. d. Xe

27. निम्नलिखित में से कौन सा ऑक्सीकरण अवस्था सभी लैनथेनॉइड के लिए सामान्य है?

a. +2
b. +4
C. +3
d. +5

Ans. C. +3

28. निम्नलिखित में से कौन सा डी-ब्लॉक तत्व एक संक्रमण धातु नहीं है ?

a. Cu
b. Ag
C. Au
d. Zn

Ans. d. Zn

29. संक्रमण धातु आयनों का रंग किसके कारण होता है-

a. डी डी संक्रमण
b. ज्यामिति में परिवर्तन
C. आवेश स्थानांतरण
d. इनमें से कोई नहीं

Ans. a. डी डी संक्रमण

30. पोटैशियम परमैंगनेट का रंग कैसा होता है?

a. पीला
b. लाल
C. बैंगनी
d. हरा

Ans. C. बैंगनी

31. एक संकुल में धनायन की द्वितीयक संयोजकताओं को संतुष्ट करने वाले समूह कहलाते हैं:

(a) मुक्त मूलक
(b) इलेक्ट्रॉन की कमी वाले अणु
(c) लिगेंड
(d) ये सभी

Ans. (c) लिगेंड

32. वर्गाकार समतलीय यौगिक MXYZA के लिए, जहां M केंद्रीय धातु तथा लिड X, Y Z, A एकदंतुर लिगेंड हैं, संभावित ज्यामितीय समावयवी की संख्या होगी
(a) 1
(c) 4
(b) 2
(d) 3

Ans. (d) 3

33. यदि Co, +2 अवस्था में हो तो, किस प्रकार की समावयवता अष्टफलकीय संकुल Co(NH3)4 Br2CI द्वारा प्रदर्शित होगी।

(a) ज्यामितीय और आयनीकरण
(b) ज्यामितीय और प्रकाशीय
(c) प्रकाशीय और आयनीकरण
(d) केवल ज्यामितीय

Ans. (a) ज्यामितीय और आयनीकरण

34. [PtBrCI(NO2)(NH3)]] यौगिक आयनीकरण पर आयन प्रदान करेगा

(a) I-
(b) CI-
(c) Br-
(d) इनमे सभी

Ans. (a) I-

35. एल्केन के हैलोजनीकरण का परिणाम होता है

(a) अल्कोहल
(b) एल्केन
(c) हैलोएल्केन
(d) बेंजीन

Ans. (c) हैलोएल्केन

36. सैंडमेयर की अभिक्रिया में प्रयुक्त नमक :

(a) अमोनियम नमक
(b) डाइजोनियम नमक
(c) बेंजीन
(d) KCI

Ans. (c) बेंजीन

37. अल्काइल हैलाइड को एल्कीन में परिवर्तित किया जाता है।

(a) योगात्मक अभिक्रिया
(b) विस्थापन अभिक्रिया
(c) प्रतिस्थापन अभिक्रिया
(d) उन्मूलन अभिक्रिया

Ans. (d) उन्मूलन अभिक्रिया

38. निम्नलिखित में से कौन सा एल्काइल हैलाइड तेजी से SN, प्रतिक्रिया से गुजरता है।

(a) प्राथमिक
(b) द्वितीयक
(c) तृतीयक
(d) सभी

Ans. (c) तृतीयक

39. एल्कीन के जल अपघटन से निम्नलिखित में से कौन नहीं बन सकता है

(a) मेथनॉल
(b) इथेनॉल
(c) प्रोपेनोल
(d) इनमें से कोई नहीं

Ans. (a) मेथनॉल

40. ऐल्किल हैलाइड के साथ ऐल्कॉक्साइड आयन से ईथर बनाने की अभिक्रिया कहलाती है

(a) वुर्टज अभिक्रिया
(b) कोल्ब्स अभिक्रिया
(c) विलियमसन का संश्लेषण
(d) फ्रिडेलक्राफ्ट अभिक्रिया

Ans. (c) विलियमसन का संश्लेषण

41. एक एस्टर को प्रतिक्रिया से तैयार किया जा सकता है।

(a) दो अल्कोहल की
(b) एक अल्कोहल और एक एल्डिहाइड
(c) फिनोल और अल्कोहल की
(d) एक अल्कोहल और कार्बनिक अम्ल की

Ans. (d) एक अल्कोहल और कार्बनिक अम्ल की

42. ऐल्कोहॉल का क्वथनांक ईथर से अधिक होता है

(a) हाइड्रोजन आबंधन के कारण
(b) एल्कोहल के बड़े आकार के कारण
(c) अधिक ऐल्किल समूह मौजूद होते हैं।
(d) उच्च आण्विक भार

Ans. (c) अधिक ऐल्किल समूह मौजूद होते हैं।

43. कार्बोनिल कार्बन है:

(a) इलेक्ट्रॉननेही
(b) नाभिकनेही
(c) एम्फोटेरिक
(d) लुईस बेस

Ans. (d) लुईस बेस

44. ऐमीन किसका व्युत्पन्न है

(a) हाइड्रोकार्बन
(b) अमोनिया
(c) अल्कोहल
(d) एल्डिहाइड

Ans. (b) अमोनिया

45. सरल ऐरोमैटिक ऐमीन का सामान्य नाम क्या है?

(a) एनिलिन
(b) बेंज़िल अमीन
(c) फिनाइल
(d) इनमें से कोई नहीं

Ans. (a) एनिलिन

46. निम्नलिखित में से कौन विटर आयन के रूप में मौजूद हो सकता है?

(a) P-एमिनोएसिटोफेनोन
(b) सल्फानिलिक अम्ल
(c) p- नाइट्रोएमिनोबेंजीन
(d) p- मेथॉक्सफेनॉल

Ans. (b) सल्फानिलिक अम्ल

47. गेब्रियल थैलामाइड संश्लेषण का उपयोग किसकी तैयारी के लिए किया जाता है?

(a) 1 डिग्री एमीन
(b) 2 डिग्री एमीन
(c) 3 डिग्री एमीन
(d) इनमें से कोई नहीं

Ans. (d) इनमें से कोई नहीं

48. निम्न में से सबसे मीठी चीनी कौन सी है?

(a) सुक्रोज
(c) फ्रुक्टोज
(b) ग्लूकोज
(d) माल्टोज

Ans. (c) फ्रुक्टोज

49. जैव अणु होते हैं

(a) एल्डिहाइड और कीटोन
(b) एसिड और एस्टर
(c) कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा
(d) अल्कोहल और फिनोल

Ans. (c) कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा

50. निम्नलिखित में से कौन सा एक डाईसैकेराइड है।

(a) ग्लूकोज
(b) फ्रुक्टोज
(c) ज़ाइलोज़
(d) सुक्रोज

Ans. (d) सुक्रोज

VERY SHORT ANSWER TPYE QUESTION:

1. किस दोष के कारण ठोस का घनत्व कम हो जाता है।

Ans- Schottky defect (शॉर्टकी दोष)

2. घनीय निविड संकुलन में चतुष्फलकीय रिक्ति की संख्या बताएं?

Ans- 8

3 किस प्रकार का अर्धचालकता पाया जाता है जब सिलिकॉन को आर्सेनिक से डोप किया जाता है?

Ans- n type semiconductor. (n प्रकार अर्धचालकता)

4. विलयन क्या है?

Ans: विलयन एक सजातीय मिश्रण है जो दो या दो से अधिक पदार्थों का होता है.

5. समपरासरी विलियन क्या हैं?

Ans:- ऐसे विलयन जिनका परासरण दाब समान हो, उन्हें समपरासरी विलयन कहते हैं.

6. विशिष्ट चालकता या चालकता को परिभाषित करें.

Ans: विशिष्ट चालकता वह चालकता है जब इलेक्ट्रोड के बीच की दूरी 1 सेंटीमीटर है तथा अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 1 सेंटीमीटर स्क्वायर हो.

7. यशदीकरण क्या है?

Ans: लोहे या इस्पात के ऊपर जस्ते की परत चढ़ाने की प्रक्रिया को यशदीकरण कहा जाता है.

8. अभिक्रिया की वेग को परिभाषित करें.

Ans: कर या उत्पाद में से किसी एक का प्रति इकाई समय में सांद्रता में परिवर्तन को अभिक्रिया का वेग कहते हैं.

9. वेग स्थिरांक को परिभाषित करें.

Ans: वेग स्थिरांक अभिक्रिया का वेग है जब प्रत्येक अभिकारक का मोलर सांद्रता का मान इकाई होता है.

10. क्रिस्टलीय रूप की तुलना में उनकी चूर्णित पदार्थ अधिक प्रभावी अधिशोषक क्यों होते हैं ?

Ans: बड़े सतह क्षेत्र के कारण।

11. C तथा CO में से कौन सा 673K पर बेहतर अपचायक है?

Ans: CO

12. एल्यूमीनियम के वैधुत - धातुकर्म में ग्रेफाइट रॉड की क्या भूमिका है?

Ans: यह एनोड के रूप में कार्य करता है।

13. नाइट्रोजन की अधिकतम सहसंयोजकता कितनी होती है?

Ans: नाइट्रोजन की अधिकतम सहसंयोजकता चार होती है।

14. बड़े पैमाने पर अमोनिया कैसे तैयार की जाती है ?

Ans: हैबर की प्रक्रिया द्वारा।

15. लैन्थेनॉयड श्रेणी के एक सदस्य का नाम बतलाइए जो +4 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है।

Ans: सीरियम (Z=58)

16. संक्रमण तत्त्वों की 3d श्रेणी का कौन सा तत्व बड़ी संख्या में ऑक्सीकरण अवस्थाएं दर्शाता है ?

Ans: मैंगनीज (Z=25)

17. आयनन समावयवता का एक उदाहरण दीजिए ।

Ans: [Co(NH3}5Br]SO4 और [Co (NH3)5SO4]JBr

18. होमोलेष्टिक और हेटरोलेष्टिक समन्वयक संकुल का एक-एक उदाहरण दें

Ans:  होमोलेप्टिक यौगिक [Cu(NH3)4]+2
हेटरोलेप्टिक यौगिक - [Co(NH3)4Cl2]+

19. प्रीन्स से आप क्या समझते हैं?

Ans:  मीथेन और एथेन के क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिकों को फ्री ऑन के रूप में जाना जाता है। उदाहरण CCl2F2

20. ग्लिसरॉल में कितने ऐल्कोहॉल समूह उपस्थित होते हैं?

Ans:  3

21. निम्नलिखित को उनके क्वथनांक के घटते क्रम में व्यवस्थित करें: ब्यूटेन, ब्यूटेनॉल, ब्यूटेनल और ब्यूटेनोन।

Ans:  ब्यूटेनॉल >ब्यूटेनल> ब्यूटेनोन> ब्यूटेन

22. ऐमीन नाभिक स्नेही की तरह व्यवहार क्यों करता हैं?

Ans:  नाइट्रोजन परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति के कारण ऐमीन नाभिकस्नेही की भाँति व्यवहार करता है।

23. डीएनए में मौजूद प्यूरीन के नाम बताएं?

Ans: एडेनिन और ग्वानिन ।

24. क्या एक एंजाइम को बहुलक कहा जा सकता है?

Ans:  एंजाइम जैव उत्प्रेरक होते हैं। वे प्रोटीन हैं। अतः इन्हें बहुलक भी कहा जाता है।

25. रोगाणु क्या हैं?

Ans:  रोगाणु वे जीव हैं जो रोगों को उत्पन्न करता है

SHORT ANSWER TYPE QUESTIONS:

1. ठोस दृढ़ क्यों होते हैं

Ans- ठोस में अवयवी कणों परमाणु, अणु या आयन) के बीच मजबूत अंतर परमाण्विक, अंतर आणविक या अंतर आयनिक बल होता है. इनके अवयवी कण स्वतंत्र रूप से गति नहीं करते परंतु अपने माध्य स्थान में विचलन (दोलन) करते रहते हैं अतः ठोस कठोर (दृढ़) होते हैं.

2. मोललता एवं मोलरता में अंतर करें तापमान परिवर्तन पर इनका क्या प्रभाव पड़ता है?

Ans: मोललता : (a) एक किलोग्राम विलायक में उपस्थित विलेय के मोलों की संख्या को मोललता कहते हैं.
(b) ताप पर प्रभाव: कोई प्रभाव नहीं.
मोलरता : (a) एक लीटर विलयन में उपस्थित विलय की मोलों की संख्या को मोलरता कहते हैं.
(b) ताप पर प्रभाव: ताप में परिवर्तन होने पर मोलरता में परिवर्तन होता है.

3. क्लोरोफॉर्म को जब एसीटोन के साथ मिलाया जाता है तो तापमान बढ़ जाता है क्यों ?

Ans: क्लोरोफॉर्म अणुओं एवं एसीटोन अणुओं में द्विध्रुवीय आकर्षण होता है. जब क्लोरोफॉर्म और एसीटोन को आपस में मिलाया ता है तो इनके बीच हाइड्रोजन बंध बनने शुरू हो जाता है जिसके कारण ऊर्जा मुक्त होने लगता है. अतः तापमान बढ़ जाता है.

4. परासरण और प्रतिलोम परासरण को परिभाषित करें.

Ans: परासरणः अर्ध पारगम्य झिल्ली द्वारा अणुओं का निम्न सांद्रता वाले विलयन से उच्च सांद्रता वाले विलयन की ओर गमन को परासरण कहते हैं.उत्क्रम (प्रतिलोम ) परासरण: जब कोई दाब जो परासरण दाब से अधिक हो, उसे विलयन के तरफ लगाया जाए तो विलायक के अणुओं का गमन विलयन से विलायक की ओर होने लगता है उसे ही उपक्रम परासरण कहते है.

5. भक्रिया का कोटि एवं आण्विकता में अंतर लिखें.

Ans. अभिक्रिया की कोटि: यह एक प्रायोगिक मात्रा है जिससे गणना नहीं किया जा सकता यह एक भिन्न संख्या भी हो सकता है. साथ ही साथ शून्य भी. यह प्राथमिक तथा जटिल दोनों अभिक्रियाओं के लिए उपयुक्त है.
अभिक्रिया का आण्विकता :
इसे गणना किया जा सकता है.
यह हमेशा पूर्ण संख्या में होता है.
यह केवल प्राथमिक अभिक्रिया के लिए ही उपयुक्त है.

6. अभिक्रिया का वेग एवं वेग स्थिरांक में अंतर स्पष्ट करें. 

Ans. अभिक्रिया का वेगः
यह अभिकारक या उत्पाद के इकाई समय में सांद्रता में परिवर्तन है.
यह अभिकारक के मोलर सांद्रता पर निर्भर करता है.
इसका मात्रक mol L-1 time -1.
वेग स्थिरांक :
यह एक अभिक्रिया का वेग है जब अभिकारकों का सांद्रता का मान इकाई (एक) है.
यह अभिकारक के सांद्रता पर निर्भर नहीं करता है.
इसका मात्रक अभिक्रिया की कोटि पर निर्भर करता है.

7. अधिशोषण एवं अवशोषण शब्दों (पदों) के तात्पर्य में विभेद कीजिए । प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर- अधिशोषण तथा अवशोषण में अन्तर अधिशोषण यह एक पृष्ठीय परिघटना है। अणुक स्पीशीज़ का किसी ठोस या द्रव के स्थूल की अपेक्षा पृष्ठ पर संचित होना अधिशोषण कहलाता है। उदाहरण सिलिका जैल पर जलवाष्प का अधिशोषण । अवशोषण यह एक स्थूल परिघटना है। अवशोषण में पदार्थ ठोस के सम्पूर्ण स्थूल में एकसमान रूप से वितरित हो जाता है। उदाहरण - निर्जलीय CaCI2 द्वारा अवशोषित जल वाष्प ।

8. इमल्शन (पायस) क्या हैं? उनके विभिन्न प्रकार क्या हैं? प्रत्येक प्रकार का उदाहरण दें।

उत्तरः इमल्शन कोलाइडल प्रणाली है जिसमें परिक्षिप्त अवस्था और परिक्षेपण माध्यम दोनों द्रव होते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं: (i) जल का तेल मे परिक्षेपण - उदाहरण - दूध (ii) तेल का जल मे परिक्षेपण - उदाहरण बटर ।

9. वे कौन से कारक हैं जो किसी ठोस पर गैस के अधिशोषण को प्रभावित करते हैं?

उत्तर : ठोस पर गैस के अधिशोषण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं- (i) अधिशोष्य की प्रकृति (ii) तापमान (iii) दबाव

10. निम्नलिखित शब्दों को परिभाषित कीजिए:
(i) अधिशोषक
(ii) ब्राउनी गति
(iii) मिसेल

उत्तरः (i) वह पदार्थ जिसकी सतह पर अधिशोषण होता है, अधिशोषक कहलाता है।
(ii) कोलॉइडी विलयन में कोलॉइडी कणों की निरंतर टेढ़ी-मेढ़ी गति को ब्राउनी गति कहते हैं।
(iii) कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कम सांद्रता पर सामान्य प्रबल वैदूत अपघट्य के रूप में व्यवहार करते हैं लेकिन उच्च सांद्रता पर कणों का पुंज बनने के कारण कोलाइड के रूप में व्यवहार करते हैं। इस प्रकार बनने वाले पुंजित कण को मिसेल कहते हैं।

11. उदाहरण देते हुए भर्जन और निस्तापन में अंतर स्पष्ट करें

उत्तर: अयस्क को वायु की नियमित आपूर्ति के साथ धातु के गलनांक से नीचे के तापमान पर गर्म करने की प्रक्रिया को भर्जन कहते हैं।
E.g. ZnS +02→ ZnO + SO2
अयस्क को वायु की सीमित आपूर्ति के साथ धातु के गलनांक के नीचे के तापमान पर गर्म करने की प्रक्रिया को निष्पातन कहते है ।
उदाहरण : Zn CO3 (s) Δ ZnO (s) + CO2 (g)

12. उस विधि का नाम लिखिए जिसमें क्लोरीन सहउत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। क्या होगा यदि NaCI के जलीय विलियन का विद्युत अपघटन किया जाए ।

उत्तरः डाउन विधि में क्लोरीन सहउत्पाद के रूप में प्राप्त होती यदि NaCl के जलीय विलियन का विद्युत अपघटन किया जाए तो एनोड पर क्लोरीन गैस और कैथोड पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होगा ।

13. अयस्क और खनिजों में अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थ जो खनन द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं, उन्हें खनिज कहते हैं। जैसे कोयला, पेट्रोलियम आदि। जिन खनिजों से धातु को लाभ के साथ प्राप्त किया जा सकता है उसे उस धातु का अयस्क कहते हैं। जैसे बॉक्साइट, हेमेटाइट आदि।

14. अंतराहैलोजन यौगिक को उदाहरण सहित समझाइए ।

उत्तर- जब दो भिन्न हैलोजन एक दूसरे से अभिक्रिया करते हैं तब अंतरा हैलोजन यौगिक बनते हैं। इन्हें सामान्य संघटनों XX ; XX3 ; XX5 तथा XX7 से प्रदर्शित किया जा सकता है। जहाँ X बड़े आकार वाला हैलोजन है तथा X' छोटे आकार वाला एवं X, X' की तुलना अधिक विद्युत धनात्मक है। उदाहरण : CIF, BrF3, BrF5, IF7 आदि।

15. जलीय विलयन में द्विसंयोजी आयन के चुंबकीय आघूर्ण की गणना कीजिए; यदि इसका परमाणु क्रमांक 25 है।

उत्तरः जलीय विलयन में परमाणु क्रमांक 25 वाले द्विसंयोजी आयन में अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5 होगी। अतः इसका चुंबकीय आघूर्ण होगा, u = √5 (5+ 2) = 5.92BM

16. मिश धातु क्या है और इसका क्या उपयोग है?

उत्तर : मिश धातु एक मिश्रातु है जो एक लैन्थेनॉयड धातु (लगभग 95%), आयरन (लगभग 5% ) तथा लेशमात्र S, C, Ca, व AI से बनी होती है। उपयोग - मिश धातु मैग्नीशियम आधारित मिश्रातु में प्रयुक्त होती है जो बंदूक की गोली, कवच या खोल तथा हल्के फ्लिंट के उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाता है।

17. एकदंतुर, द्विदंतुर और उभयदन्ती लिगेंड से क्या तात्पर्य है? प्रत्येक के लिए दो-दो उदाहरण दीजिए।

उत्तरः एकदंतुर लिंगेंड - इस प्रकार की लिंगेंड में केवल एक दाता केंद्र होता हैं। उदाहरण- अमोनिया, क्लोराइड आयन
द्विदंतुर लिगेंड - यह भी लुईस क्षार होते हैं जो दो इलेक्ट्रॉन युग्म केंद्रीय धातु को प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण- एथिलीन डाईएमीन, ऑक्सलेट आयन
उभयदन्ती लिंगेंड - इस प्रकार के लिंगेंड में दो या दो से अधिक दाता परमाणु होते हैं लेकिन उप संयोजक यौगिक के निर्माण के दौरान केवल एक परमाणु केंद्रीय धातु से जुड़ा होता है। उदाहरण-SCN, NO2

18. SN और SN2 अभिक्रिया में अंतर करें

उत्तर:

19. समझाइए कि ऑर्थो नाइट्रोफीनॉल, ऑर्थो मेथॉक्सीफीनॉल से अधिक अम्लीय क्यों है?

उत्तर- नाइट्रो समूह के प्रबल - R और - I प्रभाव के कारण OH बंधन में इलेक्ट्रॉन का घनत्व कम हो जाता है एवं प्रोटोन का हास आसान हो जाता है। प्रोटोन के मुक्त होने के बाद बने फिनॉक्साइड आयन का स्थायित्व अनुनाद के द्वारा और अधिक बढ़ जाता है जिससे ऑर्थो नाइट्रो फिनोल ऑर्थो मीथॉक्सीफिनोल से ज्यादा अम्लीय होता है।

20. ऐल्किल ऐमीन अमोनिया से अधिक क्षारीय क्यों होता है?

उत्तरः अल्काईलऐमीन में उपस्थित अल्काईल समूह की इलेक्ट्रॉन प्रति कृषि प्रकृति, (+1 प्रभाव) के कारण नाइट्रोजन की इलेक्ट्रॉन युग्म की प्रोटॉन से साझेदारी की उपलब्धता बढ़ जाती है। इसलिए, ऐल्किलऐमीन अमोनिया से अधिक क्षारीय होता है।

21. निम्नलिखित के कारण दीजिए
(i) एथिलमाइन पानी में विलेय है जबकि एनिलिन नहीं ?

उत्तर: जब एथिलमाइन को पानी के साथ मिलाया जाता है तो यह जल के साथ हाइड्रोजन बंधन बनाता है। इस वजह से एथिलमाइन पानी में घुलनशील होता है। एनीर्लिन में एक अत्यधिक हाइड्रोकार्बन भाग बेंजीन के रूप में जुड़ा रहता है जिसके कारण एनीलिंग पानी के साथ हाइड्रोजन बंधन नहीं बनाता है। इसलिए एनिलिन जल में अघुलनशील है।
(ii) ऐनिलीन का pkb मान मेथिलऐमीन से अधिक होता है?

उत्तरः एनीलीन अनुनाद से गुजरता है और परिणाम स्वरूप N परमाणु पर इलेक्ट्रॉन युग्म बेंजीन रिंग के ऊपर डेलोकलाइज्ड होता है। इसलिए N परमाणु पर इलेक्ट्रॉन दान करने हेतु कम उपलब्ध होते हैं। दूसरी तरफ एथिल एमीन मे इथाइल समूह + प्रभाव दिखाता है, जिसके कारण N परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है।

22. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए।
(i) किस विटामिन की कमी से रतौंधी होता है?
(ii) RNA के न्यूक्लियोटाइड्स में पाए जाने वाले क्षार का नाम लिखें, जो DNA में नहीं पाया जाता है।

उत्तरः (i) विटामिन ए
(ii) यूरासिल

23. प्रत्येक का एक उदाहरण देते हुए निम्नलिखित की व्याख्या करें

Ans. (i) रोगाणु रोधक - यह वैसा रासायनिक पदार्थ या दवा है जो सूक्ष्म जीवों के विकास को मारती है या रोकती है, लेकिन जीवित उत्तक को हानि नहीं पहुंचाती है, रोगाणु रोधक कहलाती है। उदाहरण. डेटॉल फ्यूरासिन, आदि।
(ii) प्रति अम्ल - यह वैसा रासायनिक पदार्थ या दवा है जो पेट में
अम्ल की अधिकता को उदासीन करता है, इसे प्रतिअम्ल कहते हैं। उदाहरण :- सोडियम बाइकार्बोनेट, मैगनीशियम हाइड्रोक्साइड, एल्युमीनियम हाइड्रोक्साइड |

24. एस्पिरिन एक दर्द निवारक ज्वरनाशक दवा है लेकिन इसका उपयोग हृदयाघात से रोकने के लिए किया जाता है, व्याख्या करें?

उत्तरः एस्पिरिन प्लेटलेट जमावट को रोकता है एवं खुन को थक्के बनने भी रोकता है। इसलिए, यह हृदय में रक्त के थक्के जमने से रोक सकता है।

25. बहुलक क्या हैं?

उत्तर: बहुलक उच्च आणविक द्रव्यमान वाले पदार्थ (103-10/u) होते हैं, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में सरल दोहराई जाने वाली संरचनात्मक इकाइयाँ होती हैं, जो एक रैखिक फ़ैशन में सहसंयोजक बंधों के माध्यम से एक साथ जुड़ी होती हैं। उन्हें बृहदणु भी कहा जाता है। उदाहरण- पॉलीथीन, बैकेलाइट, नायलॉन 66, आदि। .

LONG ANSWER TYPE QUESTIONS:

1. संक्षिप्त टिप्पणी लिखें:
अनुचुंबकत्व
प्रति चुंबकत्व
लौहचुम्बकत्व

Ans. (a) अनुचुंबकत्व : अनुचुंबकत्व पदार्थों का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ दुर्बलता से चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं. इसका दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के समान ही होता है अनुचम्बकत्व चुंबकीय क्षेत्र के अभाव में समाप्त हो जाता है. अयुग्मित (unpair) इलेक्ट्रॉन के कारण अनु चुंबकत्व होता है. MMMM
उदाहरण: O2: Cu2+, Fe3+ इत्यादि.
b) प्रति चुंबकत्व : प्रति चुंबकत्व पदार्थों का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ दुर्बलता से चुंबकीय क्षेत्र से विकर्षित होते हैं. इसका दिशा चुंबकीय क्षेत्र के दिशा के विपरीत होता है. प्रति चुंबकत्व वैसे पदार्थों में पाया जाता है जिनमें सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित (paired) रहते हैं.
उदाहरण: H2, O, NaCl, C6, H6, इत्यादि.
लौहचुंबकत्व : लौहचुंबकत्व पदार्थों का वह गुण है जिसके कारण पदार्थ दृढ़ता से चुम्बकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं. यह एक स्थायी चुम्बकत्व है जिसमें चुम्बकीय क्षेत्र के अभाव में भी चुम्बकीय गुण पाया जाता है.
उदाहरण: Fe, Co, Ni इत्यादि.

2. 250 ग्राम जल में 54 ग्राम ग्लूकोस धुला है. वह ताप ज्ञात करें जिस पर वह विलयन जमेगा (हिम बनेगा ) ? (जल का Kf=1.86 K Kgmol-1).

Ans. 

3. 0.025mol-1 मिथेनॉईक अम्ल का मोलर चालकत्व 46.1 Sc- m2mol-1 है. वियोजन की मात्रा एवं वियोजन स्थिरांक क्या होगा? (दिया गया है;

Ans. 

4. स्थिर ताप पर HCOOH का तापीय अपघटन प्रथम कोटि अभिक्रिया है जिसका वेग स्थिरांक 2.4x10-3S-1 है. प्रारंभिक सांद्रण का तीन चौथाई अपघटन में लगे समय की गणना करें.

Ans. 

5. भौतिक अधिशोषण और रासायनिक अधिशोषण में क्या अंतर है?

Ans. 

6. द्रवरागी और द्रवविरागी कोलाइड्स क्या हैं? प्रत्येक का एक- एक उदाहरण दीजिए द्रवविरागी कोलॉइड आसानी से स्कंदित क्यों हो जाते हैं?

Ans.  द्रवरागी कोलाइड्स वह कोलाइडल घोल जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के कणों के बीच अत्यधिक आकर्षण होता है द्रवरागी कोलाइड कहा जाता है। ये उत्क्रमणीय हैं। उदाहरण - गोंद, जिलेटिन, स्टार्च, आदि के सोल। द्रवविरागी कोलाइड्स वह कोलाइडल घोल जिसमें परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के कणों के बीच कोई आकर्षण नहीं होता है, द्रवविरागी कोलाइड कहा जाता है। ये अनुत्क्रमणीय हैं। उदाहरण फेरिक हाइड्रॉक्साइड, धातु सल्फाइड, गोल्ड धातुओं आदि के विलयन । द्रवविरागी कोलाइड्स आसानी से स्कंदित हो जाते हैं क्योंकि वे स्थिर नहीं होते हैं और उनके संरक्षण के लिए स्थिरीकरण एजेंट की जरूरत है।

7. निम्नलिखित पदों की व्याख्या करें:
(i) वैद्युतकणसंचलन
(ii) अपोहन
(iii) स्कंदन उत्तर

Ans.  (i) वैद्युत कण संचलन जब विद्युत प्रवाह कोलाइडयन सॉल के माध्यम से पारित किया जाता है, तब कोलाइडी कण विपरीत आवेश वाले इलेक्ट्रोड की ओर गति करते हैं। इस प्रक्रम को वैद्युत कण संचलन कहा जाता है।
(ii) अपोहन एक उपयुक्त झिल्ली द्वारा विसरित करके कोलॉइडी विलयन में से घुले हुए पदार्थ को अलग करने की प्रक्रिया को अपोहन कहते हैं।
(iii) स्कन्दन- कोलॉइडी कणों के नीचे बैठ जाने का प्रक्रम सॉल का स्कंदन या अवक्षेपण कहलाता है।

8. ताँबे के विद्युत अपघटनी शोधन को समझाइए |

Ans.  ताँबे का शोधन वैद्युत अपघटनी विधि के द्वारा किया जाता है। अशुद्ध कॉपर ऐनोड के रूप में तथा शुद्ध कॉपर पत्री कैथोड के रूप में लेते हैं। कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन वैद्युत अपघटनी होता है तथा वैद्युत अपघटन के वास्तविक परिणामस्वरूप, शुद्ध कॉपर ऐनोड से कैथोड की तरफ़ स्थानांतरित हो जाता है।

फफोलेदार कॉपर की अशुद्धियाँ ऐनोड पंक के रूप में जमा होती हैं जिसमें एन्टीमनी सिलीनियम टेल्यूरियम, चाँदी, सोना तथा प्लैटिनम मुख्य होती हैं। इन तत्वों की पुनः प्राप्ति से शोधन की लागत की क्षतिपूर्ति हो सकती है।

9. निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या कीजिए।
(i) सज्जीकरण (ii) द्रव गलन परिष्करण (iii) अपअयस्क

Ans.  (i) सज्जीकरण: अयस्क से अपअयस्क के निष्कासन के प्रक्रम को सज्जीकरण कहते हैं।
(ii) द्रव गलन परिष्करण: इस विधि में कम गलनांक वाली धातु जैसे टिन को पिघलाकर ढालू सतह पर बहने दिया जाता है, जिससे अधिक गलनांक वाली अशुद्धियां अलग हो जाती है
(ii) अपअयस्क अयस्क में उपस्थित अवांछित अशुद्धियाँ जैसे रेत, मिट्टी आदि को अपअयस्क कहते हैं।

10. निम्नलिखित सिद्धांतों की रूपरेखा दीजिए ।
(i) मंडल परिष्करण
(ii) वाष्प प्रावस्था परिष्करण
(iii) फेन प्लवन विधि

Ans.  (i) मंडल परिष्करण: यह विधि इस सिद्धांत पर आधारित है। कि अशुद्धियों की विलेयता धातु की ठोस अवस्था की अपेक्षा गलित अवस्था में अधिक होती है।
(ii) वाष्प प्रावस्था परिष्करण: इस विधि में धातु को वाष्पशील यौगिक में परिवर्तित किया जाता है तथा वाष्पित यौगिक को एकत्र कर लेते हैं। इसके बाद इसे विघटित करके शुद्ध धातु प्राप्त कर लेते हैं।
(iii) फेन प्लवन विधि : यह विधि सल्फाइड अयस्कों को गैंग से मुक्त करने के लिए प्रयुक्त होती है। इस विधि में अयस्क के कण तेल से जबकि गैंग के कण जल से भीग जाते हैं।

11. निम्नलिखित में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्थाएँ क्या हैं:
(i) H3PO4 (ii) PCI3 (iii) Ca3 P2 (iv) P4 (v) POF3 ?

Ans.  (i) H3 PO4 में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्था +5 है।
(ii) PCI3 में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्था +3 है।
(iii) Ca3 P2 में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्था -3 है।
(iv) P4 में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्था O है ।
(v) POF3 में फास्फोरस की ऑक्सीकरण अवस्था +5 है।

12. नॉयड आकुंचन क्या है? उसका कारण क्या है ? लैन्थेनॉयड आकुंचन के परिणाम क्या हैं?

Ans.  लैन्थेनम से ल्युटीशियम तक के तत्वों की परमाणु एवं आयनिक त्रिज्याओं में समग्र हास को लैन्थेनॉयड आकुंचन के रूप में जाना जाता है।
कारण - यह 4f इलेक्ट्रॉनो के दुर्बल परिरक्षण प्रभाव के कारण है।
परिणाम :
(i) तृतीय संक्रमण श्रेणी के तत्वों का परमाणु आकार, द्वितीय संक्रमण श्रेणी के संगत तत्वों के लगभग समान होता है।
(ii) लैन्थेनॉयड का निष्कर्षण एवं पृथक्करण कठिन हो जाता है

13. कारण बताते हुए स्पष्ट कीजिए:
(i) संक्रमण धातुएँ और उनके अनेक यौगिक अनुचुम्बकीय व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
(iii) संक्रमण धातुएँ सामान्यतः रंगीन यौगिक बनाती हैं।
(iii) संक्रमण धातु परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते हैं।
(iv) संक्रमण धातुएँ तथा उनके अनेक यौगिक अच्छे उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।
(v) संक्रमण धातुओं कणन एन्थैल्पी के उच्च मान को दर्शाते हैं।

Ans.  (i) यह अयुगलित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण होता है।
(ii) यह इलेक्ट्रॉनों के d - d संक्रमण के कारण होता है।
(iii) यह अपूर्ण d - कक्षकों के कारण है।
(iv) यह परिवर्तनशील ऑक्सीकरण अवस्थाओं को अपनाने और संकुल यौगिक के बनाने के क्षमता के कारण होता है।
(v) यह उनके परमाणुओं में बड़ी संख्या में अयुगलित इलेक्ट्रॉनों और मजबूत अंतर - परमाणु धात्विक आबंध के कारण होता है।

14. संयोजी आबंध सिद्धांत का उपयोग करते हुए, [Cr(H2O)]** आन की ज्यामिति और चुंबकीय प्रकृति की व्याख्या करें।

Ans. 

15. IUPAC मानकों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित के सूत्र लिखिए
(a) टेट्राहाइड्रोक्सोजिंकेट
(b) हेक्साऐमीनकोबाल्ट (III) सल्फेट
(c) पोटेशियम ट्राइऑक्सैलेटोक्रोमेट (III)
(d) पेंटाऐमीन नाइट्रीटो - N - कोबाल्ट (III)
(e) टेट्रा ब्रोमिडो क्यूप्रेट (II)

Ans. 

16. निम्नलिखित प्रतिक्रियाओं को पूरा करें
(I) उत्पाद A, B तथा C का पता लगाएं?


(ii) उत्पाद A, B तथा C का पता लगाएं?

17. निम्नलिखित को व्यवस्थित करें।

18. निम्नलिखित अभिक्रियाओं की व्याख्या कीजिए।

Ans. 

19. D-ग्लूकोज की उन अभिक्रियाओं का वर्णन कीजिए जो इसकी विवृत श्रृंखला संरचना के द्वारा नहीं समझाई जा सकती ?

Ans.  D-ग्लूकोज की खुली श्रृंखला संरचना निम्नलिखित अभिक्रियाओं की व्याख्या नहीं कर सकी।
(I) ग्लूकोज का पेंटासेटेट हाइड्रॉक्सिलामाइन के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है, जो मुक्त - CHO समूह की अनुपस्थिति का संकेत देता है।
(ii) एल्डिहाइड समूह होने के बावजूद ग्लूकोज सोडियम हाइड्रोजन सल्फाइट के साथ हाइड्रोजन सल्फाइट योगात्मक उत्पाद नहीं नाता है और ग्लूकोज शिफ परीक्षण नहीं देता है।
(iii) ग्लूकोज़ दो अलग-अलग क्रिस्टलीय रूपों में मौजूद होता है यानी C-D-ग्लूकोज़ और B-D-ग्लूकोज़ |

20. DNA और RNA के बीच संरचनात्मक अंतर लिखें?

Ans.  DNA और RNA के बीच संरचनात्मक अंतर इस प्रकार है। डीएनए में
(I) DNA में उपस्थित शर्करा डीऑक्सीराइबोज है।
(ii) डीएनए में पिरमिडीन क्षार के रूप में साइटोसिन और थाइमिन होते हैं।
(iii) डीएनए मे द्विकुंडलनी a- हेलिक्स संरचना होती है। आरएनए में
(I) RNA में उपस्थित शर्करा राइबोस होती है।
(ii)RNA में पाइरीमिडीन क्षार के रूप में साइटोसिन और यूरासिल होते हैं।
(ii) RNA मे एकल कुंडलनी a- हेलिक्स होता है। संरचना होती है।

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