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CGBSE Board 10th Science Exam 2024 : Important Question with Answers

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छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं की विज्ञान परीक्षा 12 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।

इस पोस्ट में छत्तीसगढ़ बोर्ड 10th परीक्षा 2024 के लिए विज्ञान के महत्वपूर्ण (CG Board 10th Science Important Question 2024) प्रश्न दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

छात्रों को इन (CG Board 10 Mathematics Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी।

अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे विज्ञान के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I

CG Board 10th Science Important Question 2024

Objective Question

प्रश्न 1. pH क्या है? दैनिक जीवन में इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : pH एक रासायनिक माप है जो द्रव्यों की अम्लता या क्षारता को निर्दिष्ट करता है। pH स्केल 0 से 14 तक की होती है, जहाँ 7 न्यूट्रल होता है, 7 से कम pH अम्लात्मक (एसिडिक) होता है, और 7 से अधिक pH क्षारीय (बेसिक) होता है।

दैनिक जीवन में pH का महत्व:

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: pH शरीर में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। रक्त, ऊर्जा, और भोजन की पाचन तंत्र के लिए सही pH स्तर में रहना महत्वपूर्ण है। उच्च या निम्न pH स्तर शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

  2. जल संरक्षण: pH जल की गुणवत्ता का मापक होता है। जल में सही pH स्तर की सुरक्षा और सुधार जल संसाधनों के लिए आवश्यक होती है।

  3. खाद्य संयंत्रों में: खाद्य संयंत्रों में सही pH स्तर रखना खाद्य सुरक्षितता और गुणवत्ता के लिए महत्वपूर्ण है। अम्लता और क्षारता के सही संरेखण से भोजन की अधिकता को बचाया जा सकता है।

  4. पर्यावरण में: pH पर्यावरण की संतुलन की प्रमुख गुणक होता है। पानी, जमीन, और वायु की pH संतुलन को बनाए रखना प्राकृतिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

इस तरह, pH विभिन्न क्षेत्रों में हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 2. अम्ल A तथा अम्ल B दो बीकर में लिए गए हैं, अम्ल A का जल में आंशिक आयनन होता है जबकि अम्ल B का जल में पूर्ण आयनन होता है, इस आधार पर बताइए -

उत्तर : यदि अम्ल A का जल में आंशिक आयनन होता है, तो इसका मतलब है कि अम्ल A जल में पूर्ण रूप से विघटित नहीं होता है, बल्कि केवल उसका कुछ हिस्सा जल में विघटित होता है।

अम्ल B का जल में पूर्ण आयनन होता है, जिससे यह स्पष्ट है कि अम्ल B पूरी तरह से जल में विघटित होता है और उसके अणु आयनित हो जाते हैं।

इस आधार पर, अम्ल A और अम्ल B के बीच का विभाजन उनके जल में के प्रकार के आधार पर हो सकता है, एवं यह विभाजन उनके आयनन की प्रकृति और प्रभाव को भी प्रकट कर सकता है।

प्रश्न 3. तत्वों के वर्गीकरण की आवश्यकता क्यों पड़ी?

उत्तर : तत्वों के वर्गीकरण की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से पड़ी:

  1. बढ़ती संख्या: समय के साथ, वैज्ञानिकों ने नए तत्वों की खोज की, जिससे तत्वों की संख्या बढ़ती गई। इन सभी तत्वों को याद रखना और उनका अध्ययन करना मुश्किल हो गया।
  2. समान गुण: कुछ तत्वों में समान गुण होते हैं, जैसे कि भौतिक गुण (जैसे रंग, गंध, घनत्व) और रासायनिक गुण (जैसे प्रतिक्रियाशीलता)। इन समानताओं के आधार पर तत्वों को वर्गीकृत करने की आवश्यकता थी।
  3. अध्ययन में आसानी: वर्गीकरण से तत्वों का अध्ययन आसान हो जाता है। वैज्ञानिकों को विभिन्न समूहों में तत्वों के गुणों का अध्ययन करके उनकी प्रकृति और व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।
  4. नए तत्वों की भविष्यवाणी: वर्गीकरण से वैज्ञानिकों को नए तत्वों के गुणों की भविष्यवाणी करने में मदद मिलती है। वे ज्ञात तत्वों के गुणों और उनके समूहों में स्थान के आधार पर नए तत्वों के गुणों का अनुमान लगा सकते हैं।

निष्कर्ष: तत्वों के वर्गीकरण से वैज्ञानिकों को तत्वों का अध्ययन और समझने में मदद मिलती है, जिससे रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति होती है।

प्रश्न 4. आधुनिक आवर्त नियम के चार लक्षण लिखिए।

उत्तर : आधुनिक आवर्त नियम के चार लक्षण:

  1. परमाणु क्रमांक: आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। परमाणु क्रमांक, नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन की संख्या को दर्शाता है।
  2. इलेक्ट्रॉन विन्यास: समान आवर्त में उपस्थित तत्वों में समान संख्या में इलेक्ट्रॉन कक्षायें होती हैं।
  3. भौतिक और रासायनिक गुण: समान वर्ग में उपस्थित तत्वों में समान रासायनिक गुणधर्म होते हैं, क्योंकि उनके बाहरी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।
  4. आवर्ती गुणधर्म: आवर्त सारणी में तत्वों के गुणधर्म आवर्ती होते हैं, अर्थात एक निश्चित अंतराल पर समान गुणधर्म वाले तत्व मिलते हैं।

प्रश्न 5. निम्नलिखित को समझाइए -

i. अयस्क
ii. खनिज
iii. धातुमल
iv. गालक

उत्तर : i. अयस्क: अयस्क एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज है जिसमें धातु होती है। धातु को आर्थिक रूप से निकालने के लिए अयस्क में धातु की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए। अयस्क आमतौर पर पृथ्वी की पपड़ी में पाए जाते हैं।

ii. खनिज: खनिज एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला ठोस पदार्थ है जिसका एक निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। खनिज क्रिस्टलीय या अक्रिस्टलीय हो सकते हैं।

iii. धातुमल: धातुमल अयस्क से धातु निकालने के बाद बचा हुआ अपशिष्ट पदार्थ है। धातुमल में धातु के ऑक्साइड, सिलिकेट और अन्य अशुद्धियाँ होती हैं।

iv. गालक: गालक वह पदार्थ है जो धातुमल से धातु को निकालने के लिए प्रयुक्त होता है। गालक आमतौर पर कार्बन या एल्यूमीनियम होता है।

प्रश्न 6. . निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए संतुलित समीकरण लिखिए।

i. ऐलुमिनियम धातु की जल वाष्प से अभिक्रिया
ii. जिंक ऑक्साइड की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया
iii. कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर अभिक्रिया ।
iv. सोडियम की जल से क्रिया

उत्तर : i. ऐलुमिनियम धातु की जल वाष्प से अभिक्रिया: 2Al_{(s)} + 6H_2O_{(g)} → 2Al(OH)_3_{(s)} + 3H_2_{(g)}}

ii. जिंक ऑक्साइड की सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया: ZnO_{(s)} + 2NaOH_{(aq)} → Na_2ZnO_2_{(aq)} + H_2O_{(l)}

iii. कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर अभिक्रिया: CaCO3(s) ​→ CaO(s) ​+ CO2(g)

iv. सोडियम की जल से क्रिया: 2Na_{(s)} + 2H_2O_{(l)} → 2NaOH_{(aq)} + H_2_{(g)}

प्रश्न 7. निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड एवं क्लोराइड बनने की अभिक्रिया का संतुलित समीकरण लिखिए-

(1) हाइड्रोजन
(2) फॉस्फोरस
(3) सोडियम
(4) मैग्नीशियम

उत्तर :

 

प्रश्न 8. फॉर्मिक अम्ल से मैग्नीशियम फॉर्मेट कैसे बनाएंगे? संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।

उत्तर : मैग्नीशियम फॉर्मेट को फॉर्मिक अम्ल के साथ विनियमित करके बनाया जा सकता है। इसके लिए संतुलित रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है:

 

HCOOH(aq) ​+ Mg(s) ​→ HCOOMg(aq)​ + H2(g)

प्रश्न 9. प्लास्टर ऑफ पेरिस कैसे बनाते हैं ? इसे वायुरोधी डिब्बों में क्यो रखा जाता हैं ?

उत्तर : 

प्लास्टर ऑफ पेरिस एक सफेद चूर्ण है, यह जल के साथ मिलाने पर पुनः जिप्सम में परिवर्तित हो जाता है, जो एक कठोर पदार्थ होता है । वायु में नमी (जल वाष्प) के रूप में प्रत्येक मौसम में जल विद्यमान रहता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस वायु में उपस्थित जल (जल बाष्प) से मिलकर कठोर हो जाता है। इसलिए प्लास्टर ऑफ पेरिस को कठोर होने से बचाने के लिए वायुरोधी (Air tight) डिब्बे में रखते हैं।

प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर मैल के निर्माण को समझाइए ?

उत्तर : कठोर जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के ऑयन होते हैं। ये साबुन के अणुओं से जुड़ कर अघुलनशील पदार्थ (स्कम) बनाते हैं।

प्रश्न 11. जीवों के विकास के सिद्धांत के कोई मुख्य चार बिंदु लिखिए।

उत्तर : जीवों के विकास के सिद्धांत के चार मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  1. विविधता: सभी जीवों में विविधता पाई जाती है। यह विविधता आनुवंशिक भिन्नता के कारण होती है।
  2. अनुवंशिकता: कुछ विशेषताएं माता-पिता से बच्चों में आनुवंशिकता के माध्यम से स्थानांतरित होती हैं।
  3. प्राकृतिक चयन: जीवों में प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया होती है, जिसमें अधिक अनुकूलित जीव जीवित रहते हैं और प्रजनन करते हैं।
  4. समय के साथ परिवर्तन: समय के साथ, जीवों में परिवर्तन होता है और नई प्रजातियां उत्पन्न होती हैं।

इन चार बिंदुओं के आधार पर, चार्ल्स डार्विन ने जीवों के विकास का सिद्धांत प्रस्तुत किया।

प्रश्न 12. समजात और समवृत्ति अंगों को एक उदाहरण द्वारा समझाइए ।

उत्तर : समजात और समवृत्ति अंगों को एक उदाहरण द्वारा समझाइए ।

समजात अंग:

  • वे अंग जिनकी मूल रचना समान होती है, भले ही उनका कार्य भिन्न हो।

  • वे भिन्न कार्यों को करने के लिए विकसित हुए हैं।

  • उदाहरण:

    • मानव हाथ और व्हेल के पंख: दोनों में हड्डियों की समान रचना होती है, लेकिन हाथ विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए विकसित हुए हैं, जबकि पंख तैरने के लिए विकसित हुए हैं।
    • मानव पैर और सांप का शरीर: दोनों में कशेरुकाओं की समान रचना होती है, लेकिन पैर चलने के लिए विकसित हुए हैं, जबकि सांप का शरीर रेंगने के लिए विकसित हुआ है।

समवृत्ति अंग:

  • वे अंग जिनकी मूल रचना भिन्न होती है, भले ही उनका कार्य समान हो।

  • वे समान कार्य करने के लिए स्वतंत्र रूप से विकसित हुए हैं।

  • उदाहरण:

    • तितली के पंख और पक्षी के पंख: दोनों उड़ने के लिए विकसित हुए हैं, लेकिन उनकी रचना भिन्न होती है। तितली के पंख झिल्लीदार होते हैं, जबकि पक्षी के पंख पंखों से ढके होते हैं।
    • कैक्टस की पत्तियां और कांटे: दोनों प्रकाश संश्लेषण करते हैं, लेकिन उनकी रचना भिन्न होती है। पत्तियां पतली और चपटी होती हैं, जबकि कांटे मोटे और नुकीले होते हैं।

प्रश्न 13. मनुष्य में लिंग निर्धारण की प्रक्रिया को सचित्र समझाइए।

उत्तर : मनुष्य में लिंग निर्धारण एक जोड़ी कारकों से होता है-मादा में XX, नर में XY । शुक्राणुओं और अण्डाणुओं में गुणसूत्रों की संख्या आधी होती है। जब माता का अण्डा तथा पिता का शुक्राणु परस्पर मिलते हैं तब युग्मनज बनता है, जिसमें गुणसूत्रों की संख्या दुगुनी हो जाती है। फिर से द्विगुणित संख्या हो जाती है। इससे संतति बनती है जिसका लिंग इस पर निर्भर है, कि उसमें दोनों X हैं या एक X और एक Y है। अगर दोनों X हैं, तो मादा बनती है और एक Y एक X गुणसूत्र वाले युग्मनजों से नर बनता है।

चित्र से स्पष्ट है कि नर व मादा बनने की संभावना हर जोड़े के लिये 50% है यानी व्यक्ति का लिंग नर या मादा होना पूर्णत: एक संयोग की बात है। उसके लिये न तो माँ और न ही पिता जिम्मेदार है।

प्रश्न 14. मेंडल के पृथक्करण नियम को रेखाचित्र द्वारा समझिए ।

उत्तर : पृथक्करण का नियम - इस नियम के अनुसार जब दो विपरीत लक्षणों वाले शुद्ध नस्ल के एक ही जाति के दो पौधों या जनकों के बीच संकरण कराया जाता है , तो उनकी F1 पीढ़ी में संकर पौधे प्राप्त होते है और सिर्फ प्रभावी लक्षण को ही प्रकट करते है। किन्तु इनकी दूसरी पीढ़ी (F2) के पौधों में परस्पर विपरीत लक्षणों का एक निश्चित अनुपात (1:2:1) में पृथक्करण हो जाता है क्योंकि प्रथम पीढ़ी के साथ - साथ रहने पर भी गुणों का आपस में मिश्रण नहीं होता है और युग्मक निर्माण के समय गुण पृथक हो जाते है और युग्मकों की शुद्धता बनी रहती है , इसलिए इसे युग्मकों की शुद्धता का नियम भी कहते है। यह नियम एकसंकर संकरण के परिणामों पर आधारित है।
इस शुद्धता के नियम को निम्न प्रकार से समझ सकते है। जब दो पौधों को क्रॉस कराया गया (TT × tt) तब F1 के लम्बे पौधों में दोनों के जीन उपस्थित थे , परन्तु F2 में यह जीन या लक्षण पृथक होकर पुनः लम्बे व बौने पौधे बनाते है। देखिये नीचे चित्र में।

प्रश्न 15. पुष्प का नामांकित चित्र बनाइए।

उत्तर :

 

प्रश्न 16. अण्डाशय के कार्य लिखिए।

उत्तर : महिलाओं के शरीर में माहवारी और गर्भावस्था के दौरान कई परिवर्तन होते हैं। अंडाशय इन क्रियाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार से मदद करता है:

  1. हार्मोन उत्पादन - अंडाशय से निकलने वाले हॉर्मोन माहवारी, प्रजनन और गर्भावस्था के दौरान कई कार्य करते हैं। महिला के विकास और प्रजनन विकास में एस्ट्रोजन हॉर्मोन मदद करता है। गर्भधारण की क्षमता को बढ़ाने में प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन मदद करता है। ये निषेचित अंडे के लिए अस्तर को मोटा करता है। 
  2. माहवारी का नियंत्रण -  इस अंग की मदद से बनने वाले हॉर्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को नियंत्रित करने मदद करते हैं।
  3. अंडे को परिपक्व बनाना - माहवारी के छठे और १४ वें दिन के बीच एफएसएच हॉर्मोन (अंडे के विकास में मदद करने वाला हॉर्मोन) डिम्बग्रंथि रोम में एक अंडे को परिपक्व कर देता है।
  4. अंडे का उत्सर्जन - माहवारी के १४ वें दिन (२८ दिन के चक्र में) अंडाशय की मदद से एक अंडे का उत्सर्जन होता है। यदि अंडे का निषेचन (अंडे का शुक्राणु से मिलना) हो जाता है तो महिला गर्भवती हो जाती है।
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