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बिहार बोर्ड 10वी भूगोल परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

बिहार बोर्ड 10वी भूगोल परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

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बिहार बोर्ड 10वी भूगोल परीक्षा 2023 : Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ; रटलो परीक्षा से पहले

यहां बिहार बोर्ड 10वी सामाजिक विज्ञान (भूगोल परीक्षा 2023 के लिए  Top 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्‍न उत्तर के साथ दिए गए है  

इसमें शिक्षकों द्वारा चयनित शीर्ष 50 महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न दिए गए हैं जिनके साथ उत्तर भी शामिल हैं। यह एक गाइड है जो बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों को परीक्षा से पहले उन प्रश्नों को मदद करेगा जो परीक्षा में हर साल पूछे जाते है।

आप नीचे दिए गए महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे सामाजिक विज्ञान (भूगोल ) के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।

सामाजिक विज्ञान (भूगोल)

1. संसाधन को परिभाषित कीजिए।

उत्तर :- प्रकृति से प्राप्त विभिन्न वस्तुएँ जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त होती है, जिनको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी (Technology) उपलब्ध है, संसाधन कहलाते है ।

या, हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर वह वस्तु संसाधन कहलाती है जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करते है

2. संसाधन संरक्षण से आप क्या समझते है?

उत्तर :- संसाधनों का न्यासंगत तथा योजनावद्ध प्रयोग, जिससे संसाधनों का अपत्याय न हो ।
या,संसाधनों का नियोजित एवं विवेकपूर्ण उपयोग ही संसाधन संरक्षण कहलाता है ।।

3. समोच्च कृषि से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- यह कृषि की एक विधि है जिसमे किसान ढलान के क्षेत्र में पंक्ति तथा बांध बनाकर खेती करता है।

इस तरह खेती करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है की इससे पानी का प्रवाह का कोई प्रभाव तथा मिट्टी का कटाव भी नहीं होता है ।

4. फसल चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?

उत्तर :- किसी निश्चित भूमि में निश्चित समय वाली फसलों को लगातार अदल-बदल कर बोना ही फसल चक्र कहलाता है ।

जो मृदा के पोषणीय स्तर को बरक़रार रखता है ।

जैसे की :-गेहूं,कपास आलू आदि के लगातार उगाने से मृदा में हयस उत्पन्न होता है, और तिलहन-दलहन पौधा की खेती के द्वारा पुनप्राप्ति किया जा सकता है । जो मृदा संरक्षण में सहायक होता है ।

5. जलानंतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?

उत्तर :- अति सिंचन से जलाक्रांतता की समस्या पैदा होती है, जिसमे मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाती है ।

पंजाब,हरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अधिक सिंचाई से भूमि का निम्नीकरण हुआ है ।

इससे भूमि के पोषक तत्व तो कम होते ही है, साथ ही साथ मिट्टी की परतों में भी क्षय होने लगता है, और मिट्टी के अवयव घुलते जाते है । कुछ जल में बह जाते है तो कुछ सूखने पर हवा द्वारा उड़ा लिए जाते है । इस तरह अपरदन की क्रिया शुरू होती है और निरंतर चलती रहती है ।

6. मृदा संरक्षण पर एक निबंध लिखिए ।

उत्तर :- मृदा अपरदन को रोकने के लिए मृदा संरक्षण की आवश्यकता है । इसके लिए कई उपाय किया जा सकते है । पेड़ो की जड़े मृदा की ऊपरी परत को बचाये रहती है, इसीलिए वनरोपण से मृदा संरक्षण किया जा सकता है । ढाल वाली जगहों पर समोच्च जुताई (Contour Ploughing) से मृदा के अपरदन को रोका जा सकता है । पवन अपरदन वाले क्षेत्रो में पट्टिका कृषि (Strip Forming) श्रेयस्कर है, जो फसलों के बीच घास की पट्टिका विकसित करने पर आधारित है । रसायन का उचित उपयोग कर मृदा का संरक्षण किया जा सकता है ।

7. बहुउदेशीय परियोजना से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- वैसा परियोजना जिससे उनके उद्देश्यों की पूर्ति होती है ।

जैसे :- नदी घाटी परियोजना

इस नदी घाटी परियोजना के कई उद्देश्य है :- बाढ़ नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, विधुत उत्पादन, उद्योगों के जलपूर्ति, परिवहन, कृषि, मत्सय पालन इत्यादि । इन अनेक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सक्षम इन नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देशीय परियोजना के नाम से विभूषित किया जाता है । भारत में अनेक नदी घाटी परियोजनाओं का विकास।

8. अंतर्राज्यीय जल विवाद के क्या कारण है ?

उत्तर :- सम्पूर्ण भारत में लगभग बीस प्रमुख नदी बेसिन है और इनमे से कई बेसिन एक से अधिक राज्यों में विस्तृत है । इसके कारण जल के उपयोग और वितरण के संबंध में जो विवाद होता है उसे जल विवाद कहते है ।

9. जल संकट क्या है ?

उत्तर :- पृथ्वी पर आवश्यकता से कम जल की उपलब्धता को जल संकट कहते है ।

या,स्वीडेन के एक विशेषज्ञ फॉल्कन मार्क के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन एक हजार घन मीटर जल की आवश्यकता है, इससे कम जल उपलब्धता जल संकट है ।

10. वन विनाश के मुख्य कारकों को लिखियें।

उत्तर :- मानव जाति द्वारा वन सम्पदा की अंधाधुंध कटाई पालतू पशुओं द्वारा अनियंत्रित चारण एवं विभिन्न तरीकों से वन सम्पदा का दोहन वन विनाश के मुख्य कारक है। प्रशासनिक एवं व्यापारिक उद्देश्यों से रेल मार्ग व सड़कों के विकास ने भी वन सम्पदा को क्षति पहुँचायी है। इसके साथ ही तेजी से जारी खनन कार्य एवं कृषिगत भूमि का विकास भी वनों के विनाश के कारक है।

11. वन्य-जीवों के हास्य के प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर :- वन्य जीवों के हास्य के निम्न कारण है :-

i. प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण : वन जीवों के प्राकृतिक आवास जंगल, मैदानी क्षेत्र, नदियाँ आदि है मनुष्य अपने सुख-सुविधाओं में वृद्धि के लिए वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों का अतिक्रमण कर रहा है

ii. प्रदूषण समस्या :-बढ़ते हुए प्रदुषण ने कई समस्याओं को जन्म दिया है । जिससे जीवों की संख्या में कमी के प्रमुख कारक पराबैगनी किरणें, अम्लवर्षा और हरित गृहप्रभाव है । जिसके कारण धीरे-धीरे वन्य जीव विलुप्त हो रहे है ।

iii. आर्थिक लाभ :-मनुष्य आर्थिक लाभ के लिए रंग बिरंगी तितलियों से लेकर मेढ़कों, पक्षियों और जंगली जानवरों,कछुआ,तोता आदि परिंदो का अवैध शिकार कर इन्हे बेचते है ।

12. कैंसर रोग के उपचार में वन का क्या योगदान है ?

उत्तर :- हिमालय यव(चीड़ के प्रकार का सदाबहार वृक्ष) एक औषधीय पौधा है, चीड़ी की छाल, पत्तियाँ, टहनियों और जड़ों से टैकसोल ( Taxol ) नमक रसायन निकाला जाता है तथा इसे कैंसर रोगों के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है । कैंसर रोग के उपचार में वन का महत्वपूर्ण योगदान है ।

13. दस लुप्त होने वाले पशु-पक्षियों का नाम लिखिए।

उत्तर :-गिर सिंह,गिद्ध, धूसर बगुला, पर्वतीय बटेर,हरा सागर कछुआ, लाल पांडा, भारतीय कुरंग, सारंग स्वेत सारस और कृष्णा सार ।

14. जैव विविधता क्या है ?

उत्तर :- किसी भी क्षेत्र में पाए जाने वाले जंतुओं और पादपों की विविधता को उस क्षेत्र की जैव विविध कहते है ।
या, जीवों में विभिन्नता ही जैव विविधता है।

15. धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या है ?

उत्तर :- धात्विक खनिज के दो पहचान निम्नलिखित है :-

i.धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता है।

ii.इन्हे पिट कर तार बनाया जा सकता है।

16. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर :- प्राकृतिक रूप में उपलब्ध एक समरूप पदार्थ जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है उसे खनिज कहते है।

➤ खनिज संसाधन आधुनिक सभ्यता एवं संस्कृति के आधार स्तंभ है, भारत में लगभग 100 से अधिक खनिज मिलते है तथा कुछ खनिजों के उत्पादन एवं भंडार में यह विश्व के अग्रणी देशों में एक है।

➤ अभी तक लगभग 2000 से अधिक खनिज की पहचान की जा चुकी है, जिसमे 30 खनिज आर्थिक दृष्टि महत्वपूर्ण है।

17. झारखण्ड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखिए।

उत्तर :- पलामू,धनबाद हजारीबाग, राँची आदि मुख्य उत्पादक जिले है।

18. भारत खनिज पेटियों का नाम लिखकर किन्ही दो का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- देश का अधिकांश खनिज निम्नलिखित तीन पटियों में पाई जाती है।

i. उत्तरी पूर्वी पठार

ii. दक्षिणी-पश्चिमी पठार

iii. उत्तर पश्चिम प्रदेश

i.उत्तरी पूर्वी पठार :-यह देश की सबसे धनी खनिज पेटी है, जिसमे छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार,छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आंध्र प्रदेश का पठार अवस्थित है।

➤ इस पेटी में लौह अयस्क, अभ्रक, तांबा, यूरेनियम, थोरियम आदि का विशाल भण्डार है।

ii.दक्षिणी-पश्चिमी पठार :-यह पेटी कर्नाटक के पठार एवं निकटवर्ती तमिलनाडु के पठार पर फैली हुई है।

➤ इस पेटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट आदि भारी मात्रा में पाये जाते है।

➤ इस पेटी में देश के सभी तीनो सोने की खानें मौजूद है।

19. पारम्परिक एवं गैर- पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों के तीन-तीन उदाहरण लिखें।

उत्तर :- (i)पारम्परिक ऊर्जा :- कोयला, पेट्रोलीयम, प्राकृतिक गैस

(ii) गैर पारम्परिक ऊर्जा :- सूर्य, पवन, ज्वार, परमाणु ऊर्जा तथा गर्म झरने आदि

20. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?

उत्तर :- इससे विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाये जाते है।

जैसे :-डीजल, किरोसिन, पेट्रोल, गैसोलीन, साबुन, स्नेहक, प्लास्टिक, कीटनाशक दवाएँ आदि ।

21. सागर सम्राट क्या है ?

उत्तर :- यह समुद्र में सागर सम्राट नामक मंच बनाया गया है जो एक जलयान है और पानी के भीतर तेल के कुएँ खोदने का कार्य करता है।

22. नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउदेशीय क्यों कहा जाता है ?

उत्तर :- नदियों पर बराज बनाकर ऐसा उपाय करना जिससे सिंचाई के साथ बिजली उत्पन्न करना, बाढ़ की रोकथाम करना, मिट्टी का कटाव रोकना, मछली पालन, पर्यटन आदि अनेक लाभ एक ही समय साथ-साथ लिए जा सके तो ऐसी परियोजना को बहुधंधी, बहुमुखी या बहुउद्देशीय परियोजन कहते है।

23. मोनाजाइट भारत में कहाँ-कहाँ उपलब्ध है ?

उत्तर :- मोनाजाइट केरल राज्य में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश , उड़ीसा आदि राज्यों के तटीय क्षेत्रों में इस खनिज का उत्खनन हो रहे है।

24. भारत में खनिज तेल के वितरण का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- भारत में मुख्यतः पाँच तेल उत्पादक क्षेत्र है।

1.उत्तरी-पूर्वी प्रदेश :- यह देश का सबसे पुराना तेल उत्पादक क्षेत्र है, जहाँ 1866 ई० में तेल के लिए खुदाई शुरू की गई थी। ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड आदि विशाल तेल क्षेत्र इसके अंतर्गत आते है। इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण उत्पादक डिगबोई, मोरान, रुद्रसागर आदि है ।

2. गुजरात क्षेत्र :- यह क्षेत्र खम्भात के बेसिन तथा गुजरात के मैदान में विस्तृत है। यहाँ पहलीबार 1958 में तेल का पता चला था।

> इसके प्रमुख उत्पादक अंकलेश्वर, कलोल, मेहसाना आदि है।

3. मुम्बई हाई क्षेत्र :- यह क्षेत्र मुम्बई तट से 176 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित है। यहाँ 1975 में तेल खोजने का कार्य शुरू हुआ।

> यहाँ 80 करोड़ टन तेल के भंडार का अनुमान है।

4.पूर्वी तट प्रदेश :- यह कृष्ण- गोदावरी और कावेरी नदियों के बेसिन तथा मुहाने के समुद्री क्षेत्र में फैला हुआ है। नरिमनम और कोविल्प्तल कावेरी प्रदेश के मुख्य तेल क्षेत्र है।

5. बाड़मेर बेसिन :- इस बेसिन के मंगला तेल क्षेत्र से सितम्बर 2009 से उत्पादन शुरू हो गया है। यहाँ प्रतिदिन 56000 बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है।

25. भारत में कौन से तीन प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते है ?

उत्तर :- ज्वार, बाजरा और रागी

26. भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताएं।

उत्तर :- चाय, गन्ना, तम्बाकू

27. हरित क्रांति से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- आधुनिक एवं वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा कृषि की उपज में क्रांतिकरी परिवर्तन हुआ है,इसे ही हरित क्रांति कहते है। भारतीय हरित क्रांति का जनक डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन को कहा जाता है।

1960-70 के दशक में हरित क्रांति हुई, जिसमे गेहूँ के पैदावार में अप्रत्याशिक वृद्धि हुई। इस क्रांति के अंतर्गत संकर किस्म का उन्नत बीज, रासायनिक खाद, सिंचाई, कीटनाशक आदि का प्रयोग कर खाद्य उत्पादन में वृद्धि की गई है तथा खाद्य सुरक्षा में यह मील का पत्थर साबित हुई है।

28. भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।

उत्तर :- भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित है :-

i. यह देश के आर्थिक जीवन का प्राण है, भारत में लगभग 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।

ii. यहाँ की विशाल जनसँख्या के लिए भोजन कृषि से ही प्राप्त होता है।

iii. कई फसलों में भारत को विश्व में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है।

iv. चाय, गन्ना,मोटे अनाज एवं कुछ तिलहनों के उत्पादन में भारत विश्व में अग्रणी है।

v. राष्ट्रीय आय में भारतीय कृषि का मुख्य योगदान है, देश की 24% आय कृषि से प्राप्त होती है।

29. विनिर्माण से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- कच्चे माल द्वारा जीवनोपयोगी वस्तुएँ तैयार करना विनिर्माण उद्योग कहलाता है।

जैसे:- गन्ने से चीनी, कपास से कपडा आदि का निर्माण

30. उदारीकरण, निजीकरण वैश्वीकरण से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- उदारीकरण(Liberalisation) :- इसमें उद्योग तथा व्यापार पर लगे अनावश्यक प्रतिबंधों से मुक्त करके अधिक प्रतियोगी बनाना है।

निजीकरण(Privatisation) :- यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे, क्षेत्र या उद्योग को सार्वजनिक क्षेत्र से निजी क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाता है।

वैश्वीकरण :- वैश्वीकरण का अर्थ है देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना ।

या,प्रत्येक देश का अन्य देशों के साथ बिना किसी प्रतिबंध के पूंजी, तकनीकी एवं व्यापारिक आदान-प्रदान वैश्वीकरण है।

31. भारत में सूतीवस्त्र उद्योग के वितरण का वर्णन करें।

उत्तर :- सूती वस्त्र बनाने में भारत का एकाधिकार बहुत प्राचीन काल से चला आ रहा है, सूती वस्त्र उद्योग आज भारत का सबसे विशाल उद्योग है। यह कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र है। प्रारंभिक वर्षों में सूती वस्त्र उद्योग की ज्यादातर मिलें महाराष्ट्र और गुजरात में स्थापित थी। महाराष्ट्र में मुंबई,पुणे,वर्धा,नागपुर आदि तथा गुजरात में सूरत, अहमदाबाद, राजकोट आदि प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग केंद्र हैं।

➤ आधुनिक पहली सूती मिल की स्थापना 1818 ई० में कोलकाता के निकट फोर्ट- ग्लास्टर नामक स्थान पर स्थापित की गई।

➤ पहली सफल मिल 1854 ई०, मुंबई में काबस जी नानाभाई डाबर ने लगाई।

➤ मुंबई कपड़ों की महानगरी ( Cotton polis) कहा जाता है।

➤ भारत में सूती कपड़ों का निर्यात मुख्यतः सिले-सिलाये कपड़ो के रूप में होता है।

➤ भारतीय वस्त्र में मुख्य आयातक देश रूस, फ्रांस, नेपाल, अमेरिका, अफ्रीकी देश आदि है।

32. भारतीय रेल परिवहन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ।

उत्तर :- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही रेल परिवहन पर जोर दिया गया है, विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान रेलमार्गो के विस्तार किया गया।

➤ भारतीय रेल परिवहन कई विषेशताओं से युक्त है।

i. छोटे शहरों को महानगरों एवं बड़े शहरों से जोड़ने के लिए जन शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियां चलायी जा रही है।

ii. माल धुलाई के लिए प्राइवेट कंटेनर एवं वैगन, मालगाड़ियों में लगाई जा रही है।

iii. 31 मार्च 2006 तक भारतीय रेलवे में 44 भाप इंजन 4793 डीजल इंजन और 3188 विधुत इंजन काम कर रहे थे।

iv. 1 अगस्त 1947 से रेल मंत्रालय ने रेल यात्री बीमा योजना शुरू की है।

v. कोलकाता एवं दिल्ली में मेट्रो रेल के तहत भूमिगत रेल सेवा दी जा रही है।

vi. राजस्थान में शाही रेलगाड़ी 'पैलेस ऑन हिल्स तथा महाराष्ट्र में डेक्कन ऑडेसी' रेलगाड़ियाँ चलाई जा रही है।

vii. रेल समंपत्तियों एवं रेल यात्रियों के सुरक्षा के लिए GRP एवं RPF की व्यवस्थित है।

viii. जीवन रेखा,16 जुलाई 1991 से चलनेवाली यह रेलगाड़ी विश्व का पहला चलंत अस्पताल है।

➤ बड़े शहरों में दैनिक यात्रियों के आवागमन के लिए DMU, EMU एवं MEMU रेल सेवाएँ उपलब्ध है।

33. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गों के बारे में लिखिए ।

उत्तर :- राष्ट्रीय जलमार्ग - 1 :- इलाहाबाद से हल्दिया के बीच गंगा-भागीरथी- हुगली नदी प्रणाली को राष्ट्रीय जलमार्ग -1 घोषित किया गया है। यह जलमार्ग भारत का पहला और सबसे लम्बा जलमार्ग है इसकी लंबाई 1620 किमी है। यह जलमार्ग उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, तथा पश्चिम बंगाल राज्यों से गुजरता है।

राष्ट्रीय जलमार्ग - 2 :- ब्रह्मपुत्र नदी में घुबरी से सदिया तक मार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग- 2 कहा गया है। इस जलमार्ग की कुल लंबाई 891 किमी है।

राष्ट्रीय जलमार्ग - 3 :-पश्चिमी भारत में स्थित तटीय नहरों की श्रृंखला को कोट्टापुरम से कोल्लम तक राष्ट्रीय जालमार्ग - 3 घोषित किया गया है। इस जलमार्ग की कुल लंबाई 205 किमी है।

राष्ट्रीय जलमार्ग- 4:- काकीनाडा पुदुचेरी नहर विस्तार के साथ गोदावरी नदी विस्तार तथा कृष्णा नदी विस्तार को सम्मिलित रूप से राष्ट्रीय जलमार्ग 4 कहा गया है इस जलमार्ग की लंबाई 1095 किमी है।

राष्ट्रीय जलमार्ग - 5 :-पूर्वी तटीय नहर प्रणाली में ब्राह्मणी तथा महानदी डेल्टा क्षेत्र को राष्ट्रीय जलमार्ग 5 कहा गया है। इस जलमार्ग की कुल लंबाई 623 किमी है।

राष्ट्रीय जलमार्ग- 6 :-भंगा से लखीपुर जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग 6 कहा गया है अभी यह जलमार्ग प्रस्तावित है इसकी शुरूआत अभी नहीं हुई है इस राष्ट्रीय जलमार्ग की कुल लंबाई 121 किमी है।

34. भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं संचार साधनों की महत्ता को स्पष्टें ।

उत्तर :- परिवहन एवं संचार के साधन भारत की अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिससे अर्थव्यवस्था को प्रगति की दिशा मिली है। परिवहन के साधन उपलब्ध रहने से कच्चे माल कारखाने तक एवं तैयार माल को बाजार तक पहुँचाने में आसानी होती है। सामाजिक स्तर तक शांतिपूर्ण माहौल बनाने में सहायक होते हैं। संचार के माध्यम राष्ट्रीय स्तर से लेकर भारत एक विशाल भौगोलिक आकार एवं विविध संस्कृतियों वाला देश है, जिसे परिवहन एवं संचार के साधन एक-दूसरे को जोड़ने का कार्य करते हैं।

यही नहीं संचार के साधन सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर को ऊँचा उठाने में भी योगदान करते हैं। भारत, पाकिस्तान, नेपाल एवं बंगलादेश के साथ परिवहन संपर्क दो देशों के बीच की सामाजिक-सांस्कृतिक विकास का सूचक है।

परिवहन एवं संचार के बिना किसी भी प्रकार की आर्थिक प्रक्रिया लगभग असंभव है। ये साधन हमारे जैविक पक्ष को प्रभावित करती हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक हमारा जीवन इन्हीं साधनों पर आश्रित है। जीवन जीने के लिए अनाज, शाक-सब्जियों तथा फलों की आपूर्ति में इन्हीं साधनों का सहारा लेना पड़ता है। इसलिए यह स्पष्ट होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में परिवहन एवं संचार के साधन का महत्त्व अत्यधिक है।

35. भारत में पाइपलाइन परिवहन का वर्णन करें।

उत्तर :- भारत में पाइपलाइन का भविष्य मुख्यतः तेल एवं प्राकृतिक गैस उद्योग पर निर्भर है। देश में कच्चे तेलों को उत्पादन क्षेत्रों से शोधनशालाओं तक शोधन - शालाओं से तेल उत्पादों को बाजार तक पाइपलाइनों के जरिये भेजा जाता है।

➤ शोधनशालाओं में कच्चे तेल से प्राप्त विभिन्न उत्पादों केरोसिन, हाई स्पीड डीजल, फरनेस तेल, वायुयान तेल, LPG इत्यादि को पाइपलाइनों की सहायता से ही एक स्थान से दूसरे स्थानों तक भेजा जाता है।

➤ 1985 तक देश में पाइपलाइनों का कुल विस्तार 6535 किलोमीटर तथा 2004 में 18546 किलोमीटर हो गया है।

भारत में पाइप लाइन को मुख्यतः दो वर्गों में रखा जा सकता है -

1. तेल पाइपलाइन :- कच्चा तेल पाइपलाइन, तेल उत्पाद पाइपलाइन

2. गैस पाइपलाइन :- LPG पाइपलाइन, HBJ पाइपलाइन

36. बिहार में धान की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें।

उत्तर :- चावल भारत का सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। यहाँ की अधिकतर जनसंख्या का प्रमुख भोजन चावल है। भारत विश्व का लगभग 22% चावल उत्पादन करता है।

चावल के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाएँ :-

i.इसकी खेती के लिए 240C से 27°C तापमान की जरुरत होती है।

ii.125 से 200 cm वर्षा की आवश्यकता होती है।

iii.दोमट मिट्टी तथा अत्यंत उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी के साथ-साथ सस्ते पर्याप्त कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है।

iv. भूमि समतल होना आवश्यक है।

37. बिहार के किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों ?

उत्तर :- बिहार के कई जिले ऐसे है जहाँ सिंचाई के साधनों के विकास की आवश्यकता है। क्योकि बिना सिंचाई के अच्छी उपज संभव नहीं है। ऐसे जिलों में रोहतास, गया, जहानाबाद, नालंदा एवं पटना आते आते है। जहाँ सिंचाई के साधनों का विकास नहीं हुआ है।

38. बिहार की कृषि की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कीजिए ।

उत्तर :- बिहार की कृषि समस्याएँ निम्न है :-

i. सिंचाई की समस्या :- यहाँ के अधिकांश किसान मानसून पर निर्भर है। सिंचाई के उन्नत साधन के अभाव कृषिगत भूमि का 46 प्रतिशत भूमि का ही सिंचाई हो पाता है। शेष भूमि सिंचाई से वंचित रह जाता है।

ii. मिट्टी की गुणवत्ता में हास्य :-वर्षा के नहीं होने पर आद्रता के अभाव में उसकी उर्वरता नष्ट हो जाती है। रासायनिक उर्वरकों के अनुप्रयोग ने भी मिट्टी की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।

iii. घटिया बीजों का अनुप्रयोग :- बिहार के कृषक गरीबी के कारण उच्च कोटि के बीज नहीं उपयोग करते है जिससे उनकी फसल अच्छी नहीं हो पाती है।

iv. किसानों की रूढ़िवादिता की भावना :- यहाँ के किसान परिश्रम से ज्यादा भाग्य एवं अन्य परंपरा में विश्वास करते है।

V. पूंजी का अभाव

vi. जनसँख्या का बोझ

39. कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है - इस कथन की व्याख्या कीजिए ।

उत्तर :- सयुंक्त बिहार, झारखण्ड के अलग होने से पूर्व खनिज की दृष्टि से भारत का अग्रणी राज्यों में से एक था। लेकिन विभाजन के सभी खनन  क्षेत्र झारखण्ड में चले गये। इसके बाद बिहार की सीमा में केवल कृषि कार्य के लिए ही भूमि उपलब्ध है। यहाँ की 90 प्रतिशत आबादी गावों में निवास करती है, जिनका मुख्य पेशा कृषि है। बिहार के 80 प्रतिशत लोग कृषि पर ही आधारित है। अतः हम कह सकते है की कृषि बिहार की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ है।

40. बिहार में जल विधुत विकास पर प्रकाश डालिए ।

उत्तर :- बिहार में जल विधुत का विकास किया जा रहा है। यहाँ लगभग 44.10 मेगावाट जल विधुत का उत्पादन डेहरी,बारुण,प० चम्पारण आदि विधुत केंद्रों से हो रहा है। इसके अतिरिक्त बिहार की अन्य नदियाँ गंडक,बागमती पर जल विधुत केंद्र निर्माणधीन है।

41. बिहार में जुट उद्योगर टिप्पणी लिखिए ।

उत्तर :- जुट उद्योग बिहार राज्य का प्रमुख उद्योग है। स्वतंत्रता के पूर्व भारत में कुल 110 जुट कारखाने थे,जिसमें अधिकांश पश्चिम बंगाल एवं बिहार में था। बिहार राज्य में तीन बड़े जुट कारखाने कटिहार पूर्णिया एवं दरभंगा में है, जिसमें कटिहार का जुट कारखाना ही सिर्फ कार्यरत है।

42. मुंगेर में कौन-कौन से उद्योग विकसित है वर्णन कीजिए ।

उत्तर :- मुंगेर में मुख्यतः बंदूक उद्योग, तम्बाकू उद्योग तेल उद्योग, डीजल इंजन वर्कशॉप एवं पर्यटन उद्योग का विकास हुआ। मुंगेर के दिलावरपुर में इम्पेरियल टोबेको बीड़ी एवं सिगरेट का कारखाना, सरसों एवं राइ के उत्पादन से तेल उद्योग आदि का विकास प्रमुख रूप से हुआ है।

43. बिहार में वस्त्र उद्योग पर विस्तार से चर्चा कीजिए ।

उत्तर :- वस्त्र उद्योग बिहार का एक प्राचीन उद्योग हैं। इस उद्योग में एक विशेष समुदाय की भागीदारी रही है। भागलपुर के तसर के कपड़े, लूंगी एवं चादर देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। औरंगाबाद जिला के ओबरा तथा दाउदनगर के बने कालीन की माँग सारे भारत में है। यहाँ सूती, रेशमी और ऊन वस्त्र तैयार किया जाता है। कच्चे माल के अभाव के कारण बिहार में सूती वस्त्र उद्योग का विकास अधिक नहीं हुआ है। लेकिन सस्ते मजदूर एवं विस्तृत बाजार के कारण डुमराँव, गया, मोकामा, मुंगेर, फुलवारीशरीफ एवं भागलपुर में सूती वस्त्र बनाए जाते हैं। यहाँ छोटी-छोटी मिलें स्थापित हैं, जो सूत कानपुर और अहमदाबाद से मँग हैं।
भागलपुर रेशमी वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। बिहार में एक हस्तकरघा एवं रेशमी वस्त्र निदेशालय की स्थापना हुई है। इसके द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया तथा दरभंगा में रेशमी वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है। इस निदेशालय के अधीन भभुआ में बनारसी साड़ी, नालंदा तथा नवादा में रेशमी वस्त्र उत्पादन को विकसित किया गया है।

44. बिहार की जनसँख्या सभी जगह एक समान नहीं है। सपष्ट कीजिए ।

उत्तर :- बिहार की जनसँख्या सभी जगह एक समान नही होने का मुख्य कारण आर्थिक सामाजिक परिवेश और भौतिक विविधता है । जहाँ भी कृषि सिंचाई, उपजाऊ मृदा एवं नाग्रिकरंका प्रभाव है वहाँ जनसंख्या अधिक है । और इसके विपरीत जहाँ उर्वरक मृदा का अभाव, सिंचाई में कमी इत्यादि के कारण कम पाई जाती है ।

45. मध्ययुग में बिहार में नगरों का विकास किस प्रकार हुआ ।

उत्तर :- बिहार में मध्ययुग में नगरों के विकास का प्रमुख कारण सड़को का निर्माण एवं प्रशासनिक विकास है। जिसमे विकसित होने वाले जिले सासाराम, दरभंगा, छपरा, सिवान आदि है।

46. हैश्यूर विधि तथा पर्वतीय छायाकरण विधि में अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :- हैश्यूर विधि :- उच्चावच निरूपण के लिए इस विधि के अंतर्गत मानचित्र में छोटी, महीन एवं खंडित रेखाएँ खींची जाती है। ये रेखाएँ ढाल की दिशा अथवा जल बहने की दिशा में खींची जाती है।

➤ अधिक या तीव्र ढाल वाले भागों के पास इन रेखाओं को मोटी एवं गहरी कर दिया जाता है।

➤ मंद ढालों के लिए ये रेखाएँ पतली एवं दूर-दूर बनाई जाती है।

➤ धरातल का जो भाग जितना अधिक ढलुवाँ होता है, हैश्यूर विधि के मानचित्र पर वह भाग उतना ही अधिक काला दिखाई देता है।

➤ हैश्यूर विधि का विकास ऑस्ट्रिया के एक सैन्य अधिकारी लेहमान ने किया था।

पर्वतीय छायाकरण :-इस विधि के अंतर्गत उच्चावच - प्रदर्शन के लिए भू-आकृतियों पर उत्तर पश्चिम कोने पर ऊपर से प्रकाश पड़ने की कल्पना की जाती है।

➤ इसके कारण अँधेरे में पड़ने वाले हिस्से को या ढाल को गहरी आभा से भर देते है जबकि प्रकाश वाले हिस्से या कम ढाल को हल्की आभा से भर देते है

47. तल चिन्ह और स्थानिक ऊंचाई क्या है ?

उत्तर :- तल चिन्ह :-समुद्र तल से मापी गई ऊंचाई को प्रदर्शित करने वाले चिन्ह को तल चिन्ह का है। इसके द्वारा भवनों, पुलों, पत्थरों जैसे स्थाई वस्तुओं को मापी की जाती है।

➤ ऐसे ऊंचाई को प्रदर्शित करने के लिए ऊंचाई फीट अथवा मीटर किसी एक इकाई में लिखा जाता है।

स्थानिक ऊंचाई :-तल चिन्ह की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊंचाई को स्थानिक ऊंचाई कहा जाता है।

➤ इस विधि में मानचित्र में बिंदुओं के द्वारा विभिन्न स्थानों की ऊंचाई संख्या में लिख दिया जाता है।

48. स्तर रंजन क्या है ?

उत्तर :- रंगीन मानचित्र में रंगों की विभिन्न आभाओं के द्वारा उच्चावच प्रदर्शन ही स्तर रंजन विधि है, इस विधि के अनुसार समुद्र या जलीय भाग को नीले रंग से दिखाया जाता है, मैदान को हरा रंग से, पर्वतों को बदामी हल्का कत्थई रंग से तथा बर्फीले क्षेत्र को सफेद रंग से दिखाया जाता है।

➤ ऊंचाई में वृद्धि के अनुसार रंगों की आभाएँ हल्की होती जाती है।

49. समोच्च रेखा क्या है ? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के ढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है ?

उत्तर :- समोच्च रेखाएँ भूतल पर समुद्र जल तल से एक समान ऊंचाई वाले बिंदुओं / स्थानों को मिलाकर मानचित्र पर खींची जानेवाली काल्पनिक रेखाएँ है।

➤ समोच्च रेखाओं की सहायता से उच्चावच प्रदर्शन की विधि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

➤ मानचित्र पर समोच्च रेखाओं को बादामी रंग से दिखाया जाता है।

➤ विभिन्न प्रकार के उच्चावच को प्रदर्शित करने के लिए समोच्च रेखाओं के खींचने या बनाने का प्रारूप अलग-अलग होता है।

i. एक समान ढाल को दिखाने के लिए समोच्च रेखाओं को समान दूरी पर खींचा जाता है।

ii. खड़ी ढाल को दिखाने के लिए समोच्च रेखाएँ पास-पास बनाई जाती है ।

iii. मंद ढाल के लिए इन रेखाओं को दूर-दूर बनाया जाता है।

50. आपदा से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- प्रकृति में घटित होने वाली वैसी प्राकृतिक या मानवनिर्मित घटनाएँ जिसके घटित होने के फलस्वरूप अधिक संख्या में मानव जीव-जंतु की मृत्यु एवं प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान हो, आपदा कहलाता है।

जैसे :- बाढ़, सुखाड़ आतंकवाद

51. प्राकृतिक आपदा एवं मानव जनित आपदा में अंतर उदहारण सहित प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर :- प्राकृतिक आपदा एवं मानवनिर्मित आपदा में निम्न अंतर है :-

प्राकृतिक आपदा :- हमारे वातावरण में होनेवाली वैसी घटनाएँ जो प्राकृतिक कारणों के द्वारा होती है, उसे प्राकृतिक आपदा कहते है ।

जैसे :- भूकंप, बाढ़, सुखाड़ सुनामी

मानवनिर्मित आपदा :- वैसी घटनाएँ जिसकी उत्पत्ति में मानवीय कारकों का हाथ हो तथा घटित होने के फलस्वरूप अधिक संख्या में मानवों की मृत्यु एवं संसाधनों की हानि पहुँचती हो, मानवनिर्मित आपदा कहलाता है।

जैसे :- आतंकवाद, महामारी, युद्ध 

52. बाढ़ से होने वाली हानियों की चर्चा करें।

उत्तर :- बाढ़ से होने वाली हानियां निम्नलिखित हैं :-

i. बाढ़ के कारण महामारी जैसे - मलेरिया, हैजा, चेचक आदि रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है।

ii. मकान और ढांचे के गिरने या क्षतिग्रस्त होने से आर्थिक हानि के साथ आवास की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

ii. परिवहन के साधन जैसे - सड़के, रेलमार्ग, पुल आदि टूट जाते हैं।

iv. जन-धन की हानि होती है।

v. पशु भी मर जाते हैं।

vi. फसलें बर्बाद हो जाती हैं।

53. बाढ़ नियंत्रण के लिए उपाय बताये।

उत्तर :- बाढ़ नियंत्रण के लिए निम्न उपाय किये जा सकते है :-

i. नदी तटबंधों को मरम्मत करने का कार्य करना चाहिए ।

ii. नदियों के ऊपरी क्षेत्रों में अनेक जलाशय बनाये जा सकते हैं।

iii. सरकार के द्वारा विभिन्न नदियों को आपस में जोड़ने का कार्य करना चाहिए।

iv. सहायक नदियों व धाराओं पर अनेक छोटे-छोटे बाँधों का निर्माण किया जाना चाहिए जिससे मुख्य नदी में बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके।

V. मैदानी क्षेत्रों में अनुपयुक्त भूमि पर जल संग्रहण किया जाना चाहिए।

vi. नदियों के किनारों की भूमि पर मानवीय बस्तियों के अतिक्रमण पर रोक लगाई जानी चाहिए।

54. बिहार में बाढ़ की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर :- बिहार के उत्तरी भागों में बाढ़ की समस्या प्रत्येक वर्ष होती है। बिहार के उत्तरी भागों में प्रवाहित होने वाली विभिन्न नदियां जैसे की कोसी, गंडक, महानंदा आदि हिमालय से निकलती है, जिसमें प्रत्येक वर्ष जल की निरंतरता बानी रहती है। अचानक वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर में वृद्धि होती है तथा जल के साथ मिट्टियों के गाद भी नदियों में जमा होने लगती है जिसके कारण नदी तल की गहराई में कमी होती है और जलस्तर ऊपर होने के कारण तटबंधों के ऊपर दबाब पड़ने लगता है, जिससे बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है।

बिहार के दरभंगा, मधुबनी, सहरसा समस्तीपुर आदि जिलों में प्रत्येक वर्ष बाढ़ आ जाती है। बिहार में कोसी नदी को बिहार का शोक नदी कहा जाता है, क्योकि इस नदी के द्वारा प्रत्येक वर्ष बाढ़ जैसी समस्या को जन्म देती है।

55. भूकंप के केंद्र एवं अधिकेंद्र के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :- भूकंप केंद्र :- भूपटल के निचे का वह स्थल जहाँ भूकंपीय कपंन प्रारम्भ होता है, भूकंप केंद्र कहलाता है।

अधिकेंद्र :- भूपटल पर वे केंद्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है, अधिकेंद्र कहलाता है।

56. भूकंप और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :- भूकंप :- ठोस धरातल पर होने वाली कंपन को भूकंप कहते है।

सुनामी :- सागरीय तली में उत्पन्न कंपन को सुनामी के नाम से जाना जाता है।

भूकंप एवं सुनामी की ऊर्जा तरंग की गहनता का मापन रिएक्टर स्केल के द्वारा किया जाता है।

57. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते है ?

उत्तर :- आपदा के प्रारंभ होते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाने के उदेश्य से किए जाने वाले कार्य जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन कहलाता है।

58. आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए ?

उत्तर :- आग लगने की स्थिति में निम्न प्रबंधन की आवश्यकता होती है :-

i. आग पर सर्वप्रथम नियंत्रण करना ।

ii. आग में फसें हुए लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना ।

iii. आग से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार की व्यवस्था करना ।

iv. आग के फैलाव को रोकने के लिए बालू / जल का उपयोग करना, अग्निशामक दस्ते को बुलाना ।

59. सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारणों को लिखिए।

उत्तर :- सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारन निम्न है :-

i. केबुल टूट जाना

ii. बिजली आपूर्ति का बाधित हो

iii. संचार भवनों के धवस्त होने पर संचार यंत्रों का क्षतिग्रस्त होना ।

iv. ट्रांसमिशन टाबर का क्षतिग्रस्त हो जाना ।

60. निम्नलिखित पर नोट लिखें।

(i) हेम रेडियो (ii) उपग्रह संचार (iii) रेडियो संचार

उत्तर :- (i) हेम रेडियो :- इसे एमेच्योर के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग गैर वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है,जिसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता जेनरेटरों या बैटरियों के द्वारा पूर्ति किया जाता है। इसक प्रयोग बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है।

(ii) उपग्रह संचार :- आपदा के पूर्व, आपदा के दौरान एवं आपदा के पश्चात उपग्रह संचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उपग्रह संचार के अंतर्गत सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग दूरदर्शन , मौसम विज्ञान, आपदा सम्बन्धी चेतावनी एवं संसाधनों की खोज के लिए प्रमुख रूप से उपयोगी है।

(ii) रेडियो संचार :- रेडियो संचार का उपयोग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में रेडियो के माध्यम से सुचना का आदान-प्रदान होता है।

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