MP Board 10th Science Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 10वीं विज्ञान पेपर त्रैमासिक महत्वपूर्ण प्रश्न (VVI Most Important Question)

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MP Board 10th Science Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 10वीं विज्ञान पेपर त्रैमासिक महत्वपूर्ण प्रश्न (VVI Most Important Question)
एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं विज्ञान त्रैमासिक पेपर की तैयारी के लिए हम आपको MPBSE 10th Science Trimasik Paper 2023 Most Important Questions इस लेख के माध्यम से बता रहें हैं, जिनसे 15/09/2023 को होने वाला एमपी बोर्ड 10th विज्ञान त्रैमासिक एक्जाम क्वेश्चन पेपर 2023 बनाया जाएगा। जिससे वे त्रैमासिक परीक्षा के विज्ञान के पेपर में अच्छे अंकों से पास हो सकें।
MP Board : बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न में कौन भौतिक परिवर्तन नहीं है ?
(a) खौलते पानी से जलवाष्प बनना
(b) बर्फ का पिघलकर जल बनना
(c) नमक का पानी में घुलना
(d) L.P.G. का दहन
उत्तर:
(d) L.P.G. का दहन
प्रश्न 2. निम्न अभिक्रिया एक उदाहरण है –
4NH3(g) + 5O2(g) → 4NO(g) + 6H2O(g)
(i) विस्थापन अभिक्रिया
(ii) संयोजन अभिक्रिया
(iii) उपापचय अभिक्रिया
(iv) उदासीनीकरण अभिक्रिया
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i) एवं (iii)
प्रश्न 3. दी हुई निम्न अभिक्रिया के संदर्भ में निम्न में से से सत्य कथन हैं?
3Fe(s) + 4H2O(g) → Fe3O4(s) + 4H2(g)
(i) लोह धातु उपचयित हो रही है।
(ii) जल का अपचयन हो रहा है।
(iii) जल अपचायक का कार्य कर रहा है।
(iv) जल उपचायक का कार्य कर रहा है।
(a) (i), (ii) एवं (iii)
(b) (iii) एवं (iv)
(c) (i), (ii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i), (ii) एवं (iv)
प्रश्न 4. निम्नलिखित में कौन ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ हैं?
(i) जल की बिना बुझे चूने से अभिक्रिया
(ii) किसी अम्ल का तनुकरण
(iii) जल का वाष्पीकरण
(iv) कपूर के क्रिस्टल्स का ऊर्ध्वपातन
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(a) (i) एवं (ii)
प्रश्न 5. सोडियम कार्बोनेट एक क्षारकीय लवण है, क्योंकि यह निम्न का लवण है –
(a) प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
(b) दुर्बल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(c) प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षारक
(d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
उत्तर:
(d) दुर्बल अम्ल एवं प्रबल क्षारक
प्रश्न 6. कैल्सियम फॉस्फेट दाँत के ऐनेमल में उपस्थित है, इसकी प्रकृति है –
(a) क्षारकीय
(b) अम्लीय
(c) उदासीन
(d) उभयधर्मी
उत्तर:
(a) क्षारकीय
प्रश्न 7. स्वपोषी पोषण के लिए आवश्यक है –
(a) कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल।
(b) क्लोरोफिल।
(c) सूर्य का प्रकाश।
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 8. प्रकाश की ओर प्ररोह की गति कहलाती है –
(a) गुरुत्वानुवर्तन।
(b) जलानुवर्तन।
(c) रसायनानुवर्तन।
(d) प्रकाशानुवर्तन।
उत्तर:
(d) प्रकाशानुवर्तन।
प्रश्न 9. किसी वाहन में लगे पश्च-दृश्य दर्पण के द्वारा उत्पन्न आवर्धन होगा –
(a) एक से कम।
(b) एक से अधिक।
(c) एक के बराबर।
(d) एक से कम या एक से अधिक दर्पण के सम्मुख बिम्ब की स्थिति पर निर्भर करेगा।
उत्तर:
(a) एक से कम।
प्रश्न 10. सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी होती है, लगभग –
(a) 25 m
(b) 2.5 cm
(c) 25 cm
(d) 2.5 m
उत्तर:
(c) 25 cm
MP Board VVI सब्जेक्टिव प्रश्न
प्रश्न : निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए –
- कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
- जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
- ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
- बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड।
उत्तर:
- Ca(OH)2(aq) + CO2(g) → CaCO3(s) + H2O(l)
- Zn(s) + 2Ag (NO3)(aq) → Zn(NO3)2(aq) + 2Ag(s)
- 2Al(s) + 3CuCl2(aq) → 2AlCl3(aq) + 3Cu(s)
- BaCl2(aq) + K2SO4(aq) → BaSO4(s) + 2KCl(aq)
प्रश्न : निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए –
- पोटैशियम ब्रोमाइड(aq) + बेरियम आयोडाइड(aq) → पोटैशियम आयोडाइड(aq) + बेरियम ब्रोमाइड(s)
- जिंक कार्बोनेट(s) → जिंक ऑक्साइड(s) + कार्बन डाइऑक्साइड(g)
- हाइड्रोजन(g) + क्लोरीन(g) → हाइड्रोजन क्लोराइड(g)
- मैग्नीशियम(s) + हाइड्रोक्लोरिक अम्ल(aq) मैग्नीशियम क्लोराइड(aq) + हाइड्रोजन(g)
उत्तर:
- 2KBr(aq) + BaI2(aq) → 2KI(aq) + BaBr2(s)
अभिक्रिया का प्रकार – द्वि – विस्थापन अभिक्रिया। - ZnCO3(s) → ZnO(s) + CO2(g)
अभिक्रिया का प्रकार – वियोजन (अपघटन) अभिक्रिया। - H2(g) + Cl2(g) → 2HCl(g)
अभिक्रिया का प्रकार – संयोजन अभिक्रिया। - Mg(s) + 2HCl(aq) → MgCl2(aq) + H2(g)
अभिक्रिया का प्रकार – विस्थापन अभिक्रिया।
प्रश्न 9. ऊष्माक्षेपी एवं ऊष्माशोषी अभिक्रिया का क्या अर्थ है? उदाहरण दीजिए। (2019)
उत्तर:
- ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया:
“जिस रासायनिक अभिक्रिया में उत्पादों के साथ ऊष्मा भी निकलती है, वह ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है।”
उदाहरण:
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(g) + ऊर्जा (ऊष्मा) - ऊष्माशोषी अभिक्रिया:
“जिस रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा (ऊर्जा) का अवशोषण होता है वह ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है।”
उदाहरण:
2Pb(NO3)2(s) heat−→− 2Pb(O)(s) + 4NO2(g) + O2(g)
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प्रश्न : अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?
उत्तर: अम्ल का तनुकरण एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है तथा इसमें अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है। अम्ल को जल में मिलाने पर जो ऊष्मा उत्पन्न होती जाती है वह जल द्वारा शोषित कर ली जाती है। इसलिए अम्ल को तनुकृत करने के लिए इसे जल में मिलाते हैं।
प्रश्न : पादप में भोजन का स्थानान्तरण कैसे होता है?
उत्तर: पादप में भोजन का स्थानान्तरण संवहन ऊतक फ्लोएम द्वारा होता है।
प्रश्न : आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर: अवटु ग्रंथि (थायरॉइड ग्रन्थि) को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक है। भोजन में आयोडीन की कमी से गॉयटर रोग से ग्रसित होने की सम्भावना बढ़ जाती है। इस बीमारी से बचाव के लिए हमें आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
प्रश्न : जब ऐड्रीनेलिन रुधिर में स्रावित होती है, तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है?
उत्तर: ऐड्रीनेलिन हृदय सहित लक्ष्य अंगों या विशिष्ट ऊतकों को प्रभावित करता है। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, श्वसन की दर बढ़ जाती है, पाचन तन्त्र एवं त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है, धमनियों के आस-पास की पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं, रुधिर की दिशा कंकाल पेशियों की ओर हो जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर शरीर को स्थिति में निपटने के लिए तैयार करती हैं।
प्रश्न : मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है?
उत्तर: मधुमेह की बीमारी इन्सुलिन की कमी के कारण होती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों की चिकित्सा इन्सुलिन का इन्जेक्शन देकर की जाती है ताकि इन्सुलिन की कमी को दूर किया जा सके।
प्रश्न : पर्यावरण हेतु जागरूकता पर एक निबन्ध लिखिए।
उत्तर: पर्यावरण हेतु जागरूकता: दिन-प्रतिदिन पर्यावरण असन्तुलित होता जा रहा है जिससे मानव जीवन एवं जन्तुओं तथा पेड़-पौधों का जीवन संकट में पड़ सकता है। अतः इसके संरक्षण की महती आवश्यकता है। लेकिन यह कार्य एक अकेले के बूते का नहीं है। शासन-प्रशासन भी इस कार्य को पूर्ण रूप से करने में सक्षम नहीं, जब तक कि जन-जन इसके लिए जागरूक नहीं होगा। जन-जागृति के लिए तथा मनुष्यों में जागरूकता पैदा करने के लिए उन क्षेत्रों की जानकारी होना आवश्यक है जिनमें उन्हें जागरूक करना है और वे निम्न हैं –
- जनसंख्या वृद्धि: जनसंख्या वृद्धि से प्रदूषण की समस्या बढ़ती है, संसाधनों का अधिकाधिक दोहन होता है। इसलिए इस पर नियन्त्रण आवश्यक है।
संसाधनों का समुचित प्रयोग: संसाधन सीमित हैं अतः उनका विवेकपूर्ण एवं मितव्ययिता के साथ उपयोग करना आवश्यक है तथा उन्हें लम्बे समय तक बनाये रखना है। - प्रदूषण के प्रति सचेत करना: प्रदूषण से नाना प्रकार की असाध्य बीमारियाँ पैदा होती हैं। सबसे ज्यादा प्रदूषण मनुष्य के क्रियाकलापों से होता है।
- अतः इसके प्रति सचेत करना आवश्यक है। उन्हें प्रदूषणों के कारणों, उनके दुष्परिणामों एवं उनसे निदान के सम्बन्ध में बताना है।
- संरक्षण के प्रति जागरूकता: प्राकृतिक संसाधनों के प्रति उन्हें जागरूक बनाना है कि वे उन संसाधनों का अति दोहन न करें बल्कि उन्हें संरक्षित करें।
- आदतों में सुधार: मनुष्य के अन्दर मितव्ययिता की प्रवृत्ति को बढ़ाना है जिससे वे संसाधनों के अपव्यय को रोक सकें क्योंकि ऊर्जा बचाना, ऊर्जा पैदा करने के समान होता है।
- उपर्युक्त सभी क्षेत्रों में जागरूकता लाकर पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए पर्यावरण शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- प्रारम्भ से ही बच्चों के पाठ्यक्रम में पर्यावरण पर पाठ्य सामग्री होना आवश्यक है।
- पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए प्रतियोगिताएँ (निबन्ध, वाद-विवाद, पोस्टर), सेमीनार, कार्यशालाएँ एवं प्रदर्शन रैली आयोजित करना अधिक कारगर होगा।
प्रश्न : अम्ल वर्षा का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: अम्ल वर्षा का पर्यावरण पर प्रभाव:
- धरती का हरा-भरा आवरण नष्ट हो जाता है।
- पेड़-पौधों की जड़ें सिकुड़ने लगती हैं।
- पेड़-पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाती है।
- पेड़-पौधों की पत्तियाँ झड़ जाती हैं।
- मृदा की अम्लीयता बढ़ जाती है तथा उसकी उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है।
- सभी जैविक क्रियाएँ मन्द पड़ जाती हैं।
- खड़ी फसलें नष्ट हो जाती हैं।
- पेयजल प्रदूषित हो जाता है।
- मनुष्य की त्वचा एवं आँखों में जलन होने लगती है तथा श्वसन रोग हो जाते हैं।
- ऐतिहासिक महत्व के भवनों (जैसे ताजमहल) पर दुष्प्रभाव पड़ता है।