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झारखंड (JAC) मैट्रिक और इंटर की तर्ज पर होगा पहली से सातवीं का मूल्याकंन; जानें डिटेल्

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झारखंड (JAC) मैट्रिक और इंटर की तर्ज पर होगा पहली से सातवीं का मूल्याकंन; जानें डिटेल्

सरकारी स्कूलों में मैट्रिक और इंटर की तर्ज पर पहली से सातवीं तक की वार्षिक परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन किया जाएगा। एक संकुल के स्कूलों का मूल्यांकन कार्य दूसरे संकुल में कराने का निर्देश शिक्षा विभाग ने दिया है। मूल्यांकन कार्य 21 जून से शुरू होना है और 25 जून तक काम पूरा कर लेना है। 30 जून तक रिजल्ट जारी करने का लक्ष्य रखा गया है।

शिक्षा विभाग एक जुलाई से स्कूलों का नया सत्र शुरू करने की तैयारी में है। शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन संकुल स्तर पर किया जाएगा। ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक संकुल में आने वाले सभी विद्यालयों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच नजदीक के दूसरे संकुल में की जाएगी। इसमें उसी संकुल के शिक्षक मूल्यांकन कार्य करेंगे।

JAC Board Class 2nd To 8th Study Materials
JAC Class 2nd Study Material JAC Class 3rd Study Material
JAC Class 4th Study Material JAC Class 5th Study Material
JAC Class 6th Study Material JAC Class 7th Study Material
JAC Class 8th Study Material  

 बीईईओ की देखरेख में होगा मूल्यांकन 

शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि कॉपियों का मूल्यांकन कार्य प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) की देखरेख में संपन्न कराना है। इसके लिए प्रखंडवार और कक्षावार नामांकित छात्रों की संख्या और परीक्षा में शामिल होनेवालों की संख्या से संबंधित प्रतिवेदन जिला शिक्षा कार्यालय के साथ राज्य को सोमवार शाम तक उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इसके लिए सभी जिलों को विभाग की ओर से एक फॉर्मेट भी दिया गया है। रांची जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस संबंध में सभी बीईईओ को पत्र भेजकर कार्य कराने का निर्देश दिया है।

 ये होंगे फायदे 

एक संकुल की कॉपी दूसरे संकुल में और दूसरे स्कूल के शिक्षकों द्वारा जांचने से छात्रों की प्रगति का स्तर पता चल सकेगा। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, मूल्यांकन कार्य में भी पारदर्शिता आएगी और बच्चों के सीखने का स्तर पता चल सकेगा। शिक्षकों ने भी विभाग के इस फैसले की सराहना की है। शिक्षकों का कहना है कि सबसे बड़ी बात है कि मूल्यांकन कार्य की गोपनीयता और विश्वसनीयता बनी रहेगी। दूसरे संकुल के शिक्षकों को भी पता चलेगा कि किस संकुल में किस तरह की पढ़ाई हो रही है। इससे वे अपने स्तर में सुधार कर सकेंगे।

 अभिभावकों को दिखाई जाएगी कॉपी 

मूल्यांकन के बाद अभिभावकों को उत्तर पुस्तिका दिखाई जाएगी। रिपोर्ट कार्ड भी अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर दिया जाएगा। साथ ही शिक्षक अपने स्कूल में संगोष्ठी आयोजित करेंगे और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करेंगे। शिक्षक अभिभावकों को बताएंगे कि स्कूल भेजने और पढ़ाई से बच्चों के विकास कैसा हो रहा है। रेगुलर क्लास कराने के लिए अभिभावकों को मोटिवेट करना संगोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य है।

रांची की डीएसई कमला सिंह ने बताया मूल्यांकन कार्य में पारदर्शिता लाने के लिए संकुल स्तर पर कॉपियों के मूल्यांकन का निर्णय लिया गया। इससे एक संकुल के शिक्षकों को दूसरे संकुल के शिक्षक के पढ़ाई का स्तर भी पता चलेगा और प्रतिस्पर्द्धात्मक माहौल बनेगा।

 

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