बिहार बोर्ड 10वीं कक्षा 2022-23 : Economics - अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न ( लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ )

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बिहार बोर्ड 10वीं कक्षा 2022-23 : Economics - अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न ( लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर के साथ )
बिहार बोर्ड मैट्रिक (कक्षा 10वीं) परीक्षा 2023 के लिए Economics - अर्थशास्त्र के सब्जेक्टिव प्रश्न ( Class 10th Economics VVI Subjective Question ) इस पोस्ट मे दिये गए है, जो कि सभी छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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कक्षा 10वीं Economics - अर्थशास्त्र के प्रत्येक अध्याय के महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न, उत्तर के साथ दिये गए है। जो कि छात्रों के लिए बहुत समय बचाता है। यहां पर Economics - अर्थशास्त्र के लघु उत्तरीय प्रश्न तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( class 10th Economics Subjective Question ) पढ़ सकते हैं।
Short Answer Questions
लघु उतरीय प्रश्न
1. अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर- अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र या ढांचा है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की आर्थिक क्रिया संपादित की जाती है। जैसे कृषि, उद्योग, व्यापार आदि ।
दूसरे शब्दों में अर्थव्यवस्था आर्थिक क्रियाओं का एक ऐसा संगठन है जिसके अंतर्गत लोग कार्य करके अपनी आजीविका चलाते हैं।
2. मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है?
उत्तर- मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण होता है। अर्थात मिश्रित अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जहां उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों के पास होता है। भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है। यह अर्थव्यवस्था पूंजीवादी तथा समाजवादी के बीच का रास्ता है।
3. आधारिक संरचना ( Infrastructure ) पर प्रकाश डालें ?
उत्तर- आधारिक संरचना का मतलब उन सुविधाओं तथा सेवाओं से जो देश के आर्थिक विकास के सहायक होते हैं इसके अंतर्गत बिजली, परिवहन, बैंकिंग, संचार, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, आदि शामिल है किसी देश के आर्थिक विकास में आधारिक संरचना का महत्वपूर्ण स्थान होता है जिस देश का आर्थिक ढांचा जितना अधिक विकसित होगा वह देश उतना अधिक विकासित होगा।
4. आय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- किसी व्यक्ति द्वारा किये गए शारीरिक तथा मानसिक श्रम के बदले में जो उसे परिश्रमिक मिलता है उसे आय कहा जाता है
दूसरे शब्दों में जब कोई व्यक्ति कहीं किसी प्रकार का (शारीरिक अथवा मानसिक) कार्य करता है उसके बदले में जो उसे परिश्रमिक मिलता है उसे आय कहा जाता है।
5. प्रति व्यक्ति आय क्या है?
उत्तर- राष्ट्रीय आय में देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है उसे प्रति व्यक्ति आय कहते हैं।
6. वस्तु-विनिमय क्या है?
उत्तर- किसी एक वस्तु के साथ दूसरी वस्तु का अदला- बदली अर्थात बिना मुद्रा के प्रत्यक्ष रुप से लेन-देन वस्तु विनिमय कहलाता है। दूसरे शब्दों में वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहा जाता है जिनसे एक वस्तु के बदले दूसरे वस्तु का आदान- प्रदान होता है जैसे- गेहूं से चावल बदलना, सब्जी से तेल बदलना । इत्यादी
7. मौद्रिक प्रणाली क्या है?
उत्तर- मौद्रिक प्रणाली वह प्रणाली है जिसमें वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त किया जाता है और मुद्रा से वस्तु प्राप्त किया जाता है।
8. A. T.M क्या है?
उत्तर- A.T.M का पूर्ण रूप स्वचालित टेलर मशीन (Automatic Teller Machine) होता है। यह मशीन 24 घंटे रुपए निकालने तथा जमा करने की सुविधा प्रदान करता है।
9. क्रेडिट कार्ड क्या है?
उत्तर- क्रेडिट कार्ड प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप है। इसके अंतर्गत ग्राहक के वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उसकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है, जिसके अंतर्गत वह क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित धनराशि के अंदर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है।
10. बचत क्या है?
उत्तर- कुल आय का वह भाग जो टिकाऊ वस्तुओं पर खर्च किया जाता है उसे बचत कहते हैं। दूसरे शब्दों में आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता
11. साख क्या है?
उत्तर- साख का मतलब विश्वास या भरोसा होता है। अर्थशास्त्र में साख का मतलब ऋण लौटाने तथा भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। प्रो. जीड {Gide} के अनुसार साख एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के भुगतान करने के बाद पूरा हो जाता है।
12. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- वित्तीय संस्थाएं मौद्रिक क्षेत्र में देश अथवा राज्य की ऐसी संस्थाओं को कहते हैं जो लोगों की आवश्यकताएं को पूरा करने हेतु साख एवं मुद्रा संबंधी कार्यों को संपादन करती है। वित्तीय संस्थान के द्वारा कृषि, उद्योग, व्यापार जैसे आर्थिक कार्यों के लिए मौद्रिक प्रबंध किया जाता है।
13. स्वयं सहायता समूह से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- स्वयं सहायता समूह एक समान सामाजिक आर्थिक स्तर के आस पड़ोस के लोगों का एक ऐसा स्वैच्छिक समूह है जो एक नियम कानून के द्वारा आपसी सहयोग से चलाया जाता है। वास्तव में स्वयं सहायता समूह ग्रामीण क्षेत्र में 15-20 व्यक्ति खासकर महिलाओं का एक अनौपचारिक समूह होता है, जो अपनी बचत तथा बैंकों से लघु ऋण लेकर अपने
सदस्यों के परिवारिक जरूरतों को पूरा करते हैं और विकास गतिविधियां चलाकर गांवो का विकास कराती है।
14. आउट सोर्सिंग { Out Sourcing} किसे कहते हैं?
उत्तर- जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां या अन्य कंपनियां संबंधित नियमित सेवाएं स्वयं अपने कंपनियों के बजाय किसी बाहरी या विदेशी स्रोत या संस्था या समूह से प्राप्त करती है तो उसे बाह्या स्रोती {आउट सोर्सिंग} कहा जाता है।
15. सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े पांच सेवा क्षेत्र को बतलाए ।
उत्तर-सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े पांच सेवा क्षेत्र निम्नांकित
(i) कॉल सेंटर
(ii) संगीत रिकॉर्डिंग
(iii) रेलवे पूछताछ
(iv) साइबर फैंके
(v) मोबाइल बिक्री केंद्र
16. सरकारी सेवा किसे कहते हैं?
उत्तर- जब देश व राज्य की सरकार लोगों को काम के बदले मानसिक वेतन देती है और इनसे विभिन्न क्षेत्रों में काम सरकारी सेवा के लेती है तो इसे सरकारी सेवा कहा जाता है। कुछ व्यापक क्षेत्र का उदाहरण इस प्रकार है- सैन्य सेवा, शिक्षा सेवा, स्वास्थ्य सेवा, अभियंत्रण सेवा, वितसेवा इत्यादी ।
17. आधारभूत संरचना किसे कहते हैं?
उत्तर- आमलोगों से जुड़ी हुई सुविधाओं के साधन को आधारभूत संरचना कहते हैं। इसके अंतर्गत यातायात, शिक्षा, संचार, ऊर्जा, स्वास्थ्य, वित, नागरिक सेवाएं आदि शामिल है। आधारभूत संरचना प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन एवं लोगों की खुशहाली में वृद्धि करता है।
18. वैश्वीकरण का प्रभाव सेवा क्षेत्र पर क्या पङा ?
उत्तर- वैश्वीकरण के कारण आर्थिक विकास क्षेत्र में प्रत्यक्ष रुप से लाभ मिलने लगा। लोगों को दूसरे राष्ट्र में जाकर रोजगार करने का और सेवा प्रदान करने का खुला अधिकार मिल गया। आर्थिक विचारको का ऐसा मानना है कि वैश्वीकरण सेवा क्षेत्र का विस्तार किया।
19. भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- भारत में सन् 1991 की आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया कुशलता, उत्पादकता, लाभदायकता एवं प्रतियोगिता की शक्ति के स्तरों में वृद्धि करने के दृष्टिकोण से की गयी थी ।
ये सुधार उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित है। अतः इसे एल० पी० जी० के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1991 की यह प्रक्रिया नई आर्थिक नीति के नाम से भी जानी जाती है।
20. उदारीकरण को परिभाषित करें?
उत्तर- उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा बनाई गई आर्थिक नीतियों में विशेष छूट प्रदान करना है। इसके अंतर्गत सभी अनावश्यक नियंत्रणों एवं प्रतिबंध जैसे रमिट, कोटा, लाइसेंस आदि से अर्थव्यवस्था की मुक्ति शामिल है।
21. निजीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- निजीकरण का अर्थ है, निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्णत: अथवा आंशिक स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंधन करना। आर्थिक सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार ने सन् 1991 में इस नीति की शुरुआत की थी।
22. आधारभूत संरचना किसे कहते हैं?
उत्तर- आमलोगों से जुड़ी हुई सुविधाओं के साधन को आधारभूत संरचना कहते हैं। इसके अंतर्गत यातायात, शिक्षा, संचार, ऊर्जा, स्वास्थ्य, वित, नागरिक सेवाएं आदि शामिल है। आधारभूत संरचना प्रत्यक्ष रूप से उत्पादन एवं लोगों की खुशहाली में वृद्धि करता है।
Long Answer Questions
दीर्घ उतरीय प्रश्न
1. अर्थव्यवस्था की संरचना से क्या समझते हैं? इन्हें कितने भागों में बांटा गया है ?
उत्तर- अर्थव्यवस्था की संरचना का मतलब विभिन्न उत्पादन क्षेत्र इसके विभाजन से है चूकि अर्थव्यवस्था में विभिन्न प्रकार के आर्थिक क्रियाएं अथवा गतिविधियों संपादित की जाती है जैसे - कृषि, उद्योग, व्यापार, बैंकिंग, बीमा, परिवहन, संचार, आदि। इन क्रियाओं को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है जो निम्नांकित है-
(i) प्राथमिक क्षेत्र:- प्राथमिक क्षेत्र को कृषि क्षेत्र भी कहा जाता है इसके अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, खनन, जंगलों से वस्तुओं को प्राप्त करना आदि शामिल है।
(ii) द्वितीयक क्षेत्र:- द्वितीय क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत व्यवसाय, खनिज, निर्माण कार्य, जनोपयोगी सेवाएं आदि के उत्पादन आते है।
(iii) तृतीयक क्षेत्र :- तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत बैंक, बीमा, परिवहन, संचार, व्यापार आदि क्रियाएं सम्मिलित होती है। ये क्रियाएं प्राथमिक तथा द्वितीयक क्षेत्र की क्रियाएं को सहायता प्रदान करती है। इसलिए इसे सेवा क्षेत्र भी कहा जाता था ।
2. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें।
उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था जिनमें से कुछ प्रमुख कठिनाइयां निम्नलिखित है-
(i) आवश्यकता के दोहरे संयोग का अभाव :- वस्तु विनिमय प्रणाली की यह प्रमुख कठिनाइयां थी। यहां आवश्यकता का दोहरा संयोग शायद ही प्राप्त हो पाता था।
(iii) मूल संचय का अभाव :- वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं को संचय की असुविधा थी ।
(iv) सह विभाजन का अभाव :- वस्तु विनिमय प्रणाली में यह भी एक कठिनाई थी कि बहुत ऐसी चीज है जिसका विभाजन नहीं किया जा सकता है। यदि विभाजन कर दिया जाए तो उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाएगी।
(v) मूल हस्तांतरण की समस्या:- वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल के हस्तांतरण में कठिनाई होती थी । कठिनाई उस समय बढ़ जाती थी जब कोई व्यक्ति एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर बसना चाहता था ।
3. स्वयं सहायता समूह में महिलाएं किस प्रकार अपनी अहम भूमिका निभाती है? वर्णन करें।
उत्तर- स्वयं सहायता समूह में महिलाओं की अहम भूमिका होती हैं। स्वयं सहायता समूह में 1520 सदस्य खासकर महिलाए ही सदस्य होते है। ये महिलाएं नियमित रूप से अपनी आय का कुछ हिस्सा अपने समूह में जमा करती है। जो कुछ दिनों के बाद बड़ी रकम के रूप में जमा हो जाती है। इसकी सदस्य के महिलाओं को आवश्यकता पड़ने पर इस समूह से बहुत कम ब्याज पर कर्ज प्राप्त हो जाता है जिससे वे अपनी आवश्यकता पूरी करते है।
स्वयं सहायता समूह खास कर गरीब महिलाओं का समूह होता है। ये समूह अपनी बचत राशि में बचत कर कुटीर उद्योग चलाती है। जिसके अंतर्गत सिंचाई, बुनाई, हस्तकरघों, पशुपालन, मूर्गीपालन आदि शामिल है। इन कार्यों के द्वारा महिलाए अपनी आय में वृद्धि करती है। जिसे घर की आवश्यकताएं पूरी होती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं के काम करने वालों के घर में पुरुषों का आर्थिक बोझ कम हो जाता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि स्वयं सहायता समूह में महिलाए काम करके आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनती
4. वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभाव को बताएं।
उत्तर- वैश्वीकरण का बिहार पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों ही प्रभाव देखने को मिलते हैं- सकारात्मक प्रभाव के कारण कृषि उत्पादन में वृद्धि, विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों की प्राप्ति, शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद एवं प्रतिव्यक्ति शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद में वृद्धि, रोजगार के अवसरों में वृद्धि, बहुराष्ट्रीय बैंक तथा बीमा कंपनियों का आगमन इत्यादि देखा गया है।
इसका राज्य पर नकारात्मक प्रभावों को भी देखा गया है जैसे कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की अपेक्षा, कुटीर एवं लघु उद्योग पर विपरीत प्रभाव, रोजगार पर विपरीत प्रभाव, आधारभूत संरचनाओं में निवेश में कमी | कुल मिलाकर कहा जाता है कि यहां उद्योग एवं बड़े
व्यापारियों को अधिक लाभ की प्राप्ति हुई है। मॉल संस्कृति का भी जन्म हुआ है, परंतु कृषक एवं आम जनता आज भी इसका कम लाभ उठा पा रहे हैं।