CGBSE Board 12th Geography Exam 2024 : Important Question with Answers

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छत्तीसगढ़ बोर्ड 12वीं की भूगोल परीक्षा 11 मार्च, 2024 को निर्धारित है। तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में आपको बोर्ड परीक्षा के लिए वो ही प्रश्न दिए गए है जो बोर्ड पेपर में आने जा रहे है।
इस पोस्ट में छत्तीसगढ़ बोर्ड 12th परीक्षा 2024 के लिए भूगोल के महत्वपूर्ण (CG Board 12th Geography Important Question 2024) प्रश्न दिये गये है जो आपके पेपर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
छात्रों को इन (CG Board 12 Geography Viral Question 2024) प्रश्नों को अच्छी तरह से याद रखना चाहिए, जिससे आपको तैयारी करने में आसानी होगी।
अब आपकी परीक्षा में कुछ ही घंटे बचे है I जिससे भूगोल के पेपर की तैयारी कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते है I
CGBSE Board 12th Exam 2024 Geography Important Questions
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्र.क्र. 1. मानवभूगोल की परिभाषा देते हुए मानव भूगोल की प्रकृति को समझाइए ।
Ans. मानव भूगोल: परिभाषा और प्रकृति
परिभाषा: मानव भूगोल भूगोल की एक शाखा है जो मानव और उसके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे मनुष्य पृथ्वी की सतह पर वितरित होते हैं, वे विभिन्न स्थानों पर कैसे रहते हैं और काम करते हैं, और वे अपने पर्यावरण को कैसे बदलते हैं।
प्रकृति: मानव भूगोल की प्रकृति को निम्नलिखित विशेषताओं द्वारा समझा जा सकता है:
- अंतःविषय: यह भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, और राजनीति विज्ञान सहित विभिन्न विषयों से ज्ञान और तरीकों को एकीकृत करता है।
- स्थानिक: यह पृथ्वी की सतह पर स्थान और स्थानिक पैटर्न पर ध्यान केंद्रित करता है।
- गतिशील: यह समय के साथ मानव-पर्यावरण संबंधों में परिवर्तन का अध्ययन करता है।
- मानव-केंद्रित: यह मानव अनुभव और एजेंसी पर केंद्रित है।
मानव भूगोल के मुख्य विषयों में शामिल हैं:
- जनसंख्या वितरण और घनत्व
- जनसंख्या वृद्धि और प्रवास
- आर्थिक गतिविधियाँ और भूमि उपयोग
- सांस्कृतिक भूगोल
- राजनीतिक भूगोल
- शहरी भूगोल
- ग्रामीण भूगोल
- पर्यावरणीय भूगोल
मानव भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि मनुष्य पृथ्वी पर कैसे रहते हैं और वे अपने पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं। यह ज्ञान हमें बेहतर भविष्य के लिए टिकाऊ और न्यायपूर्ण समाधान विकसित करने में मदद कर सकता है.
प्र.क्र. 2. मानव भूगोल के विषय क्षेत्र का वर्णन कीजिए ।
Ans. मानव भूगोल, भूगोल की एक शाखा है जो मानव और उसके पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करती है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कैसे मनुष्य पृथ्वी की सतह पर वितरित होते हैं, वे विभिन्न स्थानों पर कैसे रहते हैं और काम करते हैं, और वे अपने पर्यावरण को कैसे बदलते हैं।
मानव भूगोल का विषय क्षेत्र व्यापक है और इसमें विभिन्न उप-क्षेत्र शामिल हैं:
1. जनसंख्या भूगोल: यह जनसंख्या वितरण, घनत्व, वृद्धि, प्रवास, संरचना और गतिशीलता का अध्ययन करता है।
2. आर्थिक भूगोल: यह कृषि, उद्योग, व्यापार, सेवाओं और अन्य आर्थिक गतिविधियों के स्थानिक पैटर्न का अध्ययन करता है।
3. सांस्कृतिक भूगोल: यह भाषा, धर्म, रीति-रिवाजों, कला और अन्य सांस्कृतिक तत्वों के स्थानिक वितरण का अध्ययन करता है।
4. राजनीतिक भूगोल: यह राजनीतिक व्यवस्थाओं, सीमाओं, राज्यों और राष्ट्रों के स्थानिक पैटर्न का अध्ययन करता है।
5. शहरी भूगोल: यह शहरों की उत्पत्ति, विकास, संरचना, कार्य और समस्याओं का अध्ययन करता है।
6. ग्रामीण भूगोल: यह ग्रामीण क्षेत्रों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विशेषताओं का अध्ययन करता है।
7. पर्यावरणीय भूगोल: यह मानव गतिविधियों के पर्यावरणीय प्रभावों और पर्यावरणीय परिवर्तन के सामाजिक और आर्थिक परिणामों का अध्ययन करता है।
इन उप-क्षेत्रों के अलावा, मानव भूगोल में कई अन्य विषय भी शामिल हैं जैसे कि स्वास्थ्य भूगोल, पर्यटन भूगोल, और विकास भूगोल। मानव भूगोल का विषय क्षेत्र समय के साथ विकसित होता रहता है। नए मुद्दों और चुनौतियों का सामना करने के लिए, मानव भूगोलवेत्ता नए तरीकों और तकनीकों का उपयोग करते हैं। मानव भूगोल हमें यह समझने में मदद करता है कि मनुष्य पृथ्वी पर कैसे रहते हैं और वे अपने पर्यावरण को कैसे प्रभावित करते हैं। यह ज्ञान हमें बेहतर भविष्य के लिए टिकाऊ और न्यायपूर्ण समाधान विकसित करने में मदद कर सकता है.
प्र.क्र. 3. “प्रकृति तथा मानव अविभाज्य तत्व होते हैं ।" इस कथन की पुष्टि कीजिए ।
Ans. प्रकृति और मानव: अविभाज्य तत्व
यह कथन बिल्कुल सत्य है कि प्रकृति और मानव अविभाज्य तत्व हैं। निम्नलिखित बिंदु इसकी पुष्टि करते हैं:
- आधार: प्रकृति मानव के अस्तित्व का आधार है। हमारी सभी मूलभूत आवश्यकताएं - भोजन, पानी, वायु, आश्रय - प्रकृति से ही प्राप्त होती हैं।
- संसाधन: प्राकृतिक संसाधन जैसे धातु, खनिज, जीवाश्म ईंधन मानव विकास और प्रगति के लिए आवश्यक हैं। ये संसाधन ही हमें आधुनिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करते हैं।
- पर्यावरण: प्रकृति ही हमारा पर्यावरण है। यह वायु, जल और भूमि की गुणवत्ता को बनाए रखती है, जो मानव स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आवश्यक है।
- प्रभाव: मनुष्य अपने कार्यों से प्रकृति को प्रभावित करता है। प्रदूषण, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे इस बात के उदाहरण हैं कि मानव गतिविधियां प्रकृति को कैसे प्रभावित करती हैं। प्रकृति के असंतुलन से मानव जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
संक्षेप में, प्रकृति और मानव एक दूसरे पर निर्भर हैं। प्रकृति मानव अस्तित्व का आधार प्रदान करती है, और मानव प्रकृति को प्रभावित करता है। यह एक पारस्परिक संबंध है, जहां दोनों तत्व अविभाज्य हैं।
प्र.क्र. 4. जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत के तीन अवस्थाओं का वर्णन करते हुए सचित्र व्याख्या कीजिए ।
Ans.
1. प्री-ट्रांज़िशन चरण:
- उच्च जन्म दर (30-40 प्रति 1000)
- उच्च मृत्यु दर (20-30 प्रति 1000)
- धीमी जनसंख्या वृद्धि
- मुख्य कारण: खराब स्वास्थ्य, कम जीवन प्रत्याशा, अशिक्षा, और कम जीवन स्तर
2. ट्रांज़िशन चरण:
- जन्म दर में गिरावट
- मृत्यु दर में गिरावट
- तीव्र जनसंख्या वृद्धि
- मुख्य कारण: आर्थिक विकास, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, और जीवन स्तर में सुधार
3. पोस्ट-ट्रांज़िशन चरण:
- कम जन्म दर (10-15 प्रति 1000)
- कम मृत्यु दर (5-10 प्रति 1000)
- धीमी या स्थिर जनसंख्या वृद्धि
- मुख्य कारण: परिवार नियोजन, शहरीकरण, और लैंगिक समानता
यह सिद्धांत यह भी बताता है कि आर्थिक विकास, सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति जन्म और मृत्यु दर को प्रभावित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या वृद्धि में परिवर्तन होता है।
प्र.क्र. 5. मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता और सतत् पोषणीयता से आप क्या समझते हैं?
Ans. मानव विकास अवधारणा में समता और सतत पोषणीयता
समता:
मानव विकास अवधारणा में समता का अर्थ है सभी लोगों के लिए समान अवसर और जीवन स्तर प्रदान करना। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- आर्थिक समानता: सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और आय के समान अवसर मिलें।
- सामाजिक समानता: सभी को लिंग, जाति, धर्म, या सामाजिक स्थिति के आधार पर भेदभाव के बिना समान अधिकार और सम्मान मिले।
- लैंगिक समानता: महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर और अधिकार मिलें।
सतत पोषणीयता:
सतत पोषणीयता का अर्थ है वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग इस तरह से करना कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी इन संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- पर्यावरणीय संरक्षण: प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रदूषण को कम करना।
- आर्थिक विकास: आर्थिक विकास जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए।
- सामाजिक न्याय: सभी लोगों को पर्यावरणीय संसाधनों तक समान पहुंच प्रदान करना।
मानव विकास अवधारणा में समता और सतत पोषणीयता महत्वपूर्ण हैं क्योंकि:
- वे सभी लोगों के लिए बेहतर जीवन स्तर प्रदान करते हैं।
- वे भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया सुनिश्चित करते हैं।
- वे पर्यावरण को नुकसान से बचाते हैं।
प्र.क्र. 6. मानव विकास से क्या तात्पर्य है? मानव विकास के स्तंभो की व्याख्या कीजिए ।
Ans. मानव विकास: परिभाषा और स्तंभ
मानव विकास एक व्यापक अवधारणा है जो लोगों के जीवन स्तर में सुधार को दर्शाता है। यह केवल आर्थिक विकास से परे है और इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन प्रत्याशा, सामाजिक न्याय, और स्वतंत्रता जैसे कारकों को भी शामिल करता है।
मानव विकास के चार स्तंभ हैं:
1. समता: सभी लोगों के लिए समान अवसर और जीवन स्तर प्रदान करना। 2. उत्पादकता: लोगों को अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम बनाना। 3. सशक्तिकरण: लोगों को अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने में सक्षम बनाना। 4. स्थिरता: वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग इस तरह से करना कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी इन संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
मानव विकास के स्तंभों के बीच संबंध:
- समता: उत्पादकता, सशक्तिकरण और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
- उत्पादकता: समता, सशक्तिकरण और स्थिरता को बढ़ावा देती है।
- सशक्तिकरण: समता, उत्पादकता और स्थिरता को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
- स्थिरता: समता, उत्पादकता और सशक्तिकरण को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
मानव विकास के महत्व:
- यह लोगों के जीवन स्तर में सुधार करता है।
- यह गरीबी और असमानता को कम करता है।
- यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
- यह पर्यावरण को बचाता है।
प्र.क्र. 7. जनसंख्या के ग्रामीण नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए ।
Ans. ग्रामीण:
- परिभाषा: 5,000 से कम आबादी वाले क्षेत्रों को ग्रामीण माना जाता है।
- विशेषताएं: कृषि मुख्य व्यवसाय है, कम जनसंख्या घनत्व, कम सामाजिक सुविधाएं, कम आय स्तर, आदि।
नगरीय:
- परिभाषा: 5,000 से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों को नगरीय माना जाता है।
- विशेषताएं: विविध व्यवसाय, उच्च जनसंख्या घनत्व, उच्च सामाजिक सुविधाएं, उच्च आय स्तर, आदि।
भारत में ग्रामीण नगरीय संघटन:
- ग्रामीण: 66.84% (2021)
- नगरीय: 33.16% (2021)
शहरीकरण:
- परिभाषा: ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या का स्थानांतरण।
- कारण: शिक्षा, रोजगार, बेहतर जीवन स्तर, आदि।
- भारत में: 2001 में 27.78% से 2021 में 33.16% तक वृद्धि।
ग्रामीण-नगरीय संघटन के प्रभाव:
- ग्रामीण क्षेत्रों में: जनसंख्या घनत्व में कमी, युवाओं का पलायन, कृषि में श्रमिकों की कमी, आदि।
- नगरीय क्षेत्रों में: जनसंख्या घनत्व में वृद्धि, बुनियादी ढांचे पर दबाव, प्रदूषण, आदि।
प्र.क्र. 8.स्थानांतरित कृषि किसे कहते हैं? इसके लक्षणों को लिखिए ।
Ans. स्थानांतरित कृषि:
स्थानांतरित कृषि एक आदिम कृषि प्रणाली है जिसमें जंगलों को साफ करके कुछ वर्षों तक खेती की जाती है और जब मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है तो इसे छोड़कर दूसरी जगह जंगल साफ करके खेती शुरू कर दी जाती है।
स्थानांतरित कृषि के लक्षण:
- जंगलों पर निर्भरता: यह कृषि प्रणाली जंगलों पर निर्भर करती है।
- अस्थायी खेती: खेती कुछ वर्षों तक ही की जाती है।
- जंगल काटना: खेती के लिए जंगलों को काटा जाता है।
- जमीन की उर्वरता में कमी: कुछ वर्षों के बाद जमीन की उर्वरता कम हो जाती है।
- कम उत्पादन: उत्पादन कम होता है।
- आर्थिक रूप से कमजोर: इस कृषि प्रणाली से जुड़े लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं।
- सामाजिक रूप से पिछड़ा: इस कृषि प्रणाली से जुड़े लोग सामाजिक रूप से पिछड़े होते हैं।
स्थानांतरित कृषि के प्रभाव:
- जंगलों का विनाश: जंगलों का विनाश
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन
- जैव विविधता का नुकसान: जैव विविधता का नुकसान
- मिट्टी का क्षरण: मिट्टी का क्षरण
प्र.क्र. 9. उद्योगों के स्थानीयकरण के कारकों का वर्णन कीजिए ।
Ans. उद्योगों के स्थानीयकरण के कारक:
1. कच्चा माल: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो।
2. बाजार: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ बाजार आसानी से उपलब्ध हो।
3. परिवहन: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ परिवहन सुविधाएं अच्छी हों।
4. श्रम: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ श्रमिक आसानी से उपलब्ध हों।
5. बिजली: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ बिजली आसानी से उपलब्ध हो।
6. पानी: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ पानी आसानी से उपलब्ध हो।
7. जलवायु: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ जलवायु अनुकूल हो।
8. सरकारी नीतियां: सरकारें उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नीतियां बनाती हैं।
9. बुनियादी ढांचा: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ बुनियादी ढांचा अच्छा हो।
10. सुरक्षा: उद्योगों की स्थापना उन स्थानों पर होती है जहाँ सुरक्षा का माहौल हो।
उद्योगों के स्थानीयकरण के प्रभाव:
1. रोजगार: उद्योगों की स्थापना से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
2. विकास: उद्योगों की स्थापना से क्षेत्र का विकास होता है।
3. प्रदूषण: उद्योगों से प्रदूषण भी हो सकता है।
4. सामाजिक परिवर्तन: उद्योगों की स्थापना से सामाजिक परिवर्तन भी होते हैं।
प्र.क्र. 10.संसार में प्रचलित रोपण कृषि की किन्ही पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
Ans. रोपण कृषि की पाँच विशेषताएं:
1. बड़े पैमाने पर: रोपण कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है।
2. एकल फसल: रोपण कृषि में एक ही फसल का उत्पादन किया जाता है।
3. पूँजी-गहन: रोपण कृषि पूँजी-गहन होती है।
4. श्रमिक: रोपण कृषि में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
5. बाजार: रोपण कृषि के उत्पादों का बाजार अंतरराष्ट्रीय होता है।
अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं:
- रोपण कृषि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्रचलित है।
- रोपण कृषि के प्रमुख उत्पाद चाय, कॉफी, रबर, नारियल, और तंबाकू हैं।
- रोपण कृषि का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
प्र.क्र. 11.भारतीय कृषि की समस्याओं का विस्तार से वर्णन कीजिए। (कोई पाँच)
Ans. भारतीय कृषि की 5 प्रमुख समस्याएं:
- छोटी जोत: भारत में कृषि भूमि की औसत जोत बहुत छोटी है, जो किसानों के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना मुश्किल बनाता है।
- मौसम पर निर्भरता: भारत में कृषि मानसून पर बहुत अधिक निर्भर करती है, जिसके कारण फसल उत्पादन में अस्थिरता होती है।
- ऋण का बोझ: कई किसान कर्ज में डूबे हुए हैं, जिसके कारण उन्हें आत्महत्या जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- बाजार व्यवस्था: किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, जिसके कारण उनकी आय कम होती है।
- आधुनिक तकनीकों का अभाव: कई किसान आधुनिक तकनीकों का उपयोग नहीं करते हैं, जिसके कारण फसल उत्पादन कम होता है।
प्र.क्र. 12.जलसंभर प्रबंधन को समझाइए ।
Ans. जलसंभर प्रबंधन:
जलसंभर एक ऐसा क्षेत्र होता है जहाँ वर्षा जल एक नदी या झील में बहता है। जलसंभर प्रबंधन का अर्थ है जलसंभर क्षेत्र में जल संसाधनों का स्थायी उपयोग और संरक्षण।
जलसंभर प्रबंधन के उद्देश्य:
- जल संसाधनों का स्थायी उपयोग
- बाढ़ और सूखे से बचाव
- मिट्टी का क्षरण रोकना
- जल प्रदूषण को कम करना
- जैव विविधता का संरक्षण
जलसंभर प्रबंधन के उपाय:
- वृक्षारोपण
- वर्षा जल संचयन
- मिट्टी संरक्षण
- जल संरक्षण
- जल प्रदूषण नियंत्रण
- लोगों की भागीदारी
जलसंभर प्रबंधन के लाभ:
- जल संसाधनों की उपलब्धता में वृद्धि
- बाढ़ और सूखे से बचाव
- मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि
- कृषि उत्पादन में वृद्धि
- जैव विविधता का संरक्षण
- लोगों के जीवन स्तर में सुधार
प्र.क्र. 13. ऋतुओं के आधार पर भारतीय कृषि के प्रकारों का वर्णन कीजिए ।
Ans. ऋतुओं के आधार पर भारतीय कृषि के प्रकार:
भारत में कृषि मुख्य रूप से तीन ऋतुओं पर आधारित होती है:
1. खरीफ: यह वर्षा ऋतु (जून-सितंबर) में होती है। इस ऋतु में मुख्य फसलें धान, बाजरा, मक्का, ज्वार, मूंगफली, सोयाबीन, कपास, और गन्ना हैं।
2. रबी: यह शीत ऋतु (अक्टूबर-मार्च) में होती है। इस ऋतु में मुख्य फसलें गेहूं, चना, सरसों, तिल, अलसी, और मटर हैं।
3. जायद: यह ग्रीष्म ऋतु (मार्च-जून) में होती है। इस ऋतु में मुख्य फसलें तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, और भिंडी हैं।
इन ऋतुओं के अलावा, कुछ अन्य प्रकार की कृषि भी होती हैं:
- बागवानी: फल और सब्जियों की खेती।
- पशुपालन: पशुओं का पालन दूध, मांस, और अन्य उत्पादों के लिए।
- मत्स्य पालन: मछलियों का पालन।
- वन कृषि: वन क्षेत्रों में कृषि।
भारत में कृषि का प्रकार कई कारकों पर निर्भर करता है:
- मौसम: वर्षा, तापमान, और धूप की मात्रा।
- मिट्टी: मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता।
- सिंचाई: पानी की उपलब्धता।
- बाजार: फसलों के लिए बाजार की उपलब्धता।
प्र.क्र. 14. हरित क्रांति पर निबंध लिखिए |
Ans. हरित क्रांति: हरित क्रांति कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव था, जिसने भारत को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह 1960 के दशक में शुरू हुआ और 1970 और 1980 के दशक में इसका प्रभाव चरम पर था।
हरित क्रांति के मुख्य कारक:
- उच्च उपज देने वाली किस्में (HYVs): HYVs गेहूं और चावल की किस्में थीं जो पारंपरिक किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती थीं।
- रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक: HYVs को अधिक उर्वरक और कीटनाशकों की आवश्यकता होती थी, जिसके कारण कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई।
- सिंचाई: सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि ने किसानों को साल भर खेती करने में सक्षम बनाया।
हरित क्रांति के प्रभाव:
- खाद्य उत्पादन में वृद्धि: हरित क्रांति के कारण भारत में खाद्य उत्पादन में भारी वृद्धि हुई।
- खाद्य सुरक्षा: भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बन गया।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार: कृषि उत्पादन में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
- रोजगार में वृद्धि: कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई।
हरित क्रांति की चुनौतियां:
- पर्यावरणीय प्रभाव: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से पर्यावरण को नुकसान हुआ।
- मिट्टी की उर्वरता में कमी: रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में कमी आई।
- जल संकट: सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता में वृद्धि से जल संकट पैदा हुआ।
- आर्थिक असमानता: हरित क्रांति का लाभ सभी किसानों को समान रूप से नहीं मिला।
प्र.क्र. 15.भारत में सिंचाई की आवश्यकता क्यों है? प्रमुख 5 कारकों की व्याख्या कीजिए ।
Ans. भारत में सिंचाई की आवश्यकता:
भारत में सिंचाई कई कारणों से आवश्यक है, जिनमें से 5 प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. वर्षा की अनिश्चितता: भारत में वर्षा अनिश्चित और असमान होती है। कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है, जबकि अन्य क्षेत्रों में सूखा पड़ता है। सिंचाई किसानों को वर्षा पर निर्भर किए बिना फसल उगाने में मदद करती है।
2. मानसूनी जलवायु: भारत में मानसूनी जलवायु है, जिसके कारण वर्षा का अधिकांश भाग कुछ ही महीनों में होता है। सिंचाई किसानों को वर्षा ऋतु के अलावा भी फसल उगाने में मदद करती है।
3. बढ़ती जनसंख्या: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की मांग भी बढ़ रही है। सिंचाई किसानों को अधिक खाद्यान्न उत्पादन करने में मदद करती है।
4. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, जिसके कारण सूखे की घटनाएं बढ़ रही हैं। सिंचाई किसानों को सूखे की स्थिति में भी फसल उगाने में मदद करती है।
5. मिट्टी की गुणवत्ता: भारत में मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी नहीं है, जिसके कारण फसल उत्पादन कम होता है। सिंचाई मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने और फसल उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है।
प्र.क्र. 16. जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वन्दों और विवादो को जन्म देते हैं । इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए |
Ans. जल संसाधनों का ह्रास सामाजिक द्वन्द्व और विवादों को जन्म देता है:
जल संसाधनों का ह्रास एक गंभीर समस्या है जो कई सामाजिक द्वन्द्व और विवादों को जन्म दे सकती है। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
1. पानी की कमी: जब पानी की कमी होती है, तो लोगों के बीच पानी के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है। यह विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष और तनाव का कारण बन सकता है, जैसे कि किसानों, शहरवासियों, और उद्योगों के बीच।
2. जल प्रदूषण: जब जल प्रदूषित होता है, तो यह लोगों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर को प्रभावित करता है। यह लोगों के बीच गुस्सा और आक्रोश पैदा कर सकता है, और सरकार और उद्योगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो सकता है।
3. जल अधिकार: जल संसाधनों के स्वामित्व और उपयोग के अधिकारों को लेकर अक्सर विवाद होते हैं। यह विभिन्न समूहों के बीच संघर्ष और तनाव का कारण बन सकता है, जैसे कि देशों, राज्यों, और समुदायों के बीच।
4. जल विस्थापन: जल संसाधनों के विकास के कारण लोगों को अपने घरों से विस्थापित किया जा सकता है। यह लोगों के बीच सामाजिक और आर्थिक असमानता को बढ़ा सकता है, और सामाजिक अशांति का कारण बन सकता है।
उदाहरण:
- भारत में, गंगा नदी के जल के उपयोग को लेकर कई राज्यों के बीच विवाद है।
- अफ्रीका में, नील नदी के जल के उपयोग को लेकर कई देशों के बीच विवाद है।
- चीन में, जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण लोगों के बीच गुस्सा और आक्रोश है।
प्र.क्र. 17. भारत में जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी किन्ही पाँच कारकों की व्याख्या कीजिए ।
Ans. भारत में जल संसाधनों की कमी के 5 प्रमुख कारक:
1. बढ़ती जनसंख्या: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण पानी की मांग भी बढ़ रही है।
2. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के पैटर्न में बदलाव हो रहा है, जिसके कारण सूखे की घटनाएं बढ़ रही हैं।
3. जल प्रदूषण: औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट जल को नदियों और झीलों में डालने से जल प्रदूषण होता है, जिसके कारण पानी की गुणवत्ता कम होती है।
4. जल संसाधनों का अत्यधिक उपयोग: किसानों द्वारा सिंचाई के लिए और उद्योगों द्वारा उत्पादन के लिए पानी का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, जिसके कारण पानी की कमी होती है।
5. जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कमी: लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कमी है, जिसके कारण पानी का बर्बाद होता है।
इन कारकों के अलावा, कुछ अन्य कारक भी हैं जो भारत में जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी हैं, जैसे कि:
- भूजल का अत्यधिक दोहन: भूजल का अत्यधिक दोहन भूजल स्तर में गिरावट का कारण बनता है, जिसके कारण पानी की कमी होती है।
- वनों की कटाई: वनों की कटाई मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता को कम करती है, जिसके कारण पानी की कमी होती है।
- अवैध जल निकासी: अवैध जल निकासी भूजल स्तर में गिरावट का कारण बनता है, जिसके कारण पानी की कमी होती है।
प्र.क्र. 18.भारत में परिवहन साधनों का चार्ट से प्रदर्शित करते हुए किसो एक का वर्णन कीजिए |
Ans. भारत में परिवहन साधनों का चार्ट:
परिवहन का साधन | प्रतिशत |
---|---|
सड़क मार्ग | 67% |
रेल मार्ग | 32% |
जल मार्ग | 1% |
हवाई मार्ग | 0.01% |
सड़क मार्ग: भारत में परिवहन का सबसे महत्वपूर्ण साधन सड़क मार्ग है। यह देश के कुल परिवहन का 67% हिस्सा है। भारत में सड़कों का एक विशाल नेटवर्क है, जिसकी कुल लंबाई 5.89 मिलियन किलोमीटर है। सड़क मार्ग सभी प्रकार के वस्तुओं और लोगों के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है।
रेल मार्ग: भारत में परिवहन का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन रेल मार्ग है। यह देश के कुल परिवहन का 32% हिस्सा है। भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जिसकी कुल लंबाई 67,368 किलोमीटर है। रेल मार्ग मुख्य रूप से लोगों और भारी वस्तुओं के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है।
जल मार्ग: भारत में परिवहन का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण साधन जल मार्ग है। यह देश के कुल परिवहन का 1% हिस्सा है। भारत में जलमार्गों का एक विशाल नेटवर्क है, जिसकी कुल लंबाई 14,500 किलोमीटर है। जल मार्ग मुख्य रूप से भारी वस्तुओं के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है।
हवाई मार्ग: भारत में परिवहन का चौथा सबसे महत्वपूर्ण साधन हवाई मार्ग है। यह देश के कुल परिवहन का 0.01% हिस्सा है। भारत में हवाई अड्डों का एक विशाल नेटवर्क है, जिनकी संख्या 450 से अधिक है। हवाई मार्ग मुख्य रूप से लोगों और हल्के वस्तुओं के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है।
सड़क मार्ग का वर्णन:
सड़क मार्ग भारत में परिवहन का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। यह देश के सभी भागों को जोड़ता है और सभी प्रकार के वस्तुओं और लोगों के परिवहन के लिए उपयोग किया जाता है। सड़क मार्ग का विकास भारत के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
सड़क मार्ग के लाभ:
- यह परिवहन का एक लचीला साधन है।
- यह सभी प्रकार के वस्तुओं और लोगों के परिवहन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- यह अपेक्षाकृत सस्ता परिवहन का साधन है।
सड़क मार्ग की चुनौतियां:
- सड़कों की खराब स्थिति।
- सड़कों पर भीड़भाड़।
- सड़क दुर्घटनाएं।
प्र.क्र. 19.भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन कीजिए एवं सड़क परिवहन के लाभ लिखिए ।
Ans. भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका:
सड़कें भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे देश के विभिन्न भागों को जोड़ते हैं और लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को आसान बनाते हैं। यह व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देता है, जो बदले में आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
सड़कें निम्नलिखित तरीकों से भारत के आर्थिक विकास में योगदान करती हैं:
- व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देते हैं: सड़कें देश के विभिन्न भागों को जोड़ते हैं और लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को आसान बनाते हैं। यह व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देता है, जो बदले में आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
- रोजगार सृजन: सड़क निर्माण और रखरखाव से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
- पर्यटन को बढ़ावा देते हैं: अच्छी सड़कें पर्यटन को बढ़ावा देती हैं, जो बदले में विदेशी मुद्रा अर्जन को बढ़ाता है।
- कृषि विकास: सड़कें किसानों को अपनी उपज को बाजारों तक पहुंचाने में मदद करती हैं, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य मिलता है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: सड़कें बच्चों को स्कूल जाने और लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने में मदद करती हैं।
सड़क परिवहन के लाभ:
- लचीलापन: सड़क परिवहन एक लचीला साधन है जो विभिन्न प्रकार के वस्तुओं और लोगों को परिवहन करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- सुविधा: सड़क परिवहन अपेक्षाकृत सुविधाजनक है क्योंकि यह लोगों को अपने घरों से ही निकलने और अपनी मर्जी से यात्रा करने की अनुमति देता है।
- कम लागत: सड़क परिवहन रेल या हवाई परिवहन की तुलना में अपेक्षाकृत कम लागत वाला साधन है।
प्र.क्र. 20. परिवहन एवं संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए ।
Ans. परिवहन एवं संचार सेवाओं की सार्थकता:
परिवहन और संचार सेवाएं किसी भी देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को आसान बनाते हैं, और लोगों को एक दूसरे से जुड़ने में मदद करते हैं।
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट की गई है:
1. व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देते हैं: परिवहन और संचार सेवाएं व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देती हैं। वे लोगों और वस्तुओं को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में मदद करते हैं, जिससे व्यापार और वाणिज्य में वृद्धि होती है।
2. रोजगार सृजन: परिवहन और संचार सेवाएं रोजगार के अवसर पैदा करती हैं। परिवहन और संचार क्षेत्र में लाखों लोग काम करते हैं।
3. आर्थिक विकास: परिवहन और संचार सेवाएं आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं। वे लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को आसान बनाते हैं, और लोगों को एक दूसरे से जुड़ने में मदद करते हैं, जिससे आर्थिक विकास में वृद्धि होती है।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य: परिवहन और संचार सेवाएं शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बनाती हैं। वे लोगों को स्कूलों और अस्पतालों तक आसानी से पहुंचने में मदद करते हैं।
5. सामाजिक विकास: परिवहन और संचार सेवाएं सामाजिक विकास को बढ़ावा देती हैं। वे लोगों को एक दूसरे से जुड़ने और विचारों और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद करते हैं, जिससे सामाजिक विकास में वृद्धि होती है।
6. राष्ट्रीय सुरक्षा: परिवहन और संचार सेवाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे सैनिकों और सैन्य उपकरणों को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में मदद करते हैं।
7. मनोरंजन: परिवहन और संचार सेवाएं मनोरंजन के अवसरों तक पहुंच को बेहतर बनाती हैं। वे लोगों को विभिन्न मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेने में मदद करते हैं।
(प्रत्येक प्रश्न पर 1 अंक निर्धारित है ।)
प्र.क्र. 1. तीव्र जनसंख्या की स्थिति को क्या कहते हैं?
Ans. तीव्र जनसंख्या की स्थिति को जनसंख्या विस्फोट या जनसंख्या संक्रमण कहा जाता है।
प्र.क्र. 2. विश्व में सबसे अधिक प्रजनन दर वाला देश कौन सा है ?
Ans. विश्व में सबसे अधिक प्रजनन दर वाला देश नाइजर है।
प्र.क्र. 3. विश्व में जनसंख्या के हिसाब से भारत का स्थान कौन सा है?
Ans. विश्व में जनसंख्या के हिसाब से भारत का स्थान दूसरा है।
प्र.क्र. 4. निम्न मानव सूचकांक मूल्य वाले कोई दो देशों के नाम लिखिए ।
Ans.
- नाइजीरिया: 0.534 (2021)
- दक्षिण सूडान: 0.511 (2021)
प्र.क्र. 5. कार्यशील जनसंख्या किसे कहते हैं?
Ans. कार्यशील जनसंख्या उन लोगों का समूह है जो काम करने में सक्षम और इच्छुक हैं। यह आमतौर पर 15 से 59 वर्ष की आयु के बीच के लोगों को संदर्भित करता है।
प्र.क्र. 6. आयु संरचना को कितने वर्गों में बाँटा गया है?
Ans. आयु संरचना को आमतौर पर तीन वर्गों में बाँटा गया है:
1. बाल आयु वर्ग: 0-14 वर्ष 2. कार्यशील आयु वर्ग: 15-59 वर्ष 3. वृद्ध आयु वर्ग: 60 वर्ष और उससे अधिक
प्र.क्र. 7. प्राथमिक क्रियाएं किसे कहते हैं?
Ans. प्राथमिक क्रियाएं वे क्रियाएं हैं जो सीधे प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित हैं। इनमें कृषि, पशुपालन, वानिकी, मछली पालन, खनन और quarrying शामिल हैं।
प्र.क्र. 8. जंग का कटोरा किसे कहते हैं?
Ans. जंग का कटोरा एक ऐसा क्षेत्र है जो लकड़ी के उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र आमतौर पर घने जंगलों से ढका होता है और यहाँ लकड़ी उद्योग महत्वपूर्ण होता है।
प्र.क्र. 9. प्रौद्योगिकी ध्रुव किसे कहते हैं?
Ans. - एक ऐसा क्षेत्र है जो उच्च तकनीक उद्योगों और अनुसंधान और विकास केंद्रों का केंद्र है। यह क्षेत्र आमतौर पर विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ उच्च तकनीक कंपनियों का घर होता है।
प्र.क्र. 10. साफ्टा (SAFTA ) क्या है ?
Ans. साफ्टा (SAFTA) का अर्थ है दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asian Free Trade Area)। यह एक मुक्त व्यापार समझौता है जो दक्षिण एशिया के आठ देशों के बीच हुआ है।
प्र.क्र. 11. महामार्ग किसे कहा जाता है?
Ans. महामार्ग एक ऐसा मार्ग होता है जो विभिन्न शहरों और राज्यों को जोड़ता है। यह आमतौर पर चौड़ा और बहु-लेन वाला होता है।
प्र.क्र. 12. OPEC ओपेक का मुख्यालय कहाँ है ?
Ans. ओपेक का मुख्यालय ऑस्ट्रिया के विएना में स्थित है।
प्र.क्र. 13. स्वेज नहर का निर्माण कब हुआ?
Ans. ज नहर का निर्माण 1869 में हुआ था।
प्र.क्र. 14. जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं?
Ans. जनसंख्या घनत्व किसी क्षेत्र में प्रति इकाई क्षेत्रफल में रहने वाले लोगों की संख्या को दर्शाता है।
प्र.क्र. 15. उत्प्रवास किसे कहते हैं?
Ans. उत्प्रवास किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा अपने मूल देश या क्षेत्र को छोड़कर किसी अन्य देश या क्षेत्र में स्थायी रूप से बसने के लिए जाने को कहते हैं।
प्र.क्र. 16.भारत का पहला प्रवास किस महाद्वीप में हुआ था ?
Ans. भारत का पहला प्रवास अफ्रीका महाद्वीप में हुआ था।
प्र.क्र. 17.सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के किस राज्य की जनसंख्या सर्वाधिक है?
Ans. सन 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है।
प्र.क्र. 18. एशिया के विशालतम गंदी बस्ती का नाम क्या है?
Ans. एशिया की विशालतम गंदी बस्ती का नाम धारावी है। यह भारत के मुंबई शहर में स्थित है।
प्र.क्र. 19 ध्वनि प्रदूषण से उत्पन्न शारीरिक विकार कौन-कौन से हैं?
Ans.
- कर्णक्ष्वेड:
- अनिद्रा:
- तनाव:
- सिरदर्द:
- एकाग्रता में कमी:
प्र.क्र. 20. प्रदूषण से क्या तात्पर्य है?
Ans. प्रदूषण का तात्पर्य वायु, जल, मिट्टी आदि में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति से है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्र.क्र. 1. जन्मदर एवं मृत्युदर में अंतर स्पष्ट कीजिए। (कोई तीन)
Ans. जन्मदर एवं मृत्युदर में अंतर (तीन बिंदु):
-
परिभाषा:
- जन्मदर: एक निश्चित अवधि (आमतौर पर प्रति वर्ष) में प्रति 1000 व्यक्तियों पर जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या।
- मृत्युदर: एक निश्चित अवधि (आमतौर पर प्रति वर्ष) में प्रति 1000 व्यक्तियों पर मरने वाले लोगों की संख्या।
-
प्रभाव:
- जन्मदर: जनसंख्या वृद्धि में योगदान देता है।
- मृत्युदर: जनसंख्या वृद्धि को कम करता है।
-
कारक:
- जन्मदर: सामाजिक-आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा का स्तर, परिवार नियोजन, सांस्कृतिक मानदंड आदि।
- मृत्युदर: स्वास्थ्य सुविधाएं, जीवन स्तर, पोषण, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, बीमारियां, प्राकृतिक आपदाएं आदि।
प्र.क्र. 2. मानव विकास के प्रमुख स्तंभों का वर्णन कीजिए। (कोई तीन)
Ans. मानव विकास के प्रमुख स्तंभ (तीन बिंदु):
-
आर्थिक विकास:
- आय और जीवन स्तर में वृद्धि।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि।
- गरीबी में कमी।
-
सामाजिक विकास:
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार।
- लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना।
- सामाजिक सुरक्षा जाल का विस्तार।
-
पर्यावरणीय स्थिरता:
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।
- प्रदूषण को कम करना।
- जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना।
प्र.क्र. 3. प्रवास से क्या आशय है ? प्रवास कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. प्रवास: परिभाषा और प्रकार
प्रवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थायी या अस्थायी रूप से लोगों का जाना है। यह लोगों के जीवन में बेहतर अवसरों की तलाश, आपदाओं से बचाव, या अन्य कारणों से हो सकता है।
प्रवास के प्रकार:
-
दूरी के आधार पर:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास: एक देश से दूसरे देश में प्रवास।
- आंतरिक प्रवास: एक देश के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास।
-
अवधि के आधार पर:
- स्थायी प्रवास: एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थायी रूप से जाना।
- अस्थायी प्रवास: एक स्थान से दूसरे स्थान पर अस्थायी रूप से जाना।
-
कारण के आधार पर:
- आर्थिक प्रवास: बेहतर रोजगार और जीवन स्तर की तलाश में प्रवास।
- शैक्षिक प्रवास: शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवास।
- पारिवारिक प्रवास: परिवार के साथ रहने के लिए प्रवास।
- शरणार्थी प्रवास: युद्ध, उत्पीड़न या प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए प्रवास।
प्र.क्र. 4. प्रवास क्या है? प्रवास कितने प्रकार का होता है?
Ans. प्रवास: परिभाषा और प्रकार
प्रवास एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों का स्थायी या अस्थायी रूप से जाना है। यह लोगों के जीवन में बेहतर अवसरों की तलाश, आपदाओं से बचाव, या अन्य कारणों से हो सकता है।
प्रवास के प्रकार:
1. दूरी के आधार पर:
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास: एक देश से दूसरे देश में प्रवास।
- आंतरिक प्रवास: एक देश के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास।
2. अवधि के आधार पर:
- स्थायी प्रवास: एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थायी रूप से जाना।
- अस्थायी प्रवास: एक स्थान से दूसरे स्थान पर अस्थायी रूप से जाना।
3. कारण के आधार पर:
- आर्थिक प्रवास: बेहतर रोजगार और जीवन स्तर की तलाश में प्रवास।
- शैक्षिक प्रवास: शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवास।
- पारिवारिक प्रवास: परिवार के साथ रहने के लिए प्रवास।
- शरणार्थी प्रवास: युद्ध, उत्पीड़न या प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए प्रवास।
4. प्रवास के अन्य प्रकार:
- पर्यटन: अवकाश या मनोरंजन के लिए प्रवास।
- तीर्थयात्रा: धार्मिक स्थलों पर जाने के लिए प्रवास।
- अवैध प्रवास: कानूनी रूप से अनुमति के बिना प्रवास।
प्र.क्र. 5. आपके विचार से जनांकिकीय संक्रमण की कौन सी अवस्था जनसंख्या की अनुकूल स्थिति को दर्शाती है ?
Ans. मेरे विचार से जनांकिकीय संक्रमण की तीसरी अवस्था जनसंख्या की अनुकूल स्थिति को दर्शाती है।
तीसरी अवस्था में जन्मदर और मृत्युदर दोनों ही कम होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या वृद्धि दर धीमी हो जाती है। इस अवस्था में, आमतौर पर जीवन स्तर उच्च होता है, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर अच्छा होता है, और लोगों की आय और जीवन प्रत्याशा अधिक होती है।
तीसरी अवस्था के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
- जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण: धीमी जनसंख्या वृद्धि प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण पर दबाव कम करती है।
- मानव विकास में सुधार: शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होते हैं।
- आर्थिक विकास: एक कुशल और शिक्षित कार्यबल अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करता है।
हालांकि, तीसरी अवस्था में कुछ चुनौतियां भी होती हैं, जैसे कि:
- बुढ़ापे की आबादी में वृद्धि: वृद्ध लोगों की संख्या में वृद्धि सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों पर दबाव डाल सकती है।
- कार्यबल की कमी: युवा लोगों की संख्या कम होने से श्रमिकों की कमी हो सकती है।
प्र.क्र. 6. खनन किसे कहते हैं ? खनन की विधियों का वर्णन कीजिए ।
Ans. खनन: परिभाषा और विधियां
खनन पृथ्वी के गर्भ से धातुओं, अयस्कों, औद्योगिक और अन्य उपयोगी खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया है। यह विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें से कुछ प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं:
1. खुला खनन:
- यह खनन की सबसे पुरानी और सबसे सरल विधि है।
- इस विधि में, खनिज निकालने के लिए पृथ्वी की सतह को खोदा जाता है।
- यह विधि बड़े पैमाने पर खनन के लिए उपयुक्त है।
2. भूमिगत खनन:
- इस विधि में, खनिज निकालने के लिए सुरंगों और शाफ्ट का निर्माण किया जाता है।
- यह विधि उन खनिजों के लिए उपयोगी है जो पृथ्वी की सतह के नीचे गहराई में पाए जाते हैं।
- यह विधि खुले खनन की तुलना में अधिक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है।
3. हाइड्रोलिक खनन:
- इस विधि में, पानी की तेज धारा का उपयोग करके खनिजों को पृथ्वी से बाहर निकाला जाता है।
- यह विधि उन खनिजों के लिए उपयोगी है जो ढीले और पानी में घुलनशील होते हैं।
- यह विधि खुले खनन की तुलना में कम खर्चीली है।
4. ड्रेजिंग:
- इस विधि में, पानी के नीचे से खनिजों को निकालने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
- यह विधि उन खनिजों के लिए उपयोगी है जो नदियों, झीलों या समुद्र के तल में पाए जाते हैं।
- यह विधि अन्य खनन विधियों की तुलना में अधिक महंगी है।
प्र.क्र. 7. जीवकोपार्जन कृषि के अंतर्गत कौन - कौन सी कृषि आती है ?
Ans. जीविकोपार्जन कृषि के अंतर्गत आने वाली कृषि:
जीविकोपार्जन कृषि वह कृषि है जो किसानों और उनके परिवारों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए की जाती है। यह आमतौर पर छोटे पैमाने पर, कम लागत वाली और पारंपरिक तरीकों से की जाती है।
जीविकोपार्जन कृषि के अंतर्गत आने वाली कुछ प्रमुख कृषि प्रकार:
-
निर्वाह कृषि:
- यह जीविकोपार्जन कृषि का सबसे सरल रूप है।
- इस प्रकार की कृषि में, किसान अपने परिवार के लिए भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं।
- यह कृषि आमतौर पर कम उत्पादकता और कम आय वाली होती है।
-
अनुबंध कृषि:
- इस प्रकार की कृषि में, किसान और खरीदार के बीच एक अनुबंध होता है।
- अनुबंध में फसल की कीमत, मात्रा और गुणवत्ता निर्धारित होती है।
- यह कृषि किसानों को बाजार के जोखिम से बचाता है और उन्हें निश्चित आय प्रदान करता है।
-
मिश्रित कृषि:
- इस प्रकार की कृषि में, किसान एक ही खेत में विभिन्न प्रकार की फसलों और पशुओं का पालन करते हैं।
- यह कृषि जोखिम को कम करता है और किसानों की आय में वृद्धि करता है।
-
जैविक कृषि:
- इस प्रकार की कृषि में, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है।
- यह कृषि पर्यावरण के अनुकूल और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
प्र.क्र. 8. परिवहन के साधनों का महत्व लिखिए । (कोई तीन)
Ans. परिवहन के साधनों का महत्व:
-
आर्थिक विकास:
- परिवहन के साधन देश के विभिन्न भागों और दुनिया के अन्य देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देते हैं।
- इससे आर्थिक विकास और समृद्धि होती है।
- रोजगार के अवसरों का सृजन होता है।
-
सामाजिक विकास:
- परिवहन के साधन लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में मदद करते हैं।
- इससे सामाजिक संपर्क और संबंधों में वृद्धि होती है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार होता है।
-
राष्ट्रीय एकता:
- परिवहन के साधन देश के विभिन्न भागों को जोड़ते हैं।
- इससे राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को बढ़ावा मिलता है।
- विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का आदान-प्रदान होता है।
प्र.क्र. 9. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार को समझाइए | (कोई तीन)
Ans. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार:
-
तुलनात्मक लाभ:
- यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का सबसे महत्वपूर्ण आधार है।
- यह सिद्धांत कहता है कि देशों को उन वस्तुओं का उत्पादन और निर्यात करना चाहिए जिनका उत्पादन वे अपेक्षाकृत कम लागत पर कर सकते हैं।
- और उन वस्तुओं का आयात करना चाहिए जिनका उत्पादन वे अपेक्षाकृत अधिक लागत पर करते हैं।
-
मांग और आपूर्ति:
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं और सेवाओं की वैश्विक मांग और आपूर्ति द्वारा निर्धारित होता है।
- यदि किसी वस्तु की वैश्विक मांग उसकी आपूर्ति से अधिक है, तो उस वस्तु की कीमत बढ़ जाएगी।
- इससे उन देशों को निर्यात करने का अवसर मिलेगा जो उस वस्तु का उत्पादन करते हैं।
-
सरकारी नीतियां:
- सरकारी नीतियां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करती हैं।
- सरकारें आयात शुल्क, निर्यात सब्सिडी और व्यापार समझौतों का उपयोग करके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करती हैं।
प्र.क्र. 10. धुएँ की चिमनी वाले उद्योग से क्या तात्पर्य है । स्पष्ट कीजिए ।
Ans. धुएँ की चिमनी वाले उद्योग:
धुएँ की चिमनी वाले उद्योग वे उद्योग हैं जो अपने उत्पादन प्रक्रिया में जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, तेल और गैस का उपयोग करते हैं। इन ईंधनों के जलने से धुआं और अन्य प्रदूषक निकलते हैं, जो चिमनी के माध्यम से वातावरण में छोड़े जाते हैं।
धुएँ की चिमनी वाले उद्योगों के कुछ उदाहरण:
- बिजली उत्पादन
- धातुकर्म
- रसायन
- सीमेंट
- कागज
धुएँ की चिमनी वाले उद्योगों के प्रभाव:
- वायु प्रदूषण: धुएँ की चिमनी वाले उद्योग वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत हैं।
- पानी प्रदूषण: इन उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जल में कई हानिकारक रसायन होते हैं, जो पानी को प्रदूषित करते हैं।
- जमीन प्रदूषण: इन उद्योगों से निकलने वाले ठोस अपशिष्ट जमीन को प्रदूषित करते हैं।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: धुएँ की चिमनी वाले उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषक कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं, जैसे कि श्वसन संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर।
प्र.क्र. 11.तारा आकार प्रतिरूप की तीन विशेषताएँ लिखिए ।
Ans. तारा आकार प्रतिरूप की तीन विशेषताएँ:
- केंद्रीय नगर: तारा आकार प्रतिरूप में एक बड़ा, केंद्रीय नगर होता है जो आसपास के छोटे नगरों से घिरा होता है।
- आवागमन के साधन: केंद्रीय नगर और आसपास के छोटे नगरों के बीच आवागमन के अच्छे साधन होते हैं।
- कार्यात्मक संबंध: केंद्रीय नगर और आसपास के छोटे नगरों के बीच कार्यात्मक संबंध होते हैं। केंद्रीय नगर आमतौर पर व्यापार, वाणिज्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र होता है, जबकि छोटे नगर कृषि, उद्योग या अन्य आर्थिक गतिविधियों पर केंद्रित होते हैं।
प्र.क्र. 12. नगरीय बस्ती का वर्गीकरण कीजिए ।
Ans. गरीय बस्तियों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे:
1. जनसंख्या के आधार पर:
- छोटी नगरीय बस्ती: 5,000 से 20,000 की जनसंख्या
- मध्यम नगरीय बस्ती: 20,000 से 100,000 की जनसंख्या
- बड़ी नगरीय बस्ती: 100,000 से 500,000 की जनसंख्या
- महानगर: 500,000 से अधिक की जनसंख्या
2. कार्य के आधार पर:
- व्यापारिक नगरीय बस्ती: व्यापार और वाणिज्य पर आधारित
- औद्योगिक नगरीय बस्ती: उद्योगों पर आधारित
- प्रशासनिक नगरीय बस्ती: प्रशासनिक कार्यों पर आधारित
- सांस्कृतिक नगरीय बस्ती: सांस्कृतिक गतिविधियों पर आधारित
3. ऐतिहासिक विकास के आधार पर:
- प्राचीन नगरीय बस्ती: प्राचीन काल में स्थापित
- मध्ययुगीन नगरीय बस्ती: मध्य युग में स्थापित
- आधुनिक नगरीय बस्ती: आधुनिक काल में स्थापित
4. सामाजिक-आर्थिक स्थिति के आधार पर:
- विकसित नगरीय बस्ती: उच्च सामाजिक-आर्थिक स्तर
- अल्पविकसित नगरीय बस्ती: निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर
प्र.क्र. 13. प्रवास के जनांकिकीय परिणाम को लिखिए । (कोई तीन)
Ans. प्रवास के जनांकिकीय परिणाम (तीन):
-
जनसंख्या वितरण: प्रवास जनसंख्या वितरण को प्रभावित करता है। लोग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाते हैं, जिससे कुछ क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि और अन्य क्षेत्रों में जनसंख्या कमी होती है।
-
जनसंख्या वृद्धि: प्रवास जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करता है। यदि किसी क्षेत्र में प्रवासियों की संख्या अधिक है, तो उस क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होगी।
-
जनसंख्या संरचना: प्रवास जनसंख्या संरचना को प्रभावित करता है। प्रवासियों की आयु, लिंग और शिक्षा स्तर का उस क्षेत्र की जनसंख्या संरचना पर प्रभाव पड़ता है।
प्र.क्र. 14.भारत में मानव विकास सूचकांक की व्याख्या कीजिए। (कोई तीन )
Ans. 1. एचडीआई का अर्थ:
मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) एक सांख्यिकीय माप है जो किसी देश के विकास स्तर को मापता है। यह तीन घटकों पर आधारित होता है:
- जीवन प्रत्याशा: यह उस औसत आयु को दर्शाता है जिस तक एक व्यक्ति जीने की उम्मीद कर सकता है।
- शिक्षा: यह वयस्कों के बीच साक्षरता दर और बच्चों के बीच स्कूली शिक्षा के वर्षों को दर्शाता है।
- प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय: यह प्रति व्यक्ति आय को दर्शाता है।
2. भारत का एचडीआई:
2021 में भारत का एचडीआई 0.633 था, जो 191 देशों में 131वां स्थान है। यह दर्शाता है कि भारत का मानव विकास स्तर मध्यम है।
3. एचडीआई में भारत की प्रगति:
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में एचडीआई में प्रगति की है। 1990 में भारत का एचडीआई 0.427 था, जो 2021 में बढ़कर 0.633 हो गया है।
प्र.क्र. 15. प्रवास के कोई तीन कारण लिखिए ।
Ans. प्रवास के तीन कारण:
-
आर्थिक: बेहतर जीवन स्तर और रोजगार के अवसरों की तलाश में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं। यह प्रवास का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।
-
सामाजिक: परिवार के साथ रहने, शिक्षा प्राप्त करने, या बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए लोग प्रवास करते हैं।
-
राजनीतिक: राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध, या उत्पीड़न से बचने के लिए लोग प्रवास करते हैं।
प्र.क्र. 16.भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के कारण बताइए | (कोई 3)
Ans. भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के तीन कारण:
-
लिंग चयन: भारत में लिंग चयन एक बड़ी समस्या है। गर्भपात और कन्या भ्रूण हत्या के कारण लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या कम हो रही है।
-
दहेज प्रथा: दहेज प्रथा भारत में एक सामाजिक बुराई है। यह प्रथा लड़कियों के परिवारों पर आर्थिक बोझ डालती है और लिंगानुपात को कम करती है।
-
बाल विवाह: बाल विवाह भारत में एक आम समस्या है। लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती है, जिससे वे शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाती हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
प्र.क्र. 17. ग्रामीण बस्ती और नगरीय बस्ती में अंतर बताइए । (कोई तीन )
Ans. ग्रामीण बस्ती और नगरीय बस्ती में अंतर (तीन):
1. आर्थिक गतिविधियाँ:
- ग्रामीण बस्ती: कृषि, पशुपालन, मछली पालन, और वानिकी मुख्य आर्थिक गतिविधियाँ हैं।
- नगरीय बस्ती: उद्योग, व्यापार, और सेवाएं मुख्य आर्थिक गतिविधियाँ हैं।
2. जनसंख्या घनत्व:
- ग्रामीण बस्ती: जनसंख्या घनत्व कम होता है।
- नगरीय बस्ती: जनसंख्या घनत्व अधिक होता है।
3. जीवनशैली:
- ग्रामीण बस्ती: जीवनशैली सरल और पारंपरिक होती है।
- नगरीय बस्ती: जीवनशैली आधुनिक और गतिशील होती है।
प्र.क्र. 18. गैरिसन नगर किसे कहते हैं? इनका क्या कार्य होता है?
Ans. रिसन नगर: गैरिसन नगर एक ऐसा शहर या कस्बा होता है जो मुख्य रूप से सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों के लिए आवास प्रदान करता है। इन नगरों का निर्माण सेना द्वारा किया जाता है और इनका प्रबंधन भी सेना ही करती है।
गैरिसन नगरों का कार्य:
- सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को आवास प्रदान करना
- सैन्य उपकरणों और आपूर्ति का भंडारण करना
- सैन्य प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए सुविधाएं प्रदान करना
- सैन्य कर्मियों के लिए मनोरंजन और अन्य सुविधाएं प्रदान करना
प्र.क्र. 19. नगर बहुप्रकार्यात्मक होते हैं, क्यों?
Ans. नगर बहुप्रकार्यात्मक होते हैं, क्यों? (तीन कारण):
1. आर्थिक:
- नगर विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र होते हैं, जैसे कि उद्योग, व्यापार, और सेवाएं।
- विभिन्न प्रकार के लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
- विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देते हैं।
2. सामाजिक:
- विभिन्न संस्कृतियों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाते हैं।
- विभिन्न प्रकार की शैक्षिक और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते हैं।
- सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए केंद्र होते हैं।
3. राजनीतिक:
- सरकार के विभिन्न कार्यालयों और संस्थानों का घर होते हैं।
- राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र होते हैं।
- नागरिकों को राजनीतिक भागीदारी के अवसर प्रदान करते हैं।
प्र.क्र. 20.ग्रामीण बस्ती की विशेषताएँ लिखिए | (कोई तीन)
Ans. ग्रामीण बस्ती की विशेषताएँ (तीन):
1. जनसंख्या घनत्व:
- ग्रामीण बस्तियों में जनसंख्या घनत्व कम होता है।
- लोग एक दूसरे से दूर रहते हैं।
2. आर्थिक गतिविधियाँ:
- कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि है।
- अन्य गतिविधियों में पशुपालन, मछली पालन, और वानिकी शामिल हैं।
3. सामाजिक जीवन:
- सामाजिक जीवन सरल और पारंपरिक होता है।
- लोग एक दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध रखते हैं।
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