Jharkhand Board Exam 2026: बोर्ड परीक्षा में योग्यता-आधारित प्रश्न शामिल, बड़ा बदलाव यहाँ देखें

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झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जेएसी) ने 2026 में होने वाली मैट्रिक (कक्षा 10) और इंटरमीडिएट (कक्षा 12) बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा की है।
दशकों से चली आ रही रटने पर ज़ोर देने वाली प्रणाली से हटकर, अब नया ढाँचा छात्र की आलोचनात्मक सोच, विश्लेषणात्मक क्षमताओं और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के कौशल का आकलन करेगा।
इस सुधार का सीधा उद्देश्य झारखंड के छात्रों को राष्ट्रीय शैक्षिक मानकों (जैसे सीबीएसई और आईसीएसई बोर्डों) के साथ तालमेल बिठाना और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं तथा भविष्य के करियर के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है।
परीक्षा पैटर्न में मुख्य बदलाव क्या हैं?
यह बदलाव परीक्षा के स्वरूप को मौलिक रूप से बदलने जा रहा है। अब प्रश्नपत्र सीधे पाठ्यपुस्तक-आधारित प्रश्नों के बजाय छात्रों की मौलिक दक्षता और समझ का मूल्यांकन करेंगे।
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योग्यता एवं कौशल-आधारित प्रश्नों का समावेश: परीक्षा में अब ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जो केवल ज्ञान को दोहराने के बजाय छात्रों के तार्किक तर्क, सामाजिक जागरूकता और विश्लेषणात्मक कौशल का परीक्षण करेंगे।
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वास्तविक जीवन के अनुप्रयोग पर ज़ोर: छात्रों को ऐसे प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा जिनमें उन्हें अपने सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक, रोज़मर्रा की स्थितियों में लागू करना होगा।
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अंतःविषयक दृष्टिकोण: प्रश्नों को कई विषयों की अवधारणाओं को मिलाकर बनाया जा सकता है, जो विषयों की अधिक समग्र (Holistic) समझ को बढ़ावा देगा।
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पारंपरिक प्रश्नों का नया स्वरूप: यहाँ तक कि पारंपरिक लघु और दीर्घ-उत्तरीय प्रश्नों को भी इस तरह से तैयार किया जाएगा कि वे पाठ्यपुस्तकों से शब्दशः उत्तर देने के बजाय वैचारिक स्पष्टता और समझ की माँग करें।
मूल्यांकन के लिए नया "30-50-20" फॉर्मूला
इन बड़े बदलावों को लागू करने के लिए, जेएसी ने अंकों के वितरण के लिए एक स्पष्ट और संतुलित "30-50-20" फॉर्मूला अपनाया है। यह फॉर्मूला निरंतर मूल्यांकन और विभिन्न प्रकार के कौशल के परीक्षण पर ज़ोर देता है:
अंक वितरण | प्रतिशत | विवरण |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ) | 30% | 30 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जो मौलिक ज्ञान और त्वरित तर्कशक्ति का परीक्षण करेंगे। |
विषयपरक प्रश्न | 50% | 50 अंकों वाले इस खंड में लघु से लेकर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल होंगे, जिन्हें अब अधिक विश्लेषणात्मक और अनुप्रयोग-आधारित बनाया गया है। |
व्यावहारिक/आंतरिक मूल्यांकन | 20% | शेष 20 अंक व्यावहारिक परीक्षाओं, परियोजनाओं (Projects) या स्कूलों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन के लिए आवंटित किए जाएंगे, जो व्यावहारिक शिक्षण पर ज़ोर देंगे। |
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का कार्यान्वयन
जेएसी का यह रणनीतिक कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की मूल भावना के अनुरूप है। एनईपी 2020 ने रटने की शिक्षा से दूर हटकर, संज्ञानात्मक क्षमताओं, रचनात्मकता और तार्किक तर्क को बढ़ावा देने वाले शिक्षा मॉडल की पुरजोर वकालत की है।
इससे पहले, सीबीएसई और आईसीएसई जैसे राष्ट्रीय बोर्डों ने भी योग्यता-आधारित प्रश्नों का भारांक धीरे-धीरे बढ़ाकर 50% तक कर दिया था। झारखंड बोर्ड का यह फैसला उसके लाखों छात्रों को देश भर के अन्य बोर्डों के छात्रों के साथ समान अवसर प्रदान करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ज़रूरी महत्वपूर्ण कौशल विकसित कर सकें। संक्षेप में, 2026 की बोर्ड परीक्षाएँ अब केवल याददाश्त का नहीं, बल्कि छात्रों की योग्यता और समझ का पैमाना होंगी।
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