JAC Board 12th Physics Exam 2024 : Top 50 (3 Marks) Questions with Answers (Short Answer Questions)

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झारखंड बोर्ड 12वीं की Physics (भौतिक विज्ञान) परीक्षा 16 फरवरी, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
JAC Jharkhand Board क्लास 12th के Physics (भौतिक विज्ञान) (Top 50 Short Answer Questions) से संबंधित महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न दिए गए है। महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संग्रह है जो बहुत ही अनुभवी शिक्षकों के द्वारा तैयार किये गए है। इसमें प्रत्येक महत्वपूर्ण प्रश्नों को छांट कर एकत्रित किया गया है, जो आपके पेपर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिससे कि विद्यार्थी कम समय में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। सभी प्रश्नों के उत्तर साथ में दिए गए हैं।
झारखंड बोर्ड के सभी विद्यार्थिय अब आपकी Physics (भौतिक विज्ञान) परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, विद्यार्थी यहां पर से अपने बोर्ड एग्जाम की तैयारी बहुत ही आसानी से कर सकते हैं।
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JAC 12th Physics (भौतिक विज्ञान) Short Question - लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 एकसमान वैद्युत क्षेत्र में वैद्युत द्विध्रुव का कौन-सा स्थिति स्थिर संतुलन के अनुरूप होगा?
उत्तर- जब द्विध्रुव आघूर्ण, विद्युत क्षेत्र के समान्तर होता है।
प्रश्न 2 किस स्थिति में, एक समान विद्युत क्षेत्र में रखा गया एक द्विध्रुव (ए) स्थिर, (बी) अस्थिर संतुलन में है?
उत्तर- स्थिर संतुलन के लिए, एक द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र के समानांतर रखा जाता है। अस्थिर संतुलन के लिए, एक द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र के प्रतिसमांतर रखा जाता है।
प्रश्न 3 उस भौतिक राशि का नाम बताइए जिसका SI मात्रक NC-1 है। क्या यह एक अदिश या सदिश राशि है?
उत्तर- विद्युत क्षेत्र यह एक सदिश राशि है।
प्रश्न 4 एक आवेशित चालक के प्रत्येक बिंदु पर स्थिर वैद्युत क्षेत्र पृष्ठ के लम्बवत् क्यों होना चाहिए?
उत्तर- ताकि आवेशित चालक पर स्पर्श रेखा उस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा बताए ।
प्रश्न 5 विद्युत क्षेत्र रेखाएँ बंद लूप क्यों नहीं बनाती हैं?
उत्तर- विद्युत क्षेत्र रेखाएँ बंद लूप नहीं बनाती हैं क्योंकि विद्युत क्षेत्र की दिशा धनात्मक से ऋणात्मक आवेश की ओर होती है। तो विद्युतक्षेत्र की रेखा को घनात्मक आवेश से शुरू होने वाली और ऋणात्मक आवेश पर समाप्त होने वाली मान सकता है। यह इंगित करता है कि विद्युत क्षेत्र रेखाएँ बंद लूप नहीं बनाती हैं।
प्रश्न 6 गोलाकार गॉसियन सतह से घिरे एक बिंदु आवेश के कारण विद्युत प्रवाह इसकी त्रिज्या बढ़ाने पर कैसे प्रभावित होता है?
उत्तर- एक गोलाकार गॉसियन सतह से घिरे बिंदु आवेश के कारण विद्युत प्रवाह इसकी त्रिज्या बढ़ने पर 'अप्रभावित रहता है।
प्रश्न 7 एक 500 HC आवेश 10 सेमी भुजा वाले एक वर्ग के केंद्र में रखा गया है। वर्ग पर दो विकर्ण (तिरछे) विपरीत बिंदुओं के बीच 10 HC के आवेश को ले जाने में किया गया कार्य ज्ञात कीजिए।
उत्तर- वर्ग पर दो तिरछे विपरीत बिंदुओं के बीच 10 HC आवेश को ले जाने में किया गया कार्य शून्य होगा क्योंकि ये दोनों बिंदु समविभव पर होंगे।
प्रश्न 8. त्रिज्या r के एक वृत्ताकार चाप के चारों ओर एक बिंदु आवेश को स्थानांतरित करने में कितना कार्य होता है, जिसके केंद्र में एक और बिंदु आवेश स्थित होता है?
उत्तर- समविभव पृष्ठ होने के कारण किया गया कार्य शून्य होगा
प्रश्न 9. सेल के निर्वहन के दौरान सेल का विद्युत वाहक बुल हमेशा उसके टर्मिनल वोल्टेज से अधिक होता है। क्यों? कारण बताईये।
उत्तर- विद्युत वाहक बल विभवांतर (p.d) है जब कोई विद्युत धारा नहीं खींचा जाता है। जब करंट खींचा जाता है, तो सेल के आंतरिक प्रतिरोध में संभावित गिरावट आएगी। तो, टर्मिनल वोल्टेज विद्युत वाहक बल से कम होगा।
प्रश्न.10. पोटेंशियोमीटर (विभवमापी) के अंतर्निहित सिद्धांत को बताएं।
उत्तर- जब एकसमान अनुप्रस्थ काट (क्रॉस सेक्शन) और एकसमान संघटन वाले तार में स्थिर धारा प्रवाहित होती है, तो तार की किसी भी लम्बाई पर विभवान्तर उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है, अर्थात, Val
प्रश्न. 11. किसी सेल का विद्युत वाहक बल ज्ञात करने के लिए वोल्टमीटर की अपेक्षा विभवमापी को वरीयता क्यों दी जाती है?
उत्तर- पोटेंशियोमीटर (विभवमापी) सेल से कोई (नेट) करंट नहीं खींचता है जबकि वाल्टमीटर सेल से कुछ करंट खींचता है, जब इसे सेल से जोड़ा जाता है, इसलिए यह टर्मिनल वोल्टेज को मापता है। यही कारण है कि विद्युत वाहक बल मापने के लिए वोल्टमीटर की तुलना में पोटेंशियोमीटर (विभवमापी) को प्राथमिकता दी जाती है।
प्रश्न. 12. किरचॉफ के नियम बताइये। संक्षेप में व्याख्या कीजिए कि ये नियम किस प्रकार न्यायोचित हैं।
उत्तर- किरचॉफ के नियम ।
1. किरचॉफ का संधि नियम: किसी भी संधि पर संधि में प्रवेश करने वाली धाराओं का योग संधि से निकलने वाली धाराओं के योग के बराबर होता है।
2. किरचॉफ का लूप नियमः प्रतिरोधों और सेलों वाले किसी भी बंद लूप में संभावित परिवर्तन का बीजगणितीय योग शून्य होता है। ये दोनों नियम क्रमशः आवेश संरक्षण नियम तथा ऊर्जा संरक्षण नियम के आधार पर न्यायोचित हैं।
प्रश्न 13: चुंबकीय क्षेत्र का क्या अर्थ है ? इसका SI मात्रक बतायें।
उत्तर- एक चुंबक या विद्युत धारा प्रवाहित होने वाले चालक के आसपास का स्थान जिसमें उसके चुंबकीय प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है, चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है। इसका SI मात्रक टेस्ला है।
प्रश्न 14 चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं से आप क्या समझते हैं? चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण लिखिए।
उत्तर- चुंबकीय क्षेत्र रेखा वह पथ है जिसके साथ एक पृथक उत्तरी ध्रुव गति करेगा यदि वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।
गुण:-
(i) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं बंद निरंतर वक्र रेखा होती है।
(ii) चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के किसी भी बिंदु पर स्पर्श रेखा उस बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा बताती है।
(iii) कोई भी दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती है।
(iv) चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ प्रबल चुंबकीय क्षेत्र में घनीभूत होती हैं।
प्रश्न 15 स्थिर आवेश द्वारा कौन से क्षेत्र उत्पन्न होते हैं?
उत्तर- स्थिर आवेश के द्वारा केवल विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है।
प्रश्न 16 विद्युत धारा प्रवाहित होने वाले चालक के द्वारा कौन से क्षेत्र उत्पन्न होते हैं?
उत्तर- विद्युत धारा प्रवाहित होने वाले चालक के द्वारा केवल चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
प्रश्न 17 किसी गतिमान आवेश पर चुंबकीय क्षेत्र द्वारा किया जाने वाला कार्य क्या होगा ?
उत्तर- शून्य, क्योंकि आवेश पर कार्य करने वाला लोरेंत्ज़ बल उसके वेग के लंबवत होता है।
प्रश्न 18 एक चुंबकीय क्षेत्र आवेशित कण की गति में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता है। क्यों ?
उत्तर- एक चुंबकीय क्षेत्र आवेशित कण की गति में कोई परिवर्तन नहीं कर सकता है क्योंकि चुंबकीय क्षेत्र में आवेशित कण पर कार्य करने वाला बल आवेशित कण की गति की दिशा के लंबवत होता है।
प्रश्न 19 गैलवैनोमीटर का क्या उपयोग हैं ?
उत्तर- गैलवैनोमीटर के उपयोग (Uses of Galvanometer)
(i) इसका उपयोग किसी परिपथ में धारा की उपस्थिति ज्ञात करने के लिये किया जाता है, उदाहरणार्थ हवीटस्टोन सेतु (Wheatstone bridge) में
(ii) इसके आर-पार कम प्रतिरोध का प्रयोग करके इसका ऐमीटर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(iii) उच्च समानान्तर प्रतिरोध को इसके श्रेणी क्रम से प्रयोग करके इसको वोल्टमीटर के रूप में प्रयोग किया जाता है।
(iv) विशेष प्रबंध करके इसका ओममीटर (Ohm meter) के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 20 कृत्रिम चुम्बक क्या है ?
उत्तर- मानव निर्मित चुम्बक कृत्रिम चुम्बक के रूप में जाने जाते हैं।
प्रश्न 21 चुम्बकत्व का विश्वसनीय परीक्षण क्या है ?
उत्तर- प्रतिकर्षण चुम्बकत्व का वास्तविक परीक्षण है।
प्रश्न 22 किसी छोटी छड़ चुम्बक में चुम्बक की अक्षीय रेखा पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण का मान और समान दूरी पर स्थित भूमध्य रेखीय बिन्दु पर प्राप्त चुम्बकीय प्रेरण के मध्य क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर- किसी छोटी छड़ चुम्बक में चुम्बक की अक्षीय रेखा पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण का मान समान दूरी पर स्थित भूमध्य रेखीय बिन्दु पर प्राप्त चुम्बकीय प्रेरण का मान दुगुना और विपरीत दिशा में होता है।
प्रश्न 23 किसी चुम्बकीय क्षेत्र के भीतर एक चुम्बकीय द्विध्रुव कब अधिकतम स्थितिज ऊर्जा रखता है ?
उत्तर- कोई चुम्बकीय द्विध्रुव किसी चुम्बकीय क्षेत्र में अधिकतम स्थितिज ऊर्जा रखता है जब यह प्रति समानान्तर हों (θ = 180° ) तब U max= mB
प्रश्न 24 भौगोलिक याम्योत्तर क्या है ?
उत्तर- भौगोलिक याम्योत्तर उर्ध्वाधर तल है जो भौगोलिक अक्ष से गुज़रता है।
प्रश्न 25 चित्र कि सहायता से भौगोलिक ध्रुव, चुम्बकीय ध्रुव, भौगोलिक अक्ष तथा चुम्बकीय अक्ष को समझाएं।
उत्तर- पृथ्वी एक विशाल चुम्बक की भाँति व्यवहार करती है। इस चुम्बक का N ध्रुव भौगोलिक दक्षिण (GS) की ओर रहता है तथा 5-ध्रुवभौगोलिक उत्तर (GN) की ओर रहता है। जब एक छोटी चुम्बक को मुक्त रूप से लटकाया जाता है तो यह N-S दिशा में निर्देशित हो जाती है। मुक्त रूप से लटकी हुई चुम्बक का वह सिरा जो भौगोलिक उत्तर की ओर है, पृथ्वी के चुम्बक के 5 ध्रुव के आकर्षण के कारण N ध्रुव है। इसी प्रकार मुक्त रूप से लटकी हुई चुम्बक का अन्य सिरा जो भौगोलिक दक्षिण की ओर निर्देशित है, S-ध्रुव है। वह काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी के भौगोलिक ध्रुवों (GS तथा GN) जोड़ती है, भौगोलिक अक्ष कहलाती है। इसी प्रकार पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों को जोड़ने वाली रेखा को चुम्बकीय अक्ष कहलाती भौगोलिक अक्ष तथा चुम्बकीय अक्ष आपस में एक-दूसरे पर अध्यारोपित नहीं होते हैं। चुम्बकीय अक्ष भौगोलिक अक्ष के साथ 11.3 का कोण बनाती है। पृथ्वी के चुम्बकत्व के कारण चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखाएँ चुम्बकीय भूमध्य रेखा के समीप पृथ्वी की सतह के समानान्तर तथा पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों के समीप पृथ्वी की सतह के लम्बवत होती है।
प्रश्न 26 पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक का मान पृथ्वी की सतह पर कहाँ शून्य होता है?
उत्तर- ध्रुवों पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक का मान शून्य होता है।
प्रश्न 27 चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व या चुम्बकीय प्रेरण (B) को परिभाषित करें । इसका SI मात्रक बताएँ ।
उत्तर- चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व (B) (Magnetic Flux Density or Strength of Magnetic Field ): किसी पदार्थ के इकाई क्षेत्रफल के लम्बवत् गुजरने वाली क्षेत्र रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व के रूप में परिभाषित किया जाता है तथा इसे B द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यदि A क्षेत्रफल युक्त किसी पदार्थ से गुज़रने वाला फ्लक्स ϕ हो तो फ्लक्स घनत्व B = ϕ / A होगा I S. I. पद्धति में, चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व की इकाई Tesla या Wb/m2 है।
प्रश्न 28 विद्युत चुम्बकीय प्रेरण क्या है ?
उत्तर- जब भी किसी विद्युत परिपथ से जुड़े चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है, तो परिपथ में एक विद्युत वाहक बल प्रेरित होता है। इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहा जाता है।
प्रश्न 29 वेबर द्वारा मापी जाने वाली भौतिक राशि का नाम लिखिए।
उत्तर- चुम्बकीय फ्लक्स ।
प्रश्न 30 लेंज का नियम लिखिए। लेन्ज का नियम किस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित है ?
उत्तर- प्रेरित विद्युत वाहक बल (emf) या प्रेरित धारा की दिशा हमेशा इस तरह से होती है कि यह उस कारण का विरोध करती है जिसके कारण यह उत्पन्न होता है। लेंज का नियम ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत के अनुसार है।
प्रश्न 31 उन अनुप्रयोगों के नाम बताइए जहां भंवर धारा का उपयोग किया जाता है।
उत्तर- भंवर धाराओं के अनुप्रयोगः
1. विद्युत चुम्बकीय अवमंदन
2. रेलगाड़ियों में चुम्बकीय ब्रेक में
3. प्रेरण भट्ठी में
4. इलेक्ट्रिक पावर मीटर में।
प्रश्न 32 कुंडलियों के एक जोड़े का अन्योन्य प्रेरण किन कारकों पर निर्भर करता है।
उत्तर- दो कुंडलियों के अन्योन्य प्रेरकत्व का मान निम्न बातों पर निर्भर
करता है:
(i) दो कुंडलियों की ज्यामिति अर्थात कुंडलियों का आकार, आकृति और घुमावों की संख्या (N1 और N2) I
(ii) उस पदार्थ की प्रकृति जिस पर दो कुण्डलियाँ लिपटी होती हैं।
(iii) दो कुंडलियों के बीच की दूरी ।
(iv) दो कुंडलियों का आपेक्षिक स्थान।
प्रश्न 33 भारत में आपूर्ति की प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति क्या है ? दिष्ट धारा की आवृत्ति क्या है ?
उत्तर- भारत में प्रत्यावर्ती धारा आपूर्ति की आवृत्ति 50Hz है और दिष्ट धारा की आवृत्ति OHz हैं।
प्रश्न 34 A. C. का उपयोग D. C. से अधिक पसंदीदा वोल्टेज के रूप में क्यों किया जाता है? दो कारण दीजिए।
उत्तर- 1. प्रत्यावर्ती धारा को आसानी से बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
2. प्रत्यावर्ती धारा को आसानी से DC में बदला जा सकता है।
प्रश्न 35 प्रतिघात का मात्रक क्या होता है ?
उत्तर - ओम (Q)
प्रश्न 36 एक LCR परिपथ में प्रेरक और संधारित्र के वोल्टेज के बीच का कला अंतर क्या है?
उत्तर- कला अंतर 180° होता है।
प्रश्न 37 ओजोन परत द्वारा विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम का कौन सा भाग सूर्य के प्रकाश से अवशोषित होता है?
उत्तर - पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित होती हैं।
प्रश्न 38 विद्युत चुम्बकीय तरंगें क्या हैं?
उत्तर- विद्युत चुम्बकीय तरंगों को EM तरंगों के रूप में भी जाना जाता है। विद्युत चुम्बकीय विकिरण विद्युत चुम्बकीय तरंगों होता है जो तब उत्पन्न होती हैं जब कोई विद्युत क्षेत्र चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आता है। यह भी कहा जा सकता है कि विद्युत चुम्बकीय तरंगें विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों को दोलन करने की संरचना हैं।
1प्रश्न 39 अपवर्तनांक 1.5 का एक अभिसारी लेंस समान अपवर्तनांक वाले द्रव माध्यम में रखा जाता है। इस माध्यम में लेंस की फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर- तरल में लेंस कांच की एक समतल शीट की तरह कार्य करेगा इसकी फोकस दूरी अनंत होगी (0)
प्रश्न 40 प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखें?
उत्तर- प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं।
1. आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तक तल के आपतन बिन्दु पर खींचा गया अभिलंब तीनों एक ही समतल में होते हैं।
2. आपतन कोण और परावर्तन कोण परस्पर बराबर होते हैं।
प्रश्न 41 तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
उत्तर- जैसे ही एक तारे से प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, पृथ्वी के वायुमंडल में अलग-अलग तापमान और घनत्व परतों द्वारा दिशा बदलने के कारण तारों की प्रत्येक धारा अपवर्तित हो जाती है। इसलिए तारे टिमटिमाते हैं।
प्रश्न 42 सरल सूक्ष्मदर्शी को उसकी आवर्धन क्षमता एवं उपयोग के साथ परिभाषित कीजिए ।
उत्तर- एक साधारण सूक्ष्मदर्शी वह है जो आवर्धन के लिए एकल लेंस का उपयोग करता है, जैसे आवर्धक लेंस जबकि एक मिश्रित सूक्ष्मदर्शी किसी वस्तु के आवर्धन को बढ़ाने के लिए कई लेंसों का उपयोग करता है। यह केवल कोणीय आवर्धन के माध्यम से किसी वस्तु को बड़ा करने के लिए एक लेंस का उपयोग करता है, जिससे दर्शक को एक सीधा बढ़ा हुआ आभासी चित्र मिलता है। सरल सूक्ष्मदर्शी में छोटी फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस होता है, जिसका उपयोग छोटी वस्तुओं के आवर्धित प्रतिबिम्बों को देखने के लिए किया जाता है। एक साधारण सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता इसके द्वारा दी जाती है:
m = 1+D / F जहाँ D = सुस्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूर, F = उत्तल लेंस की फोकस दूरी
प्रश्न 43 यंग के द्विझिरी प्रयोग में किस प्रकार के स्रोत का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर- यंग के डबल स्लिट प्रयोग में सुसंगत स्रोत का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 44 अध्यारोपण का सिद्धांत समझाइए?
उत्तर - सुपरपोज़िशन सिद्धांत कहता है कि "यदि दो या दो से अधिक तरंगें एक माध्यम में यात्रा कर रही हैं, तो परिणामी तरंग कार्य अलग-अलग तरंग कार्यों का बीजगणितीय योग है । "
प्रश्न 45 विवर्तन और व्यतिकरण के बीच अंतर लिखें।
उत्तर - विवर्तन और व्यतिकरण के बीच अंतर व्यतिकरण
1. व्यतिकरण को दो अलग-अलग स्रोतों से निकलने वाली तरंगों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो अलग- अलग तरंगों का निर्माण करती हैं।
2. मैक्सिमा और मिनिमा के बीच का अंतर बहुत अच्छा है।
3. व्यतिकरण में फ्रिजों की चौड़ाई बराबर होती है।
4. यदि स्रोतों की संख्या दो स्रोतों जितनी कम है तो स्रोतों को व्यतिकरण स्रोत कहा जाता है।
विवर्तन
1. दूसरी ओर, विवर्तन को द्वितीयक तरंगें कहा जा सकता है जो एक ही तरंग के विभिन्न भागों से निकलती हैं।
2. मैक्सिमा और मिनिमा के बीच का अंतर खराब है।
3. विवर्तन में फ्रिजों की चौड़ाई समान नहीं होती है।
4. यदि स्रोतों की संख्या दो से अधिक है तो स्रोतों को विवर्तन स्रोत कहा जाता है।
प्रश्न 46 किसी धातु के पृष्ठ पर प्रकाश डालने पर उस पृष्ठ में से इलेक्ट्रॉनों उत्सर्जित होने की घटना को क्या कहते हैं ?
उत्तर - प्रकाश विद्युत् प्रभाव
प्रश्न 47 फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के नियमों का वर्णन करें?
उत्तर- फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव के नियम इस प्रकार हैं:
1. दी गई धातु और आपतित विकिरण की आवृत्ति, प्रति सेकंड उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉनों की संख्या आपतित प्रकाश की तीव्रता के समानुपाती होती है।
2. किसी दिए गए धातु के साथ आपतित विकिरण की कुछ निश्चित न्यूनतम आवृत्ति मौजूद होती है जिसके नीचे फोटोइलेक्ट्रॉन का कोई उत्सर्जन नहीं होता है। इस आवृत्ति को दहलीज आवृत्ति कहा जाता है।
3. दहलीज आवृत्ति सेट के साथ, उत्सर्जित फोटोइलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा आपतित प्रकाश की तीव्रता से स्वतंत्र होती है, लेकिन केवल आपतित प्रकाश की आवृत्ति (या तरंग दैर्ध्य ) पर निर्भर करती है।
4. फोटोइलेक्ट्रिक उत्सर्जन तात्कालिक प्रक्रिया पर है। विकिरणों की घटना और फोटो इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के बीच का समय अंतराल बहुत छोटा है, यहां तक कि 10 सेकंड से भी कम ।
प्रश्न 48 फोटॉन के गुण लिखिए ।
उत्तर - फोटॉन के गुण
1. एक फोटॉन के लिए, सभी क्वांटम संख्याएँ शून्य होती हैं।
2. एक फोटॉन का कोई द्रव्यमान, आवेश नहीं होता है और वे चुंबकीय और विद्युत क्षेत्र में परिलक्षित नहीं होते हैं।
3. फोटॉन खाली जगह में प्रकाश की गति से चलता है।
4. विकिरण के साथ पदार्थ की परस्पर क्रिया के दौरान, विकिरण व्यवहार करता है जैसे यह छोटे कणों से बना होता है जिन्हें फोटॉन कहा जाता है।
5. फोटोन आभासी कण होते हैं। फोटॉन ऊर्जा इसकी आवृत्ति के सीधे आनुपातिक और इसकी तरंग दैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
6. फोटॉनों के संवेग और ऊर्जा का संबंध नीचे दिए गए अनुसारहै
प्रश्न 49 उत्तेजन ऊर्जा और आयनन ऊर्जा से आप क्या समझते हैं? उनके लिए आमतौर पर किस माप की इकाई का उपयोग किया जाता है?
उत्तर- उत्तेजन ऊर्जा - जमीनी स्थिति से किसी उत्तेजित स्थिति में कूदने के लिए एक इलेक्ट्रॉन द्वारा आवश्यके ऊर्जा की मात्रा आयनीकरण ऊर्जा- किसी इलेक्ट्रॉन को दी जाने वाली ऊर्जा की वह मात्रा जिसके कारण वह परमाणु से पूरी तरह बाहर निकल आता है। दोनों प्रकार की ऊर्जाओं के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली माप इकाई इलेक्ट्रॉन वोल्ट है।
प्रश्न 50 किसी भारी नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या से अधिक क्यों होती है?
उत्तर- एक नाभिक के अंदर के न्यूट्रॉन अन्य नुक्लेओस पर केवल आकर्षक नाभिकीय बल लगाते हैं, प्रोटॉन के विपरीत जो प्रतिकारक कूलॉम बल भी लगाते हैं। अतः अधिक न्यूट्रॉनों की उपस्थिति भारी नाभिक के भीतर बंधनकारी नाभिकीय बल को बढ़ा देती है। अधिक न्यूट्रॉन की उपस्थिति आवश्यक है क्योंकि नाभिकीय बल, कूलम्ब बल के विपरीत एक छोटी दूरी का बल है, इसलिए प्रतिकारक और लंबी दूरी के कूलम्ब बल को संतुलित करने के लिए न्यूट्रॉन को नाभिक के चारों ओर मौजूद होना चाहिए।
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