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Bihar Board Metric Science Exam 2025 : कक्षा 10 विज्ञान VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

Bihar Board Metric Science Exam 2025 : कक्षा 10 विज्ञान VVI महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न उत्तर के साथ

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Bihar Board Metric Science Viral Question 2025: बिहार बोर्ड 10वीं विज्ञान परीक्षा 2025 (BSEB Metric Viral Question 2025) के लिए सबसे महत्वपूर्ण और वायरल प्रश्न यहां दिए गए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको सभी प्रमुख ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव प्रश्न प्रदान कर रहे हैं, जो आगामी परीक्षा में पूछे जा सकते हैं।

इन प्रश्नों को अच्छे से तैयार करके आप अपनी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। सभी छात्रों से अनुरोध है कि इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें और आगामी परीक्षा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर बनाएं।

Bihar Board Class 10th Science Most Important Question 2025

आप नीचे दिए गए विज्ञान के Most VVI Question (BSEB Metric Important Question 2025) के महत्वपूर्ण प्रश्न को अच्छी तरह से पढ़ सकते है। अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है, जिससे विज्ञान के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं।

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Bihar Board Class 10th Social Science Most Important Objective Question 2025

1. प्रकाश की किरण गमन करती है –

(A) सीधी रेखा में

(B) टेढी रेखा में

(C) किसी भी दिशा में

(D) इनमें कोई नहीं

Answer ⇒ (A) सीधी रेखा में

2. प्रकाश का वेग न्यूनतम होता है ?

(A) निर्वात में

(B) जल में

(C) वायु में

(D) कांच में

Answer ⇒ (D) कांच में

3. मोटर गाड़ी के चालक के सामने लगा रहता है ?

(A) समतल दर्पण

(B) उतल दर्पण

(C) अवतल दर्पण

(D) उतल लेंस

Answer ⇒ (B) उतल दर्पण

4. मोटर कार के हेडलाइट में किसका प्रयोग होता है ?

(A) समतल दर्पण

(B) उतल दर्पण

(C) अवतल दर्पण

(D) उतल लेंस

Answer ⇒ (C) अवतल दर्पण

5. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब होता है –

(A) वास्तविक

(B) काल्पनिक

(C) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B) काल्पनिक
 
6. मानव नेत्र के किस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं,

(A) कॉर्निया

(B) परितारिका

(C) पुतली

(D) रेटिना या दृष्टिपटल

Answer ⇒ (D) रेटिना या दृष्टिपटल
 
7. तारों के टीमटीमाने की व्याख्या किस सिद्धांत पर आधारित है ?

(A) अपवर्तन के सिद्धांत

(B) प्रकीर्णन के सिद्धांत

(C) वर्ण विक्षेपण का सिद्धांत

(D) इनमें कोई नहीं

Answer ⇒ (A) अपवर्तन के सिद्धांत

8. अपने लेंस की फोकस-दूरी को बदलकर दूर या निकट की वस्तु को साफ-साफ देख सकने के आँख के गुण को कहते हैं।

(A) दूरदृष्टिता

(B) समंजन-क्षमता

(C) निकटदृष्टिता

(D) जरा-दूरदर्शिता

Answer ⇒ (B) समंजन-क्षमता
 
9. विभवान्तर का S.I. मात्रक क्या होता है ?

(A) जुल

(B) वाट

(C) एम्पियर

(D) वोल्ट

Answer ⇒ (D) वोल्ट
 
10. किसी विधुत धारा के सतत तथा बंद पथ को क्या कहते हैं ?

(A) विधुत परिपथ

(B) विधुत धारा पथ

(C) विधुत विभव पथ

(D) विधुत शक्ति पथ

Answer ⇒ (A) विधुत परिपथ
 
11. डायनेमो से किस प्रकार की धारा प्राप्त होती है ?

(A) दिष्ट धारा               

(B) प्रत्यावर्ती धारा

(C) दोनों धाराएँ               

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C) दोनों धाराएँ  
 
12. सूर्य तथा अन्य तारों की विशाल ऊर्जा के स्रोत है

(A) नाभिकीय संलयन

(B) नाभिकीय विखण्डन

(C) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A) नाभिकीय संलयन
 
13. ऊर्जा का सबसे अधिक प्रत्यक्ष एवं विशाल स्रोत क्या है?

(A) कोयला

(B) बिजली

(C) सूर्य

(D) परमाणु बम

Answer ⇒ (C) सूर्य

14. लोहा को जिंक से लेपित करने की क्रिया को कहते हैं ?

(A) संक्षारण

(B) गैल्वनीकरण

(C) पानी चढ़ाना

(D) विद्युत अपघटन

Answer ⇒ (B) गैल्वनीकरण

15. सिल्वर क्लोराइड का रंग क्या है ?

(A) श्वेत

(B) पीला

(C) हरा

(D) काला

Answer ⇒ (A) श्वेत

16. शाक-सब्जियों को विघटित होकर कम्पोस्ट बनना किस अभिक्रिया का उदाहरण है ?

(A) ऊष्माशोषी

(B) ऊष्माक्षेपी

(C) उभयगामी

(D) प्रतिस्थापन

Answer ⇒ (B) ऊष्माक्षेपी

17. श्वसन किस प्रकार की अभिक्रिया है ?

(A) उपचयन

(B) संयोजन

(C) अपचयन

(D) ऊष्माशोषी

Answer ⇒ (A) उपचयन

18. अवक्षेपण अभिक्रिया से किस प्रकार का लवण प्राप्त होता है ?

(A) विलेय

(B) अविलेय

(C) दोनो

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B) अविलेय

19. लिटमस विलयन जो बैंगनी रंग का रंजक होता है, यह किस पदार्थ का बना होता है ?

(A) कवक

(B) लिचेन

(C) जिम्नोस्पर्म

(D) इनमें से कोई नहीं 

Answer ⇒ (B) लिचेन

20. निम्नलिखित में से कौन सूचक की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है ?

(A) हल्दी

(B) मेथिल ऑरेंज

(C) फीनॉल्फथेलिन

(D) मूली

Answer ⇒ (D) मूली

21. निम्नलिखित में से कौन गंधीय सूचक नहीं है ?

(A) वैनिला

(B) प्याज

(C) सकरकन्द

(D) लौंग का तेल

Answer ⇒ (C) सकरकन्द

22. जल के अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन किसके कारण विद्युत के सुचालक होते हैं ?

(A) H+

(B) OH-

(C) H+ एवं OH- दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (C) H+ एवं OH- दोनों

23. निम्न में से कौन से धातु ठंडे जल से अभिक्रिया कर धातु के हाइड्रॉक्साइड बनायेंगे ?

(A) सोडियम एवं पोटाशियम

(B) मैग्नीशियम एवं कैल्शियम

(C) सोडियम एवं कॉपर

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A) सोडियम एवं पोटाशियम

24. ऑक्सैलिक अम्ल का प्राकृतिक स्रोत निम्नलिखित में कौन है ?

(A) संतरा

(B) टमाटर

(C) सिरका

(D) इमली

Answer ⇒ (B) टमाटर

25. निम्नलिखित अम्लों में से कौन प्रबल अम्ल है ?

(A) लैक्टिक अम्ल

(B) ऐस्कॉरबिक अम्ल

(C) सल्फ्यूरिक अम्ल

(D) फॉर्मिक अम्ल

Answer ⇒ (C) सल्फ्यूरिक अम्ल

26. सभी धातु कार्बोनेट एवं हाइड्रोजनकार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया करके बनाते है ?

(A) संगत लवण

(B) कार्बन डाईऑक्साइड

(C) जल

(D) इनमें सभी

Answer ⇒ (D) इनमें सभी

27. हाइड्रोजन युक्त सभी, यौगिक होते है ?

(A) अम्लीय

(B) क्षारीय

(C) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A) अम्लीय

28. ऐसीटिक अम्ल का प्राकृतिक स्रोत निम्नलिखित में से कौन है ?

(A) संतरा

(B) सिरका

(C) इमली

(D) टमाटर

Answer ⇒ (B) सिरका

29. टार्टरिक अम्ल इनमें से किसमें पाया जाता है ?

(A) टमाटर

(B) इमली

(C) दही

(D) सिरका

Answer ⇒ (B) इमली

30. चींटी के डंक और नेटल के डंक में कौन-सा अम्ल पाया जाता है ?

(A) सिट्रिक अम्ल

(B) लैटिक अम्ल

(C) ऐसीटिक अम्ल

(D) मेथैनॉइक अम्ल

Answer ⇒ (D) मेथैनॉइक अम्ल

31. निम्न में से कौन-सा पदार्थ ऑक्सीजन से संयोग नहीं करता है ?

(A) ताँबा

(B) गोल्ड

(C) जिंक

(D) पोटाशियम

Answer ⇒ (B) गोल्ड

32. बॉक्साइट निम्नलिखित में से किस धातु का मुख्य अयस्क है ?

(A) लोहा

(B) कैल्सियम

(C) सोडियम

(D) ऐल्युमिनियम

Answer ⇒ (D) ऐल्युमिनियम

33. शुद्ध सोना को व्यक्त किया जाता है ?

(A) 22 कैरेट

(B) 24 कैरेट

(C) 20 कैरेट

(D) 12 कैरेट

Answer ⇒ (B) 24 कैरेट

34. निम्नलिखित में से किसे चाकू से काटा जा सकता है ?

(A) लिथियम

(B) कैल्शियम

(C) कॉपर

(D) आयरन

Answer ⇒ (A) लिथियम

35. सोना निम्नलिखित में से किस द्रव में घुल जाता है ?

(A) अम्लराज में

(B) सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल में

(C) सांद्र नाइट्रिक अम्ल में

(D) इनमें से सभी में

Answer ⇒ (A) अम्लराज में

36. इथेन में कितने सह-संयोजक आबंध है ?

(A) 2

(B) 4

(C) 6

(D) 7

Answer ⇒ (D) 7

37. – CHO क्रियाशील मूलक को क्या कहते हैं ?

(A) कीटोन

(B) एल्डिहाइड

(C) अल्कोहल

(D) कोई नहीं

Answer ⇒ (B) एल्डिहाइड

38. मेन्डलीफ ने तत्त्वों को किसके बढ़ते क्रम में वर्गीकृत किया ?

(A) परमाणु संख्या

(B) रासायनिक अभिक्रियाशीलता

(C) परमाणु द्रव्यमान

(D) संयोजकता

Answer ⇒ (C) परमाणु द्रव्यमान

39. निम्नलिखित में से सबसे अधिक अभिक्रियाशील हैलोजन कौन है ?

(A) फ्लोरीन

(B) क्लोरीन

(C) ब्रोमीन

(D) आयोडीन

Answer ⇒ (A) फ्लोरीन

40. मैग्नीशियम आवर्त सारणी के किस समूह का सदस्य है ?

(A) समूह I

(B) समूह II

(C) अधातु तत्वों का

(D) समूह VIII

Answer ⇒ (B) समूह II

41. पौधों में वाष्पोत्सर्जन किस भाग में होता है ?

(A) जड़

(B) तना

(C) पत्ता

(D) फूल

Answer ⇒ (C) पत्ता

42. प्रकृति में ऑक्सीजन का संतुलन कैसे बना रहता है ?

(A) संयोजन क्रिया

(B) प्रकाश संश्लेषण

(C) अपघटन

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B) प्रकाश संश्लेषण

43. शरीर की प्रधान नियंत्रक ग्रंथि किसे कहा जाता है?

(A) जनन ग्रंथि

(B) पीयूष ग्रंथि

(C) थाइरॉयड ग्रंथि

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B) पीयूष ग्रंथि

44. कुछ जानवर जुगाली करते है ?

(A) स्वास्थ्य के लिए

(B) भोजन के पाचन के लिए

(C) दूध बनाने के लिए

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (B) भोजन के पाचन के लिए

45. निम्नलिखित में से कौन एकलिंगी पादप का उदाहरण है?

(A) सरसों

(B) गुड़हल

(C) पपीता

(D) मटर

Answer ⇒ (C) पपीता

46. मुकुलन द्वारा प्रजनन किसमें होता है ?

(A) अमीबा

(B) यीस्ट

(C) मलेरिया

(D) पैरामीशियम

Answer ⇒ (B) यीस्ट

47. मनुष्य में कितने जोड़े गुणसूत्र पाये जाते हैं ?

(A) 26

(B) 14

(C) 23

(D) 18

Answer ⇒ (C) 23

48. निम्नांकित में से किसे आप ‘उपभोक्ता’ की श्रेणी में रखेंगे ?

(A) हरे पौधे

(B) नील हरित शैवाल

(C) जंगली जानवर

(D) फूल और पत्ते

Answer ⇒ (C) जंगली जानवर

49. निम्न में से सबसे ऊँचा बाँध कौन है ?

(A) टिहरी बाँध

(B) भाखड़ा बाँध

(C) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

Answer ⇒ (A) टिहरी बाँध

50. टिहरी बांध का निर्माण किस प्रदेश में किया गया है ?

(A) उत्तर प्रदेश

(B) उत्तराखण्ड

(C) राजस्थान

(D) मध्य प्रदेश

Answer ⇒ (B) उत्तराखण्ड

लघु उत्तरीय प्रश्न :-

1. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ? इसके नियमों को लिखें ।

Answer ⇒ जब प्रकाश किसी पॉलिश की हुई या चमकदार सतह पर पड़ता है तो यह एक सुनिश्चित दिशा में विस्तारित होता है। किसी पॉलिश की हुई सतह से प्रकाश का एक सुनिश्चित रूप से दिशा बदलने की परिघटना को परावर्तन कहते हैं।

प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं –

(i) आपतित किरण दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण एक ही तल में होते हैं।

(ii) परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर होता है।

2.  प्रकाश का अपवर्तन क्या है ? इसके नियमों को लिखें।

Answer ⇒ जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है और उसकी गति में परिवर्तन के कारण उसकी दिशा बदल जाती है, तो इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light) कहते हैं।

प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं -

(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।

(ii) जब एक ही रंग के प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती है, तो आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता है। इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते हैं।

3. प्रकाश के प्रकीर्ण से आप क्या समझते हैं ?

Answer ⇒ जब प्रकाश की किरण वायुमंडल से होकर गुजरती है तथा वायु के कण द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होता है और प्रकाशपुंज के मार्ग को देख पाते हैं। वास्तविक विलयन से प्रकाश की किरणें गुजरती हैं तो प्रकाश किरणपुंज का भाग विलयन द्वारा प्रकीर्णित हो जाता है और विलयन पारदर्शी दिखती है।

4. स्वच्छ आकाश का रंग हमें नीला दिखाई पड़ता है जबकि किसी अन्तरिक्ष यात्री को काला प्रतीत होता है, क्यों ?

Answer ⇒ सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तब प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। रंग के प्रकीर्णन में नीले रंग की अधिकता होती है, इसलिए आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है।

5. तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?

Answer ⇒ जब तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे बढ़ते हुए अपवर्तनांक वाले माध्यम से गुजरना पड़ता है। इसके कारण तारों का प्रकाश लगातार पृथ्वी की त्रिज्या की तरफ मुड़ता जाता है। माध्यम के अपवर्तनांक में अनियमित उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, जिसके कारण तारों का प्रकाश कभी हमारी आँखों तक पहुँचता है, कभी नहीं पहुँचता। इसके कारण हमें तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं।

6. विधुत चुंबकीय प्रेरण से क्या समझते हैं ?

Answer ⇒ वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी चालंक के परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र के कारण अन्य चालक में विद्युत धारा प्रेरित होती है, विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहलाता है।

7. विधुत चुंबक की विशेषताओं को लिखें।

Answer ⇒ विधुत चुंबक की विशेषताएँ:

(i) विधुत चुंबक का चुंबकत्व स्थायी नहीं होता है। जबतक धारा बहती है, चुंबकत्व कायम रहता है, और धारा के बंद होने पर चुंबकत्व समाप्त हो जाता है।

(ii) विधुत चुंबक के एक छोर पर उत्तरी ध्रुव और दूसरे छोर पर दक्षिणी ध्रुव पैदा हो जाते हैं। धारा की दिशा उलटने पर ध्रुवों की स्थिति बदल जाती है।

(iii) विधुत चुंबक के चुंबकत्व की तीव्रता परिनालिका में फेरों की संख्या, धारा के मान तथा क्रोड की प्रकृति पर निर्भर करता है।

8. ऊर्जा स्रोत से क्या तात्पर्य है ?

Answer ⇒ ऊर्जा स्रोत को दो भागों में बाँटा जा सकता है – नवीकरणीय और अनवीकरणीय स्रोत। नवीकरणीय स्रोत के अंदर सौर ऊर्जा, वायु, बहते पानी, ज्वार भाटे, सागर तरंगों तथा बायो गैस आदि आते हैं। अनवीकरणीय स्रोत के अंदर कोयला, लकड़ी, पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस आदि आते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत का दीर्घ काल तक उपलब्ध रहने की संभावना है, लेकिन अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत अल्पकालिक है। इसकी धीरे-धीरे समाप्ति संभव है।

9. भूतापीय ऊर्जा क्या है?

Answer ⇒ भौमिकीय परिवर्तन के कारण पृथ्वी के गर्भ में गर्म चट्टानों के सम्पर्क में जल के आने पर भाप बनता है जिसे पाइप द्वारा निकाला जाता है और उच्च दाब पर की भाप विधुत जनित्र की टरबाइन को घुमाता है तथा विधुत ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

10. जीवाश्म ईंधन क्या हैं ? उदाहरण सहित लिखें।

Answer ⇒ जीवाश्मी ईंधन ऊर्जा का अनवीकरणीय स्रोत है। कोयला, पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैस जीवाश्मी ईंधन की श्रेणी में आते हैं। यह ईंधन करोड़ों साल बाद बनता है। इसकी सुरक्षा करना आवश्यक है। इसकी कमी को तत्काल भरपाई करना कठिन है। अतः नियंत्रित दर से खर्च करना चाहिए। लाखों वर्ष पूर्व जैव मात्रा के अपघटन से प्राप्त होने वाले ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहते हैं जैसे-कोयला और पेट्रोलियम।

11. संक्षारण से क्या समझते हैं ? क्या आप दैनिक जीवन में इनके प्रभावों को देख सकते हैं ?

Answer ⇒ आप जानते हैं कि लोहे की बनी हुई नई वस्तुएँ चमकीली होती हैं। कुछ दिन बाद वायु में छोड़ दिए जाने पर इसकी सतह पर लालिमायुक्त भूरे रंग की परत चढ़ जाती है। इस प्रक्रिया को लोहे पर जंग लगना कहा जाता है। यह अभिक्रिया अन्य धातुओं की परतों पर भी होती रहती है और उनका रंग बदलता है। जब कोई धात अपने आस-पास अम्ल, आर्द्रता आदि के सम्पर्क में आती है एवं संक्षारित हो जाती है तब इस प्रक्रिया को संक्षारण कहते हैं। संक्षारण के कारण लोहे की बनी वस्तुएँ खराब हो जाती हैं।

12. बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवारों की सफेदी करने में क्यों किया जाता है ?

Answer ⇒ कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करके दीवारों पर कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली परत बना देता है। सफेदी करने के दो-तीन दिन बाद कैल्सियम कार्बोनेट का निर्माण होता है और इससे दीवार पर चमक आ जाती है। यही कारण है कि बुझे हुए चूने के विलयन का उपयोग दीवार पर सफेदी करने में किया जाता है।

13. अम्ल किसे कहते हैं ?

Answer ⇒ अम्ल वह पदार्थ है जिसका स्वाद खट्टा होता है जो नीले लिटमस के घोल को लाल बनाता है, जलीय विलयन में (H+) आयन मुक्त करता है तथा धातु पर इसकी अभिक्रिया से हाइड्रोजन गैस मुक्त होते हैं।

जैसे - HCl, HNO3, H2SO4आदि।

14. क्षारक क्या है ?

Answer ⇒ क्षारक वह पदार्थ है जिसका स्वाद कड़वा होता है; लाल लिटमस पत्र को नीला बनाता है। इसका जलीय विलयन (OH ) आयन मुक्त करता है तथा अम्ल से अभिक्रिया कर लवण बनाता है।

जैसे - NaOH, CuO, Ca0 तथा Ca(OH)2 आदि।

15. लवण किसे कहते हैं ?

Answer ⇒ वे पदार्थ लवण कहलाते हैं जो लिटमस पत्रों के प्रति उदासीन होते हैं। धातु और अम्ल के बीच अभिक्रिया के फलस्वरूप लवण बनते हैं।

Zn + 2HCl → ZnCl, + H2

2K + H,SO →H2SO4 + H2

16. धातु किसे कहते हैं ?

Answer ⇒ आवर्त सारणी के बायीं तरफ तथा मध्य में रखे जाने वाले तत्त्व धातु कहलाते हैं, जिनमें धात्विक चमक होती है। वे प्रायः तन्य, आघातवर्ध्य, विद्युत् और ऊष्मा की सुचालक, दृढ़ और अधिक घनत्व वाली होती हैं। इनके ऑक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं। लोहा, सोना, चाँदी, ताँबा, प्लैटिनम आदि धातुओं के उदाहरण हैं।

17. क्या आप डिटर्जेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं ?

Answer ⇒ अपमार्जक (डिटर्जेंट) लंबी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। इन यौगिकों का आवेशित सिरा कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ नहीं बनाते हैं। कठोर जल में भी अपमार्जक प्रभावी बने रहते हैं। ऐसी अवस्था में डिटर्जेंट का उपयोग कर कार्ड जल कठार है, इसके बारे में कहना कठिन है।

18. न्यूलैंड्स के अष्टक नियम को लिखें।

Answer ⇒ 1866 ई० में अंग्रेज वैज्ञानिक जॉन न्यलैंडस ने सात तत्त्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया। उन्होंने सबसे कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व वाल तत्त्व हाइड्रोजन से आरंभ किया तथा 56वें तत्त्व थोरियम पर इसे समाप्त किया। उन्होंने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्त्व का गणधर्म पहले तत्त्व के गुणधर्म के समान है। उन्होंने इसकी तुलना संगीत के अष्टक से की और इसलिए इन्होंने अष्टक का सिद्धांत कहा। इसे “न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत” कहा जाता है।

19. उत्सर्जन क्या है ? उत्सर्जन में भाग लेने वाले वृक्क से संबंधित अन्य रचनाओं को सूचीबद्ध करें।

Answer ⇒ शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलना उत्सर्जन कहलाता है। मनुष्य में उत्सर्जन से संबंधित महत्त्वपूर्ण रचनाएँ निम्नांकित हैं –

(i) वृक्क

(ii) मूत्रवाहिनी

(iii) मूत्राशय 

(iv) मूत्रमार्ग

20. मनुष्य के मस्तिष्क को कितने भाग में बाँटा गया है, नाम सहित बताएँ।

Answer ⇒ मनुष्य के मस्तिष्क को तीन भागों में बाँटा गया है।

(i) अग्रमस्तिष्क (Fore Brain)

(ii) मध्यमस्तिष्क (Mid Brain)

(iii) पश्चमस्तिष्क (Hind Brain)

21. आनुवंशिक गुण से क्या समझते हैं ?

Answer ⇒ प्रकृति में कोई भी दो जीव बिलकुल एक समान नहीं होते हैं। इनमें कुछ-न-कुछ असमानताएँ अवश्य होती हैं। जीवों में विभिन्नताओं की अधिकता के फलस्वरूप जीवन के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है। जीवन के लिए संघर्ष में वही जीव योग्यतम होते हैं जो सबसे अधिक योग्य गुणों वाले होते हैं, अर्थात् शक्तिशाली होते हैं। अयोग्य गुणों वाले जीव नष्ट हो जाते हैं। प्राकृतिक चुनाव द्वारा प्राप्त जीवों की उपयोगी भिन्नताएँ फिर दूसरी पीढ़ी में, उनके संतानों में वंशागत होती है। इस तरह ये भिन्नताएँ पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होती हैं। यही आनुवंशिक गुण हैं।

22. द्विखंडन एवं बहुखंडन में अंतर बताएँ।

Answer ⇒ द्विखंडन एवं बहुखंडन में अंतर इस प्रकार हैं –

 द्विखंडन

(i) द्विखंडन की वह विधि जिसमें दो समान संतति निर्माण करते हैं

(ii) यह हमेशा अनूकूल वातावरण में होता है।

(iii) इसमें जनक जीव का कोई भी मात्रा नष्ट नहीं होता है

बहुखंडन

(i) विखंडन की वह विधि जिसमें अनेक समान संतति का निर्माण होता है। 

(ii) यह प्रतिकूल वातावरण में भी में होता है। 

(iii) इसमें जनक का कोशिकाद्रव्य या झिल्ली नष्ट हो जाता है।

23. पर्यावरण किसे कहते हैं ?

Answer ⇒ किसी जीव के चारों ओर फैली हुई भौतिक या अजैव और जैव कारकों से निर्मित दुनिया जिसमें वह निवास करता है तथा जिससे वह प्रभावित होता है, उसे उसका पर्यावरण या वातावरण कहा जाता है । उदाहरण के तौर पर पौधे, जानवर किसा मनुष्य क पर्यावरण का जैविक हिस्सा हैं । जिस धरती पर वह रहता है एवं फसल उपजाता है, जल जो वह पीता है एवं सिंचाई के लिए उपयोग में लाता है, हवा जा उसकी प्राण वाय है, ये उसके भौतिक वातावरण का भाग है। इसके अलावा वायुमंडलीय कारक जैसे सूर्य की रोशनी, वर्षा, तापक्रम एवं नमी आदि भी भौतिक वातावरण के ही भाग हैं।

24. उत्पादक से आप क्या समझते हैं ?

Answer ⇒ वैसे जीव जो, अपना भोजन स्वयं बनाने की क्षमता रखते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। ऐसे जीव सूर्य के प्रकाश ऊर्जा को विकिरण ऊर्जा के रूप में ग्रहण कर क्लोरोफिल की उपस्थिति में रासायनिक स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं । जो कार्बनिक यौगिक के रूप में हरे पौधों की उत्तकों में संचित रहता है। जैसे हरे पौधे। ये मिट्टी से प्रमुख तत्वों को अवशोषित करने में समर्थ हैं तथा साथ ही वायुमंडल में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के बीच संतुलन बनाए रखते हैं।

25. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए ?

Answer ⇒ हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण इसलिए करना चाहिए क्योंकि वन ‘जैव विविधता के विशिष्ट (Hotspots) स्थल’ हैं। जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जानेवाली विभिन्न स्पशीज की संख्या है। परंतु जीवों के विभिन्न स्वरूप (जीवाणु, कवक, फर्न, पुष्पी पादप, सूक्ष्मकृमि, कीट, पक्षी, सरीसृप इत्यादि) भी महत्त्वपूर्ण हैं। वंशागत जैव विविधता को संरक्षित करने का प्रयास प्राकृतिक संरक्षण के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। प्रयोगों एवं वस्तु स्थिति के अध्ययन से हमें पता चलता है कि विविधता के नष्ट होने से पारिस्थितिक स्थायित्व भी नष्ट हो सकता है। विभिन्न व्यक्ति फल, नट्स तथा औषधि एकत्र करने के साथ-साथ अपने पशुओं को वन में चराते हैं अथवा उनका चारा वनों में एकत्र करते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :-

1. प्रकाश का परावर्तन किसे कहते हैं ? इसके नियमों को लिखें !

Answer ⇒ प्रकाश की किरणो का किसी वस्तु से टकराकर लौटने की घटना को प्रकाश का प्रवर्तन कहते हैं।

प्रकाश के परावर्तन के दो नियम हैं :-

1. आपतित किरण,परावर्तित किरण, एवं आपतन बिंदु पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होता है।

2. आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है |

● आपतित किरण :- किसी दर्पण से आकर टकराने वाली किरण को आपतीत किरण कहते हैं |

 परावर्तित किरण :- दर्पण पर टकराने के बाद लौटने वाली की प्रकाश किरण को परावर्तित किरण कहते हैं |

 अभिलंब :- जिस बिंदु पर आपतीत किरण तथा परावर्तित किरण मिलती है उस बिंदु पर खींचा गया लंब अभिलंब कहलाता है |

● आपतन कोण :- आपतीत किरण तथा अभिलंब के बीच बने कोण को आपतन कोण कहते हैं |

● परावर्तन कोण :- परावर्तित किरण तथा अभिलंब के बीच बने कोण को परावर्तन कोण कहते हैं

2. स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?

Answer ⇒ वायुमंडल में वायु के अणु तथा अन्य सूक्ष्म कणों का साइज दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य के प्रकाश की अपेक्षा नीले वर्ण की ओर के कम तरंगदैर्घ्य को प्रकीर्णित करने में अधिक प्रभावी है। लाल वर्ण के प्रकाश की तरंगदैर्घ्य नीले प्रकाश की अपेक्षा लगभग 1.8 गुनी है। अतः जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है तो वायु के सूक्ष्मकण लाल रंग की अपेक्षा नीले रंग को अधिक प्रबलता से प्रकीर्ण करते हैं। प्रकीर्णित हुआ नीला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है। इसी कारण स्वच्छ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है। अगर पृथ्वी पर वायुमंडल नहीं होता तो कोई प्रकीर्णन नहीं होता और आकाश काला प्रतीत होता। अत्यधिक ऊँचाई पर अन्तरिक्ष में उड़ते हुए यात्रियों को आकाश काला प्रतीत होता है, क्योंकि इतनी ऊँचाई पर वायुमंडल की कमी के कारण प्रकीर्णन सुस्पष्ट नहीं हो पाता है।

3. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या होती हैं ?

Answer ⇒ चुंबकीय क्षेत्र में वे रेखाएँ जिनके अनुदिश लौह चूर्ण स्वयं सरेखित होते हैं, चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं का निरूपण करती है। चुंबकीय क्षेत्र एक ऐसी राशि है जिसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं। किसी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा वह मानी जाती है जिसके अनुदिश दिक् सूची का उत्तर ध्रुव उस क्षेत्र के भीतर गमन करता है। चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ चुंबक के उत्तर ध्रुव से प्रकट होती हैं तथा दक्षिण ध्रुव पर विलीन हो जाती है। चुंबक के भीतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा उसके दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर होती है। अतः चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती है। दो क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं। दोनों ध्रुवों पर क्षेत्र रेखाएँ काफी संघन होती हैं।

4. भूतापीय ऊर्जा क्या है ?

Answer ⇒ भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भूपर्पटी में गहराइयों पर तप्त शो पिघली चट्टानें ऊपर की ओर ढकेल दी जाती है जो कुछ क्षेत्रों में एकत्र हो । है। इन क्षेत्रों को तप्त स्थल कहते हैं। जब भूमिगत जल इन तप्त स्थलों के में आता है तो भाप उत्पन्न होता है। कभी-कभी यह भाप चट्टानों के बीच में फंस जाती है जहाँ इनका दाब अत्यधिक हो जाता है। तप्त स्थलों तक पाइप डालकर इस दाब वाले भाप को निकालकर विद्युत जनित्र के टरबाइन पर डाला जाता है जिससे टरबाइन में घूर्णन गति उत्पन्न होती है, और विद्युत उत्पन्न होता है। यह तप्त भाप, भूतापीय ऊर्जा का स्रोत बन जाता है। इसे ही भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।

5. अम्ल और क्षारक में अंतर बतावें।

Answer ⇒ अम्ल और क्षारक में निम्नलिखित अन्तर हैं-

अम्ल क्षारक
(i) इसका स्वाद खट्टा होता है। (i) इसका स्वाद खारा होता है।
(ii) यह नीले लिटमस पत्र को लाल करता है। (ii) यह लाल लिटमस पत्र को नीला करता है।
(ii) यह मेथिल ऑरेंज को लाल कर देता है। (iii).यह मेथिल ऑरेंज को पीला कर देता है।
(iv) यह जल में विलेय होकर हाइड्रोजन आयन (H+)देता है। (iv) यह जल में विलेय होकर हाइड्रॉक्साइड (OH) आयन देता है।
(v) यह क्षारक को उदासीन कर देता है। (v) यह अम्ल को उदासीन कर देता है।
(vi) इसका pH मान 7 से कम होता है। (vi) इसका pH मान 7 से अधिक होता है।

6. नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत में क्या अंतर है ?

Answer ⇒ नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत में निम्नलिखित अन्तर हैं-

(i) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से बार-बार ऊर्जा की प्राप्ति होती है, लेकिन अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से एक ही बार ऊर्जा की प्राप्ति हो पाती है।

(ii) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के अन्तर्गत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा आदि हैं, जबकि अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के अन्तर्गत कोयला, पेट्रोलियमऔर प्राकृतिक गैस हैं।

(iii) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदूषणमुक्त है जबकि अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत प्रदूषणयुक्त है।

7. कार्बन के दो अपरूपों में हीरा कठोर और ग्रेफाइट मुलायम होता है। क्यों ?

Answer ⇒ हीरे में कार्बन का प्रत्येक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ आबंधित होता है जिससे एक दृढ़ त्रिआयामी संरचना बनती है। ग्रेफाइट में कार्बन के प्रत्येक परमाणु का आबंध कार्बन के तीन अन्य परमाणुओं के साथ एक ही तल पर होता है जिससे षट्कोणीय व्यूह मिलता है। इनमें से एक आबंध द्विआबंधी होता है जिसके कारण कार्बन की संयोजकता पूर्ण होती है। ग्रेफाइट की संरचनाएँ  षट्कोणीय तल एक – दूसरे के ऊपर व्यवस्थित होते हैं। इन दो विभिन्न संरचनाओं के कारण हीरा काफी कठोर और ग्रेफाइट मुलायम होता है। हीरा विधूत का कुचालक और ग्रेफाइट विधूत के सुचालक होते हैं। फुलेरीन कार्बन अपरूप का एक अन्य वर्ग है।

8. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ क्या हैं ?

Answer ⇒ न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ :-

(i) यह सिद्धांत केवल कैल्सियम (Cu) तक ही लागू हो सका। इसके बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता है।

(ii) यह केवल हल्के तत्त्वों के लिए ही ठीक से लागू नहीं हो सका।

(iii) यह अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्वों पर लागू नहीं हो सका।

(iv) तत्त्वों को समंजिल करने के लिए दो-दो तत्त्वों को एक साथ रखा। जैसे-Co तथा Ni, Ce तथा La

(v) कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रखा। जैसे—Co तथा Ni को F, CI तथा Br के साथ रखा जबकि इनके गुणधर्म CO तथा Ni से भिन्न है। Fe को Co तथा Ni से अलग रखा जबकि उनके गुणधर्मों में समानता है।

(vi) निष्क्रिय गैस का आविष्कार हो जाने पर आठवें तत्त्व के बदले नवम् तत्त्व प्रथम तत्त्व के समान गुण वाला होने लगा।

(vii) न्यूलैंड्स ने माना कि प्रकृति में केवल 56 तत्त्व विद्यमान हैं, अन्य तत्त्वों का भविष्य में भी आविष्कार संभव नहीं है। लेकिन बाद में कई नए तत्त्व पाए गए जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।

9. प्रकाश-संश्लेषण क्रिया को कौन-कौन से कारक प्रभावित करने हैं? स्पष्ट कीजिए।

Answer ⇒ प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को निम्न कारक प्रभावित करते हैं –

(i) प्रकाश – प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया सूर्य-प्रकाश में होती है, इसलिए । प्रकाश का प्रकार तथा उसकी तीव्रता इस क्रिया को प्रभावित करती हैं। प्रकाश की लाल एवं नीली किरणों तथा 100 फुट कैंडल से 3000 फुट कैंडल तक प्रकाश तीव्रता प्रकाश-संश्लेषण की दर को बढ़ाती है जबकि इससे उच्च तीव्रता पर यह क्रिया सका | जाती है।
in co2 वातावरण में Co2, की मात्रा 0.03% होती है। यदि एक सीमा तक Co2, की मात्रा बढ़ाई जाए तो प्रकाश-संश्लेषण दर भी बढ़ती है लेकिन अधिक होने से घटने लगती है।

(ii) तापमान प्रकाश-संश्लेषण के लिए 25-35°C का तापक्रम सबसे उपयुक्त होता है। इससे अधिक या कम होने पर दर घटती-बढ़ती रहती है।

(iv) जल – इस क्रिया के लिए जल एक महत्त्वपूर्ण यौगिक है। जल की कमी होने से प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है क्योंकि जीवद्रव्य की सक्रियता घट जाती है, स्टोमेटा बंद हो जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण दर घट जाती है।

(v) ऑक्सीजन – प्रत्यक्ष रूप से ऑक्सीजन की सांद्रता से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित नहीं होती है लेकिन यह पाया गया है कि वायुमंडल में ), की मात्रा बढ़ने से प्रकाश-संश्लेषण की दर घटती है।

10. अतःस्रावी और बहिःस्रावी ग्रंथियों में अंतर लिखें

Answer ⇒ अंतः स्रावी और बहिः स्रावी ग्रंथियाँ में निम्नलिखित अन्तर हैं-

अंतःस्रावी ग्रंथियाँ  बहिःस्रावी ग्रंथियाँ
1. ये नलिका विहीन होती हैं। 1. इनकी अपनी नलिकाएँ होती हैं।
2. इनका स्राव रक्त द्वारा संकेतित अंग तक पहुँचाया जाता है। 2. ये अपने स्राव शरीर के भीतरी भागों में पहुँचाती हैं।
3. ये विशेष अंगों की उचित वृद्धि, और कार्यों के लिए उत्तरदायी होती है। 3. ये भोजन और बाह्य पदार्थों पर कार्य करने में निपुणता रखती है।

11. लैंगिक तथा अलैंगिक जनन में अंतर लिखें।

Answer ⇒ अलैंगिक तथा लैंगिक जनन में निम्नलिखित अन्तर हैं-

अलैंगिक जनन लैंगिक जनन
(i) इस प्रक्रिया में एक कोशिका अथवा एक जनक ही भाग लेते है। (i) इस प्रक्रिया में दो कोशिकाओं अथवा दो युग्मकों, जो एक जनक अथवा दो विभिन्न जनकों से उत्पन्न हों, की साझेदारी होती है।
(ii) जनक का पूरा शरीर अथवा एक कोशिका या प्रवर्ध जनन इकाई हो सकती है।  (ii) इसमें जनन इकाई को युग्मक (gamete) कहते हैं जो एक कोशिकीय तथा हैप्लायड (haploid) होता है।
(iii) इस प्रक्रिया से उत्पन्न संतति आनुवंशिकी रूप से जनकों के समान होते हैं। (iii) इनमें संतति प्रायः अपने जनकों से भिन्न होते हैं।
(iv) इस प्रक्रिया में केवल समसूत्री विभाजन ही होता है। (iv) इस प्रक्रिया में अर्द्धसूत्री विभाजन तथा निषेचन अहम् है।
(v) इसमें जननांग का निर्माण नहीं होता है। (v) इसमें जननांग का निर्माण मुख्य रूप से होता है।

12. जैव विकास क्या है ? लामार्कवाद का वर्णन करें

Answer ⇒ पृथ्वी पर वर्तमान जटिल प्राणियों का विकास प्रारंभ में पाये जाने वाले सरल प्राणियों से परिस्थिति और वातावरण के अनुसार होने वाले परिवर्तनों के कारण हुआ। सजीव जगत में होनेवाले इस परिवर्तन को जैव विकास (organic evolution) कहते हैं। फ्रांसीसी प्रकृति वैज्ञानिक लामार्क (Jean Baptiste Lamarck, 1744-1829) न सबसे पहले 1809 में जैव विकास के अपने विचारों को अपनी पुस्तक फिलॉसफिक जूलौजिक (Philosophic Zoologique) में प्रकाशित किया । यही लामार्कवाद या उपार्जित लक्षणों का वंशागति सिद्धांत (theory of inheritance of acquired characters) है। लामार्क के अनुसार जीवों की संरचना, कायिकी, उनके व्यवहार पर वातावरण के परिवर्तन का सीधा असर पड़ता है। इसके कारण जीवों के अंगों का उपयोग ज्यादा या कम होता है। जिन अंगों का उपयोग अधिक होता है वे अधिक विकसित हो जाते हैं तथा जिनका उपयोग नहीं होता है, धीरे-धीरे उनका ह्रास हो जाता है। वातावरण के सीधे प्रभाव से या अंगों में कम या अधिक उपयोग के कारण जंतु के शरीर में जो परिवर्तन आते हैं उन्हें उपार्जित लक्षण (acquired character) कहते हैं। यह लक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में प्रजनन द्वारा चले जाते हैं । ऐसा लगातार होने से कुछ पीढ़ियों के बाद उनकी शारीरिक रचना बदल जाती है तथा एक नई प्रजाति का विकास हो जाता है।

13. आनुवंशिकी की परिभाषा दीजिए। जीव विज्ञान की इस शाखा को मेण्डल का क्या योगदान है ?

Answer ⇒ आनुवंशिकी जीव विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत आनुवंशिकता और विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है।

मेण्डल को आनुवंशिकी का जनक माना जाता है। उन्होंने मटर के पौधों पर, संकरण सम्बन्धी तरह-तरह के प्रयोग किए थे, और तीन नियमों को प्रतिपादित किया।

(i) प्रभाविता का नियम (Law of dominance) - संकरण में भाग लेने वाले पौधों का प्रभावी गुण प्रकट होता है और अप्रभावी गुण छिप जाता है।

(ii) पृथक्करण का नियम (Law of segregation) - युग्मकों की रचना के समय कारकों (Genes) के जोड़े अलग-अलग हो जाते हैं। इन दोनों में से केवल एक ही युग्मक के पास पहुँचता है। दोनों कारक कभी भी एक साथ युग्मक में नहीं जाते।

(iii) स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम (Law of independent assortment) – कारक एक-दूसरे को प्रभावित किये बिना उन्मुक्त रूप से युग्मकों में जाते हैं और प्रकट होते हैं। उदाहरण के लिए द्विसंकर क्रॉस की दूसरी पीढ़ी की संतानों में सभी कारकों के गुण अलग-अलग दिखाई देते हैं पर पहली पीढ़ी में प्रभावी गुण ही प्रकट होता है।

14. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह किस प्रकार होता है ?

Answer ⇒ पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का मुख्य स्रोत सौर-ऊर्जा है, जिसका प्रवाह सदा एक दिशा में उत्पादकों से विभिन्न पोषी स्तरों तक उत्तरोतर ह्रासित होता हुआ प्रवाहित होता है। पृथ्वी तक पहुँचने वाली सौर ऊर्जा का एक छोटा भाग उत्पादक प्रकाश-संश्लेषण द्वारा रासायनिक ऊर्जा के रूप में संचित रखते हैं। इस संश्लेषित ऊर्जा में से कुछ का उपयोग स्वयं मेटाबोलिक क्रियाओं के संपदान में तथा कुछ श्वसन क्रिया में ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित होकर वातावरण में मक्त हो जाता है। शेष संचित रासायनिक ऊर्जा हरे पौधों में ऊतकों में होती है, जो विभिन्न स्तर के उत्पादकों में चला जाता है और उनमें भी इस ऊर्जा का एक अंश मेटाबोलिक क्रियाओं में तथा एक अंश ऊष्मा ऊर्जा के रूप में मुक्त होकर वातावरण में चला जाता है। इस प्रकार अधिकतम ऊर्जा उत्पादक स्तर पर संचित है तथा इस ऊर्जा में हर पोषी स्तर पर लिंडमान के नियमानुसार उत्तरोत्तर कमी आती जाती है।

15. मृदा अपरदन क्या है ? इसके कारण एवं प्रभाव क्या हैं ? उन विधियों का वर्णन करें जिनसे इसे रोका जा सके।

Answer ⇒ जल की तीव्रता तथा वायु की तीव्रता के कारण भूमि की ऊपर की परत के विनाश को मृदा अपरदन कहते हैं।

मृदा क्षरण के कारण :- इसके मुख्य कारक वायु, जल तथा पेड़-पौधों द्वारा निरन्तर पृथ्वी से पोषक तत्वों का अवशोषण है। इस प्रक्रिया के कारण मृदा में निम्नलिखित हानियाँ दिखाई देती हैं –

1. मदा का अपरदन

2. मृदा की उर्वरा शक्ति का ह्रास।

उपक्त दोनों हानियाँ मानव के स्वार्थ द्वारा अधिक वनोन्मूलन तथा अल्पतम वृक्षारोपण के कारण हैं।

मृदा अपरदन पर निम्न प्रकार से नियंत्रण किया जा सकता है ।

1. भिन्न-भिन्न प्रकार की मृदा पर अनुकूलित फसलों का प्रबन्धन करना।

2. क्षरित मृदा के पुनःस्थापन हेतु अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करना ।

3. मृदा की ऊपरी परत के स्थानान्तरण की सुरक्षा हेतु उचित व्यवस्था करना जो निम्न प्रकार से की जा सकती है -

फसल चक्रण – इस प्रक्रिया में एक ही खेत में बदल-बदलकर फसलों दन करना। खाद्यान्न फसलों के उत्पादन के पश्चात भिन्न-भिन्न कल का फसला का उत्पादन एकान्तर क्रम में करना हो का द्वास न होने पाए। नाइट्रोजन तत्व की मात्रा को ही मृदा की उर्वरता कहते हैं। एक फसल के उत्पादन के पश्चात् लम्बी अवधि के पश्चात् दूसरी फसल को उगाना जिससे मृदा को उर्वरता संचित करने हेतु पर्याप्त समय मिल जाता है। प्रत्येक फसल में भिन्न-भिन्न प्रकार के खरपतवार होते हैं । फसल चक्रण से खरपतवारों का प्रकोप कम हो जाता है। फसल चक्रण से जटिल पीड़कों तथा रोगों का भय कम होता है। मिश्रित खेती में दो या दो से अधिक भिन्न प्रकार की विशेषताओं वाली फसलों को एक ही भूमि पर बारी-बारी से उगाना। रैखिक खेती से भी भूमि की उर्वरा शक्ति कम नहीं होती। पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती से भी मृदा अपरदन में ह्रास होता है।

16. जल संग्रहण पर प्रकाश डालें।

Answer ⇒ जल संभर प्रबंधन में मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है जिससे कि ‘जैव-मात्रा’ उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसका प्रमुख उद्देश्य भूमि एवं जल के प्राथमिक स्रोतों का विकास, द्वितीयक संसाधन पौधों एवं जंतुओं का उत्पादन इस प्रकार करना जिससे पारिस्थितिक असंतुलन पैदा न हो। जल संभर प्रबंधन न केवल जल संभर समुदाय का उत्पादन एवं आय बढ़ाता है वरन् सूखे एवं बाढ़ को भी शांत करता है तथा निचले बाँध एवं जलाशयों का सेवा काल भी बढ़ाता है। यथा छोटे-छोटे गड्ढे खोदना, झीलों का निर्माण, साधारण जल संभर व्यवस्था की स्थापना. मिट्टी के छोटे बाँध बनाना, रेत तथा चूने के पत्थर के संग्रहक बनाना तथा घर की छतों से जल एकत्र करना। इससे भूजल स्तर के संग्रहक बनाना तथा नदी भी पुनः जीवित हो जाती है।

जल संग्रहण (water harvesting) भारत में बहुत पुरानी संकल्पना है। राजस्थान में खादिन, बड़े पात्र एवं नाड़ी, महाराष्ट्र के बंधारस एवं ताल, मध्य प्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में बंधिस, बिहार में आहर तथा पाइन, हिमाचल प्रदेश में कुल्ह, जम्म के काँदी क्षेत्र में तालाब तथा तमिलनाडु में एरिस (Tank), केरल में सुरंगम, कर्नाटक में कहा इत्यादि प्राचीन जल संग्रहण तथा जल परिवहन संरचनाएँ आज भी उपयोग में हैं।

17. प्राकृतिक संसाधनों के ह्रास में जनसंख्या वृद्धि का कितना हाथ है ?

Answer ⇒ जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ आवश्यकताओं भी उभर कर सामने आ रही हैं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परकृतिक संपदाओं की कमी हो रही है। प्राकृतिक संपदाएँ अधिक मात्रा में सिमित हैं जबकि जनसंख्या चरम सीमा पर पहुँच गई है। बढ़ती हुई जनसँख्याओ आवश्यकताओं की पर्ति करने के लिए भी प्राप्त संसाधन सीमित दायरे सख्या वृद्धि का यह भूचाल अधिक बढ़ता ही गया तो प्राकृतिक ससाधना से प्राप्त संपदाएँ अपना संतूलन बनाए रखने में समर्थ नहीं होंगी ।

18. जैविक आवर्धन क्या है ? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जावक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न होता है ? क्यों

Answer ⇒ हमारी आहार श्रृंखला में कल रासायनिक पदार्थ जो कि अजैव निम्नीकृत होते हैं, मिट्टी के माध्यम से पौधों में प्रवेश कर जाते हैं और हर उस जीव में प्रवेश कर जाते हैं जो पौधों पर आश्रित है।
क्योंकि ये पदार्थ अजैव निम्नीकत है, यह प्रत्येक पोषी स्तर पर उत्तरोत्तर संग्रहित होते जाते हैं और यह ही जैविक आवर्धन कहलाता हैं।जैविक आवर्धन का प्रभाव आहारशंखला के ऊपरी भाग में भयावह होता है क्योंकि सबसे अधिक संग्रहित रासायनिक पदार्थ वहीं पहँचता है क्योंकि मनुष्य श्रृंखला में शिर्सस्थ है। अतः हमारे शरीर में यह रसायन सर्वाधिक मात्रा में संचित होता है।

19. “चिपको आंदोलन’ क्या है ?

Answer ⇒ चिपको आंदोलन’ हिमालय की ऊँची पर्वत श्रंखला में गढवाल के ‘रेनी’ नामक गाँव में एक घटना से 1970 के प्रारंभिक दशक में हुआ था। यह विवाद लकड़ी के ठेकेदार एवं स्थानीय लोगों के बीच प्रारंभ हआ क्योंकि गाँव के समीप के वृक्ष काटने का अधिकार उसे दे दिया गया था । एक निश्चित दिन ठेकेदार के आदमी वृक्ष काटने के लिए आए जबकि वहाँ के निवासी पुरुष वहाँ नहीं थे। बिना किसी डर के वहाँ की महिलाएँ फौरन वहाँ पहुँच गईं तथा उन्होंने पेड़ों को अपनी बाँहों में भरकर (चिपक कर) ठेकेदार के आदमियों को वृक्ष काटने से रोका। अंतत: ठेकेदार को अपना काम बंद करना पड़ा।

20. हिमाचल प्रदेश में ‘कुल्ह’ पर टिप्पणी लिखें।

Answer ⇒ लगभग 400 वर्ष पूर्व हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में नहर सिंचाई की स्थानीय प्रणाली (व्यवस्था) का विकास हुआ। इन्हें ‘कुल्ह’ कहा जाता है। झरनों से बहने वाले जल को मानव-निर्मित छोटी-छोटी नालियों से पहाड़ी पर स्थित निचले गाँवों तक ले जाया जाता है। इस कुल्ह से प्राप्त जल का प्रबंधन क्षेत्र के सभी गाँवों की सहमति से किया जाता था। कृषि के मौसम में जल सर्वप्रथम दूरस्थ गाँव को दिया जाता था फिर उत्तरोत्तर ऊँचाई पर स्थित गाँव उस जल का उपयोग करते थे। कुल्ह की देख-रेख एवं प्रबंधन के लिए दो अथवा तीन लोग रखे जाते थे जिन्हें गाँव वाले वेतन देते थे। सिंचाई के अतिरिक्त इन कुल्ह से जल का भूमि में अंत:स्रवण भी होता रहता था जो विभिन्न स्थानों पर झरने को भी जल प्रदान करता था।

 

 

 

 

 

 

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