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बिहार बोर्ड 10वी अर्थशास्त्र परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

बिहार बोर्ड 10वी अर्थशास्त्र परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

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बिहार बोर्ड 10वी अर्थशास्त्र परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

यहां बिहार बोर्ड 10वी सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र) परीक्षा 2023 के लिए  Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ दिए गए है  

इसमें शिक्षकों द्वारा चयनित शीर्ष 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न दिए गए हैं जिनके साथ उत्तर भी शामिल हैं। यह एक गाइड है जो बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों को परीक्षा से पहले उन प्रश्नों को मदद करेगा जो परीक्षा में हर साल पूछे जाते है। 

आप नीचे दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र) के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।

सामाजिक विज्ञान (अर्थशास्त्र)

1. अर्थव्यवस्था किसे कहते है ?

उत्तर :- अर्थव्यवस्था एक ढांचा है, जिसके अन्तर्गत लोगो की आर्थिक क्रियाओं का अध्यन किया जाता है ।

(ब्राउन के अनुसार, अर्थव्यवस्था आजीवका का अर्जन की एक प्रणाली है)

2. सतत विकास क्या है ?

उत्तर :- ब्रॅण्डलैंड के अनुसार विकास की वह प्रक्रिया जिसमे वर्तमान की आवश्यकताएं बिना भावी पीढ़ी को देखे अपनी योग्यताओं से समझौता किए पूरी की जाती है ।

जैसे :- कोयला, गैस, जल

3. आर्थिक नियोजन क्या है ?

उत्तर :- आर्थिक नियोजन (Economic Planning) का अर्थ एक समयवद्ध कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व निर्धारित सामाजिक एवं आर्थिक उदेश्यों की प्राप्ति के लिए अर्थव्यवस्था में उपलब्ध संसाधनों का नियोजित समन्वय एवं उपयोग करना है।

4. मानव विकास रिपोर्ट क्या है ?

उत्तर :- यह सूचकांक सयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा महबूब -उल-हक़ के निर्देशन में तैयार की गयी पहली मानव विकास रिपोर्ट थी । UNDP द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट विभिन्न देशो की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर उनकी स्वास्थ स्थिति और प्रति वयक्ति आय के आधार पर करती है। - मानव विकास सूचकांक के तीन सूचक है ।

(i) जीवन आशा सूचकांक

(ii) शिक्षा प्राप्ति सूचकांक

(iii) जीवन स्तर सूचकांक

5. आधारिक संरचना पर प्रकाश डालें ।

उत्तर :- आधारिक संरचना उन सुविधाओं से है जो देश के आर्थिक विकास के लिए सहायक होते है । या,वे सभी तत्व जैसे की परिवहन, संचार, बिजली, स्कूल, अस्पताल आदि देश के आर्थिक विकास के आधार है, उन्हें आधारिक संरचना कहते है ।

6. अर्थव्यवस्था की संरचना से क्या समझते है ? इन्हें कितने भागों में बाँटा गया है ?

उत्तर :- अर्थव्यवस्था की संरचना से तात्पर्य है विभिन्न उत्पादन क्षेत्रों में इसके विभाजन से है। अथवयवस्था में विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रियाएँ सम्पादित की जाती है, जिसे मोटे तौर पर तीन भागों में बाँटा जाता है।

i. प्राथमिक क्षेत्र :-वह क्षेत्र है जिसमे प्राकृतिक संसाधनो प्रयोग करके वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है । या, कृषि क्षेत्र को प्राथमिक क्षेत्र कहा जाता है ।

जैसे :- कृषि, पशुपालन, वन, मछलीपालन

ii. द्वितीयक क्षेत्र :-वह क्षेत्र है, जिसमे प्राथमिक क्षेत्रों से प्राप्त वस्तुओं को दूसरे अंतिम प्रकार में परिवर्तित करते है। या, औद्योगिक क्षेत्र को द्वितीयक क्षेत्र कहते है ।

जैसे:- उद्योग, निर्माण, गैस एवं बिजली

iii. तृतीयक क्षेत्र :-प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक के लिए उत्पादन सहायक गतिविधियों में सहायता करता है या सेवा क्षेत्र को तृतीयक क्षेत्र कहा जाता है ।

7. बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के क्या कारण है ?

उत्तर :- बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के निम्न कारण है :-

i. तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या

ii. आधारिक संरचना का आभाव

iii. कृषि पर निर्भरता

iv. औद्योगिक पिछड़ेपन

v. बाढ़ तथा सूखा से क्षति

vi. गरीबी

vii. ख़राब विधि व्यवस्था

viii. कुशल प्रशासन का आभाव

8. सकल घरेलु उत्पाद से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- किसी देश में किसी दिए हुए वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की जो कुल मात्रा उत्पादित की जाती है, उसे सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है ।

9. राष्ट्रीय आय की गणना में होनेवाली कठिनाइयों का वर्णन करें ?

उत्तर :- राष्ट्रीय आय की गणना करने में अनेक कठिनाइयाँ आती है।

(i) आँकड़ो को एकत्र करने में कठिनाई

(ii) दोहरी गणना की सम्भावना

(iii) मूल्य के मापने में कठिनाई

10. आय का गरीबी के साथ सबंध स्थापित करें ?

उत्तर :- प्रतिव्यक्ति आय कम होने पर बचत निम्न स्तर पर होती है। कम बचत होने के कारण पूँजी निर्माण दर कम होती है। कम पूँजी निर्माण दर के कारण विनियोग भी कम होता है, जिसके कारण देश में प्रति व्यक्ति आय पुन निम्न स्तर पर बनी रहती है। इस प्रकार आय का गरीबी से साथ संबंध होता है। जब उत्पादन कम होता है तो आय भी कम होती है। प्राय आय कम होने का अर्थ होता है कि उस जगह की अर्थव्यस्था अभी भी कृषि पर ही निर्भर है। जिसके चलते वहाँ गरीबी रहती है।

11. राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें । इसकी गणना की प्रमुख विधि कौन-कौन सी है ?

उत्तर :- प्रो० अल्फ्रेड मार्शल के अनुसार "किसी देश की श्रम एवं पूंजी का उसके प्राकृतिक साधनो पर प्रयोग करने से प्रतिवर्ष भौतिक तथा अभौतिक वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार की सेवाओं का जो शुद्ध समुह उत्पन्न होता है, उसे राष्ट्रीय आय कहते है । राष्ट्रीय आय की गणना अनेक प्रकार से की जाती है।

(i) उत्पादन गणना विधि ( Census of Production Method)

:-राष्ट्र के व्यक्तियों की आय उत्पादन के माध्यम से अथवा मौद्रिक आय माध्यम से प्राप्त होता है , इसीलिए इसक गणना जब उत्पादन के योग के द्वारा किया जाता है तो उसे उत्पादन गणना विधि कहा जाता है।

(ii) आय गणना विधि ( Census of Income Method)

:-जब राष्ट्र के व्यक्तियों की आय के आधार पर राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है तो उस गणना विधि को आय गणना विधि कहा जाता है।

(iii)व्यय गणना विधि ( Census of Expenditure Method)

:-जब कोई व्यक्ति अपने आय को अपने उपभोग के लिए व्यय भी करता है इसीलिए राष्ट्रीय आय की गणना लोगों के व्यय के माप से किया जाता है, राष्ट्रीय आय की मापने की इस प्रक्रिया को व्यय गणना विधि कहते है।

12. प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में अंतर स्पष्ट करें ?

उत्तर :- राष्ट्रीय आय- राष्ट्रीय आय का मतलब किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मूल्य से लगाया जाता है। प्रति-व्यक्ति आय - जब राष्ट्रीय आय को देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है। वह प्रति व्यक्ति आय कहलाता है।

प्रति व्यक्ति आय = राष्ट्रीय आय / कुल जनसंख्या

13. वस्तु विनिमय क्या है ?

उत्तर:- वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहा जाता है जिसमें एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु का आदान- प्रदान होता है।

जैसे:- दूध से दही बदलना, चावल से गेहूं बदलना

14. मौद्रिक प्रणाली क्या है ?

उत्तर :- मौद्रिक प्रणाली में विनिमय का सारा कार्य मुद्रा की सहायता से होता है। इस प्रणाली में पहले कोई व्यक्ति अपनी वस्तु या सेवा बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है फिर उस मुद्रा से अपनी जरुरत की अन्य वस्तुएँ प्राप्त करता है। इस प्रणाली में मुद्रा विनिमय माध्यम का कार्य करती है इसीलिए इसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहा जाता है।

15. मुद्रा की परिभाषा दें ?

उत्तर :- मुद्रा, धातु अथवा कागज का बना वह वस्तु है जो हमारे दिनचर्या में आय उपलब्ध कराता है यह वस्तु और सेवाओं के आदान-प्रदान में सुविधा उपलब्ध कराता है।

मुद्रा शब्द का प्रयोग मुहर या चिह्न के अर्थ में भी किया जाता है, यही कारण है की जिस वस्तु पर सरकारी चिह्न या मुहर लगाया जाता था, उसे मुद्रा कहा जाता था।

16. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें ।

उत्तर :- वस्तु विनिमय प्रणाली में निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था :-

i. आवश्यकता के दोहरे संयोग का अभाव : आवश्यकता के दोहरे संयोग का मतलब है की जरुरत दूसरे से मेल खा जाए लेकिन ऐसा कभी संयोग ही होता था की किसी की जरुरत किसी से मेल खा जाये।

ii. मूल्य के सामान्य मापक का अभाव:- ऐसा कोई सर्वमान्य मापक नहीं था, जिसकी सहायता से सभी प्रकार के वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य को ठीक प्रकार से मापा जा सके।

जैसे:-1 kg घी के बदले कितना चावल दिया जाए, एक गाय के बदले कितना बकरियाँ दी जाए

ii. मूल्य संचय का अभाव :- वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं के संचय की असुविधा थी। व्यक्ति कुछ ऐसे वस्तुओं का उत्पादन करता है जो शीघ्र नष्ट हो जाती है।

जैसे :- मछली, सब्जी, फल आदि

iv. सह-विभाजन का अभाव: कुछ ऐसी वस्तुएँ होती है जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता है, यदि उनका विभाजन कर दिया जाये तो उनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है।

जैसे :- एक बकरी के बदले में तीन चार वस्तुएँ लेनी होती थी और वे वस्तुएँ अलग अलग व्यक्तियों के पास होती थी।

v. भविष्य के भुगतान की कठिनाइयाँ:- वस्तु विनिमय प्रणाली में उधार लेने तथा देने में कठिनाई होती थी।

17. मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डालें ।

उत्तर :- मुद्रा के कुछ कार्य निम्लिखित है :-

i. विनिमय का माध्यम :- मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है, जिसमे क्रय तथा विक्रय दोनों में ही मुद्रा मध्यस्थ का कार्य करती है। क्योकि मुद्रा विधिग्राह्य (Legal tender) भी होते है इसी कारण इसे स्वीकार करने में कोई कठिनाई नहीं उत्पन्न होती है। मुद्रा के द्वारा किसी भी समय विनिमय किया जा सकता है।

ii. मूल्य का मापक :-मुद्रा मूल्य का मापक है, मुद्रा के वस्तुओं का मूल्य मापने का मापदण्ड ही मुद्रा है। द्वारा वस्तुओं का मूल्यांकन करना सरल हो गया है।

iii. विलंबित भुगतान का मान :- आधुनिक युग में बहुत से आर्थिक कार्य उधार पार होता है और उसका भुगतान बाद में किया जाता है। मुद्रा विलंबित भुगतान का सरल साधन है। इसके द्वारा ऋण के भुगतान करने में भी काफी सुविधा हो गई है।

iv. मूल्य का संचय :- मनुष्य भविष्य के लिए कुछ बचाकर रखना चाहता है, क्योकि वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही साथ भविष्य की आवश्यकताएँ भी महत्वपूर्ण है और मुद्रा में यह गुण और विशेषता है की इसे संचित या जमा करके रखी जा सकती है।

v. क्रय शक्ति का हस्तांतरण :- मुद्रा का एक आवश्यक कार्य क्रय-शक्ति का हस्तांतरण भी है। वस्तुओं का क्रय-विक्रय अब दूर -दूर तक होने लगा है, इसी कारण क्रय शक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान को हस्तांतरित करने की जरुरत महसूस की गई। मुद्रा के ही रूप में धन का लेन-देन होता है।

18. साख-पत्र क्या है ? कुछ प्रमुख साख पत्रों पर प्रकाश डालें ।

उत्तर :- साख पत्र से हमारा मतलब उन साधनों से है जिनका उपयोग साख मुद्रा के रूप में किया जाता है। साख पत्र कई प्रकार के होते है :-

i. चेक चेक सबसे अधिक प्रचलित साख पत्र है चेक एक प्रकार का लिखित आदेश है जो बैंक में रुपया जमा करनेवाला अपने बैंक को देता है की उसमे लिखित रकम उसमे लिखित व्यक्ति को दे दी जाए।

ii. विनिमय बिल :- वह प्रपत्र जिसपर एक निश्चित राशि चुकाए जाने का आदेश होता है उसे विनिमय बिल कहा जाता है।

iii. बैंक ड्राफ्ट :-बैंक ड्राफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपनी किसी शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है की उस पत्र में लिखी हुई रकम उसमे अंकित व्यक्ति को दे दी जाए ।

iv. हुण्डी :- हुण्डी आधुनिक युग में इस्तेमाल होने वाले चेक, विनिमय बिल आदि का ही एक मध्यकालीन रूप है।

v प्रतिज्ञा पत्र : - इस पत्र में ऋणी की माँग पर या एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा किया जाता है।

vi. यात्री चेक :- यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंकों द्वारा जारी किये जाते है। कोई भी यात्री बैंक निश्चित रकम जमा देने पर यात्री चेक प्राप्त कर सकता है।

19. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते है ।

उत्तर :- हमारे देश की वे संस्थाएँ जो आर्थिक विकास के लिए उधम एवं व्यवसाय की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करता है ऐसी संस्थाओं को वित्तीय संस्थाएँ कहते है।

➤ ये संस्थाएँ समाज के आर्थिक विकास के लिए उनकी आवश्यकता के अनुरूप अल्पकालीन, मध्यकालीन , और दीर्घकालीन साख अथवा ऋण की सुविधा प्रदान करती है।

20. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ।

उत्तर :- किसानों को खाद्य, बीज, सिंचाई की व्यवस्था कीटनाशक दवाओं व कृषि में नई तकनीक के प्रयोग हेतु साख अथवा ऋण की आवश्यकता होती है।

21. सहकारिता से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- सहकारिता का अर्थ :- एक साथ मिल जुलकर कार्य करना सहकारिता वह संगठन है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक मिल जुलकर समान स्तर पर आर्थिक हितों की वृद्धि करते है। या सहकारिता उस आर्थिक व्यवस्था को कहते है जिसमें मनुष्य किसी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिल जुलकर कार्य करते है।

22. स्वय सहायता समूह से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- स्वयं सहायता समूहवास्तव में ग्रामीण क्षेत्र में 15-20 व्यक्तियों (महिलाओं) का एक अनौपचारिक समूह होता है जो अपनी बचत तथा बैंकों से लघु ऋण लेकर अपने सदस्यों के पारिवारिक जरूरतों को पूरा करते है।

23. सूक्ष्म वित्त योजना को परिभाषित करें ।

उत्तर :- सूक्ष्मवित्त योजना के द्वारा गाँव कस्बा और जिला में गरीब परिवारों को स्वयं सहयता समूह से जोड़कर ऋण मुहैया कराया जाता है। इससे छोटे पैमाने पर साख अथवा ऋण की सुविधा प्रदान होती है।

24. राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते है ? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है ? वर्णन करें ।

उत्तर :- ऐसी वित्तीय संस्थाएँ जो देश के लिए वित्तीय और साख नीतियों का निर्धारण एवं निर्देशन करती है तथा राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन के कार्यो का संपादन करती है उसे राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ कहते है।

इनके दो महत्वपूर्ण अंग होते है :-

i. भारतीय मुद्रा बाजार (Indian Money Market ) : ऐसे मौद्रिक बाजार जहाँ उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र के लिए अल्पकालीन एवं मध्यकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन किया है उसे भारतीय मुद्रा बाजार कहते है।

॥. भारतीय पूँजी बाजार (Indian Capital Market) : भारतीय पूँजी बाजार मुख्यतः दीर्घकालीन पूँजी उपलब्ध कराती है। दीर्घकालीन पूँजी की माँग बड़े-बड़े उद्योग एवं सार्वजनिक निर्माण कार्यो के लिए होता है।

25.व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्यों की विवेचना करें ।

उत्तर :- व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्य निम्नलिखित है।

i. जमा राशि को स्वीकार करना (Accepting Deposits) :- व्यावसायिक बैंको का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों से जमा के रूप में मुद्रा प्राप्त करना है।

ii. ऋण प्रदान करना(Providing Loans) :- व्यावसायिक बैंक का दूसरा मुख्य कार्य लोगों को ऋण प्रदान करना है।

iii. सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य ( General Utility Functions ) :- इसके अतिरिक्त व्यवसायिक बैंक अन्य बहुत से कार्यों को भी संपन्न करते है जिन्हें सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य कहा जाता है। जैसे:- लॉकर की सुविधा, ATM एवं क्रेडिट कार्ड सुविधा,

iv. एजेंसी संबंधी कार्य (Agency Functions ) :- वर्तमान समय में व्यावसायिक बैंक ग्राहकों की एजेंसी के रूप में सेवा करते है।

26. समावेशी विकास से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- आर्थिक विकास की जिस प्रक्रिया से समाज के सभी वर्गों का जीवन स्तर ऊँचा होता जाए तथा कोई भी वर्ग विकास के लाभ से अछूता न रहे, समावेशी विकास कहलाता है ।

27. Out Sourcing किसे कहते है ?

उत्तर :- जब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ या अन्य कंपनियाँ संबंधित नियमित सेवाएँ स्वयं अपनी कंपनियों की बजाय किसी बाहरी या विदेशी स्रोत या संस्था या समूह से प्राप्त करती है तो उसे बाह्य स्रोती कहा जाता है।

28. सरकारी सेवा किसे कहते है ?

उत्तर :- जब देश व राज्य की सरकार लोगों को काम के बदले मासिक वेतन देती है और इनसे विभिन्न क्षेत्रों म काम लेती है तो इसे सरकारी सेवा कहा जाता है।

उदाहरण :- सैन्य सेवा रेल सेवा, वायुयान सेवा, स्वास्थ्य सेवा वित्त सेवा, शिक्षा सेवा, बस सेवा, कृषि सेवा , अभियंत्रण सेवा, बैंकिंग सेवा एवं अन्य सरकारी सेवाएं ।

29. गैर सरकारी सेवा किसे कहते है ?

उत्तर :- जब सरकार अपने द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से लोगों तक पहुँचाने का काम करती है। या लोग स्वयं अपने प्रयास से ऐसी सेवाओं के सृजन से लाभाविंत होते है तो उसे गैर सरकारी सेवा कहा जाता है।

उदाहरण :-बैंकिंग सेवा, स्वास्थ्य सेवा दूरसंचार सेवा यातायात सेवा स्वरोजगार सेवा एवं अन्य गैर सरकारी सेवाएँ।

30. आधारभूत संरचना किसे कहते है ?

उत्तर :- आधारभूत संरचना का मतलब उन सुविधाओं और सेवाओं से है जो देश के आर्थिक विकास में मदद करते है।

जैसे:- ऊर्जा, संचार, यातायात, शिक्षा आदि

31. 'रोजगार' और 'सेवा' में क्या सबंध है ?

उत्तर :- "रोजगार एवं सेवाएँ" का अभिप्राय यहाँ पर इन बातों से है जब व्यक्ति अपने परिश्रम एवं शिक्षा के आधार पर जीवकोपार्जन के लिए धन एकत्रित करता है। एकत्रित धन का जब पूंजी के रूप में व्यवहार किया जाता है और उत्पादन के क्षेत्र में निवेश किया जाता है तो सेवा क्षेत्र, उत्पन्न होता है। अतः रोजगार एवं सेवाएँ एक दूसरे के पूरक है।

32. मंदी का असर भारत में क्या पड़ा ?

उत्तर :- भारत पर मंदी का असर कम पड़ा क्योकि यहाँ की पूंजी बाजार काफी मजबूत अवस्था में है। भारत में सुचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र काफी विकसित व मजबूत है। हमारा आधारभूत संरचना कमजोर होने के बावजूद भी वर्तमान मंदी का असर हमारे देश में कम पड़ा। मंदी के कारण विश्व स्तर पर रोजगार के अवसरों में कमी आयी है जिसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।

33. उपभोक्ता संरक्षण हेतु सरकार द्वारा गठित त्रिस्तरीय न्यायिक प्रणाली की व्याख्या करें।

उत्तर :- उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान उपभोक्ता विवादों के निपटारे हेतु सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में त्रिस्तरीय अद्धन्यायिक व्यवस्था है जिसमे,

राष्ट्रीय स्तर पर- 'राष्ट्रीय आयोग'

राज्य स्तर पर-'राज्य स्तरीय आयोग'

जिला स्तर पर-जिला मंच (फोरम) की स्थापना की गई है।

➤ पहले शिकायत 'जिला फोरम' में की जाती है। अगर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो मामलों को राज्य- फोरम' फिर 'राष्ट्रीय फोरम में ले जा सकता है। फिर भी उपभोक्ता राष्ट्रीय फोरम से संतुष्ट नहीं होता है तो वह आदेश के 30 दिनों के अंदर उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकता है।

➤ इस समय देश में 582 जिला फोरम, 35 राज्य आयोग और एक राष्ट्रीय आयोग काम कर रहे है।

34. सेवा क्षेत्र पर एक संक्षिप्त लेख लिखें ।

उत्तर :- सेवा क्षेत्र के विकास के लिए देश एवं राज्य स्तर पर बुनियादी सुविधाएं का होना आवश्यक है तथा सेवा क्षेत्र का विस्तार रोजगार का अवसर देता है। सेवा क्षेत्र के विकास के लिए मनुष्य को शिक्षित करना आवश्यक है, जिसके कारण लोग रोजगार पाने में सक्षम हो पाते है। राज्य स्तर पर भी सेवा क्षेत्र की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है सरकारी और गैर-सरकारी दोनों ही स्तर पर इसका व्यापक प्रभाव है जिससे काफी लोग लाभान्वित हुए और हो रहे है। सेवा क्षेत्र को सामान्यतः दो भागो में विभक्त किया गया है। सेवा क्षेत्र के अंतर्गत बिमा संचार, शिक्षा आदि आते है। इस प्रकार सेवा क्षेत्र लगातार विकास की और अग्रसर है।

35. वैश्वीकरण से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का एकीकरण किया जाता है, ताकि सेवाओं, प्रौद्योगिकी पूँजी और श्रम या मानवीय पूँजी का भी निर्बाध प्रवाह हो सके।

36. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसे कहते है ?

उत्तर :- वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण व स्वामित्व रखती है, बहुराष्ट्रीय कंपनी कहलाता है।

जैसे:- सैमसंग, नोकिया, टाटा मोटर्स आदि

37. विश्व व्यापार संगठन क्या है ? यह कब और क्यों स्थापित किया गया ?

उत्तर :- यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है इस संगठन की स्थापना जनवरी 1995 में की गई थी।

➤ विश्व व्यापार संगठन के 149 देश (2006) सदस्य है।

➤ विश्व व्यापार संगठन में वर्तमान समय में 164 सदस्य ( यूरोपीय संघ सहित) एवं 23 पर्यवेक्षक सरकारें (जैसे ईरान, इराक, भूटान, लीबिया आदि) हैं।

➤ विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जेनेवा में है।

➤ विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को मुक्त व्यापार की सुविधा देता है।

38. उदारीकरण को परिभाषित करें ?

उत्तर :- उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणो तथा प्रतिबंधों को हटाना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले।

39. निजीकरण से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजानिक क्षेत्र के उधमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंध करना है।

➤ भारत सरकार ने 1991 से निजीकरण की निति अपनायी ।

40. वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बताएँ ।

उत्तर :- विश्वीकरण का बिहार पर सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव पड़े है। बिहार में वैश्वीकरण का सकारात्मक प्रभाव

i. कृषि उत्पादन में वृद्धि

ii. निर्यातों में वृद्धि :-वैश्वीकरण के फलस्वरूप बिहार से किये गये निर्यातों में वृद्धि हुई है। फलों के निर्यात के अंतर्गत बिहार लीची, आम तथा मखाना के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है।

iii. विदेशी प्रत्यक्ष विनियोग की प्राप्ति

iv. शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पादन में वृद्धि

v. विश्वस्तरीय उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता :- बिहार के बाजारों में आज विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मोबाईल फोन, जूते, कारें, अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ आदि उपलब्ध है।

vi. बहुराष्ट्रीय बैंक एवं बीमा कंपनियों का आगमन - HSBC बैंक आदि का आगमन ।

• बिहार में वैश्वीकरण का नकारात्मक प्रभाव

i. कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की उपेक्षा :- यहाँ कृषि आधारित उद्योगों के विकास की संभावना काफी है, लेकिन इन उद्योगों में वैश्वीकरण के बाद जितना निवेश होना चाहिए था, उतना नहीं हुआ है।

ii. कुटीर एवं लघु उद्योग पर विपरीत प्रभाव : यहाँ कुटीर एवं लघु उद्योग ज्यादा है। लेकिन, वैश्वीकरण के कारण कुटीर एवं लघु उद्योगों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। क्योकि उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निर्मित वस्तुओं का सामना करना पड़ता है जो अच्छी एवं सस्ती होती है।

41. वैश्विकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभावों की चर्चा करें ।

उत्तर :- वैश्वीकरण का आम आदमी अच्छा और बुरा दोनों प्रभाव पड़ा है :-

आम आदमी पर वैश्वीकरण का अच्छा प्रभाव :

i. उपयोग के आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता

॥. रोजगार की बढ़ी हुई संभावना

iii. आधुनिकतम तकनीक की उपलब्धता

आम आदमी पर वैश्वीकरण का बुरा प्रभाव :

i. कम कुशल लोगों में बेरोजगारी बढ़ने की आशंका

ii. उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बढ़ती हुई प्रतियोगिता

ii. श्रम संगठनों पर बुरा प्रभाव

iv. मध्यम एवं छोटे उत्पादकों की कठिनाई

v. कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का संकट

42. उपभोक्ता जागरण हेतु विभिन्न नारों को लिखें ।

उत्तर :- उपभोक्ता जागरूकता हेतु निम्न आकर्षक नारे है-

i. जागो ग्राहक जागो

ii. अपने अधिकारों को पहचानों

iii. ग्राहक सावधान

iv. सतर्क उपभोक्ता ही सुरक्षित उपभोक्ता है।

v. उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों की रक्षा करों

43.'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986' की मुख्य विशेषताओं को लिखें ।

उत्तर :- 'उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 महत्वपूर्ण अधिनियम है, जिसमें उपभोक्ताओं को बाजार में बेची जानेवाली वस्तुओं के संबंध में संरक्षण का अधिकार दिया गया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के दायरे में सभी वस्तुओं, सेवाओं तथा सार्वजानिक क्षेत्र को शामिल किया जाता है। इसके तहत उपभोक्ताओं को की वह वस्तु या सेवा की गुणवत्ता परिमाप क्षमता, शुद्धता मानक और व्यक्तियों, चाहे निजी क्षेत्र हो या यह जानने का अधिकार प्राप्त है मूल्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके।

➤ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत उपभोक्ता को कुछ अधिकार प्रदान किए गए है।

i. सुरक्षा का अधिकार

ii. सुचना पाने का अधिकार

iii. चुनाव या पसंद करने का अधिकार

iv. सुनवाई का अधिकार

v. शिकायत निवारण या क्षतिपूर्ति का अधिकार

vi. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार

44. 'राष्ट्रीय मनवाधिकार अधिकार' के महत्व पर लिखें ।

उत्तर :- हमारे देश में राष्ट्रीय स्तर पर एक उच्चतम संस्था है, जो मानवीय अधिकारों की रक्षा और उनके अधिकार से सबंधित हितों के लिए सुरक्षा प्रदान करती है और इस संस्था को 'राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग' कहते है। इसके अध्यक्ष भारत के उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त प्रधान न्यायाधीश होते है।

➤ देश के प्रत्येक राज्य में एक राज्य मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाता है जो देश के नागरिकों के अधिकार और सुरक्षा संबंधी बातों को देखती है।

➤ महिलाओं के ऊपर हुए अत्याचार, शोषण संबंधी शिकायत के निराकरण के लिए देश के स्तर पर 'राष्ट्रीय महिला आयोग' तथा 'राज्य महिला आयोग का गठन किया गया है।

45. उपनिवेश किसे कहते है ?

उत्तर :- जब कोई भी देश किसी बड़े समृद्धिशाली राष्ट्र के शासन के अंतर्गत रहता है और उसके समस्त आर्थिक एवं व्यावसायिक कार्यों का निर्देशन एवं नियंत्रण शासक देश का होता है, ऐसे शासित देश को शासक देश का उपनिवेश कहा जाता है ।

जैसे :- भारत लगभग 200 वर्षो तक ब्रिटिश शासन का एक उपनिवेश था ।

46. उपभोक्ता शिकायत कहाँ करें ?

उत्तर :- किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 20 लाख से कम है तो वह शिकायत जिला फोरम, 20 लाख के ऊपर और 1 करोड़ के निचे हो तो वह शिकायत राज्य आयोग अगर किसी वस्तु या सेवा का मूल्य 1 करोड़ से अधिक होने पर वह शिकायत 'राष्ट्रीय आयोग में करेगा ।

47. मॉल क्या है ?

उत्तर :- मॉल ऐसे बाजार को कहते है, जिसमें एक छत के नीचे उपभोग की सारी छोटी-बड़ी वस्तुएँ उपलब्ध होती है उसे मॉल कहते है।

48. राष्ट्रीय विकास परिषद् क्या है ?

उत्तर :- राष्ट्रीय विकास परिषद् का गठन आर्थिक नियोजन हेतु राज्य सरकारों तथा योजना आयोग के ब तालमेल तथा सहयोग वातावरण बनाने के लिए किया गया था ।

➤ इसका गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया था ।

➤ इसके सदस्य सभी राज्य के मुख्यमंत्री होते हैं ।

49. देश के आर्थिक विकास में बिहार के विकास की भूमिका को लिखें ?

उत्तर :- बिहार देश का एक बड़ा राज्य है, जो भौगोलिक क्षेत्रफल तथा जनसंख्या दोनों ही दृष्टिकोण से बिहार का स्थान भारत में अपना एक महत्व रखता है ।

"यदि भारत का विकास करना है तो बिहार का विकास करना अवश्यक है । "

एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री कूजनेट ने विश्व के सन्दर्भ में यह कहा था की "गरीबी कैंसर रोग की तरह है । जैसे की एक छोटे से भाग में हुआ कैंसर पुरे शरीर को विषाक्त कर देता है, उसी प्रकार किसी एक भाग की गरीबी पुरे विश्व की संपन्नता के लिए घातक होता है। "

➤ देश के सुचना प्रौद्योगिकी में तथा पंजाब के कृषि विकास में बिहार के मानव संसाधन का प्रमुख योगदान रहा है।

50. ATM क्या है ?

उत्तर :- ATM का अर्थ है - स्वचालित टेलर मशीन। यह मशीन 24 घंटे रुपया निकालने तथा जमा करने की सुविधा प्रदान करता है। यह मशीन सार्वजानिक स्थानों पर लगे होते है।

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