प्रश्न 1. दतं क्षय का कारण है लार का pH -
अ. 7 हो जाना
ब. 6.5 हो जाना
स. 5.5 से कम हो जाना
द. 7.5 से अधिक हो जाना
उत्तर : स. 5.5 से कम हो जाना
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से प्रबल अम्ल नहीं है.
अ. HCI
ब. HNO3
स. CH3COOH
द. H2S4
उत्तर : स. CH3COOH
प्रश्न 3. इन तत्वो में से किसका आयनन विभव सर्वाधिक होगा-
(1) सोडियम (Na)
(2) मैग्नीशियम (Mg)
(3) कार्बन (C)
(4) फ्लोरीन (F)
उत्तर : (4) फ्लोरीन (F)
प्रश्न 4. इन तत्वों में से कौन - सा तत्व सबसे अधिक ऋण विद्युती हैं -
(1) आक्सीजन
(2) क्लोरीन
(3) नाइट्रोजन
(4) फ्लोरीन
उत्तर : (4) फ्लोरीन
प्रश्न 5. निम्नलिखित में सबसे सक्रिय धातु है -
i. Mg
ii. Al
iii. Na
iv. Zn
उत्तर : iii. Na
प्रश्न 6. निम्न में से कौन सी धातु कमरे के ताप पर द्रव होती है -
i. Na
ii. Fe
iii. Hg
iv. Br
उत्तर : iii. Hg
प्रश्न 7. निम्नलिखित में कौन सी अधातु द्रव अवस्था में पाई जाती है -
(अ) कार्बन
(ब) नाइट्रोजन
(स) ब्रोमीन
(द) सल्फर
उत्तर : (स) ब्रोमीन
प्रश्न 8. निम्नलिखित में कौन सा तत्व अपररूपता नहीं दिखाता -
(अ) सोडियम
(ब) ऑक्सीजन
(स) सल्फर
(द) फॉस्फोरस
उत्तर : (अ) सोडियम
प्रश्न 9. एथेनोइक अम्ल का सूत्र है -
a) CH3OH
b) C2H5COOH
c) CH3COOH
d) C2H5OH
उत्तर : c) CH3COOH
प्रश्न 10. प्रोपेनल में क्रियात्मक समूह है -
a) >C=O
b) -OH
c) -CHO
d) -COOH
उत्तर : c) -CHO
प्रश्न 11. कपड़े को विरंजित करने के लिए उपयोग किया जाता है -
i. CaOCl2
ii. Ca(OH)2
iii. CaSO4 1/2 H2O
iv. CaCO3
उत्तर : i. CaOCl2
प्रश्न 12. साबुनीकरण की प्रक्रिया में जंतु एवं वनस्पति वसा को.............से अपघटित करते हैं-
(i) अम्ल
(ii) लवण
(iii) क्षार
(iv) उत्प्रेरक
उत्तर : (iii) क्षार
प्रश्न 13. उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या +30 cm है | उसकी फोकस दूरी होगी -
i. 30 cm
ii. -30cm
iii. 15cm
iv. -15cm
उत्तर : iii. 15cm
प्रश्न 14. अवतल दर्पण की फोकस दूरी हमेशा होती है-
i. धनात्मक
ii. ऋणात्मक
iii. शून्य
iv. कोई नहीं
उत्तर : ii. ऋणात्मक
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प्रश्न 15. धात्विक तार की प्रतिरोधकता निर्भर करती है:-
(अ) इसकी लंबाई पर
(ब) इसके आकार पर
(स) इसकी मोटाई पर
(द) पदार्थ की प्रकृति पर
उत्तर : (द) पदार्थ की प्रकृति पर
प्रश्न 16. फ्लेमिंग का दाहिने हाथ का नियम देता है
1- प्रेरित धारा का परिमाण
2- चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण
3- प्रेरित धारा की दिशा
4- प्रेरित धारा की दिशा और परिमाण दोनों
उत्तर : 3- प्रेरित धारा की दिशा
प्रश्न 17. मनुष्य के दांत और हाथी के दांत है।
अ - समवृत्ति अंग
ब- अवशेष अंग
स समजात अंग
द- विशेष अंग
उत्तर : स समजात अंग
प्रश्न 18. मेंडल की सफलता का क्या कारण है-
अ- तर्कों या प्रयोगों के आधार पर स्पष्ट योजना एवं विधिवत अभिलेख
ब- गणित व सांख्यिकी का प्रयोग
स- केवल कुछ ही लक्षणों पर अपना ध्यान केन्द्रित करना
द- उपरोक्त सभी
उत्तर : द- उपरोक्त सभी
प्रश्न 19. आमाशय की आंतरिक झिल्ली HCl अम्ल से सुरक्षित रहती है, जिसका कारण है-
(अ) पेप्सिन
(ब) म्यूकस
(स) लार के एमाइलेज के कारण
(द) जठर रस
उत्तर : (ब) म्यूकस
प्रश्न 20. किसी भी खाद्य श्रृंखला में प्रथम पोषी स्तर में एक प्रायः आते हैं.
अ. प्राथमिक उपभोक्ता
ब. द्वितीयक उपभोक्ता
स. उत्पादक
द. चतुर्थक उपभोक्ता
उत्तर : अ. प्राथमिक उपभोक्ता
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प्रश्न 1. किसी उदासीन विलयन का pH मान............होता है ।
उत्तर : 7
प्रश्न 2. वर्षा के जल का pH मान 5.6 से कम हो जाता है, तो उसे ............ कहते हैं |
उत्तर : अम्लीय वर्षा
प्रश्न 3. ऑक्सीजन की परमाण्विक त्रिज्या नाइट्रोजन से................ होती हैं।
उत्तर : छोटी
प्रश्न 4. जब किसी गैसीय परमाणु पर एक इलेक्ट्रॉन जोड़ा जाता हैं, तो निकलने वाली ऊर्जा को................... कहते हैं।
उत्तर : इलेक्ट्रॉन बंधुता ऊर्जा (Electron Affinity Energy)
प्रश्न 5. अधिक सक्रिय धातु द्वारा कम सक्रिय धातु को उसके लवण के विलयन से हटाने की क्रिया................कहलाती है।
उत्तर : विस्थापन
प्रश्न 6. छत्तीसगढ़ में पाया जाने वाला लोहे का प्रमुख अयस्क............ है।
उत्तर : हेमेटाइट
प्रश्न 7. एक ही तत्व के ऐसे अलग-अलग रूप जिनके भौतिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं ..............कहलाते हैं।
उत्तर : अपरूपता
प्रश्न 8. कार्बन के अपररूप ................... को छोड़कर अन्य सभी अधातुएं विद्युत की कुचालक होती है।
उत्तर : हीरा
प्रश्न 9. HCOOH का IUPAC नाम ................................ है।
उत्तर : मेथनोइक अम्ल (Methanoic acid)
प्रश्न 10. पॉलीथीन .......... का बहुलक है।
उत्तर : एथिलीन
प्रश्न 11. . ....................गर्म करने पर प्लास्टर ऑफ पेरिस बनता हैं।
उत्तर : जिप्सम
प्रश्न 12. ................. का उपयोग काँच, साबुन एंव कागज उत्पादन में होता है।
उत्तर : सोडा ऐश (सोडियम कार्बोनेट)
प्रश्न 13. थर्मा मीटर...........मापक यन्त्र है ।
उत्तर : तापमान
प्रश्न 14. उष्मा का SI मात्रक ........ होता है।
उत्तर : जूल
प्रश्न 15. एक समांगी माध्यम से दूसरे समांगी माध्यम में प्रकाश किरणों का मुड़ना ............कहलाता है |
उत्तर : अपवर्तन
प्रश्न 16. मृग मरीचिकी घटना का वैज्ञानिक कारण. ......है |
उत्तर : प्रकाश का अपवर्तन
प्रश्न 17. मनुष्य द्वारा चयनित लक्षणों के अनुसार जीवों में परिवर्तन लाने की प्रक्रिया............चयन है।
उत्तर : कृत्रिम
प्रश्न 18. किसी जीव के अपने आवास में ढल जाने की प्रक्रिया को......... कहते हैं।
उत्तर : अनुकूलन
प्रश्न 19. आनुवंशिकता की इकाई .........है।
उत्तर : जीन
प्रश्न 20. पुष्प में स्त्रीकेसर का फूला हुआ आधार भाग ............कहलाता है।
उत्तर : अंडाशय
प्रश्न 21. ............तत्वो के प्राकृतिक चक्रीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं |
उत्तर : सूक्ष्मजीव
Short Answer Questions (2 marks)
प्रश्न 1. कोई तीन प्राकृतिक सूचक के नाम लिखिए |
उत्तर : हल्दी, लिटमस, गुड़हल की पंखुड़ियाँ ।
प्रश्न 2. भोज्य पदार्थों में पाए जाने वाले किन्हीं दो अम्लों के नाम लिखिए |
उत्तर : 1. इमली-टार्टरिक अम्ल
2. सिरका-ऐसीटिक अम्ल ।
प्रश्न 3. आधुनिक दीर्घ आवर्त तालिका में कितने समूह है?
उत्तर : आधुनिक दीर्घ आवर्त तालिका में 18 समूह होते हैं।
प्रश्न 4. किस तत्व की आयनन एन्थैल्पी सर्वाधिक है?
उत्तर : हीलियम (He)
प्रश्न 5. अयस्क तथा आधात्री के आपेक्षिक घनत्व में अंतर होने पर अयस्क के सांद्रण के लिए किस विधि का उपयोग होता है? समझाइए
उत्तर : अयस्क तथा आधात्री के आपेक्षिक घनत्व में अंतर होने पर, अयस्क के सांद्रण को मापने के लिए हाइड्रोमीटर का उपयोग किया जाता है।
हाइड्रोमीटर एक उपकरण होता है जिसे उत्तल पदार्थों के घनत्व को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। यह प्रायः तेल, रसायन, और अन्य द्रवों के घनत्व को मापने में प्रयुक्त होता है। अयस्क और आधात्री के घनत्व में अंतर को मापने के लिए हाइड्रोमीटर का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इन दोनों में घनत्व में अंतर होता है, जिससे हाइड्रोमीटर की प्रतिक्रिया अलग होती है। इस उपकरण के द्वारा हम अयस्क और आधात्री के घनत्व के अंतर को माप सकते हैं और अयस्क के सांद्रण को निर्धारित कर सकते हैं।
प्रश्न 6. अधातुओं तथा धातुओं के भौतिक गुणों की तुलना कीजिए।
उत्तर : (भौतिक गुण)
(1) अवस्था
(2) आधातवर्ध्यनीयता तथा तन्यता
(3) चालकता
(धातु)
(1) सामान्यतः ठोस होती है। (अपवाद-पारा द्रव्य अवस्था)
(2) गुण प्रदर्शित करती है।
(3) सामान्यतः ऊष्मा तथा विद्युत की सुचालक होती है।
(अधातु)
(1) ठोस, द्रव, गैस तीनों अवस्थाओं में पाई जाती है।
(2) गुण प्रदर्शित नहीं करती है।
(3) सामान्यतः ऊष्मा व विद्युत की कुचालक होती है।
प्रश्न 7. जैव उत्प्रेरक किसे कहते हैं?
उत्तर : उत्प्रेरक ऐसे पदार्थ होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में स्वयं भाग नहीं लेते, किन्तु अभिक्रिया की दर को परिवर्तित कर देते हैं। जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वाले उत्प्रेरकों को जैव उत्प्रेरक एंजाइम या प्रकिण्व कहते हैं। जैसे-जाइमेज, माल्टेज।
प्रश्न 8. शक्ति ऐल्कोहॉल क्या है?
उत्तर : ऐल्कोहॉल में बैंजीन व पेट्रोल का मिश्रण होता है
प्रश्न 9. उत्फुल्लन क्या हैं?
उत्तर : धावन सोडा क्रिस्टल को वायु में खुला छोड़ने पर जल के 9 अणु निकल जाते हैं , इसे उत्फुल्लन कहते हैं ।
Na2CO3 × H2Na2CO3H2O + 9H2O
प्रश्न 10. बेकिंग पाउडर क्या हैं ?
उत्तर : बेकिंग पाउडर एक रासायनिक लेवनिंग एजेंट है जो दो मुख्य घटकों से बना होता है:
- कार्बोनेट या बाइकार्बोनेट: यह क्षारीय पदार्थ (बेस) होता है, जैसे कि सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा)।
- कमजोर एसिड: यह एसिड, जैसे कि टार्टरिक एसिड या सोडियम एल्यूमीनियम सल्फेट, कार्बोनेट के साथ प्रतिक्रिया करता है।
प्रश्न 11. सीमेंट का गलनांक निश्चित नहीं होता हैं क्यो ?
उत्तर : सीमेंट का गलनांक निश्चित नहीं होता क्योंकि यह एक मिश्रण है, यौगिक नहीं। मिश्रण में विभिन्न रासायनिक यौगिक होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना गलनांक होता है।
प्रश्न 12. बेकिंग पाउडर द्वारा किस प्रकार केक नरम व स्पांजी बनता हैं ?
उत्तर : बेकिंग पाउडर में एक एसिड और एक बेस होता है। जब इन दोनों को मिलाया जाता है, तो वे कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्पादन करते हैं। यह गैस केक के बैटर में बुलबुले बनाती है, जिससे केक नरम और स्पंजी बनता है।
प्रश्न 13. -40° C को फेरन हाइट में बदलिए
उत्तर : -40° C को फेरनहाइट में बदलने के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है:

प्रश्न 14. - 40°F को C में बदलिए
उत्तर : -40°F को Celsius (°C) में बदलने के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करते हैं:

प्रश्न 15. वाष्पन की गुप्त ऊष्मा को परिभाषित कीजिये |
उत्तर : क्वथनांक पर किसी द्रव के गैस में परिवर्तित होने पर जितनी ऊष्मा का अवशोषण होता है, उसे वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
प्रश्न 16. गलन की गुप्त ऊष्मा को परिभाषित कीजिये |
उत्तर : वायुमण्डलीय दाब पर 1 किग्रा. ठोस को उसके गलनांक पर द्रव अवस्था में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा को उस पदार्थ की गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
प्रश्न 17. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर : किसी विद्युत् धारा के सतत् और बंद पथ को विद्युत् परिपथ कहते है

प्रश्न 18. ऑक्सी श्वसन का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर : ऑक्सी श्वसन का रासायनिक समीकरण

प्रश्न 19. किसी पारिस्थितिक तंत्र में अपघटकों की क्या भूमिका होती है ?
उत्तर : अपघटक जीवों के अपशिष्ट पदार्थों को और आमतौर पर मृत जीवों के शरीर के भागों को सरल पदार्थों में तोड़कर अपना भोजन प्राप्त करते हैं। ये तत्वों के प्राकृतिक चक्रीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न 20. पारिस्थितिक तंत्र क्या है? इसके घटकों को उदाहरण सहित लिखिए |
उत्तर : पारिस्थितिक तंत्र - जैव समुदाय व उसके पर्यावरण के बीच पारस्परिक क्रिया से बने स्वपोषित तंत्र को पारिस्थितिक तंत्र कहा जाता है। घटकों के नाम- (i) अजैविक तथा (ii) जैविक घटक।
Short Answers Questions (3 marks)
प्रश्न 1. उदासीनीकरण अभिक्रिया किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
उत्तर : उदासीनीकरण अभिक्रिया वह अभिक्रिया है जिसमें किसी तत्व अपने उच्चतम अवस्था में होता है और तब वह अवस्था बनाए रखने के लिए ऊर्जा का उपयोग नहीं करता है। यह अवस्था अवशोषण कहलाती है।
एक उदाहरण मान लें: जल का उदासीनीकरण। जब पानी ठंडे तापमान पर होता है तो उसकी अवस्था बदलती है और वह बर्फ में परिणत हो जाता है। इस प्रक्रिया में ऊर्जा का उपयोग नहीं होता है।
प्रश्न 2. घ्राण सूचक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा अम्ल एवं क्षार की पहचान कैसे की जाती है ?
उत्तर : घ्राण सूचक एक ऐसा अंग है जो गंधों को पहचानने में मदद करता है। यह मानव शरीर में नाक के अंदर स्थित होता है।
अम्ल और क्षार की पहचान घ्राण सूचक के माध्यम से होती है। जब हम किसी वस्तु को सूँघते हैं, उस वस्तु की भारीता या उसके मांसपेशियों से उत्पन्न होने वाली गंध को घ्राण सूचक नाक के माध्यम से उपलब्ध कराता है। अम्लीय वस्तुओं की गंध तीखी, तल्ख या अधिक आंखों में चुभती होती है, जबकि क्षारीय वस्तुओं की गंध तीखी, मीठी, या कच्ची होती है। इस प्रकार, घ्राण सूचक द्वारा अम्ल और क्षार की पहचान की जाती है और यह हमें खाद्य और अन्य पदार्थों की पहचान करने में मदद करता है।
प्रश्न 3. सुरेश ने ताजे दूध में खाने का सोडा मिलाकर उसका pH मान 6 से बदलकर 8 कर दिया | इस दूध से दही बनने में अधिक समय लगेगा क्यों ?
उत्तर : सोडा को दूध में मिलाने से pH मान बढ़ जाता है, जिससे दूध का मान pH 6 से 8 हो जाता है। यह मान बढ़ने से दूध का अधिक अल्कलाइन हो जाता है। अधिक अल्कलाइन दूध के लिए अनुकूल नहीं होता है जब हम इसे दही बनाने के लिए उपयोग करते हैं।
दही बनाने के लिए उचित pH स्तर की आवश्यकता होती है, जो अम्लों को दूध में बनने में सहायक बनाता है। अधिक अल्कलाइनिटी उस प्रक्रिया को धीमा बना देती है, जिससे दही बनने में अधिक समय लगता है।
इसलिए, ताजे दूध में सोडा मिलाने से दही बनाने में अधिक समय लगेगा क्योंकि उसका pH मान अधिक हो जाता है, जो दही बनाने की प्रक्रिया को धीमा बनाता है।
प्रश्न 4. धातु ऑक्साइड से धातु निष्कर्षण की निम्नविधियों को उदाहरण सहित समझाइए -
(अ) कार्बन अपचयन
(ब) रासायनिक अपचयन
उत्तर : अयस्कों के ऑक्साइड में परिवर्तन के पश्चात् धातुओं के ऑक्साइड का अपचयन किया जाता हैं । धातु ऑक्साइड को अपचायक तथा गालक के साथ मिलाकर गर्म किया जाता हैं तब धातु द्रव अवस्था में प्राप्त होती हैं । इस प्रक्रिया को प्रगलन (smelting) कहते हैं । गालक सरलता से न पिघलने वाले अशुध्दियों को हटाने में सहायता करते हैं । प्रगलन प्रक्रिया दो प्रकार से की जाती हैं -
1. कार्बन अपचयन विधि (Carbon reduction method ) - भर्जित निस्तापित अयस्क को कोक या कार्बन के साथ वात्या भट्टी (blast furnance ) में उच्च तापप (700∘C − 1800∘C) तक गर्म किया जाता हैं जिससे धातु अपचयित होकर पिघली अवस्था में प्राप्त होती हैं ।
2. रासायनिक अपचयन विधि (Chemical reduction method) - सक्रियता श्रेणी में ऊपर स्थित धातु अपने से नीचे स्थित धातु को उसेक लवण के विलयन से विस्थापित कर देती हैं । इस सिध्दांत का उपयोग कर विस्थापन विधि व्दारा धातु को पृथक् किया जाता हैं । हमने पूर्व में देखा हैं कि कॉपर सल्फेट के विलयन में आयरन या जिंक चूर्ण डालने पर कॉपर अवक्षेपित हो जाता हैं

प्रश्न 5. जंग लगने के लिए नमी और आक्सीजन दोनों आवश्यक हैं। इसके लिए एक क्रियाकलाप सुझाइए।
उत्तर : जंग लगने के लिए नमी और O2 दोनों आवश्यक हैं ।
क्रियाकलाप - (i) तीन परखनलियाँ लेकर उस पर A,B,C चिन्हित कर देते हैं ।
(ii) प्रत्येक परखनली में 3 - 4 आलपिन डाल देते हैं । अब परखनली A में इतना पानी डालते हैं कि आलपिन डूब जाये । परखनली B में गीली रुई फसा देते हैं । परखनली C में रखें आलपिन का ऐसे ही रहने देते हैं ।
(iii) अब तीनों परखनलियों के मुहँ पर गुब्बारा लगाकर वायुरोधी बनाते हैं तथा तीनों काो स्टैण्ड पर रखकर धूप में रख देते हैं ।
(iv) तीनों परखनलियों को देखने पर ज्ञात हुआ कि परखनली A में शीघ्रता से जंग लग गया हैं ।
अतः सिद्ध होता हैं लोहे पर जंग लगने पर ऑक्सीजन एंव नमी का होना आवश्यक हैं ।
प्रश्न 6. एक तत्व A, जो कि प्रोटीन का एक घटक है। यह तत्व B से क्रिया करके एक यौगिक C बनाता है। B एक ज्वलनशील गैस है। A, B तथा C को पहचानिए तथा अभिक्रिया का रासायनिक संतुलित समीकरण लिखिए।
उत्तर :
- तत्व A: एक प्रोटीन का एक घटक, इसे कहा जा सकता है कि यह एक अमीनो एसिड हो सकता है।
- तत्व B: ज्वलनशील गैस, जैसे कि हाइड्रोजन गैस (H₂) या ऑक्सीजन गैस (O₂)।
- यौगिक C: जल (H₂O)।
रासायनिक संतुलित समीकरण: A + 2B → C
यहाँ, ज्वलनशील गैस (B) के साथ अमीनो एसिड (A) की प्रोटीन क्रिया करते हैं, जिससे पानी (C) उत्पन्न होता है।
प्रश्न 7. शीरा किसे कहते हैं?
उत्तर : गन्ने के रस से शक्कर के ब्रिस्टल पृथक् कर लेने के पश्चात् बचे पीले गाढे रंग के चासनी जैसे द्रव को शीरा कहते हैं।
प्रश्न 8. कम घनत्व पॉलीथीन एवं उच्च घनत्व पॉलीथीन के 2-2 उपयोग लिखिए।
उत्तर : कम घनत्व वाला पालीथीन या LDPE (low density polythene)-यदि एथीन (एथिलीन) के बहुत सारे अणुओ को 6 − 7atm और 330 − 470K पर उत्प्रेक की उपस्थिति में गरम करे तो यह बनता है।
गुण- 1. इसका घनत्व कम और गलनांक उच्च होता है।

2. यह अल्पपारदर्शी और कठोर होता है।
उपयोग- 1. बाल्टी और पाइप बनाने में होता है। यह अधिकतर रसयानो के प्रति निष्क्रिय होता है।
उच्च घनत्व वाला पॉलिथीन या(high density polythene) -एथीन के बहुत सारे अणुओ को जब ऑक्सीजन की अलप मात्रा के साथ 473k पर 1500 − 2000 वायुमंडलीय डाब पर गर्म किया जाता है, तो हमे पारदर्शी पॉलिथीन मिलता है, जिसे उच्च घनत्व वाला पॉलिथीन या HDPE कहते है।

गुण- घनत्व ज्याद और गलनांक कम होता है,
उपयोग-1. बोतल और पन्नियाँ बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 9. खाद्य परिरक्षक के रूप में प्रयोग होने वाले दो अम्लों के नाम लिखिए।
उत्तर : सोडियम बैंजोएट C6H5COONa
पोटैशियम मेटाबाइसल्फाइट K2S2O5
प्रश्न 10. द्रवों में उष्मीय प्रसार किस प्रकार होता है।
उत्तर : द्रवों में उष्मीय प्रसार तीन प्रमुख प्रकारों में होता है:
-
संचारण (Conduction): यह प्रक्रिया होती है जब उष्मा एक स्थिर वस्तु से दूसरी स्थिर वस्तु की ओर संचारित होता है। यह प्रक्रिया वस्तुओं के आसपास के अणुओं के उदासीन को हलका करके उष्मा को प्रसारित करती है।
-
संवहन (Convection): यह प्रक्रिया होती है जब उष्मा एक द्रव में तापीय परिवहन द्वारा प्रसारित होता है। यह प्रक्रिया उष्मीय चंचलता और परिवहन द्वारा होती है, जैसे कि हवा या जल में।
-
अविष्करण (Radiation): यह प्रक्रिया होती है जब उष्मा अवकाश में विकिरण के रूप में अविष्कृत होता है। यह प्रक्रिया तापमान के साथ संबंधित होती है और किसी भी मध्यम की आवश्यकता नहीं होती है।
इन तीनों प्रकार के उष्मीय प्रसार के माध्यम से, उष्मा एक स्थायी और समान रूप से प्रसारित होता है।
प्रश्न 11. रेखीय प्रसार गुणांक व क्षेत्रीय प्रसार गुणांक में सम्बन्ध लिखिए |
उत्तर : रेखीय प्रसार गुणांक और क्षेत्रीय प्रसार गुणांक दोनों तापमान की वैशिष्ट्यिकता को व्यक्त करने वाले प्रायोगिक मापक हैं। ये गुणांक तापमान के प्रसार के तरीकों को निरूपित करते हैं।
-
रेखीय प्रसार गुणांक (Thermal Conductivity Coefficient): यह गुणांक एक संदर्भ में तापमान की उष्मीय संवहन क्षमता को निर्दिष्ट करता है। इसका मात्रक वाट्ट/मीटर-केल्विन (W/m-K) होता है। यह बताता है कि एक धातु कितनी तेजी से उष्मा को संवहनित करती है।
-
क्षेत्रीय प्रसार गुणांक (Thermal Diffusivity Coefficient): यह गुणांक तापमान के प्रसार की गति को निर्दिष्ट करता है। इसका मात्रक मीटर स्क्वायर/सेकेंड होता है (m²/s)। यह बताता है कि एक धातु कितनी तेजी से तापमान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रसारित करती है।
इन गुणांकों का उपयोग धातु, अवधि, चालक, और अन्य सामग्रियों की तापमान प्रसारण गुणकों की गणना और विश्लेषण में किया जाता है। इसके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार के उपकरणों और सामग्रियों की तापमान प्रसारण संबंधी वैशिष्ट्यों को अध्ययन करते हैं।
प्रश्न 12. रेखीय प्रसार गुणांक व आयतन प्रसार गुणांक में सम्बन्ध स्थापित कीजिये |
उत्तर : रेखीय प्रसार गुणांक और आयतन प्रसार गुणांक दोनों ही तापमान की विशिष्ट वैशिष्ट्यिकताओं को व्यक्त करने वाले गुणांक हैं, लेकिन उनमें अंतर होता है:
-
रेखीय प्रसार गुणांक (Thermal Conductivity Coefficient): यह गुणांक एक संदर्भ में तापमान की उष्मीय संवहन क्षमता को निर्दिष्ट करता है। यह उष्मा को स्थिर या अस्थिर माध्यम के माध्यम से संवहनित करने की क्षमता को मापता है।
-
आयतन प्रसार गुणांक (Volumetric Heat Transfer Coefficient): यह गुणांक तापमान की प्रसार की गति को निर्दिष्ट करता है। यह उष्मा को केवल तापमानी अदृश्य के माध्यम से संवहनित करने की क्षमता को मापता है।
अंतर यह है कि रेखीय प्रसार गुणांक नेत्रीय माध्यम (जैसे कि मेटल्स, विद्युत धातुएं) की तापमान प्रसारण क्षमता को मापता है, जबकि आयतन प्रसार गुणांक अदृश्य के माध्यम से तापमान प्रसारण की क्षमता को मापता है। दोनों ही गुणांकों का उपयोग विभिन्न तकनीकी एवं उद्योगिक अनुप्रयोगों में होता है।
प्रश्न 13. निम्न को परिभाषित कीजिये
1. वक्रता त्रिज्या
2. ध्रुव
3. फोकस दरी
उत्तर : 1. वक्रता त्रिज्या: वक्रता त्रिज्या, किसी भी बिंदु पर वक्र के वृत्तीय चाप की त्रिज्या होती है जो उस बिंदु पर स्पर्श रेखा के लंबवत होती है। यह वक्र की तीक्ष्णता का माप है।
2. ध्रुव: ध्रुव, किसी भी वक्र के लिए एक निश्चित बिंदु होता है जिसके सापेक्ष वक्र की समरूपता होती है। यह बिंदु वक्र के केंद्र से मेल खा सकता है या नहीं भी।
3. फोकस दरी: फोकस दरी, किसी भी परवलय के लिए, फोकस और शीर्ष बिंदु के बीच की दूरी होती है। यह परवलय की तीक्ष्णता का माप है।
प्रश्न 14. निम्न दर्पणों के उपयोग लिखिए-
1. अवतल दर्पण
2. उत्तल दर्पण
3. समतल दर्पण
उत्तर : निम्नलिखित हैं दर्पणों के उपयोग:
-
अवतल दर्पण (Concave Mirror):
- डिश एंटेना, ऑटोमोबाइल के हेडलाइट्स, सूर्य दर्पण आदि में उपयोग किया जाता है।
- आईसीयू, केमिस्ट्री, ज्योलॉजी आदि क्षेत्रों में दिखाई गई छवियों को बढ़ावा देने के लिए भी इसका उपयोग होता है।
-
उत्तल दर्पण (Convex Mirror):
- संचार में, ट्रैफिक संकेत में, विद्युत और ऑप्टिक्स क्षेत्रों में, उत्तल दर्पणों को सुरक्षा के उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है।
- स्वचालित और संयंत्रित संदेशों को दृश्यमान बनाने के लिए भी उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
-
समतल दर्पण (Plane Mirror):
- घरों, ऑफिसों, शॉपिंग केंटर्स, वाहनों, आदि में उपयोग किया जाता है।
- शिक्षा के क्षेत्र में, समतल दर्पण यौगिकी में और प्रतिबिंबित छवियों के संदर्भ में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 15. गोलीय दर्पण किसे कहते है | इसके प्रकार लिखकर प्रत्येक का एक एक उपयोग लिखिए |
उत्तर : गोलीय दर्पण: परिभाषा और प्रकार
गोलीय दर्पण: एक ऐसा दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, गोलीय दर्पण कहलाता है।
प्रकार:
-
अवतल दर्पण: दर्पण का परावर्तक पृष्ठ अंदर की ओर घुमावदार होता है। उपयोग: टॉर्च, वाहनों के हेडलाइट, माइक्रोस्कोप
-
उत्तल दर्पण: दर्पण का परावर्तक पृष्ठ बाहर की ओर घुमावदार होता है। उपयोग: साइड मिरर, वाहनों के रियरव्यू मिरर, दुकानों में सुरक्षा दर्पण
प्रश्न 16. ओम का नियम लिखकर उसका गणितीय रूप लिखकर V व I के मध्य ग्राफ खिचिए |
उत्तर : ओम का नियम- इस नियम को सन 1827 में जार्ज साइमन ओम ने दिया था| किसी चालक की भौतिक अवस्था (जैसे - लम्बाई, ताप आदि) में परिवर्तन न हो, तो उसमे प्रवाहित होने वाली धारा उसके सिरों पर लगाए गए विभवांतर के अनुक्रमानुपाती होता हैं| यदि किसी चालक के सिरों पर लगाया गया विभवांतर V और बहने वाली धारा I हो, तो इस नियमानुसार,

V ∝ I
या, V = RI...........(1)
जहाँ R एक नियतांक हैं जिसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं| समीकरण (1 ) को निम्न प्रकर से भी लिख सकते हैं-

प्रश्न 17. किसी पदार्थ के दो तारों में एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें एक ही समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है. क्यों?
उत्तर : जब किसी पदार्थ के दो तारों में एक पतला और दूसरा मोटा होता है, तो विद्युत धारा पतले तार में आसानी से प्रवाहित होगी। यह इसलिए होता है क्योंकि पतले तार में विद्युत धारा का प्रतिरोध कम होता है।
ओह्म का नियम V = I × R के अनुसार, विद्युत धारा (I) विभिन्न प्रतिरोध (R) के बीच विभाजित होती है। पतले तार में प्रतिरोध कम होता है, इसलिए यहां विद्युत धारा अधिक होती है।
इसलिए, जबकि उन्हें एक ही समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है, विद्युत धारा पतले तार में आसानी से प्रवाहित होगी।
प्रश्न 18. विद्युत चुम्बक की शक्ति बढ़ाने के दो तरीकों की सूची बनाइए.
उत्तर : विद्युत चुम्बक की शक्ति को बढ़ाने के दो तरीके निम्नलिखित हैं:
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धारा का परिवर्तन (Changing Current): विद्युत चुम्बक की शक्ति को बढ़ाने का एक तरीका धारा को बदलना है। जब धारा बदलती है, तो इससे उत्पन्न होने वाली विद्युत चुम्बक की शक्ति में वृद्धि होती है।
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धातु का उपयोग (Using Metals): विद्युत चुम्बक की शक्ति को बढ़ाने के लिए धातुओं का उपयोग किया जा सकता है। कुछ धातुओं के प्रभाव का उपयोग करके, जैसे कि आयरन, कोबाल्ट, और निकेल, विद्युत चुम्बक की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न 19. जीवाश्म क्या है? जीवाश्मों के अध्ययन से हम क्या पता लगा सकते हैं?
उत्तर : जीवाश्म वह अवशेष होते हैं जो पूर्व में जीवों के शरीर से उत्पन्न होते हैं और समय के साथ कायमित होते हैं। इनमें बोन, टूथ, हेयर, और अन्य अवशेष शामिल हो सकते हैं। जीवाश्मों का अध्ययन हमें विभिन्न विज्ञानी और ऐतिहासिक जानकारियों को समझने में मदद करता है।
जीवाश्मों के अध्ययन से हम कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि:
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जीवन के इतिहास का पता: जीवाश्मों के अध्ययन से हम विभिन्न कालों में जीवों के जीवन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें ऐतिहासिक और प्राकृतिक परिवर्तनों को समझने में मदद करता है।
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विभिन्न प्राचीन संस्कृतियों की अध्ययन: जीवाश्मों के अध्ययन से हम विभिन्न प्राचीन समाजों की संरचना, आर्थिक उन्नति, और सांस्कृतिक विकास को समझ सकते हैं।
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जीवाणु विज्ञान और आरोग्य का पता लगाना: जीवाश्मों के अध्ययन से हम विभिन्न बीमारियों के प्राचीन रोग प्रवाह, उनके कारण, और उपचार के प्राकृतिक इतिहास को समझ सकते हैं।
इस प्रकार, जीवाश्मों के अध्ययन से हमें प्राचीन जीवन की समझ, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक जानकारी, और समाज के रूप में समृद्धि के प्राकृतिक प्रक्रियाओं का पता चलता है।
प्रश्न 20. लक्षणों के चुनाव से हम पौधों की नई किस्में कैसे उत्पन्न करेंगे?
उत्तर : पौधों की नई किस्में उत्पन्न करने के लिए लक्षणों का चयन किया जा सकता है। यह लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:
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उन्नत उत्पादन क्षमता: यह लक्षण चयन किया जा सकता है ताकि पौधे अधिक उत्पादन दें, जैसे कि फल, फूल, या अन्य उपयोगी अंगों की मात्रा में वृद्धि।
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रोग प्रतिरोधी: ऐसे पौधे जिनमें अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता हो, चयन किए जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि पौधे स्वस्थ और प्रोत्साहनीय हों।
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उचित आकार और रंग: आकार और रंग उत्पादों की भावनात्मक और व्यापारिक मान्यताओं को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इन लक्षणों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है।
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अनुकूलता के लक्षण: प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अन्य पर्यावरणीय परिस्थितियों के साथ संगत पौधों के लक्षणों को चयन किया जा सकता है।
इन लक्षणों के आधार पर, उचित गुणवत्ता और प्रदर्शन के साथ पौधों की नई किस्में विकसित की जा सकती हैं जो विशेष उद्योगों, पर्यावरणीय संवर्धन के लक्ष्यों, और लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकती हैं।
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