बिहार बोर्ड 10वीं कक्षा 2022-23 : Geography - भूगोल महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न ( लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ )

SHARING IS CARING
If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.
बिहार बोर्ड 10वीं कक्षा 2022-23 : Geography - भूगोल महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न ( लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ )
बिहार बोर्ड मैट्रिक (कक्षा 10वीं) परीक्षा 2023 के लिए Geography - भूगोल के सब्जेक्टिव प्रश्न ( Class 10th Geography VVI Subjective Question ) इस पोस्ट मे दिये गए है, जो कि सभी छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Bihar Board Class 10th Study Material | |
BSEB Class 10 Books | BSEB Class 10 Revision Notes |
BSEB Class 10 Previous Year Questions Paper | BSEB Class 10 Model Papers |
कक्षा 10वीं Geography - भूगोल के प्रत्येक अध्याय के महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न, उत्तर के साथ दिये गए है। जो कि छात्रों के लिए बहुत समय बचाता है। यहां पर Geography - भूगोल के लघु उत्तरीय प्रश्न तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( class 10th Geography Subjective Question ) पढ़ सकते हैं।
Short Answer Questions
लघु उतरीय प्रश्न
1. संसाधन को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर- मानव जीवन के लिए उपयोगी सभी वस्तुएं संसाधन है। दूसरे शब्दों में जिन साधनों से मानव आवश्यकताओं की पूर्ति होती है और उनका जीवन स्तर उन्नत होता है वे सभी संसाधन कहलाते हैं।
2. संसाधन संरक्षण की उपयोगिता को लिखिए ।
उत्तर- संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग ही संसाधन संरक्षण कहलाता है। संसाधन संरक्षण की उपयोगिता यह है कि संसाधनों से मानव अधिकाधिक लाभान्वित होता रहता है। संसाधन संरक्षण से ही अगली पीढ़ी लाभान्वित हो सकती है। भावी पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए संसाधनों का संरक्षण काफी आवश्यक है।
3. बहुउद्देशीय परियोजना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- वैसी परियोजना जिनसे एक साथ अनेक उद्देश्यों की पूर्ति की जाती है बहुउद्देशीय परियोजना कहलाती है। जैसे- नदियों की घाटियों पर बडे-बडे बाँध बनाकर ऊर्जा, सिंचाई, पर्यटन स्थलों की सुविधाएं प्राप्त की जातीं हैं। इसीलिए इन्हें बहूद्देशीय ( बहु + उद्देश्यीय) परियोजना कहते हैं ।
नदीघाटी योजना का प्राथमिक उद्देश्य होता है, किसी नदीघाटी के अंतर्गत जल और थल का मानवहितार्थ पूर्ण उपयोग |
4. जल संसाधन के क्या उपयोग है? लिखें।
उत्तर- जल संसाधन के अनेक उपयोग है। जल संसाधन का उपयोग कृषि में सिंचाई के अलावा, मनुष्यों, पशुओं और अन्य जीवों के पीने के लिये किया जाता है। शक्ति के उत्पादन, गंदे पानी को बहाने, सफाई कार्य, घोंघा, मछलीपालन, मनोरंजन, औद्योगिक कार्य एवं सौर परिवहन आदि हेतु भी किया जाता है।
5. जल संकट क्या है?
उत्तर- एक क्षेत्र के अंतर्गत जल उपयोग की मांगों को करने हेतु उपलब्ध जल संसाधनों की कमी को ही 'जल संकट' कहते हैं। भारत में जल संकट की समस्याओं को मुख्यता दक्षिणी और उत्तर-पश्चिमी भागों में इंगित किया जाता है।
6. लौह अयस्क के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर- लौह अयस्क निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं-
i. हेमाटाइट
ii. मैग्नेटाइट
iii. लिमोमाइट
7. चिपको आन्दोलन क्या है?
उत्तर- चिपको आंदोलन 1970 के दशक में उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल क्षेत्र से सुंदरलाल बहुगुणा के हुआ था। सरकार ने आदिवासी समुदाय के में प्रवेश और अंगू के पेड़ काटने पर रोक लगा दी थी।
पुनः पेड़ काटने का ठेका खेल सामग्री बनाने वाली एक कंपनी को दे दिया गया जिसका लोगों ने भारी विरोध किया। चिपको आंदोलन में महिलाओं की बड़ी भूमिका थी जिनमें लोगों ने पेड़ों से चिपक कर उनके काटे जाने का विरोध किया था। अर्थात यह एक प्रकार का पर्यावरण संरक्षण से संबंधित आंदोलन था।
8. अभ्रक का उपयोग क्या है?
उत्तर- अभ्रक का उपयोग मुख्यतया विद्युत् उद्योग में काम आता है। विद्युत् का असंवाहक होने के कारण इसका उपयोग कंडेंसर, कम्पयूटर, टेलीफोन, डायनेमो आदि के काम में होता है। पारदर्शक तथा तापरोधक होने के कारण यह लैंप की चिमनी, स्टोव, भट्ठियों आदि में प्रयुक्त होता है।
9. चूना पत्थर की क्या उपयोगिता है?
उत्तर- खनिज पदार्थों में चूने का पत्थर एक महत्त्वपूर्ण खनिज है। इसका उपयोग बहुत से उद्योगों जैसे सीमेंट, चूना, कैल्शियम कार्बाइड, रासायनिक खादों, स्टील, कपड़ा, उद्योगों, चीनी, कागज और चमडे आदि के उद्योगों में होता
10. खनिज क्या है?
उत्तर- मूलतः खनिज शब्द का अर्थ है- खनि + ज। अर्थात् खान से उत्पन्न चीजें होता है। खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट नमक, जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि ।
11. कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए |
उत्तर- कोयला निम्नलिखित चार प्रकार का होता है-
i. ऐंथ्रासाइट
ii. बिट्टूमिनस
iii. लिग्नाइट तथा
iv. पीट
12. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है?
उत्तर- पेट्रोलियम से निम्नलिखित वस्तुओं का निर्माण होता है- गैसोलीन, डीजल, किरासन तेल, स्नेहक, किटनाशक दवाइयां, पेट्रोल, साबुन, कृत्रिम रेशा, प्लास्टिक तथा मोमबत्ती इत्यादि ।
13. सागर सम्राट क्या है?
उत्तर- सागर सम्राट मुंबई हाई पेट्रोलियम उत्पादन क्षेत्र में कार्यरत एक जलयान है जो समुद्री क्षेत्र में जल के भीतर तेलकूप की खुदाई का कार्य करता है।
14. हरित क्रांति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सन 1966-67 में प्रारम्भ करने का श्रेय एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है। हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं ।
15. विनिर्माण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- उपलब्ध कच्चे मालों का प्रसंस्करण कर जीवनोपयोगी वस्तुएं तैयार करना विनिर्माण कहलाता है।
16. सार्वजनिक और निजी उद्योग में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-
सार्वजनिक उद्योग- वे समस्त उद्योग जिनका संचालन सरकार स्वयं करती है सर्वजनिक उद्योग कहलाता है। जैसे दुर्गापुर, भिलाई एवं राउर केला का कारखाना ।
निजी उद्योग - जबकि निजी उद्योग वैसे उद्योग है जिनका स्वामित्व किसी व्यक्ति विशेष या सहकारी समिति के हाथों में होता है। जैसे- टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी, जमशेदपुर कारखाना इत्यादि ।
17. नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों को लिखें।
उत्तर- नदी घाटी परियोजनाओं के कई उद्देश्य होते हैं इसीलिए इन्हें बहुउद्देशीय परियोजनाएं भी कहा जाता है। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य - सिंचाई का प्रबंध, जल विद्युत् का उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण, पर्यावरण की रक्षा, अन्तः-स्थलीय नौपरिवहन का विकास, भू-संरक्षण और मछली पालन का विकास इत्यादि होता है।
18. बिहार में वनों के अभाव के चार कारणों को लिखिए |
उत्तर- बिहार में वनों के अभाव के चार कारण निम्नलिखित
i. बिहार से झारखंड के अलग हो जाना
ii. जो वन बच गए उनके संरक्षण पर ध्यान नहीं देना
iii. बढ़ी हुई जनसंख्या के अन्नोत्पादन के लिए जमीन हेतु वनों की कटाई
iv. सड़कों के चौड़ीकरण तथा रिहायशी मकानों को बनाने हेतु पेड़ों की कटाई
19. बिहार में जल विद्युत विकास पर प्रकाश डालिए ।
उत्तर-बिहार में जल विद्युत का विकास किया जा रहा है। यहां लगभग 44.10 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन डेहरी, बारुण, पश्चिमी चंपारण, कटैया विधुत केंद्रों से हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त बिहार की अन्य नदियां गंडक, बागमती पर जल विद्युत केंद्र निर्माणाधीन है।
20. समोच्च रेखा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- समोच्च रेखाएं उच्चावच प्रदर्शन की सर्वश्रेष्ठ तकनीक मानी जाती है। वस्तुतः समोच्च रेखाएं भूतल पर समुद्र तल से एक समान ऊंचाई वाले बिंदुओं को मिलाकर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएं हैं जिन्हें वास्तविक सर्वेक्षण के बाद खींची जाती है। प्रत्येक समोच्च रेखाओं के साथ उसकी ऊंचाई का मान लिख दिया जाता है। इन रेखाओं को मानचित्र पर बदामी रंग से दिखाया जाता है। यह मानचित्र निरूपण की एक मानक विधि है।
21. स्तर रंजन क्या है?
उत्तर- किसी क्षेत्र के मानचित्र में विभिन्न सूचनाओं के साथ-साथ उच्चावच प्रदर्शन करने की यह एक उत्तम एवं सरल विधि है। इसमें समुद्र तल से किसी स्थान की ऊंचाई दिखाने के लिए एक स्पष्ट बिंदु के समीप अंक लिख दिया जाते हैं। अंको से बनी संख्या उस स्थान की समुद्र तल से ऊंचाई प्रदर्शित करती है। यह तल चिन्ह की सहायता से चिन्हित की जाती है।
22. आपदा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- ऐसी दुर्घटनाएं जो बिना बुलाए अकस्मात घटती है और अल्प समय में ही जन धन की अपार क्षति पहुंचा देती है आपदा कहलाती है। ऐसी घटनाएं हमें संकट की स्थिति में ला देती है। दूसरे शब्दों में हमारे सामाजिक आर्थिक जीवन को भारी खतरे में डालने वाली अकस्मात घटना आपदा कहलाती है।
23. आपदा कितने प्रकार का होता है?
उत्तर- आपदा दो प्रकार का होती है- प्राकृतिक आपदा तथा मानव जनित आपदा
24. कोयले के विभिन्न प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर- कोयला निम्नलिखित चार प्रकार का होता है-
i. ऐंथ्रासाइट
ii. बिट्टूमिनस
iii. लिग्नाइट तथा
iv. पीट
25. आपदा प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता आपदा के पूर्व एवं पश्चात होने वाली क्षति को कम करने या बचने से है। प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित आपदा इत्यादि के घटित होने से अधिक मात्रा में जैविक एवं अजैविक संसाधनों का नुकसान होता है। इसी संदर्भ में लोगों को विशेष प्रशिक्षण देकर उसके प्रभाव को कम करना आपदा प्रबंधन कहलाता हैI
26. बाढ़ कैसे आती है? स्पष्ट करें।
उत्तर- अधिक वर्षा होने के कारण नदियों में जल का जमाव होता है। साथ ही अवसादो के जमा होने के फलस्वरूप नदी तल की गहराई में कमी आती है, नदी तल के भरने के कारण जल का स्तर धीरे-धीरे ऊपर उठता है और नदी के तटबंध पर दबाव बढ़ता जाता है। फल स्वरुप तटबंध टूट जाते हैं और नदी का जल विभिन्न क्षेत्रों में फैल जाता है जिससे बाढ़ आती है।
27. भूकंप और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर-
भूकंप- पृथ्वी के भूपटल में उत्पन्न तनाव का, उसकी सतह पर अचानक मुक्त होने के कारण पृथ्वी की सतह का हिलना या कांपना, भूकंप कहलाता है। भूकंप प्राकृतिक आपदाओं में से सबसे विनाशकारी विपदा है जिससे मानवीय जीवन की हानि हो सकती है।
सुनामी - सुनामी समुद्र के तल पर या इसके नीचे भी भूस्खलन और भूकंप के कारण होती है। यह भी प्राकृतिक आपदा है। महासागर की तली पर जब कंपन होता है तो इसे सुनामी कहा जाता है।
28. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बताइए |
उत्तर- सुनामी से बचाव के 3 उपाय निम्नलिखित है-
i. तटवर्ती भागों में ज्वारीय वृक्षों को लगाकर तरंगों के वेग को कम करके भी सुनामी से बचा जा सकता है।
ii. समुद्र तल से दूर और उच्च स्थानों पर जाकर भी सुनामी से बचा जा सकता है।
iii. सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों की मदद से लोगों को जागरूक करना चाहिए।
Long Answer Questions
दीर्घ उतरीय प्रश्न
1. मृदा संरक्षण पर एक निबंध लिखिए |
उत्तर- पृथ्वी का वह ऊपरी सतह जिसमें कृषि कार्य किया जाता है मृदा कहलाता है। मृदा संरक्षण (Soil conservation) से तात्पर्य उन विधियों से है, जो मृदा को अपने स्थान से हटने से रोकते हैं। संसार के विभिन्न क्षेत्रों मैं मृदा अपरदन को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न विधियाँ अपनाई गई हैं। मृदा संरक्षण की विधियाँ हैं - वनों की रक्षा, वृक्षारोपण, बंध बनाना, भूमि उद्धार, बाढ़ नियंत्रण, अत्यधिक चराई पर रोक, पट्टीदार व सीढ़ीदार कृषि, समोच्चरेखीय जुताई तथा शस्यार्वतन ।
कई कारणों से मृदा का क्षरण होता है अतः उसका संरक्षण आवश्यक है। मृदा क्षरण के कई कारक है। ये सभी कारक प्राकृतिक है। जैसे तेजी से बहता हुआ जल, वेगवान पवन, हिमानी सामुद्रिक लहरें, इन्हीं से सुरक्षा करने को मृदा संरक्षण कहते हैं।
मृदा एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विभिन्न प्रकार के जीवों का भरण-पोषण करती है। इसके अतिरिक्त, मृदा - निर्माण एक बहुत ही धीमी प्रक्रिया है। मृदा अपरदन की प्रक्रिया ने प्रकृति के इस अनूठे उपहार को केवल नष्ट ही नहीं किया है अपितु अनेक प्रकार की समस्याएँ भी पैदा कर दी है। मृदा अपरदन से बाढ़ें आती हैं। इन बाढ़ों से सड़कों व रेलमार्गों, पुलों, जल विद्युत परियोजनाओं, जलापूति और पम्पिंग केन्द्रों को काफी हानि पहुँचती है।
2. जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके क्या उपाय है?
उत्तर- मानव को प्रकृति से अनेक उपहार मिले हैं जिससे मानवीय जीवन की आवश्यकताएं पूरी होती हैं, इसलिए इनका संरक्षण आवश्यक है। इन संसाधनों में जल एक ऐसा संसाधन है जिसका फैलाव पृथ्वी के दो-तिहाई भाग पर पाया जाता है। परंतु उपयोगी जल बहुत कम है। इसलिए इसके उचित प्रबंधन एवं संरक्षण की आवश्यकता है, ताकि जल संकट दूर हो सके। जल संरक्षण के लिए सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास जारी है।
भारत सरकार ने 1987 ई. में राष्ट्रीय जल नीति बनायी थी जिसे 2002 में पुनः संशोधित कर लागू किया गया। जल संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं
i. भूमिगत जल की पुनर्पूर्ति- भूमिगत जल के स्तर में लगातार हो रहे गिरावट को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपन, जैविक व कंपोस्ट का उपयोग, वेटलैंडस का संरक्षण, वर्षा जल का संचयन जैसे कार्यक्रम को चलाना उपयोगी सिद्ध होगा ।
ii. जल संभर प्रबंधन - जल प्रवाह या जल जमाव का उपयोग कर उद्यान, कृषि, वानिकी, कृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे पेयजल की आपूर्ति भी की जा सकती है।
iii. तकनीकी विकास- तकनीक के माध्यम से जल का कम से कम उपयोग कर अधिकाधिक लाभ लेकर भी जल संरक्षण किया जा सकता है। ड्रिप सिंचाई - लिफ्टसिंचाई, सूक्ष्म फुहारों द्वारा सिंचाई, सीढ़ीनुमा खेती" से जल का संरक्षण किया जा सकता है।
3. खनिज कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए |
उत्तर- खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं-
i. धात्विक खनिज- इन खनिजों में धातु होती है जैसे लौह अयस्क, ताँबा, निकेल, मैंगनीज आदि । पुनः इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है।
(क) लौहयुक्त खनिज- जिन धात्विक खनिज में लोहे का अंश अधिक पाया जाता है वे लोहयुक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे- लौह अयस्क, निकेल, टंगस्टन | |
(ख) अलोहयुक्त खनिज - वैसे खनिज जिनमें लोहे की मात्रा न्यून होती है या नहीं होती है, अलौहयुक्त खनिज कहलाते हैं; जैसे- सोना, चाँदी, शीशा, बॉक्साइट ताँबा |
ii. अधात्विक खनिज- इसमें धातु नहीं होती है जैसे - चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम आदि। अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-
(क) कार्बनिक खनिज - इसमें जीवाश्म होते हैं, ये पृथ्वी में दबे प्राणी, पादप जीवों के परिवर्तन से बनते हैं, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम आदि ।
(ख) अकार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे- अभ्रक, ग्रेफाइट |
4. धात्विक एवं अधात्विक खनिज में क्या अंतर है? कीजिए ।
उत्तर- धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में अंतर
5. बिहार में बाढ़ की स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर- बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। खासकर बिहार का उत्तरी हिस्सा बाढ़ की समस्या से प्रत्येक वर्ष जुझता है और यहां भारी मात्रा में जानमाल की क्षति होती । संपूर्ण भारत या विश्व में बिहार की बाढ़ का भयानक रूप अपना अलग स्थान रखता है। बिहार में कोशी नदी को बिहार का शोक कहा जाता है।
इसकी विभीषिका तो इतनी भयावह होती है कि 2008 ई. में आई बाढ़ ने विश्व स्तर पर मदद देनी पड़ी। इसमें बर्बादी का आंकड़ा भी लगाना मुश्किल है। 2008 ई. में भारत-नेपाल सीमा पर कुसहा के पास तटबंध टूटने से आई बाढ़ ने भी कोशी की धारा ही बदल दी। कारण स्पष्ट है कि बिहार के उत्तर में नेपाल है जो कोशी नदी का उदगम स्थल है। नेपाल द्वारा छोड़े गए जल सबसे पहले बिहार में ही प्रवेश करता है जो कोशी, कमला बलान, गंडक इत्यादि नदियों द्वारा अपना भयावह रूप लेती है और संकट उत्पन्न हो जाता है।