UP Board 10th Science Exam 2024 : Most Important Question with Answers

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UP बोर्ड 10वीं की विज्ञान परीक्षा 29 फरवरी, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
यहाँ पर UP Board क्लास 10th के विज्ञान (UP Board Science Class 10th Exam 2024 VVI Most Important Question) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए है। महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक संग्रह है जो बहुत ही अनुभवी शिक्षकों के द्वारा तैयार किये गए है। इसमें प्रत्येक महत्वपूर्ण प्रश्नों को छांट कर एकत्रित किया गया है, जिससे कि विद्यार्थी कम समय में अच्छे अंक प्राप्त कर सके।
यह लेख अंतिम समय में पुनरीक्षण युक्तियों के लिए आपकी वन-स्टॉप शॉप है, जिस में आपके लिए महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न, अतिलघु उत्तरीय प्रश्न, लघु उत्तरीय प्रश्न, विस्तृत उत्तरीय प्रश्न, सभी प्रकार के प्रश्न सम्मिलित किये गए हैं.
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Chapter - 1 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर के साथ
Chapter - 2 अम्ल क्षार तथा लवण महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर के साथ
Chapter - 3 धातु और अधातु महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर के साथ
UP Board Science Class 10th Exam 2024 VVI Most Important Question
UP Board Class 10th Science Important MCQs Question : बहुविकल्पीय प्रश्न
1- दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम जिसका एक या दोनों पृष्ठ गोलीय है ________ कहलाता है।
(A) गोलीय दर्पण
(B) त्रिज्या
(C) गोलीय लेंस
(D) समतल दर्पण
Ans: (C) गोलीय लेंस
2 - दंत विशेषज्ञ मरीजों के दांतो का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए किस दर्पण का उपयोग करते है ?
(A) अवतल दर्पण
(B) समतल दर्पण
(C) उत्तल दर्पण
(D) सभी
Ans: (A) अवतल दर्पण
3- किसी उत्तल लेंस के सामने 2f और अनंत के बीच कोई बिम्ब (वस्तु) रखा गया है। इसका प्रतिबिम्ब बनेगा-
(A) वास्तविक, उल्टा और छोटा
(B) वास्तविक, उल्टा और बड़ा
(C) आभासी, उल्टा और बडा
(D) आभासी, सीधा और बड़ा
Ans: (A) वास्तविक, उल्टा और छोटा
4– मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ऐसा हो पाने का करण है-
(A) जरा दूरदृष्टिता
(B) समंजन
(C) निकट दृष्टि
(D) दीर्घ दृष्टि
Ans: (B) समंजन
5–कालम A में दी गई राशियों का सुमेलन कालम B में दिए गए SI मात्रकों से कर सही विकल्प चुनिए-
A | B |
(1) विद्युत विभवांतर | (i) एम्पियर |
(2) विद्युत धारा | (ii) वाट |
(3) विद्युत शक्ति | (iii) ओम |
(4) प्रतिरोध | (iv) वोल्ट |
Ans: (D) 1-iv 2-i 3-ii 4-iii
6– दो चालक तार जिनके पदार्थ लम्बाई तथा व्यास समान है किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(A) 1:2
(B) 2:1
(C) 1:4
(D) 4:1
Ans: (C) 1:4
7– किसी विद्युत धारावाही सीधी लम्बी परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र-
(A) शून्य होता है ।
(B) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है ।
(C) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(D) सभी बिदुओं पर समान रहता है ।
Ans: (D) सभी बिदुओं पर समान रहता है ।
उपखण्ड (ख)
8– बेंजीन का संरचनात्मक सूत्र है
(A) a
(B) b
(C) c
(d) d
Ans: (C) c
9– निम्नलिखित में से समजातीय श्रेणी है-
(i) CH4 तथा C2H6
(ii) CH3OH तथा CH3COOH
(iii) C2H6 तथा CH3OH
(iv) CH3oH तथा C2H5OH
उक्त के संदर्भ में सही विकल्प है-
(A) (i) तथा (ii)
(B) (i) एवं (iv)
(C) (ii) एवं (iv)
(D) (ii) एवं (iii)
Ans: (C) (ii) एवं (iv)
10– पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिकों को __________ कहते हैं।
(A) अयस्क
(B) गैंग
(C) खनिज
(D) धातु
Ans: (C) खनिज
11– दांतों का क्षय कब प्रारम्भ होता है-
(A) मुंह का pH 5.5 से अधिक होने पर
(B) मुंह का pH 5.5 से कम होने पर
(C) मुंह का pH 7 होने पर
(D) इनमें से कोई नही ।
Ans: (B) मुंह का pH 5.5 से कम होने पर
12– अभिकथन (I) – जिंक सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस बनाता है। यह एक विस्थापन अभिक्रिया है ।
तर्क (II) - जिंक आक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर जिंक आक्साइड बनाता है।
(A) दोनों अभिकथन (1) तथा तर्क (II) सही है तथा तर्क (II) अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है ।
(B) अभिकथन (I) तथा तर्क (II) दोनों सही है परन्तु तर्क अभिकथन का स्पष्टीकरण नही है।
(C) अभिकथन (1) सही है परन्तु तर्क (II) गलत कथन है।
(D) अभिकथन (1) तथा तर्क (II) दोनों गलत है।
Ans: (A) दोनों अभिकथन (1) तथा तर्क (II) सही है तथा तर्क (II) अभिकथन का सही स्पष्टीकरण है ।
13– निम्नलिखित रासायनिक समीकरण को पूरा कीजिए -
NaOH + ----- CH3COOH → CH3COONa + H2O
(A) CH3 OH
(B) CH3 COOH
(C) C2H5OH
(D) CH3CH2COOH
Ans: (B) CH3 COOH
उपखण्ड (ग)
14- अंतःश्वसन के दौरान वायु-प्रवाह का सही मार्ग कौन-सा है ?
(A) नासाद्वार → कंठ → ग्रसनी → श्वासनली → फेफड़े
(B) नासामार्ग → नासाद्वार → श्वासनली → ग्रसनी → कंठ कूपिकाएं
(C) कंठ → नासाद्वार → ग्रसनी → फेफड़े
(D) नासाद्वार → ग्रसनी → कंठ → श्वासनली कूपिकाएं
Ans: (B) नासामार्ग → नासाद्वार → श्वासनली → ग्रसनी → कंठ कूपिकाएं
15 - निम्नलिखित कथन तथा कारण को पढ़कर दिये गये विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
कथनः पिता से प्राप्त कोमोसोम से बच्चों के लिंग का निर्धारण होता है ।
कारणः मानव पुरूष में एक X और एक Y गुणसूत्र होता है।
(A) कथन और कारण दोनों सत्य है, और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(B) कथन और कारण दोनों सत्य है, परन्तु कारण, कथन की सही व्याख्या नही करता है।
(C) कथन सत्य है, पर कारण असत्य है ।
(D) कथन असत्य है पर कारण सत्य है।
Ans: (A) कथन और कारण दोनों सत्य है, और कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
16 - विद्युत आवेग के प्रवाह की सही दिशा कौन-सी है ?
Ans: (c)
स्पष्टीकरण -
आवेग डेंड्राइट्स से सेल बॉडी और फिर एक्सोन से एक्सोन टर्मिनल तक जाता है। विद्युत आवेग कुछ रसायनों को एक्सोनल टर्मिनल पर न्यूरोट्रांसमीटर कहते हैं। यह रसायन सिग्नल संचारित करने के लिए दूसरे न्यूरॉन के डेन्ड्राइट को उत्तेजित करता है।
17 - थायरॉक्सिन के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए लौह आवश्यक होता है।
(B) यह शरीर में कार्बोहाइड्रेटों, प्रोटीनों ओर वसाओं के उपापचय का नियमन करता है ।
(C) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए थायरॉयड ग्रंथि को आयोडीन की आवश्यकता होती है ।
(D) थायरॉक्सिन को थायरॉयड हॉर्मोन भी कहते हैं ।
Ans: (A) थायरॉक्सिन के संश्लेषण के लिए लौह आवश्यक होता है।
18– निम्नलिखित चित्र में भाग a, b, तथा C किस क्रम में होते है-
(A) बीजपत्र, प्रांकुर और मूलांकुर
(B) प्रांकुर, मूलांकुर और बीजपत्र
(C) प्रांकुर, बीजपत्र और मूलांकुर
(D) मूलांकुर, बीजपत्र और प्रांकुर
Ans: (C) प्रांकुर, बीजपत्र और मूलांकुर
19– जनन की अलैंगिक विधि से उत्पन्न संतति में परस्पर अधिक समानता होती है क्योंकि:
i. अलैंगिक जनन मे ही केवल एक जनक भाग लेता है ।
ii. अलैंगिक जनन मे युग्मक शामिल नही होते ।
iii. अलैंगिक जनन लैगिक जनन से पहले होता है
iv. अलैंगिक जनन लैंगिक जनन के बाद होता है।
(A) i और ii
(B) i और iii
(C) ii और iv
(D) iii और iv
Ans: (A) i और ii
20– एक आहार–श्रृंखला में तीसरे पोषी स्तर पर हमेशा कौन होता है?
(A) मॉसाहारी प्राणी
(B) शाकाहारी प्राणी
(C) अपघटक
(D) उत्पादक
Ans: (A) मॉसाहारी प्राणी
UP Board Class 10th Science Important Question : वर्णनात्मक प्रश्न
उपखण्ड (क)
प्रश्न-1 (i) दृष्टि दोष किसे कहते है ? यह कितने प्रकार के होते है ?
Ans: कभी कभी नेत्र धीरे – धीरे अपनी समंजन क्षमता खो देते हैं। ऐसी स्थिति में व्यक्ति वस्तुओं को आराम से सुस्पष्ट नही देख पाते हैं। नेत्र में अपवर्तन दोषो के कारण दृष्टि धुँधली हो जाती हैं। इसे दृष्टि दोष कहते हैं।
यह समान्यतः तीन प्रकार के होते हैं।
1. निकट – दृष्टि दोष (मायोपिया)
2. दीर्ध – दृष्टि दोष (हाइपरमायोपिया)
3. जरा – दूरदृष्टिता (प्रेसबॉयोपिया)
(ii) हमें आकाश में इंद्रधनुष केवल वर्षा के पश्चात् ही क्यों दिखाई देता है
Ans: वर्षा के बाद वातावरण में मौजूद वर्षा की बूंदें एक प्रिज्म के रूप में काम करती हैं और अपवर्तित, बिखरती हैं और आंतरिक रूप से सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करती हैं जिसके बाद अंतिम अपवर्तन होता है। फैलाव और आंतरिक प्रतिबिंब का पूरा क्रम आकाश में वर्षा के बाद इंद्रधनुष के निर्माण की ओर जाता है।
प्रश्न-2 (i) उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है?
Ans: जब लेंस से अपवर्तन के बाद मुख्य अक्ष के समानांतर आने वाली प्रकाश की किरणें फोकस नामक बिंदु से गुजरती हैं, क्योंकि यह सभी किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करती है, इसलिए इसे अभिसरण लेंस कहा जाता है।
(ii) अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण के उपयोग लिखिए ।
Ans: 1. अवतल दर्पण का उपयोग: दन्त विशेषज्ञ द्वारा अवतल दर्पण का उपयोग दन्तदर्शी का बड़ा प्रतिबिम्ब देखने के लिए किया जाता है।
2. उत्तल दर्पण का उपयोग: ट्रकों, कारों और गाड़ियों में चालक के पास उत्तल दर्पण दर्पण होते हैं जिससे चालक अधिक क्षेत्र में उत्तल दर्पणों का उपयोग करता है।
प्रश्न– 3 (i) किसी 4 ओम प्रतिरोधक से प्रति सेकंड 100 J ऊष्मा उत्पन्न हो रही है। प्रतिरोधक के सिरों पर विभवांतर ज्ञात कीजिए।
Ans:
(ii) 20 ओम प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30 सेकेंड में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
Ans: उत्पन्न उष्मा H = VIt .......(जूल के नियम के अनुसार)
V = IR .....(ओम के नियम के अनुसार)
V = 5 A × 20 Ω
V = 100 V
I = 5 A
t = 30 s
H = 100 × 5 × 30
= 15000 J
= 1.5 × 104 J
प्रश्न – 4 (i) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं एक दूसरे को परिच्छेद क्यों नहीं करती हैं ?
Ans: दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती है क्योंकि प्रतिच्छेद बिंदु पर दिक् सूची रखने पर दो दिशाओं की ओर संकेत करेगा जो संभव नहीं हैं।
(ii) चुम्बक क्षेत्र रेखाओं के गुणों को लिखिए ।
Ans: चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं –
1. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में समाहित हो जाती है |
2. चुम्बक के अंदर, चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इसके दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है |
3. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र होती हैं |
4. जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाए घनी होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है |
5. दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं |
(iii) किसी चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है?
Ans: फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आरोपित बल अधिकतम होता है, जब चालक को चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत् रखा जाए। अर्थात विद्युत धारा की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा परस्पर लंबवत् हो।
अथवा
(i) फ्यूज तार विद्युत साधित्रों का बचाव किस प्रकार करता है?
Ans: फ्यूज तार का गलनांक कम तथा प्रतिरोध अधिक होता है। इसलिए, जब भी विद्युत धारा में उछाल आता है, तो फ़्यूज़ का तार पिघल जाता है और परिपथ को तोड़ देता है। यह बिजली के उपकरणों को किसी भी तरह की क्षति से बचाता है। इस प्रकार, एक फ्यूज तार विद्युत उपकरणों की सुरक्षा करता है।
(ii) धारावाही परिनालिका के उपयोग द्वारा किन अवस्थाओं में स्थायी विद्युत चुम्बक प्राप्त किया जाता हे? परिपथ आरेख खींचकर उत्तर की पुष्टि कीजिए ?
Ans: जब एक धारावाही परिनालिका का उपयोग किया जाता है तो स्थायी विद्युत चुंबक प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तों की आवश्यकता होती है:
- परिनालिका के अंदर की छड़ को स्टील जैसे चुंबकीय पदार्थ से बनाया जाना चाहिए जो चुंबकीयकरण के बाद लंबे समय तक चुंबकीय गुणों को बनाए रखे।
- परिनालिका में प्रवाहित धारा दिष्ट धारा होनी चाहिए।
- परिनालिका में घुमावों की संख्या अधिक और सघन रूप से सटी हुई होनी चाहिए ताकि इसके भीतर एक प्रबल समान चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो सके।
उपखण्ड 'ख'
प्रश्न-5 निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए संतुलित समीकरण लिखिए-
(i) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
Ans:
(ii) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है
Ans:
(iii) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
Ans: 3H2 + N2 → 2NH3
(iv) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइआक्साइड बनता है।
Ans: 2H2S + 3O2 → 2H2O + 3BaSO2
प्रश्न - 6 निम्नलिखित का कारण बताइए-
(i) प्लैटिनम, सोना एवं चांदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता हैं ।
Ans: प्लैटिनम, सोना एवं चांँदी चमकदार धातुए है एवं संक्षारित भी नहीं होती है अतः इनका उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(ii) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को आक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
Ans: धातुओ को उनके ऑक्साइड से पृथक करना ज्यादा आसान प्रक्रिया है अतः निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फ़ाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
प्रश्न- 7 (i) सहसंयोजी आबंध किसे कहते है ? सहसंयोजी आबंध के दो लक्षणों को लिखिए ।
Ans: दो परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉन के एक जोड़े की साझेदारी से बनने वाले आबंध को सहसंयोजी आबंध कहते हैं । इनमें निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं ।
(1) इन अणुओं में भीतर प्रबल आबंध होता है लेकिन इनका अंतराणुक कम होता है ।
(2) इनका क्वथनांक कम होता है ।
(3) इनका गलनांक कम होता है
(4) इनके योगिकों विद्युत के कुचालक होते है।
(ii) निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए-
(a) CH3- CH2 –CHO
Ans: IUPAC नामकरण
- "यौगिक को स्पष्ट रूप से पहचानने के लिए, नामकरण की एक व्यवस्थित विधि विकसित की गई है और इसे नामकरण की IUPAC (इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री) प्रणाली के रूप में जाना जाता है।"
IUPAC नामकरण के नियम
मूल शब्द का निर्धारण
कार्बन परमाणुओं की अधिकतम संख्या वाली सतत श्रृंखला का चयन करें
यहां श्रृंखला में 5 कार्बन परमाणु हैं, इसलिए मूल शब्द "प्रोप" होगा
स्थानीय लोगों के नाम और पदों का निर्धारण
दिए गए यौगिक में कोई भी प्रतिस्थापी मौजूद नहीं है।
प्रत्यय का निर्धारण
एक एल्डिहाइड कार्यात्मक समूह है, प्रत्यय "अल" होगा
इसलिए, IUPAC नाम CH3 CH2 CHO प्रोपेनल है.
(b) CH3- CO–CH3
Ans: चरण 1: परिचय
क्रियात्मक समूह एक परमाणु या परमाणुओं का समूह है जो किसी विशेष यौगिक की विशेषता के लिए जिम्मेदार होता है।
यौगिकों का IUPAC नाम कार्बनिक यौगिकों के नामकरण का उचित नियम है। इसे इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री द्वारा सौंपा गया है।
चरण 2: शब्द मूल का निर्धारण:
इस यौगिक में तीन कार्बन होते हैं (C) परमाणु.
तो, यौगिक का शब्द मूल "प्रोप" है।
चरण 3: कार्यात्मक समूह का निर्धारण:
यौगिक प्रकृति में संतृप्त है. अत: यौगिक का पूर्व प्रत्यय "अने" है।
इस यौगिक में शामिल है -CO- एल्काइल समूह से जुड़ा समूह।
तो, यौगिक का कार्यात्मक समूह कीटोन है। तो, प्रत्यय "एक" है
सभी पदों को प्रोप + एने + वन के रूप में जोड़ें।
इसलिए, यौगिक का IUPAC नाम प्रोपेनोन है।
(iii) कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए |
Ans: कठोर जल में कैल्सियम एवं मैग्नीशियम के कार्बोनिट एवं बाई कार्बोनिट उपस्थित होते है। ये साबुन से अभिक्रिया करके अघुलनशील पदार्थ बनाते है। जिसे स्कम कहते है। कठोर जल में साबुन अधिक झाग नहीं देता है। एवं अधिक साबुन का उपयोग करना पडता है।
अथवा
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए |
(i) विकृतगंधिता
Ans: "विकृतगंधिता" एक अद्भुत शब्द है जो आत्म-संज्ञान और स्वीकृति की अद्वितीयता को स्पष्ट करता है। यह शब्द विकृति (distortion) और गंध (smell) के संयोजन से बना है, जिससे यह प्रतीत होता है कि कुछ स्थितियाँ या विचार वास्तव में होने जा रहे अथवा होने वाले चीजों को एक अनूठी परिप्रेक्ष्य से देखने की क्षमता है।
विकृतगंधिता की व्याख्या करते समय, हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह केवल किसी एक व्यक्ति या समूह की दृष्टि होने की संभावना है, जिससे उनके विचार और अनुभवों को समझने में हमें सहायक हो सकता है। इस शब्द का उपयोग किसी भी विचार की प्रतिबिंबना में नई परिप्रेक्ष्य और समझ पैदा करने के लिए किया जा सकता है।
(ii) रेडाक्स अभिक्रिया
Ans: रेडाक्स अभिक्रिया एक महत्वपूर्ण केमिस्ट्रीय प्रक्रिया है जिसमें एक या अधिक धातुओं के उत्कृष्टता को कम करने के लिए अन्य एक या अधिक यौगिकों के साथ उसे बाधित किया जाता है। इस प्रक्रिया में अभिक्रिया योग्यता या केमिकल रीडक्शन क्षमता का उपयोग किया जाता है, जो रेडाक्टेंट के रूप में जाना जाता है। इस प्रक्रिया में, रेडाक्टेंट अपने इलेक्ट्रॉनों को देते हैं और इस प्रक्रिया के दौरान यौगिक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं, जिससे उनमें परिवर्धित यौगिक के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
रेडाक्स अभिक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से हम विभिन्न उत्पादों को उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे कि क्लोरीन और सोडियम क्लोराइड के बीच की रेडाक्स अभिक्रिया जिससे नमक बनता है। यह भी विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल उद्योग और औद्योगिक उत्पादन में।
(iii) एस्टरीकरण अभिक्रिया
Ans: एस्टेरीकरण एक महत्वपूर्ण रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें किसी कम्पाउंड को एस्टेर (Ester) में बदला जाता है। इस प्रक्रिया में, एस्टेर का निर्माण करने के लिए कोई एस्टेरीक (Esterifying agent) इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि कार्बॉक्सिलिक एसिड और एल्कोहल। इस प्रक्रिया में, हाइड्रोक्सील ग्रुप (-OH) के स्थान पर एक एक्सील (Acyl) ग्रुप जुड़ाते हुए एस्टेर बनता है। यह प्रक्रिया कई उपयोगिता सम्प्रेषणों में इस्तेमाल होती है, जैसे कि ध्वनि, खुशबू, और घरेलू प्रदूषण कम करने के उपकरणों में।
उपखण्ड 'ग'
प्रश्न–8 जैव निम्नीकरणीय और गैर-जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों के बीच अंतर बताइए। इनके उदाहरण दीजिए।
Ans:
प्रश्न–9 निम्नलिखित चित्र में अंतःस्त्रावी ग्रंथियों को नामांकित कीजिए
Ans: (a) पीनियल ग्रंथि
(b) पिट्यूटरी ग्रंथि
(c) थायरॉयड ग्रंथि
(d) थाइमस
प्रश्न-10-निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
इसकी व्याख्या इस तथ्य में निहित है कि मानव के सभी गुणसूत्र पूर्णरूपेण युग्म नहीं होते। मानव में अधिकतर गुणसूत्र माता और पिता के गुणसूत्रों के प्रतिरूप होते है । इनकी संख्या 22 जोड़े हैं । परन्तु एक युग्म जिसे लिंग गुणसूत्र कहते हैं, जो सदा पूर्ण जोडे में नहीं होते। स्त्री में गुणसूत्र का पूर्ण युग्म होता है तथा दोनों X कहलाते हैं लेकिन पुरूष (नर) में यह जोड़ा परिपूर्ण जोड़ा नहीं होता, जिसमें एक गुण सूत्र सामान्य आकार का X होता है तथा दूसरा गुणसूत्र छोटा होता है जिसे Y गुणसूत्र कहते हैं । अतः स्त्रियों में XX तथा पुरूष में XY गुणसूत्र होते है। क्या अब हम X और Y का वंशानुगत पैटर्न पता कर सकते हैं?
(i) लिंग निर्धारण वंशानुगत कैसे हो सकता है?
Ans: लिंग निर्धारण वंशानुगत (sex determination hereditary) हो सकता है जब लिंग संबंधी विशेषताएँ (लिंग गुण) एक वंश में संचारित होती हैं। यह प्रक्रिया जीनेटिक और आनुवांशिक परिवर्तनों के कारण हो सकती है।
जीनेटिक रूप से, लिंग निर्धारण जीनों पर निर्भर कर सकता है जो लिंग के विकास को नियंत्रित करते हैं। इन जीनों के माध्यम से, वंशानुगत लिंग निर्धारण का पता लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आदमी में Y जीन मर्द पन की विशेषता को नियंत्रित करता है, जबकि X जीन स्त्री पन की विशेषता को नियंत्रित करता है।
आनुवांशिक रूप से, लिंग निर्धारण वंशानुगत हो सकता है जब किसी विशेष जीनेटिक परिवर्तन के कारण लिंग की विशेषता पीढ़ी से पीढ़ी आगे बढ़ती है। यह प्रक्रिया लंबे समय तक चल सकती है और विभिन्न पीढ़ियों में स्थिर रह सकती है।
इस प्रकार, लिंग निर्धारण वंशानुगत हो सकता है जब जीनेटिक या आनुवांशिक कारकों के कारण लिंग संबंधी विशेषताएँ वंश में संचारित होती हैं।
(ii) मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
Ans: बच्चे में लिंग को लिंग गुणसूत्र निर्धारित करता हैं। मानव में गुणसूत्र निर्धारित करता हैं। मानव में गुणसूत्र के 23 जोंडे होते हैं। जिसमें से 1 जोड़ा लिंग गुणसूत्र का होता हैं सूत्रयों में लिंग गुणसूत्र (xx) होते हैं। लेकिन पुरूषों में लिंग गुणसूत्र (xy) होते हैं सभी बच्चे माँ से “x” गुणसूत्र पाए जाते है। परंतु पिता से “X” या “Y” कोई भी पाया जा सकता है। इस प्रकार पिता का गुणसूत्र निर्णय लेता है कि बच्चा बेटा है या बेटी।
प्रश्न-11 मानव आहार - नाल का आरेख बनाइए और उसमें निम्नलिखित भागों को नामांकित कीजिएः मुख, ग्रसिका, आमाशय तथा छोटी ऑत
Ans: आहारनाल का आरेख नीचे दिया गया है –
अथवा
स्त्रीकेसर का स्वच्छ एवं नामांकित आरेख बनाइए तथा उसमें परागनली की वृद्धि और बीजांड में उसके प्रवेश करते हुए दिखाइए ।
Ans: निम्नलिखित चित्र पराग नली की वृद्धि और बीजांड में उसके प्रवेश को दर्शाता है।
अतिरिक्त सुझाव
नोट्स के अलावा, निम्नलिखित सुझाव भी आपकी परीक्षा की तैयारी में मदद कर सकते हैं:
- एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तक का अच्छी तरह से अध्ययन करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करें ताकि आपको परीक्षा के पैटर्न और प्रश्न के प्रकार की समझ हो।
- नियमित रूप से नोट्स बनाएं और उनका पुनर्मूल्यांकन करें।
- एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं और पर्याप्त नींद लें।
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