MP Board 10th Social Science Half Yearly Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 10वीं सामाजिक विज्ञान अर्धवार्षिक पेपर महत्वपूर्ण प्रश्न (VVI Most Important Question)

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MP Board 10th Social Science Half Yearly Paper 2023-24 Most Important Questions
सही विकल्प चुनिये
(1) कौनसा कारक मृदा के निर्माण में सहयोगी नहीं हैं?
(A) वायु और जल
(B) सड़े-गले पेड़-पौधे तथा जीवजन्तु
(C) शैल और तापमान
(D) पानी का इकठ्ठा होना
उत्तर - (D) पानी का इकठ्ठा होना
(2) भारत में नोट छापने के कागज बनाने का कारखाना किस स्थान पर है ?
(A) नेपानगर
(B) टीटागढ़
(C) सहारनपुर
(D) होशंगाबाद
उत्तर - (D) होशंगाबाद
(3) जिन उपभोक्ताओं के पास कम्प्यूटर या इन्टरनेट उपलब्ध नहीं है, उन्हें प्रारंभ की गई दूर संचार सेवा है।
(A) व्यापारिक चैनल
(B) स्पीड पोस्ट
(C) ई-पोस्ट
(D) ई-बील पोस्ट
उत्तर - (C) ई-पोस्ट
(4) वित्त विधेयक का निर्माण करता है :
(A) वित्त मंत्री
(B) प्रधान मंत्री
(C) लोक सभा अध्यक्ष
(D) राष्ट्रपति
उत्तर - (C) लोक सभा अध्यक्ष
(5) 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बुन्देलखण्ड के प्रमुख सेनानी थे
(A) कुंवर सिंह
(B) बख्तावर सिंह
(C) तात्या टोपे
(D) अहमदुल्ला खाँ
उत्तर - (C) तात्या टोपे
(6) संविधान में मौलिक कर्त्तव्य हैं –
(i) 6
(ii) 14
(iii) 12
(iv) 11
उत्तर - (iv) 11
(7) राज्यपाल अनिवार्य अंग रहता है –
(i) संसद का
(ii) विधान सभा का
(iii) न्यायपालिका का
(v) राज्य सभा का
उत्तर - (ii) विधान सभा का
(8) आतंकवादी किन माध्यमों से अपनी गतिविधियाँ संचालित करते हैं ?
(i) शान्ति वार्ता
(ii) शिक्षा
(iii) राजनीति
(iv) हत्या, अपहरण
उत्तर - (iv) हत्या, अपहरण
(9) भारत में अब तक पूर्ण हुई पंचवर्षीय योजनाएँ हैं -
(i) 5
(ii) 10
(iii) 13 (iv) 12
उत्तर - (iv) 12
(10) उपभोक्ता जागरूकता आवश्यक है।
(i) शोषण से बचाव के लिए
(ii) उच्च जीवन स्तर के लिए
(iii) हानिकारक उपभोग रोकने के लिए
(iv) उपरोक्त सभी
उत्तर - (iv) उपरोक्त सभी
(11) भारत-चीन युद्ध हुआ था -
(i) 1960 ई. में
(ii) 1962 ई. में
(iii) 1965 ई. में
(iv) 1967 ई. में
उत्तर - (ii) 1962 ई. में
(12) कृषि क्षेत्र सम्मिलित है -
(i) प्राथमिक
(ii) द्वितीयक
(iii) तृतीयक
(iv) द्वितीयक एवं तृतीयक दोनों
उत्तर - (i) प्राथमिक
(13) सेवा क्षेत्र रोजगार प्रदान करता है -
(i) प्रत्यक्ष रूप में
(ii) अप्रत्यय रूप में
(iii) प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दोनों
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर - (iii) प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दोनों
(14) केवलादेव घाना पक्षी विहार स्थित है –
(i) केरल में
(ii) राजस्थान में
(iii) पश्चिम बंगाल में
(iv) मध्यप्रदेश में
उत्तर - (ii) राजस्थान में
भूमिगत रेलपथ (मेट्रो रेल) से सम्बन्धित है –
(i) बंगलूरू
(ii) कोलकाता
(iii) अहमदाबाद
(iv) भोपाल।
उत्तर: (ii) कोलकाता
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये
(1) संयुक्त वन प्रबंध व्यवस्था में ……….. का महत्वपूर्ण स्थान है ।
(2) वाईसराय ………. की प्रतिक्रियावादी नीति प्रजातीय भेद-भाव से परिपूर्ण थी ।
(3) समानता का अधिकार संविधान में वर्णित ………. में से एक है।
(4) स्थानीय प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ……….. है।
(5) शिक्षा एवं स्वास्थ्य ……….. अधोसंरचना के अंग हैं।
(6) विभिन्न देशों में उत्पादन करने वाली कम्पनियों को ........ कहा जाता है ।
(7) सेवा क्षेत्र अर्थव्यवस्था का ........... क्षेत्र होता है ।
(8) श्वेत क्रान्ति द्वारा भारत में ……… को बढ़ावा मिला है ।
(9) “वन्दे मातरम्” गीत की रचना ………. ने की ।
(10) इंडिया विजन 2020 का प्रकाशन ......... वर्ष में हुआ था ।
(11) संयुक्त वन प्रबन्ध व्यवस्था में ______ का महत्वपूर्ण स्थान है।
(12) सोयाबीन उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त भारतीय राज्य ______ है।
(13) दिल्ली की जनता ने ______ को भारत का सम्राट घोषित किया।
(14) डॉ. अम्बेडकर संविधान की ______ के अध्यक्ष थे।
(15) ______ को समाजवाद का जनक माना जाता है।
(16) वन अग्नि नियंत्रण परियोजना ....................के सहयोग से संचालित है।
(17) लार्ड डलहौजी ने ...................... नीति के कारण अनेक राज्यों को अंग्रेजी राज्य में शामिल कर दिया।
(18) भारत का नवनिर्मित संविधान, संविधान सभा द्वारा ..................को अंगीकृत किया गया।
(19) लोक सभा में बहुमत दल के नेता को ................कहते हैं।
(20) शिक्षा एवं स्वास्थ्य ........................ अधोसंरचना के अंग हैं।
उत्तर: (1) वन सुरक्षा समितियों (2) लार्ड लिटन (3) ----- (4) ग्राम पंचायत (5) सामाजिक (6) ........... (7) ........... (8) दुग्ध उत्पादन (9) बंकिम चन्द्र चटर्जी (10) 2003 (11) ........... (12) मध्यप्रदेश (13) बहादुर शाह जफर (14) प्रारूप समिति (15) कार्ल मार्क्स (16) U.N.D.P. (17) हड़प (18) 26 नवबंर 1949 (19) प्रधानमंत्री (20) सामाजिक
MP Board VVI 2 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. बेल्जियम की सीमाएँ किन-किन राष्ट्रों से लगती हैं ?
उत्तर-बेल्जियम यूरोप का एक छोटा-सा देश है, इसकी सीमाएँ फ्रांस, नीदरलैण्ड, जर्मनी और लक्जमबर्ग से लगती हैं।
प्रश्न 2. सत्ता का क्षैतिज बँटवारा क्या है ?
उत्तर – सत्ता के क्षैतिज विभाजन का आशय है-सरकार के विभिन्न-अंगों विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच शक्ति का विभाजन । सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहते हुए अपनी-अपनी शक्ति का प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 3. अधिकार क्षेत्र क्या है?
उत्तर – अधिकार क्षेत्र-ऐसा दायरा जिस पर किसी का वैधानिक अधिकार हो। यह दायरा भौगोलिक सीमा के अन्तर्गत परिभाषित होता है अथवा इसके अन्तर्गत कुछ विषयों को भी रखा जा सकता है।
प्रश्न 4. तीन ऐसे राज्यों के नाम बताइए जिन्हें बड़े राज्यों को काटकर बनाया गया है।
उत्तर – मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश-उत्तराखण्ड, बिहार-झारखण्ड।
प्रश्न 5. गठबंधन सरकार से क्या अर्थ है ?
उत्तर -गठबंधन सरकार-एक से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों द्वारा साथ मिलकर बनाई गई सरकार को गठबन्धन सरकार कहते हैं। आमतौर पर गठबन्धन में शामिल दल एक राजनीतिक गठजोड़ करते हैं और एक साझा कार्यक्रम स्वीकार करते हैं।
प्रश्न 6. शिशु मृत्यु दर क्या है ?
उत्तर -किसी वर्ष में पैदा हुए 1,000 जीवित बच्चों में से एक वर्ष की आयु से पहले मर जाने वाले बच्चों का अनुपात शिशु मृत्यु दर कहलाती है।
प्रश्न 7. साक्षरता दर क्या है ?
उत्तर– 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात साक्षरता दर कहलाती है
प्रश्न 8. ‘संसाधन’ से क्या आशय है?
उत्तर–पर्यावरण में उपलब्ध प्रत्येक वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयुक्त की जा सकती है और जिसको बनाने के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, एक ‘संसाधन’ है।
प्रश्न 9. भारत में पाई जाने वाली मिट्टियों के नाम लिखिए।
उत्तर– भारत में पाई जाने वाली मिट्टियाँ हैं-
(1) जलोढ़ मिट्टी, (2) काली या रेगड़ मिट्टी, (3) लाल नही, (4) लैटेराइट मिट्टी, (5) मरुस्थलीय मिट्टी, (6) पर्वतीय मिट्टी।
प्रश्न 10.आरक्षित वन क्या हैं?
उत्तर – देश के आधे से अधिक वन क्षेत्र आरक्षित वन घोषित किए गए हैं। जहाँ तक वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की बात है, आरक्षित वनों को सबसे अधिक मूल्यवान माना जाता है।
MP Board VVI 3 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. श्रीलंकाई तमिलों की प्रमुख माँगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – श्रीलंकाई तमिलों ने अपनी राजनीतिक पार्टियाँ बनाईं और तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायत्तता हासिल करने तथा शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों की माँग को लेकर संघर्ष किया। लेकिन तमिलों की आबादी वाले इलाके की स्वायत्तता की उनकी मांगों को लगातार नकारा गया। 1980 के दशक तक उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतन्त्र तमिल ईलम (सरकार) बनाने की माँग को लेकर अनेक राजनीतिक संगठन बने।
प्रश्न 2. एकात्मक शासन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – एकात्मक शासन-एकात्मक शासन वह होता है जिसके अन्तर्गत संविधान के द्वारा शासन की समस्त शक्ति केन्द्रीय सरकार में निहित करा दी जाती है और स्थानीय सरकारों का अस्तित्व एवं शक्तियाँ केन्द्रीय सरकार की इच्छा पर निर्भर करती हैं।
गार्नर के अनुसार, “यह शासन की वह प्रणाली है जिसमें संविधान द्वारा शासन की सम्पूर्ण शक्ति केन्द्रीय सरकार के एक या अनेक अंगों को प्रदान की जाती है और केन्द्र से ही स्थानीय सरकारें अपनी समस्त शक्ति या स्वायत्तता प्राप्त करती हैं। वस्तुतः उनका अस्तित्व भी केन्द्र पर ही निर्भर रहता है।”
प्रश्न 3. राष्ट्रीय आय क्या है ? यह प्रति व्यक्ति आय से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर -किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं के योग को राष्ट्रीय आय कहते हैं। राष्ट्रीय आय को मौद्रिक रूप से व्यक्त किया जाता है। इसलिए राष्ट्रीय आय ज्ञात करने के लिए समस्त उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्यों का योग कर दिया जाता है और इस योग में से ह्रास की राशि घटा दी जाती है। अन्त में जो राशि प्राप्त होती है वही उस देश की कुल राष्ट्रीय आय कहलाती है। यदि इस राशि के योग में उस देश की कुल जनसंख्या के योग का भाग दे दिया जाय तो उस देश की प्रति व्यक्ति आय ज्ञात हो जायेगी।
प्रश्न 4. संसाधन से क्या आशय है ? इनका हमारे जीवन में क्या महत्त्व है ?
उत्तर–कोई वस्तु या तत्त्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मानव की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे-जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती है, खेतों में फसलों की सिंचाई होती है और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन पकाने आदि कार्यों में हमारे लिए आवश्यक होता है। इसी प्रकार, वे सभी पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक हैं, संसाधन कहलाते हैं।
महत्व – संसाधन मानव जीवन को सुखद व सरल बनाते हैं। आदिकाल में मानव पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे मानव ने अपनी बुद्धि-कौशल से प्रकृति के तत्त्वों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक उपयोग किया। आज विश्व के वे राष्ट्र अधिक उन्नत व सम्पन्न माने जाते हैं जिनके पास अधिक संसाधन हैं। आज संसाधन की उपलब्धता हमारी प्रगति के सूचक बन गये हैं। इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है।
प्रश्न 5. भारत में जैव विविधता को कम करने वाले कारकों को बताइए।
उत्तर-
(1) भारत में जैव विविधता को कम करने वाले कारकों में वन्य जीवों के आवास का विनाश, जंगली जानवरों को मारना व आखेटन, पर्यावरणीय प्रदूषण व विषाक्तिकरण और दावानल आदि शामिल हैं।
(2) पर्यावरण विनाश के अन्य मुख्य कारकों में संसाधनों का असमान वितरण व उनका असमान उपभोग और पर्यावरण के रख-रखाव की जिम्मेदारी में असमानता शामिल हैं।
(3) आमतौर पर विकासशील राष्ट्रों में पर्यावरण विनाश का मुख्य दोषी अत्यधिक जनसंख्या को माना जाता है।
प्रश्न 6. फ्रांसीसी क्रांतिकारियों की उन महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन कीजिए। जिन्होंने यूरोप के अन्य हिस्सों को प्रभावित किया।
उत्तर-फ्रांसीसी क्रांतिकारियों की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित थीं
(1) फ्रांस की घटनाओं की खबर यूरोप के विभिन्न शहरों में पहुँची तो छात्र तथा शिक्षित मध्य वर्गों के अन्य सदस्य जैकोबिन क्लबों की स्थापना करने लगे।
(2) उनकी गतिविधियों और अभियानों ने उन फ्रेंच सेनाओं के लिए रास्ता तैयार किया जो 1790 के दशक में हॉलैण्ड, बेल्जियम, स्विट्जरलैंड और इटली के बड़े क्षेत्र में घुसी।
(3) क्रान्तिकारी युद्धों के आरम्भ होने के साथ ही फ्रांसीसी सेनाएँ राष्ट्रवाद के विचार को विदेशों में ले जाने लगी।
प्रश्न 7. नयी फसलों के आने से काश्तकारों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता था ?
उत्तर -कई बार नयी फसलों के आने से जीवन में जमीन-आसमान का फर्क आ जाता था। साधारण से आलू का इस्तेमाल शुरू करने पर यूरोप के गरीबों की जिंदगी आमूल रूप से बदल गई थी। उनका भोजन बेहतर हो गया और उनकी औसत आयु बढ़ने लगी। आयरलैंड के गरीब काश्तकार तो आलू पर इस हद तक निर्भर हो चुके थे कि जब 1840 के दशक के मध्य में किसी बीमारी के कारण आलू की फसल खराब हो गई तो लाखों लोग भुखमरी के कारण मौत के मुँह में चले गए।
MP Board VVI 4 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. बेल्जियम ने अपनी जातीय समस्या को कैसे हल किया था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – बेल्जियम ने अपनी समस्या को निम्न प्रकार से हल किया
(1) बेल्जियम के नेताओं ने क्षेत्रीय अंतरों और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार किया।
(2) 1970 और 1993 के बीच उन्होंने अपने संविधान में चार संशोधन सिर्फ इस बात के लिए किए कि देश में रहने वाले किसी भी आदमी को बेगानेपन का अहसास न हो और सभी मिल-जुलकर रह सकें।
(3) संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान है कि केन्द्रीय सरकार में डच और फ्रेंच-भाषी मंत्रियों की संख्या समान रहेगी। कुछ विशेष कानून तभी बन सकते हैं। जब दोनों भाषायी समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो। इस प्रकार किसी एक समुदाय के लोग एकतरफा फैसला नहीं कर सकते।
(4) केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ राष्ट्र के दो इलाकों की क्षेत्रीय सरकारों को सुपुर्द कर दी गई है यानी राज्य सरकारें केन्द्रीय सरकार के अधीन नहीं हैं।
(5) ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है। फ्रेंच-भाषी लोगों ने ब्रूसेल्स में समान प्रतिनिधित्व के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया क्योंकि डच-भाषी लोगों ने केन्द्रीय सरकार में बराबरी का प्रतिनिधित्व स्वीकार किया था।
(6) केन्द्रीय और राज्य सरकारों के अलावा यहाँ एक तीसरे स्तर की सरकार भी कार्य करती है यानी सामुदायिक सरकार। इस सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं। डच, फ्रेंच और जर्मन बोलने वाले समुदायों के लोग चाहे वे जहाँ भी रहते हों, इस सामुदायिक सरकार को चुनते हैं। इस प्रकार सरकार को संस्कृति, शिक्षा और भाषा जैसे मसलों पर फैसले लेने का अधिकार है।
प्रश्न 2. एकात्मक शासन के दोष बताइए।
उत्तर -एकात्मक शासन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित दोष पाये जाते हैं
(1) एकात्मक शासन में सम्पूर्ण शक्ति केन्द्रीय शासन में निहित होती है, अतः स्वाभाविक रूप से यह भय रहता है कि केन्द्रीय सरकार शासन के सभी क्षेत्रों में मनमानी न करने लगे।
(2) प्रजातन्त्रीय शासन की सफलता नागरिकों की राजनीतिक चेतना पर निर्भर करती है किन्तु यह राजनीतिक चेतना एकात्मक शासन में ठीक प्रकार से उत्पन्न नहीं होती।
(3) एकात्मक शासन में जनता को शासन में सभी स्तरों पर सक्रिय रूप से भाग लेने का अवसर नहीं मिलता है, इसलिए शासन शक्ति सरकारी कर्मचारियों के हाथों में केन्द्रित हो जाती है और नौकरशाही का स्वेच्छाचारी शासन स्थापित हो जाता है।
(4) छोटे राज्यों में एकात्मक शासन भले ही सफल हो जाय, लेकिन बड़े क्षेत्रफल और अधिक जनसंख्या वाले राज्यों में, जहाँ पर भाषा, नस्ल, धर्म और संस्कृति की विविधताएँ हों, एकात्मक शासन के आधार पर कार्य किया ही नहीं जा सकता है। इस प्रकार की विविधताओं वाले विशाल राज्यों के लिए तो संघात्मक शासन पद्धति ही उपयुक्त होती है।
प्रश्न 3.“पिछले कुछ वर्षों में बहुउद्देशीय परियोजनाओं और बड़े बाँध कई कारणों से परिनिरीक्षण और विरोध के विषय बन गए हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और बड़े बाँध नए पर्यावरणीय आन्दोलनों के कारण बन गए हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर–
(1) बहुउद्देशीय परियोजनाएँ और बड़े बाँध पर्यावरणीय आन्दोलनों; जैसे-‘नर्मदा बचाओ आन्दोलन’ और ‘टिहरी बांध आन्दोलन’ के कारण भी बन गए हैं।
(2) इन परियोजनाओं का विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहद् स्तर पर विस्थापन के कारण है। आमतौर पर स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से लगाव एवं नियंत्रण राष्ट्र की बेहतरी के लिए कुर्बान करना पड़ता है।
(3) सिंचाई ने कई क्षेत्रों में फसल प्रारूप परिवर्तित कर दिया है जहाँ किसान जलमग्न और वाणिज्य फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जिससे मृदाओं के लवणीकरण जैसे गंभीर पारिस्थितिकीय परिणाम हो सकते हैं।
(4) इन परियोजनाओं ने अमीर भूमि मालिकों और निर्धन भूमिहीनों में सामाजिक दूरी बढ़ाकर सामाजिक परिदृश्य बदल दिया है। बाँध उसी जल के अलग-अलग उपयोग और लाभ चाहने वाले लोगों के बीच संघर्ष उत्पन्न करते हैं। गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान नगरीय क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति देने पर परेशान किसान आन्दोलन पर उतारू हो गए। बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लागत और लाभ के बँटवारे को लेकर अंतर्राज्यीय झगड़े आम होते जा रहे हैं।
(5) यह एक विडम्बना ही है कि जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं उनके जलाशयों में तलछट जमा होने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं। अत्यधिक वर्षा होने की दशा में तो बड़े बाँध भी कई बार बाढ़ नियन्त्रण में असफल रहते हैं।
(6) इन बाढ़ों से न केवल जान और माल का नुकसान होता है अपितु बड़े पैमाने पर मृदा अपरदन भी होता है।
MP Board VVI 5 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1. सत्ता के विकेन्द्रीकरण से क्या आशय है ? भारत में सत्ता के विकेन्द्रीकरण पर एक लेख लिखिए।
उत्तर – सत्ता के विकेन्द्रीकरण से आशय-जब केन्द्र और राज्य सरकार से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती हैं तो इसे सत्ता का विकेन्द्रीकरण कहते हैं। विकेन्द्रीकरण के पीछे बुनियादी सोच यह है कि अनेक मुद्दों और समस्याओं का निपटारा स्थानीय स्तर पर ही बढ़िया ढंग से हो सकता है। इससे लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत पड़ती है। स्थानीय सरकारों की स्थापना स्व-शासन के लोकतांत्रिक सिद्धान्त को वास्तविक बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।
भारत में सत्ता का विकेन्द्रीकरण-विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता हमारे संविधान में भी स्वीकार की गई। इसके बाद से गाँव और शहर के स्तर पर सत्ता के विकेन्द्रीकरण की कई कोशिशें हुई हैं। सभी राज्यों में गाँव के स्तर पर ग्राम पंचायतों और शहरों में नगरपालिकाओं की स्थापना की गई थी। पर इन्हें राज्य सरकारों के सीधे नियंत्रण में रखा गया था। इन स्थानीय सरकारों के लिए नियमित ढंग से चुनाव भी नहीं कराए जाते थे। इनके पास न तो अपना कोई अधिकार था न संसाधन। इस प्रकार प्रभावी ढंग से सत्ता का विकेन्द्रीकरण नाममात्र का हुआ था।
वास्तविक विकेन्द्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम 1992 में उठाया गया। संविधान में संशोधन करके लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के तीसरे स्तर को शक्तिशाली और प्रभावी बनाया गया।
(1) अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।
(2) निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
(3) कम से कम एक-तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
(4) हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतन्त्र संस्था का गठन किया गया है।
(5) राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है। सत्ता में भागीदारी की प्रकृति हर राज्य में अलग-अलग है।
स्थानीय सरकारों की यह नयी व्यवस्था दुनिया में लोकतन्त्र का अब तक का सबसे बड़ा प्रयोग है। नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों के लिए करीब 36 लाख लोगों का चुनाव होता है। यह संख्या ही अपने आप में दुनिया के कई देशों की कुल आबादी से अधिक है। स्थानीय सरकारों को संवैधानिक दर्जा दिए जाने से हमारे यहाँ लोकतन्त्र की जड़ें और मजबूत हुई हैं। इसने महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के साथ ही हमारे लोकतन्त्र में उनकी आवाज को मजबूत किया है।
प्रश्न 2. नर्मदा बचाओ आन्दोलन पर टिप्पणी कीजिए।
उत्तर नर्मदा बचाओ आन्दोलन :
(1) नर्मदा बचाओ आन्दोलन एक गैर-सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) है जो जनजातीय लोगों, किसानों, पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध के विरोध में लामबंद करता है।
(2) मुख्य रूप से शुरू में यहाँ आन्दोलन जंगलों के बाँध के पानी में डूबने जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर केन्द्रित था। हाल ही में इस आन्दोलन का लक्ष्य बाँध से विस्थापित निर्धन लोगों को सरकार से सम्पूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है।
(3) यहाँ के लोगों ने सोचा कि उनकी यातनाएँ व्यर्थ नहीं जाएँगी, विस्थापन का शोक यह विश्वास करके स्वीकार किया कि सिंचाई के प्रसार से वे मालामाल हो जाएँगे।
(4) प्रायः रिहंद के उत्तरजीवियों ने कहा कि उन्होंने अपने कष्टों को राष्ट्र के लिए कुर्बानी के रूप में स्वीकारा है।
5) किन्तु अब तीन दशक के कड़े अनुभव के बाद, जब उनकी आजीविका और अधिक जोखिमपूर्ण हो गई, पूछते जा रहे हैं-“हमें ही राष्ट्र के लिए कुर्बानी देने के लिए क्यों चुना गया है ?”
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