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MP Board 9th Social Science Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 9वीं सामाजिक विज्ञान पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

MP Board 9th Social Science Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 9वीं सामाजिक विज्ञान पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

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MP Board 9th Social Science Trimasik Exam 2023-24 : एमपी बोर्ड 9वीं सामाजिक विज्ञान पेपर त्रैमासिक महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न (VVI Most Important Question)

एमपी बोर्ड कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान त्रैमासिक पेपर की तैयारी के लिए हम आपको MPBSE 9th Social Science Trimasik Paper 2023 Most Important Questions इस लेख के माध्यम से बता रहें हैं, जो आपके Paper के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये Most Important Question तैयारी को और बेहतर बना सकते है I

जिनसे 16/09/2023 को होने वाला एमपी बोर्ड 9th सामाजिक विज्ञान त्रैमासिक एक्जाम क्वेश्चन पेपर 2023 बनाया जाएगा। जिससे आप त्रैमासिक परीक्षा के सामाजिक विज्ञान के पेपर में अच्छे अंकों से पास हो सकें।

 MP Board VVI 2 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न 

प्रश्न 1. डेमोक्रेसी शब्द किस भाषा के किस शब्द से है ?

उत्तर – ‘डेमोक्रेसी’ यूनानी शब्द ‘डेमोक्रेशिया’ से बना है। यूनानी में ‘डेमोस’ का अर्थ होता है ‘लोग’ और ‘क्रेशिया’ का अर्थ होता है ‘शासन’। इस प्रकार डेमोक्रेसी अर्थात् लोकतंत्र का अर्थ है लोगों का शासन।

प्रश्न 2. एस्टोनिया का नागरिकता के नियम किस प्रकार लोकतंत्र के खिलाफ है ?

उत्तर – एस्टोनिया ने अपने यहाँ नागरिकता के नियम कुछ इस तरह से बनाए हैं कि रूसी अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मतदान का अधिकार हासिल करने में मुश्किल होती है जो कि लोकतंत्र के खिलाफ है।

प्रश्न 3. रंगभेद क्या है ?

उत्तर – रंगभेद, दक्षिण अफ्रीका की सरकार की 1948 से 1989 के बीच काले लोगों के साथ नस्ली अलगाव और खराब व्यवहार करने वाली शासन व्यवस्था।

प्रश्न 4. संविधान क्या है?

उत्तर – देश का सर्वोच्च कानून। इसमें किसी देश की राजनीति और समाज को चलाने वाले मौलिक कानून होते हैं।

प्रश्न 5. रबी और खरीफ की फसलों के नाम लिखिए।

उत्तर –

रबी की फसलें – गेहूँ, चना, जौ, सरसों आदि रबी की फसलें हैं।

खरीफ की फसलें – चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, कपास, मूंगफली आदि खरीफ की फसलें हैं।

प्रश्न 6. पालमपुर में परम्परागत बीजों से गेहूँ की उपज क्या थी जो एच.वाई.वी. बीजों से कितनी पहुँच गयी?

उत्तर – पालमपुर में, परम्परागत बीजों से गेहूँ की उपज, 1,300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। एच.वाई.वी. बीजों से उपज 3,200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई।

प्रश्न 7. मानव पूँजी निर्माण से क्या आशय है ?

उत्तर – मानव पूँजी निर्माण या कौशल निर्माण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत जन शक्ति (Man power) के विकास हेतु भारी मात्रा में पूँजी निवेश किया जाता है। ऐसा पूँजी निवेश जो जन शक्ति की शिक्षा, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य तथा जीवन-स्तर में वृद्धि करता हो, मानव पूँजी निर्माण कहलाएगा।

प्रश्न 8. भारत में सर्वाधिक गरीब जनसंख्या वाले तीन राज्यों के नाम लिखिए।

उत्तर – भारत में बिहार, ओडिशा व असम राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है।

प्रश्न 9. पश्चिमी और पूर्वी तटों पर केन्द्र शासित क्षेत्रों की संख्या बताइए।

उत्तर– तीन; दादर और नगर-हवेली, दमन और दीव, पांडिचेरी।

प्रश्न 10. मसरी, नैनीताल एवं रानीखेत किस राज्य में स्थित हैं ?

उत्तर – मसूरी, नैनीताल एवं रानीखेत उत्तराखण्ड में स्थित हैं।

प्रश्न 11. नदी अपहरण से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – जब एक नदी दूसरी नदी के जल क्षेत्र को अपने में मिला लेती है तो उसे नदी अपहरण कहते हैं।

प्रश्न 12. सन् 1815 ई. के पश्चात् यूरोप के किन-किन देशों में राष्ट्रीय आन्दोलन हुए ?

उत्तर -1815 ई. के पश्चात् यूरोप के इटली, यूनान, बेल्जियम, जर्मनी आदि देशों में राष्ट्रीय आन्दोलन हुए।

प्रश्न 13. ‘द्वितीय इण्टरनेशनल’ क्या था ?

उत्तर--1817 का दशक आते-आते समाजवादी विचार पूरे यूरोप में फैल चुके थे। अपने प्रयासों में समन्वय लाने के लिए समाजवादियों ने द्वितीय इण्टरनेशनल के नाम से एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था बनाई थी।

MP Board VVI 3 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध का रूस की क्रान्ति पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर-– प्रथम विश्व युद्ध में रूस इंग्लैण्ड तथा फ्रांस की ओर से युद्ध में सम्मिलित हो गया था। परन्तु पर्याप्त अस्त्र-शस्त्रों व रसद के अभाव के कारण युद्ध में रूसी सेना को अपार हानि हुई। अनुमानतः 20 लाखयूरोप में समाजवाद एवं रूसी क्रान्ति 19 सैनिक युद्ध में मारे गये, असंख्य घायल हुए तथा 20 लाख बन्दी बनाये गये। आर्थिक दशा भी शोचनीय हो गयी थी। जनता में रूस के शासन के प्रति असन्तोष की भावना उत्पन्न हुई जिसने एक क्रान्ति का रूप ले लिया।

प्रश्न 2. फ्रांस में 14 जुलाई का क्या महत्व है ?

उत्तर -14 जुलाई, 1789 ई. को फ्रांसीसी जनता ने बास्तील की जेल पर आक्रमण कर दिया। इस जेल को राजा के अत्याचार का प्रतीक समझा जाता था। लगभग एक घण्टे तक भीड़ घेरा डाले खड़ी रही। अन्त में क्रान्तिकारियों ने जेल के फाटक को तोड़कर राजनीतिक बन्दियों को मुक्त करा दिया। इस कारण ही 14 जुलाई को फ्रांस में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 3. महानदी द्रोणी की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

(i) महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्चभूमि से है।

(ii) इस नदी की लम्बाई 860 किमी है।

(iii) यह ओडिशा से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।

(iv) इसकी अपवाह द्रोणी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड तथा ओडिशा में है।

प्रश्न 4. शिवालिक क्या है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर– हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। इनकी चौड़ाई 10 से 50 किमी तथा ऊँचाई 900 से 1100 मीटर के बीच है। ये श्रृंखलाएँ उत्तर में स्थित मुख्य हिमालय की श्रृंखलाओं से नदियों द्वारा लायी गयी असंपीडित अवसादों से बनी हैं। ये घाटियाँ बजरी तथा जलोढ़ की मोटी परत से ढंकी हुई हैं। निम्न हिमाचल तथा शिवालिक के बीच स्थित लम्बवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 5. भारत को एक उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है ?

उत्तर– उपमहाद्वीप से आशय एक विस्तृत भौगोलिक इकाई से है जो शेष महाद्वीपों से प्राकृतिक सीमाओं द्वारा स्पष्टतः भिन्न दिखायी पड़ती है। भारतीय उपमहाद्वीप एशिया में स्थित होते हुए भी एक अलग भौगोलिक इकाई दिखायी देती है। इस महाद्वीप में एशिया के देशों से भिन्न एक विशिष्ट संस्कृति का विकास हुआ है। इस उपमहाद्वीप में कई राष्ट्र सम्मिलित हैं। इसके उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान, केन्द्र में भारत, उत्तर में नेपाल, उत्तर-पूर्व में भूटान तथा पूर्व में बांग्लादेश है। भारत के दक्षिण में श्रीलंका और मालदीव हिन्द महासागर में स्थित हैं। ये दोनों द्वीपीय राष्ट्र हैं। उपर्युक्त विशेषताओं के कारण ही भारत एक उपमहाद्वीप कहा जाता है।

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प्रश्न.

MP Board VVI 4 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. यह कहना कहाँ तक उचित है कि सामाजिक अपवर्जन निर्धनता का एक कारण एवं परिणाम दोनों हो सकता है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – सामान्य अर्थ में सामाजिक अपवर्जन निर्धनता का एक कारण और परिणाम दोनों हो सकता है। साधारण तौर पर यह एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति या समूह उन सुविधाओं, लाभों और अवसरों से अपवर्जित रहते हैं, जिनका उपभोग दूसरे (उनसे अधिक अच्छे) करते हैं। इसका एक विशेष उदाहरण भारत में जाति व्यवस्था की कार्य-शैली है, जिसमें कुछ जातियों के लोगों को समान अवसरों से अपवर्जित रखा जाता है। इस प्रकार सामाजिक अपवर्जन लोगों की आय ही बहुत कम नहीं करता बल्कि यह इससे भी कहीं अधिक हानि पहुँचा सकता है।

प्रश्न 2. प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बावजूद “जापान एक विकसित और धनी देश है।” उपयुक्त उदाहरण द्वारा इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –

(1) जापान ने मानव संसाधन पर निवेश किया है। उसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं था।

(2) जापान अपने देश के लिए आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों का आयात करता है। इस राष्ट्र ने विशेष रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश किया।

(3) जापान ने भूमि और पूँजी जैसे अन्य संसाधनों का कुशल उपयोग किया है। इन लोगों ने जो कुशलता और प्रौद्योगिकी विकसित की उसी से ये राष्ट्र धनी और विकसित बना है।

प्रश्न 3. पालमपुर गाँव के किसानों में भूमि का वितरण किस प्रकार से है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – पालमपुर में 450 परिवारों में से लगभग एक-तिहाई अर्थात् 150 परिवारों के पास खेती के लिए भूमि नहीं है, जो अधिकांशतः दलित हैं।

240 परिवार ऐसे हैं जिनके पास भूमि है, 2 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले छोटे भूमि के टुकड़ों पर खेती करते हैं। भूमि के इस प्रकार के टुकड़ों पर खेती करने से किसानों के परिवारों को पर्याप्त आमदनी नहीं होती।

पालमपुर में मझोले और बड़े किसानों के 60 परिवार हैं, जो 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करते हैं। कुछ बड़े किसानों के पास 10 हेक्टेयर या इससे अधिक भूमि है।

प्रश्न 4. लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के सन्दर्भ में नेल्सन मंडेला के क्या विचार थे?

उत्तर – लोकतांत्रिक व स्वतंत्र समाज के विषय में नेल्सन मंडेला का यह कथन महत्वपूर्ण है, “मैंने गोरों के प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष किया है और मैंने ही अश्वेतों के प्रभुत्व का विरोध किया है। मैंने एक ऐसे लोकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज की कामना की है जिसमें सभी लोग पूरे मेल-जोल के साथ रहें और सबको समान अवसर उपलब्ध हों। मैं इसी आदर्श के लिए जीवित रहना और इसे पाना चाहता हूँ और अगर जरूरत पड़ी तो इस आदर्श के लिए मैं जान देने को भी तैयार हूँ।”

प्रश्न 5. लोकतंत्र का क्या अर्थ है ? स्पष्ट कीजिए। ।

उत्तर– लोकतंत्र का अर्थ-लोकतंत्र का अर्थ एक ऐसी शासन व्यवस्था से है जिसमें जनहित सर्वोपरि है। लोकतंत्र का अर्थ केवल एक शासन प्रणाली तक सीमित नहीं है। यह राज्य व समाज का रूप भी है अर्थात् इसमें राज्य, समाज व शासन तीनों का समावेश होता है। राज्य के रूप में लोकतंत्र, जनता को शासन करने, उस पर नियंत्रण करने एवं उसे हटाने की शक्ति है। समाज के रूप में लोकतंत्र इस प्रकार की सामाजिक व्यवस्था है जिसमें समानता का विचार और व्यवहार सर्वोपरि हो। व्यक्तित्व की गरिमा का समान मूल्य हो एवं विकास के समान अवसर सभी को प्राप्त हों। यह सम्पूर्ण जीवन का एक मार्ग है। यह मूल्यों की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें व्यक्ति साध्य है और व्यक्तित्व का विकास इसका उद्देश्य है। यह स्वतन्त्रता एवं समरसता की पूर्व कल्पना पर आधारित है।

MP Board VVI 5 अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्न 1. लोकतन्त्र (प्रजातन्त्र) की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर – प्रजातन्त्र की विशेषताएँ-प्रजातन्त्र एकमात्र ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें सभी को अपने सर्वांगीण विकास के लिए बिना किसी भेदभाव के समान अवसर प्राप्त होते हैं प्रजातान्त्रिक व्यवस्था नागरिकों की गरिमा तथा समानता, स्वतन्त्रता, मातृत्व और न्याय के सिद्धान्तों पर आधारित है। प्रजातन्त्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(1) जनता प्रभुसत्ता की स्वामी – प्रजातन्त्र में सत्ता का अन्तिम स्रोत राज्य की सम्पूर्ण जनता होती है।

(2) शासन का संचालन जन प्रतिनिधियों द्वारा-प्रजातन्त्रात्मक व्यवस्था में शासन का संचालन जनता के प्रतिनिधि करते हैं।

(3) राजनीतिक दलों के गठन की व्यवस्था-प्रजातन्त्र के राजनीतिक दलों का गठन अनिवार्य रूप से किया जाता है। दो या अधिक राजनीतिक दल होते हैं। जिस दल को सर्वाधिक बहुमत प्राप्त होता है, वही शासन का संचालन करता है।

(4) चुनावों की व्यवस्था-प्रजातन्त्र में संविधान द्वारा निर्धारित तिथि पर चुनाव होते हैं। चुनाव के आधार पर वयस्क मताधिकार होता है।

(5) नागरिकों को अधिकार व स्वतन्त्रताएँ प्रदान करना-नागरिक अपने मतों का उचित ढंग से प्रयोग कर सकें तथा अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकें। इसके लिए उन्हें यथासम्भव अधिकार व स्वतन्त्रताएँ प्रदान की जाती हैं।

(6) शासन जनता के प्रति उत्तरदायी – प्रजातन्त्रीय शासन जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। जनहित की अवहेलना करने पर उसे पदच्युत किया जा सकता है।

(7) लोक या जन कल्याणकारी राज्य का आदर्श – प्रजातन्त्र का प्रमुख आदर्श जनहित होता है। अतः इस शासन व्यवस्था में यथासम्भव लोक कल्याणकारी कार्यों को महत्त्व दिया जाता है।

(8) स्वतन्त्र व निष्पक्ष न्यायपालिका – संविधान की समस्त व्यवस्थाएँ व्यवहार में लागू की जा सकें, इसलिए प्रजातन्त्र में स्वतन्त्र व निष्पक्ष न्यायपालिका का होना एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण लक्षण है।

प्रश्न 2. दक्षिणी अफ्रीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए

उत्तर – दक्षिण अफ्रीका में दो वर्षों की चर्चा और बहस के बाद जो संविधान बनाया गया वैसा अच्छा संविधान दुनिया में कभी नहीं बना था। इस संविधान में नागरिकों को जितने व्यापक अधिकार दिए गए हैं उतने दुनिया के किसी संविधान ने नहीं दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह फैसला भी किया कि मुश्किल मामलों के समाधान की कोशिशों में किसी को भी अलग नहीं किया जाएगा और न ही किसी को बुरा या दुष्ट मानकर बर्ताव किया जाएगा। इस बात पर भी सहमति बनी कि पहले जिसने चाहे जो कुछ किया हो लेकिन अब से हर समस्या के समाधान में सबकी भागीदारी होगी।

नेल्सन मंडेला के अनुसार, “दक्षिण अफ्रीका का संविधान इतिहास और भविष्य, दोनों की बातें करता है।एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि दक्षिण अफ्रीकी के रूप में हम, एक-दूसरे से यह वायदा करते हैं कि हम अपने रंगभेदी, क्रूर और दमनकारी इतिहास को फिर से दोहराने की अनुमति नहीं देंगे। पर बात इतनी ही नहीं है। यह अपने देश को इसके सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का घोषणापत्र भी है -श्वेत और अश्वेत, स्त्री और पुरुष, यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है।”

प्रश्न 3. भारत में ‘हरित क्रान्ति’ पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर

हरित क्रान्ति भारत में कृषि कार्य में आधुनिक नवीन वैज्ञानिक तकनीक के उपयोग द्वारा कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि करना ही ‘हरित क्रान्ति’ है। 1960 के दशक के अन्त में भारतीय कृषि के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया गया जिसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। इसे हरित क्रान्ति का नाम दिया गया।

हरित क्रान्ति की मुख्य विशेषताएँ – हरित क्रान्ति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(1) भारतीय किसानों को अधिक उपज वाले बीजों (एच.आई.वी.) के द्वारा गेहूँ और चावल की खेती करने के तरीके सिखाए।

(2) रासायनिक खादों व उर्वरकों का प्रयोग करना।

(3) अधिक कृषि-उपज देने वाली फसलों का बोया जाना।

(4) पौध तथा भू-संरक्षण के लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करना।

(5) कृषि सम्बन्धी अनुसंधानों तथा शिक्षा की व्यवस्था करना।

(6) सघन खेती के कार्यक्रम को अपनाना।

हरित क्रान्ति के प्रभाव-

(1) हरित क्रान्ति के फलस्वरूप सिंचाई का क्षेत्र काफी व्यापक हो गया है।

(2) हरित क्रान्ति के फलस्वरूप प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है।

(3) इससे कृषि मात्र जीवन-यापन का साधन न रहकर एक व्यवसाय का रूप धारण कर चुकी है।

(4) इससे खाद्यान्न के उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है और अब गेहूँ के उत्पादन में देश आत्मनिर्भर हो गया है तथा निर्यात करने की स्थिति में आ गया है।

(5) कृषि कार्य में आधुनिक कृषि-यन्त्रों का प्रयोग सम्भव हुआ है।

प्रश्न 4. भारत की भौगोलिक स्थिति का महत्त्व समझाइए।

उत्तर-भारत विषुवत् रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तक तथा 6807′ पूर्वी देशान्तर से 97°25′ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। इस प्रकार सम्पूर्ण भारतवर्ष उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि एशिया महाद्वीप में भारत की स्थिति लगभग केन्द्रीय है। इसके निम्न महत्त्व है-) केन्द्रीय स्थिति के कारण भारत अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्गों का केन्द्र है। (ii) हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित होने के कारण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया महाद्वीपों से जुड़ा है। (iii) भारत के तीन ओर समुद्री तटरेखा होने के कारण प्राकृतिक बन्दरगाहों की सुविधा है। (iv) केन्द्रीय स्थिति के कारण भारत पूर्व से पश्चिम के अन्तर्राष्ट्रीय वायुमार्गों का संगम स्थल है। इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से भारत की भौगोलिक स्थिति अच्छी है।

प्रश्न 5. नदी प्रदूषण से क्या आशय है ? नदियों को प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है ?

उत्तर – नदी प्रदूषण से आशय-नदी जल की घरेलू, औद्योगिक तथा कृषि में बढ़ती माँग के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप नदियों से अधिक जल की निकासी होती है तथा आयतन घटता जाता है। दूसरी ओर उद्योगों का प्रदूषण तथा अपरिष्कृत कचरे नदी में मिलते रहते हैं। यह केवल जल की गुणवत्ता को ही नहीं, बल्कि नदी के स्वतः स्वच्छीकरण की क्षमता को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, दिए गए समुचित जल प्रवाह में गंगा का जल लगभग 20 किमी क्षेत्र में फैले बड़े शहरों की गन्दगी को तनु करके समाहित कर सकता है। लेकिन निरन्तर बढ़ते हुए औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण ऐसा सम्भव नहीं हो पाता तथा अनेक नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।

नदी प्रदूषण कम करने के उपाय

(1) प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सरकार द्वारा कानून बनाये गये हैं।

(2) औद्योगिक कचरे को नदियों में प्रवाहित करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

(3) सीवेज लाइनों के जल को परिष्कृत किया जाए।

(4) सरकार द्वारा समय-समय पर नदियों की सफाई कराई जाए।

(5) लोगों को नदी प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूक किया जाए।

 

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