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Bihar Board Metric Sanskrit Exam 2025 : कक्षा 10 संस्कृत VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

Bihar Board Metric Sanskrit Exam 2025 : कक्षा 10 संस्कृत VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

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Bihar Board Metric Sanskrit Viral Question 2025: बिहार बोर्ड 10वीं संस्कृत परीक्षा 2025 (BSEB Metric Viral Question 2025) के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वायरल प्रश्न यहां दिए गए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सभी प्रमुख ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार करके आप अपनी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आगामी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर बनाएं।

Bihar Board Class 10th Sanskrit Most Important Question 2025

आप नीचे दिए गए संस्कृत के Most VVI Question (BSEB Metric Important Question 2025) के महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे संस्कृत के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।

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Bihar Board Class 10th Sanskrit Most Important Objective Question 2025

1. उपनिषद के रचनाकार कौन हैं ?

(A) महात्मा विदुर

(B) महर्षि वाल्मीकि

(C) महर्षि वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ C 

2. मंगलम पाठ के रचनाकार कौन हैं ?

(A) महात्मा विदुर

(B) महर्षि वाल्मीकि

(C) महर्षि वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ C  

3. मंगलम् पाठ में कितने मंत्र संकलित हैं?

(A) दस

(B) आठ

(C) पाँच

(D) सात

Answer ⇒ C   

4. अणु से छोटा कौन है?

(A) आकाश

(B) आत्मा

(C) परमात्मा

(D) संसार

Answer ⇒ B  

5. किसकी जय होती है?

(A) सत्य

(B) असत्य

(C) क्रोध

(D) मोह

Answer ⇒ A   

6. कौमुदी महोत्सव कहाँ मनाया जाता था ?

(A) वैशाली में

(B) गया में

(C) पाटलिपुत्र में

(D) मुजफरनगर में

Answer ⇒ (C) पाटलिपुत्र में

7. किसके शासनकाल में पाटलिपुत्र की शोभा तथा रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी ?

(A) अशोक

(B) चन्द्रगुप्त मौर्य

(C) बुद्धः

(D) समुद्रगुप्त

Answer ⇒ (B) चन्द्रगुप्त मौर्य

8. पाटलिपुत्र का नामान्तर क्या हैं ?

(A) हरिहरपुर

(B) हाजीपुर

(C) पाटलिपुर

(D) कुसुमपुर

Answer ⇒ (D) कुसुमपुर

9. अलसकथा’ पाठ में किस दोष का वर्णन किया गया है ?

(A) अर्थ

(B) धर्म

(C) आलस

(D) कोई नहीं

Answer ⇒ (C) आलस

10. ‘मैथिल’ कवि कौन था ?

(A) भास

(B) कालिदास

(C) विद्यापति

(D) नारायण पंडित

Answer ⇒ (C) विद्यापति

11. अलसकथा’ किस प्रकार की कथा है ?

(A) व्यंग्यात्मक

(B) हासात्मक

(C) कारूणिक कथा

(D) उपर्युक्त कोई नहीं

Answer ⇒ (A) व्यंग्यात्मक

12. अलसकथा’ पाठ के लेखक कौन है ?

(A) विद्यापति

(B) नारायण पंडित

(C) कालीदास

(D) वेदव्यास

Answer ⇒ (A) विद्यापति

13. किस युग में मन्त्रों की दर्शिका ने केवल ऋषि बल्कि ऋषिका भी थी ?

(A) सामन्त युग

(B) कलियुग

(C) वैदिक युग

(D) सतयुग

Answer ⇒ (C) वैदिक युग
 
14. याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी को क्या शिक्षा दी ?

(A) नीति की

(B) धर्म की

(C) अर्थ की

(D) आत्मतत्त्व की

Answer ⇒ (D) आत्मतत्त्व की

15. मधुराविजयम् महाकाव्य की रचना किसने की ?

(A) पुष्पादीक्षित

(B) तिरुमलाम्बा

(C) गंगादेवी

(D) पं० क्षमाराव

Answer ⇒ (C) गंगादेवी

16. पुराण के रचनाकार कौन हैं ?

(A) महात्मा विदुर

(B) महर्षि वाल्मीकि

(C) महर्षि वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ (C)  

17. किसकी महिमा सर्वत्र गायी जाती है ?

(A) देव

(B) भारत

(C) विश्व

(D) पाटलिपुत्र

Answer ⇒ (B)  

18. इस देश का गुणगान देवता लोग करते हैं-

(A) भारत

(B) पाकिस्तान

(C) श्रीलंका

(D) बांगलादेश

Answer ⇒ (A)  

19. इस देश में देवता लोग बार-बार जन्म लेते हैं ?

(A) पाकिस्तान

(B) भारत

(C) श्रीलंका

(D) बांगलादेश

Answer ⇒ (B)

20. कौन गीत गाते हैं ?

(A) देवता

(B) दानव

(C) मनुष्य

(D) कोई नहीं

Answer ⇒ (A)

21. ‘भारतीय संस्कार’ कितने हैं ?

(A) 24

(B) 20

(C) 18

(D) 16

Answer ⇒ (D) 16

22. सीमन्तोन्नयन संस्कार किस संस्कार में गिना जाता है ?

(A) शिक्षा संस्कार में

(B) मृत्यु के बाद के संस्कार में

(C) जन्मपूर्व संस्कार में

(D) विवाह संस्कार में

Answer ⇒ (C) जन्मपूर्व संस्कार में

23. शिक्षा संबंधी कितने संस्कार हैं?

(A) 2

(B) 3

(C)5

(D) 6

Answer ⇒ (C) 5

24. बचपन में कितने संस्कार हैं ?

(A) 2

(B) 4

(C) 5

(D) 6

Answer ⇒ (D) 6

25. संस्कारों का मौलिक अर्थ क्या है ?

(A) समारोह का आयोजन

(B) लोगों का सम्मिलन

(C) दोष दूर होते हैं तथा गुणों का निर्माण होता है

(D) दान-धर्म होता है

Answer ⇒ (C) दोष दूर होते हैं तथा गुणों का निर्माण होता है

26. भारतीयों में संस्कार से किसका निर्माण किससे होता है ?

(A) सहिष्णुत्व

(B) व्यक्तित्व

(C) करुणत्व

(D) मानवत्व

Answer ⇒ (B) व्यक्तित्व
 
27. वेद की पढ़ाई शुरू करना किस संस्कार के अन्तर्गत है ?

(A) जन्म पूर्व

(B) गृहस्थ

(C) विवाह

(D) शिक्षा

Answer ⇒ (D) शिक्षा

28. क्षमा किसकी हत्या करता है ? 

(A) धर्म

(B) अर्थ

(C) काम

(D) क्रोध 

Answer ⇒ (D) क्रोध

29. कौन ऐसा धन है जिससे संतुष्टिं मिलती है ?

(A) धर्म

(B) अर्थ

(C) विद्या

(D) क्रोध 

Answer ⇒ (C) विद्या

30. बालक किसके शिक्षण शैली से आकृष्ट हुआ ?

(A) शिक्षक के

(B) प्रधानाध्यापक के

(C) प्रशिक्षक के

(D) पंडित के

Answer ⇒ (A) शिक्षक के

31. आर्य समाज की स्थापना किस नगर में हुई ?

(A) बंगलोर

(B) मद्रास

(C) मुम्बई

(D) पटना

Answer ⇒ (C) मुम्बई

32. आर्य समाज की स्थापना कब हुई ?

(A) 1985

(B) 1875

(C) 1705

(D) 1930

Answer ⇒ (B) 1875

33. आर्य समाज के संस्थापक कौन थे ?

(A) स्वामी विवेकानन्द्र

(B) स्वामी सरस्वत्यानन्द

(C) स्वामी रामतीर्थ

(D) स्वामी दयानन्द

Answer ⇒ (D) स्वामी दयानन्द

34. स्वामी दयानन्द का जन्म किस ग्राम में हुआ था ?

(A) झंकारा

(B) टंकारा

(C) लंकारा

(D) अंकारा

Answer ⇒ (B) टंकारा

35. ‘स्वामी दयानन्द” कौन थे ?

(A) आर्य समाज संस्थापक

(B) समग्र विकास संस्थान संस्थापक

(C) ब्रहा समाज संस्थापक

(D) उपर्युक्त कोई नहीं

Answer ⇒ (A) आर्य समाज संस्थापक

36. स्वामी दयानन्द का जन्म कब हुआ था ?

(A) 1985

(B) 1885

(C) 1824

(D) 1930

Answer ⇒ (C) 1824

37. स्वामी दयानन्द का निधन कब हुआ था ?

(A) 1875

(B) 1883

(C) 1945

(D) 1983

Answer ⇒ (B) 1883

38. ‘मंदाकिनीवर्णन’ पाठ के रचनाकार कौन हैं ?

(A) महात्मा विदुर

(B) महर्षि वाल्मीकि

(C) महर्षि वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ (B) महर्षि वाल्मीकि

39. ‘रामायण’ पाठ के रचनाकार कौन हैं?

(A) सुरदास

(B) वाल्मीकि

(C) वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ (B) वाल्मीकि

40. अयोध्याकांड किस ग्रंथ का भाग है ?

(A) रामायण

(B) महाभारत

(C) रघुवंश

(D) भागवतगीता

Answer ⇒ (A) रामायण

41. ‘रघुवंश’ काव्य की रचना किसने की है ?

(A) महात्मा विदुर

(B) महर्षि वाल्मीकि

(C) महर्षि वेदव्यास

(D) कालिदास

Answer ⇒ (D) कालिदास

42. लोभ मनुष्य को कहाँ ले जाता है ?

(A) उन्नति

(B) विनाश

(C) ऊपर

(D) नीचे

Answer ⇒ (B) विनाश

43. किस जीव पर विश्वास नहीं करना चाहिए ?

(A) हिंसक

(B) अहिंसक

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A) हिंसक

44. दानवीर कौन था ?

(A) भीम

(B) अर्जुन

(C) कर्ण

(D) युधिष्ठिर

Answer ⇒ (C) कर्ण 

45. ब्राह्मण रूप में कौन प्रवेश किया ?

(A) इन्द्र

(B) विष्णु

(C) शिव

(D) नारद

Answer ⇒ (A) इन्द्र 

46. विश्व शांति पाठ में किस वातावरण का चित्रण किया गया है ?

(A) अशांति
 
(B) शांति
 
(C) देश भक्ति
 
(D) वैज्ञानिक

Answer ⇒ (A) अशांति

47. बैर को कौन बढ़ाता है?

(A) अबैर

(B) बैर

(C) स्वार्थ

(D) परमार्थ

Answer ⇒ (C) स्वार्थ

48. उदार चरित्र वाले क्या मानते हैं?

(A) अयं निजः

(B) परोवेति

(C) वसुधैव कुटुम्बकम्

(D) स्वर्थेवसर्वम्

Answer ⇒ (C) वसुधैव कुटुम्बकम्

49. किसके छः अंग हैं ?

(A) रामायण

(B) महाभारत

(C) पुराण

(D) वेद 

Answer ⇒ (D) वेद

50. मनुष्य को कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कौन कराता है।

(A) शास्त्र

(B) विवेक

(C) ज्ञान

(D) धन 

Answer ⇒ (A) शास्त्र

लघु उत्तरीय प्रश्न :-

1. उपनिषद् का क्या स्वरूप हैं ? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।

Answer ⇒ उपनिषद् वैदिक वाङ्मय का अभिन्न अंग है। इसमें दर्शनशास्त्र सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया गया है। सर्वत्र परमपुरुष परमात्मा का गुणगान किया गया है। परमात्मा के द्वारा ही यह संसार व्याप्त और अनुशंसित है। सत्य की पराकाष्ठा ही ईश्वर का मूर्तरूप है । ईश्वर ही सभी तपस्याओं का परम लक्ष्य है।

2. आत्मा का स्वरूप क्या है ? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।

Answer ⇒ कठोपनिषद में आत्मा के स्वरूप का बड़ा ही अपूर्व विश्लेषण किया गया है। आत्मा मनुष्य की हृदय रूपी गुफा में अवस्थित है । यह अणु से भी सूक्ष्म है। यह महान् से भी महान् है । इसका रहस्य समझने वाला सत्य का अन्वेषण करता है। वह शोकरहित होता है।

3. मङ्गलम् पाठ का पाँच वाक्यों में परिचय दें।

Answer ⇒ इस पाठ में चार मन्त्र क्रमशः ईशावास्य, कठ, मुण्डक तथा श्वेताश्वतर नामक उपनिषदों में विशुद्ध आध्यात्मिक ग्रन्थों के रूप में उपनिषदों का महत्त्व है। इन्हें पढ़ने से परम सत्ता के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है, सत्य के अन्वेषण की प्रवृत्ति होतो है तथा आध्यात्मिक खोज की उत्सुकता होती है। उपनिषदग्रन्थ विभिन्न वेदों से सम्बद्ध हैं।

4. शास्त्र-लेखन एवं रचना-संरक्षण में वैदिककालीन महिलाओं के योगदानों की चर्चा करें।

Answer ⇒ वैदिककाल में शास्त्र-लेखन एवं रचना-संरक्षण में पुरुषों की तरह महिलाओं ने भी काफी योगदान दिया है । ऋग्वेद में चौबीस और अथर्ववेद में पाँच महिलाओं का योगदान है। यमी, अपाला, उर्वशी, इन्द्राणी और वागाम्भृणी वैदिककालीन ऋषिकाएँ भी मंत्रों की दर्शिकाएँ थी।

5. भारत भूमि कैसी है तथा यहाँ किस प्रकार के लोग रहते हैं ?

Answer ⇒ भारतवर्ष अति प्रसिद्ध देश है तथा यहाँ की भूमि सदैव पवित्र और . ममतामयी है । यहाँ विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग एकता भाव को धारण करते हुए निवास करते हैं।

6. भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करें।

Answer ⇒ भारत में जन्म लेकर लोग धन्य होते हैं और हरि की सेवा करते हैं। उन्हें स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है। भारतीय धर्म और जाति के भेदभावों को न मानते हुए एकता के भाव से रहते हैं। सभी भारतीयों की देशभक्ति आकर्षक है और दूसरों के लिए आदर्श रूपी है।

7. भीखनटोला कैसा गाँव है ?

Answer ⇒ भीखनटोला बिहार प्रांत के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है। यहाँ के लोग प्रायः निर्धन और अशिक्षित हैं तथा कष्टमय जीवन बिताते हैं। कुछ अत्यंत निर्धन परिवार गाँव के बाहर टूटी कुटियाओं में रहते हैं। भीखनटोला से लगभग एक कोश की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय है।

8. वैदिक धर्म के प्रचार के लिए स्वामी दयानन्द ने क्या किया ?

Answer ⇒ वैदिक धर्म और सत्य के प्रचार के लिए स्वामी दयानन्द ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया । वेदों के प्रति सभी अनुयायियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्होंने वेदों के उपदेशों को संस्कृत एवं हिंदी में लिखा ।

9. मनुष्य को प्रकृति से क्यों लगाव रखना चाहिए ?

Answer ⇒ प्रकृति ही मनुष्य को पालती है, अतएव प्रकृति को शुद्ध होना चाहिए। यहाँ महर्षि वाल्मीकि प्रकृति के यथार्थ रूप का वर्णन करके मनुष्य को लगाव रखने का संदेश देते हैं। इससे हमारा जीवन सुखमय एवं आनंदमय होगा ।

10. पथिक वृद्ध बाघ की बातों में क्यों आ गया ?

Answer ⇒ पथिक ने सोने के कंगन की बात सुनकर सोचा कि ऐसा भाग्य से ही मिल सकता है, किन्तु जिस कार्य में खतरा हो उसे नहीं करना चाहिए। फिर लोभवश उसने सोचा कि धन कमाने के कार्य में खतरा तो होता ही है। इस तरह वह लोभ से वशीभूत होकर बाघ की बातों में आ गया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-

1. पाटलिपुत्र नगर के वैभव का वर्णन करें।

Answer ⇒ पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से ही अपनी वैभव परम्परा के लिए विख्यात रही है। विदेशी यानी लोग आकर अपने संस्मरणों में यहाँ की अनेक उत्कृष्ट सम्पदाओं का वर्णन किया है । मेगास्थनीज ने लिखा है कि चन्द्रगुप्तमौर्य काल में यहाँ की शोभा और रक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी अशोक काल में यहाँ निरन्तर समृद्धि रही। कवि राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में ऐसी ही बात लिखी है कि यहाँ बड़े-बड़े कवि-वैयाकरण-भाष्यकार यहाँ परीक्षित हुए। आज पाटलिपुत्र नगर ‘पटना’ नाम से जाना जाता है जहाँ संग्रहालय, गोलघर, जैविक उद्यान इत्यादि दर्शनीय स्थल हैं। इस प्रकार पाटलिपुत्र प्राचीनकाल से आज तक विभिन्न क्षेत्रों में वैभव धारण करता है जिसका संकलित रूप संग्रहालय में देखने योग्य है।

2. अलस कथा का सारांश लिखें।

Answer ⇒ मिथिला में वीरेश्वर नामक मंत्री था। वह स्वभाव से दानशील और दयावान था। वह अनाथों और निर्धनों को प्रतिदिन भोजन देता था। इससे आलसी भी लाभान्वित होते थे। आलसियों को इच्छित लाभ की प्राप्ति को जानकर बहुत से लोक बिना परिश्रम तोन्द बढ़ानेवाले वहाँ इकट्ठे हो गये। इसके पश्चात् आलसियों को ऐसा सुख देखकर धूर्त लोक भी बनावटी आलस्य दिखाकर भोजन प्राप्त करने लगे। इसके बाद अत्यधिक धन-व्यय देखकर शाला चलाने वाले लोग विचार किये कि छल से कपटी आलसी भी भोजन प्राप्त करते हैं यह हमलोगों की गलती है। अतः उन आलसियों की परीक्षण करने हेतु उन्होंने आलसीशाला में आग लगाकर हल्ला कर दिया। इसके बाद घर में लगी आग को बढ़ती हुई देखकर सभी धूर्त भाग गये। लेकिन चार पुरुष अग्नि का आभास पाकर भी अपने स्थान पर यथावत बने रहकर बात करने लगे कि उन्हें कोई इस अग्नि से निकाल देता। अंततः व्यवस्थापक इस संबंध में उनकी आपस की वार्तालाप को सुनकर बढ़ी हुई अग्नि की ज्वाला से रक्षण हेतु उन्हें निकाल दिया। असली आलसियों की पहचान करते हुए उन्होंने पाया कि आलसी स्वयं अपना पोषण नहीं कर सकते। वे देव या दयावान लोगों की दया पर ही जीवित रह सकते हैं। अतः उन्हें मदद की पूर्ण जरूरत है। इसके बाद उन चारों आलसियों को पहन से अधिक चीजें मंत्री देने लगे।

3. शिक्षासंस्कार का वर्णन करें।

Answer ⇒ शिक्षासंस्कारों में अक्षरारंभ, उपनयन, वेदारंभ, मुण्डनसंस्कार और समापवर्तन संस्कार आदि आते हैं। अक्षरारंभ में बच्चा अक्षर-लेखन और अंक-लेखन आरंभ करता है। उपनयनसंस्कार में गुरु के द्वारा शिष्य को अपने घर में लाना होता है। वहाँ शिष्य शिक्षा नियमों का पालन करते हुए अध्ययन करते थे । गुरु के घर में ही शिष्य वेदारंभ किया करते थे। केशान्त (मुण्डन) संस्कार में गुरु के घर में प्रथम क्षौरकर्म, अर्थात मुण्डन होता था। समापवर्तन संस्कार का उद्देश्य शिष्य का गुरु के घर से अलग होकर गृहस्थ जीवन में प्रवेश करना होता था।

4. ‘नीति श्लोका’ पाठ के आधार पर मनुष्य के षड् दोषों का हिन्दी में वर्णन करें।

Answer ⇒ मनुष्य के छः प्रकार के दोष निद्रा, तन्द्रा, भय, क्रोध, आलस्य तथा दीर्घसूत्रता ऐश्वर्य प्राप्ति में बाधक बनने वाले होते हैं। नीतिकार का कहना है कि जिसमें ये दोष पाए जाते हैं वह चाहते हुए भी सुख की प्राप्ति नहीं कर सकता है, क्योंकि अधिक निद्रा के कारण वह कोई काम समय पर नहीं कर पाता है तो तन्द्रावश हर काम में पीछे रह जाता है। भय अर्थात डर के कारण काम आरंभ नहीं करता है तो क्रोध के कारण बना काम भी बिगडता है। इसी प्रकार आलस्य के कारण समय का दुरुपयोग होता है, तो दीर्घसूत्रता अथवा काम को कल पर छोड़ने के कारण काम का बोझ बढ़ जाता है । फलतः वह जीवन के हर क्षेत्र में पीछे रह जाता है।

5.कर्मवीर कथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?

Answer ⇒ कर्मवीर शब्द से ही आभास होने लगता है, कि निश्चय ही कोई ऐसा कर्मवीर है, जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि के द्वारा उत्तम पद को प्राप्त किये हुए है। प्रस्तुत पाठ में एक ऐसे ही कर्मवीर की चर्चा है जो अभावग्रस्त जीवन-यापन करते हुए भी स्नेहिल शिक्षक का सान्निध्य पाकर विविध बाधाओं से लड़ता हुआ एक दिन शीर्ष पद को प्राप्त कर लेता है। मनुष्य की जीवटता, निष्ठा, सच्चरित्रता आदि गुण उसे निश्चय ही सफलता की सीढ़ियों पर अग्रसारित करते हैं। अतः हमें भी जीवटता, ‘निष्ठा आदि को आधार बनाकर सत्कर्म पर बने रहना चाहिए।

6. आधनिक भारत को स्वामी दयानंद का क्या योगदान है ?

Answer ⇒ आधुनिक भारत के समाज और शिक्षा के महान उद्धारक स्वामी दयानंद हैं। उन्होंने भारतीय समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता को दूर कर एक नये समाज की स्थापना की है। जातिवाद, अस्पृश्यता, धर्मकार्यों में आडम्बर आदि अनेक विषमताएँ थीं जिनसे समाज ग्रसित था। कर्मकांडी परिवार में जन्म लेने वाले स्वामी दयानंद को शिवरात्रि पर्व की रात्रि में अपने ज्ञान का उद्बोधन हुआ । बहन के निधन के बाद इनमें वैराग्य भाव उत्पन्न हो गया । विरजानन्द का सान्निध्य पाकर वैदिक ‘धर्मप्रचार एवं सत्य के प्रसार में अपने जीवन को अर्पित कर दिया। भारतवर्ष में इन्होंने राष्टीयता को लक्ष्य बनाकर भारतवासियों के लिए पथप्रदर्शक का काम किया । दूषित प्रथा को खत्म कर शुद्ध तत्वज्ञान का प्रचार-प्रसार किया। वैदिक धर्म एवं सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ की रचना कर भारतवासियों को एक नई शिक्षा नीति की ओर अभिप्रेत किया ।

7. व्याघ्रपथिक कथा से क्या शिक्षा मिलती है ? अथवा, व्याघ्नपथिक कथा में मूल संदेश क्या है ?

Answer ⇒ नारायण पण्डित विरचित हितोपदेश के नीतिकथाग्रन्थ के मित्रलाभखण्ड से ली गयी कथा ‘व्याघ्रपण्डित’ है । इस कथा में एक पथिक वृद्ध व्याघ्र द्वारा दिये गये प्रलोभन में पड़ जाता है। वृद्ध व्याघ्र हाथ में सुवर्णकंकण लेकर पथिक को अपनी ओर आकृष्ट करता है। पथिक निर्धन होने के बावजूद व्याघ्र पर विश्वास नहीं करता । तब व्याघ्र द्वारा सटीक तर्क दिये जाने पर पथिक संतुष्ट होकर कंकण ले लेना उचित समझता है। व्याघ्र द्वारा स्नान कर ग्रहण करने की बात स्वीकार कर पथिक महाकीचड़ में गिर जाता है और व्याघ्र द्वारा मारा जाता है। इस कथा में संदेश और शिक्षा यही है कि नरमक्षी प्राणियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए और अपनी किसी भी समस्या का समाधान ऐसे व्यक्ति द्वारा नजर आये तब भी उसके लोभ में नहीं फँसना चाहिए।

8.कर्ण की दानवीरता का वर्णन अपने शब्दों में करें।

Answer ⇒ कर्ण सूर्यपुत्र है। जन्म से ही उसे कवच और कुण्डल प्राप्त है। जबतक कर्ण के शरीर में कवच कुण्डल है तब तक वह अजेय है । उसे कोई मार नहीं सकता है। कर्ण महाभारत युद्ध में कौरवों के पक्ष में युद्ध करता है। अर्जुन इन्द्रपुत्र हैं। इन्द्र अपने पुत्र हेतु छलपूर्वक कर्ण से कवच और कुण्डल माँगने जाते हैं। दानवीर कर्ण सूर्योपासना के समय याचक को निराश नहीं लौटाता है। इन्द्र इसका लाभ उठाकर दान में कवच, कुण्डल माँग लेते हैं। सब कुछ जानते हुए भी इन्द्र को कर्ण अपना कवच कुंडल दे देता है।

9. ‘विश्वशान्तिः’ पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

Answer ⇒ विश्वशान्तिः शब्द का शाब्दिक अर्थ विश्व की शान्ति है। आज सर्वत्र ईर्ष्या, द्वेष, असहिष्णुता, अविश्वास, असंतोष आदि जैसे दुर्गुण विद्यमान हैं। ये दुर्गुण जहाँ विद्यमान हो वहाँ की शान्ति की कल्पना कैसे की जा सकती है। शान्ति भारतीय दर्शन का मूल तत्व है। यह शान्ति धर्ममूलक है। धर्मों रक्षित रक्षितः-ऐसा प्राचीन संदेश विश्व का अस्तित्व और रक्षा के लिए ही प्रेरित है। इस पाठ का मुख्य उद्देश्य, व्यक्ति, समाज और राष्ट्रों को आपसी द्वेष, असंतोष आदि से दूर कर शान्ति, सहिष्णुता आदि का पाठ पढ़ाना है।

10. प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों एवं उनके द्वारा रचित पुस्तकों का वर्णन करें।

Answer ⇒ प्राचीन भारत में अनेक वैज्ञानिक ऋषि थे, जिन्होंने विज्ञान-संबंधी रचनाएँ लिखीं। आयुर्वेदशास्त्र में चरक-रचित चरक-संहिता एवं सुश्रुत-रचित सुश्रुतसंहिता अति प्रसिद्ध है। इनमें रसायनविज्ञान और भौतिकविज्ञान का भी वर्णन है। आर्यभट्ट का ग्रंथ ‘आर्यभट्टीयम्’ अति प्रसिद्ध है जिसमें खगोलविज्ञान एवं गणितशास्त्र की विस्तृत व्याख्या है। वराहमिहिर रचित वृहदसंहिता एक विशाल ग्रंथ है। जिसमें अनेक विषयों का वर्णन है। कृषिविज्ञान के रचयिता महर्षि पराशर हैं। इसमें वैज्ञानिक कृषि का वर्णन है।

 

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